Telangana SCERT TS 9th Class Hindi Study Material Pdf 1st Lesson जिस देश में गंगा बहती है…. Textbook Questions and Answers.
TS 9th Class Hindi 1st Lesson Questions and Answers Telangana जिस देश में गंगा बहती है….
प्रश्न – ప్రశ్నలు :
प्रश्न 1.
चित्र में क्या – क्या दिखाई दे रहे हैं?
(ఈ చిత్రంలో ఏమేమి కనపడుతూ ఉన్నవి?)
उत्तर :
चित्र में सूरज चमक रहा है। सफ़ेद रंग का एक कबूतर उड रहा है। नीचे जमीन पर छोटे-छोटे पौधे और उनके फूल आदि दिखाई दे रहे हैं।
प्रश्न 2.
इस चित्र में आपको क्या अच्छा लगा और क्यों ?
(ఈ చిత్రంలో మీకు ఏమి నచ్చింది, ఎందుకని ?)
उत्तर :
इस चित्र में मुझे स्वेच्छा से उडनेवाला कबूतर अच्छा लगा। क्योंकि सफ़ेद कबूतर शांति का दूत है। विहार करता है। उसी तरह सब लोग शांतिकामुक हो स्वेच्छा से जीवन बितायें।
प्रश्न 3.
इस चित्र से हमें क्या संदेश मिलता है?
(ఈ చిత్రము ద్వారా మనకు ఏ సందేశము లభిస్తుంది?)
उत्तर :
यह चित्र खासकर भारत देश से संबन्धित है। भारत की धरती सस्यश्यामला है। संसार में भारत का प्रमुख स्थान है। यह आकाश के सूरज के समान संसार में चमक रहा है। भारत में सदा सुख-शाँति मिलते हैं। सब भारतवासी शांतिकामुक हैं। यही संदेश इस चित्र से हमें मिलता है।
अर्थग्राहूयता-प्रतिक्रिया (అర్థగ్రహణ – ప్రతిస్పందనన) :
अ. प्रश्नों के उत्तर बताइए। (ప్రశ్నలకు జవాబులు ఇవ్వండి.)
प्रश्न 1.
भारतीयों के बारे में कविता में क्या बताया गया है?
(భారతీయుల గురించి కవితలో ఏమని తెలుపబడింది?)
उत्तर :
संसार में भारत का अपना महत्वपूर्ण स्थान है। भारतीय लोग भाग्यवान और महान चरित्रवाले हैं। ये सहृदयी, निस्वार्थी, सच्चरित्र और सचाई के प्रतिमूर्ति हैं। परोपकारी, अहिंसावादी, मानवता के पुजारी भारतीय सबसे प्रेम करनेवाले हैं। अतिथि सत्कार का जी जान से पालन करनेवाले पवित्र लोग हैं। खुद कष्टों को झेलते कर्तव्य पालन करनेवाले मानवतावादी हैं। अपने – पराये का भेद न रखकर सबसे मिलजुलकर रहनेवाले प्रेमालू. लोग हैं। इस तरह कविता में भारतीयों के महान गुणों का वर्णन किया गया है।
(ప్రపంచంలో భారతదేశానికి తనదైన గొప్ప స్థానం ఉన్నది. భారతీయ ప్రజలు అదృష్టవంతులు మరియు గొప్ప చరిత్ర కలవారు. వీరు సహృదయం, నిస్వార్థం, సత్చరిత్ర మరియు నిజాయితీల ప్రతిరూపాలు. పరోపకారం, అహింసావాదం, మానవత యొక్క పూజారులు, భారతీయులు అందరిని ప్రేమించేవారు. అతిథి సత్కారాన్ని మనస్ఫూర్తిగా పాటించే పవిత్రమైనవారు. స్వయంగా కష్టాలను భరించి కర్తవ్యపాలన చేసే మానవతావాదులు. తరతమ భేదాలు లేకుండా అందరితో కలిసిమెలిసి ఉండే ప్రేమ గలవారు. ఈ విధంగా కవితలో భారతీయుల గొప్ప గుణాల వర్ణన చేయబడింది.)
प्रश्न 2.
भारत की कुछ नदियों के बारे में बताइए।
(భారతదేశపు కొన్ని నదుల గురించి తెలపండి.)
उत्तर :
भारत एक विशाल और पवित्र देश है। इस देश में अनेक नदियाँ बहती हैं। इन नदियों का पानी भारतीयों के लिए अति पवित्र है । इन्ही के कारण भारतीय लोग सुखमय जीवन बिता रहे है । ऐसी नदियों में ये प्रमुख हैं।
1. गंगा : गंगा भारत की सबसे प्रसिद्ध नदी है। इसे सुरगंगा कहते हैं। इसका जन्म पवित्र हिमालयों में स्थित गंगोत्री में हुआ है । यह भारतवासियों की सबसे प्रिय नदी है ।
2. ब्रहमपुत्र : यह नदी हिमालयों के तिब्बत में पैदा होकर असम में से बंगला देश में प्रवेश करती है। भारत में तो 725 कि.मी. ही बहती है । इसे बाढों की नदी भी कहते हैं। इस नदी के कारण असम राज्य सुसंपन्न होता है ।
3. सिंधु : यह नदी हिमालय पर्वतों के मानसरोवर में पैदा हुयी। यह जम्मू-कश्मीर में से 709 कि.मी. बहकर अरब महासागर में मिलती है।
4. गोदावरी : यह भारत में पूरब की ओर बहनेवाली बडी नदी है। यह महाराष्ट्र प्रांत के नासिक और त्रयंबक के यहाँ पैदा हुयी। इसकी मंजीरा, प्राणिहिता जैसी पाँच उपनदियाँ भी हैं, ये अंत में बंगाल की खाडी में विलीन हो जाती हैं।
5. कृष्णा : कृष्णा महाराष्ट्र में स्थित पश्चिमी घाटियों में महाबलेश्वर के यहाँ पैदा हुयी। 1400 कि.मी.है। बंगाल की खाडी में मिलती है। इसकी तुंगभद्रा, मूसी, पालेरु, भीमा आदि उपनदियाँ हैं।
(భారత్ ఒక విశాలమైన, పవిత్రమైన దేశము. ఈ దేశంలో అనేక నదులు ప్రవహిస్తున్నవి. ఈ నదుల నీరు భారతేయులకు అతి పవిత్రమైనది. వీటి కారణంగానే భారత ప్రజలు సుఖమయ జీవితాన్ని గడుపుచూ ఉన్నారు. అలాంటి నదులలో. ఇవి ముఖ్యమైనవి.
1. గంగ: గంగ భారతదేశ ప్రసిద్ధిగాంచిన నది. దీనిని దేవగంగ అని అంటారు. దీని పుట్టుక పవిత్ర హిమాలయాలలో ఉన్న గంగోత్రిలో జరిగింది. ఇది భారతవాసుల అన్నిటికంటే ప్రియమైన నది.
2. బ్రహ్మపుత్ర : ఈ నది హిమాలయాలలోని టిబెట్లో పుట్టి అసోంలో బంగ్లాదేశ్లో కలుస్తుంది. భారత్లో అయితే 725 కి.మీ. మాత్రమే ప్రవహిస్తుంది. దీనిని వరదల నది అని కూడా అంటారు. ఈ నది కారణంగా అసోం సుసంపన్నమవుతోంది.
3. సింధు : ఈ నది హిమాలయపర్వతాల మానస సరోవరంలో పుట్టింది. ఇది జమ్మూ-కాశ్మీర్లో 709 కి.మీ. ప్రవహించి, అరేబియా మహాసముద్రంలో కలుస్తోంది.
4. గోదావరి : ఇది భారత్లో తూర్పున ప్రవహించే పెద్ద నది. ఇది మహారాష్ట్రలోని నాసిక్ లోని త్రయంబకం వద్ద పుట్టింది. దీనికి మంజీర, ప్రాణహిత లాంటి ఐదు ఉపనదులు కూడా ఉన్నాయి. ఇవి చివరకు బంగాళాఖాతంలో విలీనమైపోతాయి.
5. కృష్ణ : కృష్ణానది మహారాష్ట్రలోని పశ్చిమపర్వతాలలో మహాబలేశ్వరం వద్ద పుట్టింది. దీని పొడవు 1400 కి.మీ. బంగాళాఖాతంలో కలుస్తుంది. తుంగభద్ర, మూసి, పాలేరు, భీమ దీని ఉపనదులు.)
आ. कविता के आधार पर उचित क्रम दीजिए। (కవిత ఆధారంగా సరియైన సంఖ్య ఇవ్వండి.)
1. एक चीज़ यही तो रहती है. ( )
2. मिलजुल के रहो और प्यार करो (1)
3. जिस देश में गंगा बहती है ( )
4. हम उस देश के वासी हैं ( )
उत्तर :
1. 2
2. 1
3. 4
4. 3
इ. भाव से संबन्धित कविता की पंक्तियाँ लिखिए।
(భావమునకు సంబంధించిన కవిత యొక్క పంక్తులను (వ్రాయంది.)
1. हम सब मिलजुलकर रहते हैं।
उत्तर :
मिलजुल के रहो और प्यार करो,
एक चीज़ यही तो रहती है।
हम उस देश के वासी हैं,
जिस देश में गंगा बहती है।।
2. हम ईमानदारी से रहते हैं
और थोडे में गुज़ारा करते हैं।
उत्तर :
मेहमाँ जो हमारा होता है
वो जान से प्यारा होता है।
ज़्यादा का नहीं लालच हम को,
थोड़े में गुज़ारा होता है।।
ई. पंक्तियाँ पढिए। भाव बताइए।
अपना किसी से वैर न समझो,
जग में किसी को गैर न समझो।
आप पढ़ो, औरों को पढ़ाओ,
घर-घर ज्ञान की जोत जलाओ ॥
उत्तर :
भाव : अपने किसी भी व्यक्ति को शतृ न समझिए। विश्व के हर आदमी को पराया नहीं, अपना ही समझिए। खुद अध्ययन कीजिए, दूसरों को यथा शक्ति पढाने का यन्म कीजिए। अपना कर्तव्य समझकर हर एक परिवार में ज्ञान दीप जलाइए। सबको ज्ञानी बनाइए।
(మన వారిని ఎవరినీ శత్రువుగా తలచవద్దు,
జగత్తులోని ఎవరినీ పరాయివారుగా భావించవద్దు.
మీరు చదవండి. ఇతరులను చదివించండి,
ఇంటింటా జ్ఞానజ్యోతి వెలగించండి. అందరినీ జ్ఞానవంతులుగా తయారు చేయండి.)
अभिव्यक्ति – सृजनात्मकता (వ్యక్తీకరణ/ప్రస్తుతీకరణ – నిర్మాణాత్మకత) :
अ. इन प्रश्नों के उत्तर दो – तीन वाक्यों में दीजिए।
(ఈ ప్రశ్నలకు జవాబులు రెండు-మూడు వాక్యములలో ఇవ్వండి.)
प्रश्न 1.
मिलजुलकर रहने से क्या लाभ हैं?
(కలసి – మెలసి ఉండడం వల్ల ఏం లాభాలు కలుగుతాయు ?)
उत्तर :
‘जिस देश में गंगा बहती है …’ गीत में भारतवासियों के महान गुणों पर प्रकाश डाला गया है। भारतवासी भाग्यवान और महान चरित्रवाले हैं। बिना किसी भेदभाव के निस्वार्थ जीवन बितानेवाले हैं। मानवों का सच्चा मूल्य जानते हैं। इसलिए मिलजुलकर रहना भारतीयों का प्रथम पवित्र गुण है। इससे सब लोगों में अपनापन पैदा होकर प्रेम भाव बढता है। दूसरों के कष्टों को दूर करके सुखमय जीवन बिता सकते हैं। रिश्ते दृढ होते हैं। सब, सबकी भलाई चाहते बिना किसी वैमनस्य के मानवता के पुजारी बनते हैं। हम सब एक हैं, हमारा भारत एक है कि भावना बनी रहती है।
(‘జిస్ దేశ్ మే గంగా బహతీ హై ….’ గీతంలో భారతవాసుల గొప్పగుణాలపై దృష్టి సారించారు. భారతవాసులు అదృష్టవంతులు, గొప్ప చరిత్ర కలిగినవారు. ఎటువంటి భేదభావాలు లేక నిస్వార్థ జీవనం గడిపేవారు. మానవుల నిజమైన విలువ తెలిసినవారు. ఇందువల్ల కలిసిమెలిసి ఉండటం భారతీయుల ప్రథమ పవిత్ర గుణం. దీనివల్ల అందరిలో మనం అనే భావన పుట్టి, ప్రేమ భావం పెరుగుతుంది. ఇతరుల కష్టాలను దూరం చేసి సుఖమయ జీవనం గడపగలం. సంబంధాలు దృఢపడతాయి. అందరూ అందరి మంచి కోరుకుంటూ ఎటువంటి కలతలు (వైరుధ్యాలు) లేని మానవత్వము యొక్క పూజారులు అవుతారు. మనం అంతా ఒకటి, మన భారతదేశం ఒకటి అనే భావన నిలిచి ఉంటుంది.)
प्रश्न 2.
अपने मेहमान के साथ कैसा व्यवहार करते हैं?
(మన అతిధి యెడల ఎలా వ్యవహరిస్తాము?)
उत्तर :
मेहमान का अर्थ है अतिथि। अतिथि हमारे लिए भगवान की प्रतिमूर्ति समान है। अतिथि का सत्कार भारतीय लोगों का जन्म सिद्ध गुण है । ऐसे अतिथि की भलाई या अतिथि को खुश रखने अपनी हानि की भी परवाह नहीं करनेवाले हैं हम। अतिथि सत्कार को ही परम धर्म मानकर जी जान से उसकी सेवा में निमग्न होते हैं।
(మెహమాన్ యొక్క అర్ధం అతిథి. అతిథి మనకు భగవంతుని ప్రతిరూపముతో సమానము. అతిథి సత్కారము భారతీయుల జన్మసిద్ధ గుణము. అటువంటి అతిథి మేలు కోసం, అతిథిని సుఖపెట్టడానికి మనకు జరిగే హాని కూడా లక్ష్యపెట్టని వారము మనము. అతిథి సత్కారమే పరమావధిగా భావించి మనసారా వారి సేవలో నిమగ్నము అయ్యెదము.)
प्रश्न 3.
‘ज़्यादा का नहीं लालच हम को, थोडे में गुज़ारा होता है।” इसका भाव अपने शब्दों में लिखिए।
(“అమితంగా సంపాదించాలనే ఆలోచన లేదు, కొద్దిపాటితోనే సంతృష్టులై ఉంటాము” దీని భావం మీ సొంతమాటల్లో వ్రాయండి.)
उत्तर :
भारतवासी कभी ज़्यादा कमाने के लालची न बनकर भाग्य से जो कुछ मिला, उसी से तृप्त होकर जीवन बितानेवाले हैं।
(భారతవాసుల ఎన్నడూ అధికంగా సంపాదించాలనే దురాశాపరులు కాకుండా అదృష్టవ్రశాత్త దొరికిన కాద్దిపాటి దానిలోనే సంతుష్టలై జీవనం గడిపేవారు.)
आ. इस गीत का सार अपने शब्दों में लिखिए।
(ఈ గీతము షొక్క సారాన్ని మీ మాటలలో వ్రాయండి.)
उत्तर :
श्री शैलेंद्र कुमार हिन्दी के फ़िल्मी गीतकारों में प्रमुख हैं। उनकी लिखी उत्तम फ़िल्मी गीत है’ ‘जिस देश में गंगा बहती है ……”।
शैलेंद्र जी ने इस गीत में मातृभूमि भारत देश की महानता और भारतवासियों के उच्चतम गुणों का सुन्दर ढंग से वर्णन किया है। संसार में भारत का अपना महत्वपूर्ण स्थान है। भारत में पवित्र सुर गंगा बहती है। ऐसे पवित्र देश के लोग भी महान चरित्रवाले हैं। उनके दिल पवित्र और निर्मल हैं। उनके होंठों से सदा सच ही निकलता है। अतिथि सत्कार भारतवासियों का जन्मसिद्ध गुण है। इसका पालन वे जी जान से करते हैं। कभी लालच में पडकर ज़्यादा से ज़्यादा कमाने के बजाय जो थोडा भाग्य से मिले उसीसे संतुष्ट होनेवाले हैं। भूमाता भी ऐसी भारत संतान को आशीर्वाद देकर सब कुछ सहकर मदद करंती है।
भारतवासी मानवतावादी हैं। विश्व के हर एक व्यक्ति का महत्व खूब जानते हैं। चाहे कितने भी भेदभाव रहे सब मिलजुलकर प्रेम से रहना वे अपना धर्म मानते हैं, वे पराये (विदेशी) लोगों को भी अपनानेवाले हैं। अपनी स्वार्थ सिद्धि के लिए जीवन बितानेवाले नहीं है।
इतने उत्तम गुणवालों का संसार भर में आदरणीय स्थान है । यही बात आज सारे विश्व में फैली है।
(శ్రీ శైలేంద్ర కుమార్ హిందీ పాటల రచనలో ప్రముఖులు. వారు రాసిన “జిస్ దేశ్ మే గంగా బహతీ .” గొప్ప కవిత. శైలేంద్ర కుమార్ ఈ కవితలో మాతృభూమి భారతదేశం, దాని గొప్పతనం, భారతవాసుల అత్యుత్తమ గుణములను గొప్పగా వర్ణించారు. ప్రపంచంలో భారతదేశానికి తనదంటూ ప్రత్యేక స్థానమున్నది. భారత్లో పవిత్ర సురగంగ ప్రవహిస్తున్నది. అట్టి పవిత్ర దేశపు ప్రజలు కూడా గొప్ప సంస్కారవంతులు. వారి మనస్సులు పవిత్రమైనవి, నిర్మలమైనవి. వారి పెదవుల నుండి ఎల్లప్పుడూ సత్యమే వెలువడుతుంది.
అతిథి సత్కారము భారతీయుల జన్మసిద్ధ సంస్కారం. దీనిని వారు త్రికరణ శుద్ధిగా ఆచరించెదరు. ఎన్నడూ దురాశకు పోకుండా, అమితంగా సంపాదించాలనే ఆలోచన లేకుండా భాగ్యముతో లభించిన కొద్దిపాటిలోనే సంతృప్తులు అయ్యేవారు. భూమాత కూడ అట్టి తమ బిడ్డలను ఆశీర్వదిస్తూ అన్నిటిని సహించి సాయం చేస్తుంది.
భారతవాసులు మానవతావాదులు. ప్రపంచంలోని ప్రతి వ్యక్తి విలువను చక్కగా తెలిసినవారు. ఎన్ని భేదభావములు ఉన్నప్పటికీ అందరూ కలిసిమెలిసి ప్రేమగా ఉండటం వారు తమ ధర్మమని భావిస్తారు. వారు పరాయివారిని (విదేశీయులను) కూడ తమ వారిగా భావిస్తారు. తమ స్వార్థ సిద్ధి కోసం జీవితం గడిపేవారు కాదు.
ఇన్ని గొప్ప గుణములు కలిగిన వారికి ప్రపంచంలో గౌరవనీయమైన స్థానమున్నది. ఈ విషయమే నేడు ప్రపంచమంతటా వ్యాపించి ఉన్నది.)
इ. देशभक्ति भावना पर चार पंक्तियों की कविता लिखिए।
(దేశభక్తి భావన మీద నాలుగు పంక్తుల కవిత వ్రాయండి.)
उत्तर :
चाह नहीं, मैं सुरबाला के गहनों में गूँथा जाऊँ,
चाह नहीं, प्रेमी माला में बिंध प्यारी को ललचाऊँ
चाह नहीं सम्राटों के शव पर हे हरि डाला जाऊँ,
चाह नहीं देवों के सिर पर चढूँ, भाग्य पर इठलाऊँ,
मुझे तोड लेना वनमाली, उस पथ में देना तुम फेंक,
मात्रुभूमि पर शीश चढाने जिस पथ जावें वीर अनेक।
ई. इस गीत में आपको कौन – सी बातें बहुत अच्छी लर्गी ? क्यों ?
(ఈ గీతంలో మీకు ఏ విషయములు చాలా బాగా నచ్బినవి ? ఎందుకు ?)
उत्तर :
यह गीत भारत की महानता बतानेवाला है। इसमें भारतवासियों के उत्तम गुणों पर प्रकाश डाला गया है। उनमें इनसानियत, मिलजुलकर रहना आदि मुझे बहुत अच्छे लगे हैं। क्योंकि विश्व में अनेक देश हैं। उन देशों में रहनेवाले अनेक गुणों के लोग हैं। लेकिन भारतवासी सबसे श्रेष्ठ हैं।
मानवता के पुजारी हैं भारतवासी। भारतवासी मुक्ति पर श्रब्धा रखनेवाले सच्चित्र व्यक्ति हैं। वे जानते हैं कि विश्व के सब मानव बिना किसी भेदभाव के समान हैं। इसलिए सब पर मानवता दिखाना इनका उत्तम गुण है। इसी कारण सबको समानता और समता की दृष्टि से देखते हैं। मिलजुलकर रहना “भारतीयों का खास गुण है। “वसुदैक कुटुंबकम्” पर विश्वास रखनेवाले हैं। उनके काम भी उसी आशय के अनुरूप ही होते हैं।
(ఈ గీతం భారత్ యొక్క గొప్పదనాన్ని తెలిపేది. దీనిలో భారతవాసుల ఉత్తమ గుణాలపై దృష్టి సారించబడింది. వారిలో మానవత్వం, కలిసిమెలిసి ఉండటం మొదలగునవి నాకు నచ్చాయి. ఎందుకంటే ప్రపంచంలో అనేక దేశాలు ఉన్నాయి. ఆ దేశాలలో ఉండేవారు అనేక గుణాలు కలిగి ఉన్నవారు. కాని భారతవాసుటు అందరికంటే (శేష్ఠులు.
మానవత్వాన్ని పూజించేవారు భారతవాసులు. భారతవాసులు ముక్తిపై గ్ర్ధపెట్టే సచ్చరిత్రులు. ప్రపంచ మాసవులందరూ భేదభావాలు లేకుండా సమానమని వారికి తెలుసు. ఇందుకని అందరిపై మూనవట్వాన్ని చూపించడం వీరి ఉత్తమ గుణం. దీని కారణంగానే అందరినీ సమత – సమానతా అనే దృష్టిహో చూస్తారు.
కలిసితిసి ఉండటం భారతీయుల ప్రత్యేక గుఁఇం. వసుగైక కుటుంబకంపై విశ్వాసం ఉంచేవారు. వారి పనులు కూడా వారి అశయానికనుగుణంగా జరుగుతాయి.)
भाषा की बात (భాషా విషయము) :
अ. उदाहरण के अनुसार वाक्य बनाइए।
(ఉదాహరణ [పకారము వాక్యము తయారు చేయంది.)
यह + में – इसमें (దీనిలో / ఇతనిలో) उदा : यह उपवन है। इसमें फूल हैं।
जो + में – जिसमें (ఎవరిలో) (దానిలో) (అతనిలో)
उदा : वह नौवीं कक्षा का लडका है। जिसमें देश भक्ति की भावना अधिक है।
आ. मुहावरे का अर्थ बताइए। (జాతీయము/లోకోక్తి భావము తెలపండి.)
जान से प्यारा होना ………………….
उत्तर :
जान से प्यारा होना
– बहुत प्रिय होना
इ. नीचे दिये गये वाक्यों की वाक्य रचना समझिए।
(దిగువ ఇవ్వబడిన వాక్యముల వాక్యరచన తెలుసుకోండి.)
1. हम भारत वासी हैं। – మనము భారతవాసులము.
2. हमारे होंठों पर सचाई रहती है। – మన పెదవులపై సత్యమే ఉంటుంది.
3. हमारे दिल में सफ़ाई रहती है। – మన మనస్సులో నిర్మలత్వము ఉంటుంది.
(ఈ వాక్యములు స్వతంత్రంగా ఏర్పడినవి. వీనిలో వేరొక వాక్యము కలవలేదు. ఇట్టి వాక్యములను సరళ వాక్యములు అందురు.)
उत्तर :
1. हम भारत के वासी हैं और भारत देश हमारा है।
(మనము. భారతవాసులము, భారతదేశము మనది.)
2. हमारे होठों पर सचाई रहती है और दिल में सफ़ाई रहती है।
(మన పెదవులపై నిజాయితీ ఉంటుంది. మనస్సులో స్వచ్ఛత ఉంటుంది.)
3. हम सब भारतीय हैं इसलिए हम सब एक हैं।
(మనమంతా భారతవాసులము. అందువలన మనమందరము ఒకటే.)
(ఈ వాక్యములలో రెండు సరళ వాక్యముల కలయిక జరిగింది. ఈ విధముగా రండు వాక్యముల కలయికలో ఏర్పదిన వాక్యములను సంయుక్త వాక్యములు అందురు.)
उत्तर :
1. मेहमाँ जो हमारा होता हैं, वो जान से प्यारा होता है ।
(మన అఆిథులు ఎవరైతే ఉన్నారో, వారు మన ప్రాణం కన్న మిన్న ఐనవారు.)
2. हम उस देश के वासी हैं, जिस देश में गंगा बहती है।
(ఏ దేశంలో అయితే గంగ (ప్రవహిస్తున్నదో, మనము ఆ దేశ వాసులము,)
(ఇక్కడ సరళ వాక్యముతోపాటు ఉపవాక్యము (ఆశ్రీత వాక్యము) కలయిక ఇరిగింది. సరళ వాక్యములో ఏదేని ఆశ్రీత వాక్యము కలయిక జరిగితే దానిని మిశ్రమ వాక్యము ఆందురు.)
ई. नीचे दिये गये वाक्यों की वाक्य रचना पहचानिए।
(క్రింద ఇవ్వబడిన వాక్యముల వాక్యరచన గమనించండి.)
हम नवी कक्षा के छात्र हैं।
(మేము తొమ్మిదవ తరగత విద్యార్ధులమ.)
हम अपना भविष्य बनायेंगे और देश की सेवा करेंगे।
(మనము/మేము/ మస భవిష్యత్తును నిర్మించుకుంటాము, దేశసేవ చేస్తాము.)
जो जितनी मेहनत करेगा वह उतना ही आगे बढेगा।
(ఎవరు, ఎంత శ్రమ చేస్తాడో, అతడు అంతే అభివృద్ధి సాధిస్తాడు.)
परियोजना कार्य (నిర్మాణాత్మక పని/ప్రాజెక్ట్ పని) :
शैलेंद्रकुमार के इस गीत की कुछ पंक्तियाँ ही पाठ में दी गई हैं। आप इस गीत की अन्य पंक्तियों का संकलन कर पाठ में दी गई कविता के साथ जोड़कर संपूर्ण गीत का प्रदर्शन कक्षा में कीजिए।
(శైలేంద్ర కుమార్ గారి ఈ గేయం యొక్క కొన్ని పంక్తులు మాత్రమే పాఠంలో ఇవ్వబడినవి. మీరు ఈ గేయం యొక్క అన్య పంక్తులను కవితతో కలిపి సంపూర్ణ గేయం తరగతి గదిలో ప్రదర్శించండి.)
उत्तर :
होठों पे सचाई रहती है,
जहाँ दिल में सफ़ाई रहती है।
हम उस देश के वासी हैं,
जिस देथ में ठांगा बहती है ।।
मेहमाँ जो हमारा होता है,
वो जान से प्यारा होता है।
ज़्यादा का नहीं लालच हम को.
थोड़े कें गुज़ारा होता है॥
बच्चों के लिए जो धरती माँ,
सदियों से सभी कुछ सहती है.
हम उस देश के वासी हैं,
जिस देश में वंगा बहती है।
कुछ लोटा जो ज़्यादा जानते हैं.
इंसान को कम पहचानते हैं।
ये पूरब हैं पूरब वाले,
हर जान की कीमत जानते हैं।
मिलजुल के रहो और प्यार करो.
एक चीज़ यहीं तो रहती है।
हम उस देश के वासी हैं,
जिस देश कें ठांगा बहती है॥
जो जिससे मिला सीखा हमने
ठैरों को भी अपनाया हमने।
मतलब के लिए अंधे होकर,
रोटी को नहीं पूजा हमने ॥
अब हम तो क्या सारी दुनिया,
सारी दुनिया से कहती है।
हम उस देश के वासी हैं.
जिस देश में ठंगा बहती है।
होठों पे सचाई रहती है,
जहाँ दिल में सफ़ाई रहती है।
हम उस देश के वासी हैं,
जिस देश में वांगा बहती है ॥
प्रश्न – II
प्रश्न 1.
भारतीयों की क्या विशेषता होती है?
(భారతీయ ప్రత్యేకత ఎమిటి?)
उत्तर :
विश्व में भारत देश का अपना महत्वपूर्ण स्थान है। भारत देश में रहनेवाले भारतवासी भाग्यवान हैं। वे सहृदयी, निस्वार्थी, सच्चरित्र, अहिंसावादी, सच बोलनेवाले, परोपकारी, मानवतावादी हैं। कितनी भी मुश्किलें आयें अपने आदर्श गुणों को नहीं छोडनेवाले महान लोग हैं। सबको अपना समझनेवाले हैं। उनके लिए कोई पराया नहीं है। ऐसे भारतीय लोगों के समान विश्व के दूसरे देशवाले नहीं हैं।
(జగత్తులో భారతదేశానికి చాలా విలువైన స్థానము ఉన్నది. భారతదేశంలో నివసించెడి భారతీయులు భాగ్యవంతులు. వారు సహృదయులు, నిస్వార్థపరులు, సచ్చరిత్ర కలిగినవారు. అహింసావాదులు. సత్తమే మాట్లాడువారు, పరోహకారులు, మానవఠావాదులు. ఎన్ని కష్టాలు ఎడురైనా తమ ఆదర్శ గుణములను ఎన్నడూ విడిచి పెట్టని గొప్ప (ప్రజలు. అందరినీ తమవారిగా భావించేవారు. వారికి పరాయివారు ఎవరూ కారు. ఇటువంది భారతీయులకు సమానంగా (ప్రపంచ ఏ దేశవాసులూ. లేరు.)
प्रश्न 2.
किसी एक राष्ट्रीय चिहन का चित्र उतार कर पाँच वाक्य लिखिए। दीवार पत्रिका पर चिपकाइए।
(ఏదేని ఒక జాతీయ చిహ్నం బొమ్మ గీచి దాని గురించి ఐదు వాక్యాలు వ్రాసి గోడ పత్రికపై అతికించండి.)
उत्तर :
आम भारत देश का राष्ट्र फल है।
आम को फलों का राजा कहकर पुकारते हैं।
आम के फल गर्मी के मौसम में अधिक मिलते हैं।
आम कच्चा और पका दोनों रूपों में मिलता है।
कच्चे आम से चट्नी, अमचूर और मुरब्बा आदि बनाते हैं।
आम के फल को स्त्री – पुरुष, बच्चे – बढ़े सब चाव से खाते हैं।
आम का फल बहुत मीठा होता है। आर कई प्रकार के होते हैं।
जैसे : रसाल, मलगोबा, बंगिनपक्ली, तोतापरी, लंगडा, सफ़ेदा, दशहरी आदि।
(మామిడికాయ ఖారతదేశ జాతీయ ఫలం.
మామిడి కాయ (పండు)ను ఫలాలలో రాజు అని అందరూ పిలిచెదరు.
మామిడి పండ్లు వేసవి కాలంలో ఎక్కువగా లభించును.
మామిడి కాయలు పచ్చవిగానూ పండ్లరూపంలోనూ లథించును.
పచ్చిమామిడి కాయలతో చట్నీ, మామిడి చూర్టము, ఆవకాయ పచ్చడి, మామిడి తాండ్ర, మామిడి మురబ్ఖా మొదలగు వానిని తయారు చేయురురు.
మామిడి పండ్రను స్త్రీలు – పురుషులు, పిల్లలు -.ముసలి వాళ్ళు అందరూ చాలా ఇష్టంతో తినెదరు.
మామిడి పండ్లు చాలా తీయగా ఉండును.
మామిడి పండ్లు అనేక రకములు – రసాల్, మల్గోబా, బంగినపల్లి, తోతాపరీ, లంగ్డా, సఫేదా మరియు దశ్హరీ మొ॥నవి మామిడి పండ్లలోని కొస్ని రకములు.)
3. गंगा भारत की राष्ट्र नदी है। तालिका में दिये गये राष्ट्रीय चिहनों के नाम लिखिए। किसी एक का चित्र उतारकर पाँच वाक्य लिखिए। दीवार पत्रिका पर चिपकाइए।
(గంగ భారతదేశపు జాతీయ నది. పట్టికలో ఇచ్చిన జాతీయ చిహ్నముల పేర్లు వ్రాయండి. ఏదేని ఒకదాని బొమ్మ
గీచి, ఐదు వాక్యములు వ్రాయండి. గోడపత్రికపై అంటించండి.)
उत्तर :
अर्थग्राहयता-प्रतिक्रिया :
पठित – पह्यांश
निम्न लिखित पद्यांश पढ़कर दिये गये प्रश्नों के उत्तर एक वाक्य में दीजिए।
I. होटों पे सचाई रहती है,
जहाँ दिल में सफ़ाई रहती है।
हम उस देश के वासी हैं,
जिस देश में गंगा बहती है ।।
प्रश्न :
1. भारतीयों के दिलों में क्या रहती है?
2. जिस देश में गंगा बहती है उस देशवासियों को क्या कहते हैं?
3. भारतीयों के होठों पर क्या रहती है ?
4. उपर्युक्त पद्यांश किस पद्यपाठ से लिया गया है ?
5. उपर्युक्त पद्यांश के कवि कौन हैं?
उत्तर :
1. भारतीयों के दिलों में सफ़ाई रहती है।
2. जिस देश में गंगा बहती है, उस देश वासियों को भारतीय कहते हैं।
3. भारतीयों के होठों पर सचाई रहती है।
4. उपर्युक्त पद्यांश “जिस देश में गंगा बहती है …” नामक पद्यपाठ (गेय कविता) से लिया गया है।
5. उपर्युक्त पद्यांश के कवि हैं श्री शेलेंद्र कुमार जी।
II. मेहमाँ जो हमांरा होता है,
बो जान से प्यारा होता है।
ज़्यादा का नहीं लालच हमको,
थोडे में गुज़ारा होता है॥
प्रश्न :
1. जान से भी प्यारा हमें कौन है?
2. हम किस देश के वासी हैं?
3. बच्चों के लिए सदियों से सब कुछ कौन सहती है?
4. थोडे में गुज़ारा किनका होता है?
5. हमें कितना लालच नहीं है?
उत्तर :
1. मेहमान जो हैं। वो हमें जान से भी प्यारा है।
2. हम भारत देश के वासी हैं।
3. बच्चों के लिए सदियों से धरती मॉं सब कुछ सहती है।
4. भारत वासियों को थोडे में गुज़ारा होता है।
5. हमें ज्यादा का लालच नहीं है।
III. मिलजुल के रहो और प्यार करो,
एक चीज़ यही तो रहती है।
हम उस देश के वासी हैं,
जिस देश में गंगा बहती है॥
प्रश्न :
1. सारी दुनिया से क्या कहती है ?
2. गंगा किस देश में बहती है?
3. इस पद्यांश में किस देश वासियों के गुणों के बारे में बताया गया है?
4. उपर्युक्त पद्य किस पाठ से दिया गया है?
5. उपर्युक्त पद्यांश के कवि कौन हैं?
उत्तर :
1. सारी दुनिया सारी दुनिया से कहती है कि हम उस देश के वासी जिस देश में गंगा बहती है।
2. गंगा भारत देश में बहती है।
3. इस पद्यांश में भारत देश के देशवासियों के गुणों के बारे में बताया गया है।
4. उपर्युक्त पद्य ‘जिस देश में गंगा बहती है ….’ नामक पद्यपाठ से दिया गया है।
5. उपर्युक्त पद्यांश के कवि हैं श्री शैलेंद्र कुमार।
अपठित – पद्यांश
निम्न लिखित पद्यांश पढ़कर दिये गये प्रश्नों के उत्तर एक वाक्य में दीजिए।
I. भारत् नहीं स्थान का वाचक, गुण विशेष नर का है,
एक देश का नहीं, शील यह भूमंडल भर का है।
जहाँ कहीं एकता अखंडित, जहाँ प्रेम का स्वर है,
देश – देश में वहाँ खडा भारत जीवित भास्वर है।।
प्रश्न :
1. जीवित भास्वर क्या है?
2. गुण विशेष नर का देश क्या है?
3. भारत किसका वाचक नहीं है?
4. भूमंडल भर का शील क्या है?
5. इस पद्य में किस देश की महानता के बारे में वर्णन किया गया है ?
उत्तर :
1. इस पद्य में जीवित भास्वर ‘भारत’ है।
2. गुण विशेष नर का देश “भारत” है।
3. भारत स्थान का वाचक नहीं है।
4. भूमंडल भर का शील भारत देश है।
5. इस पद्य में भारत देश की महानता के बारे में बताया गया है।
II. मॉँगन मरन समान है, मंत कोई मॉगो भीख।
माँगन ते मरना भला, यह सतगुरू की सीख ॥
प्रश्न :
1. कोई भी किसे मत मॉगना चाहिए ?
2. माँगने से क्या भला है ?
3. सतगुरु की सीख क्या है ?
4. “सीख” शब्द का अर्थ क्या है ?
5. मरंना शब्द का विलोम शब्द क्या है?
उत्तर :
1. कोई भी भीख मत माँगना चाहिए।
2. माँगने से मरना भला है।
3. सत्गुरु की सीख है – “मत माँगना”।
4. सीख शब्द का अर्थ है “शिक्षा”।
5. मरना शब्द का विलोम शब्द है “जीना”।
III. भले बुरे सब एक से, जो लौ बोलत नाहिं।
जान परतु है काक पिक, रितु बसंत के माहि।।
प्रश्न :
1. भले – बुरे सब कैसे होते हैं?
2. ‘भला’ शब्द का विलोम शब्द क्या है?
3. कांक – पिक का जान हमें इस ऋतु में मिलता है?
4. “रितु” शब्द का अर्थ क्या है?
5. काक और पिक दोनों कैसे होते हैं?
उत्तर :
1. भले – बुरे सब एक से होते हैं।
2. भला शब्द का विलोम शब्द है – “बुरा’।
3. काक – पिक का जान हमें वसंत ऋतु में होता है।
4. रितु शब्द का अर्थ है “ऋतु’।
5. काक और पिक दोनों काले रंग के होते हैं।
IV. नाच – नाच कर आता मोर
नाना रंग दिखाता मोर
बच्चों को बहलाता मोर,
बाग – बाग उड जाता मोर,
बन – बन शोभित होता मोर,
साबन में खुश होता मोर।
प्रश्न :
1. मोर कैसे आता है?
2. नाना रंग कौन दिखाता है ?
3. मोर किनको बहलाता है?
4. बाग – बाग कौन उड जाता है?
5. मोर कब खुश होता है?
उत्तर :
1. मोर नाच नाचकर आता है।
2. नाना रंग मोर दिखाता है।
3. मोर बच्चों को बहलाता है।
4. बाग – बाग मोर उड जाता है।
5. मोर सावन में खुश होता है।
v. घिर आये हैं बादल काले
गरज रहे हैं बन मतवाले
खुश हो होकर मोर कूकते
झूम – झूम के नाच दिखाते।
रिमझिम रिमझिम पानी पडता
जन-जन का मन खूब फडकता
प्रश्न :
1. बादल कैसे हैं?
2. मतवाले बनकर बादल क्या कर रहे हैं?
3. मोर क्या करते हैं?
4. झूम – झूम कर क्या दिखाते हैं?
5. पानी कैसे पडता है?
उत्तर :
1. बादल काले हैं।
2. मतवाले बनकर बादल गरज रहे हैं।
3. मोर कूकतें हैं।
4. झूम – झूम कर नाच दिखाते हैं।
5. पानी रिमझिम – रिमझिम पडता है।
राष्ट्र ध्वज (జాతీయ జెండా) :
तिरंगा भारत का राष्ट्रीय झंडा है। इसमें तीन रंग है। केसरिया, सफ़ेद और हरा। झंडे के बीच में अशोक चक्र है। तिरंगा भारत की शान और शोकत का पवित्र प्रतीक है। इससे त्यागशीलता, शाँति, सुख संतोष और उत्नति पाने की भावनाओं की प्रेरणा मिलती है। राष्ट्रीय ध्वज पर प्रण करके सच्चे भारतीय नागरिक बनने का प्रयत्ग करना हम सबों का धर्म है।
उद्देश्य (ఉద్దేశ్యము) :
देश भक्ति गीतों का संकलन कर उनका पठन करना है। भारतवासी सत्य, अहिंसा, धर्म, न्याय, परोपकार, सद्भावना, मानवता आदि महान गुणों की पहचान हैं।
(దేశభక్తి గీతాల సంకలనం చేస వాదిని వదవాలి. భారతవాసులు సత్యము, అహింస, ధర్మము, న్యాయము, పరోపకారం, సద్భావన, మానవత్వము మొదలగు గాప్ప గుణముల ప్రతిమూర్తులు.)
शब्दार्थ – भावार्थ :
1. होठों पे सचाई रहती है,
जहाँ दिल में सफ़ाई रहती है।
हम उस देश के वासी हैं,
जिस देश में गंगा बहती है
शब्दार्थ (అర్థములు) (Meanings) :
- होंठ = పెదవులు, lips
- सचाई = నిజము,వాస్తవం, truth
- दिल = హృదము,మనస్సు, heart/soul
- सफ़ाई = పరిశుభ్రత, cleanliness
- बहना = ప్రవహించుట, to flow
भावार्थ : भारत एक पवित्र और महान देश है। भारतवासी पवित्र गंगा नदी के बहनेवाले देश में रहनेवाले हैं। वे उत्तम गुणवाले और सहृदयी व्यक्ति हैं। उनके होंठों से सदा सच ही निकलता है। उनके हृदय निर्मल और विशाल हैं। वे दूसरों की भलाई ही चाहते हैं। चाहे अपने को हानि पहुँचे किसी की हानि नही करते हैं।
భావార్థము : భారతదేశము పవిత్రమైన, గొప్ప దేశము. భారతవాసులు పవిత్ర గంగానది ప్రవహించే దేశంలో నివసిస్తున్నవారు. వారు మంచి గుణములున్న సహృదయులు. వారి పెదవుల నుండి సదా సత్యమే వెలువడుతుంది. వారి మనస్సులు నిర్మలమైనవి, విశాలమైనవి. వారు ఇతరుల మేలు కోరుకుంటారు. తమకు హాని జరిగినా ఎవరికీ హాని కలిగించరు.
2. मेहमाँ जो हमारा होता है,
वो जान से प्यारा होता है।
ज्यादा का नहीं लालच हमको,
थोडे में गुजारा होता है।।
शब्दार्थ (అర్థములు) (Meanings) :
- मेहमाँ = मेहमान, అతిథి, guest
- जान = जीव, ప్రాణమ, life
- प्यारा = ప్రియమైన, dear
- ज़्यादा = ఎక్కువ, much
- लालच = దురాశ, greed
- थोडा = కొంచెము, స్వల్పము, little
- गुज़ारा = జరుగుబాటు, existence
भावार्थ : भारत के लोग अतिथियों का सत्कार करना अपना भाग्य समझनेवाले हैं। इसे वे पवित्र और अपनी ज़िम्मेदारी समझते हैं। ऐसे महान कार्य करने में वे कभी अपनी हानि की परवाह नहीं करते हैं। अर्थात् अतिथि सत्कार को अपने प्राणों से भी अधिक महत्व देनेवाले हैं। ऐसे भारतवासी कभी ज़्यादा कमाने के लालची न बनकर भाग्य से जो कुछ मिला, उसी से तृप्त होकर जीवन बितानेवाले हैं।
భావార్థము : భారత ప్రజలు అతిథి సత్కారాన్ని తమ అదృష్టంగా భావిస్తారు. దీనిని వీరు పవిత్రమైన తమ బాధ్యత అనుకుంటారు. ఇట్టి మహత్తర కార్య చేయటంలో వారు ఎన్నడూ తమకు కలిగే హానిని (నష్టాన్ని) కూడ పట్టించుకోరు. అంటే అతిథి సత్కారాన్ని తమ ప్రాణాలకన్న మిన్నగా భావించే వారు. అట్టి భారతవాసులు ఎన్నడూ అధికంగా సంపాదించాలనే దురాశాపరులు కాకుండా అదృష్టవశాత్తు దొరికిన కొద్దిపాటి దానిలోనే సంతుష్టులై జీవనము గడిపేవారు.
3. मिलजुल के रहो और व्यार करो,
एक चीज यही तो रहती है।
हम उस देश के वासी हैं,
जिस देश में गंगा बहती है।।
शब्दार्थ (అర్థములు) (Meanings) :
- मिलजुलकर = కలిసిమెలిసి, together
- प्यार करना = ప్రేమించుట, to love
- चीज़ = వస్తువు, item
भावार्थ : महान भारत देश में सदा मानवता और समानता की भावनाएँ बनी रहती है। इसीलिए संसार में हमें कहीं न दिखाई देनेवाली “वसधैक कुटुंबकम्”‘ अथवा “अनेकता में एकता” की पवित्र भावना सिर्फ़ भारत देश में ही पायी जाती है। सब मानव ही हैं, प्रेम से रहिए, मिलजुलकर रहिए। यही भारत भर में फैली हुयी भावना है।
భావార్థము : గొప్ప భారతదేశంలో ఎల్లప్పుడూ మానవత్వము, నమానత్వ భావనలే ఏర్పడి ఉంటాయి. అందువలననే ప్రపంచంలో మనకు ఎక్కడా కనవడనటువంటి పవిత్ర “వసుధైక కుటుంబకం”/ “భిన్నత్వంలో ఏకత్వం” భావన కేవలం భారతదేశంలోనే కనిపిస్తుంది. అందరూ మానవులే. ప్రేమతో కలిసిమెలిసి ఉండే భావము భారతదేశం అంతటా వ్యాపించి ఉన్నది.
कवि (కవి) – शैलेंद्र कुमार (శైలేంద్ర కుమార్)
जीवनकाल (జీవతకాల०) – सन् 1923 – सन् 1966
विशेषताएँ : (ప్రత్యేకతలు) – कई प्रसिद्ध फ़िल्मी गीतों की रचना तीन बार फ़िल्म फ़ेयर पुरस्कार से सम्मानित किये गये।
(పసిద్రి చెందిన అనేక సినీ గేయాల రచన మూడుసార్లు ఫిల్మ్రేర్ ప్రస్కారంటే సన్మానించబడినవారు.)
సారాంశము :
శ్రీ, శైలేంద్ర్ కుమార్ హిందీ పాటల రచనలో ప్రముఖలు. పారు రాసీన “జిస్ దేశ్ మే గంగా బహతీ హై …….” గొప్ట కవిత.
శైలేఏడ్ర్ కుమార్ ఈ కవితలో మాతృభూమి భారతదేశం, డాని గొప్పతనం, భారతవాసుల అత్యత్తమ గుణములను గాప్పగా వర్డించారు. ప్రపంచంలో భారతదేతానికి తనదంటూ పప్రత్యేక స్థానమున్నది. భారత్లో పవిత్ర సురగంగ ప్రవహిస్తున్నది. అట్టి పవిత్ర దేశప్ ప్రజలు కూడా గూప్ప్ సంస్కారవంతులు. వాి మనస్సులు పవిత్రమైనవి, నిర్ముమైనవి. వాఠి పెదవుల నుండి ఎల్లప్పుడూ సత్యమే వెలువడుతుంది.
అతిథి సత్కారము భారతీయుల జన్మసిద్ధ సంస్కారం. దీనిని వారు గరికరణతుద్ధిగా ఆచరించెదరు. ఎన్నడూ దురాశకు పోకుండా, అమితంగా సంపాదించాలనే ఆలోచన లేకుండా భాగ్యముతో లఫ్ంచిన కొద్దిపాటిలోనే సంతృప్తలు అయ్యేవారు. భూమాత కూడ అట్టి తమ బిడ్డలను ఆశీర్వదిస్తూ అన్నిటిని సహించి సాయం చేస్తుంది.
భారతవాసులు మానవతావాదులు. (ప్రపంచంలోని (ప్రతి వ్యక్తి విలువను చక్కాా తెలిసినవారు. ఎన్ని భేదాావములు ఉన్నప్పటీకీ ఆందరూ కలిసిమెలిసీ (పేమగా ఉండటం వారు తమ ధర్మమని భావిస్తారు. వారు పరాయివారిన (విదేశీఝులను) కూడ తమ వారిగా భావిస్తారు. తమ స్వార్థసిద్ధి కోసం జీవితం గడిేవారు కాదు.
ఐన్ని గౌప్ప గుణములు కలిగిన వారికి ప్రపంచంలో గౌరవనీయమైన స్థానమున్నది. ఈ విషయమే నేడు (ప్రపంచమంతటా వ్యాపించి ఉన్నది.