Telangana SCERT 7th Class Hindi Study Material Telangana Pdf 11th Lesson साहसी सुनीता Textbook Questions and Answers.
TS 7th Class Hindi 11th Lesson Questions and Answers Telangana साहसी सुनीता
प्रश्न ( ప్రశ్నలు) :
प्रश्न 1.
चित्र में क्या दिखाई दे रहा है ?
(చిత్రం లో ఏమేమి కనపడుతూ ఉన్నది ?)
उत्तर :
चित्र में पानीवाला एक कुआँ, एक लड़का, एक लड़की, एक लंबी लकड़ी, एक पेड़ दिखाई दे रहे हैं।
प्रश्न 2.
लड़की क्या सोच रही होगी ?
(బాలిక ఏమి ఆలోచిస్తుంది ?)
उत्तर :
लड़की यही सोच रही होगी कि कुँए में से लड़के को ऊपर कैसे उठाॅँ।
प्रश्न 3.
साहस किसने किया ? कैसे ?
(సాహసం ఎవరు చేశారు ? ఎట్లా ?)
उत्तर :
साहस सुनीता ने किया । सहारा देकर कुँए में से लड़के को बाहर किया।
सुनो – बोलो (విను – మాట్లాడు) :
प्रश्न 1.
सुनीता पटरी के पास क्यों रुक गयी ?
(సునీత రైలు పట్టాల దగ్గర ఎండుకు ఆగింది ?)
उत्तर :
सुनीता घास लेकर अपनी माँ के साथ घर जा रही थी। रास्ते में रेल की पटरी थी। वहाँ से रेलगाड़ी के निकलने का समय हो गया था। इसलिए सुनीता पटरी के पास रुक गयी।
प्रश्न 2.
चालक के लिए लाल और हरा झंडा किस के सूचक हैं?
उत्तर :
चालक के लिए लाल झंडा रोकना या रुकने का संकेत है। हरा झंडा चलने का संकेत है। इस तरह लाल और हरा झंडा रुकने और चलने के संकेत हैं।
प्रश्न 3.
दूटी पटरी देखकर सुनीता ने क्या सोचा ?
(విరిగిన పట్టాను చూచి సునీత వమి ఆలోచించి ఉంటుంది?)
उत्तर :
सुनीता घर जा रही थी। रास्ते में रेल की पटरी थी। उसी समय वहाँ से रेलगाड़ी निकलने वाली थी। इसलिए सुनीता और उसकी माँ पटरी के पास रुक गयीं। तभी सुनीता ने टूटी पटरी देखी। सुनीता ने एक दम सोचा होगा कि स्टेशन यहाँ से दूर में है।
गाड़ी निकलेगी तो ज़रूर बड़ा अनर्थ होगा। हज़ारों लोगों के प्राण चले जायेंगे। कई लोग घायल हो जायेंगे। इस अनर्थ से लोगों को बचाना है। जैसे भी हो लोगों की रक्षा करना मेरा धर्म है।
पढ़ो (చదువు):
अ. उचित शब्द से रिक्त स्थान भरो।
(సరైన పదముతో ఖాళీన నిపము.)
1. सुनीता घास लेकर …………… जा रही थी। (घर / शहर) – (घर)
2. …………….. स्टेशन वहाँ से दूर था। (बस / रेलवे) – (रेलवे)
3. वह पटरी के पास जाकर ……………. लहराने लगी। (ओढ़नी / झंडा) – (ओढ़नी)
4. भारत सरकार ने ……….. के दिन सुनीता को पुरस्कार दिया। (15 आगस्त/ 26जनवरी) – (26 जनवरी)
लिखो (వ్రాయుము):
प्रश्न 1.
ट्राफिक सिग्नल्स (यातायात नियम) के बारे में लिखो।
(ట్రాఫిక్ సిగ్నల్స్ (రాకపోకల సూచనలు) గురించి వ్రాయుము
उत्तर :
हमें यातायात के नियमों का ज़रूर पालन करना चाहिए। सड़क पर चलनेवाले पैदल या वाहन सदा बाई ओर ही जाना है। चौराहे पर खड़े पुलिसवाले के संकेतों के अनुसार चलना है, रुकना है। चौराहे पर अगर संकेत देनेवाली बिजली की बत्तियाँ हैं तो लाल बत्ती के जलने पर रुकना और हरी बत्ती के जलने पर निकलना चाहिए।
(మనము ట్రాఫిక్ సిగ్నల్స్ను తప్పక పాటించాలి. రోడ్డవీద వెళ్ళేటప్పుడు నడక అయినా, వాహనము అయినా ఎల్లప్పుడూ ఎడమవైపునే వెళ్ళాలి. జంక్షన్ వద్ద నిలబడిన పోలీసువారి సూచనల ప్రకారము వెళ్ళడము, ఆగటము చెయ్యాలి. జంక్షన్లలో సంకేతములు ఇచ్చే కరంటు బల్బ్లు ఉంటే ఎర్ర బల్బ వెలిగినపుడు ఆగాలి. పచ్చబల్టు వెలిగినప్పుడు బయలుదేరాలి.
प्रश्न 2.
लाल ओढ़नी दिखाते हुए जब सुनीता रेल की ओर दौड़ रही थी तो उस के मन में क्या विचार आये होंगे ।
(ఏరుపుచున్నీ చూపిస్తూ సునీత రైలువైపు పరిగెడుత ఉన్నప్పుడు అమె మనస్సులో ఏ ఆలోచనలు వస్తూ ఉండవచ్చు?)
उत्तर :
सुनीता और उसकी माँ ने एक जगह रेल की पटरी को टूटा हुआ देखा। तो सुंनीता ने आनेवाली रेलगाड़ी को रोकना चाहा। इसलिए वह पटरी के पास जाकर अपनी लाल रंग की ओढ़नी लहराने लगी। तब उसके मन में ये विचार आये होंगे।
- मेरे लाल रंग की ओढ़नी का लहराना चालक ज़रूर देखेगा।
- मेरे साथ माँ भी हाथ उठाकर रुकने का संकेत कर रही है ।
- इस से चालक को मालूम होगा कि यह कोई खेल की बात नहीं है।
- वह इस पर ज़रूर सोचेगा कि वहाँ कुछ गड़बड़ अवश्य है।
- इसलिए ज़रूर गाड़ी रोकेगा।
- हज़ारों लोगों की जानें बच जायेंगी।
- एक भारी दुर्घटना से लोगों को बचाना है।
- इसलिए चालक हमारे संकेतों को ज़रूर देखेगा और गाड़ी रोकेगा।
(मन का साहस विश्वास बढ़ाता है । మనోధెర్యం నమ్ముకాన్ని పెంచుతుంద)
शब्द भंडार (శబ్దకోశము):
रेल्बे स्टेशन से जुड़े कुछ शब्द लिखो।
(రైల్వేస్టేషన్తో జతపడిన కొన్ని శబ్దములు వ్రాయుము.)
उत्तर :
प्लेटफार्म, टिकटघर, दुकानें, घंटी, पुल, सीढ़ियाँ, कुली लोग, ट्राली, रेल्वे पुलिस स्टेशन, पीने के पानी के नल, चाय, कॉफी, फल, नाश्ता बेचनेवाले लोग, आराम करने के कमरे।
भाषा की बात (భాషా విషయము) :
लड़का खेलता है ।
बालक कहानी पढता है ।
माँ भोजन बनाती है ।
वह कविता लिखती है ।
ऊपर दिये गये वाक्यों में खेलना, लिखना, पढना, बनाना, आदि शब्द संज्ञा या सर्वनाम दुवारा किये गये कार्य को बतलाते हैं। ऐसे शब्द को क्रिया कहते है ।
పైనున్న హాక్యాలలో खेलना, लिखना, पढना, बनाना మొదలగు శబ్దాలు నామవాచకము లేక సర్వనామము ద్వారా చేయబడు పనిని గూర్చి తెలుపును. ఇటువంటి శబ్దాలు, పదాలను క్రియ అని అంటారు.
सृजनात्मक अभिव्यक्ति (సృజనాత్మక వ్యక్తీకరణ) :
प्रश्न 1.
सुनीता को उसके साहसी कार्य के लीए राष्ट्रपपि पुरस्कार दिया गया। उसे बधाई देते हुए दो वाक्य लिखो।
(సునీతకు తన సాహా కరర్యకకమానికి రాష్ట్రపిి బహుమతి లఖించండి. అండుకు పుఖాాంక్షలు తెలిజుస్తూ రెండ వాక్లాల రాయండి.)
उत्तर :
सुनीता के साहसी कार्य के बारे में हमारे वर्ग के सभी छात्रों को बताकर सुनीता को आदर्श के रूप में लेने की सूचना देते हुए हमारे वर्ग की ओर से राष्ट्रपति पुरस्कार ग्रहीत सुनीता को बधाई दे रहे हैं।
* संकेतों के आधार पर चार वाक्य लिखिए।
उत्तर :
1. सुनीता घास लेकर घर जा रही थी।
2. सुनीता पटरी के पास गयी।
3. सुनीता को लगा कि पटरी टूटी हुयी है।
4. सुनीता ने अपनी लाल ओढ़नी लहराने लगी।
पवित गद्यांश:
1. नीचे दिया गया अनुच्छेद पढ़िए । अब इन प्रश्नों के उत्तर दीजिए ।
सुनीता घास लेकर घर जा रही थी। उसके साथ माँ भी थी। रास्ते में रेल की पटरी थी। वहाँ से रेलगाड़ी के निकलने का समय हो गया था। सुनीता और उसकी माँ पटरी के पास रुक गयीं। तभी सुनीता की नज़र रेल की पटरी पर पड़ी, उसे वह पटरी टूटी हुई लगी। सुनीता की माँ पटरी देखकर बोली – “’ये पटरी तो टूटी है!’ दोनों इधर-उधर देखने लगीं। रेल्वे स्टेशन भी वहाँ से दूर था।
1. लड़की का नाम क्या है ?
उत्तर :
सुनीता
2. लड़की के साथ कौन है ?
उत्तर :
उसकी माँ
3. रास्ते में क्या है ?
उत्तर :
रेल की पटरी
4. लड़की क्या लेकर जा रही है ?
उत्तर :
घास
5. रेलवे स्टेशन कहाँ था ?
उत्तर :
वहाँ से दूर था।
6. रेल की पटरी कैसी थी ?
उत्तर :
टूटी हुई थी ।
2. नीचे दिया गया अनुच्छेद पढ़िए । अब इन प्रश्नों के उत्तर दीजिए ।
तभी सुनीता ने रेलगाड़ी को आते देखा। वह होने वाली दुर्घटन को सोचकर काँप उठी। तभी उसे एक उपाय सूझा । उसने सुन रखा था कि सड़क पर लाल रंग की बत्ती को देखकर वाहन रुक जाते हैं। वह पटरी के पास जाकर अपनी लाल रंग की ओढ़नी लहराने लगी। माँ भी दोनों हाथ उठाकर रुकने का संकेत करने लगी। गाड़ी चालक ने लाल कपड़े को लहराता और गाड़ी रोकने का संकेत देखकर सोचा, जरूर कोई गड़बड़ है। उसने गाड़ी चाल धीमी कर दी। थोड़ी दूरी पर गाड़ी रुक गयी।
1. किसको एक उपाय सूझा ?
उत्तर :
सुनीता को
2. सड़क पर वाहन कब रुक जाते हैं ?
उत्तर :
लाल रंग की वत्ती देखकर
3. सुनीता पटरी के पास क्या लहराने लगी ?
उत्तर :
अपनी लाल रंग की ओढ़नी
4. गाड़ी चालक ने क्या सोचा ?
उत्तर :
लाल कपड़े को लहराता और गाड़ी रोकने का संकेत देखकर चालक ने सोचा कि कोई गड़बड़ है।
5. गाड़ी चालक ने क्या किया ?
उत्तर :
गाड़ी की चाल धीमी कर दी।
3. नीचे दिया गया अनुच्छेद पढ़िए । अब इन प्रश्नों के उत्तर दीजिए ।
गाड़ी चालक, गाई तथा कुछ लोग सुनीता और उसकी माँ के पास आये। सुनीता ने उन्हें टूटी हुई पटरी दिखायी। पटरी देखकर चालक ने कहा कि सुनीता की सूझ-बूझ से हज़ारों जानें बच गयीं। सभी यात्रियों ने दोनों के सहायता की प्रशंसा की। सुनीता को इस साहसी कार्य के लिए 26 जनवरी को भारत सरकार की ओर से पुरस्कार दिया गया ।
1. सुनीता और उसकी माँ के पास कैन आये ?
उत्तर :
गाड़ी चालक, गार्ड, कुछ लोग
2. सुनीता ने उन्हें क्या दिखाया ?
उत्तर :
टूटी हुई पटरी
3. किसकी सूझ-बूझ से हज़ारों जानें बच गयीं ?
उत्तर :
सुनीता
4. सभी यात्रियों ने क्या किया ?
उत्तर :
दोनों के साहस की प्रशंसा की ।
5. सुनीता को कब सरकार की और से पुरस्कार दिया गया ?
उत्तर :
26 जनवरी को
आपवित गद्याश/पद्याश :
4. नीचे दिया गया गद्यांश पढ़कर प्रश्नों के उत्तर लिखिए।
ब्राह्मण की पत्नी नेवले का बहुत ध्यान रखती थी। फिर भी उसके मन में शंका रहती कि यह जानवर का बच्चा है। कभी मेरे बच्चे को ही न मार डाले? यों नेवले का बच्चा उसके आसपास घूमता रहता था। वह अपनी छोटी-छोटी आँखों से उसकी ओर देखता रहता था। उसे लगता कि यह मुझे माँ की तरह ही मानता है। फिर भी उसे डर बना रहता था। एक दिन ब्राह्मणी ने पुत्र को पालने में सुला दिया। फिर वह घडा उठाकर तालाब से पानी भरने निकली। जाते समय उसने अपने पति से कहा “ “मैं पानी भरने जा रही हूँ। बच्चे का ध्यान रखना।”
1. ब्राह्मणी की पत्नी किस पर ध्यान रखती थी?
उत्तर :
नेवले पर
2. किसका बच्चा उसके आसपास घूमता रहता था?
उत्तर :
नेवला का
3. उसे कैसा लगता था?
उत्तर :
माँ
4. ब्राहूमणी ने पुत्र को क्या किया?
उत्तर :
सुलाया
5. फिर वह कहाँ निकली?
उत्तर :
पानी भरने
5. नीचे दिया गया गद्यांश पढ़कर प्रश्नों के उत्तर लिखिए।
अच्छे व्यवहार को शिष्टाचार कहते हैं। विनम्रता शिष्टाचार की पहली शर्त है। हमें सदा मातापिता, अध्यापकों और बडों का आदर करना चाहिए। उनके साथ विनम्रता पूर्वक व्यवहार करना चाहिए। जो विनम्र होता है, उसे विद्या प्राप्त होती है। इसलिए विद्यार्थी को विनम्र होना जरूरी है।
1. कैसे व्यवहार को शिष्टाचार कहते हैं ?
उत्तर :
अच्छे
2. शिष्टाचार की पहली शर्त क्या है ?
उत्तर :
विनम्रता
3. हमें सदा किनका आदर करना चाहिए ?
उत्तर :
माता-पिता, अध्यापकों और बडों का
4. किसको विनम्र होना ज़रूरी है ?
उत्तर :
विद्यार्थी को
5. विदूया किसे प्राप्त होता है ?
उत्तर :
जो विनम्र है
6. नीचे दिया गया पद्यांश पढ़कर प्रश्नों के उत्तर लिखिए।
कभी प्यासे को पानी पिलाया नहीं,
बाद अमृत पिलाने से क्या लाभ है ?
कभी गिरते हुओं को उठाया नहीं,
बाद आँसू बहाने से क्या लाभ है ?
कभी माँ – बाप की सेवा की ही नही,
बाद मंदिर बनाने से क्या लाभ है ?
1. प्यासे को क्या पिलाना चाहिए ?
उत्तर :
पानी
2. किसे उठाना चाहिए ?
उत्तर :
गिरते हुओं को
3. किसकी सेबा करनी चाहिए ?
उत्तर :
माँ-बाप की
4. ‘लाभ’ का बिलोम शब्द क्या है ?
उत्तर :
नष्ट
5. आँसू कहाँ से आते हैं ?
उत्तर :
आँख से
पाठ: साहसी सुनीता
शब्दार्थ (అర్థములు) Meanings:
తెలుగు సౌరాంశము :
సునీత గడ్డి తీసుకొని ఇంటికి వెళుతోంది. ఆమెతో తల్లి కూడా ఉంది. దారిలో రైలు మార్గం ఉంది. రైలు బండి వచ్చే సమయమయింది. సునీత, ఆమె తల్లి రైలు మార్గం దగ్గర ఆగారు. అప్పుడే సునీత దృష్టి రైలు పట్టాల మీద పడింది. ఆమెకి రైలు పట్టా విరిగినట్లుగా అనిపించింది. సునీత తల్లి పట్టాను చూచి ఈ పట్టా విరిగిందే అంది.
ఇరువురు అటు-ఇటు చూడసాగారు. రైల్వే స్టేషను అక్కడ నుండి చాలా దూరంలో ఉంది.అప్పుడే సునీత రైలుబండి రావటం చూసింది. ఆమె జరుగటోయే సంఘటనను తలచి వణికిపోయింది.
ఆమెకు ఒక ఉపాయం తట్టింది. రోడ్డు మీద ఎర్ర రంగు లైటును చూచి వాహనాలు ఆగిపోతాయని ఆమె విని ఉంది. ఆమె పట్టాల దగ్గరికి వెళ్ళి తన ఎరుపురంగు చున్నీని ఎగురవేసింది. తల్లి కూడా రెండు చేతులు ఎత్తి రైలు ఆపమని సైగ చేయసాగింది.
బండి డ్రైవరు ఎగురుతూ ఉన్న ఎరుపు గుడ్డనూ, బండి ఆపమనే సైగను చూచి తప్పక ఏదో గడబిడ ఉందని అనుకున్నాడు. అతను బండి వేగాన్ని తగ్గించాడు. కొద్ది దూరంలో బండి అగింది.
బండి డ్రైవరు, గార్డు, కొంతమంది వ్యక్తులు సునీత, ఆమె తల్లి దగ్గరకు వచ్చారు. సునీత వారికి విరిగిన పట్టాను చూపింది. పట్టాను చూచి డైవరు సునీత సమయస్ఫూర్తి వలన వేల ప్రాణాలు రక్షింపబడ్డాయి అని అన్నాడు. ప్రయాణికులందరు ఇద్దరి ధైర్యాన్ని పొగిడారు. సునీత చేసిన ఈ సాహసవంతమైన పనికి జనవరి 26న భారత (ప్రభుత్వము తరఫున బహుమతి ఇవ్వబడింది.
Summary
An Adventurous Girl
One day Sunitha was going home carrying grass. She was going along with her mother at that time. There was a railway track on the way. It was the time that a train was about to go on that track. Sunitha and her mother had stopped at the track. Just then Sunitha’s eyes fell on the Railway Track. Sunitha’s mother also yelled the track had broken. Both of them were looking here and there. Railway station was far away from there to pass the message.
At the same time Sunitha noticed that the train is coming. She shivered first by imagining mishap which may take place if the train comes that side on the track.
At last she got an idea. Earlier she heard that on seeing red light the vehicles would stop. Luckily at that time there was a red chunny with her. She went near the Railway track and waved her red chunni. Her mother too raised her hands up and gave signals to stop. Noticing this the train driver thought that something went wrong. He slowed down the speed of the train. It stopped at a little distance away from the broken track.
The train driver, guard and some persons came near Sunitha and her mother. Sunitha showed them the broken track. The driver appreciated Sunitha that her timely response had saved many lives. The travellers also admired their for responsibility and bravery. On Jan 26th the Government of India honoured Sunitha with Bravery Award.