TS 10th Class Hindi (F/L) Model Paper Set 3 with Solutions

Reviewing TS 10th Class Hindi Model Papers Set 3 (F/L) can help students identify areas where they need improvement.

TS SSC Hindi (F/L) Model Paper Set 3 with Solutions

Time : 3.00 Hours
Max. Marks: 80

PARTS – A & B

Instructions :

  1. Read the following question paper and understand every question thoroughly.
  2. Answer all the questions as directed.
  3. Part-‘A’ questions are to be written in the separate Answer Booklet.
  4. Write the answers to the questions under Part – ‘B’ on the question paper itself and attach it to the answer booklet of Part – ‘A’.

Part – A 

Time: 2.30 Hours
Marks : 60

Section – I (अंक : 20)
I. प्रश्नों के उत्तर निर्देशानुसार लिखिए |

I. प्रश्नों के उत्तर निर्देशानुसार लिखिए ।

अ) निम्नलिखित गद्यांश पढ़कर दिये गये प्रश्नों के उत्तर एक या दो पंक्तियों में लिखिए । (5 × 1 = 5 M)

हाँ, बहुत लंबे अर्से के बाद एक दिन एक पत्र मिला। बड़ा अजीब सा था यह, बहुत करूण, बहुत दर्द भरा । नैरोबी के किसी अस्पताल से । लिखा था – रंग भेद के कारम पहले यूरोपियन लोगों के अस्पताल में जगह नहीं मिली किंतु बाद में कुछ कहने – कहलवाने पर स्थान तो मिला पर इस अनावश्यक विलंब के कारण रोग काबू से बाहर हो गया है । डॉक्टरों ने ऑपरेशन की सलाह दी है किंतु उसमें भी अब सार लगता नहीं । चंद दिनों की मेहमानदारी है….। उसके बाद तुम लोगों का क्या होगा, कुछ सूझता नहीं । पास होते तो लेकिन…… भरोसा रखना भगवान सबका रखवाला है जिसने पैदा किया है, वह परवरिश भी करेगा …. ।

प्रश्न :

प्रश्न 1.
प्रस्तुत गद्यांश किस पाठ का है ?
उत्तर:
प्रस्तुत गद्यांश ‘साये’ कहानी का है ।

प्रश्न 2.
पत्र कहाँ के अस्पताल से आया था ?
उत्तर:
पत्र नैरोबी के अस्पताल से आया था ।

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प्रश्न 3.
मरीज़ को पहले नैरोबी के अस्पताल में स्थान क्यों नहीं मिला ?
उत्तर:
मरीज़ को पहले नैरोबी के अस्पताल में रंगभेद के कारण स्थान नहीं मिला ।

प्रश्न 4.
पत्र में क्या लिखा था ?
उत्तर:
पत्र लिखने वाले को नैरोबी के अस्पताल में पहले स्थान रंगभेद के कारण नहीं मिला ।

प्रश्न 5.
अस्पताल में देर से दाखिला मिलने का परिणाम क्या हुआ ?
उत्तर:
अस्पताल में देर से तात्पर्य है – पृथ्वी के तापमान में निरंतर वृद्धि होना ।

(आ) निम्नलिखित गद्यांश पढ़कर दिये गये प्रश्नों के उत्तर एक या दो पंक्तियों में लिखिए । (5 × 2 = 10 M)

ग्लोबल वार्मिंग शब्द से आज समूचा विश्व परिचित और भयभीत है । पृथ्वी का निरंतर बढ़ता तापमान ग्लोबल वार्मिंग कहलाता है । इसका प्रमुख कारण मानव का अपने विकास के लिए प्रकृति से छेड़छाड़ करना है । निगत कई वर्षों से मनुष्य पेड़ों की अंधाधुंध कटाई करता चला आ रहा है । इसके अलावा मनुष्य अपनी सुविधाओं के लिए ऐसे साधन व उपकरण प्रयोग में लाता है, जिनसे निरंतर प्रदूषणकारी गैसों का उत्सर्जन होता रहता है। ये प्रदूषणकारी गैसें भी धरती के तापमान में वृद्धि करती हैं। दुनिया को पिछले दो निश्वयुद्धों से इतना नुकसान नहीं हुआ होगा, जितना ग्लोबल वार्मिंग से हो सकता है ।
ग्लोबल वार्मिंग के संबंध में वैज्ञानिकों ने जो साक्ष्य प्रस्तुत किये हैं, उन्हें नजर अंदाज़ नहीं किया जा सकता । हमें वृक्षों की अंधाधुंध कटाई को रोकना होगा व अधिक – से अधिक वृक्ष लगाने होंगे । जिससे पृथ्वी की निरंतर बढ़ते तापमान पर रोक लगायी जा सकती है ।

प्रश्न :

प्रश्न 6.
ग्लोबल वार्मिंग से क्या तात्पर्य है ।
उत्तर:
ग्लोबल वार्मिंग से तात्पर्य है – पृथ्वी के तापमान में निरंतर वृद्धि होना ।

प्रश्न 7.
तापमान में वृद्धि के क्या कारण हैं ?
उत्तर:
मनुष्य का अपने विकास के लिए प्रकृति से छेड़छाड़ करना । जैसे पेड़ों की अंधाधुंध कटाई करना और प्रदूषणकारी गैसों का उत्सर्जन करना ।

प्रश्न 8.
मनुष्य के द्वारा उपयोग में लाये जाने वाले उपकरणों कठा क्या प्रभाव पड़ता है ?
उत्तर:
मनुष्य के द्वारा उपयोग में लाये जाने वाले उपकरणों से तापमान में वृद्धि होती है ।

प्रश्न 9.
ग्लोबल वार्मिंग के परिणाम की तुलना किससे की गयी है ?
उत्तर:
ग्लोबल वार्मिंग के परिणाम की तुलना विश्व युद्धों के नुकसान से की गयी है ।

प्रश्न 10.
ग्लोबल वार्मिंग को कैसे रोका जा सकता है ?
उत्तर:
वृक्षों की अंधाधुंध कटाई को रोककर तथा अधिक से अधिक वृक्ष लगाकर ग्लोबल वार्मिंग को रोका जा सकता है ।

इ) निम्नलिखित पद्यांश का भाव स्पष्ट कीजिए । (1 × 5 = 5 M)

प्रश्न 11.
माँ ने कहा पानी में झाँककर
अपने चेहरे पर मत रीझना
आग रोटियाँ सेंकने के लिए है
जलने के लिए नहीं
उत्तर:
माँ अपनी बेटी से कहती है कि कभी अपने सौंदर्य का गर्व मत करना । कभी तुम आभूषणों व सौंदर्य प्रसाधनों के मायाजाल में मत फँसना । कभी लोगों द्वारा की गई रुप की प्रशंसा पर मत इतराना । क्योंकि इस प्रशंसा ने ही नारी को आज तक प्रताड़ित किया है । रूप सौंदर्य आग की तरह है । जिस प्रकार आग से रोटियाँ सेकी जाती हैं उसमें जला नहीं जाता उसी प्रकार रुप सौंदर्य भी हमारे लाभ के लिए है इससे हमारी हानि नहीं होनी चाहिए ।

Section – II (अंक : 40)

अ) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर 4-5 पंक्तियों में लिखिए । (4 × 3 = 12 M)

प्रश्न 12.
लेखक श्री स्वयंप्रकाश जी का परिचय दीजिए ।
उत्तर:
स्वयंप्रकाश का जन्म सन् 1947 में इंदौर, मध्यप्रदेश में हुआ । आठवें दशक में उभरे स्वयं प्रकाश आज समकालीन कहानी के महत्वपूर्ण हस्ताक्षर हैं। उनके 13 कहानी संग्रह प्रकाशित हुए हैं। जिनमें सूरज कब निकलेगा, आयेंगे अच्छे दिन भी आदमी जात का आदमी और संधान उल्लेखनीय हैं । मध्यवर्गीय जीवन के कुशल चितेरे स्वयं प्रकाश की कहानियों में वर्ग शोषण के विरुद्ध चेतना है तो हमारे सामाजिक जीवन के भेद भाव के खिलाफ़ प्रतिकार का स्वर भी है । रोचक किस्सागोई शैली में लिखी गई उनकी कहानियाँ हिंदी की वाचिक परंपरा को समृद्ध करती हैं।

प्रश्न 13.
कन्यादान कविता में माँ अपनी बेटी को लेकर क्यों चिंतित है ?
उत्तर:
बेटी स्वभाव से अत्यंत भोली, सरल व निष्कपट थी । वह सयानी व समझदार नहीं थी । वह अभी अपरिपक्व थी । उसे अब तक केवल सुख आभास था । उसे अपना दुख कहना नहीं आता था । जीवन की समस्याओं से उसका सामना नहीं हुआ था । इसलिए माँ को उसके भविष्य की चिंता है।

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प्रश्न 14.
मनुष्य को परिस्थितियों के अनुसार अपने स्वभाव में परिवर्तन कर लेना चाहिए या नहीं ? स्पष्ट कीजिए ।
उत्तर:
श्रेष्ठ वही है जो गुणों में संतुलन बनाये रखे । व्यक्ति को चाहिए कि वह स्वयं पर नियंत्रण रखे । अनुशासन का पालन करे । विपरीत परिस्थितियों में भी विचलित न हो। उसमें लचीलापन होना चाहिए । वह परिस्थितियों के अनुसार बदल जाये तथा दूसरों को भी बदल दे । कभी – कभी ऐसा समय भी आता है जब मनुष्य को परिस्थितियों के सामने अडिग होकर खड़े होना पड़ता है । इन तीनों गुणों में संतुलन बनाये रखने वाला महान व्यक्तित्व का मनुष्य धनी है | अतः मनुष्य को परिस्थितियों के अनुसार अपने स्वभाव में परिवर्तन कर लेना चाहिए ।

प्रश्न 15.
बच्चों को खेलने की मूलभूत सुविधाएँ देना क्यों आवश्यक है ?
उत्तर:
बच्चों के सर्वंगीण के लिए खेल ज़रूरी है। इसलिए उन्हें खेलने का मौका मिलना चाहिए । खेल उनका अधिकार है | मेरीकॉम कहती हैं कि बचपन में सभी चंचल होते हैं । उछल-कूद मचाते हैं। प्रत्येक बच्चे को खेल-कूद का अधिकार है। लेकिन अनेक माता पिता उन्हें हमेशा खेलने से मना करते रहते हैं । यह ठीक नहीं है । प्रत्येक माता- पिता को बच्चों के खेल के अधिकार का ध्यान रखना चाहिए । स्वतंत्र वातावरण में ही बच्चे खेल सकते हैं । यदि बच्चों के खेलने के लिए स्वतंत्र वातावरण नहीं मिलेगा तो उनका सर्वांगीण विकास नहीं हो पाएगा । इससे अर्जित ज्ञान का विकास होता है ।

आ) निम्नलिखित गद्यांश पढ़कर दिये गये प्रश्नों के उत्तर एक या दो पंक्तियों में लिखिए । (5 × 2 = 10 M)

प्रश्न 16.
‘कवित्त पाठ के आधार पर सावन की वर्षा का वर्णन अपने शब्दों में कीजिए ।
उत्तर:
कवि पद्माकर ने वसंत ऋतु और सावन के महीने का मनोहारी चित्रण किया है । पद्माकर जी वसंत का वर्णन करते हुए कहते हैं कि इस ऋतु की बात ही निराली है। वसंत में बाग-बगीचों में भौंरों के दल गुंजार करते हैं । डालों पर झूले पड़ जाते हैं। आमों की डाली के झूलों पर बौर छा जाते हैं। उनका कहना है कि इन दिनों गली गली में बहार छा जाती है । लोग बन ठन कर गलियों में निकल पड़ते है । चारों ओर सुंदरता ही सुंदरता होती है। पक्षी गीत गाते हैं । ऐसे ऋतुराज के दिनों का वणन शब्दों द्वारा संभव नहीं है । वसंत ऋतु की सुंदरता ही अद्भुत है। इस ऋतु का आनंद, रीति, राग, रंग सब कुछ निराला है ।

पद्माकर कहते हैं कि सावन के महीने में बाग – बगीचों में भौंरे गुंजार करते हुए भ्रमण करते हैं | लोग मल्हार गाते हैं। सावन के महीने की सुंदरता से अभिमान, मान तथा प्राण से प्यार लगती है । यह बहुत मनभावन लगता है । चारों ओर घनघोर मेघों को देखकर मोर नाच रहे होते हैं । मोरों का शोर और डालों पर पड़े सुंदर सुंदर झूलों का समूह बड़े मनभावन लगते हैं । इस महीने में चारों ओर प्रेमपूर्ण वातावरण रहता है । प्रेम सरसाने और मेघ बरसाने वाला यह सावन का महीना बड़ा ही सुहावना लगता है ।

(या)

अन्वेषण कविता में कवि भगवान के प्राप्त करने की अपनी असमर्थता को किस प्रकार व्यक्त कर रहे हैं ?
उत्तर:
‘अन्वेषण’ कविता के कवि रामनरेश त्रिपाठी जी हैं । प्रस्तुत कविता में कवि ने सच्ची ईश्वर भक्ति के बारे में बताया है। कवि का कहना है कि ईश्वर प्राप्ति लोगों की सेवा से ही हो सकती है । वे कहते हैं कि मैं ईश्वर को बाग-बगीचों में ढूँढ़ रहा था । मैं उसे वन-वन खोज रहा था। किंतु वह तो दीन दुखियों के देश में निवास करता है । वह गरीबों की आह बनकर हमें पुकारता है । – इसलिए ईश्वर से मिलने के लिए तो हमें दीन दुखियों और गरीबों के द्वार तक जाना होगा । उनकी सेवा करनी होगी । कवि संगीत और भजन द्वारा ईश्वर को रिझा रहा था । लेकिन ईश्वर तो दुखियों के द्वार पर मेरी प्रतीक्षा में खड़ा था । कवि उद्यान में ईश्वर की राह देख रहा था ।

वह दुखियों का आँसू बनकर कवि के लिए बहता रहा ताकि वह जाग सके । लेकिन कवि मान और धन एकत्र करने में लगा था। ईश्वर दीन-दुखियों व दलित लोगों के उत्थान में लगा था और कवि संसार के नश्वरता पर शोक प्रकट कर रहा था । कवि कहता है कि ईश्वर लाचार और गरीब लोगों के बीच में ठहरे थे और मैं उसे स्वर्ग में ढूँढ़ रहा था । कवि गर्व में डूबा था इसलिए ईश्वर से नहीं मिल सका। इस प्रकार कवि ने ईश्वर प्राप्ति का सच्चा मार्ग सेवाभाव को माना है । उसका कहना है कि ईश्वर प्रकृति के कण कण में व्याप्त है। हमें सच्चे मन से प्रकृति में निवास करने वाले प्रत्येक जरुरतमंद की सहायता करनी चाहिए। इस प्रकार हम ईश्वर को प्राप्त कर सकते हैं ।

प्रश्न 17.
देश के प्रति श्रद्धा, भक्ति और समर्पण की भावना होना कितना आवश्यक है ? अपने शब्दों में स्पष्ट कीजिए ।
उत्तर:
‘नेताजी का चश्मा’ कहानी में देशभक्ति का मार्मिक प्रतिबिंब सर्वत्र नज़र आता है। चश्मेवाला सेनानी नही था । लोग उसकी देशभक्ति के कारण उसे कैप्टन कहते थे । उसके मन मे देशभक्ति एवं देश प्रेम की भावना कूट कूट कर भी थी । जहाँ लोग देश के लिए कुछ भी करने से कतराते हैं वहीं चश्मेवाला नेताजी की मूर्ति को भी बिना चश्मे के नहीं देख सकता था । इसे वह नेताजी का अपमान समझता था। वह अपने पास के चश्मों में से एक रोज मूर्ति पर लगा देता था । यदि कोई ग्राहक वही चश्मा माँगता तो वह उसे माफी माँगते हुए बेच देता और अगले दिन नया चश्मा लगा देता । इस तरह नेताजी का चश्मा लगभग रोज बदलता रहता ।

इसे देखकर हालदार साहब ने सोचा कि चश्मे वाला कोई सेनानी या नेताजी का साथी होगा । लेकिन जब उन्होंने देखा कि चश्मेवाला गरीब और अपाहिज है चो उनके मन मे श्रद्धा औरं दया के भाव उभर आये । उन्होंने सोचा कि आज भी देश में देशभक्ति बची है । जहाँ सरकार देशभक्तों की मूर्तियाँ लगाकर उनकी साफ़ साफ़ाई की व्यवस्था भूल जाती है, वहीं एक छोटा सा चश्मा – विक्रेता मूर्ति की आँखों पर चश्मा रखना नहीं भूलता । कैप्टन की के बाद मृत्यु हालदार साहब को लगा कि अब नेताजी की आँखों पर कभी चश्मा नहीं लगेगा | परंतु उन्होंने जब बच्चों द्वारा लगाया गया सरकंडे का चश्मा देखा तो वे भावुक हो गये ।

(या)

क्या पढ़ाई के बराबर खेलों को महत्व देना चाहिए ? पुष्टि कीजिए ।
उत्तर:
मेरीकॉम भी दो बच्चों की माँ हैं। एक माँ होने के नाते वे सोचती हैं कि महानगरों के बच्चों को खेलने कूदने का मौका कैसे मिलता होगा । वे प्रकृति से अपना नाता कैसे जोड़ होंगे । ऐसी स्थिति में बच्चों का संपूर्ण विकास संभव नहीं है। मेरीकॉम का कहना है कि बच्चों में जो ढेर सारी ऊर्जा होती है । उसका सही इस्तेमाल खेल द्वारा ही होता है । तभी उनका शारीरिक विकास सही ढंग से हो पाता है। खेलने के मौका न मिले तो वे टी.वी. या वीडियो गेम में उलझे रहते हैं । इस कारण मौटापा, आँखों पर चश्मा व तरह – तरह की अन्य समस्याएँ सामने आती हैं। खुले में खेलने से बच्चे प्रकृति के साथ जुड़ते हैं । प्रकृति मानव जाति की सबसे अच्छी शिक्षक रही है ।

यदि भारत को खेलों में एक शक्ति बनना है तो बच्चों को खेलने की मूलभूत सुविधाएँ देनी होंगी। इनमे पहली ज़रूरत खेलने की जगह है। तभी वे खेल की ओर आकर्षित होंगे और भारत के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कार – सम्मान करेंगे। शहर की माताओं का कहना है कि हमारे बच्चों के लिए खेलने के लिए स्थान नहीं है। खुली जगहों पर मॉल्स और पार्किंग बना लिये गये ।

बिल्डर इमारतें बनाने के लिए टूट पड़े। इस तरह खेलने की जगह समाप्त हो गई । बच्चे खेलने के लिए अक्सर सड़क पर जाते हैं, जो खतरनाक है। आख़िर बच्चे खेलेंगे नही तो विकसित कैसे होंगे पढ़ाई के साथ खेल भी बहुत ज़रूरी है। मेरीकॉम कहती हैं कि खेलने के स्थानों की सुरक्षा के लिए हम सभी को आगे अपना होगा वे देश की सभी माताओं से अपील करती हैं कि वे आगे आयें और इस बारे में अपनी आवाज़ बुलंद करें ताकि उनके बच्चे अपने बचपन का सही आनंद उठा सकें ।

प्रश्न 18.
मंगल ग्रह की विश्व कल्याण की भावना क्या है ?
उत्तर:
मंगल ग्रह के प्राणियों का उद्देश्य व्यक्ति, जाति, धर्म, भाषा और राष्ट्र के हित से बहुत ऊपर उठकर समस्त ब्रह्मांड का हित है। उनका ध्येय विश्वकल्याण है । वे उस संस्कृति में विश्वास करते हैं जो एक और अविभाज्य है। वे प्रार्थना करते हैं कि ईश्वर भूलोकवासियों को सद्बुद्धि और पारस्परिक सद्भावना प्रदान करें । भ्रातृत्व ही उनका धर्म है और हृदय ही उनका पूजाधर । उनका उद्देश्य समस्त ग्रहों का संघ स्थापित करने का है । उसमें वे भू – लोक को भी सम्मिलित करना चारते हैं । वे मंगल, मानव और मशीन का समन्वय करना चाहते हैं । यही मंगल ग्रह की विश्वकल्याण की भावना है ।

(या)

गुड़ियों का त्यौहार पाठ के मुख्य पातर् वेंकटराव की चालाकी से आपको क्या सीखा मिलती है ?
उत्तर:
‘वेंकोजी एण्ड संस कंपनी के मालिक के अंतिम पत्र के माध्यम से लेखक को पता चल गया कि अंब गुड़िया नहीं आयेगी । उसकी चालाकी उल्टी पड़ गई है। लेखक के होश उड़ गये होंगे। उसे अपनी चतुराई पर दुख हुआ होगा । उसने सोचा होगा कि मैं स्वयं को अधिक बुद्धिमान समझ रहा था, लेकिन संसार मे एक से बढ़कर एक बुद्धिमान लोग हैं । अतः हमें स्वयं की बुद्धि पर नही करना चाहिए । कभी अपनी प्रतिभा का गलत लाभ नहीं उठाना चाहिए, नहीं तो लेने का देना पड़ सकता है | उसे अपनी पत्नी द्वारा गुड़ियों को अपनी बहन के घर भेजने पर दुख हो रहा होगा । उसने ऐसी गलती पुनः न करने का प्रण किया होगा । सच है दूसरों को मूर्ख समझने वाले व्यक्ति स्वयं ही कभी – कभी अपनी चालाकी का शिकार हो जाते हैं ।

प्रश्न 19.
विद्यालय में ‘रक्तदान शिबिर’ का आयोजन करना है । मुख्याध्यापक को अनुमति के लिए पत्र लिखिए ।
उत्तर:

हैदराबाद,
दि : X X X X.

सेवा में,
श्रीमान प्रधानाध्यापकजी,
तेलंगाणा हिंदी बिद्यालय,
हैदराबाद, ।
आदरणीय महोदय,
सादर प्रणाम,

सविनय निवेदन है कि हमारे विद्यालय के सभी छात्रों की यह अभिलाषा है कि हमारे विद्यालय में भी रक्तदान शिबिर का आयोजन किया जाय। अभी हाल ही में अनेक विद्यालयों में आयोजन इसका और अधिकतर यह सफल भी रहा । विद्यालय के छात्रों के साथ हुआ साथ वहाँ के अध्यापकों ने भी प्रेरणा प्राप्त कर पूरे मन से अपना रक्त दान किया । दान में दिया हुआ रक्त उन गरीब, निस्सहाय लोगों के लिए वरदान साबित होता है जो अपनी आर्थिक स्थिति के कारण वक्त आने पर रक्त को खरीद नहीं सकते । रक्तदान से मानव जीवन की रक्षा की जा सकती है ।

हम आपसे पुनः अनुरोध करते हैं कि विद्यालय में ऐसे शिबिर का आयोजन कर हमें भी अपनी ओर से समाज के लिए कुछ उपयोगी काम करने की इच्छा पूर्ति करने में अपना सहयोग प्रदान कीजिए । सारे बच्चे काफ़ी उत्सुक और इच्छूक है । इस सामाजिक कार्य में योगदान देने के लिए आपकी सहमति (अनुमति) की प्रतीक्षा में …………

आपके आज्ञाकारी छात्रगण,
राजस्थानी हिन्दी विद्यालय,
हाई स्कूल, हैदराबाद – 1.

(या)

‘आधुनिक महिला और समाज में उसकी स्थिति’ विषय पर निबंध लिखिए ।
उत्तर:
प्रस्तावना या भूमिका : आधुनिक युग में अनेक बदलाव हुए हैं। इनमें एक महिलाओं की स्थिति में बदलाव भी माना जा सकता है । आजकल महिला अबला नही सबला हो गई है। महिलाओं ने अपने ऊपर बँधी रूढियों की बेड़ियाँ तोड़ दी हैं। आज उसकी समाज में स्थिति सुधरी है ।

विषय विस्तार : भारतीय समाज में महिलाओं के ऊपर अनेक बंधन थे। स्थिति यहाँ तक पहुँच गई थी कि घर में बेटियों के जन्म लेने पर शोक मनाया जाता था । लेकिन आज स्थिति बदली है । उदाहरम के लिए पिछला ओलंपिक खेल ही ले लीजिए । भारत की बेटियों में अनेक पदक दिलाए । महिलाओं ने प्रत्येक क्षेत्र में अपना विकास किया है । आज पढ़ाई, विज्ञान, खेल, नौकरी, व्यापार, राजनीति, शिक्षा, सेना आदि महत्वपूर्ण क्षेत्रों में महिलाओं ने सफलता के झंडे गाड़े हैं । किंतु आजभी ऐसे लोगों की कमी नहीं जो महिलाओं को पीछे मानते हैं । वे महिलाओं को परंपराओं के नाम पर घर में कैद करके रखना चाहते हैं । उनका शोषण करना चाहते हैं ।

एक बड़ा खतरा यह भी है महिलाओं के साथ होने वाले अपराधों में भी दिन- प्रतिदिन वृद्धी हो रही है। दिल्ली का निर्भया केस इसका उदाहरण है। आधुनिक महिलाएँ क्योंकि घर से बाहर निकलकर काम करती हैं। अतः उनके सामने अनेक चुनौतियाँ भई हैं । आधुनिक महिला के ऊपर दोहरी जिम्मेदारी है । यदि वह घर के बाहर काम करती है तो भी घर का सारा काम उसे ही सँभालना पड़ता है। महिला इस भूमिका को बखूबी निभा रही है। लेकिन इस स्थिति में सुधार करना होगा। पुरुषों को भी इस संदर्भ में सोचना चाहिए। उन्हें महिलाओं की मदद करनी चाहिए। समाज का विकास तभी होगा जब हम महिलाओं के प्रति अपनी सोच में बदलाव करेंगे । नेपोलियन ने कहा है- “तुम मुझे शिक्षित नारी दो में तुम्हें एक शिक्षित राष्ट्र दूँगा।” अतः यदि अगर एक नारी शिक्षित हो जाए तो वह अपने बच्चों से लेकर पुरे परिवार को पढ़ाती है । उन्हें आगे बढ़ाती है ।

निष्कर्ष : आधुनिक महिला तेजी के सात अपना विकास कर रही है । उनके कारण समाज में महिलाओं की स्थिति बदली है । वह देश का नाम रोशन कर रही है। अपने परिवार के साथ – साथ देश के विकास में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। किंतु आज भी महिलाओं के • विकास के लिए समाज को जागरूक होने की जरूरत है ।

Part – B

Time: 30 Minutes
Marks : 20

Instructions:

  1. Answer all the questions of Part – B on the question paper itself & attach it to the answer booklet of Part – A.
  2. Candidates must use CAPITAL LETTERS (A, B, C or D) while answering the Multiple Choice Questions.

I. निम्नलिखित प्रश्नों के सही उत्तर चुनकर सामने दिये गये कोष्ठक में लिखिए | (18 × 1 = 18)

प्रश्न 1.
तनु अठारह पार कर रही है। उसका भी ब्याह करना है । रेखांकित शब्द का तत्सम रुप है
A) शादी
B) समारोह
C) उत्सव
D) विवाह
उत्तर:
D) विवाह

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प्रश्न 2.
कर्मवीर व्यक्ति ही ……… रूप से लक्ष्य तक पहुँच सकता है । रिक्तस्थान की पूर्ति के लिए सही वर्तनीयुक्त शब्द हैं –
A) निर्विघ्न
B) र्निविघ्न
C) निविर्धन
D) निवि
उत्तर:
A) निर्विघ्न

प्रश्न 3.
सही शब्दकोश क्रम पहचानिए ।
A) मदद, महोदय, मानसिक, मुकद्धमा
B) महोदय, मदद, मानसिक, मुकद्दमा
C) मदद, मानिसिक, महोदय, मुकद्दमा
D) मदद, मुकद्दमा, महोदय, मानसिक
उत्तर:
A) मदद, महोदय, मानसिक, मुकद्धमा

प्रश्न 4.
मोहन एक चतुर लड़का है। किंतु उसके दोस्तों में …… नहीं है । रिक्तस्थान की पूर्ति के लिए सही शब्द है-
A) चतुरताई
B) चातुरताई
C) चतुराई
D) चतुरी
उत्तर:
C) चतुराई

प्रश्न 5.
हमें किसी के साथ दुर्व्यवहार नहीं करना चाहिए । रेखांकित शब्द में प्रयुक्त ‘दुर्’ शब्द से निम्नलिखित में से इस अर्थ का बोध होता है –
A) रहित
B) नहीं
C) गौण
D) बुरा
उत्तर:
D) बुरा

प्रश्न 6.
हालदार साहब एक उच्च पद पर आसीन सरकारी कर्मचारी थे । ‘पद’ के भिन्नार्थक हैं-
A) चरण, पग
B) पैर, ओहदा
C) पग, पाद
D) पाँव, पैर
उत्तर:
B) पैर, ओहदा

प्रश्न 7.
आज हर खुली जगह पर बड़ी बड़ी इमारतें खड़ी की जा रही हैं । वाक्य में इस शब्द की पुनरावृत्ति हुई है –
A) बड़ी
B) खुली
C) खड़ी
D) जगह
उत्तर:
A) बड़ी

प्रश्न 8.
ताजमहल की सुंदरता अवर्णनीय है । रेखांकित शब्द के लिए वाक्यांश है –
A) जिसका वर्णन संभव हो ।
B) जिसका वर्णन हो सके ।
C) जिसका वर्णन संभव न हो ।
D) जिसका पूर्ण वर्णन हो ।
उत्तर:
C) जिसका वर्णन संभव न हो ।

प्रश्न 9.
यह कलम शीला को दो ।’ ‘को’ कौन से कारक की विभक्ति है ?
A) संबंध
B) अधिकरण
C) कर्म
D) कर्ता
उत्तर:
C) कर्म

प्रश्न 10.
‘वह मेरे घर नहीं गये ।’ वाक्य का शुद्ध रूप होगा –
A) वे मेरे घर नहीं गई ।
B) वह ने मेरे घर गया ।
C) वह मेरे घर को गया ।
D) वे मेरे घर नहीं गये ।
उत्तर:
D) वे मेरे घर नहीं गये ।

प्रश्न 11.
‘लड़की ने खाना नहीं खाया ।’ यह वाक्य है –
A) सरल वाक्य
B) संयुक्त वाक्य
C) आज्ञार्थक वाक्य
D) मिश्रित वाक्य
उत्तर:
A) सरल वाक्य

प्रश्न 12.
अनुप्रास अलंकारयुक्त पंक्ति पहचानिए ।
A) छुअत टूट रघुपतिहु न दोसू ।
B) परसु बिलोकु महीपकुमारा ।
C) सुनहु देव सब धनुष समाना ।
D) भुजबल भूमि भूप बिनु कीन्ही ।
उत्तर:
D) भुजबल भूमि भूप बिनु कीन्ही ।

प्रश्न 13.
‘राम अपने कमरे में बैठा है ।’ प्रश्नवाचक बनाने पर रेखांकित शब्द के स्थान पर आएगा-
A) कौन
B) क्या
C) किसे
D) कब
उत्तर:
A) कौन

प्रश्न 14.
‘वह पूरब की ओर से आया ।’ रेखांकित शब्द व्याकरण की दृष्टि से क्या है ?
A) क्रिया
B) सुमच्चय बोधक
C) संबंध बोधक
D) क्रिया – विशेषण
उत्तर:
C) संबंध बोधक

प्रश्न 15.
‘ओह…. ये बहुत गलत हुआ ।’ उचित विरामचिह्न से रिक्तस्थान की पूर्ति कीजिए। ( )
A) –
B) ?
C) ,
D) !
उत्तर:
D) !

प्रश्न 16.
वाक्य सीधा कीजिए ।
A) पानी में फूल न लीजिएगा हुआ भीगा ।
B) पानी फूल न में भीगा हुआ लीजिएगा ।
C) पानी में भीगा हुआ फूल न लीजिएगा ।
D) लीजिएगा पानी में भोगा हुआ फूल न ।
उत्तर:
C) पानी में भीगा हुआ फूल न लीजिएगा ।

प्रश्न 17.
उसे ज़रा झड़वाकर लीजिएगा। रेखांकित शब्द व्याकरण की दृष्टि से क्या है ?
A) विशेषण
B) सर्वनाम
C) क्रिया – विशेषण
D) क्रिया
उत्तर:
C) क्रिया – विशेषण

प्रश्न 18.
‘घर की साग-सब्जी वे ही बाज़ार से रोज़ खरीदकर ले जाते हैं ।’ काल पहचानिए ।
A) पूर्णभूतकाल
B) सामान्य वर्तमानकाल
C) अपूर्ण वर्तमानकाल
D) हेतुहेतुमद्भूत काल
उत्तर:
D) हेतुहेतुमद्भूत काल

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II. निम्नलिखित शब्दों को वाक्यों में प्रयोग कीजिए ।

प्रश्न 19.
आश्वासनं : …………… …………..
उत्तर:
आश्वासन : नेता लोग केवल आश्वासन देता हैं, काम नहीं करवाते ।

प्रश्न 20.
परिवर्तन : ……….. ……….
उत्तर:
परिवर्तन : समाज में परिवर्तन आता ही रहता है ।

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