TS 9th Class Hindi Guide 5th Lesson फुटबॉल

Telangana SCERT TS 9th Class Hindi Study Material Pdf 5th Lesson फुटबॉल Textbook Questions and Answers.

TS 9th Class Hindi 5th Lesson Questions and Answers Telangana फुटबॉल

प्रश्न – ప్రశ్నలు :

प्रश्न 1.
चित्र में क्या दिखायी दे रहा है?
చిత్రంలో (బొమ్మలో) ఏమి కన్పిస్తూ ఉన్నది?)
उत्तर :
चित्र में दो लड़के दिखाई दे रहे हैं। वे दोनों छात्र हैं। एक लडके के हाथ में टेबिल टेन्निर बल्ला है। उसी के गले में मेडल (पदक) भी है । वे दोनों प्यार से गले लग रहे हैं।

प्रश्न 2.
वे क्या कर रहे हैं?
(వారేమి చేయుచూ ఉన్నారు?)
उत्तर :
वे दोनों एक दूसरे के कमर पर हाथ रखकर एक दूसरे के कंधे मिलाकर खडे हुए हैं। (या) वे दोनों प्यार से गले लग रहे हैं।

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प्रश्न 3.
वे एक – दूसरे से क्या कह रहे होंगे ?
(ఒకరకొకరు ఏమి చెప్పదలచుకుంటున్నారు?)
उत्तर :
वे एक – दूसरे से जीत की शुभकामनाएँ कह रहे होंगे।

अर्थग्राह्यता-प्रतिक्रिया (అర్థమును తెలుసుకోవటం జవాబును ఇవ్వటం) :

अ. प्रश्नों के उत्तर बताइए। (ప్రశ్నల జవాబులు తెలపండి.)

प्रश्न 1.
‘खेलों से मनोरंजन होता है।’ अपने विचार बताइए।
(ఆటల వలన మానసిక ఆనందం కలుగుతుంది. మీ అభిప్రాయములు చెప్పండి.)
उत्तर :
स्वास्थ्य को ठीक और शरीर को मज़बूत बनाने के लिए व्यायाम की आवश्यकता है। इसलिए खेल कूदों के द्वारा व्यायाम करना, शरीर को मज़बूत बनाना मानव का प्रथम कर्तव्य है। स्वास्थ्य को ठीक रखने के लिए खेल – कूद अत्यंत आवश्यक है। खेलों से रक्त की शुद्धि होती है। बौद्धिक विकास होता है। खेल कूदों से मनोरंजन भी होता है। हार या जीत को साधारण रूप में लेने से जीवन में आये सभी उतार चढाव समान रूप से देख सकते हैं। इससे सदा मन प्रफुल्लित रहता है। सदा मस्तिष्क तेज़ रहकर हर काम सफलता पूर्वक पूरा कर सकते हैं। “मन चंगा तो कटौती में गंगा’ का समर्थन करते सदा मन निर्मल और दृढ बन जाता है। खासकर विद्यार्थी जीवन में खेलों का महत्व अधिक रहता है।

(ఆరోగ్యాన్ని చక్కగాను, శరీరాన్ని బలిష్టంగాను చేయుటకు వ్యాయామం అవసరము. ‘అందువలన ఆటల ద్వారా వ్యాయామం చేయుట, శరీరాన్ని దృఢంగా చేసుకొనుట మానవుని మొదటి కర్తవ్యము. ఆరోగ్యాన్ని పరిరక్షించుకోవడానికి ఆటలు మిక్కిలి అవసరము. ఆటల వలన రక్తము శుద్ధి అవుతుంది. బుద్ధి వికసిస్తుంది.

ఆటల వలన మానసిక ఆనందం కూడా కలుగుతుంది. ఓటమి, గెలుపును సాధారణమని భావిస్తే జీవితంలో వచ్చెడి ఎత్తుపల్లాలను సమానంగా చూడగలము. దీనివలన మనస్సు ఎప్పుడూ ప్రఫుల్లంగా ఉంటుంది. మెదడు చురుకుగా ఉండి, ప్రతి పనినీ సమర్థవంతంగా పూర్తి చేయగలము. మనస్సు స్వచ్ఛంగా ఉంటే “పాత్రలో నీరే గంగ” సామెతను సమర్ధిస్తూ ఎల్లప్పుడు మనస్సు నిర్మలంగాను, దృఢంగాను అవుతుంది. ముఖ్యంగా విద్యార్థి జీవితంలో ఆటల విలువ ఎక్కువ ఉంటుంది.)

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प्रश्न 2.
अपने मनपसंद खेल के बारे में बताइए।
(మీకు ఇష్టమైన ఆట గురించి చెప్పండి.)
उत्तर :
स्वास्थ्य को बनाये रखने खेल-कूद अत्यंत आवश्यक हैं। मैदानी खेलों से कई लाभ हैं। इनसे शरीर मज़बूत बनकर मन और मस्तिष्क चुस्त रहते हैं। हर एक के लिए एक प्रिय खेल होता है। मेरा प्रिय खेल तो कबड्डी है।

कबड्डी एक फुर्तीला मैदानी खेल है। यह खेल हम में उत्साह, धीरज, एकता, आदि महान गुणों को बढ़ाता है। इस खेल में दो दल होते हैं। एक एक दल में नौ-नौ खिलाड़ी होते हैं। एक दल का एक व्यक्ति “कबड्डी कबड्डी” रटता हुआ विपक्षी दल में जाता है। विपक्षी दल के लोग उसे पकड़ने का प्रयत्न करते हैं। अगर वह उनकी पकड़ में आता तो वह आउट हो जाता है। ऐसा न होकर वह रटता हुआ जितने लोगों को छूकर आता है, उतने लोग आउट हो जाते हैं। दूसरी बार दूसरे पक्ष वाले ऐसे ही करते हैं।

इस तरह जिस दलवाले अधिक लोगों को पकडकर आउट करते है उस दल की जीत होती है। सचमुच यह खेल एक प्रेरणादायक स्वास्थ्यप्रद कम खर्चीला मगर बहुत लाभदायक है।

(ఆరోగ్యాన్ని పరిరక్షించుటకు ఆటలు మిక్కిలి అవసరం. మైదాన ఆటల వలన చాలా లాభములు కలవు. వీటివలన శరీరం గట్టిపడి మనస్సు, బుద్ధి వికసిస్తాయి. ప్రతి ఒక్కరికి ఏదో ఒక ఇష్టమైన ఆట ఉంటుంది. నా ప్రియమైన ఆట కబడ్డీ.

కబడ్డీ చురుకుదనము కలిగించే మైదానపు ఆట. ఈ ఆట మనలో ఉత్సాహము, ధైర్యము, ఐకమత్యము వంటి గొప్ప గుణాలను పెంపొందిస్తుంది. ఈ ఆటలో రెండు గ్రూపులు ఉంటాయి. ఒక్కొక్క గ్రూపులో తొమ్మిది మంది ఆటగాళ్ళు ఉంటారు. ఒక గ్రూపుకు చెందిన ఒక వ్యక్తి కబడీ, కబడీ అని అంటూ ఎదుటి గ్రూపులోనికి వెళతాడు. ప్రతిపక్షం వారు అతనిని పట్టుకోవడానికి ప్రయత్నం చేస్తారు. అతడు గాని వారికి చిక్కితే అతడు ఔట్ అవుతాడు. అలాకాక అతడు కబడీ కబడీ అంటూ ఎంతమందిని అంటి వస్తే అంతమంది ఔట్ అయిపోతారు. రెండవసారి రెండవ గ్రూపువాళ్ళు అదే విధంగా చేస్తారు.

ఈ విధంగా ఏ గ్రూపు వాళ్ళు ఎక్కువమందిని పట్టుకొని ఔట్ చేస్తారో ఆ గ్రూప్ గెలుస్తుంది. నిజంగా ఈ ఆట స్ఫూర్తిని కలిగించేది, ఆరోగ్యకరమైనది. ఖర్చు తక్కువ కాని చాలా లాభదాయకమైన ఆట.)

आ. पाठ के आधार पर वाक्यों को उचित क्रम दीजिए।
(పాఠము ఆధారంగా వాక్యములకు సరియగు వరుస ఇవ్వండి.)

1. जीतने की कोशिश करो। ( )
2. यह प्रेम का खेल है। ( )
3. – फुटबॉल सचाई का खेल है। (1)
4. इस बार हारोगे, तो अगली बार जीतोगे।( )
उत्तर :
1. 4
2. 2
3. 1
4. 3

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इ. अनुच्छेद पढ़िए। दो प्रश्न बनाइए। (పేరా చదవండి. రెండు ప్రశ్నలు తయారు చేయండి.)

खेल बच्चों के जीवन का अनोखा अंग है। इससे मानसिक और शारीरिक विकास होता है। खेलों से मानसिक थकान दूर होती है। जीवन परिश्रमी बनता है। शरीर स्वस्थ रहता है। इसलिए खेलों को अपने जीवन में महत्व देना अनिवार्य है।
(ఆట పిల్లల జీవితములో అద్భుతమైన భాగము. దీని వలన మానసిక, శారీరక వికాసం కలుగుతుంది. ఆటల వలన మానసిక అలసట (విసుగు) దూరమవుతుంది. జీవితము శ్రమించునట్టిదిగా అవుతుంది. శరీరము ఆరోగ్యవంతంగా ఉంటుంది. ఇందువలన ఆటలకు మన జీవితంలో విలువనివ్వడం తప్పనిసరి.)
उत्तर :
1. बच्चों के जीवन का अनोखा अंग क्या है ?
2. खेलों से हमें क्या लाभ है?

ई. प्रश्नों के उत्तर तीन वाक्यों में दीजिए।

प्रश्न 1.
फुटबॉल खेल में गोल रक्षक का क्या महत्व है ?
(ఫుట్బాల్ ఆటలో గోల్ కీపర్ విలువ (గొప్పతనం) ఏమిటి?)
उत्तर :
फुटबॉल एक खास मैदानी खेल है। इस खेल में गोल रक्षक का महत्वपूर्ण स्थान रहता है। खेल में दोनों पक्षों के खिलाड़ी गेंद को मारते विपक्षी के बाक्स में भेजने का भरसक प्रयत्न करते हैं। गोल रक्षक बड़ी सतर्कता से गेंद पर ही नज़र रखकर गेंद किस ओर से भी आये, अंदर घुसने न देने का प्रयत्न करता है। गोल रक्षक के सामर्थ्य पर ही खेल में जीत या हार संभव हो सकता है।

(ఫుట్బాల్ ఒక ప్రత్యేకమైన మైదానపు ఆట. ఈ ఆటలో గోల్ కీపర్కి శ్రేష్ఠమైన స్థానము ఉంటుంది. ఆటలో రెండు పక్షాల ఆటగాళ్ళు బంతిని కొడుతూ ప్రతిపక్షం వారి బాక్సులో పడేందుకు శక్తికొలది ప్రయత్నిస్తారు. గోల్ కీపర్ చాలా జాగ్రత్తగా బంతిమీదే దృష్టి పెట్టి, బంతి ఎటువైపు నుంచి వచ్చినా లోపలికి రానీయకుండా చేస్తాడు. గోల్ కీపర్ సామర్థ్యం మీదనే ఆటలో గెలవటం, ఓడటం జరుగుతుంది.)

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प्रश्न 2.
किसी भी खेल में नेतृत्व भावना की क्या भूमिका होती है ?
(ఏ ఆటలోనైనా నాయకత్వ భావన యొక్క పాత్ర ఏమిటి?)
उत्तर :
क्रिकेट, वालीबॉल, फुटबॉल आदि खेलों में अधिक खिलाड़ी खेलते हैं। उन खिलाडियों में एक योग्य व्यक्ति को नेता (कप्तान) बनाकर टीम का नेतृत्व करने की ज़िम्मेदारी सौंपी जाती है। तब वह नेता बना व्यक्ति समझदारी, निपुणता से खिलाडियों में एकता की भावना भरते खेलने प्रोत्साहित करता रहता है। खिलाडी की योग्यता के अनुसार विविध स्थान देकर खेल में जीत प्राप्त करने का भरसक प्रयत्न करता है। अपने साथी खिलाडियों में उत्साह भरना, किसी कष्ट समय पर भी उनकी निंदा न करके ज़िम्मेदारी से खेलने की चेतना उनमें भरता है। सारे खिलाडियों को बिना किसी भेदभाव के खेल में अपनी पूरी योग्यता दिखाने का मौका देने का सही प्रयत्न नेता करता है। अपने नेतृत्व के टीम को विजयपथ पर ले जाने का गुरुतर भार नेता पर ही रहता है।

(క్రికెట్, వాలీబాల్, ఫుట్బాల్ మొదలైన ఆటలలో ఎక్కువ మంది ఆటగాళ్ళు ఉంటారు. ఆ ఆటగాళ్ళ నుండి ఒక యోగ్యత కలిగిన వ్యక్తిని కెప్టెన్ గా చేసి టీమ్ యొక్క నాయకత్వ బాధ్యత అప్పగించబడుతుంది. అప్పుడు నేత అయిన వ్యక్తి తెలివి, నైపుణ్యంతో ఆటగాళ్ళలో ఐకమత్యపు భావనను పెంపొందిస్తూ ఆడటానికి ప్రోత్సహిస్తూ ఉంటాడు. ఆటగాడి యోగ్యతను బట్టి వివిధ స్థానాలు కల్పించి ఆటను గెలిచేందుకు శక్తికొలది ప్రయత్నిస్తాడు. తన తోటి ఆటగాళ్ళలో ఉత్సాహాన్ని నింపటం, ఎలాంటి పరిస్థితులలోనైనా వారిని నిందించకుండా బాధ్యతాయుతంగా ఆడేటువంటి ప్రేరణ నింపుతాడు. ఏ భేదభావం లేకుండా తమతమ సామర్థ్యాలను చూపించగలిగే అవకాశం ఇచ్చేందుకు ప్రయత్నిస్తాడు. తన నాయకత్వంలోని పక్షాన్ని విజయపథంలో నడిపించే బాధ్యత కెప్టెన్ మీద ఉంటుంది.)

अभिव्यव्ति-सुजनात्मकता (వ్యక్తీకరణ-నిర్మాణాత్మకత)

अ. प्रश्नों के उत्तर लिखिए। (ప్రశ్నలకు జవాబులు ఇవ్వండి.)

प्रश्न 1.
खेलों से किन गुणों का विकास होता है ?
(ఆటల వలన ఎటువంటి గుణాలు అభివృద్ధి చెందుతాయి.)
उत्तर :
खेलों से निम्न लिखित गुणों का विकास होता है।
मिलजुलकर रहने का भाव
ताकत और सावधानी का विकास
परस्पर प्रेम भावना
सचाई से जीने की प्रेरणा
विपक्षी के खेल को समझने और सराहने का गुण
अपनी हार और जीत से कुछ सीख
टीम स्पिरिट का विकास
सब मिलकर सोचने की भावना
खेलों से भाईचारे की भावना

(ఆటల వలన మనలో ఈ క్రింది గుణాలు వికసిస్తాయి (అభివృద్ధి చెందుతాయి).
కలసి – మెలసి ఉండాలనే భావన
శక్తి, జాగ్రత్త అనే భావన వృద్ధి
పరస్పర ప్రేమభావన
నిజాయితీతో జీవీంచు ప్రేరణ
విపక్షాల ఆటను అర్థం చేసుకొనుట మరియు వారి ఆటను ప్రశంసించుట అనే గుణాలు
మన గెలుపు ఓటముల నుండి మనం కొంత నీతి
టీం స్పిరిట్ (సామూహాక భావన)
అందరూ కలసి మెలసి ఆలోచించే భావం
ఆటల ద్వారా సోదరభావం)

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प्रश्न 2.
आपको कौन-सा खेल पसंद है और क्यों ?
(మీకు ఏ ఆట అంటే ఇష్టం ? ఎందువలన?)
उत्तर :
मुझे फुटबॉल का खेल पसंद है। क्योंकि फुटबॉल का खेल अकेले एक आदमी का खेल नहीं। यह टीम का खेल है, मिलजुलकर खेलने का खेल है। यह ताकत और सावधानी का खेल है। यह चुरती का खेल है। यह नज़र का खेल है। फुटबॉल पर नज़र साथियों पर नज़र यह ऐसा खेल है जिसमें एक की ताकत सबकी ताकत है और एक की कमज़ोरी सबकी कमज़ोरी है। यह प्रेम और सचाई का खेल है।

(నాకు ఫుట్బాల్ అంటే ఇష్టం. ఎందుకనగా ఫుట్బాల్ ఆట ఒకే ఒక్క మనిషి ఆడే ఆట కాదు. ఇది టీమ్ (సామూహిక) ఆట. కలసి మెలసి ఆడే ఆట. ఇది శక్తితో మరియు జాగ్రత్తతో ఆడే ఆట. ఇది ఆరోగ్యకరమైన ఆట. ఇది దృష్టితో ఆడే ఆట. ఫుట్బాల్ పై దృష్టి, స్నేహితుల మీద దృష్టి, లయిన్ మీద దృష్టి, సమయం పైన దృష్టి, మన మీద దృష్టి. ఇది ఎలాంటి ఆట అంటే దీనిలో ఒకరి శక్తి అందరి శక్తి, ఒకరి బలహీనత అందరి బలహీనత అవుతుంది. ఇది ప్రేమ మరియు నిజాయితీల ఆట.)

प्रश्न 3.
पढाई के साथ – साथ खेलों की आवश्यकता क्यों होती है?
(చదువుతో పాటు ఆటల అవసరం ఎందుకు కల్గుతుంది?)
उत्तर :
पढ़ाई के साथ साथ खेलों की आवश्यकता इन निम्न लिखित कारणों से होती है।
स्वस्थ शरीर में स्वस्थ मस्तिष्क का निवास होता है। स्वस्थ शरीर के लिए खेलों की ज़रूरत है। तभी हमें पढ़ने के विषयों के प्रति संबंध स्थापित होता है।
खेलों से मानसिक तथा शारीरिक थकावट दूर हो कर पढ़ाई के प्रति रुचि उत्पन्न होता है।
खेलों से आत्म निर्भरता बढ़ती है इसलिए हम जो भी पढ़े वह आत्मसात हो जाता है।
खेलों से छात्रों में मनोविनोद होता है। इसलिए फिर वे पढने में जी लगा सकते हैं।
खेलों के द्वारा छात्रों में अनुशासन तथा सहयोग की भावना बढ़ती है ये दोनों छात्रों की पढ़ाई में सहयोग देते हैं।
खेलों के द्वारा जीवन में परिश्रमी बनने का भाव उत्पन्न होता है जिससे छात्र खूब परिश्रम करके पढ़ाई में जीत पायेंगे।
खेल बच्चों के जीवन का अनोखा अंग है।
छात्र खेलते कूदते खेलों के माध्यम से अच्छी तरह पढ़ सकते हैं।
खेलों से मानसिक तथा शारीरिक विकास होता है जो पढ़ाई में सहायक होता है।

(చదువుతో పాటు ఆటల యొక్క ఆవశ్యకత (అవసరం) క్రింది కారణాల వల్ల ఉంది.
ఆరోగ్యవంతమైన శరీరంలోనే ఆరోగ్యవంతమైన మనస్సు ఉంటుంది. ఆరోగ్యవంతమైన శరీరం కోసం ఆటలు అవసరం. అప్పుడే మనకు చదువు పట్ల సంబంధం ఏర్పడుతుంది.
ఆటల వలన శారీరక, మానసిక అలసట పోయి చదువు పట్ల అభిరుచి కలుగుతుంది.
ఆటల వలన ఆత్మ నిబ్బరం పెరుగుతుంది. అందువల్ల మనం ఏమి చదివినా అది ఒంట పడుతుంది.
ఆటల వలన విద్యార్థులలో మనో వినోదం కలుగుతుంది. అందువలన విద్యార్థులు చదువుపై మనస్సు లగ్నం చేయుదురు.
ఆటల ద్వారా విద్యార్థులలో సహకారం మరియు క్రమశిక్షణ అనే భావాలు అభివృద్ధి చెందును. ఇవి రెండూ విద్యార్థుల చదువుకు సహాయపడును.
ఆటల ద్వారా జీవితంలో శ్రమించే గుణం ఉత్పన్నమగును. దీని ద్వారా విద్యార్థులు బాగా కృషి చేసి చదువుల్లో విజయాలు పొందెదరు.
ఆటలు విద్యార్థుల జీవితంలో అద్భుతమైన, విడదీయలేని భాగం. విద్యార్థులు ఆడుతూ – గెంతుతూ ఆటల ద్వారా బాగా చదివెదరు.
ఆటల ద్వారా మానసిక, శారీరక వికాసం కలిగి చదువుకోవడంలో సహాయపడును.)

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आ. ‘फुटबॉल’ पाठ का सारांश अपने शब्दों में लिखिए।
(ఫుట్బాల్ పాఠ్య సారాంశం స్వంతమాటలలో వ్రాయండి.)
उत्तर :
खेल हमारे जीवन का अनमोल अंग है। खेलों से मनोरंजन के साथ साथ मानसिक व शारीरिक विकास भी होता है। मैदानी खेलों में फुटबॉल प्रमुख है। हमारे सभी स्कूलों में प्रायः यह खेला जाता है। लेखक ने इस पाठ में अपने मन की आशा स्पष्ट करते हुए फुटबॉल खेल का वर्णन किया। पहले लेखक को वालीबॉल खेलने की आदत रही। साथ ही फुटबॉल भी उनका प्रिय खेल बन गया। पहले फुटबॉल को वे खिलौना समझते थे और अकेले ही खेलते थे। लेकिन बाद में मालूम हुआ कि फुटबॉल सबकी अनोखी चीज़ है। दो टीमें खेलती हैं और हज़ारों लोग देखते हैं। यह टीम का खेल है। मिलजुलकर ताकत से सावधानी से खेला जाता है। फुटबॉल नज़र रखनेवाला खेल है। फुटबॉल पर साथियों पर विपक्षियों पर गोल पर, लाइन पर, समय पर अपने पर भी नज़र रखनी है।

इसमें एक की ताकत सबकी ताकत और एक की कमज़ोरी सबकी कमज़ोरी होती है। यह सचाई और प्रेम का खेल है। इसमें वैर भाव नहीं रखना चाहिए । इस खेल में दो पक्ष होते हैं। एक पक्ष जीतेगा तो दूसरा हारेगा। एक बार एक पक्ष हारेगा तो दूसरी बार जीतेगा। इसलिए जीतने का प्रयत्न करना है। जीते गये टीम के खेल को समझना है और उसकी प्रशंसा करनी है। अतः अपनी हार या जीत से कुछ न कुछ सीखना अच्छा है। लेखक ने अपनी आशा यह बतायी। अब तक मैं ने किसी बड़ी टीम में नहीं खेला। लेकिन एक दिन अपने देश की बडी टीम में ज़रूर खेलूँगा। मैं बाहर भी खेलना चाहता हूँ। मेरी इच्छा आज नहीं तो कल ज़रूर पूरी होगी।

इ. किसी एक खेल के बारे में लिखिए।
(ఏదేని ఒక అట గురించి వ్రాయండి.)
उत्तर :
मैदानी खेलों में क्रिकेट का खेल अत्यंत लोकप्रिय है। छोटे बच्चे ही नहीं बड़े लोग भी गलियों, मुहल्लों में गेंद और बल्ला लेकर घूमते दिखाई देते हैं। क्रिकेट एक रोचक और विदेशी खेल है। यूरोप देश में इसका आरंभ हुआ। आज तो हर देश में यह खेल खेला जाता है। हमारे भारत में क्रिकेट क्लब अठारहवीं शताब्दी में कलकत्ते में बना। धीरे-धीरे इसका विकास होता गया। सन् 1927 में भारतीय क्रिकेट टीम ने भारत में कई मैच खेले। उसके एक साल बाद भारतीय टीम ‘इग्लैंड’ में मैच खेलने गयी और विजयी हुयी। आज भारत की क्रिकेट टीम संसार भर की टीमों में सर्वश्रेष्ठ मानी जाती है।

क्रिकेट का खेल दो दलों के बीच खेला जाता है। एक एक दल में ग्यारह – ग्यारह खिलाडी होते हैं। साथ ही निश्चित नियमों से मैच कराने दो अंपायर भी होते हैं। मैच खेलने मैदान के बीच एक मज़बूत पिच तैयार की जाती है। इसके दोनों ओर तीन-तीन विकेटें ( लकडियाँ) गाढी जाती हैं। इनके बीच की दूरी 22 फ़ीट होती है। दोनों तरफ़ की विकेटों के अंदर की तरफ़ तीन-तीन फ़ीट की दूरी पर सफ़ेद व समानांतर लकीरें खींची जाती हैं। इन्हें पॉपिंग क्रीज़ कहते हैं। मैदान के चारों तरफ़ एक गोलाकर रेखा बनायी जाती है। इसे बाउंडरी लाइन कहते हैं। क्रिकेट का खेल बहुत ही रोचक और मनोंरजन खेल माना जाता है।

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ई. हार जीत खेल का एक हिस्सा है।’ इस पर अपने विचार प्रकट कीजिए।
(గెలుపు- ఓటమి ఆటలోని ఒక భాగము. దీని గురించి మీ అభిప్రాయములు తెలపండి.)
उत्तर :
मानव के शारीरिक व मानसिक विकास के लिए खेल अत्यंत आवश्यक अंग है। खेलों से मानसिक थकावट दूर होती है। शरीर तंदुरुस्त रहकर, जीवन परिश्रमी बनता है। खेलों को खेल ही समझने चाहिए। खेल ही जीवन नहीं समझना है।
हर खेल में दो पक्ष ज़रूर होते हैं। एक पक्ष जीतता है तो दूसरा हार जाता है। यह तो अनिवार्य है। तभी खेल का फल मालूम होता है। हार-जीत दोनों खेल का एक हिस्सा है। इन दोनों का समान अस्तित्व रहता है। खेल में वैर भाव नहीं रखना चाहिए। एक बार हारेगा तो अगली बार जीतेगा। जीतने की कोशिश करनी है। हार या जीत खिलाडियों की गलतियों, कमज़ोरियों लिये जानेवाले निर्णयों आदि अनेक मुख्य विषयों पर आधारित होते हैं। अपनी हार को असमर्थता और विपक्षी की सफलता को समर्थता नहीं समझनी चाहिए।

खेल तो खेल ही हैं। उसे प्रमे से चाव से खेलना चाहिए। इस बार हार होगी तो विफल न होकर अगली बार ज़रूर जीत होगी, ऐसी भावना रखकर कोशिश करनी है। वही सच्चा खिलाडी का महान गुण है। सच्चा खिलाडी जीते हुए पक्षवालों के खेल को समझने की कोशिश करेगा। उनकी प्रशंसा ज़रूर करेगा। अपनी हार का कारण क्या है? इस पर विचार करेगा। इस तरह अपनी हार या जीत से कुछ न कुछ ज़रूर सीखनेवाला ही सच्चा खिलाडी है।

भाषा की बात (భాషా విషయము) :

अ. उदाहरण देखिए। उसी तरह के दो वाक्य बनाइए।
उदाहरण : कोई हारता है तो कोई जीतता है।
1. कोई रोता है तो कोई हँसता है।
2. कोई कमाता करता है तो कोई खर्च करता है।
3. कोई मेहनत करता है तो कोई आलसी रहता है।

आ. नीचे दिये गये शब्दों के पर्यायवाची लिखिए। मूल शब्दों से वाक्य प्रयोग कीजिए ।
साथी, प्रेम, इच्छा
उत्तर :
साथी = मित्र, दोरत, మిత్రుడు, friend
मैं अपने साथी के साथ मदरसा जाता हूँ।
प्रेम = प्यार, मोहब्बत, ప్రేమ, love
बचों पर प्रेम दिखाना चाहिए।
इच्छा = चाह, पसंद, కోరిక, like, wish
मुझे कन्याकुमारी देखने की इुच्छा है।

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इ. वाक्य पढ़िए और अर्थ के आधार पर वाक्य के भेद समझिए।
(వాక్యాలను చదివి అర్ధం ఆధారంగా వాక్య భేదాలను అర్థం చేసుకోండి.)

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ई. वाक्य पढ़िए। अर्थ की दृष्टि से वाक्य पहचानिए।

प्रश्न 1.
फुटबॉल सचाई का खेल है।
उत्तर :
विधानार्थक वाक्य

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प्रश्न 2.
मैदान में फुटबॉल खेलना चाहिए।
उत्तर :
इच्छार्थक वाक्य

परियोजना कार्य (నిర్మాణాత్మక పని/ప్రాజెక్ట్ పని) :

वर्ग – पहेली में खेलों के नाम छिपे हैं। उन्हें पहचानिए। किसी एक के बारे में जानकारी इकट्ठा कीजिए।
(గళ్ళ నుడికారములో ఆటల పేర్లు దాగి ఉన్నవి. వాటిని గుర్తించండి. ఏదేని ఒకదాని గురించి వివరము సేకరించండి.)
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उत्तर :
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क्रिकेट मैदानी खेलों में क्रिकेट का खेल अत्यंत लोकप्रिय है। छोटे बच्चे ही नहीं बड़े लोग भी गलियों, मुहल्लों में गेंद और बल्ला लेकर घूमते दिखाई देते हैं। क्रिकेट एक रोचक और विदेशी खेल है। यूरोप देश में इसका आरंभ हुआ । आज तो हर देश में यह खेल खेला जाता है।

हमारे भारत में क्रिकेट क्लब अठारहवीं शताब्दी में कलकत्ते में बना। धीरे-धीरे इसका विकास होता गया। सन् 1927 में भारतीय क्रिकेट टीम ने भारत में कई मैच खेले। उसके एक साल बाद भारतीय टीम ‘इग्लैंड’ में मैच खेलने गयी और विजयी हुयी। आज भारत की क्रिकेट टीम संसार भर की टीमों में सर्वश्रेष्ठ मानी जाती है।

क्रिकेट का खेल दो दलों के बीच खेला जाता है। एक एक दल में ग्यारह ग्यारह खिलाडी होते हैं। साथ ही निश्चित नियमों से मैच कराने दो अंपायर भी होते हैं। मैच खेलने मैदान के बीच एक मज़बूत पिच तैयार की जाती है। इसके दोनों ओर तीन-तीन विकेटें (लकडियाँ) गाढी जाती हैं। इनके बीच की दूरी 22 फ़ीट होती है। दोनों तरफ़ की विकेटों के अंदर की तरफ़ तीन-तीन फ़ीट की दूरी पर सफ़ेद व- समानांतर लकीरें खींची जाती हैं। इन्हें पॉपिंग क्रीज़ कहते हैं। मैदान के चारों तरफ़ एक गोलाकर रेखा बनायी जाती है। इसे बाउंडरी लाइन कहते हैं। क्रिकेट का खेल बहुत ही रोचक और मनोंरजन खेल माना जाता है।

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प्रश्न-II

प्रश्न 1.
फुटबॉल खेल से किन गुणों का विकास होता है?
(ఫుట్ బాల్ ఆట వలన ఏ గుణములు వికసిస్తాయి?)
उत्तर :
फुटबॉल बडी सावधानी से खेला जानेवाला प्रभावशाली खेल है। यह टीम का खेल है। सब मिलजुलकर खेलनेवाला खेल है। ताकत, फुर्ती और चुस्ती का खेल है। ऐसे महत्वपूर्ण खेल से शारीरिक और मानसिक विकास खूब होता है। सचाई, प्रेम, नज़रंदाज़ फुर्तीला खेल होने के कारण सब खिलाडियों में नियमपालन, आत्मविश्वास, आपसी प्रेम, एकता की भावना, जीत पाने की बुद्धिमता, अनुशासन, सहनशीलता, सहकारिता, जीत या हार को समान दृष्टि से देखने की क्षमता आदि उत्तम गुणों का विकास होता है। अपने टीम को विजय पथ पर ले जाने का प्रयत्न हर खिलाड़ी अपनी ही ज़िम्मेदारी समझता है।

(ఫుట్బాల్ చాలా జాగరూకతతో ఆడబడే ప్రతిభావంతమైన ఆట. ఇది సమూహపు ఆట. అందరూ కలిసి మెలిసి ఆడే ఆట. శక్తి, వేగము, చురుకుదనము కల ఆట. అట్టి గొప్ప ఆట వలన శారీరక, మానసిక వికాసము చక్కగా కలుగుతుంది. నిజాయితీ, ప్రేమ, దృష్టి నిలిపి వేగంగా ఆడే ఆట అయిన కారణంగా ఆటగాళ్ళందరిలో నియమపాలన, ఆత్మవిశ్వాసం, పరస్పర ప్రేమ, ఐకమత్య భావన, గెలవాలనే కాంక్ష, క్రమశిక్షణ, ఓర్పు, సహకారగుణం, గెలుపు, ఓటములను సమానంగా (ఒకటిగా) చూచే శక్తి వంటి ఉత్తమ గుణములు వికసిస్తాయి. తన జట్టు వారిని విజయపథంలో తీసుకువెళ్ళెడి ప్రయత్నం ఆటగాడు తన బాధ్యతగా భావిస్తాడు.)

प्रश्न 2.
फुटबॉल खेल में गेंद कब्ज़े में आते ही क्या करना पडता है ?
(ఫుట్బాల్ ఆటలో బంతి మన వశం అయినప్పుడు ఏమి చేయవలసి ఉంటుంది?)
उत्तर :
मैदानी खेलों में फुटबॉल प्रभावशाली और उत्साह भरा, सामूहिक खेल है। फुटबॉल खेलनेवाले सभी खिलाडी बडी श्रद्धा और लगन से खेलते हैं। वे बडे निर्भीक और समझदार होते हैं। खेल में दो टीम होते हैं। एक टीमवाले गेंद को पैरों से मारते दूसरे टीम के बाक्स में पहुँचाकर गोल करने की ताक में खेलते हैं। दूसरे टीमवाले उस गेंद को अपने कब्जे में लाने का प्रयत्न करते हैं। इस तरह गेंद जब कब्ज़े में आता है तब उसे सावधानी से, होशियारी से, अपने दल के खिलाडियों को सरकाते विपक्षी के बाक्स तक पहुँचाकर गोल करना पडता है। गोल रक्षक तो हाथों से पैरों से या जैसे भी हो गेंद बाक्स में न आने से रोकने का भरसक प्रयत्न करता है।

(మైదానపు ఆటలో ఫుట్బాల్ గొప్ప, ఉత్సాహమునిండే సామూహికంగా ఆడే ఆట. ఫుట్బాల్ ఆడే ఆటగాళ్ళు అందరూ చాలా ఉత్సుకత, పట్టుదలతో ఆడుతారు. వారు మిక్కిలి ధైర్యవంతులు, చురుకుదనం కలవారుగా ఉంటారు. ఆటలో రెండు పక్షాలు (టీమ్స్) ఉంటాయి. ఒక పక్షం వారు బంతిని కాళ్ళతో తంతూ ప్రతిపక్షం వారి బాకు చేర్చి గోల్ చేసే లక్ష్యంతో ఆడుతారు. ప్రతిపక్షం వారు ఆ బంతిని తమ ఆధీనంలో తెచ్చుకునే ప్రయత్నం చేస్తారు. ఈ విధముగా బంతి వశమయినపుడు దానిని జాగరూకతతో, తెలివిగా, తమ పక్షం ఆటగాళ్ళకు అందిస్తూ గోల్ చేయాల్సి ఉంటుంది. గోల్ కీపర్ అయితే చేతులతో, కాళ్ళతో ఎలాగైనా సరే బంతి బాక్స్ లోనికి రావడాన్ని ఆపేందుకు విశ్వ ప్రయత్నం చేస్తాడు.)

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प्रश्न 3.
फुटबॉल कैसा खेल है ?
(ఫుట్బాల్ ఎటువంటి ఆట?)
उत्तर :
फुटबॉल सामूहिक रूप से खेले जानेवाला प्रमुख मैदानी खेल है। यह टीम का खेल और मिलजुलकर खेलने का खेल है । ताकत, सावधानी, फुर्ती और चुस्ती से खेलनेवाला सर्वोत्तम खेल है। खेलते समय गेंद पर साथियों पर, विपक्षियों पर गोल पर लाइन पर समय पर अपने पर नज़र रखनेवाला खेल है। इसमें एक की ताकत सबकी ताकत एक की कमज़ोरी सबकी कमज़ोरी होती है।

फुटबॉल सचाई और प्रेम का खेल है। इसमें वैर भाव नहीं रखना है। आपसी एकता, ज़िम्मेदारी सक्रियता से खेलनेवाला खेल है। इसीलिए ही संसार भर में इस खेल का महत्वपूर्ण स्थान है। विश्व के सभी देशों में इसे खेलनेवाले विख्यात खिलाड़ी हैं करोड़ों लोगों का प्रिय और मनोरंजक खेल है।

(ఫుట్బాల్ సామూహికంగా ఆడబడే ప్రఖ్యాత మైదానపు ఆట. ఇది సమూహపు ఆట. కలిసిమెలిసి ఆడే ఆట, శక్తి, జాగరూకత, వేగము, చురుకుదనముతో ఆడే గొప్ప ఆట. ఆడేటప్పుడు బంతి మీద, జతగాళ్ళ మీద, ఎదుటి వర్గంలో ఆడేవారి మీద, గోల్ మీద, లైన్ మీద, కాలం మీద, తన మీద దృష్టి ఉంచుకుని ఆడే ఆట. దీనిలో ఒకరి శక్తి అందరిశక్తిగాను, ఒకరి బలహీనత అందరి బలహీనతగాను అవుతుంది.

ఫుట్బాల్ నిజాయితీ, ప్రేమ కలిగిన ఆట. ఇందులో శత్రుత్వభావము ఉండకూడదు. తమలో ఐకమత్యం,, బాధ్యత, శ్రద్ధతో ఆడబడే ఆట. అందువలననే, ప్రపంచమంతటా ఈ ఆటకు చాలా విలువైన స్థానము ఉన్నది. ప్రపంచంలోని అన్ని దేశాలలో దీనిని ఆడే ప్రసిద్ధి చెందిన ఆటగాళ్ళు ఉన్నారు. కోట్లకొలది ప్రజలకు ప్రియమైన మానసిక ఆనందము కలిగించే ఆట.)

अर्थ की दृष्टि से वाक्य के भेद। (అర్థము ప్రకారము వాక్యము యొక్క భేదములు)

1. विधानार्थक वाक्य : (విధానార్ధక వాక్యము)
जिस वाक्य से किसी बात या कार्य का होना पाया जाए, उसे विधानार्थक वाक्य कहते हैं।
(ఏదేని విషయము, పని జరుగుట గురించి తెలిపే వాక్యాన్ని విధానార్థక వాక్యము అంటారు.)
उदा : लडका मैदान में फुटबॉल खेलता है। (బాలుడు మైదానంలో ఫుట్బాల్ ఆడుచున్నాడు.)

2. आज्ञानार्थक वाक्य : (ఆజ్ఞానార్థక వాక్యము)
जिस वाक्य से किसी बात या कर्म के लिए आज्ञा, प्रार्थना या उपदेश देना प्रकट हो उसे आज्ञानार्थक वाक्य कहते हैं।
(ఏదేని విషయము/పని కొరకు ఆజ్ఞ, ప్రార్థన, ఉపదేశము ఇచ్చుటను తెలిపే వాక్యాన్ని ఆజ్ఞానార్థక వాక్యము అంటారు.)
उदा : आप मैदान में फुटबॉल खेलिए। (మీరు మైదానంలో ఫుట్బాల్ ఆడండి.)

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3. इच्छार्थक वाक्य : (ఇచ్ఛార్థక వాక్యము)
जिस वाक्य से इच्छा (कामना) आदि का बोध हो, उसे इच्छार्थक वाक्य कहते हैं।
(కోరిక (ఆశయము) ను తెలియపరిచెడి వాక్యాన్ని ఇచ్చాక వాక్యము అందురు.)
उदा : हमें फुटबॉल खेलना चाहिए। (మీరు మైదానంలో ఫుట్ బాల్ ఆడండి.)

4. संकेतार्थक वाक्य : (సంకేతార్ధక వాక్యము)
जिस वाक्य से किसी बात या कार्य की ओर संकेत पाया जाय, उसे संकेतार्थक वाक्य कहते हैं।
(ఏదేని విషయము/పని గురించి సంకేతమునిచ్చు వాక్యాన్ని సంకేతార్థక వాక్యము అందురు.)
उदा : समय मिलता तो हम फुटबॉल खेलते। (సమయం దొరికితే మేము ఫుట్బాల్ ఆడుతాం.)

5. संदेहार्थक वाक्य : (సందేహార్ధక వాక్యము)
जिस वाक्य में संदेह या संभावना आदि का बोध हो, उसे संदेहार्थक वाक्य कहते हैं।
(సందేహము లేదా సంభావన జరుగుట గురించి తెలియజెప్పే వాక్యాన్ని సందేహాత్మక వాక్యము అందురు.)
उदा : लडका मैदान में खेलता होगा। (బాలుడు మైదానంలో ఆడుతూ ఉండవచ్చు.)

6. प्रश्नार्थक वाक्य : (ప్రశ్నార్ధక వాక్యము)
जिस वाक्य से किसी बात के लिए प्रश्न सूचित हो, उसे प्रश्नार्थक वाक्य कहते हैं।
(ఏదేని విషయము గురించి ప్రశ్నించుట తెలిపిన దానిని ప్రశ్నార్థక వాక్యము అందురు.)
उदा: आप क्या खेलते हैं? (మీరు ఏమి ఆడుచున్నారు?)

7. विस्मयार्थक वाक्य (విస్మయార్థక వాక్యము)
जिस वाक्य में विस्मय, हर्ष, आदि प्रकट हो उसे विस्मयार्थक वाक्य कहते हैं।
(ఆశ్చర్యము, సంతోషము మొదలగునవి తెలియజేయు వాక్యాన్ని విస్మయార్థక వాక్యము అందురు.)
उदा : वाह ! फुटबॉल अच्छा खेल है। (ఆహా! ఫుట్బాల్ మంచి ఆట.)

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8. निषेधार्थक वाक्य : (నిషేధార్థక వాక్యము)
जिस वाक्य से किसी बात या कार्य का न होना पाया जाए, वह निषेधार्थक वाक्य कहलाता है।
(ఏదేని విషయము/పని జరుగకపోవుటను తెలియజెప్పే వాక్యమును నిషేధార్థక వాక్యము అందురు.)
उदा: सडक पर फुटबॉल खेलना मना है। (రోడ్డు మీద ఫుట్బాల్ ఆడరాదు)

अर्थग्राह्यता-प्रतिक्रिया
अपठित गद्यांश :

निम्न लिखित गद्यांश पढ़कर दिये गये प्रश्नों के उत्तर एक वाक्य में दीजिए।

1. मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है। वह समाज में रहता है और समाज में ही जीवन यापन करता है। एक व्यक्ति के दूसरे व्यक्ति के साथ पारस्परिक संबंध होते हैं। कई व्यक्तियों के आपसी व्यवहार से एक समाज का निर्माण होता है। अतः व्यक्ति से समाज, समाज से राष्ट्र, राष्ट्र से राज्य और राज्य से विश्व की परिकल्पना होती है। इसीलिए हमारे यहाँ प्राचीन काल से ‘वसुधैव कुटुंबकम्’ की धारणा मान्य। रही है। विश्व में मनुष्य के अपने आपसी व्यवहार से व्यक्तिगत संबंध बनते और बिगड़ते रहे हैं। मनुष्य के कई प्रकार के आपसी संबंधों में एक संबंध है लैंगिक संबंध । यह मनुष्य में एड्स रोग का प्रमुख कारण है। विश्व को एड्स की बीमारी से दूर रखने के लिए आवश्यक है कि इस रोग के बारे में समाज में जागरूकता लाई जाए।

प्रश्न :
1. मनुष्य कहाँ रहता है और वह कहाँ जीवन यापन करता है?
2. एक समाज का निर्माण कैसा होता है ?
3. प्राचीन काल से किसकी धारणा मान्य रही है ?
4. मनुष्य के कई प्रकार के आपसी संबंधों में एक संबंध क्या है ?
5. विश्व की परिकल्पना कैसी होती है?
उत्तर :
1. मनुष्य समाज़ में रहता है और वह समाज में ही जीवन यापन करता है।
2. कई व्यक्तियों के आपसी व्यवहार से एक समाज का निर्माण होता है।
3. प्राचीन काल से ‘वसुदैव कुटुंबकम’ की धारणा मान्य रही है।
4. मनुष्य के कई प्रकार के आपसी संबंधों में एक संबंध लैंगिक संबंध है।
5. व्यक्ति से समाज, समाज से राष्ट्र, राष्ट्र से राज्य और राज्य से विश्व की परिकल्पना होती है।

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2. हमें तीन चीज़ों की ज़रूरत है खाना, कपडा और मकान। खाने की चीजें जैसे अनाज, तरकारी आदि हमें किसान देते हैं। किसान गाँवों में रहते हैं। वे पहले खेत जोतते हैं। बाद में पानी सींचते हैं और बीज बोते हैं। थोडे दिनों के बाद फ़सल काटते हैं और गाडियों में लादकर दुकानों को भेजते हैं। वहाँ से हम अनाज को खरीदकर खाते हैं। वे ही किसान तरकारी भी पैदा करते हैं।

प्रश्न :
1. किसान कहाँ रहते हैं ?
2. हमें किन किन चीज़ों की जरूरत हैं ?
3. खाने की चीजें हमें कौन देते हैं ?
4. हम अनाज को कहाँ से खरीदकर खाते हैं ?
5. हमें किसान क्या क्या देते हैं?
उत्तर :
1. किसान गाँव में रहते हैं।
2. हमें तीन चीज़ों की ज़रूरत है खाना, कपडा और मकान।
3. खाने की चीजें हमें किसान देते हैं।
4. हम अनाज को दुकानों से खरीदकर खाते हैं।
5. हमें किसान खाने की चीजें जैसे अनाज, तरकारी आदि देते हैं।

3. भद्राचलम का राम मंदिर मुस्लिम हिन्दु की एकता और सामरस्य का एक महत्वपूर्ण उदाहरण है, भक्त रामदास ने भगवान राम पर तेलुगु में अनेक भजन कीर्तन लिखे हैं जो आज भी भक्ति भाव से गाये जाते हैं। उन्होंने ‘दशरथी शतकम्’ नामक एक भक्ति शतकं की भी रचना की है। भक्त रामदास आधुनिक युग के एक महान संत गायक और युग पुरुष थे।

प्रश्न :
1. हिंदु मुस्लिम की एकता और सामरस्य का एक महत्वपूर्ण उदाहरण क्या है ?
2. किन्होंने भगवान राम पर भजन कीर्तन लिखें ?
3. भक्त रामदास ने किस शतकम की रचना की ?
4. भक्त रामदास ने किस भाषा में भजन कीर्तन लिखें ?
5. आधुनिक युग के महान संत तथा युगपुरुष कौन थे ?
उत्तर :
1. भद्राचलम का राम मंदिर हिन्दु मुस्लिम की एकता और सामरस्य का एक महत्वपूर्ण उदाहरण है।
2. भक्त रामदास ने भगवान राम पर भजन, कीर्तन लिखें।
3. भक्त रामदास ने “दाशरथी शतकम्” की रचना की।
4. भक्त रामदास ने तेलुगु भाषा में भजन कीर्तन लिखें।
5. भक्त रामदास आधुनिक युग के महान संत तथा युग पुरुष थे।

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4. मनुष्य के लिए स्वस्थ रहना अत्यंत आवश्यक है। तंदुरुस्त रहने से मन प्रसन्न रहता है। मनुष्य दुगुने उत्साह के साथ अपने काम में लग सकता है। इसके विपरीत अस्वस्थ रहने से वह उदास हो जाता है। मन नीरस रहता है। इसलिए कहा गया है कि स्वस्थ तन में स्वस्थ मन और मस्तिष्क का निवास होता है। स्वस्थ रहने के लिए सब से पहले स्वच्छता की आवश्यकता है स्वच्छता तन की, घर की और बाहर की होनी चाहिए।

प्रश्न :
1. मनुष्य के लिए कैसा रहना अत्यंत आवश्यक है ?
2. अस्वस्थ रहने से मनुष्य कैसा हो जाता है ?
3. स्वस्थ मन और मस्तिष्क का निवास किसमें होता है ?
4. स्वस्थ रहने के लिए सबसे पहले किसकी आवश्यकता है ?
5. तंदुरुस्त रहने से मन कैसा रहता है ?
उत्तर :
1. मनुष्य के लिए स्वस्थ रहना अत्यंत आवश्यक है।
2. अस्वस्थ रहने से मनुष्य उदास हो जाता है।
3. स्वस्थ तन में स्वस्थ मन और मस्तिष्क का निवास होता है।
4. स्वस्थ रहने के लिए सबसे पहले स्वच्छता की आवश्यकता है।
5. तंदुरुस्त रहने से मन प्रसन्न रहता है।

5. हमारी संस्कृति वन प्रधान है। ऋग्वेद, जो हमारी सनातन शक्ति का मूल है, वन – देवियों की अर्चना करता है । मनुस्मृति में वृक्ष विच्छेदक को बड़ा पापी माना गया है- “जो आदमी वृक्षों को नष्ट करता है, उसे दण्ड दिया जाये।” तालाबों, सड़कों या सीमा के पास के वृक्षों का काटना, गुरुतर अपराध था। उसके लिए दण्ड भी बड़ा कड़ा रहता था। उसमें कहा गया है कि जो वृक्षारोपण करता है, वह तीस हज़ार पितरों का उद्धार करता है। अग्निपुराण भी वृक्ष पूजा पर ज़ोर देता है। वृक्षों का रोपण स्नेहपूर्वक और उनका पालन पुत्रवत करना चाहिए।

प्रश्न :
1. हमारी संस्कृति कैसी है?
2. कौन सा वेद वन देवियों की अर्चना करता है।
3. वृक्ष विच्छेदक को किस स्मृति में बडा पापी माना गया है ?
4. दण्ड किसे दिये जाते हैं ?
5. वृक्ष पूजा पर ज़ोर देनेवाला पुराण क्या है ?
उत्तर :
1. हमारी संस्कृति वन प्रधान है।
2. ऋग्वेद वन देवियों की अर्चना करता है।
3. वृक्ष विच्छेदक को मनुस्मृति में बडा पापी माना गया है।
4. जो आदमी वृक्षों को नष्ट करता है उसे दंड दिये जाते हैं।
5. वृक्ष पूजा पर ज़ोर देनेवाला पुराण “अग्निपुराण” है।

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उद्देश्य (ఉద్దేశ్యము) :

निबंध विधा से परिचित कराते हुए निबंध लेखन की प्रेरणा देना।
(వ్యాసము విధానాన్ని తెలియజేస్తూ వ్యాసము వ్రాయుటకు ప్రేరణను ఇవ్వడం.)

సారాంశము :

ఫుట్బాల్ సుమారుగా మన అన్ని పాఠశాలల్లో ఆడబడుతుంది. ఫుట్బాల్ దొరికింది, తీసుకుని ఆడటానికి వెళ్ళిపోయాము. ఇదే మాదిరిగా మేము వాలీబాల్. కూడా ఆడుతూనే వచ్చాము. ఈ విధంగా ఆడుతూ ఆడుతూ ఫుట్బాల్ కూడా ఆడే సరదా ఏర్పడింది అది నా ప్రియమైన ఆట అయింది.

పగలేమిటి, రాత్రేమిటి, పొలమేమిటి, మైదానమేమిటి, సమయం దొరికితే చాలు నేను, నా ఫుట్బాలే. ఆరంభంలో నేను ఒంటరిగానే ఫుట్బాల్ ఆడేవాడిని. అప్పుడు ఇది నాకు ఒక ఆట బొమ్మ. తరువాత ఇది అందరి వస్తువని, అద్భుతమైన వస్తువని తెలిసింది. అవును ! ఫుట్బాల్ అందరి వస్తువు. రెండు టీమ్ లు ఆడుతాయి. వేలమంది ప్రజలు చూస్తారు.

ఫుట్బాల్ ఆట ఒంటరిగా ఒక వ్యక్తి ఆడే ఆట కాదు. ఇది సమూహపు ఆట. కలిసిమెలిసి ఆడే ఆట. ఇది శక్తి, జాగరూకత కల ఆట. ఇది వేగము, చురుకుదనపు ఆట. ఇది దృష్టి పెట్టే ఆట. ఫుట్బాల్ మీద దృష్టి, తోటివారిపై దృష్టి, విరోధులపై దృష్టి, గోల్ (లక్ష్యసాధన) మీద దృష్టి, గీత మీద దృష్టి, కాలం మీద దృష్టి, తన మీద దృష్టి పెట్టాలి. అందరి శక్తి, తన శక్తిగా ఒకరి బలహీనత అందరి బలహీనతైన ఆట.

ఫుట్బాల్ నిజాయితీయైన ఆట, ప్రేమపూర్వకమైన ఆట. ఇందులో శతృత్వభావము కలవాడు ఆటగాడు కాదు. రెండు పక్షాలు ఉంటాయి. ఒకటి గెలిస్తే, రెండవది ఓడుతుంది. ఇందులో కోపము కానీ శత్రుత్వ భావముగాని ఎందుకు? ఈసారి ఓడిపోతే, వచ్చేసారి గెలుస్తావు. గెలవటానికి ప్రయత్నించు. ఎదుటి పక్షము వారు గెలిస్తే వారి ఆటను అర్థం చేసుకో. వారిని ప్రశంసించు (పొగుడు). మన ఓటమి నుండీ నేర్చుకో. మన గెలుపు నుండి కూడా నేర్చుకో.

నేటి వరకు నేను ఏ పెద్ద టీములోనూ ఆడలేదు. కాని ఒక రోజు నేను నా దేశమునకు చెందిన ఏదైనా పెద్ద టీమ్ తప్పక ఆడుతాను. ఇదే కాదు నేను బయట కూడా ఆడతలచుచున్నాను. ఈ రోజు కాకపోయినా, రేపైనా నా కోరిక తప్పక తీరుతుంది.

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शब्दार्थ (అర్థములు) (Meanings) :

TS 9th Class Hindi Guide 5th Lesson फुटबॉल 5

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