TS 8th Class Hindi Guide 9th Lesson मैं सिनेमा हूँ

Telangana SCERT 8th Class Hindi Study Material Telangana Pdf 9th Lesson मैं सिनेमा हूँ Textbook Questions and Answers.

TS 8th Class Hindi 9th Lesson Questions and Answers Telangana मैं सिनेमा हूँ

प्रश्न : (ప్రశ్నలు) :

प्रश्न 1.
चित्र में क्या-क्या दिखायी दे रहा है ?
(చిత్రంలో ఏమేమి కనిపిస్తున్నాయి?)
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उत्तर :
चित्र में विश्व साक्षरता दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रम को देख सकते हैं।
చిత్రంలో ప్రపంచ సాక్షాత్కార దినోత్సవాన్ని పురస్కరించుకొని జరుపుతున్న కార్యక్రమం దృశ్రం కనిపిస్తుంది.

प्रश्न 2.
वे क्या-क्या कर रहे हैं ?
(హారేమేమి చేస్తున్నారు?)
उत्तर :
बच्चे कुछ कार्यक्रम कर रहे हैं। एक महिला उसे कैमरे में बंद कर रही है। बहुत सारे बच्चे इस कार्यक्रम को देख रहे है। अध्यापक गण इसका निरीक्षण कर रहे हैं।
పిల్లలు కొన్ని కార్యక్రమాలు చేస్తున్నారు. ఒక మహిళ కెమేరాలో అవన్నీ చిత్రీకరిస్తున్నది. చాలామంది పిల్లలు ఈ కార్లకక్రమాన్ని చూస్తున్నారు. ఉపాధ్యాయులు దీనిని వీక్షిస్తున్నారు.

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प्रश्न 3.
नाटक में क्या बताया जा रहा होगा ?
(నాటకంలో ఏమి చెప్పబడుతుంది?)
उत्तर :
साक्षरता क्या है? इसका दर कैसे बढ़ाया जा सकता है ? इसकी अनिवार्यता क्या है ? ये सब नाटक में रखकर संदेश दे रहे हैं।
అక్షరాస్తత అంటే ఏమిటి? దీనిని ఎట్లా పెంచాలి? దీని తప్పనిసరి కార్యక్రమం ఏమిటి? ఇవన్నీ నాటకంలో సందేశ రూపంలో చూపిస్తున్నారు.

सुनो-बोलो (వినండి – చెప్పండి) :

प्रश्न 1.
चित्र के बारे में बातचीत कीजिए।
(చిత్రం గురించి చర్చించండి.)
उत्तर :
सिनेमाघर का दृश्य मनोहर है। पहली बार मैं सिनेमा के पिता दादा साहेब फाल्के को चित्र में देख रहा हूँ। यह एक रोमांचक अनुभव है। चलती फिल्म को बार्डर के रूप में रखना और भी अच्छा है। बच्चों के दूवारा पाइरेटेड फिल्मों का निषेध करना अच्छा है।

సినిమా హాలులో దృశ్యము చాలా అందంగా ఉన్నది. మొదటిసారిగా నేను సినిమా జనకుడైన దాదా సాహెబ్ఫాల్కేను చిత్రంలో చూశాను. ఇది అందమైన అనుభవం. సినిమా రీలును బోర్డర్లా పెట్టటం ఇంకా అందంగా ఉంది. పిల్లల ద్వారా పైరసీని నిషేధించాలని చెప్పటం కూడా నచ్చింది.

प्रश्न 2.
सिनेमा देखना आपको कैसा लगता है ? क्यों ?
(సినిమా చూడటం మీకు ఎలా అనిపిస్తుంది? ఎందుకు?)
उत्तर :
सिनेमा देखना मुझे बहुत अच्छा लगता ; क्योंकि इससे मनोविनोद होता है। थोड़ी देर के लिए हम अपने सारे दु:खों को भूल सकते हैं। खासकर छुट्टियों में हो तो सब सिनेमा देखने के लिए उत्सुक रहते हैं।

సినిమా చూడటం మంచిగా అనిపిస్తుంది. ఎందుకంటే దీనితో మనస్సుకి సంతోషం (ఉల్లాసం) కలుగుతుంది. కొంతసేపు మనము మన దుఖాలన్నిటిని మరచిపోవచ్చు. ముఖ్యంగా శెలవు దినాలలో అందరూ సినిమా చూడటానికి ఉత్సాహంగా వస్తారు.

पढ़ो (చదవండి) :

अ) पाठ में आये अंग्रेजी शब्दों के अर्थ शब्दकोश में ढूँढ़िए । वाक्य में प्रयोग कीजिए ।
(పాఠంలోని ఇంగ్లీష్ శబ్దాల అర్థాలు డిక్షనరీలో వెతకండి. వాక్లాల్లో ప్రమోగించండి.)
उत्तर :
जैसे : प्रोजक्टर – प्रक्षेपण। प्रोजक्टर की सहायता से परदे पर सिनेमा दिखायी देता है।
पाइरेटेड – चोरी की हुई फिल्म
पाइरेटेड रूप में फिल्म देखना या दिखाना दोनों कानूनन अपराध है।
सी.डी – कंप्यूटर में काम करने के बाद लोग उसके सी.डी एक जगह से दूसरी जगह तक भेजते हैं।

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आ) राजा हरिश्चंद्र भारत की पहली मूक फिल्म थी। उसी तरह पहली बोलती फिल्म थी-‘आलम आरा’। अब नीचे दिखाये गये पोस्टर के आधार पर प्रश्नों के उत्तर दीजिए।
(మనదేశంలో రాజాహిశ్చంద్ర మొదటి మూకీ చిత్రం (మాటల లేని చిత్రం) అలాగే మాటలతో విడుదలైన చిత్రం ఆలం ఆరా. క్రింది పోస్టర్ చూసి ప్రశ్నలకు జవాబుల రాయండి.)
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अब इन प्रश्नों के उत्तर दीजिए ।

प्रश्न 1.
सिनेमाघर का नाम क्या है?
उत्तर :
मैजेस्टिक सिनेमाघर

प्रश्न 2.
पात्रों के नाम क्या हैं ?
उत्तर :
जुबेदा, विट्ठल, पृथ्वीराज कपूर और अन्य

प्रश्न 3.
सिनेमा देखने का समय क्या है ?
उत्तर :
सिनेमा देखने का समय यह है
2: 00,6.00 और रात 10.30 बजे

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प्रश्न 4.
मूक और बोलती फिल्म में क्या अंतर है ? दो वाक्य लिखिए।
(మూగ చిత్రాలకు, మాట్లాడే చిత్రాలకు ఉన్న ఖేదమేవిటి ? రెండు వాక్యాల రాయండి.)
उत्तर :
मूक फिल्म बोलती फिल्म

मूक फिल्म बोलती फिल्म
1. इसमें पात्र कुछ बोलते नहीं। 1. इसमें पात्र बातें करते हैं।
2. इसमें पात्र निर्जीव लगते हैं। 2. इसमें पात्र सजीव होते हैं।
3. इसमें सभी भाव व्यक्त नहीं होते । 3. इसमें सभी भाव व्यक्त किये जाते हैं।
4. इसमें केवल अभिनय को महत्व दिया जाता है। 4. इसमें अभिनय के साथ-साथ संवाद को भी महत्व दिया जाता है।


लिखो (రాయండి) :

अ) नीचे दिये गये प्रश्नों के उत्तर लिखिए ।

प्रश्न 1.
निर्देशक और सिनेमा एक-दूसरे से कैसे जुड़े रहते हैं ?
(దర్శకుడు, సినిమా ఒకరితో మరొకరు ఎలా ఆధారపడి ఉంటారు ?)
उत्तर :
सिनेमा का केंद्रबिंदु निर्देशक है। वह सिनेमा के निर्माण से जुड़े सभी लोगों को एक सूत्र में बाँध कर सिनेमा को साकार रूप देता है। सिनेमा को बनाने में हज़ारों लोगों की मेहनत जुड़ी होती है। सिनेमा से उनकी जीविका चलती है। उनकी मेहनत पर ही सिनेमा का भविष्य निर्भर करता है। इस प्रकार निर्देशक और सिनेमा एक दूसरे से जुड़े रहते हैं।

సినిమాకు దర్శకుడే మూలం. అతను సినిమా నిర్మాణానికి సంబంధించిన వ్యక్తులందరిని సమీకరించి సినిమాకి ఒక రూపాన్ని ఇస్తాడు. వేలమంది వ్యక్తులు దీని నిర్మాణంలో శ్రమ పడతారు. సినిమానే వారికి జీవనోపాధి. వారి పని తీరు పైనే సినిమా భవిప్యత్ ఆధారపడి ఉంటుంది. ఈ విధంగా దర్శకుడు మరియు సినిమా ఒకరిమీద ఒకరు ఆఢారపడి ఉంటారు.

प्रश्न 2.
पाइरेटेड सिनेमा से आप क्या समझते हैं ?
(పైరసీ సినిమా గురి०చి మీకు ఏమి తెలుసు ?)
उत्तर :
लोग पैसों की लालच में सिनेमाघरों से सिनेमा को चोरी करके कैमेरा में लाते हैं। इसे पाइरेटेड रूप कहते हैं। इसे सी.डी में भरकर दूकानों में चुप-चुप कर बेचते हैं। पैरसी सी.डी. खरीदना और बेचना दोनों ग़लत है। पाइरेटेड फिल्म देखना और दिखाना दोनों क़ानूनन अपराध है। इसे बढ़ावा न दें।

డబ్బు సంపాదించాలని దురాశతో కొంతమంది సినిమాహాళ్ళ నుండి సినిమాను దౌంగతనముగా కెమెరాలో బంధించి తెస్తారు. దీనినే పైరేటడ్ అంటారు. దీనిని CD లలో నింపి షాపులలో దొంగతనముగా అమ్ముతుంటారు. వీటిని కొనటం – అమ్మటం రెండూ తప్పే. పైరసీ చిత్రాలని చూడటం, చూపించటం రెండూ చట్టరీత్యా నేరం. దీనిని ప్రోత్సహించవద్దు.

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आ) इस पाठ का सारांश अपने शब्दों में लिखो।
(పాఠ్య సారా०శాన్ని మీ సొంతమాటల్లో రాయండి.)
उत्तर :
‘मैं सिनेमा हूँ’ का पाठ सिनेमा की कहानी है। याने चलते चित्रों की कहानी है। इसका जन्म विदेश में हुआ। लेकिन भारत में सन् 1913 ई. में दादा साहब फाल्के इसे लाये। पहली बार प्रदर्शित फिल्म का नाम राजा हरिश्चंद्र है। भले ही सिनेमा हमें कितना भी मनोरंजन करे, लेकिन इसका श्रेय तो मनुष्य को ही जाता है। कभी यह मूक था, निर्जीव था। बाद में यह बोलती फिल्म बनी। उसमें रंग भी भर दिये गए। सजीव बन गया। इसमें हास्य, दु:ख, कल्पना, प्रेरणा आदि भाव दिखाई देते हैं।

कहानीकार से निर्माता कहानी खरीदता है। वह अपने सिनेमा बनाने का काम निर्देशक को देता है। वह सिनेमा के निर्माण से जुड़े सभी लोगों को एक सूत्र में बाँध कर उसे साकार रूप देता है। इसे बनाने में हज़ारों लोगों की मेहनत जुड़ी होती है। इससे उनकी जीविका चलती है। उनकी मेहनत पर ही सिनेमा का भविष्य निर्भर करता है। सिनेमा से हमें अच्छाई को स्वाकार करना है। सिनेमाघरों में ही इसे देखना है। पाइरेटेड फिल्म देखना और दिखाना दोनों कानूनन अपराध हैं। इसे बढ़ावा न दें।

‘मैं सिनेमा हूू’ అనే పాఠం సినిమాకథ. అంటే కదిలే చిత్రాల కథ అన్నమాట. ఇది ఎక్కడో విదేశాలలో పుట్టింది. మొట్టమొదటిసారి 1913 లో దీన్ని దాదా సాహెబ్ ఫాల్కే ‘రాజా హరిశ్చంద్ర’ సినిమాతో భారతదేశానికి తెచ్చారు. సినిమా మనకి వినోదాన్ని ఇచ్చినప్పటికీ, దీని గౌరవము అంతా మనిషికే చెందుతుంది. సినిమా ఒకప్పుడు మూగది, నిర్జీవమైనది. తరువాత దీనికి మాటలొచ్చాయి. రంగులు నింపారు. జీవం పోశారు. దీనిలో హాస్యం, బాధ, ఊహలు, (పేరణ మరెన్నో భావాలు కనిపిస్తాయి.

నిర్మాత కథారచయిత నుండి కథను కొని సినిమా నిర్మించే పనిని దర్శకునికి అప్పగిస్తాడు. దర్శకుడు ఆ సినిమా నిర్మాణానికి సంబంధించిన వారందరినీ ఒక త్రాటి ఫై నడిపిస్తూ దానికి ఒక అద్భుతమైన రూపాన్ని ఇస్తాడు. ఈవిధంగా సినిమా తయారుకావటానికి ఎంతోమంది శ్రమ అవసరం.

దీనితో వారి జీవితం గడుస్తుంది. వారు పడే శ్రమ పైనే సినిమా భవిష్యత్తు ఆధారపడి ఉంటుంది. సినిమా నుంచి మనం మంచిని గ్రహించాలి. సినిమా హాళ్ళలోనే వాటిని చూడాలి. పైరసీ CD ని చూడటం, చూపించటం చట్టరీత్యా నేరం. వాటిని ఎంతమాత్రం ప్రోత్సహించకూడదు.

शब्द भंडार :

अ) निम्न लिखित शब्दों का वाक्य में प्रयोग कीजिए।

1. मनोरंजन – लोग मनोरंजन के लिए सिनेमा देखते हैं।
2. उत्सुक – एस.पी. बातु के गाने सुनने के लिए मैं बड़ा ही उत्सुक हूँ।
3. विदेश – लोग पैसे कमाने के लिए विदेश जा रहे हैं।
4. श्रेय – हवाई जहाज को आविष्कार करने का श्रेय रैट भाइयों को ही जाएगा।
5. प्रशंसा – प्रशंसाओं से दूर रहो।
6. भविष्य – भविष्य में हिन्दी के लिए ही महत्त्वपूर्ण स्थान मिलेगा।
7. उज्च्चल – भविष्य को उज्ज्व बनाइए।
8. सजीव – प्रेमचंद की रचनाओं में पात्रों का सजीव चित्रण मिलता है।
9. संगीत – मुझे संगीत बहुत पसंद है।
10. प्रेरणा – मदर थेरेसा से मुझे गरीबों को सेवा करने की प्रेरणा मिली।

सुजना्सक अभिव्यकित :

अ) नीचे दी गयी जानकारी से एक पोस्टर बनाइए।
(కింది సమాచారం ఆధారంగా పోస్టర్ను తయారు చేయండి.)

फिल्म का नाम …………………………… (अपना मनपसंद नाम दे सकते हैं।)
प्रारंभ करने की तिथि …………………………… (अपना मनपसंद दिनांक डालो।)
पात्रों के नाम …………………………… (अपने मनपसंद् पात्रों के नाम लिखो।)
निर्देशक का नाम …………………………… (अपने मनपसंद निर्देशक का नाम लिखो।)
सिनेमाघर का नाम …………………………… (अपने मनपसंद सिनेमाघर का नाम लिखो।)
सिनेमा की विशेषता …………………………… (अपनी ओर से सिनेमा की विशेषता लिखो।)
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प्रशंसा :

अ) अपने मनपसंद सिनेमा के बारे में बताइये
(మీకు ఇష్టమైన ఒక సినిమా గురించి చెప్పండి.)
उत्तर :
मुझे शाहरूखखान की फिल्म ‘चक दे’ बहुत अच्छी लगी। यह प्रेरणा देनेवाली फिल्मों में एक है। फिल्म में कोई नामी महिला कलाकार नहीं हैं। पर हर महिला पात्र ने अपने किरदार को बखूबी निभाया है। कबीरखान भारत का एक स्टार हॉकी खिलाड़ी है। पर पाकिस्तान के खिलाफ़ एक मैच में पेनल्टी गँवाने के बाद वह प्रशंसकों की नज़र से गिर जाता है और गुमनामी के अंधेरों में खो जाता है।

कुछ समय बाद वह अपनी खोई साख को वापिस लाने केलिए लौटता है और भारतीय महिला हॉकी टीम के कोच का पद संभाल लेता है। यह ऐसी टीम है जिसे कोई भी प्रशंसक और कोच अपने हाथ में लेने को तैयार नहीं होता। टीम में कोई एकता नहीं होती और न ही जीतने की ललक होती है। धीरे-धीरे कबीर टीम को प्रशिक्षण देकर एक विश्वास कायम करते हैं। अंत में विश्वकप के मैचों में हम भी टीम का हैसला बढ़ाने केलिए चिल्नाए थे।

भाषा की बात :

अ) नीचे दिया गया अनुच्छेद पढ़ए।

“प्रोजेक्टर से मैं चलता हूँ।
परदे पर मैं दिखता हूँ।
मनोरंजन सब का करता हूँ।
जल्दी बताओ कौन हूँ मैं ?”

ऊपर दिये गये अनुच्छेद में चलता हूँ, दिखता हूँ, करता हूँ, बताओ, हूँ ये सारे शब्द किसी काम का होना प्रकट करते हैं। ऐसे शब्द ही क्रिया शब्द कहलाते हैं। क्रिया के दो प्रकार हो । वे हैं –
1. अकर्मक क्रिया
2. सकर्मक क्रिया

పైన ఇవ్వబడిన పేరాలో चलता हूँ, दिखता हूँ, करता हूँ, बताओ, हूँ
ఇవ్వన్నీ ఏదేని పని జరుగుతున్న రూపాన్ని తెలియచేస్తున్నాయి. ఈ శబ్దాలను క్రియాశబ్దాలంటారు.
క్రియ 2 రకాలు. అవి :
1. అకర్మక క్రియ
2. సకర్మక (క్రియ

1. अकर्मक क्रिया : जहाँ कर्ता के व्यापार का फल कर्ता पर पड़े उसे अकर्मक क्रिया कहते हैं।
जैसे : मैं प्रोजेक्टर से चलता हूँ। ‘चलता हूँ।’ क्रिया का व्यापार ‘मै’ पर पड रहा है।
जैसे : लड़का हैसता है। బాలుడు నవ్వుతున్నూ
लड़का दौड़ता है। బాలుడు పరిగెడుతున్నాడు.

1. అకర్మక క్రియ : ఎక్కడెతే కర్త చేసిన పని ఫలితము కర్త మీద పడుతుందో దానిని అకర్మక క్రియ అంటారు.
ఉదా : मैं प्रोजेक्टर से चलता हूँ।
‘चलता हूँ’ అనే క్రియా (ప్రభావము ‘मैं’ పైన పడుతుంద.

इन्हें भी देखो- వీటిని గమనించండి.
राजू पढ़ता है ।
सरिता पाठशाला जाती है।
बच्चा सोता है।
मोहन कुछ सोच रहा है।
गमले में फूल खिले हुए हैं।

2. सकर्मक क्रिया : जहाँ कर्ता के व्यापार का फल कर्म पर पड़े उसे सकर्मक क्रिया कहते हैं।
जैसे : निर्माता उस कहानी को खरीदता है। ‘खरीदता है’ क्रिया का व्यापार कर्म ‘कहानी’ पर पड़ रहा है।
जैसे : राकेश चिन्र बनाता है। రాకేశ్ బొమ్మలు గీయుచున్నాడు.
लड़की रोटी खाती है। జాలిక రాట్ల తినుచున్నది.

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2. సకర్మక క్రిమ : ఎక్కడైతే కర్త చేసిన పని మొక్క ఫలితము కర్మ మీద పడుతుందో దానిని సకర్మక క్రియ అంటారు. ఉదా : निर्माता उस कहानी को खरीदता है।
‘खरीदता है’ అనే క్రియా ప్రభావము కర్మమైన ‘कहानी’ పై పడినది.

इन्हें भी देखो – వీటిని గమనించండి.
राम ने रावण को मारा ।
राकेश चित्र बना रहा है।
लड़का दूध पी रहा है।
लड़की सेब खा रही है।

आ) पाठ में आये हुए अन्य तीन क्रिया शब्द ढूँढ़िए। वाक्य प्रयोग कीजिए ।
(పాఠంలో వచ్చిన ఇతర మూడు క్రియా శబ్దాలను వెతకండి. సొంతవాక్యంలో ప్రమోగించండి.)
उत्तर :
जैसे : देखना – मैं सिनेमा देखना चाहता हूँ।
पहचानना =  గుర్తుంచుట
चेहरा देखकर किसी का स्वभाव पहचान नहीं सकते ।

ముఖము చూసి స్వభావాన్ని గుర్తించలేము.

अच्छा लगना = బాగుండుట
बगीचे के रंगबिरंगे फूल और पौधे देखकर मुझे अच्छा लगा।
తోటలో రంగురంగుల పువ్వులు మరియు మొక్కలు చూసి నాకు మంచిగా అనిపించింది.

प्रशंसा करना = పొగుడుట
कक्षा में प्रथम आने पर सब अध्यापक जयराम की प्रशंसा करने लगे।
తరగతిలో ప్రథమ శ్రేణి రావటంవలన ఉపాధ్యాయులు జయరామ్ని పొగిడారు.

परियोजना कार्य :

अ) हिंदी समाचार चैनल के पाँच मुख्य समाचार लिखिए।
(హిందీలో ఎవైనా వార్తల ఛానెల్ డూసి ఐదు ముఖ్యమైన వార్తలం రాయండి.)
उत्तर :
सुखियाँ

  • मुसीबत : एम.बी.बी. एस के बाद पास करनी होगी पात्रता परीक्षा
  • 1.25 करोड लोगों ने संगम में माघ पूर्णिमा पर लगाई आस्था की डुबकी।
  • क्रिकेट इतिहास का सबसे अनोखा नज़ारा, हेलमेट ने खतम किया बल्लेबाज का खेल।
  • सुरक्षाकर्मियों ने शताब्दी एक्सप्रेस से दिया धक्का, महिला की मौत
  • धोनी ने रचा नया इतिहास …. अब निकले दादा से भी आगे।

भाषा खेल्
आओ करें एक प्रयास, इस गोले में कुछ है खास। कुछ पुस्तक से, कुछ बाहर से, करना है तुमको प्रयास। कहीं विलोम तो वचन कहीं, लिंग भी हैं लिखे यहीं। रखना ध्यान सदा यही, उत्तर देना एकदम सही। लिंग बदलो और वचन भी बदलो, समान अर्थ का ध्यान भी कर लो। पता चले न जब तुमको तो, अंक मिलाकर सूची पढ़ लो।

(ఈ వృత్తంలో ఒక ప్రత్యేకత ఉంది. కొన్ని పస్తకకముల నుంచి, కొన్ని బయటినుంచి ప్రయత్నించాలి. కొన్నింటికి వ్యతిరేక పదాలు, వచనాలు, లింగాల్ని జాగ్రత్తగా మారుస్తూ ఉండాలి. కొన్నింటికి సమానమైన అర్థాలు వ్రాస్తూ తెలియని చోట అంకెలను కూడి పట్టికను చదవండి. జవాబుల కారకు ఈ పుస్తకం చివర పేటీ నెం : 309లో ఇచ్చిన పదపట్టికను చూడండి.)

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Additional Questions :

प्रश्न 1.
हमें सिनेमा कहाँ देखना चाहिए ? कयों ?
(మనము సినిమా ఎక్కడ చూడాలి? ఎందుకు?)
उत्तर :
हमें सिनेमाघर जाकर सिनेमा देखना चाहिए। चोरी की हुई फिल्म याने पाइरेटेड रूप नहीं देखना चाहिए। इस तरह देखना या दिखाना दोनों कानूनन अपराध है।

మనము సినిమాహాలుకి వెళ్ళి సినిమా చూడాలి. దొంగిలించిన సినిమా అంటే పైరసీ సినిమా చూడకూడదు. ఈ విధంగా చూడడం లేదా చూపించడం చట్టరీత్యా నేరం.

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प्रश्न 2.
सिनेमाघर कैसा होता है ? बताइए ।
(సినిమా హాలు ఎలా ఉంటుందో చెప్పండి.)
उत्तर :
सिनेमाघर बहुत बड़ा होता है। इसमें एक परदा रहता है। उसके सामने बहुत कुर्सियाँ होती हैं। अंदर जाने केलिए पहले टिकट लेना पड़ता है। संवाद, गाने, लड़ना-भिड़ना-ये सब D.T.S. प्रभाव के साथ सुन सकते हैं। ज़्यादा पैसों से आराम कुर्सियों का टिकट खरीदकर मनोरंजन प्राप्त करते हैं।

సినిమా హాలులో సినిమా చాలా పెద్దది. దీనిలో ఒక తెర ఉంటుంది. హాలులో చాలా కుర్చీలు ఉంటాయి. లోపలికి వెళ్ళటానికి మొదట టిక్కెట్టు ఇస్తారు. సంభాషణ, పాటలు, పోరాటాలు అన్నీ D.T.S. ప్రభావంతో వినవచ్చు. ఎక్కువ డబ్బుతో అయితే టిక్కెట్లు కానుక్కుని సినిమాని చూడవచ్చు. మనోల్లాసాన్ని పొందవచ్చు.

I. पठित गद्यांश :

निम्नलिखित गद्यांशों को पढ़कर प्रश्नों के उत्तर लिखिए।

1. मेरा जन्म विदेश में हुआ। किंतु भारत में मुझे लाने का श्रेय मरे पितामह दादा साहेब फाल्के को जाता है। सन् 1913 में उन्होंने राजा हरिश्चंद्र के नाम से मुझे आपके सामने लाया। देश-विदेश के समाचार पत्रों में मेरे लाड़ले दादा साहेब फाल्के की खूब प्रशंसा की गयी। मेरी खुशी का ठिकाना न रहा। उन्होंने मेरा भविष्य उज्ज्वल कर दिया।

प्रश्न 1.
सिनेमा का जन्म कहाँ हुआ ?
उत्तर :
विदेश में

प्रश्न 2.
भारत में सिनेमा को लाने का श्रेय किसको जाता है?
उत्तर :
दादा साहेब फाल्के

प्रश्न 3.
पहली सिनेमा का नाम क्या है और कब उसका प्रदर्शन कब हुआ?
उत्तर :
सन् 1913 में राजा हरिश्चंद्र

प्रश्न 4.
देश-विदेश के समाचार पत्रों में किसकी प्रशंसा की गयी ?
उत्तर :
दादा साहेब फाल्के

प्रश्न 5.
यह पाठ किस विधा में लिखा गया है ?
उत्तर :
आत्मकथात्मक

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2. मेरी एक ही इच्छा है। वह है – सबको खुश देखना। दुनिया में अच्छाई और बुराई दोनों भी हैं। उसी तरह मेरे अच्छे और बुरे दोनों रूप हैं। मेरा निवेदन है कि मेरी अच्छाई को स्वीकार करो। मुझे सिनेमाघरों में ही देखो। आजकल कुछ लोग मेरा पाइरेटेड (चोरी की हुई फिल्म) रूप दिखा रहे हैं। मुझे इस तरह से बिलकुल न देखो। इस तरह देखना या दिखाना दोनों क़ानूनन अपराध है। इसलिए पैरेसी (चोरी) सी.डी. न तो खरीदो और न ही बेचो।

प्रश्न 1.
सिनेमा की इच्छा क्या है ?
उत्तर :
सबको खुश देखना

प्रश्न 2.
दुनिया में क्या है ?
उत्तर :
अच्छाई और बुराई

प्रश्न 3.
सिनेमा हमसे क्या निवेदन करता है ?
उत्तर :
सिर्फ अच्छाई स्वीकार करने का

प्रश्न 4.
पाइरेटेड रूप का मतलब क्या है ?
उत्तर :
चोरी की हुई फिल्म

प्रश्न 5.
परिच्छेद में किस अपराध के बारे में बताया गया ?
उत्तर :
पाइरेटेड फिल्म देखना या दिखाना कानूनन अपराध है।

3. नीचे दिखाये गये ‘पोस्टर’ के आधार पर प्रश्नों के उत्तर दो।
मैजेस्टिक सिनेमा घर
प्रारंभ : 14 मार्च
बोलती फिल्म
आलम – आरा
पात्र
जुबेदा, विट्ठल, पृथ्वीराज कपूर
प्रतिदिन तीन शो
दुपहर बजे शाम 6.00 बजे
रात 10.00 बजे

प्रश्न 1.
सिनेमा घर का नाम क्या है ?
उत्तर :
मैजेस्टिक सिनेमा घर

प्रश्न 2.
फिल्म कब प्रारंभ हुई ?
उत्तर :
14 मार्च 1931

प्रश्न 3.
फिल्म का नाम क्या है ?
उत्तर :
आलम-आरा

प्रश्न 4.
फिल्म के पात्र कौन हैं ?
उत्तर :
जुबेदा, विट्ठल, पृथ्वी राज कपूर

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प्रश्न 5.
हर दिन कितने शो प्रदर्शित हैं ?
उत्तर :
तीन शो

II. अपठित पद्यांश / गद्यांश

निम्नलिखित पद्यांश पढ़कर सही उत्तर लिखिए।

1. चाह नहीं मैं सुरबालाओं के गहनों में गूँथा जाऊँ। चाह नहीं प्रेमी-माला में बिंध, प्यारी को ललचाऊँ। चाह नहीं, सम्राटों के शव पर हे हरि! डाला जाऊँ। चाह नहीं, देवों के सिर पर चढूँ, भाग्य पर इठलाऊँ। मुझे तोड़ लेना वनमाली, उस पथ पर तुम देना फेंक। मातृभूमि पर शीश चढ़ाने जिस पथ जावें वीर अनेक।

प्रश्न 1.
फूल किसके गहनों में गूँथा जाना नहीं चाहता है ?
उत्तर :
छज्जे पर मुंडेर पर

प्रश्न 2.
सम्राट के शव पर किसे डालते हैं ?
उत्तर :
तिनका

प्रश्न 3.
फूलों को किसके सिर पर चढ़ाते हैं ?
उत्तर :
कवि

प्रश्न 4.
फूल किस पथ पर गिरना चाहता है ?
उत्तर :
लाल

प्रश्न 5.
इस कविता का मुख्य भाव क्या है ?
उत्तर :
मूँठ देने लगे

निम्नलिखित गद्यांश पढ़कर सही उत्तर लिखिए।

2. अकसर हम या तो गुजरे हुए दिनों की खट्टी-मीठी यादों में उलझे रहते हैं या भविष्य के रंगीन सपने देखते रहते हैं। हम या तो भूतकाल में रहते हैं या भविष्यत्काल में। असल में दोनों काल मिध्या हैं। एक चला गया है, दूसरा आया नहीं है। हमारे सामने जो वर्तमान क्षण है, वही सत्य है। उसी में जीना चाहिए। चाय पीते-पीते उस दिन मेरे दिमाग से भूत और भविष्य दोनों काल उड़ गए थे।

प्रश्न 1.
हम अकसर किस में उलझे रहते हैं ?
उत्तर :
बिना किसी पनावाह के लक्ष्य की ओर बढ़ना

प्रश्न 2.
हम प्रायः किस काल में रहते हैं ?
उत्तर :
जनमत की उपेक्षा करके जीने वाला मनुष्य

प्रश्न 3.
सत्य क्या है ?
उत्तर :
अड़ोस-पड़ोस को देखकर चलना

प्रश्न 4.
भूत और भविष्यत काल क्या है ?
उत्तर :
क्रांति करने वाले

प्रश्न 5.
लेखक क्या कर रहे थे ?
उत्तर :
क्रांति करने वाले

TS 8th Class Hindi Guide 9th Lesson मैं सिनेमा हूँ

3. प्राचीन युग की बात है। एक प्रसिद्ध गुरुकुल था। उसमें आचार्य बहुत विद्वान थे। एक बार उन्होंने अपने शिष्यों की परीक्षा लेनी चाही। उन्होंने सभी शिष्यों को गुरुकुल के प्रांगण में एकत्रित्र किया और उनसे कहा – ‘हे प्रिय छात्रों। मैंने तुम्हें यहाँ एक विशेष प्रयोजन से बुलाया है। मेरे सामने एक समस्या आ गई है। मेरी कन्या विवाह योग्य हो गई है और विवाह करने के लिए मेरे पास पर्याप्त धन नहीं है। मेरी समझ में नहीं आ रहा है कि मैं क्या करूँ” कुछ विद्यार्थी आगे

बढ़कर बोले – “हम अपने माता-पिता से धन माँग लाएँঁ। आप उसे गुरु-दक्षिणा के रूप में स्वीकार कर लीजिएगा।” आचार्य बोले- “नहीं मैं चाहता हूँ कि तुम धन तो ले आओ पर माँगकर नहीं। तुम इस प्रकार लाओ कि किसी को पता भी न चले और मेरा काम भी हो जाए। इससे मेरा काम भी हो जाएगा और लाज भी रह जाएगी।

प्रश्न 1.
किस युग की बात है ?
उत्तर :
मानव जीवन का आवश्यक अंग

प्रश्न 2.
गुरुकुल के आचार्य कैसे थे ?
उत्तर :
जब राष्ट्र के सदस्य नियमों का पालन नहीं करते

प्रश्न 3.
एक बार उन्होंने क्या चाहा ?
उत्तर :
जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में

प्रश्न 4.
आचार्य की क्या समस्या थी ?
उत्तर :
सफलता मिलती है

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प्रश्न 5.
छात्रों ने आचार्य से धन किस रूप में ग्रहण करने के लिए कहा?
उत्तर :
पतनोन्मुख हो जाता है।

पाठ : मैं सिनेमा हूँ …

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प्यारे …………………… बात नहीं।
ప్రియమైన పిల్లల్లారా, నమస్కారం, ఎలా ఉన్నారు ? నన్ను గుర్తు పట్టారా ? ఫరవాలేదు.

“प्रोजेक्टर ……………………. हू मैं? ”
ప్రొజెక్టరుతో నేను నడుస్తాను.
తెరమీద నేను కనిపిస్తాను.
వినోదాన్ని అందరికి కలిగిస్తాను.
నేనెవరిని ? తర్వ గా చెప్పండి.

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शाबाश! …………………….. लगता है।
శభాష్! సరిగానే చెప్పారు. నేను సినిమాను. మీ అందరికి నన్ను చూడటం ఇష్టం కదా. నాకు కూడా మీ అందరిని చూడటం బాగుంటుంది. సెలవులలో నన్ను చూడటానికి ఉత్సాహపడతారు కదా. నాకు కూడా మీ అందరిని ఆనందింప చేయటం బాగుంటుంది.

“मेरा जन्म ……………………. कर दिया।
నా పుట్టుక విదేశాలలో జరిగింది. కాని నన్ను భారతదేశానికి తీసుకు వచ్చిన ఘనత నా పితామహులైన దాదాసాహెబ్ ఫాల్కేగారికి దక్కుతుంది. వారు 1913వ సంలో రాజాహరిశ్చండ్ర అనే పేరుతో నన్ను మీ ముందుకు తీసుకు వచ్చారు. దేశ విదేశాలలోని పత్రికలు దాదాసాహెబ్ఫాల్కేను ప్రశంసించటం జరిగింది. నా ఆనందానికి అంతులేదు. ఆయన నా భవిష్యత్తును ఉజ్జ్వలం చేశారు.

मेरी ……………………………. भर दिया।
“నన్ను ఎంత మెచ్చుకొన్నప్పటికి, నన్ను నిర్మించిన వాడు మానవుడే”. అతనే నిర్జీవంగా ఉన్న నన్ను సజీవునిగా చేసాడు. ఒకప్పుడు నేను మూగదాన్ని. అప్పుడు నన్ను మాట్లాడింపచేశాడు. రంగులు దిద్దారు. నా జీవితంలో వసంతాన్ని నింపారు.

मुझ में ………………………. का योगदान होता है।
నాలో అన్ని రకాల భావాలు దొరుకుతాయి. నాలో హాస్యం ఉంది. దుఃఖం ఉంది. కల్పన ఉంది. కపేరణ కూడా ఉంది. నన్ను తయారుచేయటంలో చాలామంది పాలుపంచుకుంటారు.

कहानीकार ………………………. व्यक्ति है।
కథకుడు కథ వ్రాస్తాడు. నిర్మాత ఆ కథను కొంటాడు. నన్ను తయారుచేసి సినిమా హాలు వరకు తీసుకు వెళ్ళే గొప్ప వ్యక్తి నిర్మాత.

निर्माता ………………………. करता है।
నిర్మాత తన పనిని పూర్తి చేయించుకోవడానికి దర్శకుని సాయం తీసుకుంటాడు. నిజానికి నా మూలబిందువు దర్శకుడే. అతను నా నిర్మాణానికి అవసరమైన వారిని అంటే హీరో-హీరోయిన్లు, మిగిలిన పాత్రలు, సంగీతదర్శకుడు, కథకుడు, డైలాగు రైటరు, కెమెరామెన్ మొదలైన వారందరిని ఒక త్రాటిలో బంధించి నాకు ఒక రూపాన్ని కల్పిస్తాడు. నన్ను నిర్మించటంలో వేలమంది కృషి ఉంటుంది. నేనే వారికి జీవనాధారం. వారి శ్రమమీదే నా భవిష్యత్తు ఆధారపడి ఉంటుంది.

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बच्चो! ………………………. ना ही बेचो।
పిల్లలూ ! నాదొక కోరిక. అది మీ అందరిని సంతోషంగా చూడటం. ప్రపంచంలో మంచితనం, దుర్మార్గం రెండూ ఉన్నాయి. అదే విధంగా నాకు మంచి చెడు అనే రెండు రూపాలున్నాయి. నాలోని మంచిని స్వీకరించండి. నన్ను సినిమాహాల్లోనే చూడండి. ఈ రోజుల్లో చాలామంది కాపీచేసిన నకిలీ రూపం చూపిస్తున్నారు. నన్ను ఆవిధంగా అసలు చూడవద్దు.

ఈ విధంగా చూడటం, చూపించడం రెండూ చట్టరీత్యా నేరం. పైరసీ సి.డి.లు కొనవద్దు, అమ్మవద్దు.

बच्चो! ………………….. मानोगे।

పిల్లలూ ! మీరు నన్ను ఎంత చూడాలో అంతవరకు చూసి ఆనందించండి. మీరు నా మాటను వింటారని ఆశిస్తున్నాను.

Summary

The lesson ‘I am the Cinema’ explains us about its autobiography. I am the Cinema. I run with the help of a projector. I appear on the silver screen. I entertain everyone. I am born in foreign country. It is Dada Saheb Phalke who brought me to India. The credit goes to him. In 1913, he brought me infront of people with the title ‘Raja Harichandra’. Dada Saheb Phalke was praised all over the world.

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Initially, I did not have sound. I, the first Talkie movie in Hindi ‘Aalam Aara’ was released in 1931. Though I am great, but the man himself created me. I was lifeless, speechless, colourless, etc. It is he who gave me life, speech and added colours to my life. Every feeling, expression like humour, grief, expression, inspiration, etc., are in me. There are many hands who take part in making me. After the writer completes writing a story a producer buys it. The producer is one who takes me to the theatre from making of film.

The producer takes help of a director to complete the task. In fact, my centre of attention is none but the director. The director coordinates all the people who are concerned with the making of cinema casting hero, heroine other characters, music director, story writer, editor, cameraman, etc., and gives me proper form. They all get livelihood because of me.

Just as the world contains good and evil, I too have both faces of them. My appeal to you is to receive the good. Watch me only in theatres. Don’t support piracy or buy piracy CD’s. It is illegal to do so.

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