TS 9th Class Hindi Guide 12th Lesson जागो ग्राहक जागो!

Telangana SCERT TS 9th Class Hindi Study Material Pdf 12th Lesson जागो ग्राहक जागो! Textbook Questions and Answers.

TS 9th Class Hindi 12th Lesson Questions and Answers Telangana जागो ग्राहक जागो!

प्रश्न – ప్రశ్నలు :

प्रश्न 1.
ऊपर दिया गया विज्ञापन किसके बारे में है?
(పైన ఇవ్వబడిన ప్రకటన దేని గురించి?)
उत्तर :
यह विज्ञापन देश के नागरिकों को उनके अधिकार और उनका उपयोग करके सक्षम उपभोक्ता बनने के बारे है।

प्रश्न 2.
ग्राहकों को जागरूक करने के लिए विज्ञापन क्यों दिया जाता है ?
(వినియోగదారులను జాగరూకులను చేయుటకు ప్రకటన ఎందుకు ఇవ్వబడుతుంది?)
उत्तर :
ग्राहकों को हर विषय का सच्चा परिचय व समाचार प्राप्त करना है। तभी वे योग्य वस्तु या सेवा प्राप्त कर सकते हैं। इसलिए उनको जागरूक करने के लिए विज्ञापन दिया जाता है।

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प्रश्न 3.
इस विज्ञापन से हमें क्या जानकारी मिलती है ?
(ఈ ప్రకటన ద్వారా మనకు ఎటువంటి సమాచారం లభిస్తుంది?)
उत्तर :
इस विज्ञापन से विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस के बारे में जागरूक उपभोक्ता बनने के बारे में, सक्षम उपभोक्ता के बारे में, हमारे (उपभोक्ता) अधिकारों के बारे में, अपने क्षेत्र के उपभोक्ता फ़ोरम के पते के बारे में, राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्प लाइन और उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के बारे में हमें जानकारी मिलती है।

अर्थवाह्यता-प्रतिक्रिया (అర్థమును తెలుసుకోవటం – జవాబు ఇవ్వటం)

अ. प्रश्नों के उत्तर सोचकर लिखिए। (ప్రశ్నలకు జవాబులు ఆలోచించి రాయండి.)

प्रश्न 1.
क्रंय – विक्रय में उपभोक्ता का क्या महत्व है ?
(కొనుగోలు- అమ్మకంలో వినియోగదారుని విలువ ఏమిటి ?)
विक्रय में उपभोक्ता का
उत्तर :
किसी वस्तु या सेवाओं का उपभोग करनेवाला उपभोक्ता कहलाता है। क्रय महत्वपूर्ण स्थान रहता है। किसी भी चीज़ का निर्माण उपभोक्ता की भलाई और सुविधा ध्यान में रखकर किया जाता है। इससे संतुष्ट उपभोक्ता, उत्पादक की वस्तु खरीदने में श्रद्धा दिखाता है। इस तरह हम देखते हैं कि क्रय-विक्रय में उपभोक्ता ही प्रधान अंग होता है।

(ఏదేని వస్తువు లేదా సేవలను వినియోగించుకునే వ్యక్తి వినియోగదారుడు అని పిలువబడుతాడు. కొనుగోలు – అమ్మకంలో వినియోగదారుని స్థానం ప్రముఖమైనది. ఒక వస్తువు వినియోగదారుని మేలు, సౌకర్యాన్ని దృష్టిలో ఉంచుకొని తయారు చేయబడుతుంది. దీనితో సంతృప్తి చెందిన వినియోగదారుడు, ఉత్పాదకుని వస్తువును ఖరీదు చేయటానికి ఆసక్తి చూపిస్తాడు. ఈ విధముగ కొనుగోలు – అమ్మకంలో వినియోగదారుడే ముఖ్యుడు అని తెలుస్తున్నది.)

प्रश्न 2.
उपभोक्ताओं को जागरूक करने में आप क्या योगदान दे सकते हैं?
(వినియోగదారులను చైతన్యవంతులను చేయుటలో మీరు ఏ సహకారం ఇవ్వగలరు ?)
उत्तर :
उत्पादक, उपभोक्ताओं के लिए आवश्यक चीज़ों का उत्पादन करते हैं। उन चीज़ों से मिलनेवाली सुविधाओं से उपभोक्ता संतुष्ट हो जाता है। ऐसे उपभोक्ताओं को जागरूक करना और उनके अधिकारों का परिचय कराना आवश्यक है। मैं तो वस्तु की सुरक्षा, समाचार, चुनने ली जानेवाली ज़रूरतें आदि का परिचय देकर उन्हें योग्य चीजें खरीदने और सेवाएँ प्राप्त करने का योगदान देता।

(ఉత్పాదకులు, వినియోగదారులకు అవసరమైన వస్తువులను తయారుచేస్తారు. ఆయా వస్తువుల వలన లభించే సౌకర్యములతో వినియోగదారుడు సంతృప్తి చెందుతాడు. అట్టి వినియోగదారులను చైతన్యవంతులను చేయుట, వారి అధికారముల పరిచయం కలిగించడం అవసరం. నేనైతే వస్తువు సంరక్షణ, సమాచారం, ఎన్నుకునేటప్పుడు తీసుకోవలసిన జాగ్రత్తలు మొ॥వాటిని తెలియచెప్తూ వారికి సరియైన వస్తువులు కొనుటకు, సేవలు పొందే సహకారం ఇవ్వగలను.)

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प्रश्न 3.
सरकार ग्राहकों की भलाई के लिए क्या करती है?
(ప్రభుత్వం వినియోగదారుల సంక్షేమం కోసం ఏమి చేయుచున్నది?)
उत्तर :
विनिमय क्षेत्र में ग्राहक का स्थान प्रमुख है। ग्राहक अपनी आवश्यकता के अनुरूप चीज़ों व सेवाओं का
चयन करके संतुष्ट होना चाहता है। ऐसी हालत में कुछ स्वार्थी उत्पादक और व्यापारी लोगों से ग्राहक को घाटा उठाना पडता है। इसलिए ग्राहक को सचेत करके उसके अधिकार और कर्तव्यों से परिचय कराना सरकार का महान उद्देश्य है। इसी आशय से भारत सरकार ग्राहकों की भलाई के लिए अनेक प्रभावशाली विषयों से ग्राहकों को जागरूक करना चाहती है।

किसी भी चीज़ को (उत्पादन को) खरीदते समय उसके बारे में संपूर्ण जानकारी लेनी है।
संतुष्ट होने के बाद आई. एस. आई. या अगमार्क वाली चीजें ही खरीदनी हैं।
किसी चीज़ या सेवा का चयन करने का पूरा अधिकार है।
खरीदते समय वस्तु या सेवा संबन्धी बिल ज़रूर लेना है।
खतरनाक या असुरक्षित वस्तु या सेवा का तिरस्कार करके सुरक्षित रहने का ग्राहक को पूरा अधिकार है।
वस्तु / सेवा से संतुष्ट न होने पर उपभोक्ता संघ में शिकायत करने का अधिकार है।
ऐसी शिकायतों की जाँच करवाकर ग्राहकों की भलाई करना ही सरकार का लक्ष्य है।

(వస్తు వినియోగంలో వినియోగదారుని స్థానం ప్రముఖమైనది. వినియోగదారుడు తన అవసరమునకు సరియైన వస్తువులను, సేవలను ఎంచుకొని సంతృప్తిపడాలని అనుకుంటాడు. అటువంటప్పుడు కొంత మంది స్వార్థపరులైన ఉత్పాదకులు, వ్యాపారులు వలన వినియోగదారునికి నష్టం కలుగుతుంది. ‘ఇందువలన వినియోగదారుని చైతన్యవంతుని చేసే అధికారాలు, కర్తవ్యములను తెలియచెప్పడం ప్రభుత్వ ముఖ్య ఆశయము. ఈ ఉద్దేశ్యంతోనే భారత ప్రభుత్వం వినియోగదారుని మేలు కొరకు అనేక గొప్ప విషయములను తెలిపి చైతన్యవంతుని చేయకోరుచున్నది. అవి

ఏదేని వస్తువును ఖరీదు చేసేటప్పుడు దాని గురించి సంపూర్ణ పరిచయం పొందాలి.
సంతుష్టులైన తరువాత ఐ.ఎస్.ఐ / అగ్ మార్క్ ఉన్న వస్తువులనే కొనాలి.
ఏదేని వస్తువును, సేవను ఎన్నుకునే పూర్తి అధికారం ఉన్నది.
ఖరీదు చేసేటప్పుడు వస్తువు / సేవకు సంబంధించిన బిల్లు తప్పక తీసుకోవాలి.
అపాయకరమైన, సురక్షితం కాని వస్తువును/ సేవను తిరస్కరించి సురక్షితంగా ఉండేందుకు వినియోగదారునికి పూర్తి అధికారం ఉన్నది.
వస్తువు / సేవలచే సంతృప్తి కలుగకపోతే వినియోగదారుల ఫోరంలో ఫిర్యాదు చేసే అధికారము ఉన్నది. * అటువంటి ఫిర్యాదులను విచారణ చేయించి వినియోగదారులకు మేలు చేయటయే ప్రభుత్వ లక్ష్యం.)

आ. इन प्रश्नों के लिए दादाजी ने क्या उत्तर दिये हैं, उन्हें ढूंढकर लिखिए।
(ఈ ప్రశ్నలకు తాతగారు ఏ జవాబులు ఇచ్చారు, వాటిని వెతికి వ్రాయండి.)

प्रश्न 1.
क्यों दादाजी, बिना प्रमाण के शिकायत दर्ज नहीं होगी ?
(ఏం తాతగారు, నిరూపణ లేకుండా ఫిర్యాదు నమోదు కాబడదా?)
उत्तर :
नहीं होगी, क्योंकि सामान खरीदते या सेवा प्राप्त करते समय रसीद या बिल बना लेना ज़रूरी है। यही हमारा एक मात्र आधार है। इस कारण बिना प्रमाण के कोई शिकायत दर्ज नहीं होगी।

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प्रश्न 2.
दादाजी, उपभोक्ता कौन होते हैं?
(తాతగారు వినియోదారులు అంటే ఎవరు? )
उत्तर :
किसी वस्तु या सेवाओं का उपभोग करने वाले उपभोक्ता होते हैं।

प्रश्न 3.
अख़बार के साथ यह पीला कागज़ क्यों आया है?
(వార్తాపత్రికతో ఈ పసుపు రంగు కాగితం ఎలా వచ్చింది ?)
उत्तर :
मार्च 15 उपभोक्ता दिवस है। जिला प्रशासन के द्वारा छापे गये पीले कागज़ में उपभोक्ताओं के लिए
संदेश है। यह दैनिक अखबार के साथ आया है।

प्रश्न 4.
तो फिर जिला प्रशासन हमें सावधान क्यों कर रहा है?
(అయితే జిల్లా పరిపాలనా విభాగము మనల్ని ఎందుకు చైతన్య (జాగరూకులను) వంతులను చేస్తూ ఉన్నది?)
उत्तर :
जिला प्रशासन उपभोक्ताओं को सचेत करना चाहता है। इसलिए कि वे सामान खरीदते समय सावधानी रखें।

इ. पाठ में बच्चों द्वारा पूछे गये प्रश्न लिखिए।
(పాఠంలో పిల్లల ద్వారా అడగబడిన ప్రశ్నలు వ్రాయండి.)
जैसे – साहिती दादाजी, शिकायत करने से क्या होता है ?
ఉదా: సాహితి: తాతగారు ఫిర్యాదు చేయడం వలన ఏమి అవుతుంది ?)
उत्तर :
पाठ में बच्चों ने अपने दादाजी से नीचे दिये प्रश्न पूछे। वे हैं –
1. साहिती : दादाजी ! दादाजी! आज अखबार के साथ यह पीला कागज़ क्यों आया है?
2. साहिती : दादाजी, ये उपभोक्ता कौन हैं ?
3. साहिती : जिला प्रशासन हमें सावधान क्यों कर रहा है ?
4. साहिती : दादाजी, शिकायत करने से क्या होता है ?
5. गौतम : शिकायत दर्ज कराने के लिए क्या करना होगा ?
6. साहिती : क्यों दादाजी, बिना प्रमाण के शिकायत दर्ज नहीं होगी ?

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ई. अनुच्छेद पढ़िए। इसके आधार पर तीन प्रश्न बनाइए।
(పేరా చదవండి, దీని ఆధారంగా మూడు ప్రశ్నలు తయారు చేయండి.)
भूकंप के विषय में शिक्षित करने की अधिक आवश्यकता है ताकि लोग जान सकें कि आपात स्थिति में क्या करना चाहिए। भूकंप के समय शीशे की खिड़कियों, दरवाज़ों, अलमारियों तथा आइनों से दूर रहना चाहिए तथा गिरने वाली चीज़ों से बचने के लिए आपको मेज़ के नीचे अथवा मज़बूत चारपाई के नीचे चले जाना चाहिए। खुली जगह में जाने की कोशिश में आप दरवाज़ों अथवा सीढ़ियों की ओर दौड़ेंगे तो पाएंगे कि वे या तो टूट चुके हैं अथवा टूटकर गिरी हुई चीज़ों से अवरुद्ध हो चुके हैं। आपके सभी विद्युत उपकरण तथा खाना बनाने की गैस के सिलेंडर बंद होना बिलकुल अनिवार्य है। उदाहरण के लिए जापान और कैलिफ़ोर्निया में भूकंप-ड्रिल, रोज़मर्रा की ज़िदगी का हिस्सा होती है। बच्चे अपनी चारपाई के समीप टॉर्च और मज़बूत जूते रखने की आदत डाल लेते हैं ताकि रात के समय भूकंप आने पर वे सुरक्षित जगह पर पहुँच सकें।
उत्तर :
प्रश्न (ప్రశ్నలు):
1. भूकंप के विषय में लोगों को शिक्षित करने की आवश्यकता क्यों है?
(భూకంప విషయంలో ఎందుకు ప్రజలను జాగరూకులను చేసెడి అవసరం ఉన్నది?)
2. भूकंप के समय हमें क्या करना चाहिए ?
(భూకంప సమయంలో మనము ఏమి చెయ్యాలి?)
3. जापान और कैलिफ़ोर्निया में भूंकप – ड्रिल होता है। इससे क्या लाभ है ?
(జపాన్, కాలిఫోర్నియాలో భూకంప డ్రిల్లు జరుగుతుంది, దీనివల్ల లాభం ఏమిటి?)

अभिव्यव्ति-सुजनात्मकता (వ్యక్తీకరణ-నిర్మాణాత్మకత)

अ. प्रश्नों के उत्तर लिखिए। (ప్రశ్నలకు జవాబులు వ్రాయండి.)

प्रश्न 1.
किसी भी सामान को खरीदते समय रसीद या बिल लेना क्यों आवश्यक है?
(ఏదైనా వస్తువును కొనేటప్పుడు (ఖరీదు చేసేటప్పుడు) రసీదు లేదా బిల్లును తీసుకొనవలసిన అవసరం ఏమిటి?
(ఎందుకు తీసుకొనవలెను?))
उत्तर :
किसी भी सामान को खरीदते समय रसीद या बिल लेना निम्न लिखित इन कारणों से आवश्यक हैं। जैसे-

सामान बेचने वाले कई बार घटिया सामान दे देते हैं।
इससे बचने के लिए बिल या रसीद लेना आवश्यक है।
नकिली सामान से बचने के लिए भी बिल या रसीद लेना आवश्यक है।
कुछ लोग अधिक धन कमाने के लालच में सामान में मिलावट करते हैं। वस्तु पर छपी कीमत से ज़्यादा मूल्य ले लेते हैं।
इनसे बचने के लिए रसीद या बिल लेना आवश्यक है।
कुछ व्यापारी तो कम तोलते हैं।
इनसे भी बचे रहने के लिए बिल या रसीद लेना चाहिए।
उपर्युक्त सभी कारणों से हमें “उपभोक्ता मंच में शिकायत करने के लिए बिल या रसीद की आवश्यकता होती है। बिल या रसीद लेना हर एक जागरूक उपभोक्ता का अधिकार भी है।

(ఏదైనా ఒక వస్తువును కొనుగోలు చేసేటప్పుడు రసీదు లేదా బిల్లు తీసుకొనడము అనునది ఈ క్రింద పేర్కొనిన కారణముల వలన అవసరం.
వస్తువులు అమ్మువారు చాలా సందర్భాలలో చెడిపోయిన వస్తువులను అమ్మెదరు (ఇచ్చెదరు).
మనం దీని నుండి రక్షణ పొందుటకు బిల్లు లేదా రసీదు తీసుకొనుట అవసరం.
నకిలీ వస్తువుల నుండి రక్షణ పొందుటకు బిల్లు లేదా రసీదు తీసుకొనుట అవసరం.
కొందరు అధిక ధనమును సంపాదించు దురాశతో వస్తువులను కల్తీ చేస్తారు. వస్తువులపైన ముద్రించిన విలువ కంటే ఎక్కువ ధరకు అమ్మెదరు.
దీని నుండి కూడా మనం రక్షణ పొందుటకు బిల్లు లేదా రసీదు తీసుకొనుట అవసరం.
కొంతమంది వ్యాపారులు తూకం తక్కువ తూచెదరు. దీని నుండి కూడా మనం రక్షణ పొందుటకు బిల్లు (రసీదు) తీసుకొనుట అవసరం.
పైన పేర్కొనిన అన్ని కారణముల రీత్యా మనం ‘వినియోగదారుల సంఘం’ లో ఫిర్యాదు చేయుటకు కూడా వస్తువును కొన్న బిల్లు (రసీదు) పొందడం అవసరం. రసీదు లేదా బిల్లు ప్రతి జాగరూక వినియోగదారుని యొక్క హక్కు కూడా.)

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प्रश्न 2.
बच्चों के पूछे गये प्रश्नों में आपको सबसे अच्छा प्रश्न कौन सा लगा और क्यों ?
(పిల్లలచే అడగబడిన ప్రశ్నలలో మీకు అన్నిటికంటే ప్రశ్న బాగున్నదని అనిపించింది. ఎందుకు ?)
उत्तर :
बच्चों ने अपने दादाजी से अनेक प्रश्न पूछकर उपभोक्ता और चीज़ों को खरीदने में ली जानेवाली सावधानियाँ, क्षतिपूर्ति के समय याद रखनेवाली बातें आदि कई विषय जान लिये। इस दौरान उन्होंने दादाजी से जो प्रश्न किये उनमें मुझे शिकायत दर्ज कराने क्या करना होता है? प्रश्न अच्छा लगा। इसके उत्तर में दादाजी ने जो विवरण (समाचार) दिया, वह बहुत मूल्यवान है। क्योंकि कभी ऐसी स्थिति आती तो व्यवहार कैसे सुलझाना है? मालूम होता है। उसके अनुसार शिकायत कराने क्या क्या निरूपण हमारे पास होना है ? किन किन विभागों में करना है? किस तरह करना है ? आदि विषयों का परिचय सविस्तार मिला है।

आ. “उपभोक्ता दिवस” के बारे में आप क्या जानते हैं? लिखिए।
(“వినియోగదారుల దినోత్సవం” గురించి మీకు ఏమి తెలియును? రాయండి.)
उत्तर :
हमारे भारत देश में 24 दिसंबर राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस के रूप में मनाया जाता है। सन् 1986 में इसी दिन उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम विधायक पारित हुआ था। इसके बाद इस अधिनियम में 1991 तथा 1993 में संशोधन किये गये। उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम को अधिकाधिक कार्यरत और प्रयोजन पूर्ण बनाने के लिए दिसंबर 2002 में एक व्यापक संशोधन लाया गया और 15 मार्च, 2003 से लागू किया गया। परिणाम स्वरूप उपभोक्ता संरक्षण नियम, 1987 में भी संशोधन किया गया और मार्च 2005 को अधिसूचित किया गया था।

भारत सरकार ने 24 दिसंबर को राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस घोषित किया है। क्योंकि भारत के राष्ट्रपति महोदय ने इसी दिन ऐतिहासिक उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 के अधिनियम को स्वीकारा था। इसके अतिरिक्त 15 मार्च को प्रत्येक वर्ष विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह दिन भारतीय ग्राहक आंदोलन के इतिहास में सुनहरे अक्षरों में लिखा गया है। भारत देश में यह दिवस पहली बार वर्ष 2000 में मनाया गया। और आगे भी प्रत्येक वर्ष मनाया जाता है। सचमुच यह दिवस याद रखने योग्य है।

(మన భారతదేశములో డిసెంబరు 24 జాతీయ వినియోగదారుల దినోత్సవంగా జరుపుకొనబడుతున్నది. క్రీ.శ 1986లో ఈ రోజునే వినియోగదారుల సంరక్షణ చట్టపు బిల్లు ఆమోదించబడినది. దీని తర్వాత ఈ బిల్లులో 1991, 1993 లో సవరణలు చేయబడ్డాయి. వినియోగదారుల సంరక్షణా బిల్లును సమర్థవంతంగా చేసి, ఉపయోగకరముగా చేయుటకు డిసెంబరు 2002లో ఒక గొప్ప సవరణ తీసుకురాబడినది. మరియు మార్చి15, 2003 నుండి అమల్లోకి తీసుకురావటం జరిగింది. ఫలితంగా వినియోగదారుల సంరక్షణ చట్టం 1987లో మరల సంస్కరించబడి మార్చి 2005న చట్టబద్దం చేయబడినది.

భారత ప్రభుత్వము 24 డిసెంబరును జాతీయ వినియోగదారుల దినోత్సవంగా ప్రకటించింది. ఎందుకంటే గౌరవనీయులు భారత రాష్ట్రపతి ఇదే రోజు చారిత్రాత్మక వినియోగదారుల సంరక్షణా బిల్లు 1986 న ఆమోదించారు. ఇదియేకాక మార్చి 15 ప్రతి సం|| ప్రపంచ వినియోగదారుల అధికార దినోత్సవముగా జరుపుకొనబడుచున్నది. ఈరోజు భారత వినియోగదారుల ఉద్యమ చరిత్రలో సువర్ణాక్షరములతో వ్రాయబడినది. భారతదేశములో ఈ · దినోత్సవం మొదటిసారి 2000సం||లో జరుపుకొనబడినది. భవిష్యత్తులో కూడా ప్రతి సం॥రము జరుపు కొనబడుతుంది. నిజంగా ఈరోజు గుర్తుంచుకోదగినది.)

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इ. ग्राहकों को जागरूक करने के कुछ नारे बनाइए।
(వినియోగదారులను చైతన్యపరిచెడి కొన్ని నినాదాలు తయారు చెయ్యండి.)
उत्तर :
वस्तु विनिमय में ग्राहकों का महत्वपूर्ण स्थान है। विनिमय अथवा सेवाएँ पानेवाली चीज़ों के प्रति ग्राहकों को जागरूक होना चाहिए। सरकार इस प्रभावशाली विषय की ओर ध्यान आकर्षित करने का भरसक
प्रयत्न करती है। सही और अच्छी चीज़ों को पाना हर ग्राहक का प्रधान अधिकार है।
ऐसे महत्त्वपूर्ण ग्राहकों को जागरूक करने के कुछ नारे ये हैं।

  1. सावधानी बरतिए – सही चीज़ पहचानिए
  2. सही चीज़ की खरीदारी – होगी जीवन सुखकारी
  3. जागो ग्राहक जागो – अपने अधिकारों को पहचानो
  4. जागरूक उपभोक्ता – जीवन में सच्चा सुख पाता है
  5. समझो अपने अधिकार – वे ही जीवन के सच्चे आधार

(వస్తు వినిమయములో వినియోగదారుల పాత్ర ముఖ్యమైనది. వినియోగము, సేవలు పొందే వస్తువుల గురించి వినియోగదారులు చైతన్యవంతులు కావాలి. ప్రభుత్వము ఈ ముఖ్యమైన విషయము వైపు శ్రద్ధ చూపించెడి గొప్ప ప్రయత్నం చేయుచున్నది. అసలైన, మంచి వస్తువులను పొందటం, వినియోగదారుని ముఖ్య అధికారము. అట్టి విలువైన వినియోగదారులను చైతన్యవంతులుగా చేయుటకు కొన్ని నినాదాలు ఇవి.

1. జాగ్రత్త వహించండి – అసలైన వస్తువును కనుగొనండి
2. అసలైన వస్తువు కొనుగోలు – అవుతుంది జీవితం సుఖమయం
3. మేలుకో వినియోగదారుడా మేలుకో – నీ అధికారాలను తెలుసుకో
4. జాగరూకుడైన వినియోగదారుడు – జీవితంలో అసలైన సుఖం పొందగలడు.
5. తెలుసుకో నీ అధికారాలు – అవే జీవితపు అసలైన ఆధారాలు

ई. सरकार द्वारा दी जानेवाली सुविधाएँ हमारे लिए किस प्रकार लाभकारी हैं? बताइए।
(ప్రభుత్వం ద్వారా కల్పించబడుతున్న సౌకర్యాలు మనకు ఏ విధంగా లాభకారి? తెలపండి.)
उत्तर :
सरकार हमें विद्युत विभाग से बिजली की सुविधा, जल विभाग से जल की सुविधा, दूर संचार विभाग से टेलिफोन की सुविधाओं से हमें लाभान्वित कर रही है।
उपभोक्ता मंचों की स्थापना करके हमारी शिकायतें ले रही है।
सरकार विक्रेता से उपभोक्ता को हुई हानि पूरी करवाती है।
सरकार द्वारा घटिया सामान बदला भी जा सकता है।
सरकार राशिमय ब्याज को भी लौटाती है।
वस्तुओं पर सरकार द्वारा आई. एस. आई या एग मार्क प्रमाणित किये जाते हैं।
ये चिह्न सरकार द्वारा जाँची परखी वस्तुओं पर ही अंकित किये जाते हैं।
उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय द्वारा उपभोक्ताओं को सचेत किया जाता है।
इन सबके द्वारा हम बहुत लाभान्वित हो रहे हैं।
इस प्रकार सरकार द्वारा दी जानेवाली सुविधाएँ हमारे लिए लाभकारी हैं।

ప్రభుత్వం మనకు విద్యుత్ విభాగం నుండి విద్యుత్ సౌకర్యాన్ని, జల విభాగం నుండి నీటి సౌకర్యాలను, దూర సంచార విభాగం నుండి టెలిఫోన్ సౌకర్యాలను కల్పించుచున్నది. వీటిద్వారా మనం లాభాన్ని పొందుచున్నాము (వినియోగించుకుని).
ప్రభుత్వం వినియోగదారుల సంఘాలను ఏర్పరచి మన ఫిర్యాదులను స్వీకరించుచున్నది.
వ్యాపారస్థుల ద్వారా వినియోగదారులకు జరిగిన నష్టాలను పూరించేలా ప్రభుత్వం చర్యలు తీసుకుంటుంది.
ప్రభుత్వం వినియోగదారులకు వ్యాపారస్థుల నుండి చెడిపోయిన వస్తువుల స్థానంలో మంచి వస్తువులను పొందే ఏర్పాట్లు చేస్తుంది.
వినియోగదారులకు వ్యాజ్యంలో అయిన ఖర్చులను సైతం వ్యాపార, వాణిజ్యవేత్తల నుండి తిరిగి చెల్లింపజేస్తుంది.
ప్రభుత్వం ద్వారా వినియోగ వస్తువులపై ఐ.ఎస్.ఐ మరియు ఆగ్మార్క్లను ముద్రింపచేస్తుంది.
ఈ ముద్రలు ప్రభుత్వం ద్వారా ప్రామాణికీకరించిన వస్తువులపైనే ముద్రించబడి యుండును.)

भाषा की बात (భాషా విషయము) :

अ. नीचे दी गयी संख्याएँ पढ़िए। दैनिक जीवन में इन संख्याओं का इस्तेमाल कैसे करते हैं?

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उत्तर:
हमारे मानव जीवन में संख्याओं का महत्वपूर्ण स्थान है। हमारा हर काम इनके उपयोग से ही होता है। दैनिक जीवन में आवश्यक चीज़ खरीदने, पायी सेवा का मूल्य अदा करने, हिसाबों में, पैसे देने, इस तरह हर काम में इन संख्याओं को इस्तेमाल करते हैं।

आ. 1.इन शब्दों पर ध्यान दीजिए। हिंसा अहिंसा, चेत – सचेत, रक्षा – सुरक्षा, उपस्थित – अनुपस्थित इस तरह किसी मूल शब्द के पूर्व में कोई शब्दांश जुड़कर मूल शब्द के अर्थ में परिवर्तन या विशेषता लाता है तो उसे उपसर्ग कहते हैं। अहिंसा में अ, सचेत में स, सुरक्षा में सु, अनुपस्थित में अन् उपसर्ग हैं। अब नीचे दिये गये शब्दों को समझकर उपसर्ग पहचानिए।
अपमान लापरवाह परदेश विदेश
उत्तर:
अप, ला, पर, वि।

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2. इन शब्दों पर ध्यान दीजिए।
स्वतंत्र – स्वतंत्रता, भारत – भारतीय, इतिहास – ऐतिहासिक, ईमान – ईमानदार, दूध – दूधवाला, साहस – साहसी
इस तरह मूल शब्द के अंत में कोई शब्दांश या वर्ण जुड़कर परिवर्तन लाता है तो उसे प्रत्यय कहते हैं। स्वतंत्रता में ता, भारतीय में ईय, ऐतिहासिक में इक, ईमानदार में दार, दूधवाला में वाला, साहसी में ई प्रत्यय हैं। अब नीचे दिये गये शब्दों को समझकर प्रत्यय पहचानिए।
धनी सामाजिक मानवता प्रशंसनीय
उत्तर:
ई, इक, ता, ईय।

परियोजना कार्य (నిర్మాణాత్మక పని/ప్రాజెక్ట్ పని) :

जल संरक्षण के उपाय के विषय में दिये जाने वाले विज्ञापनों का संग्रह कीजिए।
(జల సంరక్షణ ఉపాయముల విషయములో ఇవ్వబడే ప్రకటనలు సేకరించండి.)
उत्तर :
भूमि पर रहनेवाले प्राणि मात्र के लिए जल अत्यंत आवश्यक है। ऐसे मूल्यवान पानी का संरक्षण करके
धरती को सदा समृद्ध रखना हर मानव का प्रमुख कर्तव्य है। इस बृहत कार्य के लिए दिये जानेवाले
विज्ञापन कुछ इस प्रकार हैं।

  1. समझदार बनो – जल संरक्षण करो।
  2. जल संरक्षण करो – मानवता की प्रतिमूर्ति बनो।
  3. जल अमूल्य धन है – इसका सदुपयोग ही मानव धर्म है।
  4. जल की बचत करेंगे – अवनि को भरपूर रखेंगे।
  5. जल का मूल्य जान लो – प्राणिमात्र की सेवा करो।

प्रश्न-II

प्रश्न 1.
वस्तु की गुणवत्ता में सरकारी प्रामाणिक चिह्न का क्या महत्व होता है ?
(వస్తువు యొక్క నాణ్యతలో ప్రభుత్వ ప్రామాణిక గుర్తు ప్రత్యేకత ఏముంటుంది?)
उत्तर :
उत्पादक तो वस्तुओं को प्रामाणिक तथ्यों के भरोसे पर ही बनाते हैं। फिर भी निर्दिष्ट परीक्षण करके उन वस्तुओं पर भारत में आई. एस. आई, अगमार्क जैसे चिह्न अंकित करते हैं। इन चिह्नों को लगाने का अर्थ यह है कि सरकार द्वारा स्थापित प्रीक्षण विभागवालों से ये चीजें विनिमय में लाने की अनुमति प्राप्त कर चुकी हैं। इससे ग्राहकों को सही मूल्य निर्धारित और नष्ट न मिलनेवाली चीजें मिल सकती हैं। ये चिह्न तो कड़ी जाँच पडताल के बाद ही लगाये जाते हैं। इसलिए प्रामाणिक चिह्न अंकित चीजें खरीद सकते हैं और यही योग्य तथा संतुष्ट कारक है।

(ఉత్పాదకులు (తయారు చేయువారు) వస్తువులను ప్రామాణిక విషయముల ఆధారంగానే తయారుచేస్తారు. అయినప్పటికీ నిర్దిష్టమైన పరీక్షలు చేసి ఆ వస్తువులపై భారత్లో ఐ.ఎస్.ఐ., అగ్ మార్క్ వంటి గుర్తులు ముద్రిస్తారు. ఈ గుర్తులు వేయడం అంటే ప్రభుత్వం ద్వారా స్థాపించబడిన పరీక్షించి, నిర్ధారించే విభాగము వారిచే ఈ వస్తువులు వినియోగములోనికి వచ్చెడి అనుమతిని పొందినవి అని అర్ధము. దీని వలన వినియోగదారులకు సరియైన మూల్య నిర్ధారణ జరిగి, నష్టము వాటిల్లని వస్తువులు లభిస్తాయి. ఈ గుర్తులు కఠిన పరీక్షల తరువాతనే ముద్రితమవుతాయి. ఇందువలన ప్రామాణిక గుర్తులు ఉన్న వస్తువులు కొనగలము. ఇదే తగినది, సంతృప్తి కారకం.)

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प्रश्न-II

प्रश्न 1.
‘जागो ग्राहक जागो।’ पाठ का सारांश अपने शब्दों में लिखिए।
(“మేలుకో వినియోగదారుడా మేలుకో!” పాఠ సారాంశాన్ని స్వంత మాటలలో వ్రాయండి.)
उत्तर :
“जागो ग्राहक जागो,” सचमुच एक प्रभावशाली पाठ है। इसके द्वारा सच्चे उपभोक्ता के कर्तव्य और अधिकारों का सविस्तार परिचय मिलता है। 15 मार्च उपभोक्ता दिन है। जिला प्रशासन ने उपभोक्ताओं को सामान खरीदते समय सावधानी दिखाने का संदेश देते एक पीला कागज़ छपवाकर अख़बार के साथ भेजा है। इसे देखकर साहिती और गौतम ने अपने दादाजी से पीले परछे के बारे में पूछ लिया। इस पर दादाजी ने उनको समझाते बताया कि किसी वस्तु या सेवा का उपभोग करनेवाला उपभोक्ता कहलाता है। जिस तरह बिजली, टेलिफ़ोन आदि की सुविधाएँ प्राप्त करके हम बिल की राशि जमा करते हैं। जिस तरह बाज़ार से लाये सामान का उपभोग करने के कारण हम सामान के उपभोक्ता हुए।

साहिती ने पूछा कि ज़िला प्रशासन हमें क्यों सावधान कर रहा है? इसका उत्तर दादाजी ने यों दिया- कुछ स्वार्थी लोग ज़्यादा कमाने की लालच से सामान में मिलावट करते हैं। नकली सामान बनाकर बेचते हैं। कभी दुकानदार भी वस्तु पर छपी क़ीमत से अधिक मूल्य ले लेते हैं। कम तोलते हैं। इससे उपभोक्ताओं की हानि हो जाती है।

यह सुनकर गौतम ने प्रश्न किया कि ऐसा करनेवालों के साथ क्या करना चाहिए? तब दादाजी ने कहा कि ऐसा करनेवालों पर हमें उपभोक्ता मंच में शिकायत लिखवानी है। तब प्रशासन विभाग विक्रेता या उत्पादक से उपभोक्ता को हुयी क्षति की पूर्ति करा सकता है या सामान बदला सकता है, अथवा ब्याज सहित रकम लौटा सकता है।

‘इसके बाद गौतम ने पूछा कि दादाजी शिकायत करने के लिए क्या करना है? दादाजी ने इसका सही रास्ता दिखाते कहा “पहले संबन्धित विभाग में उपभोक्ता को शिकायत लिखवानी है। शिकायत के साथ उस वस्तु का बिल अथवा प्रमाण पत्र लगाना ज़रूरी है।

साहिती ने पूछ लिया कि बिना प्रमाण के शिकायत दर्ज नहीं होगी? दादाजी ने समझाते कहा कि जागरूक उपभोक्ता को सामान खरीदते या सेवा प्राप्त करते समय रसीद या बिल ज़रूर लेना है। वस्तुओं के पैकेटों पर छपा विवरण पढ लेना है। सरकार द्वारा स्वीकृत आइ.एस.आइ अथवा अगमार्क अंकित वस्तुओं को ही चुनना है।

अंत में बच्चों को जागरूक बनने की सलाह देते दादाजी ने कहा सुरक्षा, सूचना, वस्तु का चयन, सुविधा के न मिलने पर सुनवाई, श्रति पूर्ति अधिकारों के लिए जागरूक शिक्षित होना हर उपभोक्ता का कर्तव्य एवं अधिकार है। अच्छी वस्तु, उचित दाम, उपभोक्ता संरक्षण का पैगाम।

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प्रश्न 2.
जल संरक्षण के बारे में एक विज्ञापन बनाइए।
(జల సంరక్షణ గురించి ఒక ప్రకటన తయారు చేయండి.)
उत्तर :
जल प्राणि कोटि का जीवनाधार है। आज इसके दुरुपयोग से जल की तंगी हर जगह नज़र आती है।
ऐसे महत्वपूर्ण जल संरक्षण करना हम सब नागरिकों का प्रमुख कर्तव्य है।
जल संरक्षण करना हम सब मानवों का आवश्यक विषय बन गया है। इसके लिए हमें कुछ इरादें करनें हैं। वे हैं –

जल का उपयोग करते समय परिवार की ज़रूरतों को ध्यान में रखना है।
जल के भंडारण के लिए छतों पर टैंक लगवायें।
भूमिगत जल का प्रयोग कम से कम करना है।
फ़ैक्टरियों से निकलनेवाले हानिकारक पदार्थों से युक्त पानी को नदी व पानी के स्त्रोतों में न मिलने
पेय जल बनाने साधारण जल को स्वच्छ बनाना
पोटाशियम पर्मांगनेट डालकर कुओं के पानी का इस्तेमाल करना
जल स्त्रोतों का सही ढंग से इस्तेमाल करना
वर्षा का पानी जमा करने घरों के आस-पास छोटी-छोटी खाइयाँ खोदकर पानी की बचत करना
व्यर्थ ही सागरों में मिलनेवाले पानी को रोकने बाँधों का निर्माण करना
खेती के लिए उपयोगी पानी के नालों की मरम्मत करवाकर पानी का दुरुपयोग होने से बचाना
आधुनिक विज्ञान से बने उपकरणों का इस्तेमाल अवश्य करना
ये ही जल संरक्षण के कुछ मुख्य आशय
लोग जल संरक्षण करें, अपने जीवन सुखी बनायें

(నీరు ప్రాణికోటికి జీవనాధారము. దీనిని దుర్వినియోగం చేయడం వలన నీటి ఎద్దడి (లోటు) ప్రతీ చోటా కనిపిస్తున్నది. అటువంటి విలువైన నీటిని సంరక్షించుట మన పౌరులందరి ముఖ్య కర్తవ్యము.
నీటి సంరక్షణ చేయడం మన మానవులందరికి అవసరమైన విషయం. ఇందుకు మనం కొన్ని నిర్ణయాలు తీసుకోవాలి.

నీటిని ఉపయోగించేటప్పుడు కుటుంబ అవసరాలను దృష్టిలో ఉంచుకోవాలి.
నీటిని నిలువ పెట్టుటకు ఇంటి పైకప్పుల మీద ట్యాంకులు కట్టించాలి.
భూమి మీద లభించే నీటిని తక్కువగా ఉపయోగించాలి.
కర్మాగారముల నుండి వెలువడే హానికర పదార్ధములతో కూడిన నీటిని నదులలో కలువనీయకూడదు.
త్రాగునీటి కోసం, సామాన్యమైన నీటిని స్వచ్చపరచుకోవడం.
పొటాషియం పర్మాంగనేట్ వేసి (కలిపి) బావులలోని నీటిని ఉపయోగించడం.
జల వనరులను సరియగు పద్ధతిలో ఉపయోగించడం.
వర్షపు నీటిని నిల్వ చేయడానికి ఇంటి చుట్టు ప్రక్కల చిన్న చిన్న గోతులు త్రవ్వి నీటిని సేకరించాలి.
వ్యర్థంగా సముద్రాలలో కలుస్తున్న నీటిని ఆపేందుకు ఆనకట్టలు నిర్మించడం.
వ్యవసాయానికి ఉపయోగపడే నీటి కాలువలను మరమ్మత్తు చేయించి నీటిని వ్యర్ధం కాకుండా కాపాడాలి.
ఆధునిక విజ్ఞానంతో తయారైన పనిముట్లను ఉపయోగించడం అవసరం.
ఇవి జల సంరక్షణకు సంబంధించిన కొన్ని ఆశయాలు ప్రజలు జల సంరక్షణ చేసి, తమ జీవితాన్ని సుఖమయం చేసుకోవాలి.)

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अर्थग्राह्यता-प्रतिक्रिया
अपठित गद्यांश :

निम्न लिखित गद्यांश पढ़कर दिये गये प्रश्नों के उत्तर एक वाक्य में दीजिए।

I. यमुना के तट पर खड़ा लालकिला एक ऐतिहासिक किला है। इसकी जीवन कथा बडी रोचक है। मुगल बादशाह शाहजहाँ ने आगरे की गर्मी से ऊबकर एक गर्म जगह खोजने का हुकुम दिया। तदनुसार दिल्ली शहर के बाहर यमुना के किनारे एक स्थान चुना गया। वह नूरगढ नाम से प्रसिद्ध था और वहाँ मुगल सेना का जमाव होता था। वहीं 12 मई, 1639 ई. को लालकिले की नींव डाली गयी। इसके निर्माण के लिए देश के कुशल कारीगरों और सिल्पियों को बुलाया गया और लाल पत्थर तथा संगमरमर दूर दूर से लाये गये ।

प्रश्न :
1. लालकिला कहाँ है ?
2. लालकिले को किसने बनवाया ?
3. वह किस नाम से प्रसिद्ध है ?
4. लालकिला नींव कब हुई ?
5. लालकिला किस पत्थर से बनाया गया ?
उत्तर :
1. लाल किला दिल्ली शहर के बाहर यमुना नदी के तट पर है।
2. लाल किले को मुग़ल बादशाह शाहजहाँ ने बनवाया।
3. यह नूरगढ़ नाम से प्रसिद्ध है।
4. लाल किला की नींव 12 मई, 1639 ई को हुई।
5. लाल किला लाल पत्थर और संगमरमर से बनाया गया।

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II. सरदार सुजानसिंह देवगढ रियासत के दीवान थे। राजा भी अपने इस नीतिकुशल दीवान का आदर करते थे। चालीस वर्ष तक सेवा करने के बाद एक दिन सुजानसिंह ने राजा के पास आकर प्रार्थना की- मुझे सेवानिवृत्ति देने की कृपा करें। यह सुनकर राजा ने नये दीवान चुनने का भार सुजानसिंह को ही सौंप दिया।

प्रश्न :
1. सुजान सिंह कौन थे ?
2. सुजानसिंह ने कितने वर्ष तक सेवा की ?
3. मुझे सेवा निवृत्ति देने की बात किसने कही ?
4. नये दीवान चुनने का भार सुजानसिंह को किसने सौंपा ?
5. सुजानसिंह किस रियासत के दीवान थे ?
उत्तर :
1. सुजान सिंह देवगढ़ रियासत के दीवान थे।
2. सुजान सिंह ने चालीस वर्ष तक सेवा की।
3. सेवा निवृत्ति देने की बात दीवान सुजान सिंह ने की।
4. नये दीवान चुनने का भार सुजान सिंह को राजा ने सौंपा।
5. सुजानसिंह देवगढ़ रियासत के दीवान थे।

III. प्रथम पृष्ठ पर मुख्य- मुख्य समाचार होते हैं। व्यापार और खेलकूद के समाचार दूसरे तीसरे पृष्ठों पर दिये जाते हैं। साथ ही व्यंग्य चित्र और विज्ञापनों के चित्र भी होते हैं, जिससे समाचार पत्र और भी आकर्षक लगता है। प्रायः सभी समाचार पत्रों में बच्चों का भी पृष्ठ होता है, जिसमें मनोरंजक कहानियाँ, कविताएँ तथा चुटकुले आदि होते हैं। बच्चों के लिए समाचार भी दिये जाते हैं। कभी कभी बच्चों के चित्रों के साथ उनके द्वारा लिखी गयी रचनाएँ भी छापी जाती हैं।

प्रश्न :
1. मुख्य मुख्य समाचार किस पृष्ठ पर होते हैं ?
2. दूसरे तीसरे पृष्ठों पर किनके बारे में समाचार दिये जाते हैं ?
3. किनसे समाचार पत्र और भी आकर्षक लगता है ?
4. सभी समाचार पत्रों में किनके लिए भी पृष्ठ होते हैं ?
5. इस अनुच्छेद में किसके बारे में बताया गया है ?
उत्तर :
1. मुख्य मुख्य समाचार प्रथम पृष्ठ पर होते हैं। (या) प्रथम पृष्ठ पर मुख्य मुख्य समाचार होते हैं।
2. व्यापार और खेल कूद के समाचार से समाचार पत्र दूसरे तीसरे पृष्ठों पर दिये जाते हैं।
3. व्यंग्य और विज्ञापनों के चित्रों से समाचार पत्र और भी आकर्षक लगता है।
4. सभी समाचार पत्रों में बच्चों के लिए भी पृष्ठ होते हैं।
5. इस अनुच्छेद में समाचार पत्रों के बारे में बताया गया है।

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IV. मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है। वह समाज में रहता है और समाज में ही जीवन यापन करता है। एक व्यक्ति के दूसरे व्यक्ति के साथ पारस्परिक संबंध होते हैं। कई व्यक्तियों के आपसी व्यवहार से एक समाज का निर्माण होता है। अतः व्यक्ति से समाज, समाज से राष्ट्र, राष्ट्र से राज्य और राज्य से विश्व की परिकल्पना होती है। इसीलिए हमारे यहाँ प्राचीन काल से ‘वसुधैव कुटुंबकम्’ की धारणा |मान्य रही है। विश्व में मनुष्य के अपने आपसी व्यवहार से व्यक्तिगत संबंध बनते और बिगड़ते रहे हैं। मनुष्य के कई प्रकार के आपसी संबंधों में एक संबंध है लैंगिक संबंध। यह मनुष्य में एड्स रोग का प्रमुख कारण है। विश्व को एड्स की बीमारी से दूर रखने के लिए आवश्यक है कि इस रोग के बारे में समाज में जागरूकता लाई जाए।

प्रश्न :
1. मनुष्य कहाँ रहता है और वह कहाँ जीवन यापन करता है?
2. एक समाज का निर्माण कैसा होता है ?
3. प्राचीन काल से किसकी धारणा मान्य रही है ?
4. मनुष्य के कई प्रकार के आपसी संबंधों में एक संबंध क्या है ?
5. विश्व की परिकल्पना कैसी होती है ?
उत्तर :
1. मनुष्य समाज में रहता है और वह समाज में ही जीवन यापन करता है।
2. कई व्यक्तियों के आपसी व्यवहार से एक समाज का निर्माण होता है।
3. प्राचीन काल से “वसुधैव कुटुंबकम’ की धारणा मान्य रही है।
4. मनुष्य के कई प्रकार के आपसी संबंधों में एक संबंध लैंगिक संबंध है।
5. व्यक्ति से समाज, समाज से राष्ट्र, राष्ट्र से राज्य और राज्य से विश्व की परिकल्पना होती है।

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V. हमें तीन चीज़ों की ज़रूरत है खाना, कपडा और मकान। खाने की चीजें जैसे अनाज, तरकारी आदि हमें किसान देते हैं। किसान गाँवों में रहते हैं। वे पहले खेत जोतते हैं। बाद में पानी सींचते हैं और बीज बोते हैं। थोडे दिनों के बाद फ़सल काटते हैं और गाडियों में लादकर दुकानों को भेजते हैं। वहाँ से हम अनाज को खरीदकर खाते हैं। वे ही किसान तरकारी भी पैदा करते हैं।

प्रश्न :
1. किसान कहाँ रहते हैं ?
2. हमें किन किन चीज़ों की जरूरत हैं?
3. खाने की चीजें हमें कौन देते हैं ?
4. हम अनाज को कहाँ से खरीदकर खाते हैं ?
5. हमें किसान क्या क्या देते हैं?
उत्तर :
1. किसान गाँव में रहते हैं।
2. हमें तीन चीज़ों की ज़रूरत है खाना, कपडा और मकान।
3. खाने की चीजें हमें किसान देते हैं।
4. हम अनाज को दुकानों से खरीदकर खाते हैं।
5. हमें किसान खाने की चीजें जैसे अनाज, तरकारी आदि देते हैं।

उद्द्शेश्य (ఉద్దేశ్యము) :

संवाद विधा के द्वारा वार्तालाप का अभ्यास करना। सामाजिक, औद्योगिक व वाणिज्य विषयों के प्रति जागरूक होना। क्रय-विक्रय में सावधानियों की जानकारी लेना।
(సంభాషణ విధానం ద్వారా సంభాషించుకొనుటకు అభ్యాసం చేయుట. సామాజిక, పారిశ్రామిక, వ్యాపార విషయములు గురించి చైతన్యవంతులుగా చేయుట. కొనుగోలు – అమ్మకంలో గల జాగ్రత్తల గురించి సమాచారం ఇచ్చుట.)

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शब्दार्थ (అర్థములు) (Meanings) :

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సారాంశము :

సాహితి : తాతగారు ! తాతగారు ! ఇవాళ వార్తాపత్రికతో పాటు ఈ పసుపు రంగు కాగితం ఎందుకొచ్చింది?
తాతగారు : ఇదైతే వినియోగదారులకు సందేశం. ఇవాళ మార్చి 15, వినియోగదారుల దినోత్సవం. జిల్లా పరిపాలనా విభాగము ఈ కాగితములు ముద్రించి పంచి పెట్టింది. వీటి వలన సామాను కొనుగోలు చేసేటప్పుడు జాగ్రత్త వహించాలని వినియోగదారులను చైతన్యవంతులను చేయడమైనది.
సాహితి : తాతగారు, ఈ వినియోగదారులు ఎవరు ?
తాతగారు : ఆహా ! నీవు చాలా మంచి ప్రశ్న వేశావు. కూర్చో నీకు అర్థమయ్యేటట్లుగా చెబుతాను. ఏదేని వస్తుసేవలను ఉపయోగించుకునేవాడు వినియోగదారుడు అని పిలువబడతాడు.
ఉదా : విద్యుత్ విభాగము నుండి కరెంటు, జల విభాగము నుండి నీరు, దూర సంచారముల నుండి టెలిఫోన్ సౌకర్యాలు పొందుతారు. ఈ సౌకర్యముల కొరకు మనం బిల్లుకు సరిపడా ధనము జమ చేస్తాము. ఇందువలన మనము ఈ విభాగముల వినియోగదారులం అని పిలువబడతాము. బజారు నుండి సామాను తెస్తాము. దానిని ఉపయోగించుకున్నట్లయితే మనం ఆ సామాను యొక్క వినియోగదారులము అయ్యాము.
సాహితి : సరే. ఇప్పుడు అర్ధమయింది. అయితే జిల్లా పరిపాలనా విభాగం మనల్ని ఎందుకు జాగ్రత్త పరుస్తుంది ?
తాతగారు : ఎందుకంటే, సామాన్లు అమ్మేవారు చాలాసార్లు పనికిరాని/నాసిరకం సామాను ఇస్తారు.
గౌతమ్ : అందుకనే సామాను చూచి తీసుకురమ్మని, కావాల్సిన దానినే తీసుకు రమ్మని చాలా మార్లు పనికి రాని వస్తువులు కూడా వస్తాయి అని అమ్మ అంటుంది.
తాతగారు : అవును బాబు, కొంతమంది ఎక్కువ ధనం సంపాదించెడి దురాశతో సామాన్లలో కల్తీ చేస్తారు. నకిలీ (కృత్రిమమైన) సామాను తయారు చేసి అమ్ముతారు. కొంతమంది వ్యాపారులు (దుకాణదారులు) వస్తువు మీద ముద్రించిన ధర కంటే ఎక్కువ ధర తీసుకుంటారు. తక్కువ తూస్తారు. ఇవి మంచి విషయాలు కావు. వీటి వలన వినియోగదారులకు హాని కలుగుతుంది.
గౌతమ్ : ఆ విధంగా చేసేవారిని ఏం చేయాలి ?
తాతగారు : జిల్లా పరిపాలనా విభాగం వారు ఈ కరపత్రాలను పంచారు వాటిలో ఎవరైనా వ్యాపారి తక్కువ తూకం తూచినా లేదా సామాను ధర ఎక్కువ తీసుకున్నా లేదా నకిలీ సామానులు ఇచ్చినా మనం “వినియోగదారుల ఫోరం”లో ఫిర్యాదు చెయ్యాలి అని వాటిలో రాసి ఉంది.
సాహితి : తాతగారు ఫిర్యాదు చేయడం వలన ఏమవుతుంది ?
తాతగారు : ఏమవుతుంది అంటే ప్రభుత్వం అమ్మకందారు నుండి వినియోగదారునికి జరిగిన నష్టాన్ని పూర్తి చేయిస్తుంది. దీనిలో సామాను మార్చడం కూడా జరుగవచ్చు. ధర సొమ్ముకు వడ్డీ తిరిగి ఇప్పించబడటం జరుగుతుంది.
గౌతమ్ : ఫిర్యాదు నమోదు చేయించుటకు ఏమి చెయ్యాల్సి ఉంది ?
తాతగారు : ఏమి చెయ్యాలా ? మొదట సంబంధిత విభాగము గ్రామ పంచాయితీ, నగర పాలక సంస్థ, తూనికల-కొలతల విభాగము, ఆరోగ్య విభాగము, పోలీస్ స్టేషన్ లేదా పోలీస్ విభాగం వంటి వాటిలో ఫిర్యాదు చేయాలి. దాని తరువాత వినియోగదారుడు స్వయంగా లేదా ఎవరైనా వ్యక్తి హాజరై ఫిర్యాదు వ్రాయించాలి లేదా పోస్ట్ ద్వారా ఫిర్యాదు పత్రం పంపించాలి. ఆ ఫిర్యాదుతో పాటు ఆ వస్తువు యొక్క బిల్లు కాని నిరూపణ చేయడం కాని తప్పనిసరి అని గుర్తుంచుకోవాలి.
సాహితి : ఏం తాతగారు, నిరూపణ లేకుండా ఫిర్యాదు నమోదు చేసుకోబడదా ?
తాతగారు : అవునమ్మా, నీవు బాగా చెప్పావు. సామాను కొనేటప్పుడుగాని, సేవను పొందేటప్పుడు గాని రశీదు గాని బిల్లు గాని తీసుకోవడం జాగ్రత్త గల వినియోగదారుని లక్షణం. వస్తువులు ప్యాకెట్ల మీద రాసి ఉన్న వివరణ శ్రద్ధగా చదవాలి. మనము ఐ.ఎస్.ఐ గానీ అగ్ మార్క్ గుర్తుగాని ఉన్న వస్తువులనే ఎన్నుకోవాలని గుర్తుంచుకోవాలి. ఈ చిహ్నములు ప్రభుత్వం ద్వారా నిర్ధారించబడతాయి. ఈ చిహ్నములు ప్రభుత్వం ద్వారా పరీక్షించబడిన వస్తువుల మీదనే వేస్తారు.
సాహితి : మీరు చాలా మంచి విషయం తెలియచెప్పారు.
తాతగారు : సురక్ష, సూచన, వస్తువు ఎన్నిక, సౌకర్యం లభించనప్పుడు ఫిర్యాదు చేయుట, నష్టమును పూర్తి చేయుట వంటి అధికారాలకై చైతన్యవంతులగుట ప్రతి వినియోగదారుని కర్తవ్యము, అధికారము అని నీవు కూడా తెలుసుకో.
గౌతమ్ : అవును తాతగారు. ఈ పసుపు రంగు కాగితం మీద కూడా వినియోగదారుని అధికారాలు ముద్రింపబడి ఉన్నాయి.
తాతగారు : చూడు, చదువు, ఏమి వ్రాసి ఉన్నదో ! మంచి వస్తువు, సరియైన ధర, వినియోగదారుని సంరక్షణా సందేశము…

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