TS 10th Class Hindi (F/L) Model Paper Set 1 with Solutions

Reviewing TS 10th Class Hindi Model Papers Set 1 (F/L) can help students identify areas where they need improvement.

TS SSC Hindi (F/L) Model Paper Set 1 with Solutions

Time : 3.00 Hours
Max. Marks: 80

PARTS – A & B

Instructions :

  1. Read the following question paper and understand every question thoroughly.
  2. Answer all the questions as directed.
  3. Part-‘A’ questions are to be written in the separate Answer Booklet.
  4. Write the answers to the questions under Part – ‘B’ on the question paper itself and attach it to the answer booklet of Part – ‘A’.

Part – A 

Time: 2.30 Hours
Marks : 60

Section – I (अंक : 20)
I. प्रश्नों के उत्तर निर्देशानुसार लिखिए |

अ) निम्नलिखित गद्यांश पढ़कर दिये गये प्रश्नों के उत्तर एक या दो पंक्तियों में लिखिए । (5 × 1 = 5 M)

घर की ओर से पत्र पर पत्र जाते रहे कि अब उसे थोड़ा-सा समय निकालकर कभी घर भी आना चाहिए। बच्चे उसे बहुत याद करते हैं । उसे देखने भर को तरसते हैं । जो-जो हिदायतें चिट्ठियों में लिखी रहती हैं, उनका अक्षरशः पालन करते हैं। माँ को किसी किस्म का कष्ट नहीं देते, कहना मानते हैं ; पढ़ने में बहुत मेहनत करते हैं। अज्जू कहता है कि बड़ा होकर वह भी पापा की तरह अफ्रीका जाएगा । इंजीनियर बनेगा । पापा के साथ खूब काम करेगा । अब वह पूरे बारह साल का हो गया है। छठी कक्षा में सबसे अव्वल आ या है । मास्टर जी कहते हैं कि उसे वज़ीफ़ा मिलेगा । उसी से अपनी आगे की पढ़ाई जारी रख सकता है । तनु अब अठारह पार कर रही है। उसका भी ब्याह करना है । कहीं कोई अच्छा-सा लड़का, अपनी जात-बिरादरी का मिले तो चल सकता है …..

प्रश्न :

प्रश्न 1.
घर से आने वाले पत्रों में क्या लिखा होता था ? किन्हीं दो बातों का उल्लेख कीजिए ।
उत्तर:
घर से आने वाले पत्रों में घर के सारे समाचार होते थे जैसे कि बच्चे उन्हें याद करते हैं, देखने को तरसते हैं, तनु अठारह वर्ष की हो गई है आदि ।

प्रश्न 2.
अज्जू और तनु की आयु कितनी थी ?
उत्तर:
अज्जू – 12 साल, तनु – 18 साल ।

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प्रश्न 3.
बच्चे माँ के साथ कैसा व्यवहार करते हैं ?
उत्तर:
उन्हें किसी तरह का कष्ट नहीं देते, कहना मानते हैं ।

प्रश्न 4.
अज्जू की इच्छा क्या है ?
उत्तर:
इंजीनियर बनकर पापा की तरह खूब काम करना ।

प्रश्न 5.
उपर्युक्त गद्यांश किस पाठ से लिया गया है ?
उत्तर:
साये ।

आ) निम्नलिखित गद्यांश पढ़कर दिये गये प्रश्नों के उत्तर एक या दो पंक्तियों में लिखिए । (5 × 2 = 10 M)

प्रत्येक विद्यार्थी अपने राष्ट्र का एक अभिन्न हिस्सा होता है। जिस राष्ट्र में वह पैदा हुआ और पढ़-लिखकर बड़ा हुआ है, जिस राष्ट्र ने उसे खाने के लिए अन्न, सोने के लिए धरती तथा जीने के लिए वायु दी, उस राष्ट्र से विद्यार्थी का प्रेम स्वाभाविक ही है । विद्यार्थी जीवन में जब देश – प्रेम के बीज बड़ जाते हैं, तो जीवन भर राष्ट्र के प्रति उसकी आस्था और विश्वास का पौधा पल्लवित होता रहता है। विद्यार्थी और राष्ट्र प्रेम का ऐसा संबंध हैं जैसे शरीर और आत्मा का संबंध | जिस प्रकार जीवित मनुष्य की आत्मा को उसके शरीर से अलग नहीं किया जा सकता, उसी प्रकार राष्ट्र रूपी शरीर से विद्यार्थी रूपी आत्मा को जुदा नहीं किया जा सकता है । विद्यार्थी के ऊपर अपने राष्ट्र तथा मातृभूमि के बड़े उपकार हैं । वह इन उपकारों से उऋण तभी हो सकता है, जब वह अपने देश के प्रति निष्ठा बनाये रखता है ।

प्रश्न :

प्रश्न 6.
राष्ट्र का अभिन्न हिस्सा कौन होता है ?
उत्तर:
प्रत्योक विद्यार्थी राष्ट्र का अभिन्न हिस्सा होता है ।

प्रश्न 7.
विद्यार्थी का राष्ट्र के प्रति प्रेम क्यों स्वाभाविक है ?
उत्तर:
जिस राष्ट्र में वह पैदा हुआ और पढ़-लिखकर बड़ा हुआ है, जिस राष्ट्र ने उसे खाने के लिए अन्न, सोने के लिए धरती तता जीने के लिए वायु दी, उस राष्ट्र से विद्यार्थी का प्रेम स्वाभाविक ही है |

प्रश्न 8.
राष्ट्र और विद्यार्थी की तुलना किससे की गई है ?
उत्तर:
विद्यार्थी और राष्ट्र प्रेम का ऐसा संबंध है जैसे शरीर और आत्मा का

प्रश्न 9.
विद्यार्थी देश का ऋण कैसे चुका सकता है ?
उत्तर:
अपने देश के प्रति निष्ठा बनाये रखकर वह ऋण चुका सकता है ।

प्रश्न 10.
उपर्युक्त गद्यांश का उचित शीर्षक लिखिए ।
उत्तर:
विद्यार्थी – देश प्रेम / सच्चा विद्यार्थी |

इ) निम्नलिखित पद्यांश का भाव स्पष्ट कीजिए । (1 × 5 = 5 M)

प्रश्न 11.
मैं ढूँढ़ता तुझे था, जब कुंज और वन में |
तु खोजता मुझे था, तब दीन के वतन में ||
तू आह बन किसी की, मुझको पुकारता था ।
मैं था तुझे बुलाता संगीत में भजन में |
उत्तर:
भाव : कवि राम नरेश त्रिपाठी जी कहते हैं कि हे प्रभु, मैं तुम्हें बाग-बगीचों और वन में ढूंढ़ रहा था। लेकिन तुम तो दीनबंधु हो। तुम गरीब लोगों के यहाँ मेरा इंतजार कर रहे थे। तुम गरीबों की आह बनकर मुझे बुला रहे थे। मैं तुम्हारी बात समझ नही पाया संगीत और भजन सुनाकर तुम्हें प्रसन्न करने की कोशिश करता रहा ।

Section – II (अंक : 40)

अ) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर 4-5 पंक्तियों में लिखिए ।
उत्तर:

प्रश्न 12.
कवि तुलसीदास का परिचय अपने शब्दों में लिखिए ।
उत्तर:
तुलसीदास जी का जन्म उत्तर प्रदेश के बाँदा जिले के राजापुर नामक गाँव में सन् 1532 में हुआ था। रामभक्ति परंपरा में तुलसी अतुलनीय हैं । ‘रामचरितमानस’ काव्य कवि की अनन्य रामभक्ति और उनके सृजनात्मक कौशल का मनोरम उदाहरण है । रामचरितमानस के अलावा कवितावली, गीतावली, दोहावली, विनय पत्रिका, बरवै रामायण, पार्वती मंगल, जानकी मंगल, हनुमान बाहुक आदि उनकी प्रमुख रचनाएँ हैं । अवधी और ब्रज दोनों भाषाओं पर उनका समान अधिकार था । सन् 1623 में काशी में उनका देहावसान हुआ ।

प्रश्न 13.
कवि रामनरेश त्रिपाठी ने सुख – दुःख में कैसे रहने के लिए कहा है ?
उत्तर:
हमें सुख-दुख में समान रहना चाहिए। सुख-दुख से जीवन परिपूर्ण होता है । सुख के बाद दुख तथा दुख के बाद सुख आता है। दोनों एक-दूसरे के पूरक हैं ।

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प्रश्न 14.
पर्यावरण को दूषित करने वाले लोगों को आप क्या सुझाव देंगे ?
उत्तर:
पर्यावरण की रक्षा के लिए हम अनेक कार्य कर सकते हैं । पहले तो हम पेड़ों को कटने से बचायें। फिर और वृक्षारोपण करें। कल-कारखानों का कचरा नदियों और जलाशयों में न बहायें । चिमनियों व वाहनों के धुंए को कम करें। क्योंकि प्रकृति हमारा रक्षाकवच है । इसलिए इसकी रक्षा करना हमारा दायित्व है ।

प्रश्न 15.
पाठ के आधार पर सिद्ध कीजिए कि चश्मेवाला एक सच्चा देशभक्त था ?
उत्तर:
कैप्टन चश्मेवाला एक छोटे से कस्बे का निवासी था। उसे नेताजी की मूर्ति बिना चश्मे के अच्छी नहीं लगती । वह अपने वास्तविक फ्रेमों में से एक फ्रेम मूर्ति पर लगा देता । कोई वही फ्रेम माँगता तो वह माफी माँगते हुए नेताजी की आँखों पर लगाया फ्रेम ग्राहक को दे देता । बाद में नये फ्रेम वाला चश्मा नेताजी की आँखों पर लगा देता । इससे उसके देशभक्ति का पता चलता है कि किस प्रकार एक साधारण आदमी देश के शहीदों को सम्मान देता है । अतः चश्मेवाला सच्चे अर्थों में देशभक्त था ।

आ) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर 10-12 पंक्तियों में लिखिए । (4 × 7 = 28 M)

प्रश्न 16.
‘कन्यादान’ कविता में माँ की सीख से महिला सशक्तीकरण का संकेत मिलता है। सिद्ध कीजिए।
उत्तर:
‘कन्यादान’ कविता के माध्यम से कवि ने महिलाओं की दयनीय स्थिति की ओर संकेत किया है। इसमें आज की नारी की अभिव्यक्ति है । कवि चाहता है कि नारी समाज द्वारा उन पर थोपे गए बंधनों से मुक्त हो। वह ऐसी परंपराओं से मुक्त है जो नारी के शोषण को बढ़ावा देते हैं। कन्या कोई दान की वस्तु नहीं है। वह कोई निरीह प्राणी नहीं है।

नारी जाति को केवल उपभोग की वस्तु नहीं समझना चाहिए। नारी सौंदर्य की प्रतिमूर्ति है, लेकिन उसकी कोमलता को उसकी कमज़ोरी न समझा जाए। इस कविता के माध्यम से कवि स्त्रियों की यथार्थ स्थिति की ओर पाठकों का ध्यान आकृष्ट कर रहा है । उसका कहना है कि एक तरफ तो समाज ‘कन्यादान’ को एक पवित्र यज्ञ मानता हैं दूसरी तरफ उसी के साथ तरह-तरह के पक्षपात होते हैं । अनेक आचरण संबंदी नियम उन पर थोप दिए जाते हैं । वह आज बी गुलामी का जीवन जीने के लिए बाध्य है । कवि ने इस कविता के माध्यम से स्त्री सशक्तीकरण का प्रयत्न किया है ।

(या)

हरिवंशराय बच्चन ने अपनी कविता के द्वारा स्वप्न पर मुग्ध न होने के लिए क्यों सचेत किया है ?
उत्तर:
बच्चन जी का कहना है कि हमें किसी राह पर निकलने से पहले उसमें आने वाली चुनौतियों के बारे में सोचना चाहिए । हमें सफल लोगों का अनुसरण करना चाहिए । अनेक लोग इस राह से गए लेकनि उनमें से कुछ लोग ऐसे थे जिनके पद चिह्न इस मार्ग पर छूट गए। उनके पद – चिह्ननों से हम बहुत कुछ सीख सकते हैं। ये मौन होकर भी बहुत कुछ बोलते हैं। ये इन राहों के भेद खोल सकते हैं। इनमें सफलता के रहस्य छिपे हैं। अतः हमें महापुरुषों के जीवन से सीख लेनी चाहिए | उनके दिए ज्ञान का उपयोग अनुभव के साथ करना चाहिए। पूर्व योजना से हमारा काम सरल हो जाता है । कार्य पूर्ति के मार्ग में आनेवाली बाधाओं का अनुमान लग जाता है ।

उनके निवारण के लिए हम पहले ही उपाय सोच सकते हैं। इस प्रकार सफलता की संभवना बढ़ जाती है । कवि का कहना है कि राह में आने वाली समस्याएँ पुस्तकों में छपी नहीं मिलती । इनके बारे में हमें कोई बता भी नहीं सकता । वे तो अनुभव और अनुमान से ही पता चलती हैं | अनेक लोग इस राह से गए लेकिन उनमें से कुछ लोग ऐसे थे जिनके पद – चिह्न इस मार्ग पर छूट गए | अनेक लोग इस राह से गए लेकिन उनमें से कुछ लोग ऐसे थे जिनके पद – चिह्न इस मार्ग पर छूट गए। उनके पद चिह्नों से हम बहुत कुछ सीख सकते हैं । ये मूक होकर भी बहुत कुछ बोलते हैं । इन राहों के भेद तो ये पद -चिह्न ही खेल सकते हैं । इसलिए हमें किसी भी राह में चलने से पहले उसमें आने वाली समस्याओं के बारे में सोच लेना चाहिए । साथ ही उसमें संघर्ष करने की योजना भी बना लेनी चाहिए । इससे मुसीबतों में भी हम सफल हो सकते हैं ।

प्रश्न 17.
प्रीति मोंगा ने विशेष आवश्यकतावाले लोगों के सम्मुख एक आदर्श जीवन प्रस्तुत किया है । इस बात की पुष्टि कीजिए ।
उत्तर:
प्रीति मोंगा ने बताया कि वे छह वर्ष की थीं तो पता चला कि उन्हें आँखों की बीमारी है। पिता के तबादले के बाद वे दिल्ली आ गई । आठवीं कक्षा तकविद्यालय की आइरिश नन ने बहुत सहायता की। जुबानी गणित में प्रीति जी कुशल थीं। वे सीनियर कैंब्रिज उसी विद्यालय में करना चाहती थीं । परंतु नन अध्यापिका के जाने के बाद उन्हें किसी अंध विद्यालय से शिक्षा प्राप्त करने के लिए कहा गया । तब तक वह पुरी तरह दृष्टिहीन हो चुकी थीं। इस बीच उनके पिता का देहांत हो गया । प्रीति मोंगा को किसी स्कूल में दाखिला नहीं मिला। उस समय रेडियो पर सुनी इन पंक्तियों ने उनका मनोबल बढ़ाया

माटी कहे कुम्हार से, तू क्या रोंदे मोहिं ।
इक दिन ऐसा आएगा, मैं रोदूँगी तोहि ।
और
ख़ुदी को कर बुलंद इतना कि हर तक़दीर से पहले ।
ख़ुदा बंदे से ख़ुद पूछे बता तेरी रज़ा क्या है /

इन पंक्तियों की प्रेरणा से प्रीति मोंगा की सोच सकारात्मक हो गई । वह खूब नाम कमाना चाहती थीं। इसके लिए उन्होंने मेहनत करना आरंभ कर दिया। वे ऐसा काम करना चाहती थीं कि अन्य लोग भी उनसे प्रेरणा लें। आज प्रीति मोंगा आत्मनिर्भर हैं। आज प्रीति मोंगा एक दृष्टिहीन किंतु कामयाब महिला हैं। उनके लिए कामयाबी का अर्थ है सबसे ज़्यादा चुनौतियों का सामना करना । वे कहती हैं कि जिसने सबसे ज़्यादा असफलताओं का सामना किया हो, वही व्यक्ति सफल कहलाने का अधिकारी है । हमें असफलताओं से घबराना नहीं चाहिए । असफलताएँ हमें उठाने के लिए हैं ।

(या)

हालदार साहब का चरित्र चित्रण अपने शब्दों में कीजिए ।
उत्तर:
हालदार साहब के मन में देशभक्तों के प्रति सम्मान की भावना थी । देश के लिए सुभाष चंद्र बोस के किए कार्यों को याद कर उनके प्रति श्रद्धा उमड़ पड़ती थी । इस कारण हालदार साहब चौराहे पर रुककर नेताजी की मूर्ति को निहारते रहते थे। उनके मन में देशभक्तों की सेवा व सम्मान करनेवालों के लिए भी बेहद सम्मान था । यही कारण था कि वे नेताजी की मूर्ति पर चश्मा लगानेवाले कैप्टन से अत्यंत प्रभावित थे । वे कैप्टन की मृत्यु के बाद उदास हो गए थे। फिर जब उन्होंने बच्चों द्वारा सरकंडे के चश्मे को नेताजी की आँखों पर देखा तो वे भावुक हो गया । उन्हें लगा कि देशभक्ति अभी भी जीवित है।

प्रश्न 18.
प्रेमचंद की प्रसिद्ध कहानी ‘बडे भाई साहब’ में आपको किस भाई की भूमिका अच्छी लगी और क्यों ?
उत्तर:
दोनों भाइयों में मुझे बड़े भाई की भूमिका अच्छी लगी। क्योंकि वे छोटे भाई की खुशियों के लिए अपनी खुशियों का त्याग करते हैं। वे छोटे भाई की भलाई के लिए उसे डाँटते हैं। उनके कारण छोटा भाई कक्षा में अव्वल आता है । वे छोटे भाई से कहते हैं कि मेरी कक्षा के निकट होने पर भी तुम उम्र और अनुभव में मुझसे छोटे हो। तुममें अनुभव की कमी है ।

मैं तुम्हारी भलाई के लिए तुम्हें डाँटता हूँ। हमें बड़े लोगों का आदर करना चाहिए। वे कहते हैं कि उनका मन भी खेलने को करता है। किंतु यदि वे खेलेंगे तो छोटे भाई को कौन सँबालेगा । यह सुनकर. लेखक को अपने बड़े भाई साहब के लिए अत्यंत आदर भाव उत्पन्न होता है । वह अपने किए के लिए बड़े भाई साहब से माफ़ी माँगते हैं ।

(या)

संक्रांति के त्यौहार पर हम तरह-तरह की कलाओं के विकास के लिए काम करते हैं। इसमें गुड़ियों का विशेष महत्व है। लोग अपने घरों में गुडियाँ सजाते हैं। लोगों को बुलाते हैं । उस दिन तरह – तरह के पकवान बनाये जाते हैं । बच्चे गुड़ियों को देखकर बहुत प्रसन्न होते हैं । इससे कलाकारों की भी आय हो जाती है और हमारी संस्कृति भी जीवित रहती है । संक्रांति जैसे त्यौहारों पर गुड़ियों की प्रदर्शनी हमारे देश की कलात्मक संस्कृति को दर्शाती है ।

आज भी बाज़ारों में संक्रांति के अवसर पर तरह-तरह की गुड़ियों को बिकते देखा जा सकता है । इसके साथ-साथ संक्रांति में पतंगें उड़ाने का भी प्रचलन है। भारतीय संस्कृति की सबसे बड़ी विशेषता यही है कि उसमें कलाकारों को सम्मान व रोजगार की प्रेरणा मिलती है। इसके माध्यम से अनेकों गुड़िया बनाने वाले कलाकार अपने परिवार का पालन-पोषण करते हैं। साथ ही कला का पोषण भी होता है ।

प्रश्न 19.
आपके द्वारा की गई किसी यात्रा का वर्णन यात्रा – वृत्तांत के रूप में कीजिए ।
उत्तर:
छुट्टी में हम सब घूमने जाते हैं। हम हर बार नाना-नानी के घर पर जाते हैं । लेकिन इस बार हम हरिद्वार की तीर्थ यात्रा पर गए थे। यह यात्रा हमने ट्रेन से की। हमने वहाँ पर खूब मस्ती की। मेरे परिवार में पापा मम्मी, दादा दादी और बड़ी दीदी हैं ।

हरिद्वार में हमारे गुरुजी का आश्रम है। हरिद्वार में हम सबने गंगाजी में स्नान कर आरती का आनंद लिया । हरिद्वार बहुत ही सुंदर तीर्थ स्थल है। सबसे पहले हम गुरुजी के आश्रम गए। फिर हमने मंदिरों के दर्शन किए। वहाँ हरि की पौड़ी के सामने मानसा देवी का मंदिर है। दूसरी तरफ पहाड़ी पर चंडी देवी का मंदिर है। हरिद्वार में बहुत सुंदर मंदिर बने हैं ।

दर्शनों के बाद हम हरिद्वार से कुछ ही दूरी पर ऋषिकेश गए। वहाँ राम व लक्ष्मण झूला नामक पुल है । यह पुल गंगा नदी पर बने हैं। पहाड़ों के बीच बहती गंगा नदी का दर्शन बड़ा मनोरम प्रतीत होता है। यहाँ से खूब बड़े- बड़े पहाड़ दिखते हैं। हरिद्वार में पवित्र गंगा नदी पर हमने मस्ती की। मुझे वहाँ नई नई जानकारी मिली।

हरिद्वार में दूर-दूर से श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं। यहाँ हर 12 साल में कुंभ का मेला लगता है। कुंभ के मेले में बहुत से साधु संत आते हैं। हरिद्वार से लगभग कुछ ही दूरी पर बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री के पवित्र धाम भी हैं। हमारी यात्रा बहुत ही रोमांचक व यादगार रही ।

हमने घुमने का मज़ा भी लिया और हमारी तीर्थ यात्रा भी हो गई । यहाँ हमें प्रकृति की सुंदरता देखने को मिली ।’ अब अगली गर्मियों में हम चारधाम की यात्रा पर जाएँगे ।

(या)

‘जल संरक्षण’ विषय पर पाँच नारे लिखिए ।
उत्तर:

  • पानी बचाने का करो जतन, क्योंकि पानी है बहुमूल्य रतन ।
  • आओ हम सब हाथ मिलायें, सभी मिलकर पानी को बचाये ।
  • पानी की रक्षा देश की सुरक्षा ।
  • जल बचाइये, जीवन बचाइये ।
  • जल ही जीवन है जल ही रोटी है ।
  • कर लो अपने मन में निश्चय, करना ही है जल का संचय
  • हर बच्चा, बूढ़ा और जवान, पानी को बचाकर बने महान ।

PART – B

Time: 30 Minutes
Marks: 20

Instructions:

  1. Answer all the questions of Part – B on the question paper itself & attach it to the answer book of Part – A.
  2. Candidates must use CAPITAL LETTERS (A, B, C or D) while answering the Multiple choice questions.

I. निम्नलिखित प्रश्नों के सही उत्तर चुनकर सामने दिये गये कोष्ठक में लिखिए । (18 × 1 = 18)

प्रश्न 1.
मम प्रेम प्राणि पल्लव – अवलंबनीय भारत ।
(रेखांकित शब्द के पर्यायवाची पहचानिए ।)
A) पर्ण, अवनि
B) कोंपल, पात
C) क्षिति, निशा
D) किसलय, मार्तण्ड
उत्तर:
B) कोंपल, पात

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प्रश्न 2.
आडंबर, जीवन को जटिल बनाता है किंतु स्वाभाविक गुण इसे …………… बनाते हैं ।
(रिक्त स्थान की पूर्ति के लिए रेखांकित शब्द का सही विलोमार्थक यह होगा -)
A) सरल
B) अधर
C) सबल
D) सहर्ष
उत्तर:
A) सरल

प्रश्न 3.
निम्न में से उपसर्ग रहित शब्द है-
A) विचित्र
B) विदेशी
C) सपरिवार
D) गुडियाँ
उत्तर:
D) गुडियाँ

प्रश्न 4.
रीतिकाल के कवि पद्माकर के परिवार का वातावरण …….. था । (रिक्त स्थान की पूर्ति के लिए सही वर्तनी युक्त शब्द है -)
A) कवित्वमय
B) कवीतामय
C) कवीताम्य
D) कवीतामया
उत्तर:
A) कवित्वमय

प्रश्न 5.
गोभी के फूल धीरे-धीरे रेलगाड़ी के डिब्बे में पहुँच रहे थे। (वाक्य में इस शब्द की पुनरुक्ति है ।)
A) फूल
B) गोभी
C) डिब्बे
D) धीरे
उत्तर:
D) धीरे

प्रश्न 6.
मणिबद्ध नील नभ का विस्तीर्ण पट अचंचल था । (रेखांकित शब्द के भिन्नार्थक पहचानिए ।)
A) हीरा, रत्न
B) अंबर, व्योम
C) नीला रंग, एक रत्न
D) तालाब, आकाश
उत्तर:
B) अंबर, व्योम

प्रश्न 7.
सही शब्दकोश क्रम पहचानिए ।
A) लचक, लज्जित, लतिका, लघु
B) लघु, लचक, लज्जित, लतिका
C) लज्जित, लतिका, लघु, लचक
D) लतिका, लज्जित, लचक, लघु
उत्तर:
A) लचक, लज्जित, लतिका, लघु

प्रश्न 8.
स्वामीजी ने गजनंदन और उसके साथियों को गरम गरम दूध पीने के लिए दिया । ‘दूध’ शब्द है-
A) तत्सम
B) तद्भव
C) देशज
D) विदेशी
उत्तर:
B) तद्भव

प्रश्न 9.
समय पालन ……….. आदमी…. जीवन ……….. संयम आ जाता है। (वाक्य की पूर्ति के लिए उचित कारक चिह्न है-
A) के, से, को
B) ने, के, में
C) से, के, में
D) से, को, के लिए
उत्तर:
C) से, के, में

प्रश्न 10.
मारुत भागकर ध्वनियंत्र के समीप जाता है । (रेखांकित शब्द से बनने वाली भाववाचक संज्ञा हैं ।)
A) सामीप्य
B) समीपी
C) समीपत्वं
D) सामीपन
उत्तर:
A) सामीप्य

प्रश्न 11.
राम ने किताब पढी । रेखांकित शब्द का सही पद परिचय है
A) क्रिया, सकर्मक, बहुवचन
B) क्रिया, अकर्णक, बहुवचन
C) क्रिया, सकर्मक, एकवचन
D) क्रिया, अकर्मक, एकवचन
उत्तर:
C) क्रिया, सकर्मक, एकवचन

प्रश्न 12.
नेताजी सभाभवन में पहुँचे । रेखांकित शब्द का सही विग्रह है –
A) सभा और भवन
B) सबा में भवन
C) सबा से भवन
D) सभा के लिए भवन
उत्तर:
D) सभा के लिए भवन

प्रश्न 13.
नगर के गणमान्य व्यक्ति का सम्मान किया गया । रेखांकित पदबंध है –
A) संज्ञा पदबंध
B) सर्वनाम पदबंध
C) क्रिया पदबंध
D) क्रिया – विशेषण पदबंध
उत्तर:
A) संज्ञा पदबंध

प्रश्न 14.
………… मैं स्टेशन पहुँचा ….. ही गाड़ी रवाना हो गई । रिक्त स्थानों की पूर्ति के लिए सही विकल्प है ।
A) जो, तो
B) जब, तब
C) ज्यों, त्यों
D) यद्यापि, तथापि
उत्तर:
B) जब, तब

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प्रश्न 15.
मोहन कहानी लिखता है। वाक्य का कर्मवाच्य रूप है ।
A) मोहन कहानी लिखनेवाला है ।
B) मोहन से कहानी लिखी जाती है।
C) मोहन के द्वारा कहानी लिखी जाने वाली है ।
D) मोहन कहानी को लिखेगा ।
उत्तर:
B) मोहन से कहानी लिखी जाती है।

प्रश्न 16.
यह सुंदर कविता है । इस वाक्य का सही विस्मयादिबोधक वाक्य रूप है –
A) हाय ! कितनी सुंदर कविता है ।
B) हे ! कितनी सुंदर कविता है ।
C) अहो ! कितनी सुंदर कविता है ।
D) वाह ! कितनी सुंदर कविता है ।
उत्तर:
D) वाह ! कितनी सुंदर कविता है ।

प्रश्न 17.
सम सुवरन सुख पाकर, सुजसन थोर । पंक्ति में इस वर्ण की आवृत्ति हुई है –
A) ख
B) ज
C) व
D) स
उत्तर:
D) स

प्रश्न 18.
वेदों में स्त्री की तुलना देवी से की गई है। वाक्य का रूपांतरण प्रश्नवाचक में करने के लिए रेखांकित शब्द के स्थान पर इस शब्द का प्रयोग उचित है …………..
A) कौन
B) किस
C) उस
D) कहाँ
उत्तर:
B) किस

II. निम्नलिखित शब्दों को वाक्यों में प्रयोग कीजिए । (2 × 1 = 2 )

प्रश्न 19.
आश्वासन : ………………..
उत्तर:
‘आश्वासन : हम अच्छे परिणाम का आश्वासन देते हैं ।

प्रश्न 20.
परिवर्तन : …………
उत्तर:
परिवर्तन : परिवर्तन संसार का नियम है ।

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