Telangana SCERT TS 10th Class Hindi Study Material रचना पत्र-लेखन Questions and Answers, Notes Pdf.
TS 10th Class Hindi Rachana पत्र-लेखन
प्रश्न 1.
नगर में बढ़ती हुई चोरी की घटनाओं पर चिंता व्यक्त करते हुए पुलिस कमिश्नर को पत्र लिखकर पुलिस व्यवस्था बढ़ाने की माँग कीजिए।
उत्तर :
खाजीपेट,
XXXX
प्रेषक:
जी. साई प्रशाँत,
दसवीं कक्षा,
शारदा हाई स्कूल, खाजीपेट।
सेवा में,
श्री पुलीस कमीशनर जी,
खाजीपेट।
मान्य महोदय,
सादर प्रणाम,
में अंबेड्कर कॉलनी का निवासी हूँ। पिछले कुछ दिनों से हमारी कॉलनी में चोरियों बढ़ गयी हैं। रात के समय बंद घरों में घुसकर धन, आभूषण लूट रहे हैं। पुलिस चौकसी है। पर नहीं के बराबर है। इन चोरियों से लोग हैरान हैं। इसलिए में आप से सविनय पूर्वक निवेदन करता हूँ. कि आप इस विषय पर ध्यान देकर पुलिस व्यवस्था बढाने की कृपा करें। ताकि चोरियों से लोगों की संपत्ति की रक्षा होगी।
यथाशीघ्र आवश्यक कारवाई के लिए प्रार्थना।
धन्यवाद सहित,
आपका,
विश्वसनीय,
जी. साई प्रशाँत
खाजीपेट
प्रश्न 2.
रास्ता चलने वाली अकेली महिला को देखकर सोने के आभूषण छीनने वालों से सुरक्षा करने की प्रार्थना करते हुए पुलिस अधिकारी को पत्र लिखिए।
उत्तर :
वरंगल,
XXXX
प्रेषक :
के. मोहनराव,
दसवीं, कक्षा,
मोडल हाईस्कूल, वरंगल।
सेवा में,
श्री पुलीस अधिकारी
(सब इस्स्पेक्टर साहब)
टू टउन पुलीस थाना,
वरंगल।
पूज्य महोदय, सादर प्रणाम
मैं अंबेड्कर कॉलनी का निवासी हूँ। पिछले कुछ दिनों से हमारी कॉलनी में रास्ता चलने वाली अकेली महिला को देख कर सोने के आभूषण छीन कर भाग जाने वाले चोर अधिक हो गये हैं। इसलिए मैं आप से सविनय पूर्वक निवेदन करता हूँ कि आप तुरंत पुलीस पेट्रोलिंग की व्यवस्था करें तथा चोरों से अकेले चलनेवाली महिलाओं की सुरक्षा करें।
तुरंत उचित करवाई के लिए प्रार्थना।
धन्यवाद सहित,
आपका,
विश्वसनीय,
के. मोहनराव,
वरंगल।
प्रश्न 3.
नंगर निगम अधिकारी को अपने मोहले की सफ़ाई के लिए पत्र लिखिए।
उत्तर :
चौटुप्पल,
XXXXX
प्रेषक
XXXX
1-5-214, श्री नगर,
वरंगल।
सेवा में
श्री कमीशनर,
वरंगल नगर निगम, वरंगल।
महोदय,
नमस्कार
मैं वरंगल के हनुमान पेट मोहले का वासी हूँ। आपकी सेवा में नम्र निवेदन है कि कुछ महीनों से हमारे नगर में सफाई ठीक ढंग से नहीं हो रही है। सडकों पर कूडा – करकट जमा हुआ है। नालों का पानी सडकों पर बहता है। उनको साफ़ करने की ठीक व्यवस्था नहीं है। इसलिए मच्छर खूब बढ़ गये हैं। कई लोग मलेरिया के शिकार बन गये हैं। इसलिए मैं आपसे प्रार्थना करता हूँ कि हर रोज़ सफ़ाई करने के आवश्यक कदम उठाएँ । में पूर्ण सहयोग की आंशा में ……..
आपका,
XXXX
प्रश्न 4.
अधिक वर्षा के कारण राज्य के किसानों की फसल नष्ट हो गयी है। मुख्य-मंत्री को पत्र लिखकर किसानों की आर्थिक सहायता करने की प्रार्थना कीजिये।
उत्तर :
करीमनगर,
ता. XXXXX
सेवा में
माननीय मुख्यमंत्री जी,
तेलंगाणा राज्यविभाग,
हेदराबाद।
निवेदन है कि पिछले हफ्ते से हो रही बारिश से राज्य भर के कई इलाकों में किसानों पर आफ़त आ गई। बेमौसमी बारिश से फसलों को भारी नुक्सान हुआ। फसल काटने का वक्त होने से किसान काटने की तैयारी में थे। लेकिन बारिश ने किसानों की सारी मेहनत पर पानी फेर दिया। आज धरती पुंत्र अपना माथा पकडकर रो रहा है। तेलंगाणा कृषि विभाग से में प्रार्थना करता हूँ कि जल्दि से जल्दि सरकारी रत्तर पर इसका आकलन तैयारकर उनकी दशा सुधारने की दिशा में आर्थिक सहायता करें।
धन्यवाद,
आपका विनम्र
तेलंगाणा राज्य नागरिक
हैदराबाद।
प्रश्न 5.
अपने यहाँ मनाये गये किसी पर्व का वर्णन करते हूए मित्र के नाम पत्र लिखिए।
उत्तर :
निजामाबाद,
दि. XXXX
प्रिय मित्र श्रीरमण,
मैं यहाँ कुशल हूँ। आशा करता हूँ कि तुम भी वहाँ सकुशल हो। यहाँ कल दिवाली खूब मनायी गयी। दिवाली को दीवाली या दीपावली भी कहते हैं। दीवाली हिंदुओ का प्रमुख त्यौहार है। दीवाली का अर्थ है दीपों की कतार। इसे अन्य धर्म के लोग भी मनाते है। इस दीवाली के बारे में अनेक कहानियाँ प्रचलित हैं।
प्राचीन काल में नरकासुर नामक एक राक्षस था। भगवान श्रीकृष्ण और सत्यभामा दोनों ने उसे मार डाला। तब से लोग खुशी से इस उपलक्ष्य पर यह त्योहार मनाते हैं। कहा जाता है कि इसी दिन श्रीराम, रावण को मारकर सीता समेत अयोध्या लौट आये।
इस दिन लोग अपने – अपने घरों को साफ़- सुथरा करते हैं। अभ्यंगन स्नान करते हैं। नये वस्त्र पहनते हैं। अच्छे – अच्छे पकवान बनाते हैं। इस दिन धन की देवी लक्ष्मीजी की पूजा करते हैं। रात को बच्चे फुलझडियाँ और पटाखें जलाते हैं। दीपों से घर सजाये जाते हैं।
माँ – बाप को मेरा नमस्कार।
तुम्हारे प्यारे मित्र,
XXXX
पता :
वी. श्रीरामण
जड.पी. हाईस्कूल,
कोत्तापत्ली, करीमनगर।
प्रश्न 6.
अपनी पाठशाला में मनाये गये स्वतंत्रता दिवस (राष्ट्रीय पर्व) का वर्णन करते हहए अपने मित्र के नाम पत्र लिखिए।
उत्तर :
करीमनगर,
ता. XXXXX
प्रिय मित्र साई,
में यहाँ कुशल हूँ। आशा है कि वहाँ तुम भी कुशल हो। यहाँ मैं हमारे स्कूल में मनाये गये स्वतंत्रता दिवस का वर्णन कर रहा हूँ।
पंद्रह अगस्त को हमारे स्कूल में स्वतंत्रता दिवस मनाया गया। उस दिन स्कूल और सभा मंडप रंग बिरंगे कागज़ों से सजाये गये। उस दिन सबेरे तिरंगा झंडा फहराया गया। मेयर साहब ने भाषण दिया। सबको मिठाइयों बाँटी गयी। शाम को विद्यार्थियों से सांस्कृतिक कार्यक्रम संपन्न हुये। खेलकूद में विजयी विद्यार्थियों को पुरस्कार दिये गये। राष्ट्रीय गीत के साथ सभा समाप्त हुई।
तुम्हारे माँ – बाप को मेरे नमस्कार तुम्हारे छोटे भाई को मेरा आशीर्वाद।
तुम्हारा प्रिय मित्र,
XXXX
पता :
यस. यस. साई,
जि.प. हाईस्कूल,
मेदक,
मेदक ज़िला।
प्रश्न 7.
अपने सहपाठियों के साथ आप ऐतिहासिक नगर गये। उसका वर्णन करते हुए अपने छोटे भाई/मित्र को पत्र लिखिए। (प्रेक्षणीय स्थान की यात्रा का वर्णन)
उत्तर :
भद्राचलं,
ता. XXXXX
प्रिय भाई चैतन्प/प्रिय मित्र
आशीश,
गर्मी की छुट्टियों में में अपने सहपाठियों के साथ हैदराबाद देखने गया था। हम सब बस में गये थे। यात्रा की विशेषताएँ लिख रहा हूँ। हैदराबाद एक सुन्दर नगर है। यहाँ चारमीनार, गोलकोंडा किला, क्यूज़ियम, बिर्ला मंदिर आदि दर्शनीय स्थान हैं। यह व्यापार का बडा केन्द्र है। यह् हमारी राजधानी है। इसको भाग्य नगर भी कहते हैं। अब यह भारत का एक महानगर बन गया है। यहाँ के सालारजंग म्यूज़ियम, नक्षत्रशाला, नेहरू प्राणी संग्रहालय आदि भी देखने लायक है। विधान सभा भवन, पब्लिक गार्डेन्स, फ़िल्मी स्टूडियोस आदि भी हमने देखे हैं। हमारी यात्रा आनंददायक और विज्ञानदायक होकर सफल रही। तुम भी अवश्य हैदराबाद देखने जाओ। माता-पिता को प्रणाम कह देना।
तुम्हारा बडा भाई/प्रिय मित्र,
XXXXX
पता :
चैतन्य,
रामाराव का पुत्र,
घर का नंबर 9/269, नकरेकल,
नलगोंडा।
प्रश्न 8.
अपने भाई के जन्मदिन पर अपने मित्र को आमंत्रित करते हुए निमंत्रण पत्र लिखिए।
उत्तर :
चेत्रई,
XXXXX
प्रिय मित्र,
में यहाँ कुशल हूँ। आशा करता हूं कि तुम भी वहाँ कुशल हो। अगले हफ़्ते XXXXX को मेरे भाई का जन्मदिन है। मैं इस पत्र के द्वारा मुख्य रूप से तुम्हे आमंत्रित कर रहा हूँ जन्मदिन का उत्सव बडे धूम धाम से मनाया जायेगा। आप सबके आगमन से, विशेष रूप से तुम्हारे आने से मुझे बहुत खुशी होगी।
तुम्हारे माँ – बाप से मेरे प्रणाम कहो। तुम्हारे भाई को मेरे आश्र्वांद कहना। तेरे आगमन की प्रतीक्षा करता हूँ।
तुम्हारा प्रिय मित्र,
XXXX
पता :
आर. सुरेश कुमार,
दसरी कक्षा ‘डी’,
नलन्दा विद्यालय,
मकंम्मा तोटा, करीमनगर।
Creative Questions for CCE Model Examination :
प्रश्न 1.
पुस्तकों की सूची देकर पुस्तकें भेजने के लिए पुस्तक विकेता के नाम पत्र लिखिए।
उत्तर :
कोदाडा,
ता. XXXXX
प्रेषक :
नंबर,
दसवीं कक्षा,
गाँधीजी मुनिसिपल हाई स्कूल,
कोदाडा, नलगोंडा।
सेवा में :
व्यवस्थापक,
द.भा.हि. प्रचार सभा,
हैदराबाद।
प्रिय महोदय,
निम्नलिखित पुस्तकें ऊपर दिये गये मेरे पते पर वी.पी.पी.के ज़रिए शीघ्र भेजने की कृपा करें आपके नियमानुसार ₹. 150 अग्रिम भेज रहा हूँ। यथा नियम उचित कमीशन भी दीजिए। सभी किताबें जल्दी भेजिये। निम्नलिखित सूचना के अनुसार सभी किताबें भेज सकते हैं।
आवश्यक किताबें :
आपका,
न. XXX
पता :
व्यवस्थापक,
पुस्तक बिक्री विभाग,
द.भा. हि.प्र.सभा,
हैदराबाद।
प्रश्न 2.
अपनी बहन के नाम हैदराबाद की यात्रा का वर्णन करते हुए पत्र लिखिए।
उत्तर :
आदिलाबाद,
ता. XXXXX
प्यारी बहन स्वातिश्री,
आशीश। मैं यहाँ कुशल हूँ। आशा है कि वहाँ तुम कुशल हो। मैं हैदराबाद से कल ही वापस आया। में अपनी यात्रा के बारे में कुछ बातें लिख रहा हूँ।
हम रेल से हैदराबाद गये। एक होटेल में ठहरे। हमने चारमीनार, सालारजंग म्यूजियम, उस्मानिया विश्वविद्यालय, उस्मानिया दवाखाना, मक्का मसजिद, गोलकोण्डा किला, नेहरू जूलाजिकल पार्क आदि देखे। बिर्लामंदिर में बालाजी की मूर्ति बहुत सुंदर है। यहाँ के हाईकोर्ट और अनेक सरकारी कार्यालय भी हमने देखे हैं। मॉं – बाप को मेरे प्रणाम तुम भी एक बार हैदराबाद देखने जाओ।
तुम्हारा प्यारा भाई,
नं. XXXX
पता :
स्वातिश्री,
न. 34 ,
दसवीं कक्षा (ए),
जेड.पी.हाई स्कूल,
कुरमेड, नलगोंडा।
प्रश्न 3.
तुम अपने साथियों के साथ उक्लास यात्रा पर जाना चाहते हो। अपने पिताजी को पत्र लिखकर पाँच सौ रुपये मँगाओ और अनुमति माँगो।
उत्तर :
मंकम्मतोटा,
ता. XXXX
पूज्य पिताजी,
सादर प्रणाम,
मैं यहाँ कुशल हूँ। आशा है कि वहाँ आप कुशल हैं। मैं अच्छी तरह पढ़ रहा हूँ।
अगले सप्ताह हमारी कक्षा के सभी विद्यार्थी तिरुपति की विह्हार यात्रा करनेवाले हैं। हमारे दो अध्यापक भी साथ आ रहे हैं। हम बालाजी के दर्शन करने के बाद मद्रास भी जाना चाहते हैं। में भी आपकी अनुमति पाकर उनके साथ जाना चाहता हूँ। इसलिए पाँच सौ रुपये एम.ओ. करने की कृपा कीजिए।
माताजी को मेरे प्रणाम। जल्दी अनुमति प्रदान करें।
आपका प्रिय पुत्र,
नं. 25854
पता :
ए. रामाराव,
डो. नं. 9-1-132,
नकरेकल,
नलगोंडा।
प्रश्न 4.
किसी कॉलेज में प्रवेश पाने के आशय से प्राचार्य के नाम प्रार्थना पत्र लिखिए।
उत्तर :
हैदराबाद,
ता. XXXX
प्रेषक :
नं. 1919
पिता – रामय्या,
पो. अग्रहारम, हैदराबाद।
सेवा में,
प्राचार्य महोदय,
एस .के.बी.आर. कॉलेज, हैदराबाद।
सेवा में निवेदन है कि “मैं ने मार्च XXXX में एस.एस.सी. परीक्षा पहली श्रेणी में उत्तीर्ण की है। मुझे $75 \%$ प्रतिशत अंक मिले हैं। मैं विनम्र तथा अच्छा विद्यार्थी हूँ। मुझे मन लगाकर पढने की इच्छा है। मुझे बाई.पी.सी. से बंडा प्रेम है। अतः मैं आपके कॉलेज में बाई. पी.सी.ग्रूप लेकर इंटरमीडियट पढना चाहता हूँ। कृपया मुझे प्रवेश दिलवा दीजिए।
आपका विनम्र छात्र,
न. 1919
पता :
प्राचार्य जी,
एस.के.बी. आर. कॉलेज,
हिमायत नगर, हैदराबाद।
प्रश्न 5.
अध्यापक के रिक्त स्थान के लिए आवेदन पत्र लिखिए।
उत्तर :
अलवाला,
ता. XXXXX
प्रेषक :
XXXX
एन. टी. आर. मार्ग,
अलवाला,
नलगोंडा
सेवा में,
श्री अध्यक्ष महोदय,
जिला परिषद कार्यालय,
कोत्तापल्ली, करीमनगर।
मान्यवर महोदय,
सादर प्रणाम,
मैं ने ता. XXXX के ‘ईनाडु” में आपका विज्ञापन देखा। उससे मालूम हुआ कि आपके अधीनस्थ सकूल में हिन्दी अध्यापक का स्थान रिक्त है। में उस पद के लिए अपना आवेदन पत्र भेज रहा हूँ। मेरी योग्यताएँ इस प्रकार हैं –
1) मैं हिन्दी एम.ए. परीक्षा में प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण हूँ।
2) में ने दक्षिण भारत हिन्दी प्रचार सभा की प्रवीण पास की है।
3) में एक साल से स्थानीय पाठशाला में अस्थाई रूप से अध्यापन काम कर रहा हूँ।
अतः आपसे प्रार्थना है कि उक्त पद पर नियुक्त करें तो में अपनी कार्यकुशलता के द्वारा अपने अधिकारियों को संतुष्ट कर सकूँगा।
सधन्यवाद।
आपका, विश्वसनीय,
न. XXXXX
पता :
अध्यक्षजी,
जि.प. कार्यालय, करीमनगर।
प्रश्न 6.
आपके यहाँ बतुकम्मा का उत्सव धूमधाम से मनाया जाता है। मित्र को अपने यहाँ आने का निमंत्रण देते हुए पत्र लिखिए।
उत्तर :
मंचिर्याला,
ता. XXXX
प्रिय मित्र प्रसाद,
मैं यहाँ कुशल हूँ। एक हफ्ते के पहले में बतुकम्मा की छुट्टियाँ बिताने यहाँ आया। यहाँ बतुकम्मा त्यौहार बडे धूमधाम से मनाया जाता है। बतुकम्मा रंग – बिरंगे फूलों से सजायी जाती हैं। नये – नये अलंकार किये जाते हैं। इसके समय दूर – दूर से कई यात्री आते हैं। नो दिन यह उत्सव मनाया जाता है। स्त्रियाँ हर रोज बतुकम्मा खेलती हैं।
यह विशेषकर स्त्रियों का त्यौहार है। बतुकम्मा के नौ दिन नौ रूपों में पूजते हैं। और उसका उत्सव बडी धूमधाम से मनाया जाता हैं।
तुम्हारा,
नं. XXXX
पता :
पी. प्रसादराव,
दसवीं कक्षा (बी),
जिला परिषद हाई स्कूल,
नलगोंडा।
प्रश्न 7.
तुम्हारे गाँव में सफ़ाई ठीक नहीं है। स्वार्य अधिकारी के नाम पत्र लिखिए।
उत्तर :
जोगिपेटा,
ता. XXXXX
प्रेषक :
XXXX,
पिता – विनय कुमार,
मैनेजर,
स्टेट बैंक आफ़ इंडिया,
जोगिपेटा, मेदक।
सेवा में
स्वास्थ्य अधिकारी,
मेजक नगर निगम कार्यालय, मेदक।
मान्य महोदय,
सादर प्रणाम।
आपकी सेवा में नम्र निवेदन है कि “कुछ महीनों से हमारे कॉलनी में सफ़ाई ठीक ढंग से नहीं हो रही है। सडकों पर कूडा – करकट जमा हुआ है। नालों का पानी सडकों पर बहता है। उनको साफ करने की ठीक व्यवस्था नहीं है। इसलिए मच्छर खूब बढ गये हैं। कई लोग मलेरिया के शिकार बन रहे हैं। इसलिए मैं आपसे प्रार्थना करता हूँ कि हर रोज़ सफ़ाई कराने के आवश्यक कदम उठाएँ।
भवदीय,
न. XXXX
पता :
स्वार्थ्य अधिकारी,
नगर निगम का कार्यालय,
मेदक।
प्रश्न 8.
अपने मित्र को पत्र लिखकर आपके देखे हुए किसी भी मैच का वर्णन कीजिए।
उत्तर :
हैदराबाद,
ता. XXXXX
प्रिय मित्र श्रीनु।
मैं यहाँ कुशल हूँ। तुम भी कुशल होंगे। वार्षिक परीक्षा के लिए अच्छी तैयारी कर रहा हूँ। तुम्हारी पढाई कैसी चल रही है? में ने कल ही यहॉँ एक क्रिकेट मैच देखा था। उसका वर्णन कर रहा हूँ। लालबहादुर स्टेडियम में एक दिन का अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट मैच चला। उसे देखने हजारों लोग आये थे। मैं अपने मित्रों के साथ मैच देखने गया।
ऑस्ट्रेलिया और इंडिया के बीच खेल चला। भोजन विराम तक खेल बहुत अच्छा था। खिलाडी एक से बढकर एक निपुण थे। धोनी हमारे देश के कप्तान थे। उन्होंने सिक्का उछालकर खेल शुरू किया। उन्होंने दो ओवर में बारह रन करके लोगों को चकित कर दिया। पचास रन के बाद वे आऊट हो गये। कोहली पूरे चार सिक्सर मारकर आगे बढे। पैंसठ रन करके आऊट हो गये। इंडिया ने तीन विकेट खोकर 216 रन बनाए। भोजन विराम के बाद ऑस्ट्रेलिया ने खेल शुरूू किया। शाम के साढे पाँच बजे तक सबके सब खिलाडी आऊट हो गये। वे केवल दो सौ रन कर सकें। इस तरह भारत की जीत हुई। में खुशी से घर वापस आया।
तुम भी अपने देखे किसी खेल का वर्णन करते हुए पत्र लिखना। माता – पिता को मेरा नमस्कार कहना। पत्र की प्रतीक्षा में।
तुम्हारा प्रिय मित्र,
XXXXXXX
पता :
आर. सुदर्शन,
दसवी कक्षा,
जि.प. हाई स्कूल,
करीमनगर।
प्रश्न 9.
बीमार मित्र से मिलने जाने के लिए विद्यालय से एक दिन की छुट्टी चाहिए। वर्ग – अध्यापक को पत्र लिखकर प्रार्थना कीजिए।
उत्तर :
सिद्धिपेटा,
ता. XXXXX
सेवा में,
श्री वर्ग – अध्यापक,
दसवी कक्षा – ‘ए’
श्री सिद्धार्था हाईस्कूल,
सिद्धिपेटा, मेदक ज़िला।
पूज्य अध्यापक महोदय,
सादर प्रणाम,
सेवा में निवेदन है कि मेरे मित्र सुधाकर कल दोपहर से बहुत बीमार है। मुझे ज्ञात हुआ कि अस्पताल में भर्ती किया गया है। उसे मिलने जाना है। अतः ता. XXXXX को एक दिन की छुट्टी देने की कृपा करें। आशा करता हूँ कि जरूर मंजूर करेंगे।
सधन्यवाद।
आपका विनम्र छात्र,
न.18516,
दसवी कक्षा ‘ए’
प्रश्न 10.
अपने मित्र को पत्र लिखिए। अपने देखे हुए प्रदर्शिनी का वर्णन कीजिए।
उत्तर :
हैदराबाद,
ता. XXXXX
प्रिय मित्र रमेश,
मैं यहाँ कुशल्न हूँ। तुम भी वहाँ कुशल होगे। मैं अच्छी तरहापढ़ रहा हूँ। में ने हैदराबाद में एक बडी प्रदर्शिनी देखी है। इसमें केन्द्र और राज्य सरकार संबंधी औद्योगिक उन्नति दिखाने के लिए प्रदर्शिनी चली है। लोग हज़ारों की संख्या में देखने आये हैं। मैं भी देखने गया। रात के समय बिजली की बत्तियाँ चकाचौंध करती हैं। यहाँ मनोरंजन के कई साधन हैं। बडा झूला, बच्चों की रेल गाडी, मोटर कार, ऊँट की सवारी, घुडसवार, चक्धर काटनेवाला हवाई – जहाज आदि हैं। कपडे की दूकानें और खिलौनों की दूकानें भी हैं। लोग यहाँ से तरह – तरह की चीरें खरीदकर ले जा रहे हैं।
कभी तुम भी पत्र लिखा करो। माता – पितां को मेरे प्रणाम।
तुम्हारा प्रिय मित्र,
न. XXXXX
पता :
जे. रमेश,
दसवी कक्षा,
जि.प्र.प. हाई स्कूल,
वरंगल।
प्रश्न 11.
अपने मित्र को पत्र लिखकर अपनी भावी योजनाओं के बारे में लिखिए।
उत्तर :
बोधन,
ता. XXXXX
प्यारी लक्ष्मी,
मैं यहाँ कुशल हूँ। आशा है तुम भी वहाँ सकुशल हो। मैं यहाँ अच्छी तरह पढ़ रही हूँ। आशा करती हूँ कि प्रथम श्रेणी आएगी। बाद में कॉलेज में भर्ती होकर पढ़ना चाहती हूँ।। अध्यापिका बनकर पाठ पढ़ाने की मेरी इच्छा है। अध्यापन कार्य भी एक सेवा कार्य है। इसके द्वारा समाज अवश्य सुधर सकता है। तुम्हारे पत्र की प्रतीक्षा में।
तुम्हारी सहेली,
न. 5641.
पता :
के. लक्ष्मी,
जानकी नगर,
कोदाडा, नलगोंडा
प्रश्न 12.
हिन्दी सीखने की आवश्यकता समझाते हृए अपने मित्र के नाम एक पत्र लिखिए।
उत्तर :
सूर्यापेटा,
ता. XXXXX
प्रिय मित्र सुरेश कुमार,
तुम्हारा पत्र पाकर मैं बहुत खुश हुआ। में अगली फरवरी में हिन्दी विशारद परीक्षा देने की तैयारी कर रहा हूँ। हिन्दी भाषा सीखने में बहुत आसान है। यह भारत की राष्ट्रभाषा है। देश भर में असंख्य लोग यह् भाषा समझते और बोलते हैं। इसलिए तुमसे मेरा अनुरोध है कि तुम भी हिन्दी सीख लो, क्योंकि हिन्दी हमारी राष्ट्रभाषा और राजभाषा है। हिन्दी भाषा के सीखने से भारत के सभी लोगों से अच्छी तरह बातचीत कर सकते हैं।
तुम्हारा प्रिय मित्र,
न. 5555
पता :
सुरेश कुमार, पी.
घ.न. 4-12-8
सदाशिवनगर,
नलगोंडा।
प्रश्न 13.
अपने मित्र को पोंगल की छुट्ठियों में आने का आमंत्रण देते हृए पत्र लिखिए।
उत्तर :
हैदराबाद,
ता. XXXXX
प्रिय मित्र,
मैं यहाँ कुशल हूँ। आशा करता हूँ कि तुम भी वहाँ कुशल हो। अगले हफ्ते से हमारी पोंगल की छुट्टियाँ शुरू हो जायेंगी। मैं इस पत्र के द्वारा मुख्य रूप से तुम्हें आमंत्रित कर रहा हूँ। हमारे नगर में पोंगल का उत्सव बडे धूमधाम से मनाया जायेगा। यहाँ विशेष मेला और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन होगा। यहाँ नहीं हमारे नगर में देखने लायक स्थान अनेक हैं। इसलिए तुम जरूर आना। तुम्हारे माँ – बाप से मेरे प्रणाम कहो। तुम्हारे भाई को मेरे आशीर्वाद कहना। तेरे आगमन की प्रतीक्षा करता हूँ।
तुम्हारा प्रिय मित्र,
न. XXXXX
पता :
आर. सुरेश कुमार,
दसरी कक्षा ‘डी’,
नलन्दा विद्यालय,
एन. आर. पेटा, गूडूरु।
प्रश्न 14.
अपने मित्र को पत्र लिखकर आपने ग्रीष्मकाल की छुट्टियाँ कैसे बितार्यीं इसके संबन्ध में बताइए।
उत्तर :
रेणिगुंटा,
ता. XXXXX
प्रिय मित्र मोहन,
मैं यहाँ कुशल हूँ। गर्मी की छुट्टियाँ में ने कैसे बितायीं? अब तुम को बता रहा हूँ।
परीक्षाओं के बाद में ने हैदराबाद में ही एक सप्ताह तक आराम किया। हैदराबाद और सिकिदराबाद में हमारे रिश्तेदार हैं। उनके यहाँ में ने दस दिन बिताये। मेरे भाई हैदराबाद में सचिवालय में काम करते हैं। मैं उनके यहाँ गया। बाकी छुट्टियाँ में ने वहीं बितायीं। हैदराबाद एक बडा नगर है। वह शिक्षा, संस्कृति तथा वाणिज्य का बडा केंद्र है। यहाँ अनेक विश्वविद्यालय हैं। में ने सालारजंग म्यूज़ियम्, बिरला मंदिर, नेहरू जुआलाजिकल पार्क, गोलकोंडा किला आदि देखें।
यहाँ में ने बडे आनंद के साथ समय बिताया। इसे मैं कभी नहीं भूल सकता। तुमने छुट्टियाँ कैसे बितायी? तुरंत पत्र लिखो।
तुम्हारा प्रिय मित्र,
न. XXX
पता :
यन. मोहन राव,
एन. अप्पाराव का पुत्र,
ट्राक्टर मेकानिक,
कुरमेड, नलगोंडा।