Telangana SCERT TS 9th Class Hindi Study Material रचना पत्र-लेखन Textbook Questions and Answers.
TS 9th Class Hindi Rachana पत्र-लेखन
ఉత్తరము వ్రాయునప్పుడు విద్యార్థులు గమనింపవలసిన విషయములు :
పై భాగమున కుడివైపున స్థానం పేరు వ్రాసి, కామా ఉంచవలెను. దానికి క్రింద తారీఖు వ్రాయవలెను. దానికి కొంచెము క్రిందుగా ఎడమవైపున ఉత్తరము వ్రాయు వారి అడ్రసు, దాని క్రింద ఎవరికి వ్రాయుచున్నామో వారిని సంబోధించుచు వారి పేరు లేక పదవి మొదలగు వివరములు వ్రాయవలెను. తరువాత తల్లి, తండ్రి, అన్న, గురువు మొదలగు పెద్దలను पूज्य అనియు, మిత్రులకు, సమానులకు, పిన్నలకు प्रिय లేక प्यारे అని వ్రాసి సంబోధించవలెను. దానికి క్రింద విషయము వ్రాయవలెను. విషయము పూర్తియైన పిమ్మట కుడివైపున క్రిందుగా పెద్దలకైనచో आपका అనియు, చిన్నవారికైనచో तुम्हारा అనియు వ్రాయవలెను. ఉత్తరము వ్రాయువారు ఆడువారైనచో आपकी, तुम्हारी అని వ్రాయవలెను. దాని క్రింద సంతకము చేయవలెను. పరీక్షలో సంతకమునకు బదులు నెంబరు వేయవలెను. దాని క్రింద ఉత్తరము అందుకొను వారి అడ్రసు వ్రాయవలెను.
सूचना :
1. विषय के अभाव में अंक नहीं दिया जायेगा। (సబ్జెక్టు వ్రాయకపోతే మార్కులు వేయరు.)
2. 8 ग़लतियों के लिए 1 अंक काट दिया जायेगा। (8 తప్పులకు ఒక మార్కు తీసివేయుదురు.)
आवश्यक पत्र (ముఖ్యమైన ఉత్తరములు)
- अपने भाई के विवाह में भाग लेने के लिए पाँच दिन की छुट्टी माँगते हुए कक्षाध्यापक के नाम छुट्टी पत्र लिखिए।
- अपनी पाठशाला में मनाये गये वार्षिकोत्सव का वर्णन करते हुए मित्र के नाम पत्र लिखिए।
- किसी पुस्तक विक्रेता के नाम पर आवश्यक पुस्तकें माँगते हुए पत्र लिखिए।
- बिजली की अच्छी व्यवस्था के लिए अधिकारियों को पत्र लिखिए।
- किसी प्रसिद्ध स्थान के बारे में वर्णन करते हुए मित्र को पत्र लिखिए।
- ग्रीष्मावकाश व्यतीत करने के विषय का वर्णन करते हुए अपने मित्र के नाम पत्र लिखिये।
- अपने सहपाठियों के साथ आप किसी ऐतिहासिक नगर गये। उसका वर्णन करते हुए अपने छोटे भाई को पत्र लिखिए।
- हिन्दी सीखने की आवश्यकता पर ज़र देते हुए अपने दोस्त (मित्र) के नाम पत्र लिखिए।
- तुम्हारे देखे हुए प्रदर्शिनी का वर्णन करते हुए मित्र को पत्र लिखिए।
- तुम्हारे गाँव में सफ़ाई ठीक नहीं हैं। स्वास्थ्य अधिकारी के नाम पत्र लिखिए।
- तुम्हारे पिजाती की बदली हुई है। टी.सी.,सी.सी., यस.सी. के लिए प्रधानाध्यापक जी को पत्र लिखिए।
- अपने मित्र को पत्र लिखकर तुम्हारे देखे हुए किसी, भी मैच का वर्णन कीजिए।
- अपने पिताजी को पत्र लिखकर पाँच सौ रुपये मँगवाइए।
- तुम्हारी साइकिल की चोरी हुई है। दारोगा साहब के नाम पत्र लिखिए।
- आपके यहाँ बतुकम्मा का उत्सव धूमधाम से मनाया जाता है। मित्र को अपने यहाँ आने का निमंत्रण देते हुए पत्र लिखिए।
- अपने भाई की शादी में शामिल होने के लिए अनुमति माँगते हुए अपने कक्षाध्यापक के नाम पत्र लिखिए।
- पुस्तको की सूची देकर पुस्तकें भेजने के लिए पुस्तक विक्रेता के नाम पत्र लिखिए।
प्रश्न 1.
अपने भाई के विवाह में भाग लेने के लिए पाँच दिन की छुट्टी माँगते हृए कक्षाध्यापक के नाम छुट्टी पत्र लिखिए।
उत्तर :
आर्मूर,
दि : XXXX
सेवा में,
श्री कक्षाध्यापक जी,
नौवी कक्षा,
यस. यस. हाईस्कूल,आर्मूर।
महोदय,
सादर प्रणाम।
सेवा में निवेदन है कि मेरे भाई का विवाह अगले सोमवार आर्मूर में होनेवाला है । मुझे उस विवाह् में सम्मिलित होना चाहिए। इसलिए मैं पाठशाला में नहीं आ सकती। कृपया आप मुझे दि : 15-3-2015 से 19-3-2015 तक पाँच दिन की छुट्टी देने की कृपा करें।
आपकी आज्ञाकारी छात्रा,
पि. ज्योति,
नौवी कक्षा,
क्रम संख्या- 1919:
प्रश्न 2.
अपनी पाठशाला में मनाये गये वार्षिकोत्सव का वर्णन करते हुए मित्र के नाम पत्र लिखिए।
उत्तर :
करीमनगर ,
दि : X X X X
प्रिय मित्र,
मैं यहाँ कुशल हूँ। आशा है कि वहाँ तुम कुशल हो। मैं अपने स्कूल के वार्षिकोत्सव का वर्णन कर रहा हूँ। दिनांक 18-3-2015 को हमारे स्कूल का वार्षिकोत्सव बडे धूम-धाम से मनाया गया। उस दिन स्कूल और सभा मंडप रंग – बिरंगे कागज सें सजाये गये। फाटक पर “सुस्वागतम”‘ टागी गयी। शाम के पाँच बजे सभा आरंभ हुई। बहुत से लोग वार्षिकोत्सव देखने आये। हमारे प्रधानाध्यापक अध्यक्ष बने। शिक्षा मंत्री ने मुख्य अतिथि के रूप में भाषण दिया। विद्यार्थियों से कार्यक्रम संपत्न हुए। विजेताओं को पुरस्कार दिये गये। राष्ट्रीय गीत के साथ सभा समाप्त हुई।
तुम्हारे माँ-बाप को मेरे नमस्कार बताओ। पत्र की प्रतीक्षा में।
तुम्हारा प्रिय मित्र,
के. अमरनाथ,
नौवी कक्षा,
अनुक्रमांक – 46
पता :
यस. मनीष लाल,
नौर्वी कक्षा ‘ए’
शी सिद्धार्था हाईस्कूल, नह्नगोंडा।
प्रश्न 3.
किसी पुस्तक विक्रेता के नाम पर आवश्यक पुर्तकें माँगते हुए पत्र लिखिए।
उत्तर :
आदिलाबाद,
दि : X X X X
प्रेषक :
क्र.सं. 25
नौवी कक्षा ‘बी’,
जि.प. हाईस्कूल, आदिलाबाद।
सेवा में,
व्यवस्थापक जी,
पुस्तक विक्रय विभाग,
वी.जि.यस. स्टोर्स, हैदराबाद।
प्रिय महोदय,
निम्न लिखित पुस्तकें ऊपर दिये क्ये म्ते पर ब्रि.पी.पी. के द्वारा यथा शीघ्र भेजने की कृपा करें। पेशगी ₹. 200 भेज रहा हूँ।
आवश्यक पुस्तकों की सूची :
1. सरल हिन्दी व्याकरण भाग -1 ………. 6 प्रतियाँ
2. हिन्दी तेलुगु कोश ……… 4 प्रतियाँ
3. हिन्दी रचना भाग – 2 ……….. 3 प्रतियाँ
आपका विश्वसनीय,
X X X,
क्रम संख्या -25
पता :
श्री व्यवस्थापक जी,
पुस्तक विक्रय विभाग,
वी.जि.यसं. स्टोर्स,
हैदराबाद।
प्रश्न 4.
बिजली की अच्छी व्यवस्था के लिए अधिकारियों को पत्र लिखिए।
उत्तर :
कोत्तापहीी,
दि : X X X X
प्रेषक :
सि.हेच. कोंडलराव (अध्यापक)
तेलंगाणा हाईस्कूल, कोत्तापह्ली।
सेवा में,
असिस्टेन्ट इंजनीयर (आपरेषन्स)
कोत्तापह्ही सब स्टेशन, कोत्तापह्नी।
प्रिय महाशय,
आपकी सेवा में नम्र निवेदन है कि हमारे नगर में बिजली की सप्लाई अच्छी तरह नहीं हैं। हर रोज़ घंटों बिजली नहीं रहती । इससे ग्राहकों को बडी मुसीबत होती है। टी.वी. के कार्यक्रम नहीं देख पाते। विद्या, परीक्षा की अच्छी तैयारी नही कर पाते । सब तरह के लोगों को कठिनाइयों का सामना करना पड रहा है। इसलिए आप बिजली की सप्लाई ठीक तरह से करवाने की कृपा करें।
भवदीय,
न. X X X,
पता :
असिस्टेन्ट इंजनीयर
कोत्तापक्की, सब स्टेशन
कोत्तापश्ली, करीमनगर।
प्रश्न 5.
किसी प्रसिद्ध स्थान के बारे में वर्णन करते हुए मित्र को पत्र लिखिए।
उत्तर :
वरंगल,
दि : X X X X
प्रेषक :
ऐ.सत्य सूर्य श्रीनिवास,
नौवी कक्षा , नं. 444,
तेलंगाणा हाईस्कूल, वरंगल।
प्रिय मित्र,
मैं यहाँ सकुशल हूँ। हमारी परीक्षाएँ इसी महीने में शुरू होगी। मैं मन लगाकर खूब पढ़ रहा हूँ। पिछले सप्ताह अपने स्कूल के कुछ छात्रों के साथ तिरुपति देखने गया । हम रेल गाड़ी से गये। हमारे साथ हमारे दो अध्यापक भी आये। हम सब तिरुपति के देवस्थान की धर्मशाला में ठहरे । भगवान बालाजी के दर्शन करके हम आनंद विभोर हो गये।
वहाँ पर हम दो दिन रहे। तिरुपति में हमने कोदंडराम स्वामी का मंदिर, गोविदराज स्वामी का मंदिर पापनाशनम, आकाशगंगा आदि देखें। उसके बाद मंगापुरम तथा श्री वेकटेश्वर विश्वविद्यालय भी देखें। पितांजी को मेरे प्रणाम,
प्रिय मित्र,
ए. सत्य सूर्य श्रीनिवास।
पता :
के. रामप्रसाद,
चौटुप्पल, नलगोंडा।
प्रश्न 6.
ग्रीष्मावकाश व्यतीत करने के विषय का वर्णन करतें हुए अपने मित्र के नाम पत्र लिखिए।
उत्तर :
खम्मम,
दि : X X X X
प्रिय मित्र,
स्राइ कुमार,
यहाँ मैं सकुशल हूँ। बहुत दिनों से तुम्हारा पत्र मुझे नहीं मिला । इस साल में ने ग्रीष्मावकाश बेंगलूर में बिताया । उस शहर के मह्लेश्वरम में हमारी माताजी रहती हैं। गरमी के मौसम में बेंगलूर का वातावरण ठंडा रहता है। वहाँ पेडों की हरियाली आँखों को आराम देती है।
बेंगलूर सचमुच एक सुन्दर नगर है। सुन्दर मकान, साफ़-सुथरी सडकें और सुहाने बाग बगीचे नगर की शोभा बढ़ाते हैं। में रोज़ वहाँ के लाल बाग में घूमने जाता हूँ। सिटी मार्केट में अच्छा बाजार लगता है। वहाँ पर कई रेशम के कारखाने हैं।
पिताजी का पत्र पाकर मुझे वहाँ से आ जाना पडा। बेंगलूर छोडकर आते हुए मुझे चिंता हुई। अपने माता-पिता से मेरे नमस्कार कहो।
तुम्हारा मित्र,
ऐ.यस.वी. प्रसाद।
पता :
यस. साइ कुमार,
पिता : विजय, कोत्तापह्ली
करीमनगर।
प्रश्न 7.
अपने सहपाठियों के साथ आप किसी ऐतिह्हासिक नगर गये। उसका वर्णन करते हुए अपने छोटे भाई को पत्र लिखिए।
उत्तर :
हैदराबाद,
दि : X X X X
प्रिय छोटे भाई,
आशीश,
तुम्हारा पत्र अभी मिला, पढकर खुश हुआ क्योंकि घर के समाचार प्राप्त हुए हैं। तुम जानते हो कि हम कुछ विद्यार्थी इस महीने की पहली तारीख को कश्मीर की यात्रा पर गये। हम दिल्ली में दो दिन ठहरे । वहाँ से हम जम्मू तक रेल से गये। जम्मूतावी से हम सब श्रीनगर पहुँचे। रास्ते के दृश्य अत्यंत मनोहर हैं। हम श्रीनगर में एक होटल में ठहरे।। मौसम बडा सुहावना था। वहाँ पर हमने डलझील, शंकराचार्य मंदिर, निशांत बाग, शालिमार बाग आदि देखें। बाकी बातें घर आकर सुनाऊँगा।
तुम्हारा प्यारा भाई
आर.यस.कुमार,
नौवीं कक्षा ‘ए’
जि.प. हाईरकूल,
हैदराबाद।
पता :
आर. रामाराव,
पिता : गोपालराव
घ.नें. 3 / 4 / 15,
निज़ामाबाद।
प्रश्न 8.
हिन्दी सीखने की आवश्यकता पर जोर देते हुए अपने दोस्त (मिन्र) के नाम पत्र लिखिए।
उत्तर :
हैदराबाद,
दि : XXXX
प्रिय मित्र,
सुरेश कुमार,
तुम्हारा पत्र पाकर मैं बहुत खुश हुआ। मैं अगले फरवरी में हिन्दी विशारद परीक्षा में बैठने की तैयारी कर रहा हूँ। हिन्दी सीखने में बहुत आसानी भाषा है। वह हमारे भारत की राष्ट्र भाषा है। देश भर में असंख्य लोग यह भाषा समझते और बोलते हैं। अगर हम उत्तर भारत में कही भी जाएँ तो हिन्दी की उपयोगिता समझ में आयेगी। वहाँ अंग्रेजी या किसी भी दूसरी भाषा से काम नहीं चलता । हिन्दी नहीं जानते तो हम वहाँ एक अजनबी रह जायेंगे। इसलिए तुम से भी मेरा अनुरोध है कि तुम भी हिन्दी सीख लो। आशा है कि तुम समय-समय पर पत्र लिखा करोगे।
तुम्हारा,
प्रिय मित्र,
ऐ.श्रीनिवास
पता :
सुरेश कुमार,
नौवीं. कक्षा ‘बी’,
जै तेलंगाणा हाईस्कूल, तांडूर।
प्रश्न 9.
तुम्हारे देखे हुए प्रदर्शिनी का वर्णन करते हुए मित्र को पत्र लिखिए।
उत्तर :
करीमनगर,
दि : XXXX
प्रिय मित्र साई,
मैं यहाँ कुशल हूँ। तुम भी कुशल समझता हूँ। आजकल हमारे यहाँ एक बडी – भारी औद्योगिक प्रदर्शिनी चल रही है। मैंने उसे देखा है उस प्रदर्शिनी के बारे में तुम्हें कुछ बताना चाहता हूँ।
इस प्रदर्शिनी में सैकडों की दूकानें, खिलौने की दूकानें हैं। इनके साथ खेतीबारी के संबंधित यंत्र और औजारों की प्रदर्शिनी भी हो रही है। बच्चों को आनंद देनेवाली ‘बच्चों की रेल गाडी’ है। घूमनेवाली बडी ‘जैन्टवील’ है। हवाई जहाज, रॉकेट और ऊँट हैं। उन पर बैठकर सफ़र कर सकते हैं। रेल विभाग, तार विभाग के जो स्टाल हैं वे बडे आकर्षक हैं और अन्य कई आकर्षणीय विभाग हैं।
परीक्षा के समाप्त होते ही तुम यहाँ चले आओ। तुमको भी में ये सब दिखाऊँगा। तुम्हारे माता-पिता से मेरा नमस्कार कहना।
पता :
यस.यस. साई.
नौवी कक्षा,
जै तेलंगाणा हाईस्कूल,
चौटुप्पल, नलगोंडा
तुम्हारा प्रिय मित्र,
X X X X
प्रश्न 10.
तुम्हारे गाँव में सफ़ाई ठीक नहीं हैं। स्वास्थ्य अधिकारी के नाम पत्र लिखिए।
उत्तर :
आर्मूर,
दि : X X X X
प्रेषक :
साईबाबा यस,
S/o. लालशाह,
मैंनेजर, स्टेट बैंक आफ़ इंडिया,
आर्मूर।
सेवा में,
श्रीमान् स्वास्थ्य अधिकारी,
पंचायत कार्यालय,
आर्मूर।
मान्य महोदय,
आपकी सेवा में नम्र निवेदन है कि “कुछ महीनों से हमारे गाँव में सफ़ाई ठीक ढंग से नहीं हो रही है। सड़कों पर कूडा-करकट जमा रहता है। नालों का गंदा पानी सड़कों पर बहता है। उनको साफ़ करने की ठीक व्यवस्था नही है। इसलिए मच्छर खूंब बढ़ गये हैं। कई लोग मलेरिया के शिकार बन रहे हैं। इसलिए में आपसे प्रार्थना करता हूँ कि हर रोज़ सफ़ाई करने की अच्छी व्यवस्था की जाय’।।
भवदीय,
नं. X X X X
पता :
स्वासथ्य अधिकारी,
पंचायत कार्यालय,
आर्मूर।
प्रश्न 11.
तुम्हारे पिजाती की बदली हुई है। टी.सी., सी. सी., यस.सी. के लिए प्रधानाध्यापक जी को पत्र लिखिए।
उत्तर :
तांडूर,
दि : X X X X
आदरणीय प्रधानाध्यापक जी,
में नौवीं कक्षा (बी) का विद्यार्थी हूँ। मेरा नंबर 42 है। मेरे पिताजी की बदली नेल्लूर को हुई है। इसलिए मेरे टी. सी. (Transfer Certificate) (सी.सी.) (Conduct Certificate) और एस. सी. (Study Certificate) यथाशीघ्र दिलाने की कृपा करें। में नेळ्लूर की पाठशाला में भर्ती होना चाहता हूँ।
आपका विनम्र विद्यार्थी,
नं.142
पी. ज्योति,
नौवी कक्षा ‘बी’.
पता :
श्रीमान् प्रधानाध्यापक जी,
यस.यस. हाईस्कूल, तांडूर।
प्रश्न 12.
अपने मित्र को पत्र लिखकर तुम्हारे देखे हृए किसी भी मैच का वर्णन कीजिए।
उत्तर :
हैदराबाद,
दि : X X X X
प्रिय मित्र गोपाल साई,
मैं यहाँ कुशल हूँ। समझता हूँ कि तुम कुशल हो। मैं ने हाल ही में हैदराबाद में एक क्रिकेट मैच देखा है। उसके बारे में मैं लिख रहा हूँ।
मैच में भाग लेने के लिए दो टीम आये। इंडिया और इंग्लैंड के बीच में स्पर्था चली। दोनों टीम के खिलाडी बडे उत्साह के साथ खेल रहे थे। भारत के खिलाडी बैटिंग कर रहे थे। सचिन ने चार छक्के चलाये। अजारुद्दीन ने पचास रन किये। 420 रन पर हमारे सभी खिलाडी आऊट हो गये हैं।
इंग्लैंड के खिालाडी उतनी उत्साह के साथ नहीं खेल सके। 275 रन पर सबके सब खिलाडी आऊट हो गये। इससे भारत के खिलाडी विजयी घोषित हुए। खेल बडे आनंद और उत्साह के साथ चला। हम अपने दोस्तों सहित बाहर आये । बाकी अगले पत्र में। माताजी से मेरा प्रणाम कहना।
तुम्हारा प्रिय मित्र,
डि.मूर्ति,
नौवी कक्षा ‘ए’,
मोडल हाईस्कूल, हैदराबाद।
पता :
यस. गोपाल साई
नौवी कक्षा,
करीमनगर।
प्रश्न 13.
अपने पिताजी को पत्र लिखकर पाँच सौ रुपये मँगवाइए।
उत्तर :
हैदराबाद,
दि : X X X X
पूज्य पिताजी,
प्रणाम,
मैं यहाँ कुशल हूँ। आशा है कि वहाँ आप सब कुशल हैं। में अच्छी तरह पढ़ रहा हूँ।
अगले सप्ताह हमारी कक्षा के सभी विद्यार्थी तुरुपति की यात्रा करनेवाले है। हमारे दो अध्यापक भी हमारे साथ आ रहे है । हम बालाजी के दर्शन करने के बाद मद्रास भी जाना चाहते हैं। मैं भी आपकी अनुमति पाकर उनके साथ जाना चाहता है। इसलिए ₹. 500 एम.ओ. करने की कृपा कीजिए। माताजी को मेरे प्रणाम कहिए।
आपका प्रिय पुत्र,
नं. X X X.
पता :
जी. रामप्रसाद जी,
डो.न. 9-1-84
निजामाबाद।
प्रश्न 14.
तुम्हारी साइकिल की चोरी हुई है। दारोगा साहब के नाम पत्र लिखिए।
उत्तर :
हैदराबाद,
दि : X X X X
प्रेषक :
न. X X X X,
ज़.प.उ. पाटशाला,
हैदराबाद।
सेवा में,
श्रीमान दारोगा साहब,
वन टउन पुलिस स्टेशन,
हैदराबाद।
प्रिय महाशय,
मेरा निवदेन है कि मैं कल शाम हिमालय होटल के सामने अपनी साइकिल रखकर चाय पीने अंदर गया। उसे ताला लगाना भूल गया। मैं चाय पीकर बाहर आया। लेकिन वहाँ साइकिल नहीं दिखाई पड़ी। मैंने वहाँ के लोगों से सइकिल के बारे में पुछताछ की। लेकिन साइकिल का पता नहीं चला। मेरी साइकिल ‘अम्बर’ की है। उसका रंग काला है। उसका नंबर – 345861 है। वह बिलकुल नयी सी लगती है। उसमें मिक्लर लाईट लगा है। अतः उसका पता लगाकर उसे दिलवाने की कृपा कीजिए।
आपका विश्वसनीय,
न. X X X X.
पता :
दारोगा साहब,
वन टउन पुलिस स्टेशन,
हैदराबाद।
प्रश्न 15.
आपके यहाँ बतुकम्मा का उत्सव धूमधाम से मनाया जाता है। मित्र को अपने यहाँ आने का निमंत्रण देते हुए पत्र लिखिए।
उत्तर :
मंचिर्याला,
ता. X X X X X
प्रिय मित्र प्रसाद,
मैं यहाँ कुशल हूँ। एक हफ्ते के पहले मैं बतुकम्मा की छुट्टियाँ बिताने यहाँ आया। यहाँ बतुकम्मा त्यौहार बडे धूमधाम से मनाया जाता है। बतुकम्मा रंग – बिरंगे फूलों से सजायी जाती है। नये – नये अलंकार किये जाते हैं। इसके समय दूर – दूर से कई यात्री आते है। नौ दिन यह उत्सव मनाया जाता है। स्त्रियाँ हर रोज बतुकम्मा खेलती है।
यह॰विशेषकर स्त्रियों कां त्यौहार है। बतुकम्मा के नौ दिन नौ रूपों में पूजते हैं। और उसका उत्सव बडी धूमधाम से मनाया जाता हैं।
तुम्हारा,
नं. X X X X
पता :
पी. प्रसादराव,
नोवी कक्षा (बी),
जिला परिषद हाई स्कूल,
नलगोंडा।
प्रश्न 16.
अपने भाई की शादी में शामिल होने के लिए अनुमति मांगते हए अपने कक्षाध्यापक के नाम पत्र लिखिए।
उत्तर :
निर्मल,
ता. X X X X X
प्रेषक
क्र. सं. X X X X
नौवी कक्षा,
शारदा हाई स्कूल,
निर्मल, आदिलाबाद।
पूज्य महोदय,
सादर प्रणाम। सेवा में निवेदन है कि मेरे भाई की शादी कल तिरुमला में होनेवाली है। में भी उस शादी में शामिल होना चाहता हूँ। इसलिए आपसे विनती है कि मुझे शादी में जाने की अनुमति दीजिए।
सधन्यवाद,
आपका आज्ञाकारी छात्र,
क्र.सं. XXX
नौंवी बी।
प्रश्न 17.
पुस्तकों की सूची देकर पुस्तके भेजने के लिए पुस्तक विक्रेता के नाम पत्र लिखिए।
उत्तर :
कोदाडा,
ता. XXXX
प्रेषक :
नंबर,
दसवी कक्षा,
गाँधीजी मुनिसिपल हाई स्कूल,
कोदाडा, नलगोंडा।
सेवा में :
ब्यवस्थापक,
द.भा.हि. प्रचार सभा,
हैदराबाद।
प्रिय महोदय,
निम्नलिखित पुस्तकें ऊपर दिये गये मेरे पते पर वी.पी.पी.के जरिए शीघ्र भेज़े की कृपा करें आपके नियमानुसार ₹. 150 अग्रिम भेज रहा हूँ। यथ नियम उचित कमीशन भी दीजिए। सभी किताबें जल्दी भेजिये। निम्नलिखित सूचना के अनुसार सभी किताबें भेज सकते हैं।
आवश्यक किताबें :
आपका,
न. XXX.
पता :
व्यवस्थापक,
पुस्तक बिक्री विभाग,
द.भा. हि.प्र.सभा,
हैदराबाद।