AP Inter 2nd Year Hindi Model Paper Set 4 with Solutions

Access to a variety of AP Inter 2nd Year Hindi Model Papers Set 4 allows students to familiarize themselves with different question patterns.

AP Inter 2nd Year Hindi Model Paper Set 4 with Solutions

Time : 3 Hours
Max Marks : 100

सूचनाएँ :

  1. सभी प्रश्न अनिवार्य हैं ।
  2. जिस क्रम में प्रश्न दिये गये हैं, उसी क्रम से उत्तर लिखना अनिवार्य है ।

खंड – क ( 60 अंक)

1. निम्नलिखित दोहे की पूर्ति करते हुए भावार्थ सहित विशेषताएँ लिखिए। (1 × 8 = 8)

एक भरोसो ……………………
…………………. चातक तुलसीदास ||
उत्तर:
भावार्थ : तुलसीदास जी कहते हैं कि चातक पक्षी स्वाति नक्षत्र के बादलों पर विश्वास रखता है क्यों कि वही उसका बल है । इसीलिए वह स्वाती नक्षत्र के बादलों की प्रतीक्षा करता है स्वाती नक्षत्र के वर्षा की, बूँदों को ही पीता है । उसी प्रकार तुलसी भी श्रीरामचंद्र पर विश्वास रखते है । वही उनका बल है । वह उनकी प्रतीक्षा में ही रहता है । इसी लिए तुलसी रुपी चातक के लिए राम बादल बन गये |

अथवा

कोऊ कोटिक ………………………
…………………. बिपति बिदारन हार ||
उत्तर:
भावार्थ : कवि बिहारीलाल इस दोहे के माध्यम से कह रहे हैं कि “कोई लाखों करोडों रूपये कमा लेते हैं, कोई लाखों या हजारों रूपये कमा लेते हैं । मेरी दृष्टि में धन का कोई महत्व नहीं है । मेरी दृष्टि में इस संसार की सबसे अनमोल संपत्ति मात्र श्रीकृष्णा ही है जो हमेशा मेरी विपत्तियों को नष्ट कर देते हैं, मुझे सदा सुखी रखते हैं । इसलिए सदा श्रीकृष्ण का नाम स्मरण करना चाहिए ।

2. किसी एक कविता का सारांश बीस पंक्तियों में लिखिए 1 (1 × 6 = 6)

1. ऊर्मिला का विरह गान’ कविता का सारांश लिखिए ।
उत्तर:
कवि परिचय : ‘ऊर्मिला का विरह गान’ नामक कविता के कवि श्री मैथिली शरण गुप्त जी हैं। गुप्त जी आधुनिक खड़ीबोली हिन्दी के प्रथम कवि हैं। खड़ीबोली को काव्य भाषा के रूप में निर्मित करते हुए एक नई दिशा देने वाले गुप्त जी का जन्म 1886 ई को झांसी जिले के चिरगाँव में हुआ । गुप्त जी कवि, गद्य लेखक, चिंतक, विद्वान है । साकेत, यशोधरा, पंचवटी, द्वापर, जयद्रथ वध, नहुष भारत भारती, काबा और कर्बला आदि आपकी प्रसिद्ध रचनाएँ हैं। गुप्त जी का निधन 1964 में हुआ । गुप्त जी को भारत सरकार पद्मभूषण से सम्मानित किया ।

सारांश : प्रस्तुत कविता साकेत नामक महाकाव्य के नवम सर्ग से लिया गया है। रामायण में अधिक उपेक्षित तथा अनदेखा नारी पात्र उर्मिला । इस कविता में विरह विदग्ध उर्मिला की मनोदशा का मार्मिक चित्रण है । लक्ष्मण राम और सीता के साथ वनवास के लिए चल पड़ते हैं । लक्ष्मण की पत्नी उर्मिला पति के आदेश के अनुसार अयोध्या नगरी के राजभवन में ही रह जाती है । उर्मिला लम्बे समय से पति से दूर रह ने कारण पति के वियोग एवं विरह में व्यकुल हो उठती है और अपने आप में ही बातें करने लगती है । अपने सम्मुख पति लक्ष्मण ना होने पर भी लक्ष्मण को सम्बोधितं करती हुई कह रही है ।

हे प्रियतम ! तुम हंस कर मुझे भूल जाओ पर मैं तुम्हें याद कर – करके रोती ही रहूँगी, तुम्हारे हंसने में ही फूलों जैसी सुकुमारता, मधुरता है, पर हमारे रोने में निकलने वाले आँसू मोती बनते जा रहे हैं। मैं सदा यही मानती रही हूँ कि तुम मेरे देवता हो, तुम ही मेरे सब कुछ हो तथा मेरे आराध्य हो । अपने आप को साबित करना अनिवार्य है कि मैं सोती रहती हूँ या जागती रहती हूँ पर तुम्हें ही याद करती रहती हूँ, तुम्हारे ही स्मरण में जी रही हूँ । तुम्हारे हंस ने में फूल है असीम प्यार है और हमारे रोने में मोती है ।

प्रार्थना करती हूँ कि तुम्हारा त्याग सहज हो, सफ़ल हो, मेरा अटूट विश्वास है कि आपके प्रति मेरा अनुराग, प्रेम कभी निष्फल नहीं होगा । बस साधन-भाग स्वयं सिद्धी है । अमृत की तृषा में भूख भी नहीं होती।
काल चक्र भले ही रूक ना जाय, तुम्हारे और मेरे मिलन को भले ही काल चक्र रोक पाये, पर हमारे लिए बस विरह काल है । तुम जहाँ हो वहाँ सृजन, मिलन है, पर यहाँ राजभवन में सुविशाल प्रलय, विनाश सा सूना सूना एकाँत है ।

विशेषताएँ : इतिहास में उपेक्षित उर्मिला नामक नारी पात्र को महत्व देने का प्रयास किया है। गुप्त जी ने उर्मिला के दुख को, उसकी पीड़ा के प्रति अपनी संवेदना, सहानुभुति प्रकट किया है । कविता की भाषा सरल सहज अवं प्रसंगानुकूल शुद्ध खड़ीबोली है | शैलि लालित्य से भरपूर है ।

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2. परशुराम की प्रतीक्षा’ कविता का सारांश लिखिए ।
उत्तर:
कवि परिचय : परशुराम की प्रतीक्षा कविता के कवि श्री रामधारी सिंह दिनकर जी आधुनिक युग के सर्वश्रेष्ठ और वीर रस के कवि के रूप में प्रसिद्ध हैं । आप का जन्म बिहार के मुंगेर जिले के सिमरिया नामक गाँव में सन् 1908 ई. को हुआ । कुरुक्षेत्र, ऊर्वशी, रश्मिरथी, परशुराम की प्रतीक्षा आपके प्रमुख काव्य संग्रह हैं। ज्ञानपीठ पुरस्कार के साथ साथ भारत सरकार द्वारा पद्मभूषण से अलंकृत किया गया । इन का निधन 1974 में हुआ

सारांश : परशुराम की प्रतीक्षा एक खंड काव्य है । भारत चीन युद्धानंतर देश की परिस्थितियाँ बदलगयी । देश में निराशा हताशा कि स्थिति फैली हुई थी, ऐसी स्थिति को दूर करने के लिए परशुराम जैसे वीर के पुनः जन्म की प्रतीक्षा थी इसी प्रतीक्षा को लेकर यह लिखा गया है परशुराम की प्रतीक्षा काव्य के माध्यम से कवि दिनकर जी ने भारतीय संस्कृति के महत्व का परिचय दिया है | भारत की संस्कृति सर्वोन्नत है ही ।

कवि कह रहे हैं हम कैसी बीज बो रह हैं हमे पता ही नहीं, पर यहाँ की धरती दानी है । मनुष्य उसको जब भी जल कण देता उस के दान वृथा नहीं . होने देती, बदले में कुछ न कुछ देती है । यह धरती वज्रों का निर्माण करती है यह देश और कोई नहीं, केवल हम और तुम है। यह देश किसी और के लिए नहीं सिर्फ़ और सिर्फ़ हमारा और तुम्हारा है । भारत में न तो जाति का, न तो गोत्रों का बन्धन है । अनेकता में एकता रखने वाला देश है । इस देश महात्मा गांधी और गौतम बुद्ध जैसे महापुरूषों का जन्म हुआ । इन महा पुरुषों के त्याग की नीव पर इस देश का निर्माण हुआ है, शंकराचार्य का शुद्ध विराग लेकर आते हैं । यह भी सच है कि जब- जब भारत का गौरव खतरे में पड़ता है तब तब यहाँ के लोग उग्र रूप धारण करके आंखों में आग लिए आते हैं पर स्वदेश (भारत) का भाग्य लिए आते हैं । भारत पर चीन के आक्रमण के समय भारत का गौरव घायल हुआ है। इसीलिए भारत के लोग चोट खाये भुजंग की तरह क्रोदित हो कर सुलगी हुई आग बना देते हैं | जब किसी जाति का आत्म सम्मान चोट खाता है, आग प्रचंड हो कर बाहर आती है । यह चोट खाये स्वदेश का बल वही है। ऐसी परिस्थिति में देश के उद्धार के लिए परशुराम जैसे वीर आदर्श पुरुष की प्रतीक्षा करते हैं । परशुराम के आदर्शों के बल पर भारत का भाग्योदय संभव है ।

3. किसी एक पाठ का सारांश 20 पंक्तियों में लिखिए । (1 × 6 = 6)

1. ‘अपना पराया’ पाठ का साराँश लिखिए ।
उत्तर:
कवि परिचय : प्रस्तुत कहानी ‘अपना पराया’ के लेखक श्री जैनेंद्र कुमार जी है । आपका जन्म कौडियागंज, अलीगढ़ में 1905 ई में एक मध्यवर्गीय परिवार में हुआ । गाँधीजी के प्रभाव से असहयोग आंदोलन में भाग लेकर जेल भी गये । आपकी पहली कहानी ‘विशल भारत में प्रकाशित हुई । आपका पहला उपन्यास ‘परख’ है ।

सारांश : जैनेंद्र कुमार जी ने इस कहानी में लंबी अवधी के बाद युद्ध क्षेत्र से घर लौटते एक सिपाही की मनोभावनाओं का सूक्ष्म विश्लेषण प्रस्तुत किया है ।

एक सिपाही लंबी अवधी के बाद युद्ध – क्षेत्र से घर लौटते हुए एक सराय में टहरकर अपने घर-परिवार की कल्पनाएँ करता है । सिपाही सपने में घर की बातें देखने लगा । उसकी पत्नी पाँच साल से विधवा की भाँती रही, प्रेम-संभाषण के लिए अवकाश नही निकाल पाती । बेचारी कितनी कष्ट उठाती थी । किस प्रकार मेरे पीछे दिन काटे ? बे पैसे, बे- आदमी, साढे चार साल का बेटा करनसिंह कैसा है ? जैसे सपने देखता ही था इतने में सिपाही की नींद टूटी। देखा घर की मंजिल अभी दूर है। और बातचीत के लिए सरायवाले को बुलाया और कहा- युद्ध क्षेत्र में हम जितने दुश्मनों को मारते है उतना ही नाम सम्मान और प्रतिष्ठा देते है ।

सिपाही बातें करता रहा, भटियारा सुनता रहा। जब रात हुई सिपाही खा – पीकर सोने लगा । इतने में जोर से एक बच्चे के रोने की आवाज सुनाई पडी । बच्चे को माँ कितनी बार समझाने पर भी रोता ही रहा । आखिर सिपाही को नींद असंभव हो गई । भटियारे को बुलाकर कहा बच्चा और उसकी माँ को यहाँ से कही दूर भेजने का आदेश दिया । बच्चे की माँ के अनुरोध पर भटियार का मन बदलगया । लेकिन सिपाही की खफगी का उसे डर था । बच्चा और प्रबल से रोता रहा ।

यह काम भटियारे से न होगा समझकर इस बार स्वयं सिपाही ही उस स्त्री की कोठरी के पास जाकर कहा – “देखो, तुमको इसी वक्त बच्चे को लेकर चले जाना होगा। बच्चा रोता रहा स्त्री चुपचाप उठी, बच्चे को उठाकर मैं चली जाती हूँ | बच्चे को जहाँ चाहे फेंक दो ।” कहती हुई चलने लगी। सिपाही कहता है- ” ठहरो ठहरों कहाँ जाती हों । स्त्री ने उत्तर दिया – “मुझे जहाँ मौत मिले वहाँ जाती हूँ ।”

सिपाही के पैरों में डालकर जब सिपाही के मन में एकदम परिवर्तन आजाता है और कहता है. पाँच कौन हो, कहाँ से आ रही हो, किधर जाती हो’ स्त्री ने कहा तुम बरस से बच्चे के बाप की तलाश में धूमती हूँ। वह लडाई पर गया । पता नही जिंदा है या मर गया । शायद लौटते हुए रास्ते में मिल जाय । मैं उसी के पास इस बदनसीब बच्चे को ले जा रही हूँ ।”
सिपाही की आँखो में आँसू आगये । तब सिपाही को पता चला कि वह बच्चा अपना ही है और वह स्त्री अपनी पत्नी । बच्चे को पैरो पर से उठाया, प्यार किया और वह अत्यंत ममत्वपूर्ण हो उठता है ।

विशेषताएँ : सैनिक के मनोभावनाओं का सूक्ष्म विश्लेषण प्रस्तुत किया गया । यह एक मौलिक चिंतन है जो देश के लिए अपने परिवार को छोडकर सुदूर सीमा पर रहनेवाले सिपाही की है । मनोवैज्ञानिक विश्लेषण जैनेंद्र कुमारजी की कहानियों की विशेषता है ।

2. ‘आलस्य और दृढ़ता पाठ का सारांश लिखिए ।
उत्तर:
लेखक-परिचय : प्रस्तुत पाठ ‘आलस्य और दृढ़ता’ के लेखक बाबू श्यामसुंदर दास हैं । आप हिन्दी के जाने-माने विद्वान और आलोचक हैं । आप बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय में हिन्दी विभाग के प्रथम अध्यक्ष थे । काशी नागरी प्रचारिणी सभा के संस्थापकों में आप भी एक थे । आपने विश्वविद्यालयों में हिन्दी को एक पाठ्य विषय के रूप में स्थान दिलाया । प्रस्तुत लेख में आप युवापीढ़ी को आलस्य छोड़ने का संदेश देते हैं ।

सारांश : प्रस्तुत पाठ एक प्रबोधात्मक लेख है । लेखक ने इस लेख के द्वारा जीवन में आलस्य को छोड़ने तथा दृढ़ता को अपनाने का संदेश दिया है । उनके अनुसार आज की युवापीढ़ी के लिए इससे अच्छा संदेश दूसरा नहीं होगा कि ‘कभी आलस्य न करें।’ आलस्य का अर्थ है सुस्ती । लेखक सुझाव देते हैं कि चाहे जितना भी कम समय के लिए हो, एक काम को रोज नियमित रूप से करना चाहिए । इस प्रकार किसी काम को रोज नियमित ढंग से करने से एक वर्ष के बाद हम उस काम में माहिर बन जायेंगे। इस नियम के द्वारा हमारे सामने चाहे जितना भी बड़ा लक्ष्य हो, उसे आसानी से पूरा किया जा सकता है। बीज तो देखने में छोटा ही है किन्तु उसीमें एक बड़ा वृक्ष छिपा रहता है ।

लेखक कहते हैं – ” जल्दबाजी और अस्थिरता जीवन में आलस्य की तरह बुरे गुण हैं । आलसी आदमी व्यर्थ ही मुश्किलों का आह्वान करता है । जिन्दगी में वही सफल मनुष्य कहलायेगा जो व्यर्थ प्रलापों में समय नष्ट नहीं करता और हर समय काम में लगा रहता । जो समय नष्ट करता है वह अपने घर को चोरों के लिए छोड़ रखे मकान मालिक जैसा ही मूर्ख है ! एक काम के पूरा होने के बाद ही दूसरे काम में लगना श्रेष्ठता की पहचान है । परिश्रम के बिना संसार में कोई काम नहीं बन सकता । यह संसार मेहनती लोगों के लिए है । इसलिए सबको परिश्रम का मूल्य जानना होगा । दृढ़ता के साथ किसी काम में लगे रहनेवाला मनुष्य ही आगे चलकर गौरव पा सकता है । आलस्य को छोड़ने से मन की दृढ़ता अपने आप आ जाती है ।

दृढ़ता से परिपूर्ण व्यक्ति भविष्य में आनेवाली विघ्न-बाधाओं के बारे में नहीं सोचता । वह पक्के मन से कार्यक्षेत्र में उतरता है। ऐसे दृढ़वान मनुष्य की लगन के सामने चाहे कितना भी बड़ा संकट हो, टिक नहीं सकता । सामने की कठिनाई को देखकर हमें साहस छोड़ना नहीं चाहिए । दृढ़ता से एक-एक कदम आगे बढ़ायेंगे तो चाहे पहाड़ जितना भी बड़ा हो, आसानी से उसकी चढ़ाई की जा सकती है। विशेषकर, किसी कार्य के आरंभ होने से पहले उस कार्य की विघ्न-बाधाओं को देखकर डरना नहीं चाहिए । क्योंकि आरंभ में सभी कार्य कठिन होते हैं । वह आदमी जिन्दगी में कुछ भी नहीं कर सकता जो यह सोचकर पासा पटक देता है कि पहली बार ही उसे खेल में जीत नहीं मिली । परिश्रम और सबर जिन्दगी के खेल में बहुत महत्वपूर्ण हैं ।”

विशेषताएँ : इस लेख के द्वारा रचइता ने जीवन के कई मूल्यों को बहुत प्रभावशाली ढंग से सिखाया । लेख में अंग्रेजी साहित्य से भी कई उदाहरण दिये गये । इससे लेखक के गहन अध्ययन का पता चलता है । यह पाठ युवाओं के लिए अत्यंत मूल्यवान है । भाषा सरल व गंभीर है और शैली प्रवाहमान है ।

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4. किसी एक एकांकी का सारांश लिखिए । (1 × 6 = 6)

1. ‘सर्प दंश एकांकी का सारांश लिखिए ।
उत्तर:
रीता नामक बाईस साल की एक लडकी सुबह के नौ बजे को पूजा के लिए फूल तोडते समय, बगीचे मे उसे साँप काटता है । घास के ज्यादा उगने के कारण रीता साँप को ठीक से देख नही पाती है । लेकिन अपने पैर को ध्यान पूर्वक जब देखती है तो उसे दो गोल गोल बारीक निशान दिखाई देते है जिनमें खून भी छलक आया था | वह तुरंत अस्पताल पहुँचती है। वहाँ क्यू में खड़े रहने की नौबत आ पडती है । सर्प दंश एक गंभीर समस्या है लेकिन रीता को क्यु में खडें होने के लिए मजबूर करते है । परचा बनाते समय कर्मचारी शर्मा तथा हरीलाल रीता को सताते है । हरीलाल, रीता से कहता है – लाइन में खडे खड़े मरने का आर्डर नही है, यहाँ से परचा बनवाकर वार्ड में पहुँच जाओ, जब जी चाहा जियो या जी चाहा मरो !

इतने में एक नीली साडी वाली औरत सबसे आगे जाकर परचा बनवा लेती है । रीता के पूछने पर हीरालाल जवाब देता है कि वह डाक्टर की रिश्तेदार है और इसलिए उसको क्यू में खडे होने की जरूरत नही है । रीता खडी नही हो पाती है । इसलिए हीरालाल के स्टूल पर बैठ जाती है । परचा बनवाने की जब उसकी बारी आती है तब उसको शर्मा से भिडना पडता है । शर्मा रीता से पूछने लगता है कि किस जाति का सांप ने उसको काटा ? रीता जब कहने लगती है कि उसने सांप को ध्यान से नही देखा, शर्मा चिढकर कहने लगता है कि मैं आपकी भलाई के लिए पूछ रहा हूँ हर जाति के सांप के काटे का प्रति विष अलग होता है । नाग के काटने पर करैत के काटे का इलाज होता है तो मरीज उल्टे इलाज से मरजाता है तो जिम्मेदारी किसकी बनेगी। रीता से पुन: विचार कर परचे पर सर्प दंश लिखकर भेजता है ।

रीता जब डां. बहादुर से मिलने जाती है तब उनके दरवाजे पर कर्मचारी रीता को रोकता है। रीता उसके हाथ में दस रुपये थमा देती है, रीता को तब कर्मचारी अंदर भेजता है । डॉ. बहादुर भी रीता से पूछने लगता है कि सांप किस जाति का था वह विषैल साँप या कि साधारण ? उसका रूप, धारियाँ रंग कैसा नहीं था ? ऊँबकर रीता डाक्टर से करने लगते है कि उसने ध्यान नही दिया था कई सवाल जवाब के बाद बहादुर उसे एमर्जेन्सी में जाकर दवा के साथ पट्टी लगवाने की सलाह देता है ।

इतने में कर्मचारी से पता चलता है कि एमर्जेन्सी में एक पूरे बसके के घायलो के इलाज के लिए लाया है । वह रीता को अब्जर्वेशन के लिए अस्पताल में भर्ती होने का सलाह देता है। रीता भर्ती होने के लिए सोचती
ही रहती हैं कि इतने में हीरालाल उसके सामने आता है। रीता के यह कहने पर कि उसके माता पिता बाहर गये, तब हीरालाल यह कहकर रीता को शांत करता है कि वह स्वयं रीता के घर जाकर अगले दिन सुबह उसके माता – पिताजी को रीता का समाचार दे आयेगा । तब रीता उसके हाथ में दस रुपये रख देती है । हीरालाल खुश होकर रीता का खयाल रखने लगता है ।

रीता को दवाई लेने का समय होता है । वह सिस्टर से पानी माँगती. है । सिस्टर चिढ़ – चिढ़कर बोलने लगती है कि घर से पानी आने तक थोडा इंतजार कर लीजिए ? इतने में हीरालाल सिस्टर के सामने आता है । हीरालाल से रीटा का जब समाचार मिलता है तब सस्टिर उससे कहने लगती है कि बेड नं तेरह रीता की मैं भी ख्याल रखूँगी ।

भोर होता है और रीता अस्पताल के बाहर निकलती है । हीरालाल जब सामने आता है तो उससे रीता कहती है कि मेरी जान बची है, अगर कोई सांप काटे का मरीज अस्पताल में इलाज के लिए आता है . तब हीरालाल उसे बोलने से रोकता है और कहता है कि उसे सीधे डाक्टर के पास भेजूँगा, लाइन में लगने केलिए हरगिज नही कहूँगा । धीरे धीरे परदा गिरता हैं और एकांकी समाप्त हो जाती है ।
विशेषताएँ : एक सरकारी अस्पताल की कार्य – प्रणाली एवं उसके कर्मचारियों तथा डाक्टरों की मानशिकता को व्यंग्यात्मक ढंग इस एकांकी में प्रस्तुत किया गया ।

2. ‘रीढ़ की हड्डी’ एकांकी का सारांश लिखिए ।
उत्तर:
लेखक का परिचय : जगदीशचन्द्र माथुर हिन्दी साहित्य के जाने- माने नाटककार और एकांकीकार हैं । आपका साहित्य सृजन भारतीय समाज को आधार बनाकर हुआ । आपने समाज की विविध विसंगतियों और समस्याओं को उजागर किया और विशेषकर नारी की समस्याओं का चित्रण उनके साहित्य में प्रचुर मात्रा में पाया जाता है । ‘भोर का तारा’, ‘ओ मेरे सपने’, ‘शारदीय’, ‘पहला राज’ आदि आपकी कृतियाँ हैं ।

सारांश : प्रस्तुत पाठ ‘रीढ़ की हड्डी’ एक सामाजिक एकांकी है । इसमें भारतीय समाज में व्याप्त नारी विरोधी विचारधारा का चित्रण किया गया है । एकांकी के मुख्य पात्र उमा, उसके पिता रामस्वरूप, लड़का शंकर और उसके पिता गोपालप्रसाद हैं । प्रेमा और रतन एकांकी के गौण पात्र हैं ।

उमा एक पढ़ी लिखी युवती है । वह मेहनत करके बी.ए. पास करती है और आत्मनिर्भर होना चाहती है । प्रेमा और रामस्वरूप उसके माता-पिता हैं । एक औसत मध्यवर्गीय पिता होने के कारण रामस्वरूप यथाशीघ्र अपनी बेटी का विवाह कर देना चाहता है। जल्दी में वह शंकर नामक युवक से उमा का विवाह तय करता है । शंकर मेडिकल कॉलेज का छात्र है और उसके पिता गोपालप्रसाद वकील है । लेकिन वे नहीं चाहते कि लड़की ज्यादा पढ़ी – लिखी हो । इसलिए रामस्वरूप उनसे झूठ बोलता है कि उसकी बेटी सिर्फ मेट्रिक पास है । दोनों को लड़की देखने घर आमंत्रित करता है । उस दिन वह बहुत घबराहट के साथ सारी तैयारियाँ करवाता है । पत्नी प्रेमा और नौकर रतन को कई काम सौंपता है । प्रेमा कहती है कि यह विवाह उमा को मंजूर नहीं है । किन्तु रामस्वरूप नहीं मानता। वह पत्नी को डाँटता है कि कुछ न कुछ करके लड़की को तैयार रखे। उसे डर है कि कहीं यह रिश्ता हाथ से न जाये ।

निश्चित समय पर शंकर अपने पिता के साथ लड़की को देखने आता है । शंकर एक उच्च शिक्षा प्राप्त युवक है किन्तु उसका अपना कोई व्यक्तित्व नहीं है । वह अपने पिता की बात पर चलनेवाला युवक है। पिता गोपालप्रसाद तो वकील है किन्तु उसके विचार पुराने हैं। वह चाहता है कि घर की बहू ज्यादा पढ़ी-लिखी न हो। इसलिए वह रामस्वरूप की बात मानकर, लड़की देखने आता है । पिता-पुत्र की बातों से उनका स्वार्थ और चतुराई स्पष्ट होती है | गोपालप्रसाद का विचार है कि लड़की और लड़के में बहुत अंतर होता है, इसलिए कुछ बातें लड़कियों को सीखनी नहीं चाहिए | उनमें शिक्षा भी एक है। वह कहता है कि मात्र लड़के ही पढ़ाई के लायक हैं, लड़कियों का काम बस घर को संभालना है ।

रामस्वरूप अपनी बेटी को दोनों के सामने पेश करता है और उमा सितार पर मीरा का भजन गाती है। गोपालप्रसाद उससे कुछ प्रश्न करता है तो वह कुछ जवाब नहीं देती । उमा से जब बोलने को बार-बार कहा जाता है तो वह अपना मुँह खोलती है। वह कहती है कि बाजार में कुर्सी – मेज वगैरा खरीदते समय उनसे बात नहीं की जाती । दूकानदार बस उनको खरीददार के सामने लाकर दिखाता है, पसंद आया तो लोग खरीदते हैं । उसकी बातें सुनकर गोपालप्रसाद हैरान हो जाता है ।

उमा तेज आवाज में कहती है कि लड़कियों के भी दिल होते हैं और उनका अपना व्यक्तित्व होता है । वे बाजार में देखकर खरीदने के लिए भेड़-बकरियाँ नहीं हैं । वह शंकर की पोल भी खोल देती है कि वह एक बार लड़कियों के हॉस्टल में घुसकर पकड़ा गया और नौकरानी के पैरों पर गिरकर माफी माँगी । इस बात से शंकर भी हैरान चलने लगता है और गोपालप्रसाद को मालूम हो जाता है कि वह पढ़ी-लिखी है । उमा हिम्मत से कहती है कि उसने बी. ए. पास की है । यह सुनकर गोपालप्रसाद रामस्वरूप पर नाराज हो जाता है और दोनों चलने लगते हैं । उमा गोपालप्रसाद को सलाह देती है कि ‘ज़रा पता लगाये कि बेटे के रीढ़ की हड्डी भी है या नहीं ।’ यही पर एकांकी समाप्त होता है ।

विशेषताएँ: प्रस्तुत एकांकी का उद्देश्य भारतीय समाज की विविध समस्याओं को उजागर करना है। लड़कियों को लड़कों के बराबर न देखना, जल्दबाजी करके किसी अयोग्य के गले लड़की मढ़ देना, दहेज न दे पाने के कारण लड़की के पिता की लाचारी, लड़कियों को प्राणहीन वस्तु की तरह देखने की मानसिकता, उच्चशिक्षा प्राप्त युवकों में व्यक्तित्व का अभाव इत्यादि कई समस्याएँ इस एकांकी में चित्रित हैं । लेखक बताते हैं कि इनमें कई समस्याओं का एकमात्र समाधान ‘लड़की – शिक्षा’ है । उन्होंने उमा के पात्र से दिखाया कि पढ़ी-लिखी युवतियाँ कितनी ताकतवर होती हैं । रीढ़ की हड्डी व्यक्तित्व का प्रतीक है किन्तु शंकर का अपना व्यक्तित्व नहीं है । इसलिए एकांकी का शीर्षक ‘रीढ़ की हड्डी’ रखा गया । भाषा बहुत सरल और शैली प्रवाहमान है ।

AP Inter 2nd Year Hindi Model Paper Set 4 with Solutions

5. निम्नलिखित में से किन्हीं दो पद्यांशों की संदर्भ सहित व्याख्या कीजिए । (2 × 4 = 8)

1. अराति सैन्य सिंधु में सुवाडवाग्निसे जलो !
प्रवीर हो जयी बनी – बढ़े चलो, बढ़े चलो ।
उत्तर:
कवि परिचय : ‘हिमाद्री से कविता के कवि जयशंकर प्रसाद जी हैं । प्रसाद जी छायावादी कविता के प्रकाश स्थंभ हैं । इनका जन्म सन् 1881 को काशी में हुआ । आप कहानीकार, उपन्यासकार, नाटककार के रूप में सुप्रसिद्ध हैं । आपकी रचनाएँ हैं कानन कुसुम, प्रेम पथिक, करुणालय, झरना आँसू लहर, कामायनी (महाकाव्य), कंकाल, तितली, इरावती, स्कंदगुप्त, चंद्रगुप्त आदि । इनकी भाषा- शैली स्वाभाविक एवं संवेदनशील है । इनका निधन 1937 ई. में हुआ

संदर्भ : कवि अलका के माध्यम से भारत वासियों को उत्तेजित करते हुए देशभक्ति की मशाल जला रहे हैं ।

व्याख्या : भारत देश के गौरव चिह्न हिमालयों के द्वारा माता भारती अपने सुपुत्रों को बुला रही है । स्वाधीनता के संघर्ष में भाग लेने को प्रेरित कर रही है । शत्रुओं की सेना समुद्र जैसी अनन्त है । उस को हराना हँसी • खेल नहीं है । फिर भी देश स्वतंत्रता के लिए सैनिकों को आगे बढना ही होगा । ‘बाडव’ नामक अग्नि बन कर उस समुंदर को जलाना ही होगा । अर्थात दुश्मनों का अंत करके विजय पाना ही होगा । आप कुशल वीर हैं अवश्य विजयी होंगे ।

विशेषताएँ : यह गीत अलका के देशप्रेम, लगन और उत्साह को प्रदर्शित करता है । प्रसाद जी अपने समय में देश की स्थिति से प्रभावित हो कर अलका के मुह से यह गीत गवाया है । यह गीत देशाभिमान, जागृति और नवीनता से ओतप्रेत है ।

2. सफल हो सहज हो तुम्हारा त्याग,
नहीं निष्फल मेरा अनुराग,
सिद्धि है स्वयं साधन – भाग,
सुधा क्या, क्षुधा न जो होती ।
उत्तर:
कवि परिचय : प्रस्तुत पंक्तियाँ ‘ऊर्मिला का विरह गान’ नामक कविता से दी गयी है । इस के कवि श्री मैथिली शरण गुप्त जी हैं। गुप्त जी आधुनिक खड़ीबोली हिन्दी के प्रथम कवि हैं। खड़ीबोली को काव्य भाषा के रूप में निर्मित करते हुए एक नई दिशा देने वाले गुप्त जी का जन्म 1886 ई झांसी जिले के चिरगाँव में हुआ | गुप्त जी कवि, गद्य लेखक, तिंतक, विद्वान है साकेत, यशोधरा, पंचवटी, द्वापर, जयद्रथ वध, नहुष, भारत भारती, काबा और कर्बला आदि आपकी प्रसिद्ध रचनाएँ हैं । गुप्त जी का निधन 1964 में हुआ । गुप्त जी को भारत सरकार ने पद्मभूषण से सम्मानित किया ।

संदर्भ : ये पंक्तियाँ उर्मिला वनवास को गये लक्ष्मण को याद करती हुई दुःख भाव से कहती हैं ।

व्याख्या : हे प्रियतम ! मुझे आयोध्या के राजभवन में छोड़ कर तुम राज्य के सुख – भोगों को त्याग कर श्रीराम, सीतादेवी के साथ वनवास को चले गये | तुम्हारा त्याग सहज तथा सरल, सफल होने की कामना करती हूँ । और आपके प्रति मेरा अनुराग कभी भी निष्फल नहीं जायेगा । आपको स्वयं सिद्धि भाग कर आपके पास पहुंचेगी। अमृत की तृषा में भूख भी नहीं होती। विशेषताएँ : अपने पती के वियोग, विरह में विदग्ध उर्मिला का वर्णन है । वियोग श्रृंगार का सफ़ल प्रस्तुतीकरण है । भाषा शुद्ध खड़ीबोली है।

3. नन्हीं चींटी जब दाना लेकर चलती है,
चढ़ती दीवारों पर, सौ बार फिसलती है ।
मन का विश्वास रगों में साहस भरता है,
चढ़कर गिरना, गिरकर चढ़ना न अखरता है ।
आखिर उसकी मेहनत बेकार नहीं होती ।
उत्तर:
कवि-परिचय : प्रस्तुत कविता ‘कोशिश करनेवालों की कभी हार नहीं होती’ के कवि हरिवंशराय बच्चन जी हैं । आप हिन्दी साहित्य में हालावाद के प्रवर्तक माने जाते हैं । ‘मधुशाला’, ‘मधुकलश’ आपके बहुचर्चित काव्य हैं ।

संदर्भ : प्रस्तुत कविता में मनुष्य को निरंतर प्रयत्नशील बनकर रहने का संदेश दिया गया है ।

व्याख्या : प्रस्तुत पंक्तियों में कवि कहते है कि जब नन्हीं चींटी दाना लेकर दीवारों पर चढ़ती है, कई बार फिसलकर नीचे गिर जाती है । फिर भी वह अपनी लगन नहीं छोड़ती और मंजिल पहुँचने तक उसका प्रस्थान नहीं रुकता । चींटी की कोशिश कभी व्यर्थ नहीं जाती । जिनके मन का विश्वास, रगों में साहस को भरता है – वे चढ़ने और गिरने में संकोच नहीं करते । कोशिश करनेवालों की हार कभी नहीं होती |

विशेषता: प्रस्तुत कविता का संदेश स्पर्धा से युक्त आधुनिक युग में अत्यंत महत्त्वपूर्ण है । कवि चींटी जैसे छोटे और सरल उदाहरण से गंभीर विषय को समझाते हैं | कविता उपदेशात्मक एवं प्रभावशाली है । भाषा बहुत सरल है ।

AP Inter 2nd Year Hindi Model Paper Set 4 with Solutions

4. जब किसी जाति का अहं चोट खाता है,
पावक प्रचंड होकर बाहर आता है ।
उत्तर:
कविपरिचय : परशुराम की प्रतीक्षा कविता के कवि श्री रामधारी सिंह दिनकर जी आधुनिक युग के सर्वश्रेष्ठ और वीर रस के कवि के रूप में प्रसिद्ध हैं । आप का जन्म बिहार के मुंगेर जिले के सिमरिया नामक गाँव में सन् 1908 ई. को हुआ । कुरुक्षेत्र, ऊर्वशी, रश्मिरथी, परशुराम की प्रतीक्षा आपके प्रमुख काव्य संग्रह हैं । ज्ञानपीठ पुरस्कार के साथ साथ भारतं सरकार द्वारा पद्मभूषण से अलंकृत किया गया । इन का निधन 1974 में हुआ !

संदर्भ : कवि दिनकर जी इन पंन्तियों के माध्यम से भारत की गरिमा का गान गा रहे हैं ।

व्याख्या : यह भी सच है कि जब जब भारत का गौरव रे में पड़ता है तब तब यहाँ के लोग उग्र रूप धारण करके आंखों में अग लिए आते हैं पर स्वदेश (भारत) का भागय लिए आते है । भारत पर चीन के आक्रमण के समय भारत का गौरव घायल हुआ है । इसीलिए भारत के लोग चोट खाये भुजंग की तरह क्रोधित हो कर सुलगी हुई आग बना देते हैं । जब किसी जाति का आत्म सम्मान चोट खाता हैं, आग प्रचंड हो कर बाहर आती है ।

विशेषताएँ: देश के प्रति प्रेम और भक्तिभावनाओं को जगानेवाली कविता है | कविता की भाषा सरल तथा विषयानुकूल है । शैली सहज तथा प्रवाहमान है ।

6. निम्नलिखित में से किन्हीं दो गद्यांशों की संदर्भ सहित व्याख्या कीजिए। (2 × 4 = 8)

1. यह बेमतलब का क्रंदन, बेराग, बेस्वर, सन्नाटे को चीरकर आता हुआ उसके कानों में बहुत अप्रिय लगा ।
उत्तर:
कविपरिचय : प्रस्तुत पंक्तियाँ ” अपना पराया’ नामक कहानी से दी गई है । कहानी के लेखक श्री जैनेंद्र कुमार जी है । ‘आप हिन्दी कहानी क्षेत्र में मनोविश्लेषण वादी रचनाकार के रूप में सुपरिचित हैं । आपका जन्म 1905 ई-अलीगढ़ के कौडियागंज में हुआ । गांधी जी के प्रभाव से असहयोग आन्दोलन में भागलेने के कारण जेल भी गये ! जेल के वातावरण से ही कहानियाँ लिखने की प्रेरणा मिली! आपने भाषा की सहजता शिल्पगत सूक्ष्मता पर अधिक बलदिया है ।

संदर्भ : लंब समय के बाद परिवार से निकले सिपाही को एक बच्चे के रोने की आवाज आती है और सिपाही की प्रतिक्रिया ।

व्याख्या : एक सिपाही युद्ध क्षेत्र से लंबी के बाद घर लौटने समय सड़क के किनारे एक सराय में टहरता है। परिवार के बारे में ख्वाब देखता है, रात का भोजन करके गाढी नींद में सो जाता है । पास की कोठरी से बच्चे की रोने की आवाज लगातार आती है । उस बच्चे को माँ मनाती है, पर रोग नहीं बन्द होता । पत्नी से मिलने के सुखद स्वप्न देखने वाले सिपाही को यह सेना अप्रिय लगता है । भटियारे को बुलाकर आदेश देता है कि इस शोर को बन्द कराओ ताकि नींद ठीक से लगे ।

विशेषता : लंबे के समय मे बाद परिवार से मिलने को आश, उमंगों वालेही की मनोदशा का सजीव चित्रण है ।

2. एक आलसी मनुष्य उस घरवाले के समान है जो अपना घर चोरों के लिए खुला छोड़ देता है ।
उत्तर:
कवि परिचय : प्रस्तुत गद्यांश ‘आलस्य और दृढ़ता’ नामक लेख से दिया गया है | इसके लेखक बाबू श्यामसुंदर दास हैं । आप हिन्दी के जाने- माने विद्वान और आलोचक हैं। आप बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय में हिन्दीविभाग के प्रथम अध्यक्ष थे । काशी नागरी प्रचारिणी सभा के संस्थापकों में आप भी – एक थे । आपने विश्वविद्यालय स्तर पर हिन्दी को एक पाठ्य विषय के रूप में स्थान दिलाया । प्रस्तुत लेख में आप युवापीढ़ी को आलस्य छोड़ने का संदेश देते हैं ।

संदर्भ : सुस्ती या आलसीपन के कारण गंभीर मुश्किलों का सामना करना पड़ता है । आलसी आदमी उस मकान मालिक के समान है जो अपने घर को चोरों के लिए खुला छोड़कर तमाशा देखता है । क्योंकि आलसीपन अनेक समस्याओं को आश्रय देता है जो संपूर्ण जीवन का नाश कर देती हैं । अतः जीवन में कभी आलसी बनना नहीं चाहिए ।

विशेषता: यहाँ रचइता घर से एक व्यक्ति के जीवन की तुलना करते हैं । आलस्य के कारण हमारा जीवन अनेक समस्याओं का निलय होकर खाली हो जायेगा ।

3. कई वर्ष पूर्व मैंने निश्चय किया कि अब हिरन नहीं पालूँगी, परंतु आज उस नियम को भंग किए बिना इस कोमल प्राण जीव की रक्षा संभव है ।
उत्तर:
कवि परिचय : ये पंक्तियाँ सोना हिरनी नामक रेखाचित्र से दिगयी है । इस की लेखिका महादेवी वर्मा जी का जन्म उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद में हुआ है । हिन्दी साहित्य में छायावाद की प्रमुख लेखिका के साथ साथ संस्मरण तथा रेखाचित्र लेखिका के रूप में सुपरिचित है । आप की प्रमुख रचनाएँ है – नीहार, नीरजा, संध्यगीत, दीप शिखा, अतीत के चलचित्र, क्षणदा, श्रृंखला की कडियाँ, स्मृति की रेखाएँ, मेरा परिवार आदि । इन को ‘यामा’ पर ज्ञानपीठ पुरस्कार मिला है ।

संदर्भ : स्वर्गीय धीरेंद्रनाथ वसु पौत्री सस्मिता का पत्र पढते अपनी पुरानी यादों को सहारे कह रही है।

व्याख्या : लेखिका के परिचित स्वर्गीय धीरेंद्रनाथ वसु पौत्री सस्मिता ने पत्र लेखिका को लिखा है – उनके पडोसी से एक हिरन मिला था । जो उन्हें उसे पालने के लिए दिया था। कुछ ही महीनों में उस हिरन के साथ बहुत स्नेह हो गया था । वह अब बडी हो जाने के कारण अधिक विस्तृत स्थान चाहिए. स्थलविस्तृति के अभाव के कारण विश्वास के साथ लेखिका के यहाँ पालने देना चाहती है | पत्र पड़ते पड़ते लेखिका को अचानक ‘सोना’ (हिरन) की यादें ताजा हो जाती है । लेकिन कई वर्षो पूर्व लेखिका ने निश्वय किया कि अब हिरन नहीं पालेंगी। परंतु उस नियम को भंग किए बिना इस कोमल जीवी की रक्षा संभव नहीं है ।

विशेषताएँ : इस रेखाचित्र में सोना हिरनी के प्रति लेखिका का स्नेह संपूर्ण आत्मीयता और अंतरंग भाव साकार हुआ है। महादेवी वर्मा अपनी गद्य भाषा के कवित्वपूर्ण विन्यास द्वारा सोना हिरनी के सौन्दर्य का अनुपम चित्रण किया है जो मानवीय संवेदना की गत्वर दीप्ती को जागृत करती है ।

AP Inter 2nd Year Hindi Model Paper Set 4 with Solutions

4. आप अगर बुरा न मानें तो मैं आपको हिस्से में से दस ऊँट ले लूँ | आप तो जानते ही हैं कि मेरे जैसे सांसारिक लोगों के लिए धन का ही महत्व होता है ।
उत्तर:
संदर्भ : यह वाक्य अंधे बाबा अब्दुल्ला नामक पाठ से लिया गया है | यह कहानी ‘अलिफ लैला की कहानियाँ’ में से संकलित है। इस कहानी का मुख्य पात्र अब्दुल्ला है ।

व्याख्या : ये वाक्य अब्दुल्ला फकीर से कह रहा है । अब्दुल्ला और फकीर असंख्याक द्रव्य से भरे गुफा से 80 ऊँट पर रत्न अषर्फियाँ लाद कर, वादे के अनुसार दोनो बाँट लिए । फकीर अपने शर्त का हिस्सा और मरहम ले जा रहा था इतने में अब्दुल्ला को दिल में लोभ का शैतान फैल गया । और अपने सारे ऊँटो को वापस लेलिया ।

विशेषता: इन वाक्यों से अब्दुल्ला की अत्याशा के बारे में बता रहे है।

7. निम्नलिखित में से किन्हीं दो लघु प्रश्नों के उत्तर लिखिए । (2 × 2 = 4)

1. कौन – सा व्यक्ति संसार में गौरव पा सकता है ?
उत्तर:
वही व्यक्ति संसार में गौरव पा सकता है जो किसी काम में दृढ़ता के साथ लगे रहता है । वह आलस्य से मुक्त रहता है और सारे काम सफलता पूर्वक कर सकता है । अतः दृढ़तापूर्ण व्यक्ति ही संसार में गौरव पाने का योग्य है ।

2. सोना कहाँ आ पड़ी है ?
उत्तर:
बेचारी ‘सोना’ भी मनुष्य की निष्टुर मनोरंजन प्रियता के कारण अपने अरण्य परिवेश और स्वजाति से दूर मानव समाज में आ पडी है ।

3. फकीर ने कितने ऊँट लेने का शर्त रखा ?
उत्तर:
फकीर ने चालीस ऊँट लेने की शर्त रखा ।

4. मैनेजर पर कौन आकर पिटाई करते हैं ?
उत्तर:
डाकू कुँवर |

8. निम्नलिखित में से किन्हीं दो लघु प्रश्नों के उत्तर लिखिए । (2 × 2 = 4)

1. जल में छिपा बैठा दुर्योधन को युधिष्ठिर ने कैसे पुकारा ?
उत्तर:
जल में छिपे दुर्योधन को युधिष्ठिर, ओ पापी, अरे ओ कपटी, दुरात्मा दुर्योधन कहकर पुकारता है । स्त्रियों की भाँति जल में छिपना नही. बाहर निकलकर आने के लिए युधिष्ठिर कहता है ।

2. शर्मा के अनुसार डॉक्टर साहब क्या जानना चाहेंगे ।
उत्तर:
शर्मा के अनुसार डाक्टर साहब यह जानना चाहेंगे कि – मरीजो की भलाई के लिए सारी खास खास बातें परचे में लिख देना चाहते है • जिससे डाक्टर साहब एक नजर डालते ही सारा केस समझ जायें और तुरंत इलाज हो जाय ।

3. ‘रीढ़ की हड्डी’ एकांकी में उमा के विचारों पर प्रकाश डालिए ।
उत्तर:
‘रीढ़ की हड्डी’ एकांकी में उमा नायिका है । वह उच्चशिक्षा प्राप्त युवती है । उसका अपना व्यक्तित्व है । वह लड़की देखने की प्रथा के नाम पर होनेवाले अपमान का सहन नहीं करती । उमा के अनुसार लड़कियों का भी दिल होता है और उसे ठेस पहुँचती है। ऐन मौके पर वह अपना मुँह खोलती है और लड़केवालों का मुँहतोड़ जवाब देती है ।

4. डॉ. बहादूर के अनुसार सही निदान और सही इलाज के लिए क्या जानना जरूरी है ?
उत्तर:
डॉ. बहादुर के अनुसार सही निदान और सही इलाज के लिए जानना जरूरी है कि एक तो वह सांप था या नही, दूसरा अगर सांप था तो जहरीला था या नही, तीसरे अगर जहरीला था तो किस जाति का सांप था ।

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9. निम्नलिखित प्रश्नों का वाक्य में उत्तर लिखिए । (5 × 1 = 5)

1.रामचरितमानस की भाषा क्या थी ?
उत्तर:
रामचरितमानस का भाषा अवधी थी ।

2. नायिका के अंग किसकी भाँति चमक रहे हैं ?
उत्तर:
रत्न ।

3. इस गीत को किसने गाया ?
उत्तर:
अलका

4. हरिवंशराय बच्चन जी किसे एक चुनौती मानने के लिए कहते हैं ?
उत्तर:
हरिवंशराय बच्चन जी असफलता को एक चुनौती मानने के लिए कहते हैं |

5. भारत – भर का मित्र कौन है ?
उत्तर:
परशुराम ।

10. निम्नलिखित प्रश्नों का एक वाक्य में उत्तर लिखिए । (5 × 1 = 5)

1. सिपाही के बेटे का नाम क्या है ?
उत्तर:
सिपाही के बेटे का नाम ‘करनसिंह’ हैं

2. लोगों को किस बात का ध्यान बचपन से ही रखना चाहिए ?
उत्तर:
लोगों को इस बात का ध्यान बचपन से ही रखना चाहिए कि समय व्यर्थ न जाये ।

3. पशु जगत में निरीह और सुंदर पशु कौन है ?
उत्तर:
हिरन |

4. डाकू ने बल्लम कहाँ रखा ?
उत्तर:
‘मैनेजर के सर पर ।

5. देहाती लक्ष्मी कितने रास्तों से भागती है ?
उत्तर:
चार रास्तों में भागती है ।

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खंड-ख (40 अंक)

11. निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर इसके नीचे दिये गये प्रश्नों के उत्तर दीखिए । (5 × 2 = 10)

अज्ञेय जी का जन्म सन् 1911 ई. में जिला देवरिया के कुशीनगर नामक गाँव में हुआ था । आपका पूरा नाम सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन ‘अज्ञेय’ था । ‘अज्ञेय’ कवि का उपनाम है । आपकी बाल्यावस्था लखनऊ, कश्मीर, नालंदा, पटना और नीलगिरि आदि में व्यतीत हुई और इसी बीच में इन्होंने संस्कृत, फारसी तथा अन्य भारतीय भाषाओं का अध्ययन किया । मद्रास तथा लाहौर से आपने बी. एस. सी. तथा अंग्रेजी में एम. ए. की परीक्षाएँ उत् तीर्ण कीं । अज्ञेय ने ‘दिनमान’, ‘प्रतीक’ तथा ‘तार सप्तक’ पत्रिकाओं का संपादन एवं प्रकाशन किया । तार सप्तक संपादन के साथ हिंदी में प्रयोगवाद का सूत्रपात हुआ | उपन्यास, कहानी तथा निबंध आदि के अतिरिक्त इनकी कुछ काव्य रचनाएँ हैं- भग्नदूत, चिंता, प्रियजन और हरी घास पर क्षण – भर आदि । उपन्यास के क्षेत्र में ‘शेखर एक जीवनी’ ने उनको विशेष ख्याति प्रदान की । उन्होंने जापान की ‘हाइकू’ कविताओं का अनुवाद किया था। श्री अज्ञेय का देहांत सन् 1987 ई. में हुआ था ।

प्रश्न :

1) अज्ञेय का जन्म कब और कहाँ हुआ ?
उत्तर:
अंज्ञेय का जन्म सन् 1911 ईं में जिला देवरिया के कुशीनगर नामक गाँव में हुआ था ।

2. अज्ञेय का पूरा नाम क्या था ?
उत्तर:
अज्ञेय का पूरा नाम सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन अज्ञेय था ।

3. अज्ञेय ने किन-किन पत्रिकाओं का संपादन एवं प्रकाशन किया ?
उत्तर:
अज्ञेय ने ‘दिनमान’ ‘प्रतीक’ तथा ‘तार सप्तक’ पत्रिकाओं का संपादन एवं प्रकाशन किया ।

4. अज्ञेय प्रसिद्ध उपन्यास का नाम क्या था ?
उत्तर:
शेखर एक जीवनी अज्ञेय का प्रसिद्ध उपन्यास था ।

5. अज्ञेय ने किनका अनुवाद किया ?
उत्तर:
जपान की ‘हाइकू’ कविताओं का अनुवाद अज्ञेय ने किया ।

12. निम्नलिखित शब्दों में से किन्हीं पाँच शब्दों का संधि-विच्छेद कीजिए । (5 × 1 = 5)

1. सन्मार्ग
2. वाग्दान
3. दिगम्बर
4. परिच्छेद
5. अजंत
6. प्रमाण
7. भूषण
8. संभावना
9. जगदानन्द
10. आच्छादन
उत्तर:
1. सन्मार्ग = सत् + मार्ग
2. वाग्दान = वाक् + दान
3. दिगम्बर = दिक् + अम्बर
4. परिच्छेद = परि + छेद
5. अजंत = अच् + अंत
6. प्रमाण = प्र + मान
7. भूषण = भू + षन
8. संभावना = सम् + भावना
9. जगदानन्द = जगत् + आनंद
10. आच्छादन = आ + छादन

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13. निम्नलिखित शब्दों में से किन्हीं पाँच शब्दों के समास के नाम लिखिए।

1. चौमासा
5. हलधर
2. दाल – रोटी
3. थोड़ा – बहुत
4. लम्बोदर
6. पंकज
7. यथाशक्ति
8. हर रोज
9. सीता पति
10. आजीवन
उत्तर:
1. चौमासा = द्विगु समास (विग्रहवाक्य : चार मासों का समूह )
2. दाल – रोटी = द्वंद्व समास (विग्रहवाक्य : दाल और रोटी)
3. थोड़ा-बहुत = द्वंद्व समास(विग्रहवाक्य : थोडा या बहुत )
4. लम्बोदर = बहुव्रीहि समास(विग्रहवाक्य : जिसका उदर लम्बा हो)
5. हलधर = बहुव्रीहि समास (विग्रहवाक्य : हल को धारण करनेवाला)
6. पंकज = बहुव्रीहि समास(विग्रहवाक्य : पंक मे जन्म लेनेवाला)
7. यथाशक्ति = अव्ययीभाव समास (विग्रहवाक्य .: शक्ति के अनुसार)
8. हर रोज = अव्ययीभाव समास (विग्रहवाक्य : रोज रोज)
9. सीता पति = तत्पुरुष समास (विग्रहवाक्य : सीता का पति)
10. आजीवन = अव्ययीभाव समास (विग्रहवाक्य : जीवन भर)

14. (अ) निम्नलिखित वाक्यों में से किन्हीं पाँच वाक्यों को हिंदी में अनुवाद कीजिए । (5 × 1 = 5)

1. My name is Mohan
उत्तर:
मेरा नाम मोहन है ।

2. Cow gives milk.
उत्तर:
गाय दूध देती है ।

3. Rama killed Ravana.
उत्तर:
राम ने रावण को मारा ।

AP Inter 2nd Year Hindi Model Paper Set 4 with Solutions

4. Visakhapatnam is a beautiful city.
उत्तर:
विशाखापट्टणम एक सुंदर नगर है ।

5. Don’t tell lies.
उत्तर:
झूठ मत बोलो ।

6. What is your Name ?
उत्तर:
तुम्हारा / आपका नाम क्या है ?

7. Service to man is service to God.
उत्तर:
मानव सेवा ही माधव सेवा है ।

8. The pen is on the table.
उत्तर:
कमल मेज पर है।

9. Ramakanth is a brave boy.
उत्तर:
रमाकांत एक साहसी लड़का है ।

10. Give respect, Take respect.
उत्तर:
सम्मान दीजिए, सम्मान लीजिए ।

14. (आ) निम्नलिखित वाक्यों में से पाँच वाक्यों का शुद्ध रूप लिखिए । (5 × 1 = 5)

1) मेरे को एक कलम चाहिए । (अशुद्ध )
उत्तर:
मुझे एक कलम चाहिए । (शुद्ध) (मेरे + को = मुझे)

2) हम हिंदी सीखनी चाहिए | (अशुद्ध )
उत्तर:
हमें हिंदी सीखनी चाहिए। (शुद्ध) (हम + को = हमें)

3) मल्लेश्वरी गाना चाहिए । (अशुद्ध)
उत्तर:
मल्लेश्वरी को गाना चाहिए । (शुद्ध)

4) देवेश देवेश की पुस्तक पढ़ता है। (अशुद्ध)
उत्तर:
देवेश अपनी पुस्तक पढ़ता है । (शुद्ध)

5) आप आपका नाम बताइये । (अशुद्ध)
उत्तर:
आप अपना नाम बताइये । (शुद्ध)

6) मैं मेरा काम करता हूँ । (अशुद्ध)
उत्तर:
मैं अपना काम करता । (शुद्ध)

7) तू क्या कर रहे हो ? (अशुद्ध)
उत्तर:
तू क्या कर रहा है ? (शुद्ध)

8) वह पूस्तक मेरा है । (अशुद्ध)
उत्तर:
वह पूस्तक मेरी है । (शुद्ध)

9) अध्यापक जी ने बोले । (अशुद्ध)
उत्तर:
अध्यापक जी बोले । (शुद्ध)

10) मैंने कल गाँव गया । (अशुद्ध)
उत्तर:
मैं कल गाँव गया । (शुद्ध)

15. निम्नलिखित गद्यांश का संक्षिप्तीकरण कीजिए । (1 × 5 = 5)

अहिंसा परम धर्म है और हिंसा आपद् – धर्म । मनुष्य अहिंसा की ओर चलना चाहता है, किंतु परिस्थितियाँ उससे हिंसा कराती हैं, अर्थात् परम् धर्म की रक्षा के लिए आदमी बराबर आपद् – धर्म से काम लेता रहा है। भारत अपनी सेनाओं को विघटित कर दे, तब भी उसका अपमान उससे अधिक होनेवाला नहीं, जितना नेफा में किंतु हुआ । परम – धर्म पर टिकने का सामर्थ्य भारत में नहीं है, तो आपद् – धर्म पर उसे आना ही चाहिए। व्यावहारतः आपद् – धर्म का विरोधी नहीं, उसका रक्षक हैं ।
उत्तर:

अहिंसा परमो धर्म

मनुष्य अहिंसा मार्ग पर चलते हुए भी परिस्थितियों के अनुरूप हिंसा से काम लेता आ रहा है। ऐसी ही स्थिति भारत की सेना की भी है । परमधर्म आपद्धर्मका विरोधी नहीं उसका रक्षक है ।

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16. निम्नलिखित में से किन्हीं पाँच वाक्यों का वाच्य बदलिए । (5 × 1 = 5)

1) राम ने रोटी खाई । (कर्तृ)
उत्तर:
राम से रोटी खाई गई। (कर्म) (रोटी स्त्रीलिंग)

2) मुझसे कहानी लिखी जाती है। (कर्म) (कहानी – स्त्रीलिंग)
उत्तर:
मैं कहानी लिखता हूँ | (कर्तृ)

3) मोहन ने आम खाया । (कर्तृ)
उत्तर:
मोहन से आम खाया गया । (कर्म) (आम – पुलिंग )

4) मैं प्रतिदिन व्यायाम करता हूँ । (कर्तृ)
उत्तर:
मुझसे प्रतिदिन व्यायाम किया जाता है । (कर्म) (व्यायाम – पुलिंग)

5) मैंने किताब पढ़ी | (कर्तृ)
उत्तर:
मुझसे किताब पढ़ी गई । (कर्म) (किताब – स्त्रीलिंग)

6) नागमणि खाना पकाती है । (कर्तृ)
उत्तर:
नागमणि से खाना पकाया जाता है। (कर्म) (खाना – पुलिंग)

7) माधुरी ने सिनेमा देखा । (कर्तृ)
उत्तर:
माधुरी से सिनेमा देखा गया । (कर्म) (सिनेमा – पुलिंग)

8) मुरली रस पीता है । (कर्तृ)
उत्तर:
मुरली से रस पीया जाता हैं । (कर्म) (रस – पुलिंग)

9) महेश से पुस्तक पढ़ी जाती है । (कर्म)
उत्तर:
महेश पुस्तक पढ़ता है । ( कर्तृ) (पुस्तक – स्त्रीलिंग)

10) प्रेमचंद उपन्यास लिख रहा है । (कर्तृ)
उत्तर:
प्रेमचंद से उपन्यास लिखा जा रहा है । (कर्म) (उपन्यास – पुलिंग)

AP Inter 1st Year Chemistry Model Paper Set 3 with Solutions

Utilizing AP Inter 1st Year Chemistry Model Papers Set 3 helps students overcome exam anxiety by fostering familiarity.

AP Inter 1st Year Chemistry Model Paper Set 3 with Solutions

Time: 3 Hours
Maximum Marks: 60

Note : Read the following instructions carefully.

  1. Answer all questions of Section – A. Answer ANY SIX questions in Section – B and ANY TWO questions in Section – C.
  2. In Section – A, questions from Sr. Nos. 1 to 10 are of Very short answer type. Each question carries TWO marks. Every answer may be limited to 2 or 3 sentences. Answer all these questions at one place in the same order.
  3. In Section – B, questions from Sr. Nos. 11 to 18 are of Short answer type. Each question carries FOUR marks. Every answer may be limited to 75 words.
  4. In Section – C, questions from Sr. Nos. 19 to 21 are of Long answer type. Each question carries EIGHT marks. Every answer may be limited to 300 words.
  5. Draw labelled diagrams, wherever necessary for questions in Section – B and Section – C.

Section – A

Note : Answer ALL questions.

Question 1.
Define COD and BOD.

Question 2.
State the Hess Law of Constant Heat Summation.

Question 3.
Name any two man-made silicates.

Question 4.
Write Van der Waals1 equation.

AP Inter 1st Year Chemistry Model Paper Set 3 with Solutions

Question 5.
What are intensive and extensive properties ?

Question 6.
How is Nitrobenzene prepared from Benzene ?

Question 7.
Name two adverse effects caused by acid rain.

Question 8.
A solution is prepared by adding 2 gm. of a substance A to 18 gm. of water. Calculate the mass percent of the solute.

Question 9.
Graphite is a good conductor. Explain.

Question 10.
What is Buffer Solution?

Section – B

Note : Answer ANY SIX questions.

Question 11.
What is Hydrogen bond? Explain the different types of Hydrogen bonds with examples.

Question 12.
Deduce (a) Boyle’s law and (b) Dalton’s law from kinetic gas equation.

AP Inter 1st Year Chemistry Model Paper Set 3 with Solutions

Question 13.
Discuss the application of Le-Chatelier’s principle for the industrial synthesis of Ammonia.

Question 14.
Explain the structure of Diborane.

Question 15.
Write any two oxidising and two reducing properties of hydrogen peroxide.

Question 16.
What is Plaster of Paris ? Write a short note on it.

Question 17.
Balance the following Redox Reaction by ion-electron method.
AP Inter 1st Year Chemistry Model Paper Set 3 with Solutions 1

Question 18.
Predict the shapes of the following molecules, making use of Valence Shell Electron Pair Repulsion (VSEPR) Theory.
(a) XeF4
(b) BrF5
(c) ClF3
(d) H2O

Section – C

Note : Answer ANY TWO questions.

Question 19.
Write about four quantum numbers and explain the significance of these quantum numbers.

AP Inter 1st Year Chemistry Model Paper Set 3 with Solutions

Question 20.
Write an essay on s, p, d and f block elements.

Question 21.
Give two methods of preparation of acetylene. How does it react with water and halogens?

AP Inter 1st Year Chemistry Model Paper Set 2 with Solutions

Utilizing AP Inter 1st Year Chemistry Model Papers Set 2 helps students overcome exam anxiety by fostering familiarity.

AP Inter 1st Year Chemistry Model Paper Set 2 with Solutions

Time: 3 Hours
Maximum Marks: 60

Note : Read the following instructions carefully.

  1. Answer all questions of Section – A. Answer ANY SIX questions in Section – B and ANY TWO questions in Section – C.
  2. In Section – A, questions from Sr. Nos. 1 to 10 are of Very short answer type. Each question carries TWO marks. Every answer may be limited to 2 or 3 sentences. Answer all these questions at one place in the same order.
  3. In Section – B, questions from Sr. Nos. 11 to 18 are of Short answer type. Each question carries FOUR marks. Every answer may be limited to 75 words.
  4. In Section – C, questions from Sr. Nos. 19 to 21 are of Long answer type. Each question carries EIGHT marks. Every answer may be limited to 300 words.
  5. Draw labelled diagrams, wherever necessary for questions in Section – B and Section – C.

Section – A

Note : Answer ALL questions.

Question 1.
Define receptor, sink.

Question 2.
Which oxides cause the acid rain? What is the pH value of acid rain?

Question 3.
Calculate kinetic energy of three moles of CO2 at 27°C (in calories only)

Question 4.
What is disproportionation reaction? Give one example.

AP Inter 1st Year Chemistry Model Paper Set 2 with Solutions

Question 5.
Calculate pH of a 1.0 × 10 8 M solution of HCl.

Question 6.
Lithium salts are mostly hydrated. Why? Give one example.

Question 7.
Why is gypsum added to cement?

Question 8.
What is synthesis gas? How is it prepared?

Question 9.
Define catenation. Write two allotropic crystalline forms of carbon.

Question 10.
Write IUPAC names of the following compounds :
a) (CH3)3C CH2 C (CH3)3
AP Inter 1st Year Chemistry Model Paper Set 2 with Solutions 1

Section – B

Note : Answer ANY SIX questions.

Question 11.
Write the postulates of kinetic molecular theory of gases.

Question 12.
Define normality. Calculate the normality of oxalic acid solution containing 6.3 g of H2C2O4.2H2O in 500 ml of solution.

Question 13.
Define heat capacity. Derive Cp – Cv = R.

Question 14.
State Lechatelier’s principle. Explain the application of Le Chatelier’s principle on the synthesis of sulphur trioxide (write the effects of temperature and pressure only).

AP Inter 1st Year Chemistry Model Paper Set 2 with Solutions

Question 15.
Which salts are responsible for the hardness of water ? How the hardness of water is removed by Calgon method?

Question 16.
Explain the structure of diborane.

Question 17.
How is acetylene prepared from the following compounds :
a) Calcium carbide
b) 1, 2-dibromoethane

Question 18.
How does ethylene react with the following :
(a) Cl2
(b) HBr
(c) H2SO4
(d) O3

Section – C

Note : Answer ANY TWO of the following questions.

Question 19.
Explain the Quantum numbers and their significances briefly.

Question 20.
Write an essay on s, p, d and f block elements.

Question 21.
Define hybridization. Explain the types of hybridization involving s and p orbitals with one example each.

AP Inter 1st Year Chemistry Model Paper Set 1 with Solutions

Utilizing AP Inter 1st Year Chemistry Model Papers Set 1 helps students overcome exam anxiety by fostering familiarity.

AP Inter 1st Year Chemistry Model Paper Set 1 with Solutions

Time: 3 Hours
Maximum Marks: 60

Note : Read the following instructions carefully.

  1. Answer all questions of Section – A. Answer ANY SIX questions in Section – B and ANY TWO questions in Section – C.
  2. In Section – A, questions from Sr. Nos. 1 to 10 are of Very short answer type. Each question carries TWO marks. Every answer may be limited to 2 or 3 sentences. Answer all these questions at one place in the same order.
  3. In Section – B, questions from Sr. Nos. 11 to 18 are of Short answer type. Each question carries FOUR marks. Every answer may be limited to 75 words.
  4. In Section – C, questions from Sr. Nos. 19 to 21 are of Long answer type. Each question carries EIGHT marks. Every answer may be limited to 300 words.
  5. Draw labelled diagrams, wherever necessary for questions in Section – B and Section – C.

Section – A

Note : Answer ALL questions.

Question 1.
Define sink and receptor.

Question 2.
Which is called “Milk of Magnesia” ? Give its use.

Question 3.
What is Lewis acid ? Give one example.

AP Inter 1st Year Chemistry Model Paper Set 1 with Solutions

Question 4.
Write any two important uses of caustic soda.

Question 5.
Calculate kinetic energy in calories of 5 moles of nitrogen at 27°C.

Question 6.
What are silicones ? Give one example.

Question 7.
What are the oxidation number of the underlined elements in each of the following species? a) KMnO4 b) MnO4-2

Question 8.
What is meant by dry ice ? Give its application.

Question 9.
An Alkyne ‘A’ undergo cyclic polymerisation by passing through red hot iron tube to give ‘B’. What are ‘A’ and ‘B’?

Question 10.
Mention the harmful effects caused due to depletion of ozone layer.

Section – B

Note : Answer ANY SIX questions.

Question 11.
Deduce : a) Graham’s law and b) Dalton’s law from kinetic gas equation.

Question 12.
Balance the following redox equation in acidic medium by ion- electron method :
Fe2+(aq) + Cr2O72- → Fe(aq)3+ + Cr(aq)3+

Question 13.
State ane explain the Hess’s law of constant heat summation with an example.

Question 14.
Derive the relation between Kp and for the equilibrium reaction :
N2(g) + 3H2(g) ⇌ 2NH3(g)

AP Inter 1st Year Chemistry Model Paper Set 1 with Solutions

Question 15.
What is the cause for permanent hardness of water ? Explain the removal of hardness of water by Calgon method.

Question 16.
Explain the structure of Ethylene.

Question 17.
State Fajan’s rules with suitable examples.

Question 18.
Explain the structure of diborane.

Section – C

Note : Answer ANY TWO of the following questions.

Question 19.
What are the postulates of Bohr’s model of hydrogen atom? Write its limitations. Give any two differences between emission and absorption spectra.

AP Inter 1st Year Chemistry Model Paper Set 1 with Solutions

Question 20.
What is a periodic proeprty ? How the following properties vary in a group and in a period ? Explain.
a) Ionisation enthalpy
b) Electronegativity
c) Electron gain enthalpy

Question 21.
Describe any two methods of preparation of benzene with corresponding equations. Explain the following benzene reactions:
a) Halogenation
b) Alkylation
c) Acylation
d) Nitration

AP Inter 2nd Year Hindi Model Paper Set 3 with Solutions

Access to a variety of AP Inter 2nd Year Hindi Model Papers Set 3 allows students to familiarize themselves with different question patterns.

AP Inter 2nd Year Hindi Model Paper Set 3 with Solutions

Time : 3 Hours
Max Marks : 100

सूचनाएँ :

  1. सभी प्रश्न अनिवार्य हैं ।
  2. जिस क्रम में प्रश्न दिये गये हैं, उसी क्रम से उत्तर लिखना अनिवार्य है ।

खंड – क ( 60 अंक)

1. निम्नलिखित दोहे की पूर्ति करते हुए भावार्थ सहित विशेषताएँ लिखिए । (1 × 8 = 8)

तुलसी मीठे वचने ……………………
………………….. परिहरु वचन कठोर ||
उत्तर:
भावार्थ : कवि तुलसीदास इस दोहे माध्यम से कह रहे हैं – कोई भी व्यक्ति मीठे वचन बोलने से सब को अपने वश में कर ले सकते हैं अपनी ओर अकर्षित कर सकते हैं। अच्छी वाणी वशीकरण मंत्र के समान है | अच्छी वाणी से चारों ओर सुःख शांती फैली रहती है। अच्छी वाणी के कारण शत्रुता कभी भी पैदा नहीं होगी । इसलिए कठोर वचन को हमेशा के लिए त्याग कर वाणी में माधुर्य लाना चाहिए ।

अथवा

या अनुरागी चित्त ………………
……………….. त्यौं – त्यौं उज्ज्वलु होई ॥
उत्तर:
भावार्थ : कवि बिहारीलाल इस दोहे के माध्यम से श्रीकृष्ण के प्रति अपने अट्टू प्रेम को प्रकट करते हुए कह रहे हैं “इस प्रेमी मन की स्थिति को कोई समझ नहीं सकता। जैसे जैसे मेरा मन कृष्ण के रंग में रंगता • जाता है, वैसे वैसे उज्ज्वल होता जाता है । अर्थात श्रीकृष्ण के प्रेम में रमने के बाद अधिक निर्मल हो जाता है । यही श्रीकृष्ण के प्रेम का महत्व है । अपने आप को निर्मल बनाने के लिए श्रीकृष्ण के प्रेम में रमने की अधिक आवश्यकता है ।”

2. किसी एक कविता का सारांश बीस पंक्तियों में लिखिए | (1 × 6 = 6)

1. ‘हिमाद्रि से’ कविता का सारांश लिखिए ।
उत्तर:
कवि परिचय : ‘हिमाद्री से’ कविता के कवि जयशंकर प्रसाद जी हैं। प्रसाद जी. छायावादी कविता के प्रकाश स्तंभ हैं । इनका जन्म सन् 1881 को काशी में हुआ । आप कहानीकार, उपन्यासकार, नाटककार के रूप में सुप्रसिद्ध हैं । आपकी रचनाएँ हैं कानन कुसुम, प्रेम पथिक, करुणालय, झरना आँसू लहर, कामायनी (महाकाव्य), कंकाल, तितली, इरावती, स्कंदगुप्त, चंद्रगुप्त आदि । इनकी भाषा शैली स्वाभाविक एवं संवेदनशील है । इनका निधन 1937 ई. में हुआ

सारांश : प्रस्तुत गीत चंद्रगुप्त नाटक के चौथे अंक के छठे दृश्य से संकलित है | यह एक सामूहिक गीत है । अलका के भाई आम्भिक देशद्रोही है। गांधार नरेश पुरुषोत्तम के विरुद्ध यवनों को भारत पर हमला करने के लिए सिंधु तट पर सेतु का निर्माण करते वक्त उनके विरुद्ध में उनकी बहन अलका ने सब सैनिकों को युद्ध के लिए उत्साहित करती गाती है | मा भारती गुलामी की जंजीरों को तोड़ने के लिए वीर सैनिकों को बुला रही है । वह नींद से जगाती है । आत्मनिर्भरता के रास्ते पर आगे बढ़ रही है | वह · स्वतंत्र हो कर अपनी संपत्ती का सदुपयोग करना चाहती है ।

युद्ध में मरनेवाले अमर हो जाते हैं भारतवासी ऐसे ही अमरों के पुत्र हैं। उन्होंने मातृभूमि को स्वतंत्र बनाने की प्रतिज्ञा की है । पूर्वजों से बना मार्ग उनके सामने हैं उसको उन्होंने प्रशस्त किया है ।
भारत माता स्वतंत्रता के लिए पुकार रही है । जागो हे अमर्त्य वीर पुरुषों जागो, भारत माता के सपूतों जागो । दृढ संकल्प के साथ प्रतिज्ञा करो कि “भारत देश को आजाद बनायेंगे” इस सर्वश्रेष्ठ, पुण्य, उत्तम मार्ग निकल बढते चलो, बढ़ते चलो । विजयी बनो ।

संसार में इस देश की असंख्याक कीर्ति है । भारत माता के सुपुत्रों पवित्र मशाल बन कर जलते हुए तपते हुए उजालों को फैलाते आगे बढो… आगे बढो । शत्रुओं की सेना समुद्र जैसे अनन्त है । उस को हराना हसी खेल नहीं है । फिर भी देश की स्वतंत्रता के लिए सैनिकों को आगे बढना ही होगा | ‘बाडव’ नामक अग्नि बन कर उस समुंदर को जलाना ही होगा । अर्थात दुश्मनों का अंत करके विजय पाना ही होगा। तुम अच्छे वीर हो, तुम में सच्ची देश भक्ति है आवश्य विजयी बनो… बढ़ते चलो बढ़ते चलों । रुको मत हे वीर पुत्रों । तुम्हारा मार्ग प्रशस्त है । भारतीय कुशल वीर हैं अवश्य विजयी होंगे ।

विशेषताएँ : यह गीत अलका के देशप्रेम, लगन और उत्साह को प्रदर्शित करता है । प्रसाद जी अपने समय में देश की स्थिति से प्रभावित हो कर अलका के मुँह से यह गीत गवाया है । यह गीत देशभिमान, जागृति और नवीनता से ओतप्रेत है ।

AP Inter 2nd Year Hindi Model Paper Set 3 with Solutions

2. कोशिश करनेवालों की कभी हार नहीं होती’ – कविता का सारांश लिखिए |
उत्तर:
कवि – परिचय : प्रस्तुत कविता ‘कोशिश करनेवालों की कभी हार
नहीं होती’ के कवि हरिवंशराय बच्चन जी हैं । आप हिन्दी साहित्य में हालावाद के प्रवर्तक माने जाते हैं । आपने प्रयाग विश्वविद्यालय में अंग्रेज़ी प्रोफेसर के रूप में कार्य किया । ‘मधुशाला’, ‘मधुकलश’ आपके बहुचर्चित काव्य हैं । प्रस्तुत कविता में मनुष्य को निरंतर प्रयत्नशील बनकर रहने का संदेश दिया गया है ।

सारांश : कवि प्रस्तुत कविता में मनुष्य को निरंतर कोशिश करने की सीख देते हैं । अपनी बात की पुष्टि के लिए वे अनेक उदाहरण भी प्रस्तुत करते हैं | वे कहते हैं – ‘”यदि लहरों से डर गयी तो नौका समुंदर में आगे नहीं बढ़ सकती, उसी प्रकार मनुष्य को भी जीवन में असफलताओं से डरना नहीं चाहिए । नन्हीं चींटी दाना लेकर दीवारों पर चढ़ती है, किन्तु कई बार फिसलकर नीचे गिर जाती है। फिर भी वह अपनी लगन नहीं छोड़ती और मंजिल पहुँचने तक उसका प्रस्थान नहीं रुकता । चींटी की कोशिश कभी व्यर्थ नहीं जाती । जिनके मन का विश्वास, रगों के अंदर साहस को भरता है – वे चढ़ने और गिरने में संकोच नहीं करते ।

समुंदर में डुबकी लगाकर मोतियों का अन्वेषण करते गोताखोरों को देखिए वे कितनी बार खाली हाथ लौटकर आते हैं ! समुंदर में मोती बहुत गहराई पर होते हैं और इतनी आसानी से वे हाथ नहीं आते । पर हर हार के बाद वे दुगुना उत्साह लेकर कोशिश करते हैं । अर्थात् मोतियों को पाने की बेताबी के कारण उनका उत्साह बढ़ जाता है । ‘वे तब तक लगातार प्रयास करते रहते हैं जब तक मोती उनके हाथ नहीं आते । आखिर वे अपनी मनचाही वस्तु पाकर ही रहते हैं। किसी न किसी दिन उनकी मुट्ठियाँ मोतियों से भर जाती हैं । निरंतर कोशिश करनेवालों की कभी हार नहीं होती ।

इससे जानना चाहिए कि असफलता एक चुनौती है और उसे स्वीकार करना चाहिए। पिछले प्रयास में हमने क्या किया और उसमें क्या कमी है – इन बातों की समीक्षा करके अपने आपको सुधारना चाहिए । पुनः उत्साह से प्रयास करना चाहिए । जब तक सफल नहीं होते तब तक नींद और आराम को छोड़ देना चाहिए । मनुष्य को कदापि संघर्ष का मैदान छोड़कर भागना नहीं चाहिए | क्योंकि जीवन में यश की प्राप्ति आसानी से नहीं होती । उसके लिए कठोर परिश्रम करना पड़ता है ।”

विशेषताएँ : कवि ने निरंतर प्रयास का महत्व बहुत प्रभावशाली ढंग से समझाया । उनके अनुसार मनुष्य को कभी प्रयास रोकना नहीं चाहिए । कविता में प्रवाहमान शैली है। सरल और शुद्ध खड़ीबोली का प्रयोग हुआ है । कुल मिलाकर बच्चन जी की सफल कविता है ।

3. किसी एक पाठ का सारांश 20 पंक्तियों में लिखिए । (1 × 6 = 6)

1. ‘सोना’ रेखाचित्र का सारांश लिखिए |
उत्तर:
कवि परिचय : इस रचना की लेखिका महादेवी वर्मा जी जन्म उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद में हुआ है । हिन्दी साहित्य में छायावाद की प्रमुख लेखिका के साथ साथ संस्मरण तथा रेखाचित्र लेखिका के रूप में सुपरिचित है । आप की प्रमुख रयनाएँ है – नीहार, नीरजा, संध्यगीत, दीप शिखा, अतीत के चलचित्र क्षणदा, श्रृंखला की कडियाँ, स्मृति की रेखाएँ, मेरा परिवार आदि । इन को ‘यामा’ पर ज्ञानपीठ पुरस्कार मिला है ।

सारांश : प्रस्तुत ‘सोना हिरनी’ वर्मा जी का संस्मरणात्मक रेखचित्र हैं । इस रचना के माध्यम से प्राणिमात्र लिए अद्भुत संवेदनशीलता के दर्शन होते हैं । महादेवी वर्मा जी को आज अचानक ‘सोना की याद आने का कारण है लेखिका के परिचित स्वर्गीय धीरेंद्रनाथ वसु की पौत्री सस्मिता ने लिखा है – उनके पडोसी से एक हिरन मिला था। जो उन्हें उसे पालने के लिए दिया था । कुछ ही महीनों में उस हिरन के साथ बहुत स्नेह हो गया था । ` वह अब बडी हो जाने के कारण अधिक विस्तृत स्थान चाहिए, स्थलविस्तृति के अभाव के कारण विश्वास के साथ लेखिका के यहाँ पालने देना चाहती है ।

लेकिन कई वर्षो पूर्व लेखिका ने निश्चय किया कि अब हिरन नहीं पालेंगी परंतु उस नियम को भंग किए बिना इस कोमल जीवी की रक्षा संभव नही है । सोना हिरनी भी इसी प्रकार अचानक आयी थी, परंतु वह अब तक शैशवावस्था पार नहीं की हैं। सुनहरे रंग के रेश्मी लच्छों की गांठ के समान उसका लघु शरीर था, छोटा सा मुँह बडी आँखें । सब उसके सरल शिशु रूप से प्रभावित हु कि किसी चंपकवर्णा रूपसी उपयुक्त सोना, सुवर्णा, स्वर्ण लेखा आदि नाम से परिचय बनाया । परंतु इस बेचारी हिरन शावक की कथा-व्यथा थी ।

बेचारी ‘सोना’ भी मनुष्य की निष्टुर मनोरंजनप्रियता के कारण अपने अरण्य परिवेश और स्वजाति से दूर मानव समाज में आ पडी है | प्रशांत `वनस्थली में जब अलस भाव से रोमान्थन करता हुआ मृग समूह शिकारियों की आहट से चौंक भागा । तब सोना और माँ प्रसूता – मृगशिशू होने के कारण भागने में असमर्थ रहे ऐसी स्थिती में सोना की माँ सोना को सुरक्षित रखने के यज्ञ में प्राण दिए । पता नहीं दया करुणा या कौतुक प्रियता के कारण शिकारी मृत हिरनी के साथ रक्त से सने ‘सोना’ को जीवित उठा लाया और उनमें से किसी की गृहिणि और बच्चों ने दूध पिला कर जीवित रखा | उस अनाथ मृगशावक को मुमूर्षावस्था में किसी लडकी ने लेखिका के पास लाया था।

सुनहले रंग का होने के कारण हिरण को ‘सोना’ कहने लगे । बहुसुंदर हिरन लिखिका से इतना घुल मिल गयी कि रात को लेखिका की पलंग के पाये से सट बिना गंदा किए सो जाती थी। छात्रावास की लड़कियों का अटूट स्नेह भाव रहा । लेखिका की बिल्ली – गोधूली, कुत्ते – हेमंत / वसंत, कुत्ती – फ़्लोरा से कुछी दिनों में घुल मिल गयी। मेस में उस के पहुंचते ही छात्राएँ ही नहीं नौकर-चाकर तक दौड़ आते, सभी उसे कुछ न कुछ खिलाने को उत्साहित होते । उसे छोटे बच्चे अधिक प्रिय थे। उनसे खेलना पसंद था । लेखिका के प्रति कई प्रकार से स्नेह प्रदर्शित करती थी । भीतर आने पर वह लेखिका के पैरों के अपना शरीर रगड़ने लगती है, कभी लेखिका की ओर ऐसा देखने लगती है कि हंसी आ जाती है ।

गर्मियों में लेखिका का बद्रीनाथ यात्रा का कार्यक्रम बना । लेखिका ने अपने पालतू जीवों की जिम्मेदारी नौकरों को देकर यात्रा पर चली जाती है ।. यात्रा पूरी कर के लेखिका छात्रावास आते ही दुखद समाचार मिलता है कि एक दिन सोना बंधन की सीमा भूलकर ऊँचाई तक उछल और रस्सी के कारण मुख के बल धरती पर गिरी अपनी अंतिम सांस तोडदी । उस सुनहली किसी निर्जन वन में जन्मी ‘सोना’ को गंगा में प्रवाहित कर आये । लेखिका ने यह निश्चय किया कि हिरन कभी नहीं पालेंगी । संयोग से फिर हिरन ही पालना पड़ रहा है ।

विशेषताएँ : इस रेखाचित्र में सोना हिरनी के प्रति लेखिका का स्नेह संपूर्ण आत्मीयता और अंतरंग भाव साकार हुआ है । महादेवी वर्मा अपनी गद्य भाषा के कवित्वपूर्ण विन्यास द्वारा सोना हिरनी के सौन्दर्य का अनुपम चित्रण किया है ।

AP Inter 2nd Year Hindi Model Paper Set 3 with Solutions

2. ‘अंधे बाबा अब्दुल्ला की कहानी’ पाठ का सारांश लिखिए ।
उत्तर:
अंधे बाबा अब्दुल्ला नामक कहानी अलिफ लैला की कहानियाँ में से संकलित है | प्रस्तुत कंहानी स्वयं में ही चमत्कृत एवं अद्भुत कहानी है । यह कहानी- तिलिस्म और अय्यारी से परिपूर्ण है जो कथा को मनोरंजक और अय्यारी रोचक बनाते है । इस कहानी का मुख्य पात्र अब्दल्ला है ।

बाबा अब्दुल्ला के माता- पिता के देहात के बाद उनका धन उत्तराधिकार में अब्दुल्ला पाकर उस धन को भोग विलास में शीर्घ ही गँवा दिया । फिर जी तोडकर धनार्जन किया और उससे अस्सी ऊँट खरीदे । उन ऊँटो को किराए पर व्यापारियों को देकर इतना धन कमाया कि सारा जीवन आराम से बिता सकें ।

एक बार हिंदुस्तान जानेवाले व्यापारियों का माल ऊँटो पर लादकर बसरा ले गया । माल जहाजों पर चढ़ाकर ऊँटो के साथ बागदाद वापस आने लग | रास्ते में एक जगह आराम करने लगा । इतने में बसरा से बगदाद को जानेवाला एक फकीर उसके पास आया और कहाँ तुम रात दिन बेकार मेहनत करते हो। मै एक जगह दिखाऊगाँ जहाँ पर असंख्य द्रव्य भरा पडा है । तुम इन अस्सी ऊँटो को रत्नों और अरार्फियों से लाद सकते हो | इससे अब्दल्ला के मन में लालच पैदा हो गयी ।

फकीर ने आधे ऊँट देने की शर्त से वह खजाने की जगह दिखाने लगा । अब्दुल्ला इस शर्त को मान लिया। दोनो जिनो से बनाये हुए उस भव्य भवन से रत्नो और अशर्फियों को ऊँटो की खुर्जियों में भरने लगे । फकीर एक कमरे में लकडी की डिबिया निकाली और अपनी जेब में रखली । जिसमें मरहम रखा हुआ था । बाद में फकीर मंत्र पढा वह जगह गायब हो गयी । फकीर अपने शर्त का हिस्सा और मरहम ले जा रहा था इतने मे अब्दुल्ला के दिल में लोभ का शैतान फैल गया । और अपने सारे ऊँटो को वापस ले लिया । इतने से संतुष्ट न होकर उस फकीर से ‘मरहम’ भी देने केलिए कहा । फकीर ने मरहम को उसकी बायी आँख पर लगाया जिससे संसार के गुप्त खजाने दिखने लगे, अत्याशा से फकीर मना करने पर भी दूसरी आँख की पलक पर भी मरहम को लगाने पर मजबूर करदिया । जिससे दोनो आँखों की रोशनी खोकर अंधा हो जाता है । बाद में फ़कीर सभी ऊँठ लेकर चला गया ।

इस तरह बाबा अब्दुल्ला अपनी मूर्खता और लालच के कारण सब कुछ खो बैठा। इस बुरी दशा को देखकर खलीफ ने कहा – “तुम्हारी मूर्खता तो बहुत बडी है | भगवान तुम्हे क्षमा करेंगे। तुम्हे जीवन भर केलिए हर रोज पाँच रुपयाँ मिला करेंगे । बाबा अब्दुल्ला के खुश होने से कहानी समाप्त हो जाती है ।

विशेषता :
1) इस कहानी में दर्शाया गया है कि लालच का फल बुरा होता है। लोभी व्यक्ति का नाश होना संभव है ।
2) यह शिक्षाप्रद कहानी हँ, भाषा सरल और प्रवाहमान हँ ।

4. किसी एक एकांकी का सारांश लिखिए । (1 × 6 = 6)

1. ‘रीढ़ की हड्डी’ एकांकी का सारांश लिखिए ।
उत्तर:
लेखक का परिचय : जगदीशचन्द्र माथुर हिन्दी साहित्य के जाने- माने नाटककार और एकांकीकार हैं । आपका साहित्य-सृजन भारतीय समाज को आधार बनाकर हुआ। आपने समाज की विविध विसंगतियों और समस्याओं को उजागर किया और विशेषकर नारी की समस्याओं का चित्रण उनके साहित्य में प्रचुर मात्रा में पाया जाता है । ‘भोर का तारा’, ‘ओ मेरे सपने’, ‘शारदीय’, ‘पहला राज’ आदि आपकी कृतियाँ हैं ।
सारांश : प्रस्तुत पाठ ‘रीढ़ की हड्डी’ एक सामाजिक एकांकी है । इसमें भारतीय समाज में व्याप्त नारी विरोधी विचारधारा का चित्रण किया गया है । एकांकी के मुख्य पात्र उमा, उसके पिता रामस्वरूप, लड़का शंकर और उसके पिता गोपालप्रसाद हैं। प्रेमा और रतन एकांकी के गौण पात्र हैं ।

उमा एक पढ़ी लिखी युवती है। वह मेहनत करके बी. ए. पास करती है और आत्मनिर्भर होना चाहती है । प्रेमा और रामस्वरूप उसके माता-पिता हैं । एक औसत मध्यवर्गीय पिता होने के कारण रामस्वरूप यथाशीघ्र अपनी बेटी का विवाह कर देना चाहता है। जल्दी में वह शंकर नामक युवक से उमा का विवाह तय करता है । शंकर मेडिकल कॉलेज का छात्र है और उसके पिता गोपालप्रसाद वकील है । लेकिन वे नहीं चाहते कि लड़की ज्यादा

पढ़ी-लिखी हो । इसलिए रामस्वरूप उनसे झूठ बोलता है कि उसकी बेटी सिर्फ मेट्रिक पास है । दोनों को लड़की देखने घर आमंत्रित करता है । उस दिन वह बहुत घबराहट के साथ सारी तैयारियाँ करवाता है । पत्नी प्रेमा और नौकर रतन को कई काम सौंपता है । प्रेमा कहती है कि यह विवाह उमा को मंजूर नहीं है । किन्तु रामस्वरूप नहीं मानता । वह पत्नी को डाँटता है कि कुछ न कुछ करके लड़की को तैयार रखे। उसे डर है कि कहीं यह रिश्ता हाथ से न जाये ।

निश्चित समय पर शंकर अपने पिता के साथ लड़की को देखने आता है । शंकर एक उच्च शिक्षा प्राप्त युवक है किन्तु उसका अपना कोई व्यक्तित्व नहीं है । वह अपने पिता की बात पर चलनेवाला युवक है । पिता गोपालप्रसाद तो वकील है किन्तु उसके विचार पुराने हैं। वह चाहता है कि घर की बहू ज्यादा पढ़ी-लिखी न हो। इसलिए वह रामस्वरूप की बात मानकर, लड़की देखने आता है । पिता-पुत्र की बातों से उनका स्वार्थ और चतुराई स्पष्ट होती है । गोपालप्रसाद का विचार है कि लड़की और लड़के में बहुत अंतर होता है, इसलिए कुछ बातें लड़कियों को सीखनी नहीं चाहिए। उनमें शिक्षा भी एक है । वह कहता है कि मात्र लड़के ही पढ़ाई के लायक हैं, लड़कियों का काम् बस घर को संभालना है ।

रामस्वरूप अपनी बेटी को दोनों के सामने पेश करता है और उमा सितार पर मीरा का भजन गाती है। गोपालप्रसाद उससे कुछ प्रश्न करता है तो वह कुछ जवाब नहीं देती । उमा से जब बोलने को बार-बार कहा जाता है तो वह अपना मुँह खोलती है । वह कहती है कि बाजार में कुर्सी – मेज वगैरा खरीदते समय उनसे बात नहीं की जाती। दूकानदार बस ….. उनको खरीददार के सामने लाकर दिखाता है, पसंद आया तो लोग खरीदते हैं । उसकी बातें सुनकर गोपालप्रसाद हैरान हो जाता है । उमा तेज आवाज में कहती है कि लड़कियों के भी दिल होते हैं और उनका अपना व्यक्तित्व होता है । वे बाजार में देखकर खरीदने के लिए भेड़-बकरियाँ नहीं हैं। वह शंकर की पोल भी खोल देती है कि वह एक बार लड़कियों के हॉस्टल में घुसकर पकड़ा गया और नौकरानी के पैरों पर गिरकर माफी माँगी । इस बात से शंकर भी हैरान चलने लगता है और गोपालप्रसाद को मालूम हो जाता है कि वह पढ़ी-लिखी है | उमा हिम्मत से कहती है कि उसने बी. ए. पास की हैं । यह सुनकर गोपालप्रसाद रामस्वरूप पर नाराज हो जाता है और दोनों चलने लगते हैं । उमा गोपालप्रसाद को सलाह देती है कि ‘ज़रा पता लगाये कि बेटे के रीढ़ की हड्डी भी है या नहीं ।’ यही पर एकांकी समाप्त होता है 1

विशेषताएँ : प्रस्तुत एकांकी का उद्देश्य भारतीय समाज की विविध समस्याओं को उजागर करना है । लड़कियों को लड़कों के बराबर न देखना, जल्दबाजी करके किसी अयोग्य के गले लड़की मढ़ देना, दहेज न दे पाने के कारण लड़की के पिता की लाचारी, लड़कियों को प्राणहीन वस्तु की तरह देखने की मानसिकता, उच्चशिक्षा प्राप्त युवकों में व्यक्तित्व का अभाव इत्यादि कई समस्याएँ इस एकांकी में चित्रित हैं । लेखक बताते हैं कि इनमें कई समस्याओं का एकमात्र समाधान ‘लड़की – शिक्षा’ है । उन्होंने उमा के पात्र से दिखाया कि पढ़ी-लिखी युवतियाँ कितनी ताकतवर होती हैं । रीढ़ की हड्डी व्यक्तित्व का प्रतीक है किन्तु शंकर का अपना व्यक्तित्व नहीं है । इसलिए एकांकी का शीर्षक ‘रीढ़ की हड्डी’ रखा गया । भाषा बहुत सरल और शैली प्रवाहमान है ।

AP Inter 2nd Year Hindi Model Paper Set 3 with Solutions

2. ‘महाभारत की साँझ’ एकांकी का सारांश लिखिए ।
उत्तर:
कवि परिचय : प्रस्तुत एकांकी “महा भारत की एक साँझ’ के लेखक भारत भूषण अग्रवाल है । आप आधुनिक हिन्दी साहित्य के सुपरिचित एवं संवेदनशील प्रतिनिधि साहित्यकार है । इनके नाटक प्रयोगधर्मी है, किन्तु ये अपनी प्रभावान्विति में मानवीय अन्तस की गहराइयों का संस्पर्श करते हुए महनीय – जीवन मूल्यों के प्रति आस्या उत्पन्न करते है ।

संदर्भ : महाभारत की साँझ एक एकांकी में भारतभूषण अग्रवाल ने दुर्योधन के प्रति सहानुभूति जताया है ।

पाँडवो और कौरवों के बीच महाभारत का युध्द चलता है । युद्ध अंतिम दशा तक पहुँचता है । अपनी दिव्य दृष्टि के द्वारा संजय, धृतराष्ट्र को युद्ध का आँखो दिखा वर्णन करता रहता है। युद्ध के परिणामों को देखकर धृतराष्ट्र अंत मे पछताता है । और संजय से कहता है कि यह किसके पापों का फल है 1. क्या पुत्र प्रेम अपराध है, 2. धृतराष्ट्र के दुःख को देखकर संजय शांत होने केलिए सांत्वना देते है ।

युद्ध की अंतिम दशा का विवरण धृतराष्ट्र संजय से पूछते है । संजय बताते है कि आत्मरक्षा का उपाय न मिलने पर सुयोधन कुरुक्षेत्र के निकट द्वैतवन के सरोवर मे घुस गये और जल स्तंभ से छिपकर बैठे है ।
यह समाचार अहीरों के द्वारा पाण्डवों को मालूम हुआ तो वे दुर्योधन को तरह – तरह से ललकार कर युद्ध के लिए उकसाते है । युधिष्ठिर और भीम के उकसाने से सरोवर से बाहर आकर, दुर्योधन युद्ध करने केलिए सिद्ध हो जाते है ।

यह विवरणं संजय धृतराष्ट्र को बता रहे है । पाण्डवो ने विरक्त सुयोधन को युद्ध के लिए विवश किया । पाण्डवों की ओर से भीम गदा लेकर रण में उतरे । दोनों वीरो ने भयंकर युद्ध किया । सुयोधन का पराक्रम सबको चकित कर देता था । ऐसा लगता था मानों विजयश्री अंत में सुयोधन का वरण करेगी। पर तभी श्री कृष्ण के संकेत पर भीम ने सुयोधन की जंधा में गदा का भीषण प्रहार किया । कुरूराज सुयोधन आहत होकर चीत्कार करते हुए गिर पडे ।

संजय के द्वारा पुत्र की स्थिति सुनते ही पिता का हृदय बिघल जाता है । पुत्र प्रेम से अंधा होकर धृतराष्ट्र. पांडवो को हत्यारे, अधर्मी कहने लगते है । जब सुयोधन आहत होकर निस्सहाय भूमिपर गिर पडे तो पाण्डव जय ध्वनि करते और हर्ष मनाते अपने शिविर को लौट गये । संध्या होने पर पहले अश्वत्थामा आए और कुरूराज की यह दशा देखकर बदला लेने का प्रण करते हुए चले गये । फिर युधिष्ठिर आए । सुयोधन के पास आकर वे झुके और शांत स्वर में उन्हे सांत्वना देने केलिए तरह- तरह से समझाते सुयोधन और युधिष्ठिर के बीच धर्माधर्म की काफी लंबी चर्चा होती है । युधिष्ठिर चाहे जितना समझाने पर भी सुयोधन में पश्चत्ताप की लेशमात्र भावना भी नही होती हैं ।

अंत में दुर्योधन कहता है – “मुझे कोई ग्लानी नही, कोई पश्चत्ताप नही है, केवल एक केवल एक दुख मेरे साथ जाएगा —- यही – यही कि मेरे पिता अंधे क्यो हुए ।” इस अंतिम वाक्य से एकांकी समात्प होती है।

विशेषता : इसमें महाभारत युद्ध के उपरान्त दुर्योधन और पांडवो के भावपूर्ण मिलन – अवसरों का चित्रण किया गया ।

5. निम्नलिखित में से किन्हीं दो पद्यांशों की संदर्भ सहित व्याख्या कीजिए । (2 × 4 = 8)

1. अमर्त्य वीर – पुत्र हो, दृढ़ प्रतिज्ञ सोच लो,
प्रशस्त पुण्य – पंथ है, बढ़े चलो, बढ़े चलो ।
उत्तर:
कवि परिचय : ‘हिमाद्री से कविता के कवि जयशंकर प्रसाद जी हैं । प्रसाद जी छायावादी कविता के प्रकाश स्थंभ हैं । इनका जन्म सन् 1881 को काशी में हुआ । आप कहानीकार, उपन्यासकार, नाटककार के रूप में सुप्रसिद्ध हैं । आपकी रचनाएँ हैं कानन कुसुम, प्रेम पथिक, करुणालय, झरना आँसू लहर, कामायनी (महाकाव्य), कंकाल, तितली, इरावती, स्कंदगुप्त, चंद्रगुप्त आदि । इनकी भाषा- शैली स्वाभाविक एवं संवेदनशील रहती है । इनका निधन 1937 ई. में हुआ

संदर्भ : कवि अलका के माध्यम से भारत वासियो को स्वतंत्रता आंदोलन के लिए उत्तेजित कर रहे है ।

व्याख्या : भारत – माता स्वतंत्रता के लिए पुकार रही हैं । जागो हे अमर्त्य वीर पुरुषों जागो, भारत माता के सपूतों जागो । दृढ़ संकल्प के साथ प्रतिज्ञा करो कि “भारत देश को आजाद बनायेंगे” इस सर्वश्रेष्ठ, पुण्य, उत्तम मार्ग में निकलो… बढ़ते चलो, बढ़ते चलो । विजयी बनो । रुको मत हे वीर पुत्रों, तुम्हारा मार्ग प्रशस्त ही नहीं पवित्र तथा पुण्यवाला है ।

विशेषताएँ : यह गीत अलका के देश प्रेम, लगन और उत्साह को प्रदर्शित करता है प्रसाद जी अपने समय में देश की स्थिति से प्रभावित हो कर अलका के मुह से यह गीत गवाया है । यह गीत देशभिमान, जागृति और नवीनता से ओतप्रेत है ।

2. सखे जाओ तुम हँस कर भूल ।
रहूँ मैं सुध करके रोती ॥
उत्तर:
कवि परिचय : प्रस्तुत पंक्तियाँ ‘ऊर्मिला का विरह गान’. नामक कविता से दी गयी है । इस के कवि श्री मैथिली शरण गुप्त जी हैं। गुप्त जी आधुनिक खड़ीबोली हिन्दी के प्रथम कवि हैं । खड़ीबोली को काव्य भाषा के रूप में निर्मित करते हुए एक नई दिशा देने वाले गुप्त जी का जन्म 1886 ई झांसी जिले के चिरगाँव में हुआ। गुप्त जी कवि, गद्य लेखक, चिंतक, विद्वान है साकेत, यशोधरा, बेंचवटी, द्वापर, जयद्रथ वध, नहुष, भारत भारती, काबा और कर्बला आदि आपकी प्रसिद्ध रचनाएँ हैं । गुप्त जी का निधन 1964 में हुआ । गुप्त जी को भारत सरकार ने पद्मभूषण से सम्मानित किया । संदर्भ : ये पंक्तियाँ उर्मिला वनवास को गये लक्ष्मण को याद करते हुए दुख भाव से कहती है ।

ब्याख्या : राम और सीता के साथ लक्ष्मण वनवास के लिए चल पड़ते हैं | लक्ष्मण की पत्नी उर्मिला पति के आदेश के अनुसार अयोध्या नगरी के राजभवन में ही रह जाती है। उर्मिला लम्बे समय से पति से दूर रहने के कारण पति के वियोग एवं विरह में व्यकुल हो उठती है और अपने आप में बातें करने लगती है । अपने सम्मुख पति लक्ष्मण ना होने पर भी लक्ष्मण को सम्बोधित करती हुई कह रही है।

हे प्रियतम ! तुम हंस कर मुझे भूल जाओ पर मैं तुम्हें याद कर करके रोती ही रहूँगी, तुम्हारे हंसने में ही फूलों जैसी सुकुमारता, मधुरता है, पर हमारे रोने में निकलने वाले आँसु मोती बनते जा रहे हैं ।

विशेषताएँ: अपने पती के वियोग विरह में विदग्ध उर्मिला का वर्णन है। वियोग श्रृंगार का सफ़ल प्रस्तुतीकरण है । भाषा शुद्ध खडीबोली हैं ।

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3. डुबकियाँ सिंधु में गोताखोर लगाता है,
जा जाकर खाली हाथ लौटकर आता है ।
मिलते नहीं सहज ही मोती गहरे पानी में,
बढ़ता दुगुना उत्साह इसी हैरानी में ।
उत्तर:
कवि परिचय : प्रस्तुत कविता ‘कोशिश करनेवालों की कभी हार नहीं होती’ के कवि हरिवंशराय बच्चन जी हैं । आप हिन्दी साहित्य में हालावाद के प्रवर्तक माने जाते हैं । ‘मधुशाला’, ‘मधुकलश’ आपके बहुचर्चित काव्य हैं ।

संदर्भ : प्रस्तुत कविता में मनुष्य को निरंतर प्रयत्नशील बनकर रहने का संदेश दिया गया है ।

व्याख्या : प्रस्तुत पंक्तियों मे कवि कहते है” समुंदर में डुबकी लगाकर मोतियों का अन्वेषण करते गोताखोरो को देखिए वे कितनी बार खाली हाथ लौटकर आते हैं। पर हर डार के बाद वे दुगुना उत्साह लेकर कोशिश करते है । वे तब एक लगातार प्रयास करते रहते है। जब तक मोती उनके हाथ नही आते । किसी न किसी दिन उनकी मुटिठयां मोतियों से भर जाती है ।

विशेषता: प्रस्तुत कविता पाठकों में आशावाद एवं उत्साह भरनेवाली है । कविता उपदेशात्मक एवं प्रभावशाली है । भाषा बहुत सरल है ।

4. गाँधी – गौतम का त्याग लिये आता है,
शंकर का शुद्ध विराग लिये आता है ।
सच है, आँखों में आग लिये आता है,
पर यह स्वदेश का भाग लिये आता है ।
उत्तर:
कवि परिचय : परशुराम की प्रतीक्षा कविता के कवि श्री रामधारी सिंह दिनकर जी आधुनिक युग के सर्वश्रेष्ठ और वीर रस के कवि के रूप में प्रसिद्ध हैं । आप का जन्म बिहार के मुंगेर जिले के सिमरिया नामक गाँव में सन् 1908 ई. को हुआ । कुरुक्षेत्र, ऊर्वशी, रश्मिरथी, परशुराम की प्रतीक्षा आपके प्रमुख काव्य संग्रह हैं । ज्ञानपीठ पुरस्कार के साथ साथ भारत सरकार द्वारा पद्मभूषण से अलंकृत किया गया। इन का निधन 1974 में हुआ ।

संदर्भ : कवि दिनकर जी इन पंन्तियों के माध्यम से भारत की गारिमा का गान गा रहे हैं |

व्याख्या : इस देश में महात्मा गांधी और गौतम बुद्ध जैसे महापुरुषों के त्याग की नीव पर इस देश का निर्माण हुआ है, शंकराचार्य शुद्ध विराग लेकर आते हैं । यह भी सच है कि जब-जब भारत का गौरव खतरे में पड़ता है तब-तब यहाँ के लोग उग्र रूप धारण करके आंखों में आग लिए आते हैं पर स्वदेश (भारत) का भाग्य लिए आते हैं ।

6. निम्नलिखित में से किन्हीं दो गद्यांशों की संदर्भ सहित व्याख्या कीजिए । (2 × 4 = 8)

1. उसकी पन्ती जो पाँच साल से विधवा की भाँति रह रही है, उसके धाम बहु व्यस्त है, प्रेम-संभाषण के लिए पहुँचने पर काम तनिक अवकाश नहीं निकाल पाती ।
उत्तर:
कविपरिचय : प्रस्तुत पंक्तियाँ ” अपना पराया’ नामक कहानी से दी गई है । कहानी के लेखक श्री जैनेंद्र कुमार जी है। आप हिन्दी कहानी क्षेत्र में मनोविश्लेषणवादी रचनाकार के रूप में सुपरिचित हैं । आपका जन्म 1905 ई – अलीगढ़ के कौडियागंज में हुआ । गांधी जी के प्रभाव से असहयोग . आन्दोलन में भागलेने के कारण जेल भी गये! जेल के वातावरण से ही कहानियाँ लिखने की प्रेरणा मिली! आपने भाषा की सहजता शिल्पगत सूक्ष्मता पर अधिक बलदिया है ।

संदर्भ : एक सिपाही लंबे समय के बाद घर लौटते समय अपनी पत्नी परिवार के बरे में स्वप्न देखता है ।

व्याख्या : एक सिपाही युद्ध क्षेत्र से लंबी अवधी के बाद घर लौटते समय संडक के किनारे एक सराय में टहरता है । उसे जल्दी नींद आजाती है । सपने में घर की बातें देखने लगता है … उसकी पत्नी जो पाँच साल से विधवा जैसे रह रही है! उस के पहुँचने पर भी काम धाम में व्यस्त रहती है । प्रेम- संभाषण के लिए तनिक समय नहीं निकाल पाती है । पती से बची- बची काम कर रही है । और कल्पना करता है कि… इस बेचारी ने उसके बगैर विपदाओं में किस प्रकार समय काटा होगा ।

विशेषताएँ : इन पंक्तियों के माध्यम से जैनेंद्रजी ने एक सिपाई की परिवार के प्रति आकांक्षओं को प्रस्तुत किया है । भाषा सरल एवं सहज है ।

2. यह बात अच्छी तरह समझ ली जाए कि बिना हाथ-पैर हिलाये संसार में कोई काम नहीं हो सकता ।
उत्तर:
संदर्भ : प्रस्तुत गद्यांश ‘आलस्य और दृढ़ता’ नामक लेख से दिया गया है | इसके लेखक बाबू श्यामसुंदर दास हैं । आप हिन्दी के जाने-माने विद्वान और आलोचक हैं | आप बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय में हिन्दीविभाग के प्रथम अध्यक्ष थे । काशी नागरी प्रचारिणी सभा के संस्थापकों में आप भी एक थे । आपने विश्वविद्यालय स्तर पर हिन्दी को एक पाठ्य विषय के रूप में स्थान दिलाया । प्रस्तुत लेख में आप युवापीढ़ी को आलस्य छोड़ने का संदेश देते हैं ।

व्याख्या : लेखक के अनुसार परिश्रम के बिना संसार में कोई काम नहीं बन सकता । हमें समझ लेना चाहिए कि इस संसार में पसीना बहाये बिना कुछ भी संभव नहीं होगा। यह संसार मेहनती लोगों के लिए है। इसलिए सबको परिश्रम का मूल्य जानना होगा । दृढ़ता के साथ किसी काम में लगे रहनेवाला मनुष्य ही आगे चलकर गौरव पा सकता है ।

विशेषता : यह एक प्रबोधात्मक लेख है । भाषा भावानुकूल है । सरल उदाहरणों से लेख प्रभावशाली बन पड़ा ।

3. यदि सोना को अपने स्नेह की अभिव्यक्ति के लिए मेरे सर को ऊपर कूदना आवश्यक लगेगा तो वह कूदेगी ही ।
उत्तर:
कवि परिचय : ये पंक्तियाँ सोना हिरनी नामक रेखाचित्र से दिया गया है । इस की लेखिका महादेवी वर्मा जी का जन्म उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद में हुआ है । हिन्दी साहित्य में छायावाद की प्रमुख लेखिका के साथ साथ संस्मरण तथा रेखाचित्र लेखिका के रूप में सुपरिचित है । आप की प्रमुख रचनाएँ है – नीहार, नीरजा, संध्यगीत, दीप शिखा, अतीत के चलचित्र, क्षणदा, श्रृंखला की कडियाँ, स्मृति की रेखाएँ, मेरा परिवार आदि । इन को ‘यामा’ पर ज्ञानपीठ पुरस्कार मिला है।

संदर्भ : लेखिका अपनी पालतू हिरन स्नेह से जुड़े रहने के बारे में बता रही है ।

व्याख्या : लेखिका कह रही है – अनेक विद्यार्थियों की भारी भरकम जी से सोना का क्या लेना देना था । वह तो उस दृष्टि को पहचान ती गुरु थी जिसमें उनका प्यार छलकता था और उन हाथों को जानती थी जिन्हों ने यनपूर्वक उसे दूध की बोतल मुह से लगाथी । सोना अपने स्नेह की अभिव्यक्ति के लिए लेखिका के सिर के ऊपर से कूदना आवश्यक लगेगा तो वह कूदेगी ही । लेखिका की किसी अन्य परिस्थितियों से प्रभावित होना उसके लिए संभव ही नहीं था ।

विशेषताएँ : जंगल के प्रणि मात्र के प्रति मनुष्य की संवेदना का सजीव चित्रण है | हिरन जंगली जीवी होते हुए भी मनुष्य के साथ मिल कर घुल- मिल जाने की रसात्मक कथा है ।

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4. उसने डिबिया बंद करके अपनी जेब में रख ली। फिर उसने आग जलाकर उस में सुगंध डाली और मंत्र पढ़ा जिससे वह महल गायब हो गया और गुफा और टीला भी गायब हो गया ।
उत्तर:
संदर्भ : यह वाक्य अंधे बाबा अब्दुल्ला नामक पाठ से लिया गया हैं ! यह कहानी ‘अलिफ लैला की कहानियाँ’ में से संकलित है । इस कहानी का मुख्य पात्र अब्दुल्ला है |

व्याख्या : अब्दुल्ला और फकीर 80 ऊँटो में रत्न और अषर्फियाँ लादते समय बाजूवाले कमरे के संदूक से एक लकडी की डिबिया मिलती है जिसमें मरहम रहता है । उस डिबिया को लेकर गुफा से बाहर आते ही मंत्र : पढकर फकीर गुफा को गायब करदेता है ।

विशेषता : यह दृश्य चमत्कृत एव अद्भुत है । यह कहानी तिलिस्म ‘और अय्यारी से मनोरंजक और रोचक बनगयी है ।

7. निम्नलिखित में से किन्हीं दो लघु प्रश्नों के उत्तर लिखिए ।

1. काम में दृढ़ता से लगे रहने से क्या प्रयोजन है ?
उत्तर:
काम में दृढ़ता से लगे रहने से काम आसानी से पूरा हो जाता है । दृढ़ता के कारण सुस्ती नहीं आती और कार्य में निरंतरता बनी रहती है । दृढ़ता से युक्त मनुष्य ही संसार में यथार्थ गौरव पा सकता है ।

2. कुत्ते का स्वभाव क्या है ?
उत्तर:
कुत्ता स्वामि और सेवक में अंतर जानता है और स्वामी की प्रत्येक मुद्रा से परिचित रहता है। स्नेह से बुलाने पर गद्गद होकर निकट आ जाता है और क्रोध करते ही सभीत और दयनीय बनकर दुबक जाता है ।

3. मरहम की विशेषता क्या है ?
उत्तर:
‘मरहम’ जख्म होने पर लगाया जानेवाला एक लेप है । मगर यहाँ – इसकी विशेषता है कि – मरहम को एक बाई अँख में लगाओंगे तो सारे संसार के गुप्त कोश दिखाई देने लगेंगे । किन्तु अगर इसे दाहिनी आँख में लगायेंगे. सर्देव केलिए अंधे हो जायेंगे ।

4. डाकुओं के सरदार ने क्या कहा ?
उत्तर:
डाकुओं के सरदार ने कहा- हमें उल्लू बनाना चाहता है ? अपने घर की तिजोरी का नंबर इसे नहीं मालूम है ? लातों के भूत बातों से नहीं मानते।

8. निम्नलिखित में से किन्हीं दो लघु प्रश्नों के उत्तर लिखिए । (2 × 2 = 4)

1. पश्चात्ताप के बारे में दुर्योधन ने क्या कहा ?
उत्तर:
पश्चात्ताप के बारे में दुर्योधन ने कहा – युधिष्ठिर ! तनिक अपनी ओर तो देखो ! पश्चात्ताप तो तुम्हे होना चाहिए ! मै क्यो पश्चात्ताप करुगा ? मै ने ऐसा कौन – सा पाप किया है ? मैं ने अपने मन के भावों को गुप्त नहीं रखा, मैं ने षडयंत्र नही किया, मैं ने गुरजनों का वध नहीं किया ।

2. रीता को फूल तोड़ते समय क्या हुआ ?
उत्तर:
रीता बगीचे में पूजा के लिए फूल तोड रही थी । कोने मे घास बहुत ऊँची – ऊँची थी । रीता के पैर पर से साँप लहराता हुआ गुजरा और सर्र से झाडियों में गायब में गाया हो गया। कुछ ही देर में पैर में झुनझुनी – सी होने लगी । रोशनी में ध्यान से देखा तो बारीक गोल गोल निशान बने दिखायी दिये । उनमें से हलका सा खून भी छलक आया था ।

3. ‘रीढ़ की हड्डी’ एकांकी का मुख्य उद्देश्य क्या है ?
उत्तर:
भारतीय समाज की कई समस्याओं का चित्रण करना ही ‘रीढ़ की हड्डी’ का मुख्य उद्देश्य है । लड़कियों को लड़कों के बराबर न देखना, जल्दबाजी करके अयोग्य के गले लड़की मढ़ देना, लड़की के पिता की लाचारी, लड़कियों को प्राणहीन वस्तु की तरह देखने की मानसिकता, उच्चशिक्षा प्राप्त युवकों में व्यक्तित्व का अभाव- इत्यादि कई समस्याएँ चित्रित करने में एकांकी का उद्देश्य पूरा हुआ ।

4. जल में छिपा बैठा दुर्योधन को युधिष्ठिर ने कैसे पुकारा ?
उत्तर:
जल में छिपे दुर्योधन को युधिष्ठिर, ओ पापी, अरे ओ कपटी, दुरात्मा दुर्योधन कहकर पुकारता है । स्त्रियों की भाँति जल में छिपना नही. बाहर निकलकर आने केलिए युधिष्ठिर कहता है ।

9. निम्नलिखित प्रश्नों का वाक्य में उत्तर लिखिए । (5 × 1 = 5)

1. तुलसी के आराध्य कौन थे ?
उत्तर:
तुलसी के आराध्य भगवान श्रीरामचंद्र जी हैं ।

2. बिहारी किसके भक्त थे ?
उत्तर:
श्रीकृष्ण ।

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3. ‘हिमाद्रि से’ गीत किस संकलन से लिया गया है ?
उत्तर:
चंद्रगुप्त नाटक से

4. किसकी मेहनत बेकार नहीं होती ?
उत्तर:
चींटी की मेहनत बेकार नहीं होती ।

5. दिनकर जी की रचनाओं में कौन सा रस पाया जाता है ?
उत्तर:
वीर रस ।

10. निम्नलिखित प्रश्नों का एक वाक्य में उत्तर लिखिए ।

1. ‘अपना – पराया’ कहानी के कहानीकार कौन हैं ?
उत्तर:
अपना पराया कहानी के कहानीकार जैनेंद्र कुमार जी हैं ।

2. डॉ. श्यामसुंदर दास ने युवा पुरुषों के लिए कौन सा उपदेश दिया ?
उत्तर:
डॉ. श्यामसुंदर दास ने युवा पुरुषों के लिए आलस्य को छोड़ने का उपदेश दिया ।

3. मनुष्य किसको असुंदर और अपवित्र मानता है ?
उत्तर:
मनुष्य मृत्यु को असुन्दर ही नहीं अपवित्र भी मानता है ।

4. बाबा अब्दुल्ला कहाँ पैदा हुआ था ?
उत्तर:
बाबा अब्दुल्ला ‘बगदाद’ में पैदा हुआ था ।

5. तिजोरी किस पेड़ के नीचे है ?
उत्तर:
नीम के पेड़ |

खंड – ख (40 अंक)

11. निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर इसके नीचे दिये गये प्रश्नों के उत्तर दीखिए । (5 × 2 = 10)

भारत एक प्रजातांत्रिक देश है । इस विशाल भारत में 1652 भाषाएँ बोली जाती हैं । भारत की मुख्य भाषा हिंदी है। हिंदी सभी देशवासियों को एक सूत्र में जोड़ती है। हिंदी मीठी तथा जनमानस की भाषा है । यह एक वैज्ञानिक भाषा भी है। इसमें जो बोला जाता है वही लिखा जाता है । हिंदी भारत की राजभाषा तथा राष्ट्रभाषा है | हिंदी को भारत की राजभाषा के रूप में 14 सितंबर, 1949 को स्वीकार किया गया | इसके बाद संविधान के अनुच्छेद 343 से 351 तक राजभाषा के संबंध में व्यवस्था की गई। इसकी स्मृति को ताजा रखने के लिए या स्मृति के रूप में 14 सितंबर का दिन हर साल ‘हिंदी दिवस’ के रूप में मनाया जाता है । धारा 341 (1) के अनुसार भारतीय संघ की भाषा ‘हिंदी’ एवं लिपि ‘देवनागरी’ है और संघ के शासकीय प्रयोजनों के लिए प्रयोग होनेवाले अंकों का रूप, भारतीय अंकों का रूप अंतराष्ट्रीय रूप होगा | भारतीय संविधान की धारा 341 के अनुसार 14 सितंबर, 1950 को राष्ट्रभाषा को रूप में हिंदी को घोषित किया गया । भारत में सैकड़ों भाषाएँ बोले जाने पर भी जिनमें से 15 भाषाओं को संविधान में राष्ट्रभाषा के रूप में मान्यता दी गई है जो भारत की करेंसी या मुद्रा पर हिंदी और अंग्रेज़ी के अलावा 15 भाषाओं का प्रयोग होता है ।

प्रश्न :
1. भारत की राजभाषा तथा राष्ट्रभाषा क्या थी ?
उत्तर:
हिंदी भारत की राजभाषा तथा राष्ट्रभाषा थी ।

2. हिंदी को राजभाषा के रूप में कब स्वीकार किया गया ?
उत्तर:
14 सितंबर 1949 को हिंदी को राजभाषा के रूप में स्वीकार किया गया ।

3. हिंदी दिवस कब मनाया जाता है ?
उत्तर:
प्रति वर्ष 14 सितंबर 1949 को हिंदी दिवस मनाया जाता है ।

4. भारत की करेंसी या मुद्रा पर कितनी भाषाओं का प्रयोग होता है ?
उत्तर:
भारत की करेंसी या मुद्रा पर हिंदी और अंग्रेजी के अलावा 15 भाषाओं का प्रयोग होता है ।

5. उपर्युक्त गद्यांश का उचित शीर्षक दीजिए ।
उत्तर:
राजभाषा हिंदी |

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12. निम्नलिखित शब्दों में से किन्हीं पाँच शब्दों का संधि-विच्छेद कीजिए । (5 × 1 = 5)

1. पुनर्जन्म
2. निष्फल
3. दुरात्मा
4. पुनः स्मरण
5. प्रातः काल
6. निस्सार
7. नमस्कार
8. दुर्बल
9. तपोबल
10. मनोहर
उत्तर:
1. पुनर्जन्म = पुनः + जन्म
2. निष्फल = निः + फल
3. दुरात्मा = दुः + आत्मा
4. पुनः स्मरण = पुनः + स्मरण
5. प्रातः काल = प्रातः + काल
6. निस्सार = निः + सार
7. नमस्कार = नमः + कार
8. दुर्बल = दुः + बल
9. तपोबल = तपः + बल
10. मनोहर = मनः + हर

13. निम्नलिखित शब्दों में से किन्हीं पाँच शब्दों के समास के नाम लिखिए । (5 × 1 = 5)

1. आजीवन
2. कोनों – कान
3. हलधर
4. जयचंद्रकृत
5. पवन पुत्र
6. कवि श्रेष्ट
7. अनाचार
8. दिनदयालु
9. गुरूदेव
10. नव रत्न
उत्तर:
1. आजीवन = अव्ययीभाव समास (विग्रहवाक्य : जीवन भर )
2. कोनों कान = अव्ययीभाव समास (विग्रहवाक्य : कान ही कान में )
3. हलधर = बहुव्रीहि समास (विग्रहवाक्य : हल को धारण करनेवाला)
4. जयचंद्रकृत = तत्पुरुष समास (विग्रहवाक्य : जयचंद्र से कृत)
5. पवन पुत्र = तत्पुरुष समास (विग्रहवाक्य : पवन का पुत्र)
6. कवि श्रेष्ट = तत्पुरुष समास (विग्रहवाक्य : कवियों में श्रेष्ठ)
7. अनाचार = नञ तत्पुरुष समास (विग्रहवाक्य : न आचार)
8. दीनदयालु = कर्मधारय समास (विग्रहवाक्य : दीनों पर दयालु)
9. गुरूदेव = कर्मधारय समास ( विग्रहवाक्य : गुरु रूपी देव)
10. नव रत्न = द्विगु समास (विग्रहवाक्य : नौ रत्नों का समाहार)

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14. (अ) निम्नलिखित वाक्यों में से किन्हीं पाँच वाक्यों को हिंदी में अनुवाद कीजिए । (5 × 1 = 5)

1. Joshi is a good administrator.
उत्तर:
जोशी एक अच्छा प्रशासक है ।

2. Respect your teacher.
उत्तर:
अध्यापकों का सम्मान करी ।

3. Subhash Chandra Bose.
उत्तर:
शुभाषचंद्र बोस एक स्वतंत्रता सेनानी है |

4. Rakesh is playing in the play ground.
उत्तर:
राकेश मैदान में खेल रहा है ।

5. Work is worship.
उत्तर:
कर्म ही पूजा है ।

6. Srikanth ate bread.
उत्तर:
श्रीकांत ने रोटी खाई ।

7. Beauty is truth..
उत्तर:
सौंदर्य ही सत्य है ।

8. The pen is on the table.
उत्तर:
कमल मेज पर है।

9. Peacock is beautiful bird..
उत्तर:
मोर सुंदर पक्षी हैं ।

10. He is going.
उत्तर:
वह जा रहा है ।

(आ) निम्नलिखित वाक्यों में से पाँच वाक्यों का शुद्ध रूप लिखिए | (5 × 1 = 5)

1. अध्यापक आते ही विद्यार्थी चले गये । (अशुद्ध )
उत्तर:
अध्यापक के आते ही विद्यार्थी चले गये । (शुद्ध)

2. शेषकुमार किससे रुपया पूछा ? (अशुद्ध)
उत्तर:
शेषुकुमार ने किससे रुपया माँगा ? (शुद्ध)

3. मेज में पुस्तकें रखी हैं। (अशुद्ध)
उत्तर:
मेज पर पुस्तकें रखी हैं। (शुद्ध)

4. जेब पर रुपये हैं। (अशुद्ध)
उत्तर:
जेब में रुपये हैं । (शुद्ध)

5. तुम यहाँ नहीं लिखो । (अशुद्ध )
उत्तर:
तुम यहाँ मत लिखो । (शुद्ध)

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6. अर्जुन का एक मकान है । (अशुद्ध )
उत्तर:
अर्जुन के एक मकान हैं । (शुद्ध) (स्थिर संपत्ति )

7. दशरथ की तीन रानियाँ थीं । (अशुद्ध)
उत्तर:
दशरथ के तीन रानियाँ थीं । (शुद्ध) (संबंधी)

8. मैं छुट्टियों में नागार्जुन सागर जाना होगा । (अशुद्ध )
उत्तर:
मुझे छुट्टियों में नागार्जुन सागर जाना होगा। (शुद्ध) (मै+ को = मुझे)

9. राम वन जाना पड़ा । (अशुद्ध )
उत्तर:
राम को वन जाना पड़ा । (शुद्ध)

10. वह गुंटूर जाना है । (अशुद्ध)
उत्तर:
उसे गुंटूर जाना है । (शुद्ध) (वह + को = उसे)

15. निम्नलिखित गद्यांश का संक्षिप्तीकरण कीजिए । (1 × 5 = 5)

मनुष्य के लिए प्रतिभा नहीं, उद्देश्य आवश्यक है । विश्वास करिए, आँख मींच कर फेंका हुआ तीर अपना लक्ष्य नहीं बेध सकता, अंधे होकर भागने से मार्ग नहीं कट सकता, आँख मूंद कर बेमौसम बीज फेंकनेवाला किसान कभी सफल नहीं होता । भला आप उस व्यक्ति के बारे में क्या सोचेंगे जो गाड़ी में सवार होने के लिए स्टेशन पर पहुँचा हुआ है, पर जिसे यह नहीं मालूम कि उसे कहाँ जाना है। हम सब भी विश्व के रंगमंच पर आए हुए हैं। जीवन की नौका को संसार में खेने से पूर्व हमें जान लेना चाहिए कि हमें जाना कहाँ है । अत: हम अपनी इन बंद आँखों को खोल लें, उद्देश्य बनाएँ और चल पढ़ें । जिस नायिक ने लक्ष्य स्थिर नहीं किया उसके अनुकूल हवा कभी नहीं ‘चलेगी । तुम शव नहीं हो कि संसार सागर की लहरें जिस किनारे चाहें तुम्हें पटक दें, परिस्थितियाँ जिधर चाहें ले चलें । भाग्य के नाम पर तुमको प्रवाह में बहना नहीं है अपितु प्रवाह का रुख बदलना है ।
उत्तर:

मानव जीवन का उद्देश्य

मनुष्य के विषय में प्रतिभा की तुलना उद्देश्य अहं है । बिना उद्देश्य के चलनेवाले का रास्ता कठिन बन जाता है। जीवन के आरंभ से ही. उद्देश्य तथा लक्ष्य को निर्धारित करना है । उद्देश्य को तय करने से भाग्य के प्रभाव को भी बदला जा सकता है ।

16. निम्नलिखित में से किन्हीं पाँच वाक्यों का वाच्य बदलिए । (1 × 5 = 5)

1. वह नहीं सोता ( कर्तृ)
उत्तर:
उससे सोया नहीं जाता । (भाव)

2. मैं नहीं चल सकता । (कर्तृ)
उत्तर:
मुझसे चला नहीं जाता । (भाव)

AP Inter 2nd Year Hindi Model Paper Set 3 with Solutions

3. लड़कियाँ नहीं दौड़ सकतीं। (कर्तृ)
उत्तर:
लड़कियों से दौड़ा नहीं जाता । (भाव)

4. उससे चावल खाया जाएगा । (कर्म)
उत्तर:
वह चावल खाएगा । (कर्तृ) ( फूल – पुलिंग )

5. कवि कविता लिखेगा । (कर्तृ)
उत्तर:
कवि से कविता लिखी जाएगी। (कर्म) (कविर्ता – स्त्रीलिंग)

6. रामबाबू मिठाई खाएगा । (कर्तृ)
उत्तर:
रामबाबू से मिठाई खायी जाएगी । (कर्म) (मिठाई – स्त्रीलिंग)

7. कुमार हिंदी सीखेगा । (कर्तृ)
उत्तर:
कुमार से हिंदी सीखी जाएगी। (कर्म) (हिंदी स्त्रीलिंग)

8. हम फिल्म देखेंगे | (कर्तृ)
उत्तर:
हमसे फिल्म देखी जाएगी। (कर्म) (फिल्म – स्त्रीलिंग)

9. श्रावणी से फूल लाया जाता है । (कर्म)
उत्तर:
श्रावणी फूल लाती है । (कर्तृ) ( फूल – पुलिंग)

10. कृष्ण से बाँसुरी बजायी जाती है । (कर्म)
उत्तर:
कृष्ण बाँसुरी बजाता है । (कर्तृ) (बाँसुरी – स्त्रीलिंग)

AP Inter 2nd Year Hindi Model Paper Set 2 with Solutions

Access to a variety of AP Inter 2nd Year Hindi Model Papers Set 2 allows students to familiarize themselves with different question patterns.

AP Inter 2nd Year Hindi Model Paper Set 2 with Solutions

Time : 3 Hours
Max Marks : 100

सूचनाएँ :

  1. सभी प्रश्न अनिवार्य हैं ।
  2. जिस क्रम में प्रश्न दिये गये हैं, उसी क्रम से उत्तर लिखना अनिवार्य है ।

खंड – क ( 60 अंक)

1. निम्नलिखित दोहे की पूर्ति करते हुए भावार्थ सहित विशेषताएँ लिखिए । (1 × 8 = 8)

राम नाम मनि …………………….
………………. जौ चाहसि उजियार ||
उत्तर:
भावार्थ : कवि तुलसीदास कहते हैं ‘राम’ शब्द मणि के समान है । इसे दीप के रूप में द्वार पर रखे तो भीतर – बाहर प्रकाश फैलता है । उसी प्रकार मुह में राम शब्द का प्रयोग करने से देह के भीतर – बाहर भी उजियाला
होगा । अर्थात राम शब्द से मन की शुद्धी होगी |

अथवा

कोऊ कोटिक ………………….
……………………बिपति बिदारन हार ||
उत्तर:
भावार्थ : कवि बिहारीलाल इस दोहे के माध्यम से कह रहे हैं कि “कोई लाखों करोडों रूपये कमा लेते हैं, कोई लाखों या हजारों रूपये कमा लेते हैं । मेरी दृष्टि में धन का कोई महत्व नहीं है। मेरी दृष्टि में इस संसार की सबसे अनमोल संपत्ति मात्र श्रीकृष्णा ही है जो हमेशा मेरी विपत्तियों को नष्ट कर देते हैं, मुझे सदा सुखी रखते हैं । इसलिए सदा श्रीकृष्ण का नाम स्मरण करना चाहिए ।

2. किसी एक कविता का सारांश बीस पंक्तियों में लिखिए । (1 × 6 = 6)

1. ‘कोशिश करनेवालों की कभी हार नहीं होती’ कविता पर अपने विचार व्यक्त कीजिए ।
उत्तर:
कवि – परिचय : प्रस्तुत कविता ‘कोशिश करनेवालों की कभी हार नहीं होती’ के कवि हरिवंशराय बच्चन जी हैं । आप हिन्दी साहित्य में हालावाद के प्रवर्तक माने जाते हैं । आपने प्रयाग विश्वविद्यालय में अंग्रेजी प्रोफेसर के रूप में कार्य क्रिया । ‘मधुशाला’, ‘मधुकलश’ आपके बहुचर्चित काव्य हैं । प्रस्तुत कविता में मनुष्य को निरंतर प्रयत्नशील बनकर रहने का संदेश दिया गया है ।

सारांश : कवि प्रस्तुत कविता में मनुष्य को निरंतर कोशिश करने की सीख देते हैं । अपनी बात की पुष्टि के लिए वे अनेक उदाहरण भी प्रस्तुत करते हैं । वे कहते हैं- “यदि लहरों से डर गयी तो नौका समुंदर में आगे नहीं बढ़ सकती, उसी प्रकार मनुष्य को भी जीवन में असफलताओं से डरना नहीं चाहिए | नन्हीं चींटी दाना लेकर दीवारों पर चढ़ती है, किन्तु कई बार फिसलकर नीचे गिर जाती है । फिर भी वह अपनी लगन नहीं छोड़ती और मंजिल पहुँचने तक उसका प्रस्थान नहीं रुकता । चींटी की कोशिश कभी व्यर्थ नहीं जाती । जिनके मन का विश्वास, रगों के अंदर साहस को भरता है – वे चढ़ने और गिरने में संकोच नहीं करते ।

समुंदर में डुबकी लगाकर मोतियों का अन्वेषण करते गोताखोरों को देखिए वे कितनी बार खाली हाथ लौटकर आते हैं ! समुंदर में मोती बहु गहराई पर होते हैं और इतनी आसानी से वे हाथ नहीं आते । पर हर हार के बाद वे दुगुना उत्साह लेकर कोशिश करते हैं । अर्थात् मोतियों को पाने की बेताबी के कारण उनका उत्साह बढ़ जाता है । वे तब तक लगातार प्रयास करते रहते हैं जब तक मोती उनके हाथ नहीं आते। आखिर वे अपनी मनचाही वस्तु पाकर ही रहते हैं। किसी न किसी दिन उनकी मुट्ठियाँ मोतियों से भर जाती हैं । निरंतर कोशिश करनेवालों की कभी हार नहीं होती ।

इससे जानना चाहिए कि असफलता एक चुनौती है और उसे स्वीकार करना चाहिए। पिछले प्रयास में हमने क्या किया और उसमें क्या कमी है – इन बातों की समीक्षा करके अपने आपको सुधारना चाहिए । पुनः उत्साह से प्रयास करना चाहिए । जब तक सफल नहीं होते तब तक नींद और आराम को छोड़ देना चाहिए । मनुष्य को कदापि संघर्ष का मैदान छोड़कर भागना नहीं चाहिए | क्योंकि जीवन में यश की प्राप्ति आसानी से नहीं होती । उसके लिए कठोर परिश्रम करना पड़ता है ।”

विशेषताएँ : कवि ने निरंतर प्रयास का महत्व बहुत प्रभावशाली ढंग से समझाया । उनके अनुसार मनुष्य को कभी प्रयास रोकना नहीं चाहिए | कविता में प्रवाहमान शैली है। सरल और शुद्ध खड़ीबोली का प्रयोग कुल मिलाकर बच्चन जी की सफल कविता है ।

AP Inter 2nd Year Hindi Model Paper Set 2 with Solutions

2. ‘परशुराम की प्रतीक्षा’ कविता का सारांश लिखिए ।
उत्तर:
कवि परिचय : परशुराम की प्रतीक्षा कविता के कवि श्री रामधारी सिंह दिनकर जी आधुनिक युग के सर्वश्रेष्ठ और वीर रस के कवि के रूप में प्रसिद्ध हैं | आप का जन्म बिहार के मुंगेर जिले के सिमरिया नामक गाँव में सन् 1908 ई. को हुआ । कुरुक्षेत्र, ऊर्वशी, रश्मिरथी, परशुराम की प्रतीक्षा आपके प्रमुख काव्य संग्रह हैं । ज्ञानपीठ पुरस्कार के साथ साथ भारत सरकार द्वारा पद्मभूषण से अलंकृत किया गया । इन का निधन 1974 में हुआ ।

सारांश : परशुराम की प्रतीक्षा एक खंड काव्य है । भारत चीन युद्धानंतर देश की परिस्थितियाँ बदलवगयी । देश में निराशा हताशा कि स्थिति फैली हुई थी, ऐसी स्थिति को दूर करने के लिए परशुराम जैसे वीर के पुनः जन्म की प्रतीक्षा थी इसी प्रतीक्षा को लेकर यह लिखा गया है । परशुराम की प्रतीक्षा काव्य के माध्यम से कवि दिनकर जी ने भारतीय संस्कृति के महत्व का परिचय दिया है। भारत की संस्कृति सर्वोन्नत है ही ।

कवि कह रहे हैं हम कैसी बीज बो रह हैं हमे पता ही नहीं, पर यहाँ की धरती दानी है । मनुष्य उसको जब भी जल कण देता उस के दान वृथा नहीं होने देती, बदले में कुछ न कुछ देती है । यह धरती वज्रों का निर्माण करती है । यह देश और कोई नहीं, केवल हम और तुम है । यह देश किसी और के लिए नहीं सिर्फ़ और सिर्फ़ हमारा और तुम्हारा है । भारत में न तो जाति का न तो गोत्रों का बन्धन है । अनेकता में एकता रखने वाला देश है । इस देश में महात्मा गांधी और गौतम बुद्ध जैसे महा पुरुषों का जन्म हुआ | इन महा पुरुषों के त्याग की नीव पर इस देश का निर्माण हुआ है, शंकराचार्य का शुद्ध विराग लेकर आते हैं । यह भी सच है कि जब जब भारत का गौरव खतरे में पड़ता है तब तब यहाँ के लोग उग्र रूप धारण करके आंखों में आग लिए आते हैं पर स्वदेश (भारत) का भाग्य लिए आते हैं। भारत पर चीन के आक्रमण के समय भारत का गौरव घायल हुआ है । इसीलिए भारत के लोग चोट खाये भुजंग की तरह क्रोधित हो कर सुलगी हुई आग बना देते हैं । जब किसी जाति का आत्म सम्मान चोट खाता है, आग प्रचंड हो कर बाहर आती है। यह चोट खाये स्वदेश का बल वही है। ऐसी परिस्थिति में देश के उद्धार के लिए परशुराम जैसे वीर आदर्श पुरुष की प्रतीक्षा करते हैं । परशुराम के आदर्शों के बल पर भारत का भाग्योदय संभव है ।

3. किसी एक पाठ का सारांश 20 पंक्तियों में लिखिए । (1 × 6 = 6)

1. ‘आलस्य और दृढ़ता’ पाठ का सारांश लिखिए ।
उत्तर:
लेखक – परिचय : प्रस्तुत पाठ ‘आलस्य और दृढ़ता’ के लेखक बाबू श्यामसुंदर दास हैं । आप हिन्दी के जाने-माने विद्वान और आलोचक हैं | आप बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय में हिन्दी विभाग के प्रथम अध्यक्ष थे | कांशी नागरी प्रचारिणी सभा के संस्थापकों में आप भी एक थे । आपने विश्वविद्यालयों में हिन्दी को एक पाठ्य विषय के रूप में स्थान दिलाया । प्रस्तुत लेख में आप युवापीढ़ी को आलस्य छोड़ने का संदेश देते हैं ।

सारांश : प्रस्तुत पाठ एक प्रबोधात्मक लेख है । लेखक ने इस लेख के द्वारा जीवन में आलस्य को छोड़ने तथा दृढ़ता को अपनाने का संदेश दिया है । उनके अनुसार आज की युवापीढ़ी के लिए इससे अच्छा संदेश दूसरा नहीं होगा कि ‘कभी आलस्य न करें।’ आलस्य का अर्थ है सुस्ती । लेखक सुझाव देते हैं कि चाहे जितना भी कम समय के लिए हो, एक काम को रोज नियमित रूप से करना चाहिए । इस प्रकार किसी काम को रोज नियमित ढ़ंग से करने से एक वर्ष के बाद हम उस काम में माहिर बन जायेंगे । इस नियम के द्वारा हमारे सामने चाहे जितना भी बड़ा लक्ष्य हो, उसे आसानी से पूरा किया जा सकता है। बीज तो देखने में छोटा ही है किन्तु उसीमें एक बड़ा वृक्ष छिपा रहता है ।

लेखक कहते हैं – ” जल्दबाजी और अस्थिरता जीवन में आलस्य की तरह बुरे गुण हैं । आलसी आदमी व्यर्थ ही मुश्किलों का आह्वान करता है । जिन्दगी में वहीं सफल मनुष्य कहलायेगा जो व्यर्थ प्रलापों में समय नष्ट नहीं करता और हर समय काम में लगा रहता । जो समय नष्ट करता है वह अपने घर को चोरों के लिए छोड़ रखे मकान मालिक जैसा ही मूर्ख है ! एक काम के पूरा होने के बाद ही दूसरे काम में लगना श्रेष्ठता की पहचान है । परिश्रम के बिना संसार में कोई काम नहीं बन सकता । यह संसार मेहनती लोगों के लिए है । इसलिए सबको परिश्रम का मूल्य जानना होगा । दृढ़ता के साथ किसी काम में लगे रहनेवाला मनुष्यं ही आगे चलकर गौरव पा सकता । आलस्य को छोड़ने से मन की दृढ़ता अपने आप आ जाती है ।

दृढ़ता से परिपूर्ण व्यक्ति भविष्य में आनेवाली विघ्न-बाधाओं के बारे में सोचता । वह पक्के मन से कार्यक्षेत्र में उतरता है। ऐसे दृढ़वान मनुष्य की लगन के सामने चाहे कितना भी बड़ा संकट हो, टिक नहीं सकता । सामने की कठिनाई को देखकर हमें साहस छोड़ना नहीं चाहिए । दृढ़ता से एक-एक कदम आगे बढ़ायेंगे तो चाहे पहाड़ जितना भी बड़ा हो, आसानी से उसकी चढ़ाई की जा सकती है। विशेषकर, किसी कार्य के आरंभ होने से पहले उस कार्य की विघ्न-बाधाओं को देखकर डरना नहीं चाहिए । क्योंकि आरंभ में सभी कार्य कठिन होते हैं । वह आदमी जिन्दगी में कुछ भी नहीं कर सकता जो यह सोचकर पासा पटक देता है कि पहली बार ही उसे खेल में जीत नहीं मिली । परिश्रम और सबर जिन्दगी के खेल में बहुत महत्वपूर्ण हैं ।”

विशेषताएँ : इस लेख के द्वारा रचइता ने जीवन के कई मूल्यों को बहुत प्रभावशाली ढंग से सिखाया । लेख में अंग्रेजी साहित्य से भी कई उदाहरण दिये गये । इससे लेखक के गहन अध्ययन का पता चलता है । यह पाठ युवाओं के लिए अत्यंत मूल्यवान है । भाषा सरल व गंभीर है और शैली प्रवाहमान है ।

AP Inter 2nd Year Hindi Model Paper Set 2 with Solutions

2. ‘नंबरोंवाली तिजोरी’ कहानी का सारांश लिखिए ।
उत्तर:
कवि परिचय : “नंबरोंवाली तिजोरी’ नामक हास्य कथालेखक कुंवर सुरेश सिंह जी हैं। सुरेश सिंह जी का जन्म 1935 में उत्तर दश के कालाकाँकर के राज परिवार में हुआ। वे हिन्दी के सुपरिचित साई हैं तथा आइ.ए.एस अफसर भी हैं । आपकी रचनाएँ हैं ‘पंत और कालाकाँकर’ अवं ‘यादों के झरोखे से’ । इनकी रचनाएँ भारत कार द्वारा पुरस्कृत हैं ।

सारांश : यह एक तिजोरी को लेकर लिखी गई हास्य रचना है । राजा – रईस तो अब नहीं रहे पर उनकी यादें अभी तक नहीं भूली गई, राजा रईसों के यहाँ नौकरी करना हंसी – खेल की बात नहीं । कहानी के मुख्य पात्र “मैं” के चाचा छुईखदान महाराजा के यहाँ नौकर थे, उन्हीं की शिफ़ारिश से “मैं” को नौकरी मिल गयी । रियासत में दस साल सर्वीस करने के बाद जमीन्दारी खत्म हो गयी। राजा साहब द्वारा कटाई गई टिकट के सहारे बिना कौडी के “मै’ अपने घर वापस आ गये। आते-आते राजा साहव से भेंट में मिली खाली, बंद तिजोरी के साथ | यह तिजोरी आज भी नीम के नीचे पड़ी है जिस पर दिन भर लड़के उछल-कूद मचाया करते हैं ।

आखिर यह तिजोरी आयी तो क्यों आयी, इसे मकान के बाहर क्यों फेंका गया इस के बारे में “मैं” पात्र बता रहा है । राजा साहब ने तिजोरी मैनेजर को तोहफ़े में दिया था । यह राय साहब की एक मात्र यादगार है इसलिए इसे संभाल कर रखना भी जरूरी हो गया । यह तिजोरी रौनख बढ़ाने के अलावा किसी काम की नहीं रही । यहाँ तक कि अचार, चटर्नी, दूध बिल्ली से बचाने में भी बेक़ाम है । इस तिजोरी को राजा साहब के वालिद साहब ने रियासत में ला रखा था और यह नंबरों वाली तिजोरी है । इसे खोलने के नंबर राजा साहब के वालिद के अलावा किसी को पता नहीं । मैनेजर ने इसे अपनी कोठी में रखना बढ़प्पन मानते थे। कई दिनों तक इस तिजोरी के कारण मैनेजर की खूब चर्चा चलती रही ।

एक दिन मैनेजर कुंभकर्ण की तरह गहरी नींद में खर्राटे भर रहे थे । डाकु घर में चोरी के लिए घुसे । खोज – बीन के बाद डाकुओं को कुछ भी न मिलने कारण तलाशी मे मैनेजर के कमरे में गये । डाकुओं के हाथों में बल्लम तने हुए थे उन्हें देख कर मैनेजर कांपने लगा | डाकुओं की निगाह तिजोरी पर पड़ी । तिजोरी को फोड़ने शताधिक प्रयत्न करके विफल रहे । तिजोरी की चाबी के लिए मैनेजर की खूब पिटाई की। मैनेजर ने कहा यह लाले से नहीं बलकी नंबरों से खुलती है। नंबरों के लिए बेहद पिटाई की, यहाँ कि जलाने के लिए गर्म सलाखा मंगवाया इतने में चौकीदार चौंक कर हा मचाते वहाँ पहुंचता है तो डाकू भाग जाते हैं । दूसरे दिन ही उठा कर में जर ने तिजोरी महल में पहुंचा दी। यह राजा साहब के तोहफ़े की शकल “मैं” के घर पहुंची, उसे घर में रखने की हिम्मत न होने कारण “मैं” ने नीम के पेड़ नीचे फेंकवा दिया ।

विशेषताएँ : यह एक हास्य कथा है। कमरे की रौनख बढाने के लिए लायी गयी तिजोरी के कारण डाकुओं से बेहद पिटे जाने वाले बेकसूर मैनेजर की कथा है। भाषा सरल तथा उर्दू से भरी है। शैली प्रवाहमान है।

4. किसी एक एकांकी का सारांश लिखिए । (1 × 6 = 6)

1. ‘सर्प दंश’ एकांकी का सारांश लिखिए |
उत्तर:
कवि परिचय : प्रस्तुत एकांकी सर्प – दंश की लेखिका शांति मेहरोत्रा है । शांति मेहरोत्रा जीने जनसाधारण से भोग – झेली यथार्य स्थितियां और घटनाएँ इस एकांकी में प्रस्तुत की है ।
सर्पदंश शब्द अपने आप में एक गंभीर समस्या नजर आती है । जिसके लिए त्वरित इलाज की जरुरत पडती हैं लेखिका ने इस सर्प दंश समस्या को व्यंगात्मक ढंग से प्रस्तुत किया है ।

सारांश : रीता नामक बाईस साल की एक लडकी सुबह के नौ बजे को पूजा के लिए फूल तोडते समय, बगीचे मे उसे साँप काटता है । घास के ज़्यादा उगने के कारण रीता साँप को ठीक से देख नही पाती है । लेकिन अपने पैर को ध्यान पूर्वक जब देखती है तो उसे दो गोल गोल बारीक – निशान दिखाई देते है जिनमें खून भी छलक आया था। वह तुरंत अस्पताल पहुँचती है। वहाँ क्यू में खडे रहने की नौबत आ पडती है । सर्प – दंश एक गंभीर समस्या है लेकिन रीता को क्यु में खडे होने के लिए मजबूर करते है । परचा बनाते समय कर्मचारी शर्मा तथा हरीलाल रीता को सताते है । हरीलाल, रीता से कहता है – लाइन में खडे – खडे मरने का आर्डर नही है, यहाँ से परचा बनवाकर वार्ड में पहुँच जाओ, जब जी चाहा जियो था । जी चाहा मरो ।

इतने में एक नीली साडी वाली औरत सबसे आगे जाकर परचा बनवा लेती है। रीता के पूछने पर हीरालाल जवाब देता है कि वह डाक्टर की रिश्तेदार है और इसलिए उसको क्य में खडे होने की जरूरत नही है |

रीता खडी नही हो पाती है। इसलिए हीरालाल के स्टूल पर बैठ जाती परचा बनवाने की जब उसकी बारी आती है तब उसको शर्मा से भिडना पडता है । शर्मा रीता से पूछने लगता है कि किस जाति का सांप ने उसको काटा ? रीता जब कहने लगती है कि उसने सांप को ध्यान से नही देखा, शर्मा चिढकर कहने लगता है कि मैं आपकी भलाई के लिए पूछ रहा हूँ हर जाति के सांप के काटे का प्रति विष अलग होता है। नाग के काटने पर करैत के काटे का इलाज होता है तो मरीज उल्टे इलाज से मरजाता है तो जिम्मेदारी किसकी बनेगी । रीता से पुन: विचार कर परचे पर सर्प दंश लिखकर भेजदेता हैं |

रीता जब डां. बहादुर से मिलने जाती है – तब उनके दरवाजे पर कर्मचारी रीता को रोकता है। रीता उसके हाथ में दस रुपये थमा देती है, रीता को तब कर्मचारी अंदर भेजता है । डॉ. बहादुर भी रीता से पूछने

लगता है कि सांप किस जाति का था वह विषैल साँप या कि साधारण ? उसका रूप, धारियाँ रंग कैसा नही था ? ऊँबकर रीता डाक्टर से करने लगते है कि उसने ध्यान नहीं दिया था कई सवाल जवाब के बाद बहादुर उसे एमर्जेन्सी में जाकर दवा के साथ पट्टी लगवाने की सलाह देता हैं ।

इतने में कर्मचारी से पता चलता है कि एमर्जेन्सी में एक पूरे बस के घायलो के इलाज के लिए लाया है । वह रीता को अब्जर्वेशन के लिए अस्पताल में भर्ती होने का सलाह देता है। रीता भर्ती होने के लिए सोचती ही रहती है कि इतने में हीरालाल उसके सामने आता है । रीता के यह कहने पर कि उसके माता पिता बाहर गये, तब हीरालाल यह कहकर रीता को शांत करता है कि वह स्वयं रीता के घर जाकर अगले दिन सुबह उसके माता – पिताजी को रीता का समाचार दें आयेगा । तब रीता उसके हाथ में दस रुपये रख देती है। हीरालाल खुश होकर रीता का खयाल रखने लगता है ।

रीता को दवाई लेने का समय होता है । वह सिस्टर से पानी माँगती है । सिस्टर चिढ़ – चिढ़कर बोलने लगती है कि घर से पानी आने तक थोडा इंतजार कर लीजिए ? इतने में हीरालाल सिस्टर के सामने आता है । हीरालाल से रीटा का जब समाचार मिलता है तब सस्टिर उससे कहने लगती है कि बेड नं तेरह रीता की मैं भी ख्याल रखूँगी ।

भोर होता है और रीता अस्पताल के बाहर निकलती है। हीरालाल जब सामने आता है तो उससे रीता कहती है कि मेरी जान बची है, अगर कोई सांप काटे का मरीज अस्पताल में इलाज के लिए आता है तंब हीरालाल उसे बोलने से रोकता है और कहता है कि उसे सीधे डाक्टर के पास भेजूँगा, लाइन में लगने केलिए हरगिज नही कहूँगा । धीरे – धीरे परदा गिरता है और एकांकी समाप्त हो जाती है ।

विशेषताएँ : एक सरकारी अस्पताल की कार्य- प्रणाली एवं उसके. कर्मचारियों तथा डाक्टरों की मानशिकता को व्यंग्यात्मक ढंग इस एकांकी में प्रस्तुत किया गया ।

AP Inter 2nd Year Hindi Model Paper Set 2 with Solutions

2. ‘रीढ़ की हड्डी’ एकांकी का सारांश लिखिए ।
उत्तर:
लेखक का परिचय : जगदीशचन्द्र माथुर हिन्दी साहित्य के जाने- माने नाटककार और एकांकीकार हैं । आपका साहित्य-सृजन भारतीय समाज को आधार बनाकर हुआ । आपने समाज की विविध विसंगतियों और समस्याओं को उजागर किया और विशेषकर नारी की समस्याओं का चित्रण उनके साहित्य में प्रचुर मात्रा में पाया जाता है । ‘भोर का तारा’, ‘ओ मेरे सपने’, ‘शारदीय’, ‘पहला राज’ आदि आपकी कृतियाँ हैं ।

सारांश : प्रस्तुत पाठ ‘रीढ़ की हड्डी’ एक सामाजिक एकांकी है । इसमें भारतीय समाज में व्याप्त नारी विरोधी विचारधारा का चित्रण किया गया है । एकांकी के मुख्य पात्र उमा, उसके पिता रामस्वरूप, लड़का शंकर और उसके पिता गोपालप्रसाद हैं। प्रेमा और रतन एकांकी के गौण पात्र हैं ।

उमा एक पढ़ी लिखी युवती है। वह मेहनत करके बी.ए. पास करती है और आत्मनिर्भर होना चाहती है । प्रेमा और रामस्वरूप उसके माता-पिता हैं | एक औसत मध्यवर्गीय पिता होने के कारण रामस्वरूप यथाशीघ्र अपनी बेटी का विवाह कर देना चाहता है। जल्दी में वह शंकर नामक युवक से उमा का विवाह तय करता है । शंकर मेडिकल कॉलेज का छात्र है और उसके पिता गोपालप्रसाद वकील है। लेकिन वे नहीं चाहते कि लड़की ज्यादा पढ़ी-लिखी हो । इसलिए रामस्वरूप उनसे झूठ बोलता है कि उसकी बेटी सिर्फ मेट्रिक पास है। दोनों को लड़की देखने घर आमंत्रित करता है । उस दिन वह बहुत घबराहट के साथ सारी तैयारियाँ करवाता है । पत्नी प्रेमा और नौकर रतन को कई काम सौंपता है । प्रेमा कहती है कि यह विवाह उमा को मंजूर नहीं है । किन्तु रामस्वरूप नहीं मानता । वह पत्नी को डाँटता है कि कुछ न कुछ करके लड़की को तैयार रखे। उसे डर है कि कहीं यह रिश्ता हाथ से न जाये ।

निश्चित समय पर शंकर अपने पिता के साथ लड़की को देखने आता है । शंकर एक उच्च शिक्षा प्राप्त युवक है किन्तु उसका अपना कोई व्यक्तित्व नहीं है । वह अपने पिता की बात पर चलनेवाला युवक है। पिता गोपालप्रसाद तो वकील है किन्तु उसके विचार पुराने हैं । वह चाहता है कि घर की बहू ज्यादा पढ़ी-लिखी न हो। इसलिए वह रामस्वरूप की बात मानकर, लड़की देखने आता है । पिता-पुत्र की बातों से उनका स्वार्थ और चतुराई स्पष्ट होती है । गोपालप्रसाद का विचार है कि लड़की और लड़के में बहुत अंतर होता है, इसलिए कुछ बातें लड़कियों को सीखनी नहीं चाहिए | उनमें शिक्षा भी एक है । वह कहता है कि मात्र लड़के ही पढ़ाई के लायक हैं, लड़कियों का काम बस घर को संभालना है ।

रामस्वरूप अपनी बेटी को दोनों के सामने पेश करता है और उमा सितार पर मीरा का भजन गाती है । गोपालप्रसाद उससे कुछ प्रश्न करता है तो वह कुछ जवाब नहीं देती। उमा से जब बोलने को बार-बार कहा जाता है तो वह अपना मुँह खोलती है । वह कहती है कि बाजार में कुर्सी – मेज वगैरा खरीदते समय उनसे बात नहीं की जाती । दूकानदार बस उनको खरीददार के सामने लाकर दिखाता है, पसंद आया तो लोग खरीदते हैं । उसकी बातें सुनकर गोपालप्रसाद हैरान हो जाता है । उमा तेज आवाज में कहती है कि लड़कियों के भी दिल होते हैं और उनका अपना व्यक्तित्व होता है । वे बाजार में देखकर खरीदने के लिए भेड़-बकरियाँ नहीं हैं । वह शंकर की पोल भी खोल देती है कि वह एक बार लड़कियों के हॉस्टल में घुसकर पकड़ा गया और नौकरानी के पैरों पर गिरकर माफी माँगी । इस बात से शंकर भी हैरान चलने लगता है और गोपालप्रसाद को मालूम हो जाता है कि वह पढ़ी-लिखी है । उमा हिम्मत से कहती है कि उसने बी. ए. पास की है । यह सुनकर गोपालप्रसाद रामस्वरूप पर नाराज हो जाता है और दोनों चलने लगते हैं । उमा गोपालप्रसाद को सलाह देती है कि ज़रा पता लगाये कि बेटे के रीढ़ की हड्डी भी है या नहीं ।’ यही पर एकांकी समाप्त होता है ।

विशेषताएँ : प्रस्तुत एकांकी का उद्देश्य भारतीय समाज की विविध समस्याओं को उजागर करना है । लड़कियों को लड़कों के बराबर न देखना, जल्दबाजी करके किसी अयोग्य के गले लड़की मढ़ देना, दहेज न दे पाने के कारण लड़की के पिता की लाचारी, लड़कियों को प्राणहीन बस्तु की तरह देखने की मानसिकता, उच्चशिक्षा प्राप्त युवकों में व्यक्तित्व का अभाव इत्यादि कई समस्याएँ इस एकांकी में चित्रित हैं । लेखक बताते हैं कि इनमें कई समस्याओं का एकमात्र समाधान ‘लड़की – शिक्षा’ है । उन्होंने उमा के पात्र से दिखाया कि पढ़ी-लिखी युवतियाँ कितनी ताकतवर होती हैं | रीढ़ की हड्डी व्यक्तित्व का प्रतीक है किन्तु शंकर का अपना व्यक्तित्व नहीं है । इसलिए एकांकी का शीर्षक ‘रीढ़ की हड्डी’ रखा गया। भाषा बहुत सरल और शैली प्रवाहमान है ।

5. निम्नलिखित में से किन्हीं दो पद्यांशों की संदर्भ सहित व्याख्या कीजिए । (2 × 4 = 8)

1. अराति सैन्य सिंधु में सुवाडवानिसे जलो ।
प्रवीर हो जयी बनी – बढ़े चलो, बढ़े चलो ।
उत्तर:
संदर्भ : ‘हिमाद्री से’ कविता के कवि जयशंकर प्रसाद जी हैं । प्रसाद जी छायावादी कविता के प्रकाश स्थंभ हैं । इनका जन्म सन् 1881 को काशी हुआ । आप कहानीकार, उपन्यासकार, नाटककार के रूप में सुप्रसिद्ध हैं । आपकी रचनाएँ हैं – कानन कुसुम, प्रेम पथिक, करुणालय, झरना आँसू लहर, कामायनी (महाकाव्य), कंकाल, तितली, इरावती, स्कंदगुप्त, चंद्रगुप्त आदि । इनकी भाषा- शैली स्वाभाविक एवं संवेदनशील है । इनका निधन 1937 ई. में हुआ |

संदर्भ : कवि अलका के माध्यम से भारत वासियों को उत्तेजित करते हुए देशभक्ति की मशाल जला रहे हैं ।
व्याख्या : भारत देश के गौरव चिह्न हिमालयों के द्वारा माता भारती अपने सुपुत्रों को बुला रही है । स्वाधीनता के संघर्ष में भाग लेने को प्रेरित कर रही है । शत्रुओं की सेना समुद्र जैसी अनन्त है । उस को हराना हँसी खेल नहीं है । फिर भी देश स्वतंत्रता के लिए सैनिकों को आगे बढ़ना ही होगा | ‘बाडव’ नामक अग्नि बन कर उस समुंदर को जलाना ही होगा । अर्थात दुश्मनों का अंत करके विजय पाना ही होगा । आप कुशल वीर हैं अवश्य विजयी होंगे ।

विशेषताएँ : यह गीत अलका के देशप्रेम, लगन और उत्साह को प्रदर्शित करता है । प्रसाद जी अपने समय में देश की स्थिति से प्रभावित हो कर अलका के मुह से यह गीत गवाया है । यह गीत देशाभिमान, जागृति और नवीनता से ओतप्रेत है ।

2. सफल हो सहज हो तुम्हारा त्याग,
नहीं निष्फल मेरा अनुराग,
सिद्धि है स्वयं साधन – भाग,
सुधा क्या, क्षुधा न जो होती ।
उत्तर:
कवि परिचय : प्रस्तुत पंक्तियाँ ‘ऊर्मिला का विरह गान’ नामक कविता से दी गयी है । इस के कवि श्री मैथिली शरण गुप्त जी हैं। गुप्त जी आधुनिक खड़ीबोली हिन्दी के प्रथम कवि हैं। खड़ीबोली को काव्य भाषा के रूप में निर्मित करते हुए एक नई दिशा देने वाले गुप्त जी का जन्म 1886 ई. को झांसी जिले के चिरगाँव में हुआ । गुप्त जी कवि, गद्य लेखक, चिंतक, विद्वान है साकेत, यशोधरा, पंचवटी, द्वापर, जयद्रथ वध, नहुष, भारत भारती, काबा और कर्बला आदि आपकी प्रसिद्ध रचनाएँ हैं । गुप्त जी का निधन 1964 में हुआ | गुप्त जी को भारत सरकार ने पद्मभूषण से सम्मानित किया ।

संदर्भ : ये पंक्तियाँ उर्मिला वनवास को गये लक्ष्मण को याद करती हुई दुःख भाव से कहती है ।

व्याख्या : हे प्रियतम ! मुझे आयोध्या के राजभवन में छोड़ कर तुम राज्य के भोगों को त्याग कर श्रीराम, सीतादेवी के साथ वनवास को सुख चले गये | तुम्हारा त्याग सहज तथा सरल, सफल होने की कामना करती हूँ । और आपके प्रति मेरा अनुराग कभी भी निष्फल नहीं जायेगा । आपको स्वयं सिद्धि भाग कर आपके पास पहुंचेगी। अमृत की तृषा में भूख भी नहीं होती ।

विशेषताएँ : अपने पती के वियोग, विरह में विदग्ध उर्मिला का वर्णन है | वियोग श्रृंगार का सफ़ल प्रस्तुतीकरण है । भाषा शुद्ध खड़ीबोली है ।

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3. नन्हीं चींटी जब दाना लेकर चलती है,
चढ़ती दीवारों पर, सौ बार फिसलती है ।
मन का विश्वास रगों में साहस भरता है,
चढ़कर गिरना, गिरकर चढ़ना न अखरता है ।
आखिर उसकी मेहनत बेकार नहीं होती ।
उत्तर:
कवि परिचय : प्रस्तुत कविता ‘कोशिश करनेवालों की कभी हार नहीं होती’ के कवि हरिवंशराय बच्चन जी हैं । आप हिन्दी साहित्य में हालावाद के प्रवर्तक माने जाते हैं । ‘मधुशाला’, ‘मधुकलश’ आपके बहुचर्चित काव्य हैं ।
संदर्भ : प्रस्तुत कविता में मनुष्य को निरंतर प्रयत्नशील बनकर रहने का संदेश दिया गया है ।

व्याख्या : प्रस्तुत पंक्तियों में कवि कहते है कि जब नन्हीं चींटी दाना लेकर दीवारों पर चढ़ती है, कई बार फिसलकर नीचे गिर जाती है । फिर भी वह अपनी लगन नहीं छोड़ती और मंजिल पहुँचने तक उसका प्रस्थान नहीं रुकता । चींटी की कोशिश कभी व्यर्थ नहीं जाती । जिनके मन का विश्वास, रगों में साहस को भरता है – वे चढ़ने और गिरने में संकोच नहीं करते । कोशिश करनेवालों की हार कभी नहीं होती ।

विशेषता : प्रस्तुत कविता का संदेश स्पर्धा से युक्त आधुनिक युग में अत्यंत महत्त्वपूर्ण है । कवि चींटी जैसे छोटे और सरल उदाहरण से गंभीर विषय को समझाते हैं | कविता उपदेशात्मक एवं प्रभावशाली है । भाषा बहुत सरल है ।

4. यह दान वृथा वह कभी नहीं लेती है,
बदले में कोई दूब हमें देती है ।
उत्तर:
कवि परिचय : परशुराम की प्रतीक्षा कविता के कवि श्री रामधारी सिंह दिनकर जी आधुनिक युग के सर्वश्रेष्ठ और वीर रस के कवि के रूप में प्रसिद्ध हैं । आप का जन्म बिहार के मुंगेर जिले के सिमरिया नामक गाँव में सन् 1908 ई. को हुआ । कुरुक्षेत्र, ऊर्वशी, रश्मिरथी, परशुराम की प्रतीक्षा आपके प्रमुख काव्य संग्रह हैं । ज्ञानपीठ पुरस्कार के साथ साथ भारत सरकार द्वारा पद्मभूषण से अलंकृत किया गया । इन का निधन 1974 में हुआ

संदर्भ : कवि दिनकर जी इन पंन्तियों के माध्यम से भारत की गारिमा का गान गा रहे हैं ।

व्याख्या : कवि भारत के संदर्भ में कह रहे हैं हम कैसी बीज बो रहे हैं हमे पता ही नहीं, पर यहाँ की धरती दानी है । मनुष्य उसको जब भी जल कण देता उस के दान वृथा नहीं होने देती, बदले में कुछ न कुछ देती है । यह धरती वज्रों का निर्माण करती है । यह देश और कोई नहीं, केवल हम और तुम है यह देश किसी और केलिए नहीं सिर्फ़ और सिर्फ़ हमारा और तुम्हारा है।

विशेषताएँ : कवि भारत के वैशिष्ट्य का गान गा रहे हैं । यह देशभक्ति भरी कवित है

6. निम्नलिखित में से किन्हीं दो गद्यांशों की संदर्भ सहित व्याख्या (2 × 4 = 8)

1. एक आलसी मनुष्य उस घरवाले के समान है जो अपना घर चोरों के लिए खुला छोड़ देता है ।
उत्तर:
कवि परिचय : प्रस्तुत गद्यांश ‘आलस्य और दृढ़ता’ नामक लेख से दिया गया है । इसके लेखक बाबू श्यामसुंदर दास हैं । आप हिन्दी के जाने- माने विद्वान और आलोचक हैं। आप बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय में हिन्दीविभाग के प्रथम अध्यक्ष थे । काशी नागरी प्रचारिणी सभा के संस्थापकों में आप भी एक थे । आपने विश्वविद्यालय स्तर पर हिन्दी को एक पाठ्य विषय के रूप में स्थान दिलाया । प्रस्तुत लेख में आप युवापीढ़ी को आलस्य छोड़ने का संदेश देते हैं ।

संदर्भ : सुस्ती या आलसीपन के कारण गंभीर मुश्किलों का सामना करना पड़ता है । आलसी आदमी उस मकान मालिक के समान है जो अपने घर को चोरों के लिए खुला छोड़कर तमाशा देखता है । क्योंकि आलसीपन अनेक समस्याओं को आश्रय देता है जो संपूर्ण जीवन का नाश कर देती हैं । अतः जीवन में कभी आलसी बनना नहीं चाहिए ।

विशेषता: यहाँ रचइता घर से एक व्यक्ति के जीवन की तुलना करते हैं । आलस्य के कारण हमारा जीवन अनेक समस्याओं का निलय होकर खाली हो जायेगा ।

2. कवि गुरु कालिदास ने अपने नाटक में मृगी – मृग – शावक आदि को इतना महत्व क्यों दिया है, यह हिरन पालने के उपरांत ही ज्ञात होता है ।
उत्तर:
कवि परिचय : ये पंक्तियाँ सोना हिरनी नामक रेखाचित्र से दिया गया है इस की लेखिका महादेवी वर्मा जी का जन्म उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद में हुआ है । हिन्दी साहित्य में छायावाद की प्रमुख लेखिका के साथ साथ संस्मरण तथा रेखाचित्र लेखिका के रूप में सुपरिचित है । आप की प्रमुख रचनाएँ है – नीहार, नीरजा, संध्यगीत, दीप शिखा, अतीत के चलचित्र, क्षणदा, श्रृंखला की कडियाँ, स्मृति की रेखाएँ, मेरा परिवार आदि । इन को ‘यामा’ पर ज्ञानपीठ पुरस्कार मिला है ।

संदर्भ : महाकवि कालिदास के मृगी- मृग शावक नाटक के बारे में लेखिका बता रही है ।

व्याख्या : लेखिका पिछले दिनों में एक सोना नामक हिरनी पाल रही थी कम दिनों में स्नेह हो गया था । जो छात्रावास में छात्राओं के साथ घुल – मिल गयी थी । छोटे बच्चे उसे अधिक प्रिय थे, भोजन का समय वह किसी भी प्रकार जान लेती थी. और ठीक उसी समय भीतर आ जाती थी । रात में लेखिका की पलंग के पायी के पास बिना गंदा किये सो जाती और सवेरे बाहर निकल जाती थी । लेखिका से ही दिन भर किसी न किसी प्रकार लगी रहती थी । इन सब बातों को सोचकर लेखिका मन ही मन कह ने लगती है कि कविगुरु कालिदास ने अपने नाटक में मृगी – मृग – शावक आदि को इतना महत्व क्यों दिया है यह हिरन पालने के उपरान्त ज्ञात होता है ।

विशेषताएँ : लेखिका अपनी पालतु हिरनी ‘सोना’ की स्मृतियों को याद करती हुई कालिदास मृगी-मृग शावक नाटक की रसात्मक अभिव्यक्ति में रम जा रही है ।

3. यहाँ से कुछ दूर पर एक ऐसी जगह है जहाँ असंख्य द्रव भरा है ! तुम इन अस्सी ऊँटों को रत्नों और अशर्फियों से लाद सकते हो और वह धन तुम्हारे जीवन भर को काफी होगा ।
उत्तर:
संदर्भ : यह वाक्य अंधे बाबा अब्दुल्ला नामक पाठ से लिया गया है । यह कह्मनी ‘अलिफ लैला की कहानियाँ’ में से संकलित है । इस कहानी का मुख्य पात्र अब्दुल्ला है ।

व्याख्या : ये वाक्य अब्दुल्ला से फ़क़ीर कह रहा है । बाबा अब्दुल्ला अस्सी ऊँटो का मालिक है । अपनी ऊँटो को किराये पर देता था। एक बार हिन्दुस्तान जानेवाले व्यापारियों का माल ऊँटो पर लादकर बसरा ले गया माल जहाजो में चढाकर, वापस बगदाद आने लगा रास्ते में एक फकीर मिलकर एक असंख्य द्रव्य भंडार के बारे में बताते हुए अब्दुल्ला को अषर्फि रत्नो की लालच पैदा करता हँ ।

विशेषता: एक मेहनती आदमी अधिक धन संपत्ति के प्रति लालची बनने की कथा है जो उसके अस्तित्व को ही खतरे में डाल देती हँ ।

4. एक डाकू ने उनकी तोंद पर बल्लम अड़ाकर कहा जल्दी तिजोरी की चाबी दो, नहीं तो बल्लम पेट के आर पार हो जाएगा ।
उत्तर:
लेखक परिचय : “नंबरोंवाली तिजोरी’ नामक हास्य कथा के लेखक कुंवर सुरेश सिंह जी हैं। सुरेश सिंह जी का जन्म 1935 में उत्तर प्रदेश के कालाकाँकर के राज परिवार में हुआ। वे हिन्दी के सुपरिचित साहित्यकार हैं तथा आइ.ए.एस अफिसर भी हैं। आपकी रचनाएँ हैं ‘पंत जी और कालाकाँकर’ अवं ‘यादों के झरोखे से’ । इनकी रचनाएँ भारत सरकार द्वारा पुरस्कृत हैं ।

संदर्भ : मैनेजर सर पर डाकु बल्लम तनाकर तिजोरी की चाबी मांग रहे हैं ।

व्याख्या : मैनेजर साहब को राजा साहब के यहाँ से तोहफ़े में एक नंबरोंवाली तिजोरी मिली थी । जो बंद पडी हुई होती है उनके घर में डाकू चोरी के लिए आते हैं । उसे कई प्रयत्नों के बाद भी खोल नहीं पाते तो मैनेजर के सर पर बल्लम अड़ा कर धमकी देते हुए चाबी मांग रहे हैं । उनमें से एक डाकू ने मैनेयर कहा “चाबी अगर जल्दी नहीं दिये तो बल्लम पेट के आर पार हो जाएगा ।

विशेषताएँ : यह एक हास्य कथा है। कमरे की रौनख बढाने के लिए लायी गयी तिजोरी के कारण डाकुओं से बेहद पिटे जाने वाले बेकसूर मैनेजर की कथा है । भाषा सरल तथा उर्दू से भरी है । शैली प्रवाहमान है।

7. निम्नलिखित में से किन्हीं दो लघु प्रश्नों के उत्तर लिखिए । (2 × 2 = 4)

1. आलस्य को दूर करने के क्या उपाय हैं ?
उत्तर:
आलस्य को दूर करने के लिए आदमी को निरंतरता से काम करना होगा । लेखक के अनुसार इसके लिए सभी काम नियम से और उचित समय पर करने चाहिए | चाहे जितना भी कम समय हो, हर रोज निरंतर करने से किसी भी काम में सफलता प्राप्त होती है ।

2. सोना कहाँ आ पड़ी है ?
उत्तर:
बेचारी ‘सोना’ भी मनुष्य की निष्टुर मनोरंजन प्रियता के कारण अपने अरण्य परिवेश और स्वजाति से दूर मानव समाज में आ पडी है ।

3. फक़ीर ने कौन सा शर्त रखा ।
उत्तर:
फकीर ने अब्दुल्ला को सबक सिखाना चाहा । फकीर ने कहा कि मै एक ऊँट को लेकर क्या करूँ । तुम खजाने से भरे अपने ऊँटों में से आधे यनी चालीस ऊँटोंको मुझे दे दो ।

4. ताल्लुकेदारों के यहाँ नौकरी कैसा होता है ?
उत्तर:
ताल्लुकेदारों के यहाँ दिन भर का ही नहीं, बल्कि दिन और रात की नौकरी बजानी पड़ती है । जब भी मालिक की तलबी होती है, फ़ौरन हाज़िर होना पड़ता है चाहे रात या दिन चाहे ओले गिरते हो या तूफ़ान चलता हो. और वहाँ पहुंचकर जिस सिलसिले में बातें हो रही हो उसी में मालिक की हाँ में हाँ मिलानी पड़ती है ।

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8. निम्नलिखित में से किन्हीं दो लघु प्रश्नों के उत्तर लिखिए । (2 × 2 = 4)

1. दुर्योधन ने कौन-सा कटु सत्य कहा ?
उत्तर:
दुर्योधन ने कटु सत्य यह कहा कि – पाण्डवो ने ही अपने कृत्य से वनवास पाकर भी दोष मुझ पर (दुर्योधन) लगाया है। उस वनवास में पांडवो ने एक – एक क्षण युद्ध की तैयारी में लगाया गया । अर्जुन ने तपस्या द्वारा नये शस्त्र प्रप्त किए. विराट राजा से मैत्री कर नये संबंध बनाए गए और वनवास अवधि पूर्ण होते ही अभिमन्यु के विवाह के बहाने सारे राजाओं को निमंत्रण भेजकर एकत्र किया ।

2. शर्मा के अनुसार डॉक्टर साहब क्या जानना चाहेंगे ।
उत्तर:
शर्मा के अनुसार डाक्टर साहब यह जानना चाहेंगे कि – मरीजो की भलाई के लिए सारी खास खास बातें परचे में लिख देना चाहते है जिससे डाक्टर साहब एक नजर डालते ही सारा केस समझ जायें और तुरंत इलाज हो जाय ।

3. उमा किसकी रीढ़ की हड्डी’ की बात कहती है और क्यों ?
उत्तर:
उमा, शंकर के रीढ़ की हड्डी की बात कहती है । शंकर का अपना कोई व्यक्तित्व नहीं है | वह अपने पिता के हाथ का कठपुतला है । ‘रीढ़ की हड्डी’ किसीके स्वतंत्र व्यक्तित्व का प्रतीक है । इसलिए उमा एकांकी के अंत में गोपालप्रसाद से कहती है कि ‘ज़रा पता लगाये कि बेटे के रीढ़ की हड्डी भी है या नहीं ।’

4. डॉ. बहादूर के अनुसार सही निदान और सही इलाज के लिए क्या जानना जरूरी है ?
उत्तर:
डॉ. बहादुर के अनुसार सही निदान और सही इलाज के लिए जानना जरूरी है कि एक तो वह सांप था या नही, दूसरा अगर सांप था तो जहरीला था या नही, तीसरे अगर जहरीला था तो किस जाति का सांप था ।

9. निम्नलिखित प्रश्नों का वाक्य में उत्तर लिखिए । (5 × 1 = 5)

1. तुलसी की पत्नी का नाम क्या था ?
उत्तर:
तुलसी की पत्नी का नाम रत्नावली था ।

2. बिहारी का जन्म कब हुआ ।
उत्तर:
सन् 1652.

3. प्रसाद जी का प्रमुख काव्य क्या है ?
उत्तर:
कामायनी

4. बच्चन जी का जन्म कहाँ हुआ ?
उत्तर:
बच्चन जी का जन्म सन 1907 ई. में इलाहाबाद में हुआ था ।

5. दिनकर जी को किस रचना पर ज्ञानपीठ पुरस्कार मिला ?
उत्तर:
ऊर्वशी ।

10. निम्नलिखित प्रश्नों का एक वाक्य में उत्तर लिखिए । (5 × 1 = 5)

1.कितने रुपये सिपाही की कमर में बंधा है ?
उत्तर:
‘दो हज़ार रुपये सिपाही कमर में बांधा है ।

2. डॉ. श्यामसुंदर दास के माता पिता का नाम क्या था ?
उत्तर:
डॉ. श्यामसुंदर दास के माता-पिता का नाम था देवीदास और देवकी देवी ।

3. ‘सोना हिरनी’ पाठ की लेखिका का नाम क्या है ?
उत्तर:
महादेवी वर्मा ।

4. ‘अंधे बाबा अब्दुल्ला’ पाठ के लेखक का नाम क्या है ?
उत्तर:
अज्ञातवासी ।

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5. मैनेजर पर कौन आकर पिटाई करते हैं ?
उत्तर:
डाकू कुँवर |

खंड – ख (40 अंक)

11. निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर इसके नीचे दिये गये प्रश्नों के उत्तर दीखिए । (5 × 2 = 10 )

मदर तेरेसा ऐसा नाम है कि जिसका स्मरण होते ही हमारा हृदय श्रद्धा से भर उठता है । मदर तेरेसा एक ऐसी महान आत्मा थी जिनका हृदय संसार के तमाम दीन दरिद्र, बीमार, असहाय और गरीबों के लिए धड़कता था और इसी कारण उन्होंने अपना संपूर्ण जीवन उनकी सेवा और भलाई में लगा दिया । मदर तेरेसा का जन्म 26 अगस्त, 1910 को युगोस्लाविया में हुआ था । मदर का पूरा नाम ‘अग्नेस गोंझा बोयाजिजू तेरेसा’ था । अलबेनियन भाषा में गोंझा का अर्थ फूलों का कली’ होता है । वे 6 जनवरी, 1929 को भारत के कोलकता में ‘लोरेटो कान्वेंट’ पहुँची और भारत की नागरिकता स्वीकार कर ली । वे एक अनुशासित शिक्षिका थीं और विद्यार्थी उनसे बहुत स्नेह करते थे । मदर तेरेसा ने भूखों, निर्वस्त्र, बेघर, लंगड़े – लूले, अंधों, चर्म रोग से ग्रसित लोगों की सहायता करने के लिए सन् 1950 में ‘मिशनरीस आफ चारटी’ संस्था की स्थापना की । मदर तेरेसा ने ‘निर्मल हृदय’ और ‘निर्मल शिशु भवन’ के नाम से आश्रम खोले । ‘निर्मल हृदय’ का ध्येय असाध्य बीमारी से पीड़ित रोगियों व गरीबों की सेवा करना था। जिन्हें समाज ने बाहर निकाल दिया हो । ‘निर्मल शिशु भवन’ की स्थापना अनाथ और बेघर बच्चों की सहायता के लिए हुई । मदर को मानवता की सेवा के लिए अनेक अंतर्राष्ट्रीय सम्मान एवं पुरस्कार प्राप्त हुए। भारत सरकार ने उन्हें 1962 में ‘पद्मश्री’ और 1980 में देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ से अलंकृत किया । मानव कल्याण के लिए किये गये कार्यों की वजह से उन्हें 1979 में ‘नोबेल शांति पुरस्कार’ मिला था । मदर तेरेसा का देहांत 5 सितंबर 1997 में हुआ ।

प्रश्न :
1) मदर तेरेसा का जन्म कब और कहाँ हुआ ?
उत्तर:
मदर तेरेसा का जन्म 26 आगस्त, 1910 को युगोस्लाविया में हुआ था ।

2) गोंझा का अर्थ क्या है ?
उत्तर:
अलबेनियन भाषा में ‘गोंझा’ अर्थ ‘फूलों की कली’ होता है ।

3) मदर तेरेसा से स्थापित आश्रमों के नाम बताइए ?
उत्तर:
मदर तेरेसा के आश्रमों के नाम निर्मल हृदय और निर्मल भवन है ।

4) भारत सरकार ने मदर तेरेसा को किन – किन पुरस्कारों से सम्मानित किया ?
उत्तर:
भारत सरकार ने मदर तेरेसा को पद्मश्री और भारत रत्न पुरस्कारों से सम्मानित किया ।

5) मदर तेरेसा को नोबेल शांति पुरस्कार कब प्राप्त हुआ ?
उत्तर:
1979 में मदर तेरेसा को नोबेल शांति पुरस्कार प्राप्त हुआ ।

12. निम्नलिखित शब्दों में से किन्हीं पाँच शब्दों का संधि-विच्छेद कीजिए । (5 × 1 = 5)

1. हिमालय
2. विद्यार्थी
3. रजनीश
4. पितृण
5. सूक्ति
6. महेश्वर
7. देवर्षि
8. वनौषध
9. अत्यत्तम
10. गायक
उत्तर:
1. हिमालय = हिम + आलय
2. विद्यार्थी = विद्या + अर्थी
3. रजनीश = रजनी + ईश
4. पितॄण = पितृ + ऋण
5. सूक्ति = सु + उक्ति
6. महेश्वर = महा + ईश्वर
7. देवर्षि = देव + ऋषि
8. वनौषध = वन + औषध
9. अत्यत्तम = अति + उत्तम
10. गायक = गै + अक

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13. निम्नलिखित शब्दों में से किन्हीं पाँच शब्दों के समास के नाम लिखिए । (5 × 1 = 5)

1. यथाशक्ति
2. हर रोज
3. सीता पति
4. रसोईघर
5. सुख प्राप्त
6. असंभव
7. वायुवेग
8. मृगनयन
9. त्रिवेणी
10. दशानन
उत्तर:
1. यथाशक्ति = अव्ययीभाव समास (विग्रहवाक्य : शक्ति के अनुसार )
2. हर रोज = अव्ययीभाव समास ( विग्रहवाक्य : रोज – रोज )
3. सीता पति = तत्पुरुष समास (विग्रहवाक्य : सीता का पति )
4. रसोईघर = तत्पुरुष समास (विग्रहवाक्य : रसोई के लिए घर )
5. सुख प्राप्त = तत्पुरुष समास ( विग्रहवाक्य : सुख को प्राप्त करनेवाला)
6. असंभव = नञ तत्पुरुष समास (विग्रहवाक्य : जो संभव न हों)
7. वायुवेग = कर्मधारय समास (विग्रहवाक्य : पवन की भांति तेज )
8. मृगनयन = कर्मधारय समास (विग्रहवाक्य : मृग के समान नयन )
9. त्रिवेणी = द्विगु समास ( विग्रहवाक्य : तीन नदियों का समाहार)
10. दशानन = द्विगु समास (विग्रहवाक्य : जिसके दस आनन (मुख) हो)

14. (अ) निम्नलिखित वाक्यों में से किन्हीं पाँच वाक्यों को हिंदी में अनुवाद कीजिए | (5 × 1 = 5)

1. What is this ?
उत्तर:
यह क्या है ?

2. Madhuri, Rani are singing a song.
उत्तर:
माधुरी, रानी गीत गा रही है ।

3. Hindi is our official and National Language.
उत्तर:
हिंदी हमारी राजभाषा और राष्ट्रभाषा है ।

4. Give respect, Take respect.
उत्तर:
सम्मान दीजिए, सम्मान लीजिए ।

5. The pen is on the table.
उत्तर:
कमल मेज पर है।

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6. All Indians are our brothers and sisters.
उत्तर:
समस्त भारतीय हमारे भाई – बहन हैं ।

7. What is your Name ?
उत्तर:
तुम्हारा / आपका नाम क्या है ?

8. Cow gives milk.
उत्तर:
गाय दूध देती है ।

9. Visakhapatnam is a beautiful city.
उत्तर:
विशाखापट्टणम एक सुंदर नगर है ।

10. Srikanth ate bread.
उत्तर:
श्रीकांत ने रोटी खाई ।

(आ) निम्नलिखित वाक्यों में से पाँच वाक्यों का शुद्ध रूप लिखिए । (5 × 1 = 5)

1. तुम पढ़ रहे हैं। (अशुद्ध)
उत्तर:
तुम पढ़ रहे हो । (अशुद्ध )

2. तू क्या कर रहे हो ? (अशुद्ध )
उत्तर:
तू क्या कर रहा है ? (शुद्ध)

3. श्रीदेवी पाठ पढ़ता है । (अशुद्ध )
उत्तर:
श्रीदेवी पाठ पढ़ती है । (शुद्ध)

4. गोदावरी की पानी मीठी है । (अशुद्ध )
उत्तर:
गोदावरी का पानी मीठा है । (शुद्ध)

5. वह पूस्तक मेरा है । (अशुद्ध )
उत्तर:
वह पूस्तक मेरी है । (शुद्ध)

6. धनराज ने चिट्ठी लिखी । (अशुद्ध )
उत्तर:
धनराज ने चिट्ठी लिखा । (शुद्ध)

7. मैंने कल गाँव गया । (अशुद्ध )
उत्तर:
मैं कल गाँव गया । (शुद्ध)

8. अध्यापक जी ने बोले । (अशुद्ध )
उत्तर:
अध्यापक जी बोले । (शुद्ध)

9. उसने काम कर चुका । (अशुद्ध)
उत्तर:
वह काम कर चुका । (शुद्ध)

10. विजयश्री ने फूल लायी । (अशुद्ध )
उत्तर:
विजयश्री फूल लायी । (शुद्ध)

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15. निम्नलिखित गद्यांश का संक्षिप्तीकरण कीजिए । (1 × 5 = 5)

वैदिक काल से हिमालय के पहाड़ बहुत पवित्र माने जाते हैं। इसमें कोई संदेह नहीं कि हिमालय के पहाड़ों का दृश्य अति सुंदर हैं । उनकी विशालता को देखकर मन में आनंद और कृतज्ञता की लहर उठती है। ऐसा लगता है कि यह विशाल सृष्टि कैसी अनुपम देन है । सारी सृष्टि के प्रति समभाव जागृत होता है। वस्तुतः यह दृष्टि कोरी कल्पनात्मक या आध्यात्मिक नहीं है । देखा जाए तो सारे भारत की जलवायु का समतौल करने वाले यह हिमालय श्रृंग हैं, विशेषकर उत्तरी भारत को वर्षा और पानी देने वाले यही हैं। गंगोत्री, यमुनोत्री, बद्री, केदार को तीर्थ माना जाता है, जो व्यर्थ कल्पना नहीं है । उन स्थानों से निकलने वाली पवित्र नदियाँ ही वास्तव में हमारी प्राणदायिनी रही हैं ।
उत्तर:

हिमालय की गरिमा

वैदिक काल से हिमालय पर्वत पवित्र, सुंदर एवं विशाल हैं । इन्हें देख कर आनंद होता है । मानो विशाल सृष्टि की अनुपम देन है । यह समानता का प्रतीक है। यह उत्तर भारत को वर्षा देनेवाली प्राणदायिनी है । गंगा, यमुना, सरस्वती का जन्मस्थान हिमालय ही है, ये निदियाँ पुण्य तीर्थ है ।

16. निम्नलिखित में से किन्हीं पाँच वाक्यों का वाच्य बदलिए । (5 × 1 = 5)

1. मोहन ने आम खाया । ( कर्तृ)
उत्तर:
मोहन से आम खाया गया । (कर्म) (आम – पुलिंग )

2. मैंने किताब पढ़ी | (कर्तृ)
उत्तर:
मुझसे किताब पढ़ी गई । (कर्म) (किताब – स्त्रीलिंग)

3. माधुरी ने सिनेमा देखा । (कर्तृ)
उत्तर:
माधुरी से सिनेमा देखा गया । (कर्म) (सिनेमा – पुलिंग)

4. महेश से पुस्तक पढ़ी जाती है । (कर्म)
उत्तर:
महेश पुस्तक पढ़ता है। (कर्तृ) (पुस्तक – स्त्रीलिंग)

5. वह पत्र लिखता है । ( कर्तृ)
उत्तर:
उससे पत्र लिखा जाता है । (कर्म) (पत्र – पुलिंग )

6. प्रेमचंद उपन्यास लिख रहा है । (कर्तृ)
उत्तर:
प्रेमचंद से उपन्यास लिखा जा रहा है । (कर्म) (उपन्यास – पुलिंग )

AP Inter 2nd Year Hindi Model Paper Set 2 with Solutions

7. नागमणि खाना पकाती है । (कर्तृ)
उत्तर:
नागमणि से खाना पकाया जाता है । (कर्म) (खाना – पुलिंग )

8. मुझसे कहानी लिखी जाती है । (कर्म) (कहानी – स्त्रीलिंग)
उत्तर:
मैं कहानी लिखता हूँ। (कर्तृ)

9. श्रावणी से फूल लाया जाता है। (कर्म)
उत्तर:
श्रावणी फूल लाती है । (कर्तृ) (फूल – पुलिंग)

10. कुमार हिंदी सीखेगा । ( कर्तृ)
उत्तर:
कुमार से हिंदी सीखी जाएगी। (कर्म) (हिंदी – स्त्रीलिंग)

AP Inter 2nd Year Hindi Model Paper Set 1 with Solutions

Access to a variety of AP Inter 2nd Year Hindi Model Papers Set 1 allows students to familiarize themselves with different question patterns.

AP Inter 2nd Year Hindi Model Paper Set 1 with Solutions

Time : 3 Hours
Max Marks : 100

सूचनाएँ :

  1. सभी प्रश्न अनिवार्य हैं ।
  2. जिस क्रम में प्रश्न दिये गये हैं, उसी क्रम से उत्तर लिखना अनिवार्य है ।

खंड – क ( 60 अंक)

1. निम्नलिखित दोहे की पूर्ति करते हुए भावार्थ सहित विशेषताएँ लिखिए । (1 × 8 = 8)

एक भरोसो ……………………
…………………… चातक तुलसीदास ।
उत्तर:
भावार्थ : तुलसीदास जी कहते हैं कि चातक पक्षी स्वाति नक्षत्र के बादलों पर विश्वास रखता है क्यों कि वही उसका बल है । इसीलिए वह स्वाती नक्षत्र के बादलों की प्रतीक्षा करता है स्वाती नक्षत्र के वर्षा की, बूँदों को ही पीता है । उसी प्रकार तुलसी भी श्रीरामचंद्र पर विश्वास रखते है । वहीं उनका बल है । वह उनकी प्रतीक्षा में ही रहता है । इसी लिए तुलसी रुपी चातक के लिए राम बादल बन गये ।

अथवा

मेरी भव बाधा ………………….
…………………. दुति होई ||
उत्तर:
भावार्थ : ईस दोहे के माध्यम से कवि बिहारीलाल जी राधा की स्तुति करते हुए कहते है कि – मेरी सामसारिक बाधाएँ वही चतुर जानी राधा दूर करेगी जिसके शरीर कि छाया पड़ने ही काले रंग वाले श्रीकृष्ण गोरे रंग के प्रकाशावाले बन जाते हैं । अर्थात राधा के मिलन से श्रीकृष्ण प्रसन्न हो जाते हैं। श्री कृष्ण का रंग काला है और राधा का वर्ण पीला है । पीले और काले रंग के मेल हरे रंग का बनना सहज और स्वाभाविक है । पीला शुभ का, काला दुःख का और हरा खुशहाली या प्रसन्नता का प्रतीक है । इन तीनों रंगों का सम्मिश्रण ही संसार है ।

2. किसी एक कविता का सारांश बीस पंक्तियों में लिखिए | (1 × 6 = 6)

1. हिमाद्रि से
उत्तर:
कवि परिचय : ‘हिमाद्री से’ कविता के कवि जयशंकर प्रसाद जी हैं । प्रसाद जी छायावादी कविता के प्रकाश स्तंभ हैं । इनका जन्म सन् 1881 को काशी में हुआ । आप कहानीकार, उपन्यासकार, नाटककार के रूप में सुप्रसिद्ध हैं । आपकी रचनाएँ हैं कानन कुसुम, प्रेम पथिक, करुणालय, झरना आँसू लहरं, कामायनी (महाकाव्य), कंकाल, तितली, इरावती, स्कंदगुप्त, चंद्रगुप्त आदि । इनकी भाषा- शैली स्वाभाविक एवं संवेदनशील रहती है । इनका निधन 1937 ई. में हुआ ।

सारांश : प्रस्तुत गीत चंद्रगुप्त नाटक के चौथे अंक के छठे दृश्य से संकलित है । यह एक सामूहिक गीत है । अलका के भाई आम्भिक देशद्रोही . है । गांधार नरेश पुरुषोत्तम के विरुद्ध यवनों को भारत पर हमला करने के लिए सिंधु तट पर सेतु का निर्माण करते वक्त उनके विरुद्ध में उनकी बहन अलका ने सब सैनिकों को युद्ध के लिए उत्साहित करती गाती है । मा भारती गुलामी की जंजीरों को तोड़ने के लिए वीर सैनिकों को बुला रही है । वह नींद से जगाती है । आत्मनिर्भरता के रास्ते पर आगे बढ़ रही है । वह स्वतंत्र हो कर अपनी संपत्ती का सदुपयोग करना चाहती है ।

युद्ध में मरनेवाले अमर हो जाते हैं भारतवासी ऐसे ही अमरों के पुत्र हैं। उन्होंने मातृभूमि को स्वतंत्र बनाने की प्रतिज्ञा की हैं। पूर्वजों से बना मार्ग उनके सामने हैं ।उसको उन्होंने प्रशस्त किया है ।

भारत माता स्वतंत्रता के लिए पुकार रही है । जागो हे अमर्त्य वीर पुरुषों जागो, भारत – माता के सपूतों जागो । दृढ संकल्प के साथ प्रतिज्ञा करो कि “भारत देश को आजाद बनायेंगे’ इस सर्वश्रेष्ठ, पुण्य, उत्तम मार्ग में निकलो … बढ़ते चलो, बढ़ते चलो । विजयी बनो ।

संसार में इस देश की असंख्याक कीर्ति है । भारत माता के सुपुत्रों पवित्र मशाल बन कर जलते हुए तपते हुए उजालों को फैलाते आगे बढो… आगे बढो । शत्रुओं की सेना समुद्र जैसे अनन्त है । उस को हराना हसी खेल नहीं है । फिर भी देश की स्वतंत्रता के लिए सैनिकों को आगे बढना ही होगा | ‘बाडव’ नामक अग्नि बन कर उस समुंदर को जलाना ही होगा । अर्थात दुश्मनों का अंत करके विजय पाना ही होगा। तुम अच्छे वीर हो, तुम में सच्ची देश भक्ति है आवश्य विजयी बनो… बढ़ते चलो बढ़ते चलो। रुको मत हे वीर पुत्रों । तुम्हारा मार्ग प्रशस्त है । भारतीय कुशल वीर हैं अवश्य विजयी होंगे ।

विशेषताएँ : यह गीत अलका के देशप्रेम, लगन और उत्साह को प्रदर्शित करता है । प्रसाद जी अपने समय में देश की स्थिति से प्रभावित हो कर अलका के मुँह से यह गीत गवाया हैं । यह गीत देशभिमान, जागृति और नवीनता से ओतप्रेत है ।

2. उर्मिला का विरह गान
उत्तर:
कवि परिचय : ‘ऊर्मिला का विरह गान’ नामक कविता के कवि श्री मैथिली शरण गुप्त जी हैं। गुप्त जी आधुनिक खड़ीबोली हिन्दी के प्रथमं कवि हैं | खड़ीबोली को काव्य भाषा के रूप में निर्मित करते हुए एक नई दिशा देने गुप्त जी का जन्म 1886 ई को झांसी जिले के चिरगाँव में हुआ । गुप्त जी कवि, गद्य लेखक, चिंतक, विद्वान है । साकेत, यशोधरा, पंचवटी, द्वापर, जयद्रथ – वध, नहुष, भारत भारती, काबा और कर्बला आदि आपकी प्रसिद्ध रचनाएँ हैं । गुप्त जी का निधन 1964 में हुआ । गुप्त जी को भारत सरकार ने पद्मभूषण से सम्मानित किया ।

सारांश : प्रस्तुत कविता साकेत नामक महाकाव्य के नवम सर्ग, से लिया गया है। रामायण में अधिक उपेक्षित तथा अनदेखा नारी पात्र उर्मिला । इस कविता में विरह विदग्ध उर्मिला की मनोदशा का मार्मिक चित्रण है । लक्ष्मण राम और सीता के साथ वनवास के लिए चल पड़ते हैं । लक्ष्मण की पत्नी उर्मिला पति के आदेश के अनुसार अयोध्या नगरी के राजभवन में ही रह जाती है । उर्मिला लम्बे समय से पति से दूर रह ने कारण पति के वियोग एवं विरह में व्यंकुल हो उठती है और अपने आप में ही बातें करने लगती है । अपने सम्मुख पति लक्ष्मण ना होने पर भी लक्ष्मण को सम्बोधित करती हुई कह रही है |

हे प्रियतम ! तुम हंस कर मुझे भूल जाओ पर मैं तुम्हें याद कर करके रोती ही रहूँगी, तुम्हारे हंसने में ही फूलों जैसी सुकुमारता, मधुरता है, पर हमारे रोने में निकलने वाले आँसू मोती बनते जा रहे हैं। मैं सदा यही मानती रही हूँ कि तुम मेरे देवता हो, तुम ही मेरे सब कुछ हो तथा मेरे आराध्य हो । अपने आप को साबित करना अनिवार्य है कि मैं सोती रहती हूँ या जागती रहती हूँ पर तुम्हें ही याद करती रहती हूँ, तुम्हारे ही स्मरण में जी रही हूँ । तुम्हारे हंस ने में फूल है असीम प्यार है और हमारे रोने में मोती है |

प्रार्थना करती हूँ कि तुम्हारा त्याग सहज हो, सफ़ल हो, मेरा अटूट विश्वास है कि आपके प्रति मेरा अनुराग, प्रेम कभी निष्फल नहीं होगा । बस साधन-भाग स्वयं सिद्धी है । अमृत की तृषा में भूख भी नहीं होती ।

काल चक्र भले ही रूक ना जाय, तुम्हारे और मेरे मिलन को भले ही काल चक्र रोक पाये, पर हमारे लिए बस विरह काल हैं । तुम जहाँ हो वहाँ सृजन, मिलन है, पर यहाँ राजभवन में सुविशाल प्रलय, विनाश सा सूना सूना एकाँत है ।

विशेषताएँ : इतिहास में उपेक्षित उर्मिला नामक नारी पात्र को महत्व देने का प्रयास किया है । गुप्त जी ने उर्मिला के दुख को, उसकी पीड़ा के प्रति अपनी संनेदना, सहानुभुति प्रकट किया है । कविता की भाषा सरल सहज अवं प्रसंगानुकूल शुद्ध खडीबोली है । शैलि लालित्य से भरपूर है ।

AP Inter 2nd Year Hindi Model Paper Set 1 with Solutions

3. किसी एक पाठ का सारांश 20 पंक्तियों में लिखिए । (1 × 6 = 6)

1. अपना पराया
उत्तर:
कवि परिचय : प्रस्तुत कहानी ‘अपना पराया’ के लेखक श्री जैनेंद्र कुमार जी है । आपका जन्म कौडियागंज, अलीगढ़ में 1905 ई में एक मध्यवर्गीय परिवार में हुआ । गाँधीजी के प्रभाव से असहयोग आंदोलन में भागा । लेकर जेल भी गये। आपकी पहली कहानी ‘विशल भारत में प्रकाशित हुई । आपका पहला उपन्यास ‘परख’ है ।

सारांश : जैनेंद्र कुमार जी ने इस कहानी में लंबी अवधी के बाद युद्ध – क्षेत्र से घर लौटते एक सिपाही की मनोभावनाओं का सूक्ष्म विश्लेषण प्रस्तुत किया है ।

एक सिपाही लंबी अवधी के बाद युद्ध – क्षेत्र से घर लौटते हुए एक सराय में टहरकर अपने घर-परिवार की कल्पनाएँ करता है । सिपाही सपने में घर की बातें देखने लगा । उसकी पत्नी पाँच साल से विधवा की भाँती रही, प्रेम-संभाषण के लिए अवकाश नही निकाल पाती । बेचारी कितनी कष्ट उठाती थी । किस प्रकार मेरे पीछे दिन काटे ? बे पैसे, बे- आदमी, साढ़े चार साल का बेटा करनसिंह कैसा है ? जैसे सपने देखता ही था इतने में सिपाही की नींद टूटी। देखा घर की मंजिल अभी दूर है। और बातचीत के लिए सरायवाले को बुलाया और कहा – युद्ध क्षेत्र में हम जितने दुश्मनों को मारते है उतना ही नाम सम्मान और प्रतिष्ठा देते है ।

सिपाही बातें करता रहा, भटियारा सुनता रहा। जब रात हुई सिपाही खा – पीकर सोने लगा । इतने में जोर से एक बच्चे के रोने की आवाज सुनाई पडी । बच्चे को माँ कितनी बार समझाने पर भी रोता ही रहा । आखिर सिपाही को नींद असंभव हो गई । भटियारे को बुलाकर कहा बच्चा और उसकी माँ को यहाँ से कही दूर भेजने का आदेश दिया । बच्चे की माँ के अनुरोध पर भटियार का मन बदलगया। लेकिन सिपाही की खफगी का उसे डर था । बच्चा और प्रबल से रोता रहा |

यह काम भटियारे से न होगा समझकर इस बार स्वयं सिपाही ही उस स्त्री की कोठरी के पास जाकर कहा – “देखो, तुमको इसी वक्त बच्चे को लेकर चले जाना होगा। बच्चा रोता रहा स्त्री चुपचाप उठी, बच्चे को उठाकर सिपाही के पैरों में डालकर मैं चली जाती हूँ | बच्चे को जहाँ चाहे फेंक दो ।” कहती हुई चलने लगी। सिपाही कहता है-” ठहरो ठहरों कहाँ जाती हों । स्त्री ने उत्तर दिया – “मुझे जहाँ मौत मिले वहाँ जाती हूँ ।”

जब सिपाही के मन में एकदम परिवर्तन आजाता है और कहता है “तो तुम कौन हो, कहाँ से आ रही हो, किधर जाती हो’ स्त्री ने कहा – ” पाँच बरस से बच्चे के बाप की तलाश में धूमती हूँ। वह लडाई पर गया । पता नही जिंदा है या मर गया । शायद लौटते हुए रास्ते में मिल जाय । मैं उसी के पास इस बदनगीसीब बच्चे को ले जा रही हूँ ।”
सिपाही की आँखों में आँसू आगये । तब सिपाही को पता चला कि वह बच्चा अपना ही है और वह स्त्री अपनी पत्नी । बच्चे को पैरो पर से उठाया, प्यार किया और वह अत्यंत ममत्वपूर्ण हो उठता है ।

विशेषताएँ : सैनिक के मनोभावनाओं का सूक्ष्म विश्लेषण प्रस्तुत किया गया । यह एक मौलिक चिंतन है जो देश के लिए अपने परिवार को छोडकर सुदूर सीमा पर रहनेवाले सिपाही की है । मनोवैज्ञानिक विश्लेषण जैनेंद्र कुमारजी की कहानियों की विशेषता है ।

2. ग्राम लक्ष्मी की उपासना
उत्तर:
कवि परिचय : ग्राम लक्ष्मी की उपासना नामक निबन्ध के लेखक आचार्य विनोबा भाने जी हैं। आपका जन्म 1895 को महाराष्ट्र के कोंकण क्षेत्र मे हुआ । भूदान यज्ञ के प्रवर्तक एवं गाँधीवादी चिंतक के रूप में सुपरिचित हैं । आपकी रचनाएँ हैं सर्वोदय विचार, भूदान गंग, कार्यकर्ता वर्ग, गीता प्रवचन आदि प्रमुख हैं ।

सारांश : प्रस्तुत निबन्ध के माध्यम से लेखक विनोबा भावे जी भारतीय जनता को ग्राम की ओर आकर्षित करने का प्रयाम कर रहे हैं । विनोबा जी का कथन है कि आज गावों की बुरी हालत है कारण यह है – किसानों के दो उपास्य देवता हैं, एक पानी बरसाने वाले ईश्वर तथा दूसरा शहरिये भगवान । एक साथ इन दोनों की उपासना असंभव है। शहरिये भगवान की यह उपासना का यह दुष्परिणाम निकला है कि ग्राम लक्ष्मी कई रास्तों से होकर शहरिये भगवान की उपासना के पास पहुंचती है । उनके रास्ते चार . वे हैं । पहला बाजार, दूसरा ब्याह-शादी, तीसरा साहुकार और चौथा व्यसन इसलिए इन रास्तों की बन्द कर देना चाहिए ।

देहात में प्रेम और भाईचारा होता है । देहाती लोग एक दूसरे की जरूरतों का ख्याल करेंगे। शहर में कोई किसी को नहीं पूछता । शहर में मात्र स्वार्थ और लोभ रहता है । गाँव प्रम से बनता है । यथार्थ लक्ष्मी देहात में है। पेडों में फल लगते हैं। खेतों में गोहूं होता है, गन्ना होता है। यह सब सच्ची लक्ष्मी है । गाँव में चीजें न बनती हो, उनके लिए दूसरे गाँव खोजना है । इस कार्य की जिम्मेदारी पंचायत की है। गांव के झगड़े – टंटे करने का काम पंचायत का होता है। गांव में कौन-कौन सी चीजं बाहर जाती है, कौन-कौन सी है इसका ध्यान भी पंचायत ही रखना चाहिए । फिर बाहर मे क्यों आती है जानकर उन्हें गाँव में ही बनाने की कोशिश करनी चाहिए । फिर दाम ग्राम ही ठहराएगा । जब सब एक दूसरे की चीजें खरिदने लगेंगे तो सब सस्ता होगा | सस्ता और महंगा ये दो शब्द नहीं रहेंगे।

लेखक का मान है कि भगवान श्री कृष्ण ग्राम देवता के सच्चे उपासक थे । गांव से जुड़े उत्पादनों का ही उन्होंने इस्तेमाल करके गावों का वैभव बड़ाया है । गावों की सेवा की । गावों पर प्रेम किया। गांव के पशु-पक्षी, गांव की नदी, गांव का गोवर्धन पर्वत इन सब पर उसने प्रेम किया ।

शहर भोग है, पैसा है, परन्तु आनंद नहीं । अपने गावों को गोकुल बनायेंगे तब नगर के सेठ गाँव की नमक – रोटी के लिए ललायित होकर लौट आयेंगे | देहातों को हरा भरा गोकुल बनाना है … सर्वाश्रयी, स्वावलंबी, आरोग्यशील, उद्योग संपन्न । बाजार में जाना क्यों पड़ता है । जिन चीजों की जरूरत पड़ती है उन्हें भरसक बनाने का निश्चय करो । स्वराज्य यानी स्वदेश का राज्य है, अपने गांव का राज्य । पुराने जमाने में हमारे गाँव स्वावलंबी थे | उन्हें सच्चा स्वराज्य प्राप्त था । इस रवैये को अपनाओ फिर देखो गाँव कैसे लहलहाते हैं ।

शहरी वस्तुओं के प्रति मोह को रोक देना चाहिए । अपने लिए आवश्यक चीजों को देहातों में तैयार कर लेना चाहिए । झगडे फ़सादों के कारण आदालतों में जाने की आदतों से बचो रहना चाहिए तथा देहातों की पंचायतों में ही समस्या को परिष्कृत करना चाहिए । लेखक का मानना है देहाती स्वराज्य देहाती उद्योग धंधों का स्वराज्य है और उसके नष्ट होने से आज देहात वीरान तथा डरावना दिखाई दे रहा है ।

विशेषताएँ : ग्राम के विकास से ही देश का विकास होगा। गाँव ही देश की रीढ़ की हड्डी है | देहाती स्वराज्य देहाती उद्योग धंधों का स्वराज्य है लेखक की भाषा में गाँव की सरलता, सहजता तथा प्रवाहमयता देखने को मिलती है |

AP Inter 2nd Year English Model Paper Set 10 with Solutions

4. किसी एक एकांकी का सारांश लिखिए । (1 × 6 = 6)

1. महाभारत की सांज्ञ
उत्तर:
महाभारत की एक साँझ एकांकी में भारतभूषण अग्रवाल ने दुर्योधन के प्रति सहानुभूति जताया है ।

पाँडवो और कौरवों के बीच महाभारत का युध्द चलता है । युद्ध अंतिम दशा तक पहुँचता है । अपनी दिव्य दृष्टि के द्वारा संजय, धृतराष्ट्र को युद्ध का आँखो दिखा वर्णन करता रहता है । युद्ध के परिणामों को देखकर धृतराष्ट्र अंत मे पछताता है । और संजय से कहता है कि यह किसके पापों का फल है 1. क्या पुत्र प्रेम अपराध है, 2. धृतराष्ट्र के दुःख को देखकर संजय शांत होने के लिए सांत्वना देते है |

युद्ध की अंतिम दशा का विवरण धृतराष्ट्र संजय से पूछते है । संजय बताते है कि आत्मरक्षा का उपाय न मिलने पर सुयोधन कुरुक्षेत्र के निकट द्वैतवन के सरोवर मे घुस गये और जल स्तंभ से छिपकर बैठे है ।

यह समाचार अहीरों के द्वारां पाण्डवो को मालूम हुआ तो वे दुर्योधन को तरह – तरह से ललकार कर युद्ध केलिए उकसाते है । युधिष्ठिर और भीम के उकसाने से सरोवर से बाहर आकर दुर्योधन युद्ध करने केलिए सिद्ध हो जाते है ।

यह विवरण संजय धृतराष्ट्र को बता रहे है । पाण्डवो ने विरक्त. सुयोधन को युद्ध के लिए विवश किया । पाण्डवों की ओर से भीम गदा लेकर रण में उतरे । दोनो वीरो ने भयंकर युद्ध किया । सुयोधन का पराक्रम सबको चकित कर देता था । ऐसा लगता था मानों विजयश्री अंत में सुयोधन का वरण करेगी। पर तभी श्री कृष्ण के संकेत पर भीम ने सुयोधन की जंधा में गदा का भीषण प्रहार किया । कुरूराज सुयोधन आहत होकर चीत्कार करते हुए गिर पडे ।

संजय के द्वारा पुत्र की स्थिति सुनते ही पिता का हृदय बिघल जाता है। पुत्र प्रेम से अंधा होकर धृतराष्ट्र. पांडवो को हत्यारे, अधर्मी कहने लगते है । जब सुयोधन आहत होकर निस्सहाय भूमिपर गिर पड़े तो पाण्डव जय ध्वनि करते और हर्ष मनाते अपने शिविर को लौट गये । संध्या होने पर पहले अश्वत्थामा आए और कुरूराज की यह दशा देखकर बदला लेने का प्रण करते. हुए चले गये । फिर युधिष्ठिर आए । सुयोधन के पास आकर वे झुके और शांत स्वर में उन्हे सांत्वना देने केलिए तरह- तरह से समझाते है

सुयोधन और युधिष्ठिर के बीच धर्माधर्म की काफी लंबी चर्चा होती हैं । – युधिष्ठिर चाहे जितना समझाने पर भी सुयोधन में पश्चत्ताप की लेशमात्र भावना भी नही होती है । ‘

अंत में दुर्योधन कहता है- “मुझे कोई ग्लानी नही, ‘कोई पश्चत्ताप नहीं है, केवल एक — केवल एक दुख मेरे साथ जाएगा —– यही — यही कि मेरे पिता अंधे क्यो हुए ।” इस अंतिम वाक्य से एकांकी समात्प होती है ।

विशेषता : इसमें महाभारत युद्ध के उपरान्त दुर्योधन और पांडवो के . . भावपूर्ण मिलन – अवसरो का चित्रण किया गया ।

2. सर्पदंश
उत्तर:
कवि परिचय : प्रस्तुत एकांकी सर्प दंश की लेखिका शांति मेहरोत्रा है । शांति मेहरोत्रा जीने जनसाधारण से भोगी – झेली यथार्य स्थितियां और घटनाएँ इस एकांकी में प्रस्तुत की है ।

सर्प दंश शब्द अपने आप में एक गंभीर समस्या नजर आती है । जिसके लिए त्वरित इलाज की जरुरत पड़ती है लेखिका ने इस सर्प दंश समस्या को व्यंगात्मक ढंग से प्रस्तुत किया है ।

सारांश : रीता नामक बाईस साल की एक लडकी सुबह के नौ बजे को पूजा के लिए फूल तोडते समय, बगीचे मे उसे साँप काटता है । घास के ज्यादा उगने के कारण रीता साँप को ठीक से देख नही पाती है । लेकिन अपने पैर को ध्यान पूर्वक जब देखती हैं तो उसे दो गोल गोल बारीक निशान दिखाई देते है जिनमें खून भी छलक आया था। वह तुरंत अस्पताल पहुँचती है । वहाँ क्यू में खडे रहने की नौबत आ पडती है । सर्प – दंश एक गंभीर समस्या है लेकिन रीता को क्यु में खड़े होने के लिए मजबूर करते है । परचा बनाते समय कर्मचारी शर्मा तथा हरीलाल रीता को सताते है । हरीलाल, रीता से कहता है – लाइन में खडे खडे मरने का आर्डर नही है, यहाँ से परचा बनवाकर वार्ड में पहुँच जाओ, जब जी चाहा जियो या जी चाहा मरो ।

इतने में एक नीली साडी वाली औरत सबसे आगे जाकर परचा बनवा लेती है। रीता के पूछने पर हीरालाल जवाब देता है कि वह डाबर की रिश्तेदार है और इसलिए उसको कूय में खडे होने की जरूरत नहीं है । रीता खडी नही हो पाती है। इसलिए हीरालाल के स्टूल पर बैठ जाती है। परचा बनवाने की जब उसकी बारी आती है तब उसको शर्मा से भिड़ना पडता है । शर्मा रीता से पूछने लगता है कि किस जाति का सांप ने उसको काटा ? रीता जब कहने लगती है कि उसने सांप को ध्यान से नही देखा, शर्मा चिढ़कर कहने लगता है कि मैं आपकी भलाई के लिए पूछ रहा हूँ हर जाति के सांप के काटे का प्रति विष अलग होता है । नाग के काटने पर करैत के काटे का इलाज होता है तो मरीज उल्टे इलाज से मरजाता है तो जिम्मेदारी किसकी बनेगी । रीता से पुन: विचार कर परचे पर सर्प दंश लिखकर भेजदेता है ।

रीता जब डां. बहादुर से मिलने जाती है तब उनके दरवाजे पर कर्मचारी रीता को रोकता है। रीता उसके हाथ में दस रुपये थमा याम देती है, रीता को तब कर्मचारी अंदर भेजता है । डॉ. बहादुर भी रीता से पूछने लगता है कि सांप किस जाति का था वह विषैल साँप या कि साधारण ? उसका रूप, धारियाँ रंग कैसा नही था ? ऊँबकर रीता डाक्टर से करने लगते है कि उसने ध्यान नही दिया था कई सवाल जवाब के बाद बहादुर उसे एमर्जेन्सी में जाकर दवा के साथ पट्टी लगवाने की सलाह देता है ।

इतने में कर्मचारी से पता चलता है कि एमर्जेन्सी में एक पूरे बस के घायलों के इलाज के लिए लाया है । वह रीता को अब्जर्वेशन के लिए अस्पताल में भर्ती होने का सलाह देता है । रीता भर्ती होने के लिए सोचती ही है रहती है कि इतने में हीरालाल उसके सामने आता है । रीता के यह कहने पर कि उसके माता पिता बाहर गये, तब हीरालाल यह कहकर रीता को शांत करता है कि वह स्वयं रीता के घर जाकर अगले दिन सुबह उसके माता – पिताजी को रीता का समाचार दे आयेगा । तब रीता उसके हाथ में दस रुपये रख देती है । हीरालाल खुश होकर रीता का खयाल रखने लगता है ।

रीता को दवाई लेने का समय होता है । वह सिस्टर से पानी माँगती. है । सिस्टर चिढ़ – चिढ़कर बोलने लगती है कि घर से पानी आने तक थोडा इंतजार कर लीजिए ? इतने में हीरालाल सिस्टर के सामने आता है । हीरालाल से रीटा का जब समाचार मिलता है तब सस्टिर उससे कहने लगती है कि बेड नं तेरह रीता की मैं भी ख्याल रखूँगी ।
तब
भोर होता है और रीता अस्पताल के बाहर निकलती है। हीरालाल जब सामने आता है तो उससे रीता कहती है कि मेरी जान बची है, अगर कोई सांप काटे का मरीज अस्पताल में इलाज के लिए आता है हीरालाल उसे बोलने से रोकता है और कहता है कि उसे सीधे डाक्टर के पास.भेजूँगा, लाइन में लगने केलिए हरगिज नही कहूँगा । धीरे – धीरे परदा गिरता है और एकांकी समाप्त हो जाती है ।

विशेषताएँ : एक सरकारी अस्पताल की कार्य प्रणाली एवं उसके कर्मचारियों तथा डाक्टरों की मानशिकता को व्यंग्यात्मक ढंग इस एकांकी में प्रस्तुत किया गया ।

AP Inter 2nd Year Hindi Model Paper Set 1 with Solutions

5. निम्नलिखित में से किन्हीं दो पद्यांशों की संदर्भ सहित व्याख्या कीजिए । (2 × 4 = 8)

1. अमर्त्य वीर – पुत्र हो, दृढ़ प्रतिज्ञ सोच लो,
प्रशस्त पुण्य – पंथ है, बढ़े चलो, बढ़े चलो ।
उत्तर:
‘हिमाद्री से’ कविता के कवि जयशंकर प्रसाद जी हैं । प्रसाद जी छायावादी कविता के प्रकाश स्थंभ हैं । इनका जन्म सन् 1881 को काशी में हुआ। आप कहानीकार, उपन्यासकार, नाटककार के रूप में सुप्रसिद्ध हैं । आपकी रचनाएँ हैं – कानन कुसुम, प्रेम पथिक, करुणालय, झरना आँसू लहर, कामायनी (महाकाव्य), कंकाल, तितली, इरावती, स्कंदगुप्त, चंद्रगुप्त आदि । इनकी भाषा- शैली स्वाभाविक एवं संवेदनशील है । इनका निधन 1937 ई. में हुआ ।

संदर्भ : कवि अलका के माध्यम से भारत वासियो को स्वतंत्रता आंदोलन के लिए उत्तेजित कर रहे है ।

व्याख्या : भारत-माता स्वतंत्रता के लिए पुकार रही है । जागो हे अमर्त्य वीर पुरुषों जागो, भारत माता के सपूतों जागो । दृढ संकल्प के साथ प्रतिज्ञा करों कि “भारत देश को आजाद बनायेंगे”” इस सर्वश्रेष्ठ, पुण्य, उत्तम मार्ग में निकलो बढ़ते चलो, बढ़ते चलो। विजयी बनो । रुको मत हे वीर पुत्रों, तुम्हारा मार्ग प्रशस्त ही नहीं पवित्र तथा पुण्यवाला है ।

विशेषताएँ : यह गीत अलका के देश प्रेम, लगन और उत्साह को प्रदर्शित करता है प्रसाद जी अपने समय में देश की स्थिति से प्रभावित हो कर अलका के मुह से यह गीत गवाया है । यह गीत देशभिमान, जागृति और नवीनता से ओतप्रेत है ।

2. जब किसी जाति का अहं चोट खाता है,
पावक प्रचंड होकर बाहर आता है ।
उत्तर:
कवि परिचय : परशुराम की प्रतीक्षा कविता के कवि श्री रामधारी सिंह दिनकर जी आधुनिक युग के सर्वश्रेष्ठ और वीर रस के कवि के रूप में प्रसिद्ध हैं । आप का जन्म बिहार के मुंगेर जिले के सिमरिया नामक गाँव में सन् 1908 ई. को हुआ । कुरुक्षेत्र, ऊर्वशी, रश्मिरथी, परशुराम की प्रतीक्षा आपके प्रमुख काव्य संग्रह हैं । ज्ञानपीठ पुरस्कार के साथ साथ भारत सरकार द्वारा पद्मभूषण से अलंकृत किया गया । इन का निधन 1974 में – हुआ ।

संदर्भ : कवि दिनकर जी इन पंन्तियों के माध्यम से भारत की गारिमा का गान गा रहे हैं |

व्याख्या : यह भी सच है कि जब-जब भारत का गौरव खतरे में पड़ता है तब तब यहाँ के लोग उग्र रूप धारण करके आंखों में आग लिए आते हैं. पर स्वदेश (भारत) का भागय लिए आते है । भारत पर चीन के आक्रमण के समय भारत का गौरव घायल हुआ है । इसीलिए भारत के लोग चोट खाये भुजंग की तरह क्रोधित हो कर सुलगी हुई आग बना देते हैं । जब किसी जाति का आत्म सम्मान चोट खाता हैं, आग प्रचंड हो कर बाहर आती है ।

विशेषताएँ : देश के प्रति प्रेम और भक्तिभावनाओं को जगानेवाली कविता है | कविता की भाषा सरल तथा विषयानुकूल है । शैली सहज तथा प्रवाहमान है ।

3. असफलता एक चुनौती है, इसे स्वीकार करो,
क्या कमी रह गई, देखो और सुधार करो ।
उत्तर:
कवि परिचय : प्रस्तुत कविता ‘कोशिश करनेवालों की कभी हार नहीं होती’ के कवि हरिवंशराय बच्चन जी हैं । आप हिन्दी साहित्य में हालावाद के प्रवर्तक माने जाते हैं । ‘मधुशाला’, ‘मधुकलश’ आपके बहुचर्चित काव्य हैं ।
संदर्भ : प्रस्तुत कविता में मनुष्य को निरंतर प्रयत्नशील बनकर रहने का संदेश दिया गया है ।

व्याख्या : प्रस्तुत पद्यांश में कवि कहते हैं ” असफलता एक चुनौती है और उसे स्वीकार करना चाहिए। पिछले प्रयास में हमने क्या किया और उसमें क्या कमी है – इन बातों की समीक्षा करके अपने आपको सुधारना चाहिए । पुनः उत्साह से प्रयास करना चाहिए । जब तक सफल नहीं होते तब तक- नींद और आराम को छोड़ देना चाहिए ।”

विशेषता : प्रस्तुत कविता में बच्चन जी बहुत ही सरल भाषा में पाठकों को प्रेरणा देते हैं । उनके अनुसार आदमी तभी हार जाता है, जब वह अपनी कोशिश रोक देता है । जब तक वह कोशिश करता रहेगा तब तक वह पराजित नहीं होता |

4. सखे जाओ तुम हँस कर भूल
रहूँ मैं सुध करके रोती ।
उत्तर:
कवि परिचय : प्रस्तुत पंक्तियाँ ‘ऊर्मिला का विरह गान’ नामक कविता से दी गयी है । इस के कवि श्री मैथिली शरण गुप्त जी हैं। गुप्त जी आधुनिक खड़ीबोली हिन्दी के प्रथम कवि हैं । खड़ीबोली को काव्य भाषा के रूप में निर्मित करते हुए एक नई दिशा देने वाले गुप्त जी का जन्म 1886 ई झांसी जिले के चिरगाँव में हुआ । गुप्त जी कवि, गद्य लेखक, चिंतक, विद्वान है साकेत, यशोधरा, षंचवटी, द्वापर, जयद्रथ वध, नहुष, भारत भारती, काबा और कर्बला आदि आपकी प्रसिद्ध रचनाएँ हैं । गुप्त जी का निधन 1964 में हुआ | गुप्त जी को भारत सरकार ने पद्मभूषण से सम्मानित किया । संदर्भ : ये पंक्तियाँ उर्मिला वनवास को गये लक्ष्मण को याद करते हुए दुख भाव से कहती हैं ।

व्याख्या : राम और सीता के साथ लक्ष्मण वनवास के लिए चल पड़ते हैं । लक्ष्मण की पत्नी उर्मिला पति के आदेश के अनुसार अयोध्या नगरी के राजभवन में ही रह जाती है। उर्मिला लम्बे समय से पति से दूर रहने के कारण पति के वियोग एवं विरह में व्यकुल हो उठती है और अपने आप में ही बातें करने लगती है । अपने सम्मुख पति लक्ष्मण ना होने पर भी लक्ष्मण को सम्बोधित करती हुई कह रही है।
हे प्रियतम ! तुम हंस कर मुझे भूल जाओ पर मैं तुम्हें याद कर करके रोती ही रहूँगी, तुम्हारे हंसने में ही फूलों जैसी सुकुमारता, मधुरता है, पर हमारे रोने में निकलने वाले आँसु मोती बनते जा रहे हैं ।

विशेषताएँ : अपने पती के वियोग विरह में विदग्ध उर्मिला का वर्णन है। वियोग श्रृंगार का सफ़ल प्रस्तुतीकरण है । भाषा शुद्ध खडीबोली हैं ।

6. निम्नलिखित में से किन्हीं दो गद्यांशों की संदर्भ सहित व्याख्या कीजिए । (2 × 4 = 8)

1. युवा पुरुषों के लिए इससे अच्छा कोई दूसरा उपदेश नहीं है कि ‘कभी आलस्य न करो ।’
उत्तर:
संदर्भ: प्रस्तुत गद्यांश ‘आलस्य और दृढ़ता’ नामक लेख से दिया गया है। इसके लेखक बाबू श्यामसुंदर दास हैं । आप हिन्दी के जाने-माने विद्वान और आलोचक हैं | आप बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय में हिन्दी विभाग के प्रथम अध्यक्ष थे। काशी नागरी प्रचारिणी सभा के संस्थापकों में आप भी एक थे । प्रस्तुत लेख में आप युवापीढ़ी को आलस्य छोड़ने का संदेश देते हैं ।

व्याख्या : प्रस्तुत पंक्तियों में लेखक कहते हैं कि आलस्य को छोड़ने के लिए कहना ही युवापीढ़ी के लिए श्रेष्ठ उपदेश है । क्योंकि आजकल की युवापीढ़ी की प्रबल समस्या आलसीपन ही है। काम को टालने और सुस्ती के कारण बड़े-बड़े कार्य पूरा नहीं हो रहे हैं । लेखक सुझाव देते हैं कि चाहे जितना भी कम समय के लिए हो, एक काम को रोज नियमित रूप से करना चाहिए | बस इतना ध्यान रहे कि नियम का भंग न हो ।

विशेषता : इन पंक्तियों में लेखक युवाओं से आलस्य छोड़ने का आग्रह किया है । यह पाठ प्रबोधात्मक लेख है । भाषा अत्यंत सरल और भाव गंभीर हैं ।

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2. कई वर्ष पूर्व मैंने निश्चय किया कि अब हिरण नहीं पालूंगी, परंतु आज उस नियम को भंग किए बिना इस कोमल प्राण जीव की रक्षा संभव नहीं है ।
उत्तर:
कवि परिचय : ये पंक्तियाँ सोना हिरनी नामक रेखाचित्र से दी गयी है । इस की लेखिका महादेवी वर्मा जी का जन्म उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद में हुआ है | हिन्दी साहित्य में छायावाद की प्रमुख लेखिका के साथ साथ संस्मरण तथा रेखाचित्र लेखिका के रूप में सुपरिचित है । आप की प्रमुख रचनाएँ है – नीहार, नीरजा, संध्यगीत, दीप शिखा, अतीत के चलचित्र, क्षणदा, श्रृंखला की कडियाँ, स्मृति की रेखाएँ, मेरा परिवार आदि । इन को ‘यामा’ पर ज्ञानपीठ पुरस्कार मिला है |

संदर्भ : स्वर्गीय धीरेंद्रनाथ वसु पौत्री सस्मिता का पत्र पढते अपनी पुरानी यादों को सहारे कह रही है ।

व्याख्या : लेखिका के परिचित स्वर्गीय धीरेंद्रनाथ वसु पौत्री सस्मिता ने पत्र लेखिका को लिखा है – उनके पडोसी से एक हिरन मिला था । जो उन्हें उसे पालने के लिए दिया था । कुछ ही महीनों में उस हिरन के साथ बहुत स्नेह हो गया था । वह अब बडी हो जाने के कारण अधिक विस्तृत स्थान चाहिए, स्थलविस्तृति के अभाव के कारण विश्वास के साथ लेखिका के यहाँ पालने देना चाहती है । पत्र पड़ते पड़ते लेखिका को अचानक ‘सोना’ (हिरन ) की यादें ताजा हो जाती है । लेकिन कई वर्षो पूर्व लेखिका ने निश्वय किया कि अब हिरन नहीं पालेंगी । परंतु उस नियम को भंग किए बिना इस कोमल जीवी की रक्षा संभव नहीं है ।

विशेषताएँ : इस रेखाचित्र में सोना हिरनी के प्रति लेखिका का स्नेह संपूर्ण आत्मीयता और अंतरंग भाव साकार हुआ है । महादेवी वर्मा अपनी गद्य भाषा के कवित्वपूर्ण विन्यास द्वारा सोना हिरनी के सौन्दर्य का अनुपम चित्रण किया है जो मानवीय संवेदना की गत्वर दीप्ती को जागृत करती है ।

3. आप अगर बुरा न मानें तो मैं आपके हिस्से में से दस ऊँट ले लूँ । आप तो जानते ही हैं कि मेरे जैसे सांसारिक लोगों के लिए धन का ही महत्व होता है ।
उत्तर:
संदर्भ : यह वाक्य अंधे बाबा अब्दुल्ला नामक पाठ से लिया गया है । यह कहानी ‘अलिफ लैला की कहानियाँ’ में से संकलित है। इस कहानी का मुख्य पात्र अब्दुल्ला है ।

व्याख्या : ये वाक्य अब्दुल्ला फकीर से कह रहा है । अब्दुल्ला और फकीर असंख्याक द्रव्य से भरे गुफा से 80 ऊँट पर रत्न अषर्फियाँ लाद कर, वादे के अनुसार दोनो बाँट लिए । फकीर अपने शर्त का हिस्सा और मरहम ले जा रहा था इतने में अब्दुल्ला को दिल में लोभ का शैतान फैल गया । और अपने सारे ऊँटो को वापस लेलिया ।

विशेषता: इन वाक्यों से अब्दुल्ला की अत्याशा के बारे में बता रहे है।

4. उनकी काँपती हुई जबान से केवल इतना ही निकला – साहब, यह तिजोरी ताले से नहीं, नम्बरों से खुलती है ।
उत्तर:
लेखक परिचय : “नंबरोंवाली तिजोरी” नामक हास्य कथा के लेखक कुंवर सुरेश सिंह जी हैं। सुरेश सिंह जी का जन्म 1935 में उत्तर प्रदेश के कालाकाँकर के राज परिवार में हुआ । वे हिन्दी के सुपरिचित साहित्यकार हैं तथा आइ.ए.एस अफिसर भी हैं । आपकी रचनाएँ हैं ‘पंत जी और कालाकाँकर’ अवं ‘यादों के झरोखे से’ । इनकी रचनाएँ भारत सरकार द्वारा पुरस्कृत हैं ।

संदर्भ : ये वाक्य डाकुओंसे डरते हुए मैनेजर कह रहे हैं ।

व्याख्या : मैनेजर साहब को राजा साहब के यहाँ से तोहफ़े में एक नंबरोंवाली तिजोरी मिली थी । जो बंद पडी हुई होती हैं उनके घर में डाकू चोरी के लिए आते हैं । उसे कई प्रयत्नो के बाद भी खोल नहीं पाते तो मैनेजर के सर पर बल्लम अड़ा कर धमकी देते हुए चाबी मांगते हैं । खूब पिटाई करते हैं पिटा गया मैनेजर कांपते हुए स्वर में कहता है कि यह तिजोरी ताले से नही नंबरों से खुलती है ।

विशेषताएँ : यह एक हास्य कथा है। कमरे की रौनख बढाने के लिए लायी गयी तिजोरी के कारण डाकुओं से बेहद पिटे जाने वाले बेकसूर मैनेजर की कथा ह । भाषा सरल तथा उर्दू से भरी है। शैली प्रवाहमान है।

7. निम्नलिखित में से किन्हीं दो लघु प्रश्नों के उत्तर लिखिए । (2 × 2 = 4)

1. कौन – सा व्यक्ति संसार में गौरव पा सकता है ?
उत्तर:
वही व्यक्ति संसार में गौरव पा सकता है जो किसी काम में दृढ़ता के साथ लगे रहता है । वह आलस्य से मुक्त रहता है और सारे काम सफलता पूर्वक कर सकता है । अतः दृढ़तापूर्ण व्यक्ति ही संसार में गौरव पाने का योग्य है ।

2. हिरण को किन – किन नामों से पुकारते थे ?
उत्तर:
लेखिका हिरन को सोना, सुवर्णा, स्वर्ण लेखा आदि नामों से पुकारती है ।

3. खलीफा ने क्या कहाँ ?
उत्तर:
खलीफा ने कहा, तुम्हारी मूर्खता तो बहुत बडी थी । भगवान तुम्हे क्षमा करेंगे / अब तुम अपनी सारी कथा भिक्षुक मंडली को सुनाओ कि लालच का क्या फल होता है । अब तुम भीख मांगना छोड दो। तुम्हे हर दिन पाँच रुपये मेरे खजाने में से मिलेंगे । यह व्यवस्था तुम्हारे जीवन भर केलिए होगी ।

4. मैनेजर साहब ने डाकुओं को क्या जवाब दिया ?
उत्तर:
मैनेजर साहब ने डाकुओं से मार खा कर घबराए हुए स्वर में कहा यह तिजोरी तालों से नहीं, नंबरों से खुलती है । और कहा इसका नंबर मुझे भी नहीं मालुम है ।

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8. निम्नलिखित में से किन्हीं दो लघु प्रश्नों के उत्तर लिखिए । (2 × 2 = 4)

1. जल में छिपा बैठा दुर्योधन को युधिष्ठिर ने कैसे पुकारा ?
उत्तर:
जल में छिपे दुर्योधन को युधिष्ठिर, ओ पापी, अरे ओ कपटी, दुरात्मा दुर्योधन कहकर पुकारता है । स्त्रियों की भाँति जल में छिपना नही. बांहर निकलकर आने केलिए युधिष्ठिर कहता है ।

2. ‘रीढ़ की हड्डी’ एकांकी का मुख्य उद्देश्य क्या है ?
उत्तर:
भारतीय समाज की कई समस्याओं का चित्रण करना ही “रीढ़ की हड्डी’ का मुख्य उद्देश्य है । लड़कियों को लड़कों के बराबर न देखना, जल्दबाजी करके अयोग्य के गले लड़की मढ़ देना, लड़की के पिता की लाचारी, लड़कियों को प्राणहीन वस्तु की तरह देखने की मानसिकता, उच्चशिक्षा प्राप्त युवकों में व्यक्तित्व का अभाव – इत्यादि कई समस्याएँ चित्रित करने में एकांकी का उद्देश्य पूरा हुआ ।

3. डॉ. बहादूर के अनुसार सही निदान और सही इलाज के लिए क्या जानना जरूरी है ?
उत्तर:
डॉ. बहादुर के अनुसार सही निदान और सही इलाज के लिए जानना जरूरी है कि एक तो वह सांप था या नही, दूसरा अगर सांप था तो जहरीला था या नही, तीसरे अगर जहरीला था तो किस जाति का सांप था ।

4. ‘रीढ़ की हड्डी’ एकांकी में उमा के विचारों पर प्रकाश डालिए ।
उत्तर:
‘रीढ़ की हड्डी’ एकांकी में उमा नायिका है । वह उच्चशिक्षा प्राप्त युवती है । उसका अपना व्यक्तित्व है । वह लड़की देखने की प्रथा के नाम पर होनेवाले अपमान का सहन नहीं करती । उमा के अनुसार लड़कियों का भी दिल होता है और उसे ठेस पहुँचती है । ऐन मौके पर वह अपना मुँह खोलती है और लड़केवालों का मुँहतोड़ जवाब देती है |

9. निम्नलिखित प्रश्नों का वाक्य में उत्तर लिखिए । (5 × 1 = 5)

1. तुलसीदास का जन्म कहाँ हुआ ?
उत्तर:
तुलसीदास का जन्म उत्तर प्रदेश के बाँदा जिले के राजापुर (चित्रकूट) गाँव मे हुआ है ।

2. बिहारी के ग्रंथ का नाम क्या था ?
उत्तर:
बिहारी सत्त्सई ।

3. ‘हिमाद्रि से’ कविता के कवि कौन हैं ?
उत्तर:
जयशंकर प्रसाद

4. परशुराम में किन – किन महापुरुषों के गुण निहित हैं ?
उत्तर:
गाँधीजी गौतम बुद्ध एवं शंकर ।

5. हालाबाद के प्रवर्तक कौन हैं ?
उत्तर:
हालावाद के प्रवर्तक श्री हरिवंशराय बच्चन हैं !

10. निम्नलिखित प्रश्नों का एक वाक्य में उत्तर लिखिए ।

1. ‘आलस्य और दृढ़ता’ पाठ के लेखक कौन हैं ?
उत्तर:
‘आलस्य और दृढ़ता’ पाठ के लेखक डॉ. श्यामसुंदर दास हैं ।

2. सौंदर्य के प्रति किसका आकर्षण नहीं रहता ?
उत्तर:
शिकारी ।

3. फकीर ने कितने ऊँट लेने का शर्त रखा ?
उत्तर:
फकीर ने चालीस ऊँट लेने की शर्त रखा ।

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4. ‘नंबरों वाली तिजोरी’ पाठ के लेखक कौन हैं ?
उत्तर:
सुरेश सिंह ।

5. देहाती लक्ष्मी कितने रास्तों से भागती है ?
उत्तर:
चार रास्तों में भागती है ।

खंड – ख (40 अंक)

11. निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर इसके नीचे दिये गये प्रश्नों के उत्तर दीखिए । (5 × 2 = 10)

डॉ.भीमराव रामजी अंबेडकर ‘बाबा साहेब’ के नाम से लोकप्रिय थे । आप भारतीय विधि वेत्ता, अर्थशास्त्री, राजनीतिज्ञ और समाज सुधारक थे। वे भारत संविधान के निर्माता थे । उन्होंने भारत के संविधान की रचना करके 26 नवंबर, 1949 में संविधान सभा को समर्पित किया था । बाबा साहेब का जन्म 14 अप्रैल, 1891 को मध्य भारत प्रांत (अब मध्य प्रदेश) में स्थित नगर सैन्य छावनी ‘महूँ’ में हुआ था । उनका परिवार मराठी था वे आंबडवे गाँव जो रत्नगिरि जिले में है । बाबा साहेब ने ‘कोलंबिया विश्वविद्यालय’ और ‘लंदन स्कूल आफ इकोनामिक्स’ दोनों विश्वविद्यालयों से अर्थशास्त्र में डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की । वे भारत के प्रथम कानूनी मंत्री भी थे। मार्च, 1952 में उन्हें संसद के ऊपरी सदन यानि राज्य सभा के लिए नियुक्त किया गया और इसके बाद उनकी मृत्यु 6 दिसंबर, 1956 तक वे इस सदन के सदस्य (एम.पी.) रहे । सन् 1990 में बाबा साहेब के मरणोपरांत भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ से उन्हें सम्मानित किया गया है । प्रति वर्ष 14 अप्रैल को उनका जन्म दिन भारत में ‘अंबेडकर जयंती’ के रूप में मनाया जाता है ।

प्रश्न :
1. भारत के संविधान के निर्माता कौन थे ?
उत्तर:
भारत के संविधान के निर्माता डॉ. भीमराव रामजी अंबेडकर जी थे ।

2. अंबेडकर ने संविधान को कब समर्पित किया ?
उत्तर:
‘अंबेडकर ने संविधान को 26 नवंबर, 1949 को समर्पित किया ।

3. अंबेडकर ने किन – किन विश्वविद्यालयों से डॉक्टरेट प्राप्त की ?
उत्तर:
अंबेडकर ने ‘कोलंबिया विश्वविद्यालय’ और ‘लंदन स्कूल आफ इकोनामिक्स विश्वविद्यालयो में अर्थशास्त्र के डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की ।

4. अंबेडकर को भारत रत्न के पुरस्कार से कब सम्मानित किया ?
उत्तर:
अंबेडकर को भारत रत्न के पुरस्कार से सन् 1990 में सम्मनित किया ।

5. अबेडकर जयंती कब मनाया जाता है ?
उत्तर:
अंबेडकर जयंती प्रतिवर्ष 14 अप्रैल को मनायी जाती है ।

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12. निम्नलिखित शब्दों में से किन्हीं पाँच शब्दों का संधि विच्छेद कीजिए । (5 × 1 = 5)

1. देवर्षि
2. देवालय
3. मनोहर
4. विद्यालय
5. इत्यादि
6. सद्भावना
7. वागीश
8. महोत्सव
9. महेश
10. सज्जन
उत्तर:
1. देवर्षि = देव + ऋषि
2. देवालय = देव + आलय
3. मनोहर मनः + हर
4. विद्यालय = विद्या + आलय
5. इत्यादि = इति + आदि
6. सद्भावना = सत् + भावना
7. वागीश = वाक + ईश
8. महोत्सव = महा + उत्सव
9. महेश = महा + ईश
10. सज्जन = सत + जन

13. निम्नलिखित शब्दों में से किन्हीं पाँच शब्दों के समास के नाम लिखिए । (5 × 1 = 5)

1. भरपेट
2. माता – पिता
3. दीननाथ
4. नवरस
5. पंकज
6. चक्रधर
7. जलज
8. प्रतिदिन
9. नीली गाय
10. अरुण तारा
उत्तर:
1. भरपेट = ( अव्ययीभाव समास ) ( पेट भरकर )
2. माता-पिता = ( द्वन्द्व समास ) ( मोता और पिता )
3. दीननाथ = (तत्पुरुष समास ) ( दिनों के एि नाथ )
4. नवरस = ( द्विगु समास ) ( नव रसा का समूह )
5. पंकज = ( बहुव्रीहि समास ) ( पंक में जन्म लेनेवाला अर्थात कमल )
6. चक्रधर = ( बहुव्रीहि समास ) ( चक्र का धारण करनेवाला अर्थात् श्रीहरि )
7. जलज = ( बहुव्रीहि समास ) ( जल में जन्म लेनेवाला अर्थात् पद्म )
8. प्रतिदिन = (अव्ययीभाव समास ) ( दिन – दिन )
9. नीली गाय = ( कर्मधारय समास ) ( वह गाय जो नीली हो )
10. अरुण तारा = (कर्मधारय समास ) ( अरुण रंग का तारा)

14. (अ) निम्नलिखित वाक्यों में से किन्हीं पाँच वाक्यों को हिंदी में अनुवाद कीजिए । (5 × 1 = 5)

1. My name is Mohan.
उत्तर: मेरा नाम मोहन हैं ।

2. Rama killed Ravana.
उत्तर: राम ने रावण को मारा ।

3. Don’t tell lies.
उत्तर: झूठ मत बोलो।

4. Service to man is service to God.
उत्तर: मानव सेवा ही माधव सेवा है ।

5. The Sun rises in the East.
उत्तर: सूरज पूरब में उगता है ।

6. Ramakanth is a brave boy.
उत्तर: रमाकांत एक साहसी लड़का है ।

7. Amaravati is the Capital of Andhra Pradesh.
उत्तर: अमरावती आंध्र प्रदेश की राजधानी है ।

8. Visakhapatnam is a beautiful city.
उत्तर: विशाखापट्टणम एक सुंदर नगर है ।

9. Rakesh is playing in the play ground.
उत्तर: राकेश मैदान में खेल रहा है ।

10. Respect your teachers.
उत्तर: अध्यापकों का सम्मान करो ।

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(आ) निम्नलिखित वाक्यों में से पाँच वाक्यों का शुद्ध रूप लिखिए । (5 × 1 = 5)

1. मैं स्कूल जाता/जाती है ।
उत्तर: मैं स्कूल जाता/जाती हूँ । (शुद्ध)

2. श्रीदेवी पाठ पढ़ता है ।
उत्तर: श्रीदेवी पाठ पढ़ती है । (शुद्ध)

3. गोदावरी की पानी मीठी हैं ।
उत्तर: गोदावरी का पानी मीठा है । (शुद्ध)

4. धनराज ने चिट्ठी लिखा ।
उत्तर: धनराज ने चिट्ठी लिखा । (शुद्ध)

5. अध्यापक जी ने बोले ।
उत्तर: अध्यापक जी बोले । (शुद्ध)

6. मैं मेरा काम करता हूँ ।
उत्तर: मैं अपना काम करता हूँ । (शुद्ध)

7. आप आपका नाम बताइये ।
उत्तर: आप अपना नाम बताइये । (शुद्ध)

8. हम हिंदी सीखनी चाहिए ।
उत्तर: हमें हिंदी सीखनी चाहिए। (शुद्ध) (हम + को = हमें )

9. राम बन जाना पड़ा ।
उत्तर: राम को वन जाना पड़ा । (शुद्ध)

10. दशरथ की तीन रानियाँ थीं ।
उत्तर: दशरथ के तीन रानियाँ थीं । (शुद्ध) (संबंधी)

15. निम्नलिखित गद्यांश का संक्षिप्तीकरण कीजिए । (1 × 5 = 5)

वर्तमान-काल विज्ञापन का युग माना जाता है । समाचार-पत्रों के अतिरिक्त रेडियो और टेलीविजन भी विज्ञापन के सफल साधन हैं । विज्ञापन का मूल उद्देश्य उत्पादक और उपभोक्ता में सीधा संपर्क स्थापित करना होता है । जितना अधिक विज्ञापन किसी पदार्थ का होगा, उतनी ही उसकी लोकप्रियता बढ़ेगी । इन विज्ञापनों पर धन तो अधिक व्यय होता हैं, पर इनसे बिक्री बढ़ जाती है। ग्राहक जब इन आकर्षक विज्ञापनों को देखता है, तो वह उस वस्तुविशेष के प्रति आकृष्ट होकर उसे खरीदने को बाध्य हो जाता है ।
उत्तर:
यह विज्ञापन का युग है। समाचार-पत्र, रेडियो, टेलिविजन विज्ञापन के मुख्य साधन हैं | विज्ञापन का मुख्य उद्देश्य है उत्पादन को उपभोक्ता से जोडना । विज्ञापन उत्पादन की लोकप्रियता बडाता है । विज्ञापन से ग्राहक आकर्षित होता है । उत्पादन को अधिक संख्या में खरीदता है ।

AP Inter 2nd Year Hindi Model Paper Set 1 with Solutions

16. निम्नलिखित में से किन्हीं पाँच वाक्यों का वाच्य बदलिए । (5 × 1 = 5)

1. राम ने रोटी खाई ।
उत्तर: राम से रोटी खाई गई । (कर्म) (रोटी – स्त्रीलिंग)

2. मैंने किताब पढ़ी |
उत्तर: मुझसे किताब पढ़ी गई । (कर्म) (किताब – स्त्रीलिंग)

3. शारदा पाठ पढ़ती है ।
उत्तर: शारदा से पाठ पढ़ा जाता है । (कर्म) (पाठ – पुलिंग )

4. मौनिका गीत गाती है ।
उत्तर: मौनिका से गीत गाया जाता है । (कर्म) (गीत – पुलिंग )

5. मुरली रस पीता है ।
उत्तर: मुरली से रस पीया जाता है। (कर्म) (रस – पुलिंग )

6. मैं प्रतिदिन व्यायाम करता हूँ ।
उत्तर: मुझसे प्रतिदिन व्यायाम किया जाता है । (कर्म) (व्यायाम – पुलिंग)

7. कृष्ण से बाँसुरी बजायी जाती हैं।
उत्तर: कृष्ण बाँसुरी बजाता है। (कर्तृ) (बाँसुरी – स्त्रीलिंग)

8. हम फिल्म देखेंगे ।
उत्तर: हमसे फिल्म देखी जाएगी। (कर्म) (फिल्म स्त्रीलिंग)

9. आप नहीं उठेंगे ।
उत्तर: आपसे उठा नहीं जाता । (भाव)

10. वह नहीं सोता ।
उत्तर: उससे सोया नहीं जाता । (भाव)

TS Inter 2nd Year Maths 2B Question Paper March 2023

Access to a variety of TS Inter 2nd Year Maths 2B Model Papers and TS Inter 2nd Year Maths 2B Question Paper March 2023 allows students to familiarize themselves with different question patterns.

TS Inter 2nd Year Maths 2B Question Paper March 2023

Time : 3 Hours
Max. Marks : 75

Section – A
(10 × 2 = 20)

I. Very Short Answer Type Questions.

  1. Attempt ALL questions.
  2. Each question carries TWO marks.

1. Find the equation of circle with center C = (-1, 2) and radius r = 5.

2. Find the equation of the normal at P = (3, 5) of the circle
S ≡ x2 + y2 – 10x – 2y + 6 = 0.

3. Find the equation of the radical axis of the following circles :
x2 + y2 – 3x – 4y +5 = 0, 3(x2 + y2) – 7x + 8y – 11 = 0.

TS Inter 2nd Year Maths 2B Question Paper March 2023

4. Find the coordinates of the points on the parabola y2 = 8x whose focal distance is 10.

5. If 3x – 4y + k = 0 is a tangent to x2 – 4y2 = 5, find the value of k.

6. Evaluate ∫\(\sqrt{1-\cos 2 x}\) dx on I ⊂ [2nπ, (2n + 1) π], n ∈ Z.

7. Evaluate \(\int \frac{x^8}{1+x^{18}}\) dx or R.

8. Evaluate \(\int_2^3 \frac{2 x}{1+x^2}\)dx.

9. Find \(\int_0^{\pi / 2}\) cos8x dx.

10. Find the order and degree of
\(\left[\frac{\mathrm{d}^3 y}{\mathrm{~d} x^3}\right]^2\) – 3\(\left[\frac{\mathrm{d} y}{\mathrm{~d} x}\right]^2\) – ex = 4

Section – B

II. Short Answer Type Questions.

  1. Attempt ANY FIVE questions.
  2. Each question carries FOUR marks.

11. Find the length of the chord formed by x2 + y2 = a2 on the line x cos a + y sin a = R

12. Find the equation of the circle which cuts orthogonally the circle x2 + y2 – 4x + 2y – 7 = 0 and having the center at (2, 3).

13. Find the eccentricity, coordinates of foci, length of latus rec¬tum and equations of directrices of the following ellipse :
9x2 + 16y2 – 36x + 32y – 92 = 0.

14. Find the condition for the line lx + my + n = 0 to be a tangent to the ellipse \(\frac{x^2}{\mathrm{a}^2}+\frac{y^2}{\mathrm{~b}^2}\) = 1.

15. Find the equations of the tangents to the hyperbola 3x2 – 4y2 = 12 which are

  1. parallel and
  2. perpendicular to the line y = x – 7.

16. Evaluate \(\int_0^{\pi / 2} \frac{\sin ^5 x}{\sin ^5 x+\cos ^5 x}\)dx

TS Inter 2nd Year Maths 2B Question Paper March 2023

17. Solve the differential equation
\(\frac{d y}{d x}\) = \(\frac{x y+y}{x y+x}\)

Section – C
(5 × 7 = 35)

III. Long Answer Type Questions.

  1. Answer ANY FIVE questions.
  2. Each question carries SEVEN marks.

18. Find the equation of circle passing through (3, 4), (3, 2), (1, 4).

19. Find the equation of circle with center (-2, 3) cutting a chord length 2 units on 3x + 4y + 4 = 0.

20. Derive the equation of the parabola in standard form.

21. Evaluate \(\int \frac{d x}{5+4 \cos 2 x}\)

TS Inter 2nd Year Maths 2B Question Paper March 2023

22. Evaluate \(\int \frac{d x}{x(x+1)(x+2)}\)

23. Evaluate \(\int_{\pi / 6}^{\pi / 3} \frac{\sqrt{\sin x}}{\sqrt{\sin x}+\sqrt{\cos x}}\)dx

24. Solve the differential equation
(x2 + y2) dy = 2xy dx.

TS Inter 2nd Year Maths 2B Question Paper March 2020

Access to a variety of TS Inter 2nd Year Maths 2B Model Papers and TS Inter 2nd Year Maths 2B Question Paper March 2020 allows students to familiarize themselves with different question patterns.

TS Inter 2nd Year Maths 2B Question Paper March 2020

Time : 3 Hours
Max. Marks : 75

Section – A
(10 × 2 = 20)

I. Very Short Answer type questions.

  1. Attempt all questions.
  2. Each question carries two marks.

Question 1.
Find the centre and radius of the circle : x2 + y2 – 4x – 8y – 41 =0.
Solution:
x2 + y2 – 4x – 8y – 41 = 0 …… (i)
x2 + y2 + 2gx + 2fy – 41 = 0 …… (ii)
Comparing (i) and (ii) we get
g = -2, f = -4, c = -41
Radius = \(\sqrt{g^2+f^2-c}\)
= \(\sqrt{4+16+41}\)
= \(\sqrt{61}\) units
Centre = (-g, -f) = (2, 4)

Question 2.
If the length of the tangent from (5, 4) to the circle x2 + y2 + 2ky = 0 is 1, then find k.
Solution:
Length of tangent
= \(\sqrt{S_{11}}\) = \(\sqrt{(5)^2+(4)^2+8 k}\)
But, length of tangent
∴ 1 = \(\sqrt{25+16+8 k}\)
Squaring both sides we get 1 = 41 + 8k
k = – 5 units.

TS Inter 2nd Year Maths 2B Question Paper March 2020

Question 3.
Find the equation of the common chord of the circles : x2 + y2 – 4x – 4y + 3 = 0 and x2 + y2 – 5x – 6y + 4 = 0.
Solution:
(x2 + y2 – 4x – 4y + 3) – (x2 + y2 – 5x – 6y + 4) = 0
x + 2y – 1 = 0 Equation of common chord.

Question 4.
Find the equation of the tangent to the parabola y2 = 6x at the positive end of the latus rectum.
Solution:
(a, 2a) Here, 4a = 6 ⇒ a = \(\frac{3}{2}\)
(\(\frac{3}{2}\), 3)
equation of tangent yy1 = 2a (x + x1)
= 3(x + x1)
3y = 3(x + \(\frac{3}{2}\))
2y – 2x – 3 = 0 is the equation of tangent
Slope of tangent is 1
Slope of normal is -1
Equation of normal is y – 3 = – 1(x – \(\frac{3}{2}\))
2x + 2y – 9 = 0

Question 5.
If the angle between the asymptotes of the hyperbola is 30°, then find its eccentricity.
Solution:
Angle between the asymptotes = 2θ = 30°
TS Inter 2nd Year Maths 2B Question Paper March 2020 1

Question 6.
Evaluate the integral \(\int \frac{\sin ^2 x}{1+\cos 2 x}\) dx on I ⊂ R\{(2n ± 1)π: n ∈ Z}.
Solution:
TS Inter 2nd Year Maths 2B Question Paper March 2020 2

Question 7.
Evaluate the integral : \(\int \frac{2 x+1}{x^2+x+1}\) dx, x ∈ R.
Solution:
t = x2 + x + 1
dt = (2x + 1)dx
\(\int \frac{2 x+1}{x^2+x+1}\) dx = \(\int \frac{d t}{t}\)
= log|t| + C
= log|x2 + x + 1| + C

Question 8.
Evaluate the definite integral: \(\int_2^3 \frac{2 x}{1+x^2} d x\)
Solution:
TS Inter 2nd Year Maths 2B Question Paper March 2020 3

Question 9.
Find the area of the region enclosed by y = x3 + 3, y = 0, x = -1, x = 2.
Solution:
Required are PABQ
TS Inter 2nd Year Maths 2B Question Paper March 2020 4
TS Inter 2nd Year Maths 2B Question Paper March 2020 5

Question 10.
Form the differential equation corresponding to: y = A cos 3x + 6 sin 3x, where A and B are parameters.
Solution:
We have y = A cos 3x + B sin 3x
Differentiating w.r.to x dy
\(\frac{d y}{d x}\) = -3A sin 3x + 3B cos 3x dx
Differentiating again w.r.to. x
\(\frac{d^2 y}{d x^2}\) = – 9(A cos 3x + B sin 3x)
= -9(A cos 3x + B sin 3x)
= -9y
is \(\frac{d^2 y}{d x^2}\) + 9y = 0.

Alternate method :

Eliminating A, B from the equation
y = A cos 3x + B sin 3x
\(\frac{d y}{d x}\) = -3A sin 3x + 3B sin cos 3x
TS Inter 2nd Year Maths 2B Question Paper March 2020 6
y(27 sin2 3x + 27 cos2 3x) – (-9 sin 3x.cos3x + 9cos3x.sin3x)\(\frac{d y}{d x}\) + (3 cos2 3x + 3 sin2 3x)\(\frac{d^2 y}{d x^2}\) = o
27y + 3.\(\frac{d^2 y}{d x^2}\) = 0 or \(\frac{d^2 y}{d x^2}\) + 9y = 0
This is the required differential equation.

Section – B
(5 × 4 = 20 marks)

II. Short Answer Type questions.

  1. Attempt any five questions.
  2. Each question carries four marks.

Question 11.
Find the length of the chord intercepted by the circle : x2 + y2 – x + 3y – 22 = 0 on the line y = x – 3.
Solution:
Equation of the circle is
S ≡ x2 + y2 – x + 3y – 22 = 0
TS Inter 2nd Year Maths 2B Question Paper March 2020 7
Equation of the line is y = x – 3 ⇒ x – y – 3 = 0
P = distance from the centre
TS Inter 2nd Year Maths 2B Question Paper March 2020 8

TS Inter 2nd Year Maths 2B Question Paper March 2020

Question 12.
Show that the angle between the circles x2 + y2 = a2, x2 + y2 = ax + ay is \(\frac{3 \pi}{4}\).
Solution:
TS Inter 2nd Year Maths 2B Question Paper March 2020 9
TS Inter 2nd Year Maths 2B Question Paper March 2020 10

Question 13.
Find the length of latus rectum, eccentricity, foci and the equations of directrices of the ellipse : 9x2 + 16y2 = 144.
Solution:
Given equation is 9x2 + 16y2 = 144
\(\frac{x^2}{16}+\frac{y^2}{9}\) = 1
Length of major axis = 2a = 2. 4 = 8
Length of minor axis = 2b = 2. 3 = 6
Length of latus rectum = \(\frac{2 b^2}{a}\) = \(\frac{2.9}{4}\) = \(\frac{9}{2}\)
Eccentricity = \(\sqrt{\frac{a^2-b^2}{a^2}}\) = \(\sqrt{\frac{16-9}{16}}\) = \(\sqrt{\frac{7}{4}}\)
Centre is c (0,0)
Foci are (± ae, 0) = ( ± \(\sqrt{7}\), 0)
Equations of the directrices are x = ±\(\frac{\mathrm{a}}{\mathrm{e}}\)
x = ±4.\(\frac{4}{\sqrt{7}}\) = ±\(\frac{16}{\sqrt{7}} \sqrt{7} x\) = ±16

Question 14.
Find the equation of tangent and normal to the ellipse x2 + 8y2 = 33 at (-1, 2).
Solution:
Equation of the tangent is
\(\frac{x x_1}{a^2}\) + \(\frac{y y_1}{b^2}\) = 1
x(-1) + 8y(2) = 33
⇒ -x + 16y = 33
⇒ x – 16y + 33 = 0
Equation of the normal is
-16x + 2 + k = 0
It passes through P(-1, 2)
-16 + 2 + k = 0 ⇒ k = 14
Equation of the normal is
16x + y + 14 = 0

Question 15.
Find the equations of the tangents to the hyperbola : 3x2 – 4y2 = 12 which are :
i) Parallel and
ii) Perpendicular to the line y = x – 7.
Solution:
i) Equation of the hyperbola is 3x2 – 4y2 = 12
\(\frac{x^2}{4}-\frac{y^2}{3}\) = 1
a2 = 4, b2 = 3
The tangent is parallel to y = x – 7
m = slope of the tangent = 1
Equation of the parallel tangents are
y = mx ± \(\sqrt{a^2 m^2-b^2}\)
y = x ± \(\sqrt{4-3}\)
y = x ± 1

ii) The tangent is perpendicular to y – x = 7
m – slope of the tangent = (-1)
Equation of the perpendicular tangents are
y = (-1)x ± \(\sqrt{4(-1)^2-3}\)
= -x ± 1
x + y = ± 1

Question 16.
Evaluate: \(\int_{\pi / 6}^{\pi / 3} \frac{\sqrt{\sin x}}{\sqrt{\sin x}+\sqrt{\cos x}} d x\)
Solution:
TS Inter 2nd Year Maths 2B Question Paper March 2020 11
TS Inter 2nd Year Maths 2B Question Paper March 2020 12

Question 17.
Solve the differential equation: (xy2 + x)dx + (yx2 + y)dy = 0
Solution:
(xy2 + x) dx + (yx2 + y) dy = 0
x(y2 + 1) dx + y (x2 + 1) dy = 0
Dividing with (1 + x2) (1 + y2)
\(\frac{x d x}{1+x^2}\) + \(\frac{y d y}{1+y^2}\) = 0
Integrating
\(\int \frac{x d x}{1+x^2}\) + \(\int \frac{y d y}{1+y^2}\) = 0
\(\frac{1}{2}\)[(log (1 + x2) + log (1 + y2)] = log c
log (1 + x2) (1 + y2) = 2 log c = log c2
Solution is (1 + x2) (1 + y2) = k when k = c2.

Section – C

III. Long Answer Type questions.

  1. Attempt any five questions.
  2. Each question carries seven marks.

Question 18.
Find the equation of a circle which passes through (2, -3) and (- 4, 5) and having the centre on 4x + 3y + 1 = 0.
Solution:
x2 + y2 +2gx + 2fy + c = 0 ……. (i)
Equation (i) passes through (2, – 3), (- 4, 5)
∴ 4 + 9 + 4g – 6f + c = 0 …… (ii)
16 + 25 – 8g + 10f + c = 0 ……….. (iii)
Equation (iii) – (ii) we get
28 – 12g + 16f = 0
(or) 3g – 4f = 7
Centre lies on (- g, – f) lies on 4x + 3y + 1 = 0
then 4(- g) + 3(- f) + 1 = 0
3g – 4f – 7 = 0
Solving we get f = – 1
g = 1
Now, substituting f, g values in equation (ii) we get
4 + 9 + 4(1) – 6(-1) + c = 0, c = -23
x2 + y2 + 2x – 2y – 23 = 0 is required equation of circle.

TS Inter 2nd Year Maths 2B Question Paper March 2020

Question 19.
Show that: x2 + y2 – 6x – 9y + 13 = 0, x2 + y2 – 2x – 16y = 0 touch each other. Find the point of contact and the equation of common tangent at their point of contact.
Solution:
Equations of the circles are
TS Inter 2nd Year Maths 2B Question Paper March 2020 13
∴ The circles touch each other internally. The point of contact ‘p’ divides AB externally in the ratio r1 : r2 = \(\frac{\sqrt{65}}{2}\) : \(\sqrt{65}\) = 1 : 2 co-ordinates of p are
TS Inter 2nd Year Maths 2B Question Paper March 2020 14
∴ Equation of the common tangent is S1 – S2 = 0
-4x + 7y + 13 = 0
4x – 7y – 13 = 0

Question 20.
Derive the equation of a parabola in standard form.
Solution:
Equation of Parabola : General form – Let S(α, β) be the focus and ax + by + c = 0 be directrix then by definition the equation of parabola be
TS Inter 2nd Year Maths 2B Question Paper March 2020 15

Question 21.
Evaluate : \(\int \frac{d x}{(1+x) \sqrt{3+2 x-x^2}}\) on (1, 3).
Solution:
TS Inter 2nd Year Maths 2B Question Paper March 2020 16
TS Inter 2nd Year Maths 2B Question Paper March 2020 17

Question 22.
Obtain the reduction formula for ∫sinn x dx for an integer n ≥ 2 and deduce the value of : ∫sin4x dx
Solution:
TS Inter 2nd Year Maths 2B Question Paper March 2020 18
TS Inter 2nd Year Maths 2B Question Paper March 2020 19

Question 23.
Evaluate : \(\int_0^1 \frac{\log (1+x)}{1+x^2}\) dx
Solution:
TS Inter 2nd Year Maths 2B Question Paper March 2020 20
TS Inter 2nd Year Maths 2B Question Paper March 2020 21

TS Inter 2nd Year Maths 2B Question Paper March 2020

Question 24.
Solve the differential equation : sin-1\(\left(\frac{d y}{d x}\right)\) = x + y.
Solution:
TS Inter 2nd Year Maths 2B Question Paper March 2020 22

TS Inter 2nd Year Maths 2B Question Paper May 2022

Access to a variety of TS Inter 2nd Year Maths 2B Model Papers and TS Inter 2nd Year Maths 2B Question Paper May 2022 allows students to familiarize themselves with different question patterns.

TS Inter 2nd Year Maths 2B Question Paper May 2022

Time : 3 Hours
Max. Marks : 75

Section – A
(10 × 2 = 20)

1. Find the equation of the circle passing through (2, -1) having the centre at (2, 3).

2. If x2 + y2 – 4x + 6y + c = 0 represents a circle with radius 6, then find the value of c.

3. Find the value of k if the points (1, 3) and (2, k) are conjugate with respect to the circle x2 + y2 = 35.

TS Inter 2nd Year Maths 2B Question Paper May 2022

4. Find the chord of contact (0, 5) with respect to the circle x2 + y2 – 5x + 4y – 2 = 0.

5. Find the angle between the circles x2 + y2 + 6x – 10y – 135 = 0 and x2 + y2 – 4x + 14y – 116 = 0.

6. Find the common tangent of the circles x2 + y2 + 10x – 2y + 22 = 0 and x2 + y2 + 2x – 8y + 8 = 0 at their point of contact.

7. Find the equation of the parabola whose vertex is (3, -2) and focus is (3, 1).

8. If the eccentricity of a hyperbola is \(\frac{5}{4}\), then find the eccentricity of its conjugate hyperbola.

9. Evaluate \(\int\left[\frac{1}{1-x^2}+\frac{1}{1+x^2}\right]\) dx on (-1, 1).

10. Evaluate ∫(x3 – 2x2 + 3) dx on R.

11. Evaluate ∫\(\frac{\mathrm{e}^{\tan -1}}{1+\mathrm{x}^2}\)dx in I ⊂ (0, ∞)

12. Evaluate \(\int \frac{3 x^2}{1+x^6}\) dx on R.

13. Evaluate \(\int_0^5(x+1) d x .\)

14. Evaluate \(\int_0^\pi \sqrt{2+2 \cos \theta}\) dθ.

15. Find the order and degree of the differential equation
\(\frac{\mathrm{d}^2 \mathrm{y}}{\mathrm{dx}}\) = \(\left[1+\left(\frac{d y}{d x}\right) 2\right]^{\frac{5}{3}} \text {. }\)

Section – B

II. Short Answer Type Questions.

  1. Answer any FIVE questions.
  2. Each Question carries FOUR marks.

16. If the length of the tangent from (2, 5) to the circle x2 + y2 – 5x + 4y + k = 0 is \(\sqrt{37}\) then find k.

17. Find the pole of 3x + 4y – 45 = 0 with respect to x2 + y2 – 6x – 8y + 5 = 0

18. Find the angle between the tangents drawn from (3, 2) to the circle x2 + y2 – 4x + 2y – 7 = 0.

19. Find the equation of the circle which cuts orthogonally the circle x2 + y2 – 4x + 2y – 7 = 0 and having the centre at (2, 3).

TS Inter 2nd Year Maths 2B Question Paper May 2022

20. Show that the circles x2 + y2 – 8x – 2y + 8 = 0 and x2 + y2 – 2x + 6y + 6 = 0 touch each other and find the point of contact.

21. Find the equation of ellipse in the standard form if it passes through the points (-2, 2) and (3, -1).

22. Find the equation of ellipse in the standard from whose distance from foci is 2 and the length of latus rectum is \(\frac{15}{2}\).

23. Find the equation of the hyperbola whose foci are (± 5, 0), the transverse axis is of length 8.

24. Evaluate \(\int_0^2|1-x|\)| dx.

25. Evaluate \(\int_{-1}^2 \frac{x^2}{x^2+2}\) dx.

26. Solve the differential equation \(\frac{d y}{d x}\) = \(\frac{x y+y}{x y+x}\)

27. Solve the differential equation \(\frac{d y}{d x}\) = ex-y + x2e-y.

Section – C
(5 × 7 = 35)

III. Long Answer Type Questions.

  1. Answer ANY FIVE questions.
  2. Each Question carries SEVEN marks.

28. Find the equation of the circle passing through the points (3, 4), (3, 2) and (1, 4).

29. Find the length of the chord intercepted by the circle x2 + y2 – x + 3y – 22 = 0 on the line y = x – 3.

30. Find the equation of the circle which touches the circle x2 + y2 – 2x – 4y – 20 = 0 externally at (5, 5) with radius 5.

31. Find the equation of the circle passing through origin, having its centre on the line x + y = 4 and intersecting the circle x2 + y2 – 4x + 2y + 4 = 0

TS Inter 2nd Year Maths 2B Question Paper May 2022

32. Derive the equation of the parabola in standard form.

33. Evaluate \(\int \frac{\left(a^x-b^x\right)^2}{a^x b^x}\) dx, (a > 0, a ≠ 1, b > 0, b ≠ 1) on R.

34. Evaluate \(\int \frac{1}{(x+3) \sqrt{x+2}}\) dx on I ⊂ (-2, ∞).

35. Evaluate \(\int \frac{d x}{\cos ^2 x+\sin 2 x}\)
I ⊂ R – |(2n + 1)\(\frac{\pi}{2}\), n ∈ z} ∪ {2nπ + tan-1\(\frac{1}{2}\), n ∈ z}.

36. Evaluate \(\int_0^{\frac{\pi}{4}}\)log(1 + tan x) dx.

37. Solve the differential equation \(\frac{\mathrm{dy}}{\mathrm{dx}}\) = tan2 (x + y)

TS Inter 2nd Year Chemistry Question Paper May 2023

Access to a variety of TS Inter 2nd Year Chemistry Model Papers and TS Inter 2nd Year Chemistry Question Paper May 2023 helps students overcome exam anxiety by fostering familiarity.

TS Inter 2nd Year Chemistry Question Paper May 2023

Section – A

Note : i) Answer ANY TEN questions.
ii) Each Question carries TWO marks.
iii) ALL are very short answer type questions.

Question 1.
What are isotonic solutions?

Question 2.
Explain the terms gangue and slag.

Question 3.
Calculate the ‘spin only’ magnetic moment of Fe2+(aq) ion.

Question 4.
What are food preservatives? Give example.

Question 5.
NH3 forms hydrogen bonds but PH3 does not – Why?

 TS Inter 2nd Year Chemistry Question Paper May 2023

Question 6.
What is addition polymer? Give example.

Question 7.
What are antacids? Give example. .

Question 8.
What is metallic corrosion? Give one example.

Question 9.
What is Ziegler-Natta catalyst?

Question 10.
Write the IUPAC names of the following compounds and clas-sify them into primary, secondary and tertiary amines.

i) CH3(CH2)2NH2
ii) (CH3CH2)2NCH3

Section – B

Note: i) Answer ANY SIX questions.
ii) Each Question carries FOUR marks.
iii) ALL are of short answer type questions.

Question 11.
Derive Bragg’s equation,

 TS Inter 2nd Year Chemistry Question Paper May 2023

Question 12.
Explain the terms
(i) Ligand
(ii) Coordination number
(iii) Coordination entity
(iv) Central metal atom/ion

Question 13.
Give the sources of the following vitamins and name the diseases caused by their deficiency
(a) A
(b) D
(c) E and
(d) K

Question 14.
A solution of glucose in water is labeled as 10% w/w. What would be the molarity of the solution?

Question 15.
Explain the formation of micelles with a neat sketch.

Question 16.
Explain the extraction of zinc from zinc blende.

Question 17.
Explain the structures of
(a) XeF6 and
(b) XeOF4.

Question 18.
a) What are Enantiomers?
b) What are ambident nucleophiles?

Section – C

Note: i) Answer ANY TWO questions.
ii) Each Question carries EIGHT marks.
iii) ALL are of long answer type questions.

Question 19.
a) State and explain Kohlrausch’s law of independent migration of ions.

b) What is “molecularity” of a reaction? How is it dif¬ferent from the ‘order’ of a reaction? Name one bi- molecular and one trimolecular gaseous reactions.

 TS Inter 2nd Year Chemistry Question Paper May 2023

Question 20.
How is ozone prepared from oxygen? Explain its re-action with
(i) C2H4
(ii) K1
(iii) Hg
(iv) PbS

Question 21.
Describe the following :
i) Acetylation
ii) Cannizaro reaction
iii) Cross aldol condensation
iv) Decarboxylation

TS Inter 2nd Year Chemistry Question Paper May 2022

Access to a variety of TS Inter 2nd Year Chemistry Model Papers and TS Inter 2nd Year Chemistry Question Paper May 2022 helps students overcome exam anxiety by fostering familiarity.

TS Inter 2nd Year Chemistry Question Paper May 2022

Section – A

Note : i) Answer ANY TEN questions.
ii) Each Question carries TWO marks.
iii) ALL are very short answer type questions.

Question 1.
What is Schottky defect?

Question 2.
What are f-centers?

Question 3.
How do you distinguish between crystal lattice and unit cell?

Question 4.
Define osmotic pressure.

 TS Inter 2nd Year Chemistry Question Paper March 2020

Question 5.
What is an ideal solution?

Question 6.
State Henry’s law.

Question 7.
What is coagulation?

Question 8.
Name any two applications of colloidal solutions.

Question 9.
What is inert pair effect?

Question 10.
What is tailing of mercury? How is it removed?

Question 11.
CUSO4-5H2O is blue in colour whereas anhydrous CuS04 is colourless. Why?

Question 12.
Define denaturation as related to proteins.

Question 13.
What are essential and non-essential amino acids ? Give one example for each.

Question 14.
What is Tollens reagent? Explain its reaction with Aldehydes.

Question 15.
Write the reaction showing a-halogenation of carboxylic acid and give its name (HVZ reaction).

Section – B

Note : i) Answer ANY SIX questions.
ii) Each Question carries FOUR marks.
iii) ALL are of short answer type questions.

Question 16.
Derive Bragg’s equation.

Question 17.
What is electrolysis? Give Faraday’s first law of electrolysis.

Question 18.
What are different types of adsorption? Give any four differences between characteristics of these different types.

Question 19.
What are lyophilic and lyophobic sols? Compare the two terms in terms of stability and reversibility.

Question 20.
How are XeF2 and XeF2 prepared? Give their structures.

Question 21.
How is chlorine obtained in the laboratory? How does it react with the following?
a) cold dil. NaOH
b) excess NH3

 TS Inter 2nd Year Chemistry Question Paper March 2020

Question 22.
How does SO2 react with the following ?
a) Na2 SO3 (aq)
b) Cl2
c) Fe+3 ions
d) KMnO4

Question 23.
Write the characteristics properties of transition elements.

Question 24.
Explain Werner’s theory of coordination compounds with suitable examples.

Question 25.
Using IUPAC norms write the formulas for the following :
i) Tetrahydroxozincate (II)
ii) Hexamminecobalt (III) sulphate
iii) Potassium tetrachloropalladate (II) and
iv) Potassium tri (oxalato) chromate (III)

Question 26.
What are nucleic acids ? Mention their two important functions.

Question 27.
Explain the mechanism of Nucleophilic bimolecular substitution (SN 2 ) reaction with one example.

 TS Inter 2nd Year Chemistry Question Paper March 2020

Question 28.
With a suitable example write equations for the following:
i) Reimer-Tiemann reaction.
ii) Williamsons ether synthesis.

Question 29.
Accomplish the following conversions :
i) Benzoic acid to benzatnide
ii) Aniline to p-bromoaniline

Section – C

Note : i) Answer ANY TWO questions.
ii) Each Question carries EIGHT marks.
iii) ALL are of long answer type questions.

Question 30.
a) State Raoult’s law.
b) Define mole fraction. Calculate the mole fraction of H2SO4 in a solution containing 98% (w/w) H2 SO4 by mass.

Question 31.
a) State and explain Kohlrausch’s law of independent migration of ions.
b) Define Order of a reaction. Illustrate your answer with an example. Define molecularity of a reaction. Illustrate with an example.

Question 32.
How is nitric acid manufactured by Ostwald’s process? How does it react with the following?
a) Copper
b) Zn
c) S8
d) P4

Question 33.
Describe the following :
i) Acetylation
ii) Canizaro reaction
iii) Cross aldol condensation
iv) Decarboxylation