TS Inter 2nd Year Hindi Model Paper Set 8 with Solutions

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TS Inter 2nd Year Hindi Model Paper Set 8 with Solutions

Time : 3 Hours
Max. Marks: 100

सूचनाएँ :
1. सभी प्रश्न अनिवार्य हैं ।
2. जिस क्रम में प्रश्न दिये गये हैं, उसी क्रम से उत्तर लिखना अनिवार्य है ।

खण्ड – ‘क’ (60 अंक)

1. निम्नलिखित किसी एक पद्य का भावार्थ लिखिए ।

1. रहिमन धागा प्रेम का, मत तोरो चटकाय ।
टूटे से फिर ना जुरै, जुरै गांठ पर जाय ॥
उत्तर:
भावार्थ : इस दोहे में रहीम उपदेश देते हैं कि “प्रेम का धागा (संबंध ) बडा ही नाजुक होता है। इसलिए इसे टूटने नहीं देना चाहिए । क्यों कि, जिस तरह टूटे धागों को जोडने पर गाँठ पड जाती है वैसे ही संबंधों में भी गाँठ पड जाती है।
భావార్థము : రహీమ్ ఈ దోహాలో ప్రేమ అనే దారము (సంబంధం) చాలా నాజూకైనది. ఇందువల్ల దీనిని తెగనీయకూడదు. ఎందుకంటే ఏవిధంగానైతే తెగిన దారాలను కలిపినపుడు ముడిపడుతుందో అదే విధంగా సంబంధాల్లో కూడా ముడి (కణుపు) పడుతుందని ఉపదేశించారు.

अथवा

2. मेरी भव बाधा हरौ, राधा नागरि सोय ।
जा तन की झांई परै, स्यामु हरित – दुति होय ॥
उत्तर:
भावार्थ: बिहारी इस दोहे में राधा की स्तुति करते हुए कहते हैं – चतुर राधा सांसारिक पीडाओं को दूर करती है । वह इतनी प्रभावशाली है कि उनकी शरीर की परछाई पडने मात्र से श्याम / साँवला रंग के श्रीकृष्ण उज्जवल हरे रंग में बदल जाते हैं ।

భావార్థము : బిహారి ఈ దోహాలో రాధను స్తుతిస్తూ / స్మరిస్తూ ఈ విధంగా చెప్పారు. వివేకి అయిన రాధ సంసార బాధలను దూరం చేస్తుంది. ఆమె ఎంత ప్రభావశాలి అంటే ఆమె యొక్క శరీర ఛాయ పడినంతనే నల్లని వర్ణం (నీల మేఘశ్యాముడు) గల శ్రీకృష్ణుడు ప్రకాశవంతమైన ఆకుపచ్చ వర్ణంలోకి మారిపోతాడు.

2. निम्नलिखित किसी एक कविता का सारांश 5-6 वाक्यों में लिखए ।

(1) “जो बीत गयी” पाठ का सारांश पाँच – छः वाक्यों में लिखिए ।
उत्तर:
सारांश कवि परिचय : हरिवंशराय बच्चन का जन्म 27 नवंबर सन् 1907 को इलाहाबाद के समीप प्रतापगढ़ जिले के बाबूपट्टी गाँव में हुआ उन्होंने प्रयाग विश्वविद्यालय से अंग्रेजी में एम.ए और कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से पी. हेच.डी पूरी की। ये हालावादी कवि हैं। दो चट्टानें’ रचना केलिए साहित्य अकादमी पुरस्कार प्राप्त हुआ ।
था ।
सारांश : प्रस्तुत कविता में कवि ने ‘मनुष्य को अप्रिय बातें भूलकर जीवन में आगे बढने की प्रेरणा दी । जो चीज समाप्त हो गयी उस पर निरंतर शोकाकुल होना व्यर्थ है । कवि संदेश देते हैं कि जीवन में कष्टों के समय धीरज बाँधना चाहिए | जैसे कि रोज आकाश की ओर एक बार देखिये | शाम को अनेक तारें आकाश में आती हैं। फिर सबेरे एक – एक होकर छूट जाते हैं। रात के समय अनेक तारों के आने पर आकाश आनंदित नहीं होता और सबेरे एक – एक छूट जाने से दुखी नहीं होता। एक के छूट जाने पर उसकी जगह दूसरे नये तारें आसकती हैं । इस धीरज के कारण आकाश हमेशा निर्मल और निश्चिंत रहता है । उसी प्रकार हम को भी अपने प्यारे व्यक्तियों या चीजों के खो जाने पर चिंतित नहीं होना चाहिए। उनकी जगह नयी – नयी आयोंगी । इस तरह धीरज से आगे बढना चाहिये ।

कुसुमों के सूखे जाने पर, अनेक कलियों के और बल्लरियों के मुरझाने पर मधुवन नहीं शोर मचाता । क्यों कि वह इस आशा में बना रहता है कि मौसम आने पर वे कलियाँ, फूल, पत्ते और बल्लरियाँ फिर खिलेंगे । इस धीरज के कारण मधुवन हमेशा बहार छा जाता है । उसी प्रकार हम को भी हमारे प्रिय व्यक्तियों तथा चीजों के खो जाने पर अधीर नहीं बनना चाहिये ।

संदेश : इस पाठ से हम यह सीखना चाहिए कि कष्ट और सुख में एक ही तरह रहना । (या)
जो व्यक्ति जीवन की नश्वरता को समझलेता है वह हर दुःख से ऊपर उठ जाता है ।

(2) “बच्चे काम पर जा रहे हैं “पाठ का सारांश पाँच लिखिए |
छः वाक्यों में
उत्तर:
कवि राजेश जोशी इस कविता के द्वारा बाल बच्चों की स्थित को देखकर विचलित मन से अपना क्रोध व्यक्त करते हैं । कवि यह प्रश्न पूछ रहा है कि सुबह – सुबह ठंड का मौसम चारों तरफ फैला हुआ है और सडकें भी कोहरे से ढँकी हुई है। इतने ठंड़ में बच्चे अपने-अपने काम पर जाने के लिए मजबूर हैं । पढने और खेलने की उम्र में बच्चों को अपने पेट पालने के लिए काम पर क्यों जाना पड रहा है ? क्या बच्चों को खेलने के गेंद, मैदान, बगीचे और घरों के आँगन खत्म हो चुके हैं ? पढाने के लिए विद्यालय, पढने के लिए किताबें सब चले गये हैं ? अगर सच में एसा हैं तो इस दुनिया में बचा ही क्या ? हमेशा की तरह इन सारी चीजें मौजूद होने पर भी आखिर क्यों छोटे- छोटे बच्चे सडकों से अपने – अपने काम पर जाने केलिए विवष हैं ?

3. निम्नलिखित किसी एक पाठ का सारांश 5-6 वाक्यों में लिखिए ।

(1) ‘सयानी बुआ’ पाठ का सारांश पाँच-छः वाक्यों में लिखिए ।
उ.
सयानी बुआ कठोरता से समय पालन करनेवाली एवं अनुशासन रखनेवाली नारी है | कहानीकार को पढ़ाई के लिए उनके घर में रहना पड़ता । कठोरता के कारण उनकी नन्ही बेटी अन्नू डरती है। डॉक्टर सलह देते हैं कि बुआ के बिना अन्नू को पर ले जाया जाए । तदनुसार उनके पति अन्नू को पहाड़ पर लेजाते हैं। बेटी की तबीयत के बारे में बुआ और उनके पति के बीच रोज पत्रव्यवहार चलता रहता है। एक महीने के बाद पति से देर से पत्र आता है, जिसमें लिखगया है कि सारी सतर्कता के बावजूद मैं उसे नहीं बचासका, इस चोट को धैर्य पूर्वक सहलेना…। यहाँ तक पढ़ते ही बुआजी और कहानीकार जी यह समझकर चीखकर रो पड़ती कि अन्नू मरगईं । लेकिन वे अंतिम हिस्सा पढ़कर रोते रोते हँस पड़ती हैं, क्यों कि पति पचास रूपएवाले प्याले सेट को बचा न सका, अन्नू तो अच्छी है ।

(2) ‘धरती’ पाठ का सारांश पाँच- छह वाक्यों में लिखिए ।
उत्तर:
भारतदेश की आशा उसकी धरती और उसके किसान हैं । भारतीय किसान आत्मविर्भर एवं परिश्रमी होते हैं । उन्हें धरती तथा गृह – गृहस्थी से प्रेम होता है । किसान की जिंदगी में परस्पर सहयोग एवं सादगी की भावना, हर काम में कई कहानियाँ, लोकगीत, हजारों कहावतों का स्मरण हो आता है । वास्तव में किसान अन्नदाता सुखदाता एवं जीवनदाता हैं । इमारी सहानुभूति और सहयोगिता से किसान फलेंगे – फूलेंगे और चहूँ और सुख समृद्धि लहराएगी। हमारी पढ़ाई-लिखाई तथा रहन सहन का आदर्श यही बनना चाहिए कि किसानों की श्रेणी में हमारी गिनती हो ।

4. निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं दो के उत्तर तीन- चार वाक्यों में लिखिए ।

(1) “अंधेर नगरी” एकांकी के अंत में फाँसी पर कौन चढा ? और क्यों ?
उत्तर:
अंधेर नगरी’ एकांकी के अंत में चौपट राजा खुद फाँसी पर चढता है और मरजाता है । क्यों कि गुरू महंत ने गोबरधनदास को बचाने के लिए कहा कि इस शुभ घडी में मरनेवाला सीधे स्वर्ग जाएगा। सीधे स्वर्ग जाने की लालच में राजा फाँसी पर चढा । गोबर धनदास मोटा आदमी होने के वजह से सिपाही उसको पकड लेते हैं ।

(2) ‘गाँव का ईश्वर’ प्रकांकी का उद्देश्य क्या है ?
उत्तर:
‘अशिक्षा से ग्रामीण प्रांतों में कई दुष्परिणाम होते रहते हैं । उनमें बेमेल विवाह, बाल्यविवाह, लडकियों को समान अधिकार न देना, शिक्षित संतान की भावनाओं को प्राथमिकता न देना, बडों की पसंद को छोटों की पसंद बनाकर थोपना, बड़ा आदमी चाहे कैसे भी हो, गाँव का ईश्वर समझना आदि हैं । इन बिंदुओं की ओर पाठकों की दृष्टि आकृष्ट कर इन दुष्परिणामों को दूर कराने की कोशिश करना ही इस एकांकी का मुख्य उद्देश्य है ।

(3) सम्राट अशोक के बारे में आप क्या जानते हैं ? उनके बारे में तीन – चार वाक्य लिखिए |
उत्तर:
सम्राट अशोक युद्ध – पिपासी होने के कारण, चार साल से कलिंग से युद्ध करते रहने पर भी जीत न पाते हैं । कलिंग की राजकुमारी पद्मा पुरूष वेष में शस्त्र सज्जित करके विशाल स्त्री – सेना से अशोक सेना के सम्मुख आती है । स्त्रियों पर शस्त्र प्रयोग शात्र विरूद्ध होने के कारण अशोक विचलित होकर शस्त्र त्याग करते हैं। अपने सभी सरदारियों के साथ अशोक बौद्ध भिक्षु बनजाते हैं और बौद्ध धर्म के सिद्धांतों का पालन शक्तिभर करने की प्रतिज्ञा करते हैं ।

5. निम्नलिखित पद्यांशों में से किन्हीं दो की संदर्भ सहित व्याख्या कीजिए ।

(1) प्राइवेट बस का ड्राइवर है तो क्या हुआ,
सात साल की बच्ची का पिता तो है !
सामने गियर से ऊपर
हुक से लटका रक्खी हैं
काँच की चार चूडियों गुलाबी
उत्तर:
संदर्भ : प्रस्तुत पद्यांश “गुलाबी चूडियाँ” नामक कविता से दिया गया हैं । इसके कवि श्री. नागार्जुन हैं । आप हिन्दी साहित्य के आधुनिक काव्य के प्रमुख कवि हैं । प्रस्तुत कविता में आप बेटी के प्रति पिता का प्रेम और बात्सल्य को दिखाते हैं ।
व्याख्या : प्रस्तुत पंक्तियाँ “गुलाबी चूडियाँ’ कविता के । एक प्राइवेट बस का ड्राइवर है । उसे साथ साल की बच्ची है । काँच की चार गुलाबी चूडियाँ सामने गियर से ऊपर हुक से लटका रक्खी हैं। ये गुलाबी चूडियाँ एक बेटी ने अपने पिता को दिया है । यह तोफा । क्यों कि यह चार गुलाबि चूडियाँ देखकर अपने बस सीमित में चलायेगा न कि स्पीड चलाकर याक्सिडेंट न होए

(2) सूखी कितनी इसकी कलियाँ
मुर्झाई कितनी वल्लरियाँ,
जो मुर्झाई फिर कहाँ खिलीं
पर बोलो सूखे फूलों पर
कब मधुवन शोर मचाता है ।
जो बीत गई सो बात गई !
उत्तर:
संदर्भ : प्रस्तुत पंक्तियाँ “जो बीत गयी” कविता पाठ से दी गयी हैं । इसके कवि श्री हरिवंशराय बच्चन जी हैं । ये हालावादी कवि हैं । इस कविता के द्वारा कवि करते हैं कि बीती हुई बातें कभी भी नहीं लौटते । इसलिए उनको भूलकर धीरज के साथ आगे बढने का संदेश देते हैं ।

व्याख्या : प्रस्तुत पंक्तियों में कवि कहना चाहता है – ‘कुसुमों के सूखे जाने पर, अनेक कलियों के और लताओं के मुरझाने पर मधुवन नहीं शोर मचाता। क्यों कि वह इस आशा में बना रहता है कि समय (मौसम) आने पर वे कलियाँ, फूल; पत्ते फिर खिलेंगे। इस धीरज के कारण मधुवन हमेशा बहार छा जाता है।

विशेषता : कुसुमों के सूख जाने पर, अनेक कलियों के और लंताओं के मुरझाने पर मधुवन शोर नहीं मचाता ।

(3) कुदरत की इस पवित्रता को तुम निहार लो
इनके गुणों को अपने मन में तुम उतार लो
उत्तर:
संदर्भ : प्रस्तुत पंक्तियाँ ‘ये कौन चित्रकार हैं” नामक कविता से दी गयी हैं। इसके कवि श्री भरत व्यास हैं । वे प्रसिद्ध नाटककार और गीतकार हैं। प्रस्तुत कविता में आप प्रकृति की सुंदरता का वर्णन सुंदर शब्दों में किये हैं।

व्याख्या : प्रस्तुत पंक्तियाँ ‘ये कौन चित्रकार है” कविता से दी गुयी हैं। तुम प्रकृति की इस पवित्रता को देखो। इनके गुणों को अपने मन में रमरण करो। प्रकृति को निहारने से हमें सृजन की विविधता दिखाई देती है।

(4) कोहरे से ढकी सड़क पर वच्चे काम पर जा रहे है
सुबह – सुबह
बच्चे काम पर जा रहे हैं।
उत्तर:
संदर्भ : प्रस्तुत पंक्तियाँ ‘बच्चे काम पर जा रहे हैं’ कविता से दिये गये हैं। इस कविता के कवि श्री राजेश जोशी हैं। आप हिन्दी साहित्य के आधुनिक काव्य के प्रसिद्ध कवि हैं ।” कवि ने बाल – मजदूरी की समस्या की ओर आकर्षित करने की कोशिश की।

व्याख्या : प्रस्तुत पंक्तियों में कवि ने लिखा है कि बहुत ही ठण्ड का मौसम है और सुबह – सुबह का वख्त है । चारों तरफ और सडकें भी कोहरे से ढँकी हुई है। परंतु इतनी ठण्ड में भी छोटे – छोटे बच्चे अपने – अपने काम पर जाने केलिए मजबूर हैं।

विशेषता : प्रस्तुत पंक्तियों में कवि काम पर जानेवाले बच्चों की स्तिति को देखकर विचलित हो जाते हैं और प्रश्न पूछ रहे हैं कि आखिर बच्चे काम पर क्यों जा रहे हैं ?

6. निम्नलिखित गद्यांशों में से किन्हीं दो की संदर्भ सहित व्याख्या कीजिए ।

(1) हमारे सीमित संसाधनों का घोर अपव्यय हो रहा है । जीवन की गुणवत्ता आलू के चिप्स से नहीं सुधरती । न बहुविज्ञापित शीतल पेयों से। भले ही वे अंतर्राष्ट्रीय हों ।
उत्तर:
संदर्भ : प्रस्तुत उद्धरण साहित्यकार एवं समाजशास्त्री श्यामचरण दुबे के ‘उपभोक्तावाद संस्कृति’ नामक निबंध से उद्धृत है। सामंती – संस्कृति के फैलाव के दुष्परिणाम गंभीर चिंता का विषय कहते हुए निबंधकार ये वाक्य कहते है ।

व्याख्या : सामंति संस्कृति के फलस्वरूप अपरमित घटिए विदेशी संसाधनों को स्वीकारकर, हम अपने देश के बढिए परिमित संसाधनों का घोर अनुचित व्यय कर रहे हैं । जिंदगी की गुणता विदेशी घटिए खाद्य – आलू चिप्स आदि से या कई प्रकार से विज्ञापित शीतल पेयों से नहीं सुधरती । विदेशी खाद्य पीज़ा और बर्गर कितने ही नवीनतम हों, वे तो हेथ हैं, घटिए ही हैं । स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं। इनका त्यागना अच्छा ही है ।

विशेषता : भारतीय संस्कृति के हास की चेतावनी का परिचायक है, प्रस्तुत उद्धरण |

(2) गेलौर से वजीरगंज जाने की 90 किलोमीटर की दूरी को 13 किलोमीटर ला देने वाला यह रास्ता एक श्रमिक के प्यार की निशानी है। एक अंग्रेज पत्रकार ने लिखा : ‘पूअरमैंस ताजमहल ।’
उत्तर:
संदर्भ : प्रस्तुत पाठ्यांश सफल लेखक, संपादक, अनुवादक, सक्रिय सांस्कृतिक विचारक एवं सच्चे सामाजिक कार्यकर्ता सुभाष गाताडे के पाठ ‘पहाड़ से उँचा आदमी से उद्धृत है । दशरथ माँझी द्वारा पहाड़ काटने के भगीरथ – यत्न में लोग कैसे अपने हाथ बँटाते हैं, उसका विवरण देते हुए लेखक, प्रस्तुत कथन कहते हैं ।

व्याख्या : लेखक कहते हैं कि दशरथ माँझी छैनी और हथौड़ से पहाड़ काटकर गेलौर से वजीरगंज की 90 कि.मी. की दूरी को 13 कि.मी. लाते हैं । यह नया रास्ता कठोर श्रमिक दशरथ माँझी की जीवन संगिनी फागुनी देवी का पवित्र प्रेम – चिह्न है । अस्वस्थ फागुनी देवी को 90 कि.मी., दूर स्थित नदजीक वजीरगंज अस्पताल ले जाने के दौरान वह दम तोड़ देती है। तब दशरथ इस भगीरथ – यत्न का निर्णयकर कार्य सफलता पाते हैं। जैसे

शहशाह शाहजहाँ की प्रियतमा मृत मुमताज की यादगार में वे ताजमहल का निर्माण करते हैं, वैसे ही निर्धन श्रमिक दशरथ अपनी जीवन संगिनी फागुनी देवी की यादगार में वे इस नए रास्ते का निर्माण करते हैं। एक अंग्रेज पत्रकार ठीक कहते हैं कि यही रास्ता दरिद्र दशरथ का ताजमहल है ।

विशेषताएँ : ‘यहा रास्ता एक श्रमिक के प्यार की निशानी’ और ‘पूअर मैंस ताजमहल’ शब्दों में लेखक बिंदु में सिंधु भर देते हैं। दोनों उपमाएँ सटीक हैं । ‘आज की तारीख में…’ कहकर लेखक पुराने मीलों की याद दिलाते हैं ।

(3) आत्मनिर्भरता भारतीय किसान का मुहँ नहीं ताकना पड़ता ।
उत्तर:
संदर्भ : प्रस्तुत उद्धरण पुरातत्व विद्, इतिहासकार एवं निबंधकार वासुदेवशरण अग्रवाल के निबंध, ‘धरती’ स दिया गया । यह उद्धरण भारतीय किसान की आत्मनिर्भरता एवं उसके स्ववलंबन का गुणगान करते संदर्भ में निबंधकार ये वाक्य कहते हैं ।

व्याख्या : भारत के कृषक का महान गुण है, आत्मनिर्भरता अर्थात् आत्मावलंबन | वह सब काम अपने बल पर करता है । इसी विषय पर यदि सावधानी से अध्ययन करें, तो ऐसे हज़ारों तत्थ हमारे सामने आएँगे, जिनको भारतीय कृषक अपने हाथ से खुद कर लेते हैं, जैसे खेती के औज़ार, घर के निर्माण की सामग्री, घर की आवश्यक सामग्री, दवा-दारु आदि । इससे बाहर के यंत्र और यंत्रविदों पर निर्भर होना न पड़ता ।

विशेषताएँ : निबंधकार इस उद्धरण द्वारा भारतीय किसान के संपूर्ण जीवन के अध्ययन पर ज़ोर दे रहे हैं, जो अनिवार्य है । भाषा सरल और सुबोध है ।

(4) इस राज्य का कण-कण दर्शनीय स्थल – सा प्रतीत होता है। एक बार जो इस राज्य की सुंदरता को देख लेता है, उसे यह राज्य स्वर्ग का आभास देता है ।
उत्तर:
संदर्भ : यह उद्धरण संपादक मंडल द्वारा संपादित ‘तेलंगाना के दर्शनीय स्थल’ नामक पाठ के आरंभिक अनुच्छेद से दियागया है । यह उद्धरण तेलंगाना की सुंदरता का वर्णन करते समय संपादक – मेडल द्वारा कहा जाता है ।

व्याख्या : संपादक – मंडल कहते हैं कि तेलंगाना राज्य का हर कण देखनेलायक स्थान की तरह लगता है । जो व्यकित इसकी सुंदरता को एकबार देख लेता है, उसको यह तेलंगाना राज्य स्वर्ग सा लगता है । विशेषता : संपादक मंडल द्वारा तेलंगाणा राज्य को अपर स्वर्ग कहा गया ।

7. निम्नलिखित में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर दो वाक्यों में लिखिए ।

(1) बिहारी के अनुसार दुःख में हमें किस तरह रहना चाहिए ।
उत्तर:
बिहारी के अनुसार हम दुःख में दुःख भरी लंबी साँस मत लेना चाहिए । दुःख में धीरज धर लेना चाहिए । दुःख को दूर करने का उपाय सोचना चाहिए ताकि दुःख दूर हो जाए। भगवान ने हमें सुख और दुःख दोनों दिया है। उसे सहर्ष स्वीकार करना चाहिए ।

(2) नागार्जुन का संक्षिप्त परिचय लिखिए ।
उत्तर:
नागार्जुन का असली नाम वैद्यनाथ मिश्र था । इनका जन्म सन् 1911 में वर्तमान मधुबनी जिले के सतलाख में हुआ था । इनके पिता गोकुल मिश्र और माता उमादेवी हैं | उनकी शिक्षा संस्कृत में हुई । उनकी मृत्यु ता 05- 11-1988 को हुई । इनके प्रमुख काव्य संग्रह हैं – ‘युगंधरा, ’तालाब की मछलियाँ”, “अपने खेत में’, “इस गुब्बारे की छाया में’ आदि । वे प्रसिद्ध उपन्यास कार भी थे। ” रतिनाथ की याची”, “नयी पौध”, “वरुण के बेटे’ आदि इनके उपन्यास हैं ।

(3) कवि ” भरत व्यास” के अनुसार प्रकृति की सुंदरता कैसी है ?
उत्तर:
कवि भरत व्यास के अनुसार प्रकृति का सृजन सृष्टिकर्ता ने किया है । ईश्वर को इस सृष्टि का चित्रकार मानते हुए दार्शनिकता दर्शाई है। नीला- नीलगगन, रंगभरी दिशाएँ, पेड – पौधों के फूल मनमोहक होते हैं । प्रकृति को निहारने से हमें सृजन की विविधता दिखाई देती है। धरती के पर्वत, घाटियाँ, वृक्ष, सृष्टिकर्ता के चमत्कार बनकर हमारे सामने आते हैं । प्रकृति से मन प्रसन्न हो जाता है । प्रकृति की सुंदरता अद्वितीय है ।

(4) “बच्चे काम पर जा रहे हैं” कविता में कवि क्या प्रश्न पूछता है ?
उत्तर:
‘बच्चे काम पर जा रहे हैं’ कविता में कवि यह प्रश्न पूछ रहा है कि आखिर बच्चे काम पर क्यों जारहे हैं ? सबसे भयानक बात यह है कि पढने खेलने की उम्र वाले बच्चों को अपने पेट पालने केलिए काम पर क्यों जाना पड रहा है ?

8. निम्नलिखित में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर तीन- चार वाक्यों में लिखिए ।

(1) उपभोक्तावादी संस्कृति का आपके जीवन पर क्या प्रभाव पड़ रहा है।
उत्तर:
उपभोक्तावादी संस्कृति का दुष्प्रभाव मेरे जीवन पर अधिक है । इससे समाज में हमारी दूरी बढ़ रही है; सामाजिक परस्पर संबंधों में कमी आ रहा है । जीवन स्तर बढ़ता अंतर हम में आक्रोश एवं अशांति को जन्म दे रहा है । मर्यादएँ टूट रही हैं, नैतिकता घट रही है । स्वार्थ परमार्थ को दबा रहा है ।

(2) ‘पहाड़ से ऊँचा आदमी’ पाठ से हम क्या सीखते हैं ?
उत्तर:
आत्मनिर्भर, दृढ़ निश्चय और कर्मशील व्यक्ति को असंभव कार्य कोई नहीं होता। ऐसा व्यक्ति जंगल में भी मंगल मचा देता है। ऐसे व्यक्ति के सामने पर्वत भी अपना सिर झुकाता है, सागर भी अपनी तरंगों को पसारकर उसका स्वागत करता है । उसका काम सफल होता है जिससे समाज कल्याण होता है । यही हम ‘पहाड़ से ऊँचा आदमी’ पाठ से सीखते हैं ।

(3) सयामी ‘बुआ के व्यक्तित्व का संक्षिप्त परिचय दीजिए ।
उत्तर:
सयानी बुआ बचपन से ही कठोरता से पालन करनेवाली एवं अनुशासन रखनेवाली नारी हैं। वे अपने घर में रहनेवाले सभी से भी इन नियमों का पालन कराती हैं । वे सारे घर को सुव्यवस्ति, सुंदर और साफ रखती हैं । उनकी भयंकर कठोरता में कोमलता भी छिपी है । अन्नू को खूब प्यार करती हैं । अन्नू का सुरक्षित समाचार सुनकर इतना हर्षित होती है मानों उन्हें स्वर्ग की निधि मिलगई हो ।

(4) तेलंगाना के किसी एक मनपसंद दर्शनीय स्थल के बारे में लिखिए ।
उत्तर:
तेलंगाना के मनपसंद दर्शनीय स्थल अनेक हैं, जिनमें हैदराबाद एक है। तेलंगाना राज्य की राजधानी हैदराबाद है, जो ऐतिहासिक नगर है । इसे भाग्यनगर, मोती का शहर तथा गंगा-जमुना तहजीब का नगर भी कहते हैं । इसके दर्शनीय स्थल हैं गोलकोंडा, चारमीनार, मक्का मस्जिद, कुतुबशाही गुंबद, पैगाह गुंबद, तारामती बारादरी, फलकनुमा महल और चौमोहल्ला महल, जिनमें सजीवता एवं उत्कृष्टता दिखाई देती हैं । इनके अलावा, सालारजंग संग्रहालय, नेहरु चिड़ियाघर, हाइटेक सिटी, हुस्सैन झील आदि भी देखने लायक हैं |

9. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक शब्द में लिखिए ।

(1) रहीम के अनुसार विद्याहीन मनुष्य किस के समान है ?
उत्तर:
बिना पूँछ और सिंग पशु के

(2) बिहारी किस काल के कवि थे ?
उत्तर:
रीतिकाल के

(3) “गुलाबी चूडियाँ कविता में कौनसा रस है ?
उत्तर:
बात्सल्य रस

(4) “ये कौन चित्रकार है” गीत में किसका वर्णन है ?
उत्तर:
प्रकृति का

(5) “बच्चे काम पर जारहे हैं” कविता के कवि कौन है ?
उत्तर:
राजेश जोशी

10. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक शब्द में लिखिए ।

(1) लेखक ने दशरथ माँझी की तुलना किन पौराणिक पुरषों से की है ?
उत्तर:
प्रोमोथियस और भगीरथ से

(2) सयानी बुआ के पास पढ़ाई करने कौन गयी थी ?
उत्तर:
कहानीकार मन्नू भंडारी

(3) भारतीय किसान अपना मनोरंजन कैसे करता है ?
उत्तर:
कथा-वार्ता और लोकगीत – लोकनृत्य द्वारा

(4) उपन्यास सम्राट किन्हें कहा जाता है ?
उत्तर:
प्रेमचंद को

(5) भद्राचलम में किसका मंदिर है ?
उत्तर:
श्री सीताराम मंदिर है ।

खण्ड – ‘ख’ (40 अंक)

11. निम्नलिखित में से एक पत्र लिखिए |

(1) छुट्टी के लिए आवेदन पत्र ।
उत्तर:

दिनांक : 23.07.2019
स्थान : हैदराबाद ।

सेवा में,
प्रधानाचार्य,
शासकीय महाविद्यालय,
मलकपेट, हैदराबाद |
विषय : तीन दिनों के अवकाश हेतु प्रार्थना पत्र
माननीय महोदय,
सविनय निवेदन है कि पिछले दो दिनों से माँ अस्वस्थ हैं। डॉक्टर ने उन्हें तीन दिनों तक आराम करने की सलाह दी है । घर पर उनकी देख-रेख करने के लिए कोई नहीं है । अतः मैं दिनांक 24.07.2019 से 26.07.2019 तक महाविद्यालय में अनुपस्थित रहुँगा । कृपया मुझे इन तीन दिनों का अनकाश प्रदान करें ।
धन्यवाद ।

आपका आज्ञाकारी छात्र
अभिनव कुमार,
क्र. सं. 14,
एम. पी. सी. प्रथम वर्ष ।

अथवा

(2) बस में छूटे सामान के बारे में परिवहन अधिकारी के नाम पत्र ।
उत्तर:

दिनांक : 24.07.2019
स्थान : हैदराबाद |

सेवा में,
श्रीमान प्रबंधक,
तेलंगाना परिवहन निगम,
हैदराबाद |

विषय : बस में छूटे सामान के बारे में ज्ञापित करने हेतु ।
माननीय महोदय,
सविनय निवेदन है कि मैं आपको बस में छूटे अपने सामान के बारे में ध्यान दिलाना चाहता हूँ | मैं 23.07.2019 को बस संख्या टीएस 09 1411 से दिलसुखनगर से कोठी जा रहा था। मैं उस दिन जल्दी में था । इसी कारण बस से उतरते समय अपना बैग भूल गया । उसमें मेरी पुस्तकें रह गयी हैं। आपसे निवेदन है कि यदि आपको मेरी पुस्तकें मिली हैं तो कृपया लौटाने की कृपा करें। आशा है कि आप मेरे निवेदन पर गंभीरता से विचार करेंगे ।
धन्यवाद ।

आपका आज्ञाकारी छात्र
अभिनव कुमार,
क्र.सं. 14,
एम. पी. सी. प्रथम वर्ष ।
शामकीय महाविद्यालय,

12. निम्नलिखित में से किन्हीं आठ शब्दों का संधि विच्छेद कीजिए ।

(1) हिम + आलय = हिमालय
(2) यदि + अपि = यद्यपि
(3) महा + इंद्र = महेंद्र
(4) एक + एक = एकैक
(5) विद्या + अर्थी = विद्यार्थी
(6) सु + आगत = स्वागत
(7) ने + अन = नयन
(8) तर + ईश = नरेश
(9) दुः + शासन = दुश्शासन
(10) सम् + मान = सम्मान
(11) सत् + धर्म = सद्धर्म
(12) सम् + तोष = संतोष

13. निम्नलिखित में से किन्हीं पाँच शब्दों के समास के नाम लिखिए ।
(1) नवरात्र – द्विगु समास
(2) रात-दिन – द्वन्द्व समास
(3) भरपेट – अव्ययीभाव समास
(4) पंकज – बहुव्रीहि समास
(5) अपना-पराया – द्वन्द्व समास
(6) आजीवनं – अव्ययीभाव समास
(7) देहलता – कर्मधारय समास
(8) जलज – बहुव्रीहि समास

14. (अ) निम्नलिखित विज्ञापन पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए ।

Img 1
प्रश्न – उत्तर :
1) यह विज्ञापन किसके बारे में है ?
उत्तर:
यह विज्ञापन ग्राहकों को जागरुक रखने के लिए हैं ।

2) किसे जागरुक बनना चाहिए ?
उत्तर:
ग्राहक जागरुक बनना चाहिए ।

3) शिकायत या सुझाव के लिए टोल फ्री नंबर क्या है ?
उत्तर:
1800-11-4000

4) यह विज्ञापन किसके द्वारा दिया गया है ?
उत्तर:
उपभोक्ता मामले विभाग – भारत सरकार – नई दिल्ली।

(आ) गद्यांश पढ़कर प्रश्नों के उत्तर एक वाक्य में लिखिए ।

मोहनदास करमचन्द गांधी (2 अक्तूबर 1869 – 30 जनवरी 1948) भारत एवं भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के एक प्रमुख राजनैतिक एवं आध्यात्मिक नेता थे । वे सत्याग्रह ( व्यापक सविनय अवज्ञा ) के माध्यम से अत्याचार के प्रतिकार के अग्रणी नेता थे, उनकी इस अवधारणा की नींव सम्पूर्ण अहिंसा सिद्धान्त पर रखी गयी थी जिसने भारत को आजादी दिलाकर पूरी दुनिया में जनता के नागरिक अधिकारों एवं स्वतंत्रता के प्रति आन्दोलन के लिये प्रेरित किया । उन्हें दुनिया में आम जनता महात्मा गांधी के नाम से जानती है। संस्कृत भाषा में महात्मा अथवा महान आत्मा एक सम्मान सूचक शब्द है। गांधी को महात्मा के नाम से सबसे पहले 1915 में राजवैद्य जीवराम कालिदास ने संबोधित किया था । उन्हें बापू (गुजराती भाषा में बापू यानी पिता) के नाम से भी याद कया जाता है । सुभाष चन्द्रबोस ने 6 जुलाई 1944 को रंगून रेडियो गांधी जी के नाम जारी प्रसारण में उन्हें राष्ट्रपिता कहकर सम्बोधित करते हुए आज़ाद हिन्द फौज़ के सैनिकों के लिये उनका आशीर्वाद और शुभकामनाएँ माँगीं थीं । प्रति वर्ष 2 अक्तूबर को उनका जन्म दिन भारत में गांधी जयंती के रूप में और पूरे विश्व में अन्तर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस के नाम से मनाया जाता है ।

प्रश्न – उत्तर :
1) महात्मा गांधी का जन्म कब हुआ ?
उत्तर:
2 अक्तूबर 1869 में गाँधीजी का जन्म हुआ

2) गांधी जी को महात्मा नाम से सबसे पहले किसने संबोधित किया ?
उत्तर:
“राजवैद्य जीवराम कालिदास” ने संबोधित किया ।

3) रंगून रेडियो से किसने संबोधित किया ?
उत्तर:
सुभाष चन्द्र बोस’ रंगून रेडियो से संबोधित किया

4) गांधी जयंती कब मनाते हैं ?
उत्तर:
‘2 अक्तूबर’ गाँधी जयंती मनाते हैं |

15. (अ) निम्नलिखित में से किन्हीं चार मुहावरों के अर्थ लिखिए ।

(1) तारे तोड़ लाना
उत्तर:
मुश्किल काम करना

(2) रंग लाना
उत्तर:
शोभा बढ़ाना

(3) अंगूठा छाप
उत्तर:
अनपढ़ होना

(4) खून उबलना
उत्तर:
क्रोधित होना

(5) ईद का चाँद.
उत्तर:
बहु दिनों के बाद दिखाई देना

(6) कमर कसना
उत्तर:
किसी काम के लिए तैयार होना

(7) इशारे पर नाचना
उत्तर:
वश में हो जाना

(8) खाल खींचना
उत्तर:
दंडदेना

(आ) निम्नलिखित में से किन्हीं चार लोकोक्तियों के अर्थ लिखिए ।

(1) एक पंथ दो काज
उत्तर:
एक काम से दूसरा काम हो जाना

(2) अन्धा क्या चाहे दो आँखे
उत्तर:
मनचाही बात हो जाना

(3) ऊँट के मुँह में जीरा
उत्तर:
जरूरत के अनुसार चीज न होना

(4) एक अकेला, दो ग्यारह
उत्तर:
संगठन में शक्ति होती है ।

(5) यथा राजा तथा प्रजा
उत्तर:
जैसा स्वामी वैसा ही सेवक

(6) आग में घी डालना
उत्तर:
पहले से हो रहे झगडे को भडकाने की क्रिया

(7) नेकी और पूछ पूछ
उत्तर:
भलाई करने में संकोच कैसा

(8) काला अक्षर भैंस बराबर
उत्तर:
अनपढ़ व्यक्ति

16. नीचे दिए गए वाक्यों में से किन्हीं तीन के वाच्य बदलिए ।

(1) सीता नहीं बैठती ।
उत्तर:
सीता से बैठा नहीं जाता ।

(2) राम से चला नहीं जाता है ।
उत्तर:
राम नहीं चलता है ।

(3) राजू ने गीत लिखा ।
उत्तर:
राजु से गीत लिखा गया ।

(4) पुलिस ने चोर को पकडा ।
उत्तर:
पुलिस से चोर को पकडा गया ।

(5) हमसे हिन्दी सीखी जायेगी ।
उत्तर:
हम हिन्दी सीखेंगे |

(6) वह दूध पियेगा |
उत्तर:
दूध उससे पिया जायेगा ।

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