TS 10th Class Hindi (F/L) Model Paper Set 2 with Solutions

Reviewing TS 10th Class Hindi Model Papers Set 2 (F/L) can help students identify areas where they need improvement.

TS SSC Hindi (F/L) Model Paper Set 2 with Solutions

Time : 3.00 Hours
Max. Marks: 80

PARTS – A & B

Instructions :

  1. Read the following question paper and understand every question thoroughly.
  2. Answer all the questions as directed.
  3. Part-‘A’ questions are to be written in the separate Answer Booklet.
  4. Write the answers to the questions under Part – ‘B’ on the question paper itself and attach it to the answer booklet of Part – ‘A’.

Part – A 

Time: 2.30 Hours
Marks : 60

Section – I (अंक : 20)
I. प्रश्नों के उत्तर निर्देशानुसार लिखिए |

अ) निम्नलिखित गद्यांश पढ़कर दिये गये प्रश्नों के उत्तर एक या दो पंक्तियों में लिखिए । (5 × 1 = 5 M)

मेधावी : चंद्र और मंगल लोक पहुँचकर उन पर अधिकार करने का दुस्साहस फिर न हो । हमारा प्रलयंकर बम देख ही चुके हो। आप लोगों की लिए आपकी पृथ्वी ही बहुत विशाल है | आँखें खोलकर, स्वार्थ का चश्मा उतारकर देखने भर की देर है । जाइए, यह है आपकी पृथ्वी के लिए हमारा संदेश | इसी में सब का कल्याण है ।

प्रश्न :

प्रश्न 1.
मानव का दुस्साहस क्या है ?
उत्तर:
मानव चंद्र और मंगल लोक पहुँचकर अपना अधिकार जमाना चाहता है । यही मानव का दुस्साहस है ।

प्रश्न 2.
मेधावी किन्हें संदेश दे रहा है ?
उत्तर:
मेधावी पृथ्वी पर निवास करने वाले स्वार्थी मानव को संदेश दे रहा है।

प्रश्न 3.
बम कैसा है ?
उत्तर:
बम प्रलयंकर है ।

प्रश्न 4.
सबका कल्याण कैसे हो सकता है ?
उत्तर:
स्वार्थ को छोड़कर जीने में ही सब का कल्याण हैं ।

प्रश्न 5.
यह गद्यांश किस पाठ से लिया गया है ? नाम लिखिए ।
उत्तर:
यह गद्यांश मंगल, मानव और मशीन पाठ से लिया गया है ।

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आ) निम्नलिखित गद्यांश पढ़कर दिये गये प्रश्नों के उत्तर एक या दो पंक्तियों में लिखिए । (5 × 2 = 10 M)

राष्ट्र के प्रति हमारा कर्तव्य है कि इसकी प्रगति में पूरा पूरा सहयोग दें । औद्योगिक एवं कृषि की दृष्टि से राष्ट्र को आत्मनिर्भर बनाना अत्यंत आवश्यक है । ऐसा तभी संभव है जन हम अपने – अपने क्षेत्र में पूरी लगन एवं मेहनत के साथ कार्य करें। आर्थिक दृष्टि से राष्ट्र को सबल बनाना भी हमारा कर्तव्य है । हमें करों का भुगतान पूरी ईमानदारी के साथ करना चाहिए । कर वंचक राष्ट्र की आर्थिक दशा को खोखला करते हैं । सच्ची देशभक्ति देश को मज़बूत और समृद्ध बनाने में निहित है ।

प्रश्न :

प्रश्न 6.
राष्ट्र के प्रति हमारा कर्तव्य क्या है ?
उत्तर:
देश (राष्ट्र) के प्रगति में पूरा पूरा सहयोग देना और आर्थिक दृष्टि से देश को सबल बनाना हमारा कर्तव्य है ।

प्रश्न 7.
किस क्षेत्र में देश को आत्मनिर्भर बनाना आवश्यक है ?
उत्तर:
आद्योगिक और कृषि के क्षेत्र में देश को आत्मनिर्भर बनाना अत्यंत आवश्यक है ।

प्रश्न 8.
सच्ची देशभक्ति किसमें निहित है ?
उत्तर:
सच्ची देश भक्ति देश को मज़बूत और समृद्ध बनाने में निहित है ।

प्रश्न 9.
आर्थिक दृष्टि से राष्ट्र सफल बनाने के लिए क्या करना चाहिए ?
उत्तर:
आर्थिक दृष्टि से एक देश तभी सबल बन सकता है, जब हर नागरिक कर समय पर भरकर, भुगतान पूरी ईमानदारी के साथ करता है ।

प्रश्न 10.
इस गश से आपको क्या सीख मिलती है ?
उत्तर:
इस गद्यांश से यह सीखते हैं कि हर नागरिक अपना कर्तव्य पालन सही ढंग से करने पर ही देश को आत्मनिर्भर सुदृढ़ और समृद्ध बना सकते हैं ।

इ) निम्नलिखित पद्यांश का भाव स्पष्ट कीजिए ।

11. भैरन को गुंजन बिहार बन कुंजन में
मंजुल मलारन को गांवनो लगत है ।
कहैं पद्माकर गुमानहूँ तें मानहूँ हैं,
प्रानहूँ तैं प्यारो मनभावनो लगत है ।
मोरन को सोर घनघोर चहुँ ओरन,
हिंडोरन को बूंद छवि छावनो लगत है ।
नेह सरसावन में मेह बरसावन में,
सावन में झूलिबों सुहावनो लगत है ॥
उत्तर:
भाव : पद्माकर इस कवित्त में सावन के महीने का चित्रण कर रहे हैं। उनका कहना हैं कि सावन के महीने में बाग-बगीचों में भौंरे गुंजार करते हुए भ्रमण करते हैं। लोग मल्हार गाते हैं। सावन के महीने की सुंदरता तो अभिमान, मान तथा प्राण से प्यारा लगती है । यह बहुत मनभावन लगता है । चारों ओर घनघोर मेघों को देखकर मोर नाच रहे होते हैं। मोरों का शोर और डालों पर पड़े सुंदर-सुंदर झूलों का समूह बड़े मनभावन लगते हैं । इस महीने में चारों और प्रेमपूर्ण वातावरण रहता है । प्रेम सरसाने और मेघ बरसाने वाला यह सावन का महीना बड़ा ही सुहावना लगता है ।

Section – II (अंक : 40)

अ) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर 4-5 पंक्तियों में लिखिए । (4 × 3 = 12 M)

प्रश्न 12.
श्री श्रीधर पाठक जी का साहित्यिक परिचय लिखिए ।
उत्तर:
श्रीधर पाठक हिंदी के सुप्रसिद्ध कवि हैं । उनका जन्म उत्तर प्रदेश के जौंधरी नामक गाँव में हुआ था । इन्होंने व्रजभाषा तथा खड़ी बोली हिंदी में अपनी कविताएँ लिखी । मनोविनोद, काश्मीर सुषमा, गोपिका गीत, भारत गीत आदि हैं । उनकी कविताओं के मुख्य विषय प्राकृतिक सौंदर्य, स्वदेश-प्रेम तथा समाज सुधार की भावनाएँ हैं । श्रीधर पाठक का जन्म 11 जनवरी 1859 को हुआ था । उन्होंने सरकारी नौकरी भी की। नौकरी के पश्चात वे प्रयाग में आकर रहने लगे । वे संस्कृत और फारसी के भी ज्ञाता थे। उनकी कविताओं से ज्ञात होता है कि वे एक देशभक्त थे |

प्रश्न 13.
कन्यादान के समय माँ ने अपनी बेटी को क्या चेतावनी दी ?
उत्तर:
माँ अपनी बेटी से कहती है कि कभी अपने सौन्दर्य का गर्व मत करना । कभी वह आभूषणों व सौन्दर्य प्रसाधनों के मायाजाल में मत फँसना । कभी लोगों द्वारा की गई रूप की प्रशंसा पर मत इतराना । क्योंकि इस प्रशंसा ने ही नारी को आज तक प्रताड़ित किया है । रूप सौन्दर्य आग की तरह है । जिस प्रकार आग से रोटियाँ सेंकी जाती हैं उसमें जला नहीं जाता उसी प्रकार रूप सौन्दर्य भी हमारे लाभ के लिए है इस के द्वारा हमारी हानि नहीं होनी चाहिए ।

प्रश्न 14.
मन्नू से नाराज़ पिताजी क्यों उन्हें देखकर गर्व का अहसास कर रहे थे ?
उत्तर:
लेखिका ने एक बार बीच चौराहे पर भाषण दिया । क्योंकि आजाद हिंद फ़ौज के मुकदमे के सिलसिले में कॉलेजों, स्कूलों, दुकानों के लिए हड़ताल का आह्वान था । लेखिका के पिताजी के एक दकियानूस मित्र थे । उन्होंने लेखिका के पिता को भड़काते हुए कहा कि ‘ मन्नू की मत मारी गई है हड़तालें करवा कर हुड़दंग मचा रही है…।’ इस पर पिताजी क्रोधित हो गये। लेखिका लौटी तो पिताजी के बेहद अंतरंग मित्र और अजमेर के सबसे प्रतिष्ठित और सम्मानित डॉ. अंबालाल जी बैठे थे। उन्होंने मेरा गर्मजोशी से स्वागत किया। उन्होंने कहा कि ‘मैं तो चौपड़ बाज़ार में तुम्हारा भाषण सुनते ही भंडारी जी को बधाई देने चला आया ।’ इस प्रकार उनके मुख से प्रशंसा सुनकर लेखिका के पिताजी का क्रोध गर्व भाव में बदल गया |

प्रश्न 15.
‘गोभी का फूल’ एक हास्य – व्यंग्य पाठ है । इस बात की पुष्टि तर्क सहित कीजिए ।
उत्तर:
निःसंदेह ‘“गोभी का फूल” एक हास्य व्यंग्य पाठ है। वर्णित कई घटनाओं जैसे हनुमानप्रसाद का व्रत तोडना जैसा वाख्या, ट्रेन में सामान से भी ज्यादा ध्यान गोभी के फूलों का रखना, गाँव जाने वालों से, कुछ और नहीं वरन् तरकारी मंगवाना, सभी पात्रों को मुख्य पात्र से दूर-दूर भागना, हनुमानप्रसाद जी का सब्जियों के बारे में विशिष्ट ज्ञान व हर विषय का घुमा फिराकर सब्जियों पर ले आना, स्पष्ट दर्शाता है कि यह व्यंग्यपूर्ण पाठ है ।

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आ) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर 10-12 पंक्तियों में लिखिए । (4 × 7 = 28 M)

प्रश्न 16.
भारत की प्राकृतिक सुंदरता को अपने शब्दों में वर्णन कीजिए ।
उत्तर:
भारतवर्ष की प्राकृतिक शोभा निराली है। माथे पर हिमालय और चरणों में सागर हैं । यहाँ लगभग सभी प्रकार के प्राकृतिक क्षेत्र पाये जाते हैं । पर्वत, नदियाँ, झील, वन आदि यहाँ भरे पड़े हैं। भारत की गोद में अनेकों नदियाँ खेलती हैं। यहाँ अनेक देशों से यात्रा करने के लिए लोग आते हैं । यहाँ के प्राकृतिक सौंदर्य के कारण आज पर्यटन भारत का मुख्य व्यवसाय बन गया है। भारत में पर्यटन का विकास इस बात का प्रमाण है कि यहाँ का प्राकृतिक सौंदर्य सारी दुनिया को लुभाता है ।

(या)

कवि बच्चन जी लक्ष्य की ओर बढ़ने से पहले उसकी पहचान करने को कह रहे हैं। इसे विस्तार से समझाइये |
उत्तर:
बच्चन जी का कहना है कि हमें किसी राह पर निकलने से पहले उसमें ओने वाली चुनौतियों के बारे में सोचना चाहिए । हमें सफल लोगों का अनुसरण करना चाहिए । अनेक लोग इस राह से गए लेकनि उनमें से कुछ लोग ऐसे थे जिनके पद – चिह्न इस मार्ग पर झूट गए। उनके पद – चिह्नों से हम बुहत कुछ सीख सकते हैं। ये मौन होकर भी बहुत कुछ बोलते हैं। ये इन राहों के भेद खोल सकते हैं । इनमें सफलता के रहस्य छिपे हैं । अतः हमें महापुरुषों के जीवन से सीख लेनी चाहिए | उनके दिए ज्ञान का उपयोग अनुभव के साथ करना चाहिए । पूर्व योजना से हमारा काम सरल हो जाता है । कार्य पूर्ति के मार्ग में आनेवाली बाधाओं का अनुमान लग जाता है ।

उनके निवारण के लिए हम पहले ही उपाय सोच सकते हैं । इस प्रकार सफलता की संभावना बढ़ जाती है । कवि का कहना है कि राह में आने वाली समस्याएँ पुस्तकों में छपी नहीं मिलती । इनके बारे में हमें कोई बता बी नहीं सकता । वे तो अनुभव और अनुमान से ही पता चलती हैं। अनेक लोग इस राह से गए लेकिन उनमें से कुछ लोग ऐसे थे जिनके पद चिह्न इस मार्ग पर छूट गए। उनके पद चिह्नों से हम बहुत कुछ सीख सकते हैं । ये मूक होकर भी बहुत कुछ बोलते हैं । इन राहों के भेद तो ये पद चिह्न ही खोल सकते हैं। इसलिए हमें किसी भी राह में चलने से पहले उसमें आने वाली समस्याओं के बारे में सोच लेना चाहिए । साथ ही उसमें संघर्ष करने की योजना भी बना लेनी चाहिए। इससे मुसीबतों में भी हम सफल हो सकते हैं ।

प्रश्न 17.
‘नेताजी का चश्मा’ में देशभक्ति का मार्सिक भाव है । इसे स्पष्ट कीजिए ।
उत्तर:
‘नेताजी का चश्मा’ कहानी में देशभक्ति का मार्मिक प्रतिबिंब सर्वत्र नज़र आता है । चश्मेवाला सेनानी नहीं था । लोग उसकी देशभक्ति के कारण उसे कैप्टन कहते थे । उसके मन में देशभक्ति एवं देश-प्रेम की भावना कूट-कूट कर भरी थी । जहाँ लोग देश के लिए कुछ भी करने से कतराते हैं वहीं चश्मेवाला नेताजी की मूर्ति को भी बिना चश्मे के नहीं देश सकता था । इसे वह नेताजी का अपमान समझता था । वह अपने पास के चश्मों में से एक रोज मूर्ति पर लगा देता था । यदि कोई ग्राहक वही चश्मा माँगता तो वह उसे माफी माँगते हुए बेच देता और अगले दिन नया चश्मा लगा देता । इस तरह नेताजी का चश्मा लगभग रोज बदलता रहता ।

इसे देखकर हालदार साहब ने सोचा कि चश्मे वाला कोई सेनानी या नेताजी का साथी होगा । लेकिन जब उन्होंने देखा कि चश्मेवाला गरीब और अपाहिज है तो उनके मन में श्रद्धा और दया के भाव उभर आये । उन्होंने सोचा कि आज भी देश में देशभक्ति बची है । जहाँ सरकार देशभक्तों की मूर्तियाँ लगाकर उनकी साफ़-सफाई की व्यवस्था भूल जाती है, वही एक छोटा सा चश्मा-विक्रेता मूर्ति की आँखों पर चश्मा रखना नही भूलता । कैप्टन की मृत्यु के बाद हालदार साहब को लगा कि अब नेताजी की आँखों पर कभी चश्मा नही लगेगा । परंतु उन्होंने जब बच्चों द्वारा लगाया गया सरकंडे का चश्मा देखा तो वे भावुक हो गये ।

(या)

‘सफलता की चुनौतियाँ’ पाठ को अपने शब्दों में लिखिए ।
उत्तर:
‘सफलता की चुनौतियाँ ‘ एक साक्षात्कार है । यह प्रीति मोंगा नामक सुविख्यात दृष्टिहीन महिला से लिया गया है | प्रीति मोंगा छह वर्ष की थी तो पता चला कि उन्हें आँखों की बीमारी है । आज वह लगभग तिरपन वर्ष की हैं । वे अपनी संस्थाएँ चलाती हैं । इन संस्थाओं में विशेष आवश्यकता वाले लोगों को प्रेरणा, प्रशिक्षण व सुझाव दिये जाते हैं ।

प्रीति जी कहती है कि मैं अपना सब काम स्वयं करती हूँ । काम भी अच्छा होता है और आनंद भी आता है । मेरे लिए कामयाबी का अर्थ है – सबसे ज़्यादा चुनौतियों का सामना करना । जिसने सबसे ज़्यादा असफलताओं का सामना किया हो, जिसने सबसे अधिक चुनौतियों को स्वीकारा हो और संघर्ष कर उन पर विजय पाई हो, वही व्यक्ति संफल कहलाने का अधिकारी है। हमें असफलताओं से घबराना नही चाहिए । असफलताएँ हमें उठाने के लिए हैं। यदि यही सोचते रहें कि गाड़ी जैसी चल रही है, चलती रहे तो कभी सफलता नहीं पा सकते। प्रीति मोंगा कहती हैं कि बहुत सारे आनंद हैं जो मैं हरदम महसूस करती हूँ । मेरे पास दो कान, नाक, ऊँगलियाँ अर्थात श्रवण, गंध, स्पर्श आदि की सभी क्षमताएँ हैं । ये तो दृष्टिहीन नहीं ? यह समझ आते ही सब सरल हो गया । आत्मविश्वास आ जाने पर सब कुछ सरल और सुलभ हो जाता है ।

प्रीति मोंगा बच्चों को संदेश देती हैं कि हर काम सच्चाई, ईमानदारी और खुशी से करो । खुशियों का हाथ पकड़ो तो और मिलेंगी। अपने सपनों को हक़ीकत में बदलो । प्रत्येक जगह से कुछ सीखो। सीखने की समाप्ति का मतलब है पतन का आरंभ विकलांगों को स्वयं आगे बढ़ने दो । उनके पास असीम शक्तियाँ हैं । काम अपने आप में एक ऐसी अद्भुत शक्ति है. जो . सफलता को बाँधकर ले आती है । काम आनंद है, काम सुख है और प्रत्येक सही काम होता है – मंगलमय !

प्रश्न 18.
मंगल ग्रह के लोग पृथ्वीवासियों के बारे में क्या सोचते हैं ?
उत्तर:
मंगल ग्रह के लोग मानव को बहुत घमंडी समझते हैं। उनका मानना है कि मनुष्य आपस में हमेशा लड़ते रहते हैं । वे मशीनों के गुलाम बन गये हैं। वे अपने नाम के लिए एक-दूसरे को पीछे ढकेलते रहते हैं । वे हिंसा को बढ़ावा देते हैं । वे समाज व विश्वकल्याण की संस्थाएँ बनाकर उनका उपयोग स्वार्थ साधन के लिए करते हैं । उनका मानना है कि मानव बड़ा ही महत्वाकांक्षी प्राणी है । वे धर्म, जाति, संप्रदाय, देश, प्रदेश के नाम पर एक दूसरे से विभाजित हैं ।

(या)

अज्जूं अपने पिता से क्यों मिलना चाहता था ?
उत्तर:
अज्जू के पिता बचपन में ही नौकरी के लिए अफ्रीका चले गये थे । वह बचपन से ही अपने पिता के लौटने की प्रतीक्षा कर रहा था । उसने अपने पिता के केवल पत्र देखे थे, कभी उन्हें नहीं देखा था । जब उसे पिता के घर आने की संभावना न दिखी तो वह स्वयं उनके पास जाने को तैयार हो गया। क्योंकि उसकी माँ अब बहुत बीमार रहने लगी ती । वह बहुत कमज़ोर हो गई थी । वह एक बार अपने पति के अंतिम दर्शन करना चाहती थी । उसने सोचा कि पिता उसे देखकर चकित होंगे । उनकी निगाहों में तो अबी वह उतना ही छोटा होगा, जब वह निक्कर पहनकर आँगन में गुल्ली डंडा खेलता था । वह अपने पिता से मिलने के लिए अत्यंत उत्सुक थे ।

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प्रश्न 19.
‘विशेष आवश्यकता वालों के लिए सफलता का महत्व’ बताते हुए एक निबंध लिखिए ।
उत्तर:
निबंध की रूपरेखा : क. भूमिका, ख. सफलता से तात्पर्य, ग. सफलता का रहस्य, घ. विशेष आवश्यकतावालों की विशेषता, ङ. निष्कर्ष

क. भूमिका : वर्तमान समाज में विशेष आवश्यकतावाले बी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं | वे कभी अपनी कमज़ोरी को महसूस नहीं करते । वे समस्याओं को चुनौती के रूप में लेकर अपने लक्ष्य प्राप्त करने का प्रयत्न करते हैं । इस प्रयत्न के दौरान वे कई मुसीबतें खुशी से पार करते हैं। आज वे धावक, नृत्यकार, संगीतज्ञ, वेटलिफ्टर, गायक, इंजीनियर आदि जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में उभर कर आये हैं ।

ख. सफलता से तात्पर्य : जो व्यक्ति समस्या का समाधान खोजता है वही कुछ पा सकता है । सफलता का अर्थ है – सबसे ज़्यादा चुनौतियों का सामना करना । जिसने सबसे ज्यादा असफलताओं का सामना किया हो, जिसने सबसे अधिक चुनौतियों को स्वीकार हो और संघर्ष कर उन पर विजय पाई हो, वही व्यक्ति सफ़ल कहलाने का अधिकारी है । हमारे जीवन में अनगिनत चुनौतियाँ हैं । हमें इनका सदैव सहर्ष स्वागत करना चाहिए ।

ग. सफ़लता का रहस्य : चलते समय रास्ते में अनेक कठिनाइयाँ आती हैं। असफलताएँ हमें उठाने के लिए हैं । इनमें सफलता के रहस्य छिपे होते हैं। हमें कभी अपनी जीवन की परिस्थितियों से समझौता नहीं करना चाहिए। यदि हम यही सोचते रहें कि गाड़ी जैसी चल रही है, चलती रहे तो कभी सफलता नहीं पा सकते। हमें हर काम सच्चाई, ईमानदारी और खुशी से करना चाहिए। खुशियों का हाथ पकड़ो तो और मिलेंगी। अपने सपनों को हक़ीकत में बदलिए । प्रत्येक परिस्थिति से कुछ न कुछ सीखिए। जिस दिन हम सीखना छोड़ देंगे, उसी दिन हमारा पतन आरंभ हो जायेगा । इसलिए अपने सीखने के दरवाज़े खुले रखिए ।

घ. विशेष आवश्यकतावालों की विशेषता : विशेष आवश्यकतावालों को स्वयं आगे बढ़ने देना चाहिए । उनके पास असीम शक्तियाँ हैं । काम में अपने आप में एक ऐसी अद्भुत शक्ति है जो सफलता को बाँधकर ले आती है । काम आनंद है, काम सुख है और प्रत्येक सही काम मंगलमय होता है ।

ङ. निष्कर्ष : विशेष आवश्यकतावाले लोगों में कुछ अपनी विशेषता होती है । यदि हम उन्हें प्रोत्साहित करें तो वे अपने रुचि के क्षेत्र में अपना विकास कर सकते हैं। इसलिए हमें उन्हें कम नहीं समझना चाहिए । उन्हें सम्मान देते हुए अनेक सामाजिक कार्यों में उनकी सहभागिता बढ़ानी चाहिए। इससे वे स्वयं आत्मनिर्भर व आत्मविश्वास का अनुभव करेंगे ।

(या)

किसी सफल खिलाड़ी से साक्षात्कार लेने के लिए प्रश्नावली तैयार कीजिए ।
उत्तर:

  • मैं ओलंपिक में रजत पदक विजेता पी. वी. सिंधु का साक्षात्कार लेना चाहूँगा । उनके मैं निम्नलिखित प्रश्न पूछूंगा ।
  • आपको बैटमिटन खेलने की प्रेरणा कहाँ से मिली ।
  • आप ओलंपिक में भारत के लिए पदक जीतकर कैसा महसूस कर रही हैं ।
  • भारत में लड़कियों के लिए खेल में आगे बढ़ना बहुत बड़ी बात है। इसके लिए आप लोगों को क्या संदेश देना चाहेंगी ?
  • भारत की अन्य बेटियाँ आपकी तरह देश का खेल में नाम रोशन करें, इसके लिए आप क्या प्रयास करना चाहेंगी ?
  • लड़कियों की शिक्ष को बढ़ावा देने के लिए आप क्या करना चाहेंगी ?
  • लिंग भेद मिटाने के लिए आप क्या प्रयत्न करेंगी ? आप किसे अपना आदर्श मानती हैं ?
  • इनाम में मिले धन का उपयोग आप कैसे करना चाहेंगी ?
  • अपने भविष्य को लेकर आपकी क्या योजना है ?
  • भारत में खेलों के विकास के लिए क्या किया जाना चाहिए ?

Part – B

Time : 30 Minutes
Marks : 20

Instructions :

  1. Answer all the questions of Part – B on the question paper itself & attach it to the answer booklet of Part -A.
  2. Candidates must use CAPITAL LETTERS (A, B, C or D) while answering the Multiple Choice Questions.

I. निम्नलिखित प्रश्नों के सही उत्तर चुनकर सामने दिये गये कोष्ठक में लिखिए । (18 × 1 = 18)

प्रश्न 1.
तू खोजता मुझे था, तब दीन के वतन में। (रेखांकित शब्द का अर्थ ढूँढ़िए ।)
A) रोज
B) दिन
C) गरीब
D) दिवस
उत्तर:
C) गरीब

प्रश्न 2.
सड़क पर एक घटना हुआ । (रेखांकित शब्द का भिन्नार्थ चुनिए ।)
A) हादसा
B) वारदात
C) अचानक
D) कम होना
उत्तर:
D) कम होना

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प्रश्न 3.
वस्त्र और आभूषण बंधन है स्त्री जीवन के (रेखांकित शब्द का विलोम शब्द पहचानिए ।)
A) मरण
B) मृत्यु
C) मौत
D) मरना
उत्तर:
A) मरण

प्रश्न 4.
मोर का नृत्य मनमोहक होता है । (रेखांकित शब्द का तत्सम रूप क्या होगा ?)
A) मरण
B) मयूर
C) मोरनी
D) मयूरा
उत्तर:
B) मयूर

प्रश्न 5.
प्रत्युत्तर में विस्तृत पत्र मिला। (रेखांकित का उपसर्ग होगा)
A) प्रत्
B) प्र
C) प्रति
D) प्र
उत्तर:
C) प्रति

प्रश्न 6.
यह तो शत्रु की लडाई है । (इस शब्द का पर्यायवाची क्या है ?)
A) संग्राम, रण, युद्ध
B) विग्रह, समर, योदधा
C) रण, दुश्मन, जीत
D) युद्ध, शत्रु, हार
उत्तर:
A) संग्राम, रण, युद्ध

प्रश्न 7.
पिताजी आग बबूला हो गये । (अर्थ पहचानिए ।)
A) आग निकालना
B) आग थूकना
C) बहुत क्रोधित होना
D) मुस्कुराना
उत्तर:
C) बहुत क्रोधित होना

प्रश्न 8.
जाने कैसे कैसे खेल हैं। (यह शब्द है -)
A) युग्म
B) पर्यायवाची
C) संज्ञा
D) पुनरुक्ति
उत्तर:
D) पुनरुक्ति

प्रश्न 9.
मेरा ममत्व सारा तुझमें समा रहा है । (वाक्य में भाववाचक संज्ञा पहचानिए ।) ( )
A) मेरा
B) सारा
C) ममत्व
D) समा
उत्तर:
C) ममत्व

प्रश्न 10.
मूर्ति कपड़े नहीं बदल सकती लेकिन चश्मा तो बदल ही सकती है । (वाक्य में निपात ढूँढिए ।)
A) ही, नहीं
B) तो, ही
C) लेकिन, ही
D) ही, है
उत्तर:
B) तो, ही

प्रश्न 11.
प्रभात – फेरियाँ, हड़ताले, जुलूस, भाषण हर शहर का चरित्र था । (इस वाक्य में कितने संज्ञा शब्द आये हैं ?)
A) छ:
B) पाँच
C) सात
D) आठ
उत्तर:
A) छ:

प्रश्न 12.
बच्चे मैदान में खेल रहे हैं। (यह वाक्य उदाहरण है -)
A) आश्रित वाक्य
B) संयुक्त वाक्य
C) सरल वाक्य
D) मिश्र वाक्य
उत्तर:
C) सरल वाक्य

प्रश्न 13.
दुखों में न हार मानूँ । (काल पहचानिए ।)
A) वर्तमान काल
B) भूतकाल
C) भविष्यत काल
D) तीतों नहीं
उत्तर:
C) भविष्यत काल

प्रश्न 14.
व्याह हो गया, दूमधाम के साथ । (रेखांकित शब्द का शब्द भेद पहचानिए ।)
A) संबंध बोधक
B) संबंध कारक
C) समुच्चय बोधक
D) कारक
उत्तर:
A) संबंध बोधक

प्रश्न 15.
स्वप्न पर ही …………. मुग्ध हो । (सही शब्द चुनिए ।)
A) न
B) नहीं
C) ना
D) मत
उत्तर:
D) मत

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प्रश्न 16.
कविता में सौंदर्यानुभूति है । (इस शब्द का संधि विच्छेद पहचानिए ।)
A) सौंदर्या + अनुभूति
B) सौंदर्य + अनुभूति
C) सौंदर्या + भूति
D) सौंदर्य + नुभूति
उत्तर:
B) सौंदर्य + अनुभूति

प्रश्न 17.
पाठिका थी वह धुंधले प्रकाश की । (समास पहचानिए ।)
A) बहुव्रीहि समास
B) तत्पुरुष समास
C) कर्मधारय समास
D) द्विगु समास
उत्तर:
C) कर्मधारय समास

प्रश्न 18.
आप क्या जानते हैं ? (वाक्य में विराम चिह्न पहचानिए ।)
A) उद्धरण चिह्न
B) प्रश्नसूचक चिह्न
C) पूर्णविराम चिह्न
D) अल्प विराम चिह्न
उत्तर:
B) प्रश्नसूचक चिह्न

II. निम्नलिखित शब्दों को वाक्यों में प्रयोग कीजिए । (2 × 1 = 2)

प्रश्न 19.
दानित्त्व : ………………………….
उत्तर:
दायित्व : देश की सेवा के काम करना हम सबका दायित्व है ।

प्रश्न 20.
सराहनीय : ………………
उत्तर:
सराहनीय : रमेश अपने कमरे की सफाई स्वयं करता है यह सराहनीय है ।

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