Practice with AP 10th Class Hindi Model Papers Set 3 instills confidence in students to face the actual exam.
AP SSC Hindi Model Paper Set 3 with Solutions
Time : 3. 15 hours
Max. Marks: 100
सूचना :
- प्रश्न पत्र पढ़ने के लिए 15 मिनट का समय निर्धारित है।
- सभी प्रश्नों के उत्तर, उत्तर पुस्तिका में ही लिखें ।
- प्रश्न पत्र में छः भाग है ।
भाग – I
I. निम्न लिखित प्रश्नों के उत्तर सूचना के अनुसार लिखिए। (12 × 1 = 12 M)
प्रश्न 1.
वस्तु अमोलक दी म्हारे सतगुरु, किरपा करु अपनायो । गुरु की कृपा सभी शिष्यों पर रहती है । (रेखांकित शब्द का सही तत्सम रूप पहचानकर लिखिए।)
उत्तर:
कृपा
प्रश्न 2.
कछुआ धीरे-धीरे चलता है । (वाक्य में क्रिया विशेषण शब्द पहचानकर लिखिए |)
उत्तर:
धीरे-धीर
प्रश्न 3.
एक हज़ार नौ सो आठ (संख्याओं में लिखिए |)
उत्तर:
1908
प्रश्न 4.
पृथ्वी ………. मानव ने काफी प्रगति कर ली । (इनमें से उचित कारक चिह्न पहचानिए |)
से / को / पर
उत्तर:
पर
प्रश्न 5.
स्त्री – पुरुष लोकगीत पर नाचते हैं । (रेखांकित शब्द का समास पहचानिए |)
1. द्विगु समास | 2. द्वंद्व समास |
उत्तर:
2. द्वंद्व समास
प्रश्न 6.
बड़ों के हितोपदेश अनुकरणीय है। (रेखांकित शब्द का संधि-विच्छेद कीजिए ।)
उत्तर:
हित + उपदेश
प्रश्न 7.
अपने देश से प्यार करनेवाला – अर्थ पहचानिए ।
A. देशभक्त | B. देशद्रोही |
उत्तर:
A. देशभक्त
प्रश्न 8.
अंतरिक्षयात्री पृथ्वी पर तबाही मचाने नहीं आए हैं । (मुहावरेदार शब्द पहचानकर लिखिए |)
A. तबाही मचाना | B. अंतरिक्षयात्री पृथ्वी पर |
उत्तर:
A. तबाही मचाना
प्रश्न 9.
गायक गाने गाता है। (लिंग बदलकर वाक्य फिर से लिखिए |)
उत्तर:
गायिका गाने गाती है।
प्रश्न 10.
श्रमिक श्रम करता है । ( वचन बदलकर वाक्य फिर से लिखिए |)
उत्तर:
श्रमिक श्रम करते हैं।
प्रश्न 11.
मैंने गृहकार्य किया। ( इस वाक्य को वर्तमानकाल में बदलकर लिखिए |)
उत्तर:
मैं गृहकार्य करता हूँ।
प्रश्न 12.
मैं बाज़ार जाता हैं। ( इस वाक्य को शुद्ध रूप में लिखिए |)
उत्तर:
मैं बाज़ार जाता हूँ।
भाग – II
II. प्रश्न पत्र संख्या 13 से 16 तक दिये गये गद्यांश, पद्यांश पढ़कर निर्देश के अनुसार उत्तर दीजिए ।
13. निम्नलिखित गद्यांश पढ़कर उत्तर पहचानकर लिखिए । (5 × 1 = 5 M)
तमिलनाडु के रामेश्वरम की गलियों में समाचार पत्र बेचने वाला एक निर्धन बालक एक दिन प्रसिद्ध | वैज्ञानिक, तथा भारत का राष्ट्रपति बनेगा, ऐसा किसी ने सपने में भी नहीं सोचा था। किंतु उस ग़रीब बालक ने | अपनी प्रतिभा, परिश्रम और लगन से यह सिद्ध कर दिखाया कि मनुष्य के लिए विश्व में कुछ भी असंभव नही है । मन में अगर चाह हो तो उसे राह अपने आप मिल जाती है। जी हाँ, यह बालक कोई और नहीं बल्कि हमारे पूर्व राष्ट्रपति और मिसाइल मैन के नाम से प्रसिद्ध ” भारत रत्न” अबुल फ़कीर जैनुलाबुद्दीन अब्दुल कलाम हैं।
प्रश्न :
अ) ‘इक’ प्रत्यय से जुड़ा शब्द पहचानकर लिखिए ।
उत्तर:
वैज्ञानिक
आ) ‘अ’ उपसर्ग से जुड़ा शब्द पहचानकर लिखिए ।
उत्तर:
असंभव
इ) ‘मेहनत’ का पर्यायवाची शब्द पहचानकर लिखिए ।
उत्तर:
परिश्रम
ई) ‘खरीदना’ शब्द का विलोम शब्द पहचानकर लिखिए ।
उत्तर:
बेचना
उ) यह बालक कोई और नहीं । (सर्वनाम शब्द पहचानकर लिखिए ।)
उत्तर:
कोई
14. निम्नलिखित पद्यांश पढ़कर दिये गये प्रश्नों के उत्तर विकल्पों में से चुनकर लिखिए । (5 × 1 = 5 M)
झम-झम-झम-झम मेघ बरसते हैं सावन के,
छम-छम-छम गिरती बूँदें तरुओं से छन के ।
चम चम बिजली चमक रही रे उर में घन के,
थम-थम दिन के तम में सपने जगते मन के ।
प्रश्न :
अ) सावन के मेघ कैसे बरसते हैं ?
A) झम-झम
B) छम-छम
C) थम-थम
D) चम चम
उत्तर:
A) झम-झम
आ) ‘तरु’ शब्द का अर्थ क्या है ?
A) वृक्ष
B) मेघ
C) वर्षा
D) धन
उत्तर:
A) वृक्ष
इ) किसके उर में बिजली चमक रही है ?
A) वर्षा में
B) घन के
C) तम में
D) मन के
उत्तर:
B) घन के
ई) मन के सपने कब जगने लगते हैं ?
A) दिन के तम में
B) उर के धन में
C) सावन के
D) तरुओं से छन के
उत्तर:
A) दिन के तम में
उ) इस काव्यांश के कवि कौन है ?
A) प्रेमचंद
B) निशंक
C) श्री प्रकाश
D) सुमित्रानंदन पंत
उत्तर:
D) सुमित्रानंदन पंत
प्रश्न 15.
निम्नलिखित गद्यांश पढ़कर दिये गये प्रश्नों के उत्तर एक वाक्य में लिखिए । (5 × 1 = 5 M)
घर में देखा तो पुरस्कारों और सम्मानों का भंडार पड़ा है। किंतु इसमें भी विशेष था ‘हाथी वाला स्मारक’, जो उन्हें उनके इंजीनियरिंग की पढ़ाई के समय कॉलेज की ओर से दिया गया है। उनकी शिक्षा-दीक्षा केरल स्थित अलप्पुझा में हुई। यहीं पर उनका जन्म हुआ था । रक्षा अनुसंधान और विज्ञान को पुरुषों का क्षेत्र माना जाता था। | मगर टेसी थॉमस ने अपनी मेहनत, लगन और दृढ़ निश्चय से पुरुष वर्चस्व वाले क्षेत्र में सफलता के नये शिखर तय किये हैं। थॉमस रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डी.आर.डी.ओ.) के अग्नि-5 कार्यक्रम की निर्देशक बनीं। प्रश्न :
अ) टेसी थॉमस को दिए गए पुरस्कारों में विशेष पुरस्कार क्या है ?
उत्तर:
हाथीवाला स्मारक पुरस्कार
आ) टेसी थॉमस की शिक्षा-दीक्षा किस राज्य में हुई ?
उत्तर:
केरला स्थित अलप्पुझा में
इ) टेसी थॉमस का जन्म कहाँ हुआ ?
उत्तर:
केरला के अलप्पुझा में
ई) थॉमस किस कार्यक्रम की निर्देशक बनीं ?
उत्तर:
अग्नि-5 की निर्देशक बनीं।
उ) उपर्युक्त गद्यांश किस पाठ से लिया गया है ?
उत्तर:
धरती के सवाल अंतरिक्ष के जवाब ।
प्रश्न 16.
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर दिये गये प्रश्नों के उत्तर विकल्पों में से चुनकर लिखिए । (5 × 1 = 5 M)
अभागिन अमीना अपनी कोठरी में बैठी रो रही है। आज ईद का दिन है और उसके घर में दाना तक नहीं है। लेकिन हामिद! उसके अंदर प्रकाश हैं, बाहर आशा की किरण । हामिद भीतर जाकर दादी से कहता है – “तुम डरना नहीं अम्मा, मैं सबसे पहले आऊँगा । बिलकुल न डरना । ”
प्रश्न :
अ) हामिद की दादी का नाम क्या है ?
A) नासरा
B) अमीना
C) आयेशा
D) सुमय्या
उत्तर:
B) अमीना
आ) हामिद की दादी क्या कर रही है ?
A) रो रही है
B) सो रही है
C) हँस रही है
D) जा रही है
उत्तर:
A) रो रही है
इ) इस गद्यांश में आज क्या है ?
A) हामिद का जन्मदिन
B) पापा की मृत्य का सालगिरा
C) बुरा दिन
D) ईद का दिन
उत्तर:
D) ईद का दिन
ई) हामिद को भेजने के लिए कौन डर रही है ?
A) दादी
B) माँ
C) सम्मी का माँ
D) बहन
उत्तर:
A) दादी
उ) किसके घर में दाना तक नही है ?
A) मोहसिन
B) महमुद
C) हामिद
D) सम्मी
उत्तर:
C) हामिद
भाग – III
III. सूचना के अनुसार निम्न लिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिये । (1 × 4 = 4 M)
प्रश्न 17.
जोड़ी बनाइए ।
उत्तर:
D, C, B, A
प्रश्न 18.
निम्न जानकारी पढ़कर रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए । (1 × 4 = 4 M)
भगवतशरण उपाध्याय हिंदी साहित्य के सुपरिचित रचनाकार हैं । इनका जन्म सन् 1910 में हुआ। इन्होंने कहानी, कविता, रिपोर्ताज, निबंध, बाल-साहित्य में अपनी विशेष छाप छोड़ी है। विश्व साहित्य की रूपरेखा, कालिदास का भारत, ढूँठा आम, गंगा गोदावरी आदि इनकी प्रसिद्ध रचनाएँ हैं ।
A) ……… हिंदी साहित्य के सुपरिचित रचनाकार हैं ।
उत्तर:
भगवतशरण उपाध्याय
B) इनका ……… सन् 1910 में हुआ।
उत्तर:
जन्म
C) इन्होंने कहानी, कविता, रिपोर्ताज, निबंध और ………. में अपनी विशेष छाप छोड़ी है ।
उत्तर:
बाल-साहित्य
D) इनकी एक प्रसिद्ध रचना ……… है ।
उत्तर:
रूपरेखा
भाग – IV
IV. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर तीन या चार वाक्यों में लिखिए। (8 × 3 = 24 M)
प्रश्न 19.
वर्षा ऋतु का वर्णन अपने शब्दों में कीजिए ।
उत्तर:
वर्षा ऋतु सबको आनंद प्रदान करनेवाली है; क्योंकि इसके आने से एकदम गर्मी से फुरसत मिलती है। वर्षा के होते ही शीतलता मिलती हैं। वर्षा से बच्चे आनंद पाते हैं। खुशी से वर्षा में कागज़ की नावें चलाते हैं। वर्षा से सूखी हुई. नदियाँ पानी से भर जाती हैं। वर्षा से फसलें खूब उगती हैं। फूल – फल खूब होते हैं। वर्षा ऋतु सभी के लिए आनंद दायक है।
प्रश्न 20.
“धतूरे से भी सोने में मादकता अधिक होती हैं। ” – बिहारी के अनुसार सिद्ध कीजिए ।
उत्तर:
बिहारी के अनुसार धतूरे में अधिक उन्मत्त करने की शक्ति है। लेकिन उससे भी ज़्यादा नशा धन-संपत्ति में होता है । मानव के पास धन-संपत्ति या सोना अधिक होने से वह पागल बन जाता है, उसी प्रकार धतूरा खाने से मानव पागल बन जाता है। इसीलिए बिहारी ने सोने की तुलना धतूरे से की होगी।
प्रश्न 21.
‘गरबा’ लोकगीत के बारे में आप क्या जानते हैं ?
उत्तर:
गुजरात का एक प्रकार का दलीय गायन “गरबा” है जिसे विशेष विधि से घेरे में घूम-घूम कर औरतें गाती हैं। साथ ही लड़कियाँ भी बजाती है जो बाजे बजाने का काम करती हैं। इसमें नाच-गान साथ-साथ चलते हैं। वस्तुतः यह नाच ही है। सभी प्रान्तों में यह लोकप्रिय हो चला है।
प्रश्न 22.
आँध्र प्रदेश को अन्नपूर्णा एवं भारत का धान्यागार कहलाने में नदियों का योगदान व्यक्त कीजिए ।
उत्तर:
आँध्र प्रदेश में गोदावरी, कृष्णा, पेन्ना, तुंगभद्रा आदि नदियाँ बहती हैं। ये नदियाँ ऊपर के मैदानों से उपजाऊ मिट्टी लाती हैं। इन नदियों के पानी से लाखों एकड़ ज़मीन की सिंचाई होती है। तरह-तरह की फ़सलें खूब उगायी जाती हैं। इसलिए आंध्र प्रदेश को भारत का धान्यागार कहते हैं।
प्रश्न 23.
“भारत में अनेक भाषाएँ हैं, फिर भी हिंदी को ही राजभाषा का दर्जा मिला ” – क्यों ?
उत्तर:
भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में देश को एकता के सूत्र में बाँधने के लिए एक भाषा की आवश्यकता हुई। यह काम हिंदी से ही साध्य हो सका। हिंदी से हम सारे भारत की पहचान अच्छी तरह से कर सकते हैं। हमें भारत के सभी प्रांतों से जुड़ने के लिए हिंदी की सहायता लेनी पड़ी। इसीलिए देश के वर्तमान और भविष्य को ध्यान में रखकर भारतीय संविधान ने अनुच्छेद 343 (1) के तहत हिंदी को 14 सितंबर, 1949 को राजभाषा के रूप में गौरवान्वित किया है।
प्रश्न 24.
अरुणा व चित्रा दोनों के स्वभाव के बारे में अपने विचार लिखिए।
उत्तर:
चित्रा रईस बाप की लड़की है। वह कला को कला के लिए मानती है। उसे दुनिया से कोई मतलब नहीं। वह सिर्फ तूलियों में डूबी रहती है। वह निर्जीव चित्रों को बनाने में दिलचस्पी दिखाती है। हर घटना में अपना विषय चुनती थी। एक बात में कहना है तो वह स्वार्थी थी।
अरुणा वास्तविकता में जीना चाहती है। वह अपने साथ रहनेवाले इस दुनिया के सभी लोगों को खुश देखना चाहती है। बाढ़ की वजह से लोग पीड़ित थे तो वह उनकी सेवा में जुट गयी। चित्रा की अपेक्षा उसे लोगों से बहुत प्यार है। गरीबों और अनाथों को देखकर सहानुभूति दिखाकर छोड़ने वाली नहीं थी । वह काफ़ी सहायता करती है।
प्रश्न 25.
राजू के प्रति नये स्कूल के साथियों का व्यवहार कैसा था ?
उत्तर:
राजू के नये स्कूल में प्रवेश करते ही छात्र राजू की ओर इशारा करके हँसने लगे। उसकी टाँगों की ओर संकेत करके हँसते हुए उसका मज़ाक भी उड़ाते थे। जब वर्ग में राजू से उसका परिचय पूछा गया तो उसने बताया कि वह एक गाँव स्कूल से आया है। इस पर छात्रों को हँसी आयी। इस तरह राजू को नये स्कूल में हर कदम, हर पल अपने साथियों के हँसी-मज़ाक को सहना पड़ता था ।
प्रश्न 26.
नेल्सन मंडेला के जीवन से हमें क्या संदेश मिलता है ?
उत्तर:
साहस, लचीलापन, माफ़ी, वैयक्तिक की अपेक्षा सामाजिक भलाई पर जोर, समर्पण भाव- ये सब इस महान मदीबा के जीवन के कालातीत संदेश है। उनका सपना था कि दुनिया भर में सब के लिए शांति हो, काम हो, रोटी हो, पानी और नमक हो ।
भाग – V
V. निम्नलिखित निबंधात्मक प्रश्नों के उत्तर सूचना के अनुसार लिखिए। (1 × 10 = 10 M)
प्रश्न 27.
किसी एक प्रश्न का उत्तर दस पंक्तियों में लिखिए।
अ) “भारतीय, विश्वशांति और विश्वबंधुत्व की पवित्र भावनाओं से दुनिया को पवित्र धाम बनायेंगे” – ‘हम भारतवासी’ कविता के आधार पर स्पष्ट कीजिए ।
(अथवा)
आ) रैदास की दास्य भक्ति भावना को ‘भक्ति पद’ पाठ के आधार पर वर्णन कीजिए।
उत्तर:
अ) कवि परिचय : ‘हम भारतवासी’ कविता के कवि श्री रमेश पोखरियाल निशंक हैं । इनकी रचनाओं का मुख्य प्रतिपाद्य देशभक्ति है ।
प्रमुख रचनाएँ : समर्पण, नवंकुर, मुझे विधाता बनना है, तुम भी मेरे साथ चलो, जीवन पथ में, मातृभूमि के लिए, कोई मुश्किल नहीं आदि ।
कविता का सारांश : भारत प्राचीन देश है। यहाँ की संस्कृति और सभ्यता सारे विश्व को लुभाती है । सत्यवानों, अहिंसावादियों, संतों-सूफियों, कर्तव्यनिष्ठों, धर्मनिष्ठों और देशभक्तों की पावन भूमि भारत देश है। आज यहाँ का बच्चा-बच्चा भी इनके मार्ग पर चलकर विश्वशांति व विश्वबंधुत्व की पवित्र भावनाओं से दुनिया को पावन धाम बनाना चाहता है।
हम भारतवासी दुनिया को पावन धाम बनायेंगे। मन में श्रद्धा और प्रेम का अद्भुत दृश्य दिखायेंगे। ऊँच-नीच का अंतर भूलकर हृदय में प्यार भरेंगे। हमारे अंदर के घृणा भाव को चकनाचूर करके अमृत की वर्षा बरसायेंगे अपने अंदर की निराशा को दूर करके विश्वास जगाएँगे।
अगर लोग किसी उलझन में उलझे तो असलियत से मालूम करायेंगे। पथ भ्रष्ट लोगों को सही मार्ग-दर्शन करेंगे। जिंदगी को खुशियों से भर देंगे। सब के जीवन में सत्य, अहिंसा, त्याग, समर्पण के भाव जगाएँगे। सांसारिक कठिनाइयों को दूर करके धरती को स्वर्ग बनाएँगे। दुनिया में विश्वबंधुत्व का मूल मंत्र फैलाएँगे। इससे हम भारतवासी दुनिया को पावन धाम बनायेंगे।
नीति : यह कविता बच्चों में सत्य, अहिंसा, त्याग और समर्पण की भावना जागृत कर, उन्हें विश्वबंधुत्व की ओर कदम बढ़ाने की प्रेरणा देती है।
(अथवा )
आ) भक्तिकाल की ज्ञानमार्गी शाखा के प्रमुख कवियों में रैदास एक हैं। उनका जीवन काल सन् 1482-1527 है। उनकी भक्ति दास्य भाव की है। वे भगवान को अपने स्वामी और अपने आपको उनका दास मानते थे। मूर्तिपूजा, तीर्थयात्रा जैसे दिखावटों पर इन्हें विश्वास नहीं है। वे मीरा के गुरु हैं । दास्य भक्ति में भक्त स्वयं को तुच्छ और लघु मानकर पूरी तरह समर्पित कर देता है। इनके पद ‘गुरु ग्रंथ साहिब’ में संकलित हैं।
इस चौपाई में कवि ने अपने आराध्य की याद करते हुए उनसे अपनी तुलना की है । वे स्वीकार करते हैं कि उनका प्रभु चंदन है तो वे स्वयं पानी हैं । इसीलिए उनके अंग अंग में उसकी गंध समाई हुई है। उनका प्रभु वर्षा से भरा घना बादल है तो वे स्वयं मोर हैं । वे उनकी ओर ठीक उसी तरह निहार रहे हैं जैसे चकोर चाँद को निहारता है। उनका प्रभु यदि मोती है तो वह धागा है जिसमें वह मोती पिरोया हुआ है। उनका प्रभु स्वामी है तो वे उसके दास हैं ।
प्रश्न 28.
किसी एक प्रश्न का उत्तर दस पंक्तियों में लिखिए। (1 × 10 = 10 M)
अ) महारानी लक्ष्मीबाई वीरता की प्रतिमूर्ति है। स्पष्ट कीजिए ।
(अथवा)
आ) ‘हामिद में बड़े-बुजुर्गों के प्रति आदर, श्रद्धा और स्नेह की भावनाएँ थीं ‘ – ईदग्राह कहानी के आधार पर स्पष्ट कीजिए ।
उत्तर:
अ)
- लक्ष्मीबाई ने समाज में छुआछूत की भावना दूर कर दी ।
- उन्होंने ऊँच-नीच का भेद मिटाना चाहा ।
- उन्होंने विलासप्रियता को छोड़ दिया ।
- वह जन सेविका बनना चाहती थी ।
- लक्ष्मीबाई स्वराज्य की नींव का पत्थर बनना चाहती थी ।
- लक्ष्मीबाई ने राग-रंग छोड़ दिया ।
- वह रणभूमि में मौत से जूझ कर भी स्वराज्य प्राप्त करना चाहती थी ।
- वीरता को कलंकित किये बिना जीत ही प्राप्त करना चाहती थी ।
- अपने जीवन के अंतिम क्षण तक स्वराज्य के लिए युद्ध करना चाहती थी ।
- स्वराज्य प्राप्ति की होड़ में युद्ध करते – करते अपने प्राणों को न्योछावर कर दिया ।
(अथवा)
आ) कहानीकार का परिचय : ‘ईदगाह’ कहानी के कहानीकार श्री प्रेमचंद हैं। वे आदर्शोन्मुख यथार्थवादी कहानीकार हैं। इन्हें ” उपन्यास सम्राट” भी कहा जाता है।
रचनाएँ : इनकी कहानियाँ मानसरोवर शीर्षक से आठ खंडों में संकलित हैं। गोदान, गबन, सेवासदन, निर्मला, कर्मभूमि, रंगभूमि, कायाकल्प, प्रतिज्ञा, मंगलसूत्र आदि इनके प्रमुख उपन्यास हैं। इनकी प्रमुख कहानियों में पंचपरमेश्वर, बड़े घर की बेटी, कफ़न आदि प्रमुख हैं।
कहानी का सारांश : हामिद चार-पाँच साल का दुबला-पतला लड़का था । उसके माता-पिता गुज़र गए। उसकी बूढ़ी दादी अमीना ही उसके लिए सब कुछ है। उसने कहा कि ईद के दिन उसके माता-पिता आएँगे; इसलिए वह बहुत खुश था।
हामिद के दोस्त महमूद, मोहसिन, नूरे, सम्मी सब ईद के दिन खुश थे। सब मेले में जाने के लिए तैयार थे। वे अपने पिता के साथ जा रहे हैं। इसे देखकर अमीना बहुत दुखी हो गयी। हामिद के पास जूते भी नहीं थे। बहुत पुरानी टोपी थी। दादी उसे खुद मेले में ले जाना चाहती थी। पर सेवइयाँ पकाने के लिए रह गयी। बाकी दोस्तों के साथ दादी के दिए तीन पैसे लेकर वह चला गया।
वहाँ सब ने खिलौने, मिठाइयाँ सब कुछ खरीदकर खाये और मज़ा किया। लेकिन हामिद ने तो कुछ नहीं खरीदा। सिर्फ़ देखता रहा। मिठाइयों की दूकानों के बाद जब लोहे की चीज़ों की दुकानें आयीं, तो चिमटे को देखकर दादी याद आयी। रोटियाँ सेंकते समय उसकी जलती उँगलियों की बात याद करके अपने पास जो तीन पैसे थे, उनसे चिमटा खरीदा। .
दादी पहले तो नाराज़ हो गयी। बाद में उसका क्रोध स्नेह में बदल गया। बच्चे को समझकर बहुत दुआएँ दीं।
नीति / शिक्षा : इस कहानी से छात्रों में त्याग, सद्भाव व विवेक जैसे संवेदनशील और कर्त्तव्य बोध संबंधी गुणों का विकास होता है।
भाग – VI
VI. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर सूचना के अनुसार लिखिए। (1 × 8 = 8 M)
प्रश्न 29.
किसी एक प्रश्न का उत्तर लिखिए।
अ) अपने मुहल्ले में सफ़ाई का ठीक प्रबंध नहीं है। शिकायत करते हुए नगर निगम के प्रधान के नाम पर पत्र लिखिए।
(अथवा)
आ) कोरोना जैसे विषाणुओं से जागरूक रहने के लिए हिदायतें देते हुए अपने मित्र के नाम पत्र लिखिए ।
उत्तर:
अ)
विजयवाडा,
दि. XXXXXX.
प्रेषक
वी. मोहन,
घ.नं: 24-1-78,
पटमटा, विजयवाडा |
सेवा में
श्रीमान नगर निगम प्रधान जी,
विजयवाडा नगर निगम कार्यालय,
विजयवाडा |
विषयः मोहल्ले में गंदगी साफ करने हेतु प्रार्थना पत्र !
XXXX
महोदय,
निवेदन है कि मैं वि. मोहन पटमटा विजयवाडा में रहता हूँ। आजकल हमारे यहाँ गंदगी के ढेर लगे हुए हैं। इस कारण मच्छर पैदा हो रहे हैं और मच्छरों से मलेरिया, डेंग्यू एवं चिकनगुनिया जैसी कई बीमारियाँ फैल रही हैं। गंदगी साफ करने के लिए कोई व्यवस्था नहीं की जा रही है।
आपसे अनुरोध है कि आप हमारे मोहल्ले में तत्काल सफाई की व्यवस्था करें और कीटकनाशक दवा छिड़कवाएँ जिससे गंदगी और मच्छरों के प्रकोप से हमें मुक्ति मिल सके।
आशा है, आप हमारे प्रार्थना-पत्र पर ध्यान देकर शीघ्रातिशीघ्र कार्यवाही करेंगे।
सधन्यवाद,
आपका विश्वसनीय,
वी. मोहन ।
(अथवा)
आ)
विजयवाड़ा,
दि. XXXX.
प्रिय मित्र,
सप्रेम नमस्ते।
मैं यहाँ कुशल हूँ। आशा है कि तुम भी वहाँ कुशल हो। कोरोना जैसे विषाणुओं से अब हमें बहुत सावधान रहना है। हमारे मम्मी-पापा और अध्यापक भी इसके संबंध में बहुत सारी सूचनाएँ दे चुके हैं। उन सूचनाओं को मैं तुम को भी बताने के लिए यह पत्र लिख रहा हूँ।
विषाणुओं से संक्रामक बीमारियाँ फैलती हैं। इससे बचने के लिए हमें बार-बार हाथों को साबुन से धोना है। बीच-बीच में अल्कोहॉल आधारित सेनिटाइजर से हाथ साफ कर लेना चाहिए। खाँसते और छींकते समय नाक और मुँह रुमाल या टिश्यू पेपर से ढककर रखना है। लोगों से 5-6 फीट की दूरी बनाये रखना है। सदैव मास्क पहनना है। लोगों से हाथ न मिलाओ। खेलने के लिए भी बाहर मत जाओ । हमें अपने रोग प्रतिरोधक क्षमता को बेहतर करनी है।
आशा है कि तुम भी इन सारी बातों का पालन करके स्वस्थ रहोगे ।
धन्यवाद।
तुम्हारा प्रिय मित्र,
राजेश |
पता :
ए. दिलीप,
S/o रमेश,
D. No. 7-8-9,
गांधी बाज़ार,
काकिनाडा |
प्रश्न 30.
संकेत शब्दों के आधार पर निम्न दिये गए शब्दों में से सही शब्दों को चुनकर किसी एक निबंध के रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए । (1 × 8 = 8 M)
अ) मानव सभ्यता के विकास में कम्प्यूटर का महत्व |
(कमान्ड्स, संगणक, दिन-ब-दिन, क्षेत्र, मस्तिष्क, अविभाज्य, बौद्धिक शक्ति, आसानी, विद्यालयों, सर्वांगीण, वरदान, अधिक काम, कम्प्यूटर, बौद्धिक शक्ति, सुलझी, अनुसंधान)
आजकल के वैज्ञानिक आविष्कारों में ………. (1) का विशेष महत्व है । यह आधुनिक मानव का ………. (2) है। यह एक मशीन है । इसके ज़रिए हर एक समस्या तुरंत ………….. (3) जा सकती है। इससे मानव की ………. (4) की बचत होती है। आज हर एक क्षेत्र में इसकी उपयोगिता अधिक है।
कम्प्यूटर को हिंदी में ………. (5) ” कहते हैं । माने गणना, गुणना आदि यह ………. (6) से कर सकता है। मानव की ………… (7) की बचत के लिए इसका निर्माण हुआ है । कम समय में ……….. (8) करने की शक्ति इस मशीन की विशेषता है ।
आजकल, हर ………. (9) में इसका उपयोग अधिक हो रहा है । ……… (10) में भी इसकी शिक्षा दे रहे हैं। इसके द्वारा बौद्धिक शक्ति का विकास होता है। खासकर चिकित्सा के क्षेत्र में इसका उपयोग सराहनीय है। रॉकेटों के प्रयोग, खगोल के ……… (11) में इसके ज़रिये कई प्रयोग हो रहे हैं । इसमें लोगों के लिए प्रिंटिंग, खेल-कूद आदि होते हैं । इसमें ………… (12) दबाने से आवश्यक समाचार हम पा सकते हैं।
कम्प्यूटर की प्रगति ……….. (13) बढ़ती जा रही है । वैज्ञानिकों के लिए यह एक …….. (14) है। हर छात्र को इससे संपर्क रखना चाहिए । हम आशा कर सकते हैं कि कंम्प्यूटर मानव जीवन का एक ………. (15) अंग बनेगा । इससे देश की …….. (16) उन्नति अवश्यंभावी है ।
(अथवा)
आ) विद्यार्थी जीवन में नैतिक-शिक्षा :
(देवत्व, मान्यता, अच्छे चरित्र, अनिवार्य, विद्यार्थी, मनुष्य-जीवन, पाठ्यक्रमों, महत्व, मानवता, जीवनपथ, शामिल, परिश्रम, समावेश, अनुसरण, प्रारंभ, भावी पीढ़ी)
नैतिकता मनुष्य का वह गुण है जो उसे ……. (1) के समीप ले जाता है। वेदों, उपनिषदों और अन्य सभी धर्मग्रन्थों में नैतिक शिक्षा पर विशेष बल दिया गया है। ………. (2) है कि मनुष्य का चरित्र तभी तक है जब तक उसमें नैतिकता व चारित्रिक दृढ़ता है।
मनुष्य के जीवन में ………. (3) का विशेष महत्व है। दूसरे शब्दों में अच्छे चरित्र से ही मनुष्य की अस्मिता कायम है। चरित्र बल की प्राप्ति हेतु नैतिक शिक्षा ……….. (4) है; क्योंकि नैतिक मूल्यों की वधारणा ही चरित्र बल है। अर्थात ……. (5) दशा से ही नैतिक शिक्षा अनिवार्य है।
नैतिक शिक्षा ………. (6) में आत्म विश्वास और संतुलन बनाए रख सकती है। धर्मग्रथों के उपदेश के लिए और चरित्र निर्माण हेतु आज के वातावरण में सजीले भाषण प्रभावी नही हो सकते। इसके लिए नैतिक शिक्षा का स्वरूप प्रायोगिक एवं सतत हो। इसलिए आवश्यक है कि …….. (7) में नैतिक शिक्षा को सम्मिलित किया जाय और अन्य विषयों की भांति इसे भी पूर्ण …….. (8) दिया जाय।
नैतिक शिक्षा के पाठ्यक्रम में उन महापुरुषों और देश भक्तों की जीवन गाथाएँ होनी चाहिए जिन्होंने देश या …….. (9) के लिए उल्लेखनीय कार्य किया है और जिनके ………. (10) के पदचिह्नों का अनुसरण कर मनुष्य नैतिकता की राह पर चल सकता है। विशिष्ट व्यक्तियों के जीवन चरित्र भी पाठ्यक्रम में …….. (11) किये जाने चाहिए जिन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय सफलता प्राप्त की है या अपने ………. (12) और संघर्ष के बल पर उच्च स्थान प्राप्त किया है।
बच्चों को नैतिक मूल्यों से परिपूर्ण करने के लिए यह भी आवश्यक है कि अभिभावकों और शिक्षकों में भी नैतिकता का ………. (13) हो । यदि शिक्षक ही नैतिक मूल्यों में पटु हो तो छात्र उनका ………. (14) करके नैतिक मूल्य ग्रहण कर सकेंगे ।
यदि हम ……….. (15) से ही अपने बच्चों को नैतिक मूल्यों की शिक्षा प्रदान करेंगे तभी भविष्य में हम अच्छे चरित्रवान, कर्तव्यनिष्ठ और ईमानदार शासक, अधिकारी, अध्यापक व कर्मचारी की कल्पना कर सकते …….. हैं। (16) को नैतिक रूप से सुदृढ़ बनाना हम सभी का उत्तरदायित्व है।
उत्तर:
अ)
1. में कम्प्यूटर का
2. का मस्तिष्क है ।
3. तुरंत सुलझी जा
4. की बौद्धिक शक्ति की
5. में “संगणक” कहते
6. यह आसानी से
7. की बौद्धिक शक्ति की
8. में अधिक काम करने
9. हर क्षेत्र में
10. है । विद्यालयों में
11 के अनुसंधान
में इसमें कमान्ड्स दंबाने
12. इसमें कमान्डस दबाने
13. प्रगति दिन-ब-दिन बढ़ती
14. एक वरदान है ।
15. एक अविभाज्य अंग
16. की सर्वांगीण उन्नति ।
(अथवा)
आ)
1. उसे देवत्व के
2. है। मान्यता है
3. में अच्छे चरित्र का
4. शिक्षा अनिवार्य है;
5. अर्थात विद्यार्थी दशा
6. शिक्षा मनुष्य- जीवन
7. कि पाठ्यक्रमों में
8. पूर्ण महत्व दिया
9. या मानवता के
10. जिनके जीवनपथ के
11. में शामिल किये
12. अपने परिश्रम और
13. का समावेश हो ।
14. उनका अनुसरण करके
15. हम प्रारंभ से
16. हैं । भावी पीढ़ी को