TS 9th Class Hindi Guide 9th Lesson रमज़ान

Telangana SCERT TS 9th Class Hindi Study Material Pdf 9th Lesson रमज़ान Textbook Questions and Answers.

TS 9th Class Hindi 9th Lesson Questions and Answers Telangana रमज़ान

प्रश्न – ప్రశ్నలు :

प्रश्न 1.
चित्र में क्या दिखाई दे रहा है?
(చిత్రములో ఏమి కనపడుతూ ఉన్నది?)
उत्तर :
चित्र में दो लड़के हैं। वे दोनों मुसलमान लड़के हैं। वे बडी खुशी से एक दूसरे का आंलिगन करते दिखाई दे रहे हैं।

प्रश्न 2.
देश के विकास के लिए एकता का क्या महत्व है?
(దేశాభివృద్ధికి ఐకమత్యమునకు గల విలువ ఏమిటి ?)
उत्तर :
देश में अनेक धर्म, जाति और संप्रदायों के लोग रहते हैं। उन सब में एकता की भावना अवश्य होनी चाहिए। एकता की भावना से सभी लोग मिलजुलकर, बिना किसी भेदभाव के प्रेम से रह सकते हैं। भाईचारे की भावना बढती है।

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प्रश्न 3.
हम धार्मिक सद्भावना कैसे बढ़ा सकते हैं?
(మనం మతపరమైన సద్భావనను ఎలా పెంపొందించగలం ?)
उत्तर :
विविध धर्मों के त्यौहारों को मनाकर, विविध धर्मोवालों से मिल -जुलकर रहते, भाईचारे और स्नेह के द्वारा धार्मिक सदृभावना को हम बढ़ा सकते हैं।

अर्थग्राह्यता-प्रतिक्रिया (అర్థమును తెలుసుకోవటం – జవాబు ఇవ్వటం)

अ. इन प्रश्नों के उत्तर सोचकर लिखिए। (ఈ ప్రశ్నలకు జవాబులు అలోచించి సమాధానం ఇవ్వండి)

प्रश्न 1.
सद्भावना के विकास में त्यौहारों का क्या महत्व है ?
(సద్బావన వికాసంలో పండుగల పాత్ర ఏమిటి?)
ज.
व्यक्ति, समाज और राष्ट्र के जीवन में त्यौहारों का विशेष महत्व होता है। त्यौहारों से मानव जीवन में सक्रियता बढती है। परिवार में उल्लास और आनंद छा जाता है। त्यौहार हमारी सामाजिक सोच और सामुदायिक जीवन को विकसित करते हैं, सामाजिक संबन्धों में आनेवाले तनावों को कम करते हैं। पारस्परिक प्रेम संबन्धों को मज़बूत करते हैं। त्यौहार राष्ट्र को एक सूत्र में बाँधते हैं। त्यौहार हमें अनुभव कराते हैं कि हमारी एक गौरवशाली परंपरा है और संस्कृति है। इनसे सद्भावना का विकास ज़रूर होता है।

(వ్యక్తి, సమాజం, దేశ జీవితములో పండుగలకు ప్రత్యేక విలువ ఉన్నది. పండుగల వలన మానవ జీవితములో క్రియాశీల గుణం పెరుగుతుంది. కుటుంబంలో ఉల్లాసం, సంతోషం వ్యాపిస్తాయి. పండుగలు మన సామాజిక ఆలోచనను సాముదాయక జీవితాన్ని వికసింపచేస్తాయి. సమాజ సంబంధాలలో వచ్చే ఒత్తిడులను తగ్గిస్తాయి. పరస్పర ప్రేమ సంబంధాలను దృఢపరుస్తాయి. పండుగలు దేశాన్ని ఒకే త్రాటిలో కట్టివేస్తాయి. మనది గౌరవనీయమైన సాంప్రదాయము, సంస్కృతి అని పండుగలు మనకు గుర్తు చేస్తాయి. వీటి వలన సద్భావము తప్పక వికసిస్తుంది.)

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प्रश्न 2.
त्यौहार मनाने में बच्चों की खुशियाँ कैसी होती हैं ?
(పండుగ జరుపుకొనడంలో పిల్లల ఆనందాలు ఎలా ఉంటాయి?)
उत्तर :
मानव जीवन में त्यौहारों का मनाना खास विषय होता है। त्यौहार मनाने में बच्चे बहुत खुशी से भाग लेते हैं। बच्चे तो नादान और निर्मल हृदयवाले होते हैं। इसलिए वे बिना किसी भेदभाव के सबसे प्रेमपूर्वक मिलजाते हैं। खुशी से अपने दोस्तों का अभिनंदन करते हैं। त्यौहार के समय नये कपडे पहनते हैं। विविध व्यंजनों के साथ भोजन करते हैं। इससे बच्चों की खुशियों की सीमा नहीं रहती है। संक्रांति, दीवाली, उगादि आदि त्यौहरों के समय तो उन त्यौहारों से संबन्धित चीज़ों से खेलते-कूदते हैं। स्वतंत्रता दिवस, गणतंत्र दिवस आदि त्यौहारों में भी वे बड़े खुश रहते और श्रद्धा से त्यौहार मनाकर देश भक्ति मन में भर लेते हैं।

(మానవ జీవితములో పండుగలు జరుపుకొనుట గొప్ప విషయము. పండుగ జరుపుకోవడంలో పిల్లలు చాలా సంతోషంగా పాల్గొంటారు. పిల్లలు అమాయకులు, నిర్మల హృదయులు. ఇందువలన ఎట్టి భేదభావములు లేకుండా అందరితో ప్రేమగా కలిసిపోతారు. ఆనందంతో తమ మిత్రులను అభినందించుకుంటారు. పండుగ సమయంలో క్రొత్త బట్టలు ధరిస్తారు. రకరకాల పిండి వంటలతో భోజనాలు చేస్తారు. దీని వలన పిల్లల ఆనందానికి హద్దే ఉండదు. సంక్రాంతి, దీపావళి, ఉగాది వంటి పండుగల సమయాలలో ఆయా పండుగలకు సంబంధించిన వస్తువులతో ఆడుతారు. స్వాతంత్య్ర దినోత్సవం, గణతంత్ర దినోత్సవం వంటి పండుగలప్పుడు కూడా వారు చాలా సంతోషంగా ఉంటారు. శ్రద్ధతో పండుగ జరుపుకొని దేశభక్తిని మనస్సులో నింపుకుంటారు.)

प्रश्न 3.
‘मानव सेवा ही माधव सेवा है।’ इस पर अपने विचार व्यक्त कीजिए।
(మానవ సేవయే మాధవసేవ. దీని గురించి మీ ఉద్దేశ్యము వ్యక్తపరచండి.)
उत्तर :
मानव सामाजिक प्राणी है। हर एक व्यक्ति समाज का अंग ही है। ज्ञानी और बुद्धिमान होने के कारण सबसे मानव मिलजुलकर रहना चाहता है। इसलिए समाज में रहनेवाले लोगों के बारे में सोचना आवश्यक सहायता करना मानव का सच्चा धर्म है। सेवा भाव ही मानव का उत्तम गुण है। अपने जीवन को सुचारू रूप से बिताते, साथ ही लोगों के काम आते, ज़रूरतमंदों की सहयता करने में तत्पर रहना है। मुसीबतों में रहे लोगों के कष्टों को दूर करना मानवता का चिह्न है। इसीलिए कहा गया है कि मानव सेवा ही माधव सेवा है। अर्थ है किं मानव की सेवा ही भगवान की सेवा है।

(మానవుడు సంఘజీవి. ప్రతి ఒక్క వ్యక్తి సమాజంలోని భాగమే. జ్ఞానవంతుడు, తెలివిగలవాడు అయిన కారణముగ అందరితో మానవుడు కలిసిమెలిసి ఉండాలని కోరుకుంటాడు. ఇందువలన సమాజంలో నివసించెడి వ్యక్తుల గురించి ఆలోచించడం, అవసరమైన సహాయం చెయ్యడం మానవుని అసలైన ధర్మం. సేవాభావమే మానవుని గొప్పగుణం. తన జీవితాన్ని సుఖకరంగా గడుపుతూ ప్రజలకు ఉపయోగపడుతూ, అవసరమైన వారికి సహాయం చేయుటలో సిద్ధంగా ఉండాలి. కష్టాలలో ఉన్న వారి కష్టాలను దూరం చేయడం మానవత్వం. ఇందువలననే మానవ సేవే మాధవ సేవ అని చెప్పబడింది.)

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आ. पाठ के आधार पर वाक्यों को सही क्रम दीजिए।
(పాఠం ఆధారంగా వాక్యములకు సరియగు క్రమం ఇవ్వండి.)
1. सभी धर्मों के लोग विविध प्रकार के उत्सव व त्यौहार मनाते हैं।
2. यहाँ अनेक धर्मों व जातियों के लोग रहते हैं।
3. ये त्यौहार समाज में खुशी और सजगता लाते हैं।
4. भारत प्राचीन और विशाल देश है।
उत्तर :
1. 3
2. 2
3. 4
4. 1

इ. इन वाक्यों के भाव स्पष्ट कीजिए।
(ఈ వాక్యముల భావములు స్పష్టం చేయండి.)

प्रश्न 1.
नागरिकता और सामाजिकता की भावनाएँ बढ़ती हैं।
(నాగరికత, సామాజిక భావనలు వృద్ధి చెందుతాయి.)
उत्तर :
रमज़ान मुसलमानों का प्रमुख त्यौहार है। रमज़ान महीने भर मुसलमान भाई रोज़े रखते हैं। रोज़ा का अर्थ है उपवास। सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक बिना खाये पिये दैनंदिन कार्य करते नियमपूर्वक रहते हैं। मन को अल्लाह की इबादत में लगाना रमज़ान का मुख्य उद्देश्य है। रोज़ा रखने से मनुष्य स्वस्थ व चुस्त बना रहता है। उसमें आत्मसंयम, आत्मनियंत्रण, आत्मविश्वास, आत्मानुशासन आदि गुण विकसित होते हैं। इस तरह रमज़ान त्यौहार से नागरिकता और सामाजिकता की भावनाएँ बढ़ती हैं।

प्रश्न 2.
उपवासों का यह पावन पर्व हमें मानव कल्याण का संदेश देता है।
(ఉపవాసాల ఈ పవిత్రమైన పండుగ మనకు మానవునికి మేలు చేయు సందేశము ఇచ్చుచున్నది.)
उत्तर :
रमज़ान मुसलमानों का पवित्र त्यौहार होते हुए भी सामाजिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है। यह शांति, अहिंसा, त्याग, परोपकार, न्याय, धर्म आदि महान गुणों का विकास करता है। हमें मानवता के रास्ते पर बढ़ने की प्रेरणा यह त्यौहार देता है। इसीलिए उपवासों का यह पावन पर्व हमें सद्भावना के सूत्रों में बाँधकर मानव कल्याण का संदेश देता है।

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ई. नीचे दी गयी पंक्तियाँ पढ़िए प्रश्नों के उत्तर लिखिए।
(క్రింద ఇవ్వబడిన పంక్తులు చదవండి. ప్రశ్నలకు జవాబులు వ్రాయండి.)
सूरज चाँद सितारों वाली
हमदर्दी की प्यारी प्यारी, ईद मुबारक।
हमको, तुमको, सबको अपनी,
मीठी मीठी ईद मुबारक ॥

प्रश्न (ప్రశ్నలు) :

प्रश्न 1.
सूरज चाँद सितारों वाली क्या है ?
उत्तर :
सूरज, चाँद, सितारों वाली ईद है।

प्रश्न 2.
ईद कैसी होती है ?
उत्तर :
ईद प्यारी-प्यारी, मीठी-मीठी हाती है।

प्रश्न 3.
किस किसको “ईद मुबारक” की शुभकामनाएँ दी गयी हैं ?
उत्तर :
हमको, तुमको, सबको ईद मुबारक की शुभकामनाएँ दी गयी हैं।

अभिव्यव्ति-सुजनात्मकता (వ్యక్తీకరణ-నిర్మాణాత్మకత)

अ. इन प्रश्नों के उत्तर दीजिए। (ఈ ప్రశ్నలకు జవాబులు ఇవ్వండి.)

प्रश्न 1.
रमज़ान का त्यौहार विश्व कल्याण की भावना बढ़ाने में सहायक है। कैसे ?
(రంజాన్ పండుగ విశ్వకళ్యాణ భావనను పెంపొందించుటలో సహాయపడును. ఎలా?)
उत्तर :
रमज़ान के महीने में रोज़ा रखने के कारण लोगों में आत्मसंयम, आत्मनियंत्रण, आत्मविश्वास और आत्म अनुशासन आदि गुण विकसित होते हैं। जिससे मानवता और सामाजिकता की भावनाएँ बढ़ती हैं। अपने कर्तव्यों का बोध होता है। गरीबों के दुख दर्दों का अनुभव किया जाता है और उसकी सहायता की जाती है। जिससे भाईचारे का विकास होता है। रमज़ान के महीने में चारों ओर परोपकार की भावना छा जाती है। जिससे मानव सेवा के पथ पर बढ़ने की प्रेरणा मिलती है। इस रमज़ान के महीने में विशेष रूप से दुआएँ माँगी जाती हैं। जिनमें विश्व कल्याण की भावना होती है। रमज़ान शांति, अहिंसा, त्याग, परोपकार, न्याय और धर्म आदि गुणों का विकास होता है।
उपर्युक्त इन सारे कारणों से हम कह सकते हैं कि रमजान का त्यौहार विश्व कल्याण की भावना को बढ़ाने में सहायक है।

(రంజాన్ నెలలో రోజా (ఉపవాసం) ఉండటం వలన ఆత్మసంయమనం, ఆత్మనియంత్రణ, ఆత్మవిశ్వాసం మరియు స్వయం క్రమశిక్షణ మొ॥గు గుణములు మనలో వికసించును. వీటి ద్వారా మానవత్వం సామాజికతత్వం అనే భావాలు మనలో పెంపొందించబడతాయి. మనకు వీటి ద్వారా కర్తవ్య బోధన జరుగును. పేదవారు, వారు అనుభవించుచున్న దుఃఖం పట్ల మనకు పరిచయం ఏర్పడి వారికి సహాయం చేయడం జరుగుతుంది. వీటి ద్వారా సోదర భావం పెంపొందించబడుతుంది. రంజాన్ నెలలో నాల్గువైపులా పరోపకార భావం వ్యాప్తి చెందుతుంది. దీనిద్వారా మానవ సేవా పథంలో పయనించుటకు ప్రేరణ కల్గుతుంది. ఈ రంజాన్ పండుగ కాలంలో విశేషంగా – ప్రార్థనలు ఆశీర్వాదాలు కోరబడతాయి. వీటిలో విశ్వకళ్యాణ భావం ఉంటుంది. రంజాన్ పండుగ శాంతి, అహింస, త్యాగం, పరోపకారం, న్యాయం మరియు ధర్మం మొ॥గు గుణాలను వికసింపజేస్తుంది.
పైన పేర్కొనబడిన ఈ అన్ని కారణముల వలన రంజాన్ పండుగ విశ్వకళ్యాణ భావనను పెంపొందించుటలో సహాయకారి కాగలదని చెప్పవచ్చు.)

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प्रश्न 2.
रमज़ान के त्यौहार के पीछे चाँद और सूरज की क्या भूमिका होती है ?
(రంజాన్ పండుగ వెనుక చంద్రుడు మరియు సూర్యుడి పాత్ర ఏమిటి?
उत्तर :
इस्लामी महीना चाँद के निकलने से शुरू होता है। रमज़ान का चाँद निकलने पर इसकी सूचना विविध प्रकार से दी जाती है। रमज़ान मास की सूचना मिलते ही मुस्लमान भाई रोजों की तैयारियों में लग जाते हैं और रमज़ान के महीने भर रोजें रखते हैं। रोज़ा यानि उपवास है। रोज़ा रखने के लिए सूर्योदय से लगभग डेढ़ घंटा पहले आहार लिया जाता है। इसे सहरी कहते हैं। इस प्रकार रमज़ान त्यौहार के पीछे चाँद और सूरज की भूमिका होती है।

(ఇస్లామీ (ఇస్లాం/ముస్లిం మతస్థుల) నెల చంద్రుని ఉదయించిన వెంటనే ప్రారంభమగును. రంజాన్ చంద్రుడు ఉదయించిన తర్వాత దీని సూచనను వివిధ రకాలుగా ఇస్తారు. రంజాన్ పండుగ సూచన లభించగానే మహమ్మదీయ (ముస్లిం) సోదరులు రోజా (ఉపవాస) ఏర్పాట్లలో నిమగ్నమగుదురు. రోజా అనగా ఉపవాసం. ఉపవాసం ఉండడానికి సూర్యోదయానికి దాదాపు గంటన్నర ముందు ఆహారం తీసికొనెదరు. దీనిని సహరీ అని అంటారు. ఈ విధంగా రంజాన్ పండుగకు వెనుక సూర్య – చంద్రుల భూమిక ఉంటుంది.)

प्रश्न 3.
त्यौहार किस तरह समाज में खुशी और सजगता लाते हैं?
(పండుగలు ఏ విధంగా సమాజంలో సంతోషాన్ని మరియు శోభను తీసుకువస్తాయి?)
उत्तर :
भारत विशाल एवं प्राचीन देश है। यहाँ अनेक धर्म, जाति और संप्रदाय के लोग रहते हैं। सभी धर्मों के लोग विविध प्रकार के उत्सव व त्यौहार मनाते हैं। ये त्यौहार समाज में खुशी और सजगता लाते हैं। ये भारतीय संस्कृति की शोभा में चार चाँद लगाते हैं। व्यक्ति, समाज और राष्ट्र के जीवन में त्यौहारों का अपना विशेष महत्व होता है। सभी के लिए इनका विशेष प्रयोजन है। ज़िम्मेदारियाँ और नित्य की एक रसता व्यक्ति के जीवन में नीरसता उत्पन्न करती है रोज़ एक जैसी जीवन चर्चा, एक जैसा भोजन, वहीं कपड़े, वहीं दौड़ -धूप। इसीलिए हर परिवार में त्यौहार की बेचैनी के साथ प्रतीक्षा रहती है। जब त्यौहार आजाता है। तो पूरे परिवार में सक्रियता बढ़ जाती है। परिवार में आनंद और उल्लास छा जाता है। हमारी नीरसता और ऊब समाप्त हो जाती है। हमारा जीवन नयी शक्ति नयी उमंग और उत्साह से भर जाता है। पर्व पारस्परिक प्रेम संबंधों को मज़बूत करते हैं। त्यौहार हमें उल्लास, उत्साह और उमंग भर देते हैं। इस प्रकार त्यौहार समाज में खुशी और सजगता लाते हैं।

(భారతదేశం విశాలమైన దేశం మరియు ప్రాచీన దేశం. ఇక్కడ అనేక మతాలకు, జాతులకు, సాంప్రదాయాలకు చెందిన ప్రజలు నివసిస్తున్నారు. అన్ని మతాలకు చెందిన ప్రజలంతా వివిధ రకాల పండుగలను జరుపుకుంటారు. ఈ పండుగలు సమాజంలో సంతోషాన్ని, మెలుకువను తీసుకువస్తాయి. ఇవి భారతీయ సంస్కృతి శోభను, వికసింపజేస్తున్నాయి. వ్యక్తులు, సమాజం మరియు దేశం జీవితంలో పండుగలకు విశేష ప్రాధాన్యత ఉన్నది. అందరికీ వీటి ద్వారా విశేష ప్రయోజనం కల్గుతుంది. బాధ్యతలు, ప్రతిదినం ఒకే విధమైన క్రియాకలాపాల వల్ల వ్యక్తిగత జీవనం, దైనందిన జీవనంలో నీరసం ఉత్పన్నమగును. రోజూ ఒకే విధమైన దినచర్య, ఒకే విధమైన భోజనం, అవే బట్టలు. అందువల్ల ప్రజలందరూ పండుగల కోసం ఎదురుచూస్తూ ఉంటారు. పండుగ రాగానే కుటుంబంలోని సభ్యులందరి క్రియాకలాపాలు పెరిగిపోతాయి. కుటుంబంలో ఆనందం ఉల్లాసం చోటు చేసుకుంటాయి. మన నీరసం, విసుగు తొలగిపోతాయి. మన జీవితంలో నూతన శక్తి, నూతన ఉత్సాహం, నూతన ఉల్లాసం నిండుతుంది. పండుగలు పరస్పర ప్రేమ సంబంధాలను దృఢం చేస్తాయి. పండుగలు ఉత్సాహాన్ని, ఉల్లాసాన్ని కోర్కెలను కల్గిస్తాయి.
ఈ విధంగా పండుగలు సమాజంలో సంతోషాన్ని, మెలుకవను కల్గిస్తాయి.)

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आ. पाठ में रमज़ान के त्यौहार के बारे में बताया गया है। आप किसी त्यौहार के बारे में निबंध लिखिए।
(పాఠంలో రంజాన్ పండుగ గురించి చెప్పబడినది, మీరు ఏదేని పండుగ గురించి వ్యాసం వ్రాయండి.)

संक्रांति (पोंगल) (సంక్రాంతి (పొంగల్))

प्रस्तावना : भारत का भूगोल निराला है। यहाँ सब तरह की ऋतुएँ, सब तरह के मौसम तथा सब तरह की वनस्पतियाँ पायी जाती है। प्रकृति का हमें अनुपम वरदान मिला है। हम भारतवासी पर्व मनाकर प्रकृति के प्रति अपना आभार प्रकट करते हैं।

मकर संक्रांति भारत का एक प्रसिद्ध त्यौहार है। इसे दक्षिण भारत के लोग पोंगल भी कहते हैं। यह ऋतु प्रधान पर्व है। उत्तर और दक्षिण भारत में यह त्यौहार धूमधाम से मनाया जाता है। संक्राति हर साल 14 जनवरी को मनायी जाती है। इस त्यौहार का संबंध सूर्य भगवान से है। सूर्य भगवान इस दिन दक्षिणायन से उत्तरायण चलता है। इस कारण इसे उत्तरायण भी कहते हैं। इस दिन सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता है। ऐसा विश्वास है इस दिन स्वर्ग के द्वार खुल जाते हैं।

विषय : सूर्य भगवान की कृपा से बहुत फ़सलें होती हैं। को पोंगल बनाकर पोंगल के दिन भेंट चढ़ाते हैं। बन्धु यह त्यौहार तीन दिन मनाया जाता है। पहले दिन को भोगी कहते हैं। दूसरे दिन को संक्रांति (पोंगल) मनाते हैं। तीसरे दिन को कनुमा कहते हैं।

इसलिए कृतज्ञ किसान नयी फ़सल से सूर्य भगवान मित्रों से मिलकर खुशी मनाते हैं।
इस दिन बड़े सबेरे ही जागकर सिरो स्नान करके नये कपडे पहनते हैं। तरह तरह के पकवान बनाकर खाते हैं। इस त्यौहार की तैयारी एक मीहने के पहले से ही होती है। घर और मकान साफ़ किये जाते हैं। चूना पोता जाता है।

उपसंहार : त्यौहार के समय किसान लोग बैलों की, गायों की पूजा करते हैं। गाँव- गाँव में कोलाहल मच जाता है। मुर्गों की होड, भेड़ों की भिडाई आदि होते हैं। बैलों की होड भी होती है। बच्चे रंग-बिरंगे पतंगे उड़ाते हैं। इस तरह सब लोग आनंद प्रमोद के साथ त्यौहार मनाते हैं।

(సంక్రాంతి (పొంగల్)

ప్రస్తావన : భారతదేశ భూగోళం సాటిలేనిది. ఇక్కడ అన్ని రకాల ఋతువులు మరియు వనమూలికలు ఉంటాయి. (లభ్యమగుతాయి) ప్రకృతి నుండి మనకు అంతులేని వరం లభించింది. మన భారతీయులం పండుగలు జరుపుకుని ప్రకృతి పట్ల మన ప్రేమను ప్రకటిస్తాము.
మకర సంక్రాంతి భారతదేశపు ఒక పెద్ద పండుగ మరియు ప్రసిద్ధి చెందిన పండుగ. దీనిని దక్షిణ భారతదేశ ప్రజలు పొంగల్ అని కూడా పిలిచెదరు. ఇది ఋతు ప్రధానమైన పండుగ ఉత్తర మరియు దక్షిణ భారతదేశంలో ఈ పండుగను వైభవోపేత వైభవంగా జరుపుకుంటారు. సంక్రాంతి పండుగ ప్రతి సంవత్సరం జనవరి 14వ తేదీన జరుపుకొనబడుతుంది. ఈ పండుగ సూర్యభగవానునితో సంబంధాన్ని కల్గి ఉన్నది. సూర్యుడు ఈ రోజున దక్షిణాయనము నుండి ఉత్తరాయణం పయనిస్తాడు. ఈ కారణంగా ఈ పండుగను ఉత్తరాయణ పండుగ అని కూడా అంటారు. ఈ రోజున సూర్యుడు మకరరాశిలోనికి ప్రవేశిస్తాడు. ఈ రోజున స్వర్గపు ద్వారాలు తెరచి ఉంటాయని ప్రజల విశ్వాసం (నమ్మకం).
విషయం : సూర్యభగవానుని కృప వలన పంటలు బాగా పండుతాయి. అందువలన కృతజ్ఞతా సూచికగా నూతన పంటతో సూర్యభగవానునికి పొంగలి చేసి ఈ పొంగల్ (సంక్రాంతి) పండుగ రోజు సూర్యునికి అర్పిస్తారు. బంధుమిత్రులతో కలసి సంతోషంగా పండుగ జరుపుకుంటారు.
ఈ పండుగను మూడు రోజులపాటు జరుపుకుంటారు. మొదటి రోజున భోగి పండుగ అంటారు. రెండవ రోజును సంక్రాంతి పండుగగా జరుపుకుంటారు. మూడవ రోజున కనుమ పండుగ జరుపుకుంటారు.
ఈ రోజున చాలా ఉదయాన్నే నిద్ర లేచి ప్రజలు తలస్నానం చేసెదరు. నూతన వస్త్రాలను ధరించెదరు. రకరకాల పిండివంటలను చేసి భుజించెదరు. ఈ పండుగ కోసం నెలరోజుల ముందు నుండి ఏర్పాట్లు చేసెదరు.
ఇల్లు – భవంతులను శుభ్రం చేసుకొని సున్నం లేదా రంగులతో అలంకరించుకుందురు.
ముగింపు : ఈ పండుగ సందర్భంగా రైతులు తమ ఎద్దులను, ఆవులను పూజించెదరు. గ్రామగ్రామాన, కోలాహల వాతావరణం అలముకుంటుంది. కోళ్ళ పందెములు, గొజ్జెల పోటీలు మొ||నవి ఏర్పాటు చేసెదరు. ఎద్దుల పందెములు కూడా జరుపబడును. పిల్లలు రంగురంగుల గాలి పటాలను ఎగురవేసెదరు. ఈ విధంగా అందరూ ఆనందతన్మయాలతో సంక్రాంతి పండుగను జరుపుకుందురు.)

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इ. अन्य धर्म के सहपाठियों को उनके त्यौहार की शुभकामनाएँ देते हुए तीन संक्षिप्त संदेश (एस.एम.एस.) लिखिए।
(ఏదైనా పండుగ శుభాకాంక్షలు చెబుతూ మూడు ఎస్.ఎమ్.ఎస్లు వ్రాయండి.)
उत्तर :
1. ईद मुबारक
2. हमदर्दी की प्यारी – प्यारी ईद मुबारक
3. ईद-उल-फितर की शुभकामनाएँ
(ఆత్మసంయమనం మరియు క్రమశిక్షణ అను వాటికి మన జీవితంలో ఎలాంటి మహత్యం కలదో చెప్పండి.)
उत्तर :
हमारे मानव जीवन में आत्मसंयम और अनुशासन दोनों का विशेष महत्व रहता है। इन दोनों से हमारा जीवन नियमबद्ध रहता है। हमारे जीवन में इन दोनों के कारण विकास आता है। इन दोनों के कारण ही देश की उन्नति होती है।

आत्मसंयम : आत्मा को नियंत्रित रखना ही आत्मसंयम है। आत्मसंयम के कारण हम कोई भी इच्छाओं के बिना जी सकते हैं। आत्मसंयम के कारण हमें अपने कर्तव्यों के प्रति बोध होता है। इसीके कारण मानवता तथा सामाजिकता की भावनाएँ बढ़ती हैं। आत्मसंयम के कारण ही गरीबों और ज़रूरतमंदों की सहायता की प्रेरणा मिलती है। आत्मसंयम के कारण ही आत्म नियंत्रण आत्मविश्वास, आत्मधैर्य आदि भावनाएँ विकसित होती हैं।

अनुशासन हमें जो करना है, जो न करना है, कैसा जीना है, कैसे न जीना है, समाज में कैसा रहना है आदि हमें अनुशासन के द्वारा ही मालूम होते हैं। नियमबद्ध तथा शासनबद्ध रहना ही अनुशासन है। हर एक में आत्मानुशासन होना चाहिए। अनुशासनसहित समाज ही उत्तम समाज है। अनुशासित देश ही उत्तम देश है। इससे कर्तव्य बोध होता है।

(మన మానవ జీవితంలో ఆత్మసంయమనం మరియు క్రమశిక్షణ రెండింటికీ విశేష మహత్యం కలదు. ఈ రెండిటి కారణంగా మన జీవితం నియమబద్ధంగా తయారవుతుంది. మన జీవితంలో ఈ రెండిటి కారణంగా అభివృద్ధి కల్గుతుంది. ఈ రెండింటి కారణంగానే దేశం అభివృద్ధి చెందుతుంది.

ఆత్మసంయమనం : ఆత్మను నియంత్రించడమే ఆత్మ సంయమనం. దీని కారణంగా మనం ఎటువంటి కోరికలు లేకుండా జీవించవచ్చు. దీని కారణంగా మనం మన కర్తవ్యాలను గుర్తెరుగుతాము. దీని కారణంగానే మానవత్వం, సామాజిక తత్వం భావనలు మేల్కొంటాయి. ఆత్మసంయమనం కారణంగానే పేదవారికి, అవసరమైన వారికి సహాయం చేయవలెననెడి ప్రేరణ కలుగుతుంది. ఆత్మసంయమనం కారణంగానే ఆత్మ నియంత్రణ, ఆత్మ విశ్వాసం, ఆత్మ ధైర్యము మొ||గు భావాలు మనలో వికసిస్తాయి.

క్రమశిక్షణ : మనం ఏమి చేయాలో, ఏది చేయరాదో, ఎలా జీవించాలో, ఎలా జీవించకూడదో, సమాజంలో ఎలా మసలుకోవాలో మొ॥గు విషయాలు మనకు క్రమశిక్షణ ద్వారానే తెలుస్తాయి. నియమబద్ధంగా, శాసనబద్ధంగా ఉండడమే క్రమశిక్షణ. ప్రతి ఒక్కరిలో స్వయం క్రమశిక్షణ (ఆత్మక్రమశిక్షణ) ఉండాలి. క్రమశిక్షణ కల్గిన సమాజమే ఉత్తమమైనది. క్రమశిక్షణ కల్గిన దేశమే ఉత్తమమైనది. క్రమశిక్షణ ద్వారా మన కర్తవ్యాలు జ్ఞప్తికి వస్తాయి.)

TS 9th Class Hindi Guide 9th Lesson रमज़ान

भाषा की बात (భాషా విషయము) :

अ. वाक्य पढ़िए। भेद समझिए। (వాక్యములు చదవండి. తేడా గమనించండి.)
TS 9th Class Hindi Guide 9th Lesson रमज़ान 1

1. रोज़े रखते हैं। – रोज़े रखे जाते हैं।
2. बच्चे खुशी मनाते हैं। – बच्चों के द्वारा खुशी मनायी जाती है।
3. ईद का चाँद देखते हैं। – ईद का चाँद देखा जाता है।
4. इसे सहरी कहते हैं। – इसे सहरी कहा जाता है।
5. लड़के ने रोटी खायी। – लड़के से रोटी खायी गयी।
6. लड़का रोटी खाता है। – लड़के से रोटी खायी जाती है।
7. लड़का दौड़ नहीं सकता। – लड़के से दौड़ा नहीं जाता।

1. ఉపవాసములు ఉంటారు. – ఉపవాసములు ఉండబడతాయి.
2. పిల్లలు ఆనందం అనుభవింతురు. – పిల్లలచే ఆనందం అనుభవించబడును.
3. ఈద్ చంద్రుడిని చూస్తారు. – ఈద్ చంద్రుడు చూడబడతాడు.
4. దీనిని సహరీ అందురు. – ఇది సహరీ అనబడుతుంది.
5. బాలుడు రొట్టె తినెను. – రొట్టె తినబడెను.
6. బాలుడు రొట్టె తినును. (తినుచున్నాడు.) – బాలుడిచే రొట్టె తినబడుచున్నది.
7. బాలుడు పరుగెత్తలేడు. – బాలునిచే పరుగెత్తబడజాలదు.)

TS 9th Class Hindi Guide 9th Lesson रमज़ान 4

आ. वाच्य के प्रकार : (వాచ్యము యొక్క భేదములు)

TS 9th Class Hindi Guide 9th Lesson रमज़ान 2

1. కర్రువాచ్యము: కర్తను అనుసరించి క్రియ ఉండి, వాక్యములో కర్త ప్రధానమైతే, కర్రువాచ్యము.
ఉదా : బాలుడు రొట్టె తినుచున్నాడు.
2. కర్మవాచ్యము : కర్మను అనుసరించి క్రియ ఉండి, వాక్యములో కర్మ ప్రధానమైతే కర్మవాచ్యము. ఉదా : బాలునిచే రొట్టె తినబడుచున్నది.
3. భావవాచ్యము : క్రియ యొక్క భావమును అనుసరించి క్రియ ఉన్నచో, క్రియ యొక్క భావము ప్రధానమైతే భావవాచ్యము: ఉదా : బాలునిచే పరుగెత్తబడజాలదు.

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इ. निम्नलिखित इस्लामी महीनों के नाम पढ़िए और समझिए।
(క్రింద వ్రాసిన ఇస్లామీ నెలల పేర్లు చదవండి, తెలుసుకోండి.)

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TS 9th Class Hindi Guide 9th Lesson रमज़ान 5

परियोजना कार्य (నిర్మాణాత్మక పని/ప్రాజెక్ట్ పని) :

प्रश्न 1.
किसी एक व्यंजन बनाने की विधि पता कीजिए और लिखिए।
(ఏదేని ఒక పదార్థమును తయారు చేయు విధానము తెలుసుకొని వ్రాయండి.)
अ) उगादि पच्चडी
आ) शीरखुर्मा
इ) क्रिसमस केक
उत्तर :
उगादि पञ्चडी (ఉగాది పచ్చడి) उगादि हिन्दुओं का प्रमुख और मुख्य त्यौहार है। इस त्यौहार के दिन हिन्दू लोग उगादि पच्चडी बनाते हैं। पच्चडी का अर्थ है चटनी। इसकी षडरुचियाँ होती हैं। इमली, गुड, कच्चा, आम, नमक, नीम के फूल, हरी मिर्च आदि से यह चटनी बनती है। इमली से खटास, गुड से मिठास, कच्चे आम से कसैलापन, नमक से नमकीन, नीम के फूलों से कडुवाहट और हरी मिर्ची से तीखापन इसमें मिलते हैं। इन्हीं से छः स्वादों की चटनी बनायी जाती है।

बनाने की विधि : उगादि पच्चडी बनाने के लिए आवश्यक चीजें इकट्ठी की जाती हैं। पहले एक बरतन में पकी इमली को पानी में भिगोते हैं। थोड़े समय बाद उसे हाथ से पीसते रस निकालते हैं। गुड और नमक उस रस में पूरी तरह घुल जाने तक मिलाते हैं। तब तक रस चिकनी होती है। उसमें नीम के फूल डालते हैं। कच्चे आम और हरी मिर्च को छोटे-छोटे टुकड़ों में काटकर उस रस में मिलाते हैं। अब बन गयी है चटनी | उसे प्रसाद के रूप में सब खाते हैं। ये छ: स्वाद जीवन के तरह-तरह के अनुभवों के प्रतीक हैं। इससे हमें यह संदेश मिलता है कि जीवन सुख-दुःखों का संगम है।

प्रश्न-II

प्रश्न 1.
सहरी क्या है ?
సహరీ ఏమిటి?
उत्तर :
रमज़ान मास की सूचना मिलते ही मुसलमान भाई रोज़ों की तैयारियों में लग जाते हैं और रमज़ान के महीने भर रोज़े रखते हैं। रोज़ा मानी उपवास है। रोज़ा रखने के लिए सूर्योदय से लगभग डेढ़ घंटा पहले आहार लिया जाता है। इसे सहरी कहते हैं।

(రంజాన్ నెల గురించి సూచన అందగానే మహమ్మదీయ సోదరులు ఉపవాసాల ఏర్పాట్లలో నిమగ్నము అవుతారు. రంజాన్ నెల మొత్తం ఉపవాసాలు ఉంటారు. రోజా అనగా ఉపవాసము. ఉపవాసము ఉండుటకు సూర్యోదయానికి సుమారు గంటన్నర ముందు ఆహారం తీసుకుంటారు. దీనినే సహరీ అంటారు.)

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प्रश्न 2.
उपवासों से किन गुणों का विकास होता है ?
(ఉపవాసముల వలన ఏ గుణాలు వికసిస్తాయి?)
उत्तर :
रोज़ा माने उपवास है। रोज़ा रखने से मनुष्य स्वस्थ व चुस्त बना रहता है। उसमें आत्मसंयम, आत्मनियंत्रण, आत्मविश्वास, आत्मानुशासन आदि गुण विकसित होते हैं। इनसे सामाजिकता की भावना बढती है। अपने कर्तव्यों का बोध होता है। गरीबों के दुख बाधाओं का अनुभव होता है। उनकी सहायता करने को मन चाहता है।

प्रश्न-II

प्रश्न 1.
रोज़े के बारे में लिखिए।
(ఉపవాసము గురించి వ్రాయండి.)
उत्तर :
मुसलमान लोग रमज़ान त्यौहार के महीने भर रोज़ा रखते हैं। रोज़ा मानी उपवास है। सहरी के बाद उपवास आरंभ होता है। उपवास माने बिना खाये, पिये दैनिक कार्य करते, मन को अल्लाह की इबादत में लगाना है। रोज़ा रखने से मनुष्य स्वस्थ व चुस्त बना रहता है। उसमें आत्मसंयम, आत्मनियंत्रण, आत्मविश्वास, आत्मानुशासन आदि गुण विकसित होते हैं। इससे सामाजिकता की भावना बढती है। अपने कर्तव्यों का बोध होता है, गरीबों के दुख-दर्दों का अनुभव किया जाता है और उनकी सहायता की जाती है। रोज़ा सूर्यास्त के साथ ही खजूर, फल, मेवा, पानी आदि से खोला जाता है। इसे इफ़्तार कहते हैं। कई स्थानों पर इफ़्तार की दावत भी रखी जाती है जिससे भाईचारे का विकास होता है।

(మహమ్మదీయులు రంజాన్ పండుగ నెల అంతా ఉపవాసము ఉంటారు. రోజా అంటే ఉపవాసము. సహరీ అయిన తరువాత ఉపవాసం ఆరంభమవుతుంది. ఉపవాసం అంటే తినకుండా, త్రాగకుండా దైనందిన పనులు చేస్తూ మనస్సును అల్లా ప్రార్థనలో నిమగ్నం చెయ్యడం. ఉపవాసం ఉండడం వలన మనిషి ఆరోగ్యవంతుడుగాను, చురుకుగాను తయారౌతాడు. అతనిలో ఆత్మనిగ్రహము, ఆత్మనియంత్రణ, ఆత్మ విశ్వాసం, క్రమశిక్షణ మొదలగు గుణములు వికసిస్తాయి. దీనితో సామాజిక భావము పెరుగుతుంది. తన కర్తవ్యము గురించి తెలుస్తుంది. బీదవారి దుఃఖబాధలు అర్థం చేసుకోబడి వారికి సహాయపడటం జరుగుతుంది. ఉపవాసం సూర్యాస్తమయంతో ఖర్జూరం, పండ్లు, ఎండిన పండ్లు, నీరు మొదలగు వానితో విరమించబడుతుంది. దీనిని ఇఫ్తార్ అందురు. అనేక చోట్ల ఇఫ్తార్ విందులు ఏర్పాటు చేయబడతాయి. దీనివలన సోదరభావము వికసిస్తుంది.)

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प्रश्न 2.
त्यौहारों के विषय में भारत की क्या विशेषता है ?
(పండుగల విషయంలో భారత్ ప్రత్యేకత ఏమిటి?)
उत्तर :
भारत विशाल देश है। यहाँ अनेक धर्म, जाति और संप्रदाय के लोग रहते हैं। फिर भी भारत एक है और इसकी संस्कृति भी एक है। पर्व सारे राष्ट्र को एक सूत्र में बाँधते हैं। पर्व हमें अपने पूर्वजों और उनके उपदेशों का स्मरण दिलाते हैं। जीवन में विषमताओं से संघर्ष करने की प्रेरणा पर्वों से मिलती है। भारत में हर मास अनेक पर्व सोल्लास मनाये जाते हैं। इस कारण से भारत को पर्वों का देश कहा गया है। अन्य देशवासियों की अपेक्षा भारत के लोग ज़्यादा पर्व और उत्सव मनाते हैं। यही भारत की रीति है। भारतवासी स्वभाव से ही उत्सव प्रेमी हैं। इस तरह भारत को पर्वों का देश कहना बहुत ही उचित है।

(భారత్ విశాలమైన దేశము. ఇక్కడ అనేక మతముల, కులాల, సాంప్రదాయాల ప్రజలు నివసిస్తున్నారు. అయినప్పటికీ భారత్ ఒక్కటే, దీని సంస్కృతి కూడా ఒక్కటే. పండుగలు మొత్తం దేశాన్ని ఒకే త్రాటిలో బంధిస్తున్నాయి. పండుగలు మనకు మన పూర్వీకులు, వారి మంచి ఉపదేశాలను గుర్తుకు తెస్తాయి. జీవితంలో వైషమ్యాలను ఎదుర్కొనే ప్రేరణ పండుగల నుండి లభిస్తుంది. భారత్లో ప్రతీనెలా అనేక పండుగలు సంతోషంగా జరుపుకొనబడతాయి. ఈ కారణంగా భారత్ పండుగల దేశమని చెప్పబడింది. ఇతర దేశవాసులకంటే భారత ప్రజలు ఎక్కువగా పండుగలు, ఉత్సవములు జరుపుకుంటారు. ఇదీ భారతీయ పద్ధతి.)

अर्थग्राह्यता-प्रतिक्रिया 

अपठित गद्यांश :

निम्न लिखित गद्यांश पढ़कर दिये गये प्रश्नों के उत्तर एक वाक्य में दीजिए।

I. सबेरे समय मगर जल के पास रेत में लेटने और सोने के लिए आता है। जाड़ों में तो वह देर तक धूप लेता रहता है। मगर फागुन – चैत में अंडे देता है। अण्डे उसके बड़े – बड़े होते हैं। बह उनको रेत में गहरा गाड़ता है। साधारण तौर पर वह मछलियाँ खाता है। मुँह खोल लिया, पानी फुफकारता रहा, और मछलियों को निगलता रहा।

प्रश्न :
1. मगर जल के पास में लेटने तथा सोने के लिए कब आता है ?
2. किन दिनों में तो वह देर तक धूप लेता रहता है ?
3. मगर के अंडे कैसे होते हैं ?
4. साधारण तौर पर मगर किन्हें खाता है ?
5. मगर अंडे कब देता है ?
उत्तर :
1. सबेरे समय मगर जल के पास में लेटने तथा सोने के लिए आता है।
2. जाड़ों में तो वह देर तक धूप लेता रहता है।
3. मगर के अंडे बडे बडे होते हैं।
4. साधारण तौर पर मगर मछलियाँ खाता है।
5. मगर फ़ागुन चैत्र में अंडे देता है।

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II. सीमित जनसंख्या से मानव सुखमय होता है। नहीं तो आबादी के बढ़ जाने से देश में अन्न की समस्या बनी रहती है। इस कारण बढती हुई आबादी को रोककर सीमित संख्या में बच्चों को जन्म देना चाहिए। इसके अंतर्गत मनुष्य को योजनाएँ बनाकर जीवन बिताने की आवश्यकता है। नहीं तो बढ़ती जनसंख्या के कारण भविष्य में चीजें नहीं मिलेंगी। पैसा रहकर भी लोग रोते रहेंगे। परिणाम बहुत बुरे होंगे।

प्रश्न :
1. मानव जीवन किससे सुखमय होता है ?
2. “आबादी” शब्द का अर्थ क्या है ?
3. योजनाएँ बनाकर जीवन बिताने की आवश्यकता किसको है?
4. आबादी के बढ़ने से परिणाम कैसे होंगे ?
5. कितने बच्चों को जन्म देना चाहिए ?
उत्तर :
1. मानव जीवन सीमित जनसंख्या से सुखमय होता है।
2. आबादी शब्द का अर्थ है “जनसंख्या “।
3. मनुष्यों को योजनाएँ बनाकर जीवन बिताने की आवश्यकता है।
4. आबादी बढ़ने से देश में अन्न की समस्या बनी रहती है और परिणाम बहुत बुरे होंगे।
5. सीमित संख्या में बच्चों को जन्म देना चाहिए।

III. नारायण बडा धनी था। वह सदा घमंड के साथ रहता था। वह अपने काम स्वयं करना बड़ा अपमान समझता था। वह बडा आलसी था। इसलिए उसका सारा धन खर्च हो गया। वह अमीर से गरीब बन गया। अनेक नौकरों से सेवा लेनेवाले नारायण को स्वयं रोजगारी के लिए नौकरी करनी पडी। इसे -देखकर सब लोगों ने कहा कि कभी गाडी नाव पर कभी नाव गाडी पर।

प्रश्न :
1. अपने काम स्वयं करना कौन अपमान समझता था ?
2. नारायण कैसा आदमी था ?
3. वह रोज़गारी के लिए क्या करने लगा ?
4. उसका सारा धन क्या हो गया ?
5. इसे देखकर सब लोगों ने क्या कहा ?
उत्तर :
1. अपने काम स्वयं करना नारायण अपमान समझता था।
2. नारायण आलसी, धनी और घमंडी था।
3. वह रोज़गारी के लिए नौकरी करने लगा।
4. उसका सारा धन खर्च हो गया।
5. इसे देखकर सब लोगों ने कहा कि कभी गाड़ी नाव पर और कभी नाव गाड़ी पर।

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IV. हमारे पर्वतों में सबसे प्रसिद्ध, ऊँचे और विशाल पर्वत हिमालय हैं। ये हमारे देश की उत्तरी सीमा पर हैं। ये बहुत सुंदर हैं। हमेशा हिम से ढके रहते हैं। हिम मानी बरफ़ है। हिम से ढके रहने के कारण ही इन्हें हिमालय कहते हैं। हिमालय की पर्वत मालाएँ भारतीयों के लिए पवित्र हैं। ये भारतीय संस्कृति और जीवन से जुडे हुए हैं। अनेक नदियों का उद्गम स्थान इन्हीं पहाड़ों में है। गंगा, यमुना, ब्रह्मपुत्रा आदि जब नदियाँ इन्हीं से जन्म लेती हैं। इन नदियों से उत्तर भारत की विस्तृत भूमि सींची जाती है। विश्व में सबसे ऊँचा शिखर “एवरेस्ट” हिमालय में ही है।

प्रश्न :
1. हमारे देश की उत्तरी सीमा पर क्या है ?
2. हिम मानी क्या है ?
3. हिमालय पर्वतों में कौन कौनसी नदियाँ जन्म लेती हैं?
4. विश्व में सबसे ऊँचा शिखर क्या है ?
5. भारतीय संस्कृति और जीवन से जुडे हुए पर्वतों का नाम क्या है ?
उत्तर :
1. हमारे देश की उत्तरी सीमा पर हिमालय पहाड है।
2. हिम मानी बरफ़ है।
3. हिमालय पर्वतों में गंगा, यमुना और ब्रह्मपुत्र आदि जीव नदियाँ जन्म लेती हैं।
4. विश्व में सबसे ऊँचा शिखर एवरेस्ट है।
5. भारतीय संस्कृति और जीवन से जुडे हुए पर्वत हिमालय हैं।

उद्द्शेश्य (ఉద్దేశ్యము) :

निबंध की जानकारी के साथ निबंध लेखन का अभ्यास करना। त्यौहार मानवता का संदेश देते हैं। इस पाठ के द्वारा संस्कृति और सद्भावना का विकास करना।

(వ్యాస ప్రకర్రియను తెలిసకననని వ్యాసం వ్రాయుటకు ప్రయత్నించుట. పండుగలు మానవత్వపు సందేశం ఇక్చుచున్నవి. ఈ పాఠం ద్వారా విద్యార్థలలలో సంస్కృతి, సద్భావము వికసింపజేయాలి.)

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సారాంశము :

భారత్ ప్రాచీన, విశాలమైన దేశము. ఇక్కడ అనేక మతముల, కులముల ప్రజలు నివసిస్తున్నారు. అన్ని మతాల ప్రజలు అనేక రకముల ఉత్సవములు, పండుగలు జరుపుకుంటారు. ఈ పండుగలు సమాజంలో సంతోషము, చైతన్యము తీసుకువస్తాయి. ఇవి భారతీయ సంస్కృతి గొప్పతనాన్ని పెంపొందింపచేస్తున్నాయి. ఇటువంటి గొప్పవైన పండుగలలో ఈద్-ఉల్-ఫితర్ కూడా ఒకటి. దీనిని రంజాన్ అని కూడా అంటారు.

రంజాన్ మహమ్మదీయ మతానికి చెందిన ముఖ్యమైన పండుగ. వాస్తవానికి రంజాన్ మహమ్మదీయ మతము యొక్క తొమ్మిదవ నెల పేరు. మహమ్మదీయ మతపు ఐదు మూల సిద్ధాంతములు 1. విశ్వాసము 2. ప్రార్ధన 3. ఉపవాసము 4. దానము 5. మక్కా యాత్రలో మూడవది ఉపవాసము. దీనిని రంజాన్ నెలలో పాటిస్తారు.

ప్రార్థనలు, సంపదల నెల ఇది. ఈ నెలలోనే పవిత్ర కురాన్-ఎ-షరీఫ్ అవతరింపబడినదని విశ్వసింపబడుచున్నది. ఇస్లామీ (మహమ్మదీయ) నెల చంద్రుడు (నెల పొడుపు) కనపడటంతో ఆరంభము అవుతుంది. రంజాన్ చంద్రుడు కనిపించగానే దీని సమాచారము అనేక రకములుగా ఇవ్వబడుతుంది. రంజాన్ నెల గురించి తెలియగానే మహమ్మదీయ సోదరులు ఉపవాసాల ఏర్పాట్లలో నిమగ్నము అవుతారు, రంజాన్ నెల మొత్తం ఉపవాసాలు ఉంటారు. రోజా అనగా ఉపవాసము. ఉపవాసము ఉండుటకు సూర్యోదయానికి దాదాపు గంటన్నర ముందు ఆహారం తీసుకుంటారు. దీనిని సహరీ అందురు. సహరీ తరువాత నుండి ఉపవాసం ఆరంభము అవుతుంది. ఉపవాసము ఉన్నప్పుడు నీరు త్రాగుట కూడా నిషేధం. ఈ విధముగ ఉపవాసము ఉండి దైనందిన కార్యక్రమాలు చేస్తూ మనస్సును అల్లా యందు నిమగ్నం చెయ్యడం రంజాన్ ముఖ్య ఉద్దేశ్యము.

ఉపవాసము వలన మనిషి ఆరోగ్యవంతుడుగాను, చురుకుగాను ఉంటాడు. అతనిలో ఆత్మనిగ్రహము, ఆత్మ నియంత్రణ, ఆత్మవిశ్వాసము, స్వయం క్రమశిక్షణ మొదలగు గుణములు వికసిస్తాయి. దీనితో సామాజిక జాగృతి కలుగుతుంది. తన కర్తవ్యముల గురించి తెలుస్తుంది. పేదవారి దు:ఖబాధలు తెలిసి వారికి సహాయం చేస్తారు.

ఉపవాసము సూర్యాస్తమయం తరువాత ఖర్జూర పండ్లు, ఎండిన పండ్లు, నీరు మొదలైన వాటితో విరమించబడుతుంది. దీనినే ఇఫ్తార్ అందురు. అనేకచోట్ల సోదర భావము కలిగేటట్లుగా ఇఫ్తార్ విందు ఏర్పాటు చేయబడుతుంది. రంజాన్ నెలలో ఐదు పూటల నమాజ్తో పాటు ప్రత్యేక నమాజు ‘తరావీహ్’ ఉంటుంది. దీనిలో ముఖ్యంగా కురాన్-ఎ-శరీఫ్ సంపూర్ణంగా చదువబడుతుంది. ఎక్కువమంది ప్రజలు ఈ నెలలో దానాలు చేస్తారు. వారు తమ సంపద, బంగారం, వెండి, ధనము సంవత్సర ఆదాయం నుండి రెండున్నర శాతం ధనము తీసి పేదవారికి, అవసరమైన వారికి పంచుతారు. ఈ విధముగా చేయబడే దానమే జకాత్. దీనితోపాటుగా ఈద్ ప్రార్థన ముందు ఫిత్ (దానము) కూడా చెయ్యాలి.

అందువలననే దీనిని ఈద్-ఉల్ – ఫితర్ అని అంటారు. ఈ విధముగా రంజాన్ నెలలో ఎటుచూచినా పరోపకార భావము వ్యాపించి ఉంటుంది. దీనివలన అందరికీ మానవసేవ చెయ్యాలనే భావము కలుగుతుంది. ఈ నెలలోనే “శబ్-ఎ-కదర్’ జాగరణ రాత్రి ఉంటుంది. ఇది ఒక గొప్ప ప్రార్థనల రాత్రి. ఇందువలన పిల్లలు అందరూ పెద్దవారితోపాటు రాత్రంతా మేలుకుని ప్రార్థనలు చేస్తూ ఉంటారు. రంజాన్ ప్రత్యేకతలలో ‘ఎతేకాఫ్’ కూడ ఒకటి. పూర్తిగా మసీదులోనే ఉండి అల్లా ప్రార్థనలో లీనమయిపోవడాన్ని ‘ఎతేకాఫ్’ అందురు. ఈ నెలలో ప్రత్యేకంగా విశ్వశాంతి కోసం ప్రార్థనలు చేయబడతాయి.

రంజాన్ ఉపవాసాలు పూర్తి అయిన మరుసటి రోజు ఈద్ పండుగ జరుపుకుంటారు. ఇది శవ్వాల్ నెల మొదటిరోజు. ఈద్ రోజున అందరూ క్రొత్త బట్టలు ధరిస్తారు. సెంటు పూసుకుంటారు. ప్రత్యేకంగా సేమ్యా తయారు చేస్తారు. ఈద్ ప్రార్థనలు మసీదులో చేస్తారు. ప్రార్థనలో చిన్న-పెద్ద, ధనికులు – పేదవారు అందరు కలిసి ఒకే వరుసలో నిలబడతారు. ఇది చూడదగిన దృశ్యం. దీని తరువాత ఒకరినొకరు ఆలింగనం చేసుకొని ఈద్ శుభాకాంక్షలు చెబుతారు. ఈ సంతోషంలో వివిధ మతాల ప్రజలు కూడా పాల్గొని శుభాకాంక్షలు తెలియపరుస్తారు. ఈ విధముగా మతసామరస్యముతో అక్కడి వాతావరణ శోభ వెల్లివిరుస్తుంది.

సామాజిక దృష్టితో కూడా రంజాన్ మహత్యపూర్ణమైన పండుగ. దీని ద్వారా వ్యాపార అభివృద్ధి జరుగుతుంది. ఎన్నోరకాల వృత్తుల వారికి జీవనోపాధి లభించును. రంజాన్ మతపరమైన పండుగ అయినప్పటికీ సామాజికంగా చాలా విలువైనది. శాంతి, అహింస, త్యాగము, పరోపకారము, న్యాయము, ధర్మం వంటి గొప్పగుణాలు వికసిస్తాయి. మనకు మానవత్వ మార్గంలో ముందుకు సాగెడి ప్రేరణ కలిగిస్తుంది. ఉపవాసాల ఈ పవిత్ర పండుగ మనల్ని మంచి భావన త్రాటిలో బంధించి మానవునికి మేలు చెయ్యాలనే సందేశం ఇస్తున్నది.

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शब्दार्थ (అర్థములు) (Meanings) :

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