Telangana SCERT TS 9th Class Hindi Study Material Pdf 11th Lesson सुनीता विलियम्स Textbook Questions and Answers.
TS 9th Class Hindi 11th Lesson Questions and Answers Telangana सुनीता विलियम्स
प्रश्न – ప్రశ్నలు :
प्रश्न 1.
चित्र में क्या दिखाई दे रहा है?
(చిత్రంలో ఏమి కనపడుతూ ఉంది?)
उत्तर :
यह अंतरिक्ष परिशोधना केंद्र है। यहाँ रॉकेट (अंतरिक्ष यान) को अंतरिक्ष में भेजने की तैयारी हो रही है। चित्र में रॉकेट भेजने के उपयोग में आनेवाले यंत्र दिखाई दे रहे हैं।
प्रश्न 2.
अंतरिक्ष किसे कहते हैं? वहाँ कैसे पहुँच सकते हैं?
(అంతరిక్షము అని దేనిని అంటారు? అక్కడకు ఎలా చేరుకోగలము?)
उत्तर :
धरती और सूर्यादि लोकों के बीच के स्थान को अंतरिक्ष कहते हैं। वहाँ अंतरिक्षयान द्वारा पहुँच सकते हैं।
प्रश्न 3.
इस चित्र से हमें क्या संदेश मिलता है ?
(ఈ చిత్రం ద్వారా మనకు ఎటువంటి సందేశం లభిస్తుంది?)
उत्तर :
इस चित्र से हमें यह संदेश मिलता है कि “यह रॉकेट ही नहीं, मानव प्रयासों का साकार रूप भी है जिस के निर्माण में कई वैज्ञानिकों की बौद्धिक क्षमताएँ छिपी हैं।
अर्थग्राह्यता-प्रतिक्रिया (అర్థమును తెలుసుకోవటం – జవాబు ఇవ్వటం)
अ. नीचे दिये गये प्रश्नों के उत्तर सोचकर लिखिए। (క్రింద ఇవ్వబడిన ప్రశ్నల జవాబులు అలోచించి వ్రాయండి)
प्रश्न 1.
कुछ अंतरिक्ष यात्रियों के नाम बताइए।
(కొంతమంది అంతరిక్ష యాత్రికుల పేర్లని చెప్పండి)
उत्तर :
आरंभ से ही मानव अंतरिक्ष के बारे में जानने की कोशिश में रहा है। इसी आशय की सिद्धि के लिए समय – समय पर अनेक यान अंतरिक्ष में भेजे गये हैं। उन यानों में अंतरिक्ष यात्री (एस्ट्रोनाट्स) जाते हैं। उनमें बज एलड्रिन, नील आर्मस्ट्रांग, राकेश शर्मा, यूरी गगारिन, कल्पना चावला, सुनीता विलियम्स आदि प्रमुख हैं।
(ఆరంభం నుండే మానవుడు అంతరిక్షం గురించి తెలుసుకోవాలనే ప్రయత్నంలో ఉన్నాడు. ఈ ఆశయసిద్ధి కోసమే అనేకసార్లు అంతరిక్షయానములు (స్పేస్ క్రాఫ్ట్స్) పంపబడ్డాయి. వాటిలో వ్యోమగాములు వెళ్ళేవారు. వారిలో బజ్ ఎల్డ్రిన్, నీల్ ఆర్మ్ స్ట్రాంగ్, రాకేశ్ శర్మ, యూరీ గగారిన్; కల్పనా చావ్లా, సునీత విలియమ్స్ మొదలగు వారు ప్రముఖులు.)
प्रश्न 2.
स्त्री एवं पुरुष दोनों एक समान बुद्धिमान और कुशल होते हैं। सुनीता विलियम्स इसका उदाहरण हैं। सुनीता विलियम्स के जीवन से हमें क्या प्रेरणा मिलती है ?
उत्तर :
(స్త్రీ, పురుషులిరువురు సమానము బుద్ధిమంతులు, శక్తిశాలులు, సునీత విలియమ్స్ దీనికి ఉదాహరణ, సునీత విలయమ్స్ జీవితం నుండి మనకు లభించే ప్రేరణ ఏమి ?)
स्त्री एवं पुरुष दोनों एक समान बुद्धिमान और कुशल होते हैं। सुनीता विलियम्स इसका उदाहरण हैं। जैसे सुनीता विलियम्स भारत की ख्याति प्राप्त सफल अंतरिक्षयात्री है। भारतीय महिला की महानता और प्रतिभा का परिचय देकर उसने इतनी बडी सफलता प्राप्त की है। अपने कार्यों से उसने यह स्पष्ट किया कि स्त्रियाँ भी बहुत प्रभावशाली हैं। किसी भी विषय में पुरुषों से कम नहीं हैं। उसके जीवन से हमें यह प्रेरणा मिलती है कि कोई भी काम असंभव नहीं है। लक्ष्य साधना के लिए अधिक परिश्रम की आवश्यकता है। असफलता से कभी पीछे नहीं हटना चाहिए। लक्ष्य प्राप्ति तक विश्राम नहीं लेना चाहिए। परिश्रम ही सफलता की कुंजी है। साधारण पढी लिखी स्त्री भी लगन और श्रद्धा से प्रयत्न करती तो अपनी महत्वाकांक्षा सफल कर सकती है।
(సునీతా విలియమ్స్ భారత ప్రఖ్యాత, సఫల అంతరిక్ష యాత్రికురాలు. భారతీయ మహిళ గొప్పదనం, ప్రతిభల పరిచయం ఇచ్చి తను ఇంత గొప్ప సఫలత పొందింది. తన పనుల ద్వారా తను స్త్రీలు కూడా ప్రభావశాలులు. ఏ విషయంలోనూ పురుషులకంటే తక్కువకారు అని స్పష్టం చేసింది. ఆమె జీవితం నుండి మనకు ఏ పనైనా అసంభవం కాదు అనే ప్రేరణ లభిస్తుంది. లక్ష్య సాధన కొరకు శ్రమించడం అవసరం. అపజయం నుండి ఎప్పటికీ వెనుకడుగు వేయకూడదు. లక్ష్యం ప్రాప్తించే వరకు విశ్రమించకూడదు. శ్రమే విజయానికి తాళపు చెవి. సాధారణ చదువుకున్న స్త్రీ కూడా తత్పరత, శ్రద్ధతో ప్రయత్నించి తన గొప్ప ఆశయాలను సాధించగలదు.)
आ. नीचे दी गयी पंक्तियाँ पूरी कीजिए। (క్రింద ఇవ్వబడిన పంక్తులను పూరించండి.)
प्रश्न 1.
जब मैं पाँच वर्ष की थी ……….. चलते हुए देखा।
उत्तर :
तो मैं ने नील आर्मस्ट्रांग को चंद्रमा पर कदम रखते और
प्रश्न 2.
हर भारतीय अपनी ……….. कर रहा है।
उत्तर :
प्रार्थनाओं में मेरी सफलता की कामना
प्रश्न 3.
उसी दिन मुझे लगा कि हर जीत …………… प्रेरणा होती है।
उत्तर :
के पीछे हार की
इ. अनुच्छेद पढ़िए। अनुच्छेद से संबंधित तीन प्रश्न बनाइए।
(పేరాను చదవండి. పేరాకు సంబంధించిన మూడు ప్రశ్నలు తయారుచేయండి.)
प्राचीन समय में मनुष्य गुफ़ाओं, जंगलों व पहाड़ों में रहा करता था। तब वह अपने आप में अकेला था। धीरे धीरे उसे आभास हुआ कि समुदाय या समाज में रहने वाला सुखी जीवन व्यतीत करता है। यहीं से उसने समाज की रचना की और सामाजिक प्राणी कहलाने लगा। यह सब एक दूसरे के बीच सूचनाओं के आदान प्रदान से ही संभव हो सका है। सूचना को समाज के विकास का मूल स्त्रोत कहा जा सकता है।
(ప్రాచీన కాలంలో మానవుడు గుహలలో, అడవులలో, పర్వతములలో నివసిస్తూ ఉండేవాడు. అప్పుడతడు తనలో తాను ఒంటరివాడు. నెమ్మది నెమ్మదిగా అతనికి సమూహంగా లేదా సమాజంలో నివసించేవాడు. సుఖకర జీవితాన్ని గడుపుతాడని జ్ఞానోదయం అయింది. ఇక్కడి నుండే అతడు సమాజాన్ని నిర్మించి, సామాజిక ప్రాణి అని పిలువబడసాగాడు. ఇదంతా ఒకరికొకరి మధ్య సమాచారముల మార్పిడి వలననే సంభవమయింది. సమాచారము (సూచన) ను సమాజ వికాసానికి మూలంగా చెప్పవచ్చు.)
उत्तर :
प्रश्न :
1. प्राचीन काल में मनुष्य कहाँ कहाँ रहा करता था ?
(ప్రాచీన కాలంలో మానవుడు ఎక్కడెక్కడ నివసించేవాడు?)
2. धीरे धीरे मनुष्य को किसका आभास हुआ ?
(నెమ్మదిగా మానవునికి దేని గురించి తెలిసింది?)
3. समाज के विकास का मूल स्त्रोत किसे कह सकते हैं?
(సమాజాభివృద్ధికి మూలము అని దేనిని చెప్పగలము?)
अभिव्यव्ति-सुजनात्मकता (వ్యక్తీకరణ-నిర్మాణాత్మకత)
अ. इन प्रश्नों के उत्तर लिखिए। (ఈ జవాబులు వ్రాయండి.)
प्रश्न 1.
भारत को प्रतिभावानों का देश क्यों कहा जाता है?
(భారతదేశాన్ని ప్రతిభావంతుల దేశం. అని ఎందుకంటారు?)
उत्तर :
भारत में कई प्रतिभावानों का जन्म हुआ है।
जैसे :आर्यभट्, सी.वी. रामन, जे. सी. बोस, अब्दुल कलाम, टेसी थॉमस और सुनीता विलियम्स आदि। यहाँ के गाँव- गाँव में भी प्रतिभाशाली बच्चे हैं। यहाँ की लडकियाँ भी विशेष प्रतिभा रखती हैं। इसलिए भारत को प्रतिभावानों का देश कहा गया।
(భారతదేశంలో ఎందరో ప్రతిభావంతులు జన్మించిరి. ఆర్యభట్ట, సి. వి. రామన్, జె.సి. బోస్, అబ్దుల్ కలాం, టెస్సీ థామస్ మరియు సునీతా విలియమ్స్ మున్నగు శాస్త్రవేత్తలు వారిలో ముఖ్యులు. ఇక్కడి గ్రామ – గ్రామమున ఎందరో ప్రతిభావంతులైన పిల్లలు కలరు. ఇక్కడ బాలికలు కూడా విశేష ప్రతిభ కలిగినవారు. అందువలన భారతదేశం ప్రతిభావంతుల దేశం అని పిలువబడుచున్నది.)
प्रश्न 2.
सुनीता विलियम्स ने ऐसा क्यों कहा कि हर जीत के पीछे हार की प्रेरणा होती है ?
(“ప్రతి విజయం వెనుక ఓటమి ప్రేరణ ఉంటుంది”, అని సునీతా విలియమ్స్ ఎందుకు చెప్పనది?)
उत्तर :
स्नातक की पढ़ाई के बाद सुनीता विलियम्स के भाई नेवी में भर्ती हुए। इससे सुनीता विलियम्स को भी प्रेरणा मिली। वह भी नेवी में चयन हो गया। उसकी दृष्टि सटीक होने के कारण उन्हें पायलट की नौकरी मिल गयी। वह जट पायलट बनना चाहती थी। किंतु उनकी इच्छा पूरी नहीं हुई। उन्हें हेलीकॉप्टर पायलट से ही संतोष करना पडा। यहाँ पर उन्होंने बहुत कुछ सीखा। आप कई बार विफ़ल भी हुई। बाद में वे अंतरिक्ष यात्री बनी। इसीलिए सुनीता विलियम्स ने ऐसा कहा कि हर जीत के पीछे हार की प्रेरणा होती है।
(డిగ్రీ చదివిన తర్వాత సునీతా విలియమ్స్ సోదరుడు నౌకాదళంలో భర్తీ అయ్యెను. దీని ద్వారా సునీతా విలియమ్స్క కూడా ప్రేరణ లభించినది. ఆమె కూడా నేవీ (నౌకాదళం) లో చేరినది. ఆమె దృష్టి సరిగా ఉన్నందున ఆమెకు పైలెట్ ఉద్యోగం లభించినది. ఆమె జట్ పైలట్ అవ్వాలని కోరుకున్నది. కానీ ఆమె కోరిక నెరవేరలేదు. ఆమెకు హెలికాఫ్టర్ పైలట్ గానే సంతోషించవలసి వచ్చింది. ఇక్కడ ఆమె ఎంతో నేర్చుకున్నది. ఆమె ఎన్నోసార్లు విఫలమైనది కూడా. తర్వాత ఆమె అంతరిక్ష యాత్రికురాలు అయినది. అందువలననే ఆమె ‘ప్రతి విజయం వెనుక ఓటమి ప్రేరణ ఉంటుంది”.
प्रश्न 3.
सुनीता विलियम्स से क्या प्रेरणा मिलती है ?
(సునీతా విలియమ్స్ నుండి లభించు ప్రేరణ ఏమిటి?)
उत्तर :
सुनीता विलियम्स से हमें यह प्रेरणा मिलती है कि जितना भी कठिन काम होने पर भी यदि उसमें रुचि है तो मेहनत, लगन, समझदारी के साथ हम अपने मनपसंद कार्य क्षेत्र में प्रवेश करके अपनी इच्छा पूर्ति कर सकेंगे। दुनिया के आगे हम अपनी प्रतिभा को दिखा सकेंगे। सफलता पायेंगे।
(“ఎంతటి కష్టసాధ్యమైన పని అయినప్పటికీ దానిపట్ల, ఇష్టం, కోరిక ఉన్నట్లయితే కృషి, తదేక దృష్టి తెలివి తేటలతో మనం మనకు నచ్చిన కార్యక్షేత్రంలో ప్రవేశించి మనం మన కోర్కెలను తీర్చుకొనవచ్చును. ప్రపంచం ముందు మనం మన ప్రతిభను ప్రదర్శించవచ్చు. విజయాన్ని పొందవచ్చు.” అని సునీతా విలియమ్స్ ద్వారా మనకు ప్రేరణ కల్గుచున్నది.)
आ. “सुनीता विलियम्स” पाठ का सारांश अपने शब्दों में लिखिए।
(“సునీతా విలియమ్స్” పాఠ సారాంశాన్ని స్వంత మాటలలో వ్రాయండి.)
उत्तर :
अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष केंद्र पर कदम रखनेवाली पहली भारतीय महिला सुनीता विलियम्स है। उसने अंतरिक्ष में सबसे ज़्यादा लंबा समय (195 दिन) बिताने और चलने का रिकार्ड बनाया था। अंतरिक्ष प्रयोगशाला में अनेक उपयोगी परीक्षण करके भावी अंतरिक्ष यात्रियों का मार्गदर्शन किया। अपने महान प्रयत्नों से उसने यह साबित कर दिया कि महिलाएँ भी पुरुषों से किसी भी तरह कम नहीं। वे बड़े से बड़े लक्ष्य को साकार करने का साहस रखती हैं।
अंतरिक्ष दुनिया में कदम रखने प्रेरित करनेवाली बातों का वर्णन करती है कि अपने पाँच साल की उम्र में उसने नील आर्मस्ट्रांग को चंद्रमा पर पहला कदम रखते और चलते देखा था। तभी उसने प्रेरित होकर अंतरिक्ष यात्री बनने का इरादा कर लिया। मेरिलैंड में स्थित टेस्ट पायलट स्कूल गयी। उसने पहले जहाज़ और हेलिकॉप्टर के पायलेट के रूप में अपना पेशा आरंभ किया। इसी दौरान में वह एक दिन जानसन अंतरिक्ष केंद्र पहुँच गयी। वहाँ उसकी मुलाकात जॉन यंग से हुयी। यंग ने हेलिकॉप्टर और अंतरिक्ष यान की तुलना की। यह तुलना सुनीता को प्रेरणादायक रही। तभी से उसने शोधकर पता लगाया कि अंतरिक्ष यात्री बनने क्या करना चाहिए? इस क्षेत्र में उसने शिक्षा प्राप्त की और उसे अंतरिक्ष यात्रा के लिए अच्छा अवसर मिला।
सुनीता के पिता डॉक्टर थे। वे हार्वर्ड मेडिकल स्कूल तथा बॉस्टन विश्वविद्यालय में पढाते थे। सुनीता का परवरिश बॉस्टन के समीप हुआ। यहीं सुनीता की आकांक्षा सफल हुयी। वास्तव में सुनीता पढाई में औसत ही थी। स्नातक की पढाई के बाद वह नेवी में चुनी गयी और हेलिकॉप्टर पायलट बनी। यहाँ पर उसने बहुत कुछ सीखा। कई बार वह असफल हुयी। वह निराश नहीं हुयी, इसीसे प्रेरणा पायी।
एक बार किसी कारणवश सुनीता टेस्ट स्कूल गयी। वहाँ जॉन यंग से उसकी मुलाकात हुयी। उसी की प्रेरणा से ही वह अंतरिक्ष यात्री बन सकी। वास्तव में अंतरिक्ष यात्री बनना आसान काम नहीं है। वह क्षेत्र तो खतरों से भरा रहता है। सुनीता खुशी से यहाँ कहती है कि मैं तो भारत संतति की हूँ। मेरी सफलता का प्रमुख कारण मेरे भारतीय लोगों की प्रार्थनाएँ ही हैं। इस तरह सुनीता का जीवन सब भारत के बच्चों के लिए प्रेरणादायक रहा है।
इ. यदि आप सुनीता विलियम्स का साक्षात्कार लेते तो क्या क्या प्रश्न पूछते ? लिखिए।
(మీరు సునీతా విలియమ్స్ ఇంటర్వ్యూ తీసుకున్నట్లయితే ఏ ప్రశ్నలు అడుగుతారు? వ్రాయండి.)
उत्तर :
शांतिकामुक पवित्र भारत देश की विख्यात अंतरिक्ष यात्री है सुनीता विलियम्स एक साधारण स्त्री होकर भी उसने लगन और श्रद्धा से अपनी महत्वाकांक्षा की पूर्ति कर ली। ऐसी सफल और प्रतिभाशाली अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स का साक्षात्कार लेने का सौभाग्य मिला तो मैं अपने को धन्य मान लेता। उस आदरणीय महिला से मैं ये प्रश्न पूछता –
आप एक सफल अंतरिक्ष यात्री बन सकी, इस महान कार्य को संपन्न करने में आपके परिवारवालों ने किस प्रकार का सहयोग दिया? बताइए।
अंतरिक्ष यात्री बनने आपने किस प्रकार के शोध किये, उनका परिचय दीजिए।
जॉन यंग ने आपको किस प्रकार का योगदान दिया?
भावी अंतरिक्ष यात्रियों को आपसे मिलनेवाला सहयोग क्या है ?
भविष्य में आपसे होनेवाले महान कार्य क्या – क्या हैं?
ई. सुनीता विलियम्स की सफलताओं के लिए एक बधाई संदेश तैयार कीजिए।
(సునీత విలియమ్స్ విజయాల గురించి ఒక అభినందన సందేశమును తయారుచేయండి.)
उत्तर :
भारत की लाडली और सफल अंतरिक्ष यात्री सुनीता आपको हमारी हार्दिक बधाइयाँ आज आपने यह साबित किया है कि स्त्रियाँ भी बहुत प्रभावशाली हैं और किसी भी विषय में पुरुषों से कम नहीं है। श्रद्धा और लगन से हर काम संभव कर सकते हैं। असफलता से न डरते, धीरज से आगे बढना ही महान गुण है। अथक परिश्रम ही सफलता का मूलमंत्र है।
एक साधारण पढी लिखी स्त्री (नारी) भी लगन और श्रद्धा से मन चाही लक्ष्य प्राप्त कर सकती है। इसका सच्चा प्रमाण ही तुम्हारा जीवन है। मानव कल्याण और विश्वशांति की सिद्धि के लिए किये गये तुम्हारे प्रयत्न सदा सराहनीय हैं। मानवता की प्रतिमूर्ति, सहृदयी सुनीता तुम्हारा जन्म सार्थक हुआ है। तुम्हारा जीवन हम सबके लिए प्रेरणा स्त्रोत बने। भारत की हर लाडली तुम्हारे जीवन से प्रेरणा पाकर महान चरित्रवान बने। तुम्हारा नाम और यश धरती पर सदा अमर रहे। महत्वाकांक्षी तुम्हारा भावी जीवन सुखदायी और मंगलमय हो। परमात्मा सदा तुम्हें सुखी रखे।
भाषा की बात (భాషా విషయము) :
अ. वाक्य पढ़िए। क्रियाओं पर ध्यान दीजिए। (వాక్యములు చదవండి. క్రియలను గమనించండి.)
1. सामान्य भूतकाल (సామాన్య భూతకాలము): क्रिया का जो रूप बीते समय का सामान्य बोध करता है। उसे सामान्य भूतकाल कहते हैं।
(గడిచిన కాలంలో జరిగిందని సామాన్యంగా (మామూలుగా) తెలియచెప్పే క్రియా రూపమును సామాన్య భూతకాలము అందురు.)
उदाः राम ने भोजन किया।, लडके ने पुस्तक पढी।
2. आसन्न भूतकाल (ఆసన్న భూతకాలము): क्रिया का जो रूप निकट में समाप्त हुए व्यापार का बोध करता है, उसे आसन्न भूतकाल कहते हैं।
(పని పూర్తి అయి ఎంతో సమయము కాలేదని తెలియచెప్పే క్రియారూపమును ఆసన్న భూతకాలము అందురు.)
उदाः सीता ने पाठ पढा है।, लडके ने पुस्तक पढी है।
3. पूर्ण भूतकाल (పూర్ణ భూతకాలము): क्रिया का वह रूप जिससे यह मालूम हो कि व्यापार बहुत समय पहले ही पूरा हो चुका है। पूर्ण भूतकाल कहलाता है।
(చాలా సమయం క్రితమే పని పూర్తి అయిపోయిందని తెలిపే క్రియా రూపాన్ని పూర్ణ భూతకాలము అందురు.)
उदा: रवि ने पाठ पढा था।, लडके ने पुस्तक पढी थी।
4. संदिग्ध भूत (సందిగ్ధ భూతకాలము) : क्रिया के जिस रूप से भूतकालिक व्यापार के होने में संदेह पाया जाय, उसे संदिग्ध भूतकाल कहते हैं।
(భూతకాలంలో జరిగిన పనిలో సందేహము తెలియచేయు క్రియా రూపమును సందిగ్ధ భూతకాలము అందురు.)
उदा: राम ने पाठ पढा होगा।, लडके ने पुस्तक पढी होगी।
5. अपूर्ण भूतकाल (అపూర్ణ భూతకాలము): क्रिया के जिस रूप से भूतकाल में होनेवाले कार्य की अपूर्णता प्रकट हो वह “अपूर्ण भूंत” कहलाता है। (గడచిన కాలంలో జరిగే పనిలో అసంపూర్ణతను తెలియచేయు క్రియారూపము అపూర్ణ భూతకాలము అనబడుతుంది.) उदा: लडकी गाना गा रही थी।, दादाजी सो रहे थे।
6. हेतु हेतुमद् भूत (హేతు – హేతుమద్ భూతకాలము) : क्रिया के जिस रूप से यह पता चले कि कार्य भूतकाल में होनेवाला था, पर किसी कारणवश नहीं हो सका, उसे हेतु – हेतुमद् भूतकाल कहते हैं।
(గడచిపోయిన కాలంలో జరుగవలసిన పని ఏదేని కారణంగా జరుగలేదు. అని తెలియచెప్పే) (క్రియాపాన్ని హేతుహేతు మద్భూత కాలము అందురు.)
उदा : पिताजी आते तो हम जाते। लडके को पुस्तक मिलती तो पढता।
वर्तमानकाल के भेद (వర్తమానకాల భేదములు)
परिभाषा : क्रिया के जिस रूप से वर्तमान समय में होनेवाले कार्य का बोध होता है,उसे वर्तमान काल कहते हैं। उदाः लडका पाठ पढता है। (వర్తమాన సమయంలో జరుగుతున్న పనిని తెలియపరుచు క్రియారూపాన్ని వర్తమాన కాలము అందురు.) उदा : బాలుడు చదువుచున్నాడు.
वर्तमानकाल के तीन भेद हैं। (వర్తమానకాలము మూడు రకములు.)
1. सामान्यू वर्तमान (సామాన్య వర్తమానకాలము) : जिस क्रिया से कार्य का साधारण रूप वर्तमान काल में होना पाया जाय, उसे सामान्य वर्तमान कहते हैं। (క్రియ యొక్క సాధారణ రూపము వర్తమానకాలములో ఉన్నదని తెలిసిన దానిని సామాన్య వర్తమాన కాలము అని అందురు.) उदा: मैं खाता हूँ।, लडका पुस्तक पढता है।
2. अपूर्ण वर्तमान (అపూర్ణ వర్తమానకాలము) : क्रिया के जिस रूप से क्रिया के होने में अपूर्णता प्रकट हो, उसे अपूर्ण (तात्कालिक) वर्तमान काल कहते हैं। (క్రియ జరుగుటలో అపూర్ణత్వమును (పకటించు (క్రియా రూపమును అపూర్ణ వర్తమానకాలము అందురు.) उदा : मैं खा रहा हूँ।, लडका पुस्तक पढ रहा है।
3. संदिग्ध वर्तमानकाल (సందిగ్ధ వర్తమానకాలము) : क्रिया का वह रूप है जिससे वर्तमान काल में क्रिया के.होने में संदेह पाया जाए। (క్రియ వర్తమాన కాలములో జరుగుటలో సందేహాన్ని తెలుపు క్రియా రూపమును సందిగ్ధ వర్తమానకాలము అందురు.) उदा : लडकी जाती होगी।, लडका पुस्तक पढ रहा होगा।
भविष्यकाल के भेद (భవిష్యత్కాల భేదములు)
परिभाषा : क्रिया के जिस रूप से आनेवाले समय का बोध हो उसे भविष्य काल कहते हैं। (రాబోయే సమయంలో క్రియ జరుగుతుందని తెలిపే క్రియా రూపాన్ని భవిష్యత్కాలము అందురు.)
उदा : पिताजी दफ़तर जायेंगे। लडका पुस्तक पढेगा। भविष्यत काल के चार भेद हैं। (భవిష్యత్ కాలమునకు నాలుగు భేదములు ఉన్నవి.)
1. सामान्य भविष्य (సామాన్య భవిష్యత్కాలము): क्रिया के जिस रूप से आनेवाले समय में सामान्य रूप से किसी क्रिया के होने का पता चले। (రాబోయే సమయంలో క్రియ జరుగుతుందని సామాన్యంగా తెలిపే (క్రియారూపమును సామాన్య భవిష్యత్ కాలము అందురు.) उदा : आप खायेंगे।, लडका पुस्तक पढेगा।
2. सातत्य बोधक भविष्य (సాతత్య బోధక భవిష్యత్కాలము): क्रिया के जिस रूप से सातत्य (निरंतरता) का बोध हो उसे सातत्य बोधक भविष्यकाल कहते हैं। (నిరంతరత్వము (ఏప్పుడూ) జరుగుతుండుట గురించి తెలియచెప్పే క్రియా రూపమును సాతత్య భవిష్యత్కాలము అందురు.)
उदा : हम पूजा करते रहेंगे। लडका पुस्तक पढता रहेगा।
3. पूर्ण भविष्य (పూర్ణ భవిష్యత్కాలము): क्रिया का वह रूप जिससे आनेवाले समय में क्रिया के होने में कोई संदेह नहीं पाया जाय वह पूर्ण भविष्य काल कहलाता है। (రాబోయే కాలంలో క్రియ జరగటంలో సందేహము లేదు అని తెలియజేసే క్రియారూపము పూర్ణ భవిష్యత్ కాలము.)
उदा : मैं खाना खा सकूँगा।, लडका पुस्तक पढ सकेगा।
4. संभाव्य भविष्यकाल (సంభావ్య భవిష్యత్కాలము): क्रिया के जिस रूप से आनेवाले समय में होनेवाले कार्य की संभावना हो उसे संभाव्य भविष्यकाल कहते हैं।
(రాబోయే కాలంలో పని జరుగుట సంభవమని తెలియచెప్పే క్రియారూపమును సంభావ్య భవిష్యత్కాలము అందురు.)
उदा: रवि कल यहाँ आये।, आप पुस्तक पढें।
परियोजना कार्य (నిర్మాణాత్మక పని/ప్రాజెక్ట్ పని) :
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) द्वारा अंतरिक्ष में भेजे गये उपग्रहों की जानकारी इकट्ठा कीजिए। किसी एक उपग्रह के बारे में लिखिए।
(భారతీయ అంతరిక్ష అనుసంధాన సంస్థ (ఇస్రో) ద్వారా అంతరిక్షానికి పంపబడిన ఉపగ్రహాల పరిచయం సేకరించండి. ఏదేని ఒక ఉపగ్రహం గురించి వ్రాయండి.)
उत्तर :
ग्रहों की परिक्रमा करनेवाले आकाशीय पिंडों को उपग्रह कहते हैं। चंद्रमा, पृथ्वी का उपग्रह है। इसी प्रकार अन्य ग्रह भी हैं। अपने ग्रहों की परिक्रमा करने में उपग्रह एक निश्चत कक्षा में एक निश्चित गति से घूमते रहते हैं। मानव द्वारा अनेक ग्रह अंतरिक्ष में भेजे गये हैं। उनको ही उपग्रह कहते हैं।
भारत के वैज्ञानिक भी अंतरिक्ष संबन्धी खोज कार्य में लगे हुए थे। हमारा पहला उपग्रह “आर्यभट्ट 19 अप्रैल,1974 ई. में अंतरिक्ष में स्थापित किया गया। इसके बाद भास्कर – 1 जून 1979 में अंतरिक्ष में भेजा गया। इसके अतिरिक्त भारत ने रोहिणी, ऐप्पल, भास्कर 2, इंसेट 1 ए, इंसेट -1 बी इंसेट 1 डी, चंद्रयान -1, रिसाट -2, अनुसाट, ओशनसाट – 2, जीशाट – 4, कार्टोशाट – 2 बी, सरल, जीशाट – 12 आदि इसरो द्वारा अंतरिक्ष में भेजे गये उपग्रह हैं।
ये उपग्रह आज के युग में देश की उन्नति के सूचक हैं। इन उपग्रहों के ज़रिये हम पृथ्वी पर जल, खनिज पदार्थ, मौसम आदि की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। इसके साथ साथ दूसरे देशों के रक्षा कार्य के लिए किये गये प्रयासों का भी पूरा पता लगा सकते हैं।
इसरो विश्व विख्यात भारत का अंतरिक्ष अनुसंधान केंद्र है। ऐसे ख्याति प्राप्त केंद्र से फिलहाल ‘सरल’ नामक प्रभावशाली उपग्रह अंतरिक्ष में भेजा गया। 25 फरवरी, 2013 के दिन प्रक्षेपण किया गया। इसे भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अंतरिक्षयान पी. एस. एल. वी सी 20 से सफलतापूर्वक प्रक्षेपित किया।
‘सरल’ यान सतीश धावन अंतरिक्ष केंद्र से रवाना हुआ। सरल एक सफल प्रभावशाली और बहु उद्देशीय उपग्रह है। इसका वज़न 410 किलो ग्राम है। इसके प्रक्षेपण का खास उद्देश्य है समुद्र के विभिन्न पहलुओं के अध्ययन करना। इससे समुद्र की स्थिति की समझ बेहतर करने में मदद मिलेगी। इसका निर्माण करने में अनेक विख्यात वैज्ञानिकों ने अनुपम प्रयत्न किये। उनके प्रयत्नों से निर्मित ‘सरल’ अनेक उपयोगी विषयों को स्पष्ट करने में सफल होगा। इस ‘सरल’ के प्रयोग द्वारा भारत के वैज्ञानिक भरोसा रखते हैं कि वे और भी कई विषयों में जानकारी प्राप्त करने में ज़रूर सफल होंगे।
प्रश्न – II
प्रश्न 1.
सुनीता विलियम्स को अंतरिक्ष यात्री बनने की प्रेरणा कैसे मिली ?
(సునీతా విలియమ్స్ కు అంతరిక్ష యాత్రికురాలు అయ్యెడి ప్రేరణ ఎలా కలిగింది?)
उत्तर :
जब सुनीता विलियम्स पाँच साल की लडकी थी, तब उसने नील आर्मस्ट्रांग को चंद्रमा पर पहला कदम रखते और चलते देखा था। इसी दृश्य से वह बहुत प्रेरित हुयी। उसी दिन उसने निर्णय कर लिया कि मुझे अंतरिक्ष यात्री बनना है। मेरिलैंड स्थित टेस्ट पायलट स्कूल में गयी। पहले पहल उसने जहाज़ और हेलिकॉप्टर पायलट के रूप में अपना पेशा आरंभ किया। एक दिन जॉनसन अंतरिक्ष केंद्र गयी तो वहाँ उसकी मुलाकात जॉन यंग से हुई। उन्होंने हेलिकॉप्टर और अंतरिक्ष यान की तुलना की। यह तुलना काफ़ी प्रेरणात्मक थी। सुनीता ने शोधकर अंतरिक्ष यात्री बनने के आवश्यक प्रयत्न किये। फल स्वरूप वह एक सफल अंतरिक्ष यात्री बन सकी।
(సునీతా విలియమ్స్ ఐదు సంవత్సరముల, బాలికగా ఉన్నప్పుడు నీల్ ఆర్మ్టస్ట్రాంగ్ చంద్రుని మీద మొదటిసారి అడుగుపెట్టి, నడవడం చూసింది. ఈ దృశ్యంతో ఆమె చాలా ప్రభావితమైంది. నేను కూడ అంతరిక్ష యాత్రికురాలు అవ్వాలని అదే రోజున ఆమె నిర్ణయించుకుంది. మెరిలైండ్లో ఉన్న టెస్ట్ పైలెట్ స్కూలుకు వెళ్ళింది. మొట్టమొదటిగా ఆమె ఓడ, హెలికాప్టర్ పైలెట్ గా తన వృత్తిని ప్రారంభించింది. ఒక రోజు జాన్సన్ అంతరిక్ష కేంద్రానికి వెళ్ళి అక్కడ జాన్ యంగ్ ని కలవటం జరిగింది. ఆయన హెలికాప్టర్, అంతరిక్షయానం (రాకెట్) రెండింటిని పోల్చారు. ఈ పోల్చడం చాలా ప్రేరణదాయకమైనది. సునీత శోధించి అంతరిక్షయాత్రికురాలు అయ్యెడి అనేక ప్రయత్నాలు చేసింది. ఫలితంగా ఆమె ప్రతిభావంతురాలైన వ్యోమగామి అవగలిగింది.)
प्रश्न 2.
सुनीता विलियम्स की पढ़ाई कैसे हुयी ?
(సునీతా విలియమ్స్ చదువు ఎలా సాగింది?)
उत्तर :
सुनीता विलियम्स बचपन से ही पढ़ाई में तेज़ नहीं औसत ही थी। स्नातक की पढ़ाई के बाद अपने भाई को नेवी में भर्ती होते देखकर उसे भी प्रेरणा मिली। लेकिन अपने लंबे बालों को कटवाकर वह नेवी में भर्ती होना नहीं चाहती थी। लेकिन नेवी में उसका सेलक्शन हो गया। उसकी नज़र काफ़ी तेज़ होने के कारण उसे पायलट की नौकरी मिली। वह तो जेट पायलट बनना चाहती थी। लेकिन हेलिकॉप्टर पाइलट बनकर ही रह जाना पडा। अनेक प्रयत्नों के बावजूद वह अपनी आकांक्षा पूरी करने में सफलता प्राप्त कर सकी। इस तरह एक साधारण पढ़ाईवाली महिला हार जीत की परवाह न करके, अपनी लगन से सफल और श्रेष्ठ अंतरिक्ष यात्री बन सकी।
(సునీత బాల్యం నుంచి చదువులో చురుకైనది కాదు. సగటు విద్యార్థిని. డిగ్రీ తరువాత తన సోదరుడు నేవీలో చేరటం చూసి తనకు కూడా ప్రేరణ కలిగింది. కాని తన పొడవైన జుత్తును కత్తిరింపచేసుకుని, నేవీలో చేరాలనుకోలేదు. కాని నేవీలో ఎన్నికయ్యింది. తన దృష్టి చక్కగా ఉన్న కారణంగా తనకు పైలెట్ ఉద్యోగం దొరికింది. తను జెట్ పైలెట్ అవ్వాలనుకునేది కాని హెలికాఫ్టర్ పైలెట్ గానే ఉండవలసి వచ్చింది. అనేక ప్రయత్నాల తర్వాత ఆమె తన కోరిక నెరవేర్చుకోగలిగింది. ఈ విధంగా ఒక సాధారణ చదువు చదువుకున్న మహిళ గెలపోటములను పట్టించుకోకుండా తన పట్టుదలతో సఫలీకృత (ఉత్తమ) అంతరిక్ష యాత్రికురాలు అవగలిగింది.)
प्रश्न 3.
सुनीता विलियम्स भावी नागरिकों को क्या संदेश देती है?
(సునీత విలియమ్స్ భావి పౌరులకు ఎటువంటి సందేశం ఇస్తోంది?)
उत्तर :
सुनीता विलियम्स भारत की एक नारी है। वह अपने महान प्रयत्नों के फलस्वरूप सफल अंतरिक्षयात्री बन सकी। श्रद्धा और लगन से उसने यह ख्याति प्राप्त की। अपने अनुभवों का ज़िक्र करते वह भावी नागरिकों को यह संदेश देती है सौभाग्य से मेरा जन्म भारत में हुआ है। मैं एक साधारण पढ़ी लिखी नारी हूँ। सब भारतवासी अच्छे और प्रतिभाशाली लोग हैं। भारत के हर गाँव में प्रतिभाशाली बच्चे हैं। खासकर यहाँ की लडकियाँ भी विशेष प्रतिभा संपन्न हैं। सब सुशिक्षित होकर आगे बढ़ें और देश का नाम उज्वल व उन्नत बनायें।
(సునీతా విలియమ్స్ భారతదేశ స్త్రీ. ఆమె తన గొప్ప ప్రయత్నముల ఫలితంగా గొప్ప అంతరిక్ష యాత్రికురాలు అవగలిగింది. శ్రద్ధ, పట్టుదలతో ఆమె ఈ ఖ్యాతిని ఆర్జించింది. తన అనుభవాలను పేర్కొంటూ ఆమె భావి పౌరులకు ఈ విధముగా సందేశం ఇస్తోంది. – అదృష్టం కొద్ది నా పుట్టుక భారతదేశంలో జరిగింది. నేనొక సాధారణ చదువు కలిగిన స్త్రీని. భారతదేశపు ప్రతి గ్రామంలో కూడా ప్రతిభావంతులైన పిల్లలు ఉన్నారు. ముఖ్యంగా ఇక్కడి బాలికలు కూడా గొప్ప ప్రతిభా సంపన్నులు అందరూ సుశిక్షితులై అభివృద్ధి సాధించాలి. దేశము యొక్క పేరును ఉన్నతం, ఉజ్వలం చెయ్యాలి.)
अर्थग्राह्यता-प्रतिक्रिया
अपठित गद्यांश :
निम्न लिखित गद्यांश पढ़कर दिये गये प्रश्नों के उत्तर एक वाक्य में दीजिए।
I. बहुत पुरानी बात है। एक राजा था। वह नित्य नये सपने देखता था। उन्हें पूरा करने का प्रयास करता था। दरबार के गुणी और बुद्धिमान लोगों को सपने सुनाता। उन्हें करने में उनकी सहायता पूरा लेता। सपने पूरा करने के लिए अपने खजाने का मुँह खोलता । सफल होने पर उनको सम्मानित करता। असफलता पर निराश नहीं होता बल्कि उनका उत्साह बढाता । कमियों को पूरा करके दोबारा प्रयत्न करने को प्रेरित करता।
प्रश्न :
1. राजा रोज़ क्या देखता था ?
2. राजा अपने सपने किसे सुनाता था ?
3. राजा अपने खजाने का मुँह क्यों खोलता था ?
4. सपने सफल होने पर उनको क्या करता था ?
5. असफलता पाने पर निराश होने के बजाय राजा क्या करता था ?
उत्तर :
1. राजा नित्य नये सपने देखता था।
2. राजा अपने सपने दरबार के गुणी और बुद्धिमान लोगों को सुनाता था।
3. राजा अपने खजाने का मुँह अपने सपने पूरा करने के लिए खोलता था।
4. सपने सफल होने पर उनको सम्मानित करता था।
5. असफलता पाने पर निराश होने के बजाय राजा उनका उत्साह बढ़ाता था।
II. हमें हर बालक को पर्यावरण की शिक्षा के प्रति जागरूक करना होगा। हर कक्षा की किताबों में पर्यावरण के पाठ अवश्य होने चाहिए। विकास को रोकने के लिए मैं नहीं कहती। मैं यह कहना चाहती हूँ। जैवमित्र तकनीकों में बढोतरी होनी चाहिए। जो सस्ती और अच्छी हो। ऐसी संसाधनों का उपयोग होना चाहिए जो पुनः प्राप्त किये जा सकते हैं।
प्रश्न :
1. बालकों को किसके प्रति जागरूक होना है?
2. कक्षा की किताबों में कैसे पाठ होना चाहिए ?
3. विकास को बढाने के लिए किस तरह की तकनीकों में बढोत्तरी होनी चाहिए ?
4. किस तरह के संसाधनों का उपयोग करना चाहिए ?
5. “जान में जान आना” मुहावरे का अर्थ लिखिए।
उत्तर :
1. बालकों को पर्यावरण के शिक्षा के प्रति जागरूक होना है।
2. कक्षा की किताबों में पर्यावरण के पाठ होना चाहिए।
3. विकास को बढ़ाने के लिए जैवमित्र तकनीकों में बढ़ोत्तरी होनी चाहिए।
4. सस्ती और अच्छी तरह के और पुनः प्राप्त किये जाने वाले संसाधनों का उपयोग करना चाहिए।
5. जान में जान आना मुहावरे शब्द का अर्थ है “होश में आना”।
III. चंद्रमणी नामक एक लड़का था। उसके माता पिता का देहांत हो चुका था। लेकिन वह खूब पढ़ना चाहता था। उसका एक मित्र था घनश्याम। पिछलीबार जब घनश्याम, चंद्रमणी से मिला तब उसके माता पिता जिंदा थे। अब चंद्रमणी अकेला था। वह दुखी और असहाय था। घनश्याम ने उसे अपने घर पर साथ रहने के लिए निवेदन किया।
प्रश्न :
1. घनश्याम के मित्र का नाम क्या था ?
2. वह खूब पढ़ना चाहता था। वाक्य में ‘वह’ किसका सूचक है ?
3. ‘देहांत’ किन दो शब्दों से बना है ?
4. कौन अकेला था ?
5. चंद्रमणी दुखी क्यों था ?
उत्तर
1. घनश्याम के मित्र का नाम था “चंद्रमणी”।
2. वाक्य में वह “चंद्रमणी” का सूचक है।
3. ‘देह + अंत’।
4. चंद्रमणी अकेला था।
5. चंद्रमणी के माता पिता का देहांत हो चुका था। अब वह अकेला था। इसलिए चंद्रमणी दुखी था।
IV. जब गोपन्ना भद्राचलम तहसील के अधिकारी बने तो उनकी दृष्टि भद्रगिरि पर स्थित सीता, राम और लक्ष्मण पर पड़ी। वे स्वयं राम भक्त थे। उन्होंने भद्राचलम के राम मंदिर के निर्माण का भार अपने कंधों पर लिया। तहसीलदार के रूप में जो धन राजकोश के लिए वसूल करते थे उसका उपयोग करके वे राम मंदिर बनवाने लगे। मंदिर बना। राम, सीता और लक्ष्मण के लिए आभूषण आदि भी बने। सरकार का सारा पैसा इसी में खर्च हो गया।
प्रश्न :
1. गोपन्ना स्वयं किसके भक्त थे ?
2. भद्राचलम के राम मंदिर के निर्माण का भार किन्होंने अपने कंधों पर लिया ?
3. राम, सीता और लक्ष्मण के लिए क्या बने ?
4. भद्राचलम तहसील के अधिकारी कौन थे ?
5. मंदिर शब्द का अर्थ क्या है ?
उत्तर
1. गोपन्ना स्वयं राम भक्त थे।
2. भद्राचलम के राम मंदिर के निर्माण का भार गोपन्ना ने अपने कंधों पर लिया।
3. राम, सीता और लक्ष्मण के लिए आभूषण आदि बने।
4. भद्राचलम तहसील के अधिकारी “गोपन्ना” थे।
5. मंदिर शब्द का अर्थ है “देवालय।
V. खेलकूद और व्यायाम से हमारा शरीर और मन स्वस्थ रहता है। खुली हवा के बिना तो मनुष्य का शरीर स्वस्थ नहीं बन सकता। इसके लिए घर हवादार होना चाहिए। प्रातः काल खुली हवा में टहलना भी स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है।
यह हमेशा याद रखना चाहिए कि अच्छा स्वास्थ्य ही सुखमय जीवन का आधार है। एक प्रचलित कहावत है ‘मन चंगा तो कटौती में गंगा। ”
प्रश्न :
1. हमारा शरीर और मन किनसे स्वस्थ रहता है ?
2. किसके बिना तो मनुष्य का शरीर स्वस्थ नहीं बन सकता ?
3. घर कैसा होना चाहिए ?
4. सुखमय जीवन का आधार क्या है ?
5. “मन चंगा तो कटौती में गंगा” यह क्या है ?
उत्तर
1. खेलकूद और व्यायाम से हमारा शरीर और मन स्वस्थ रहता है।
2. खुली हवा के बिना तो मनुष्य का शरीर स्वस्थ नहीं बन सकता।
3. घर हवादार होना चाहिए।
4. स्वास्थ्य सुखमय जीवन का आधार है।
5. ‘मन चंगा तो कटौती में गंगा” यह एक कहावत है।
उद्द्शेश्य (ఉద్దేశ్యము) :
साक्षात्कार विधा की जानकारी लेते साक्षात्कार लेने का अभ्यास करना।
(ఇంటర్వ్యూ విధానం గురించి తెలిసికొని ఇంటర్వ్యూ తీసుకొనుట గురించి అభ్యసించుట.)
సారాంశము :
సునీత “అంతర్జాతీయ అంతరిక్ష కేంద్రంలో అడుగుపెట్టిన మొదటి భారతీయ మహిళ. ఒక మహిళ ద్వారా అంతరిక్షంలో అందరికన్నా ఎక్కువ సమయం గడిపిన (195 రోజులు), అంతరిక్షంలో నడిచిన రికార్డు కూడా నెలకొల్పింది. దీనితోపాటుగా భావితరం అంతరిక్షయాత్రికులకు లాభకరమైన / సహాయకారియైన అంతరిక్ష ప్రయోగశాలలో అనేక ప్రయోగాలు కూడా చేసింది, సునీత ఈ సాహసోపేతమైన గొప్ప కార్యమందు ఆసక్తి చూపి మహిళలు కూడా పురుషులకన్నా ఏవిధంగాను తక్కువకారని, వారు చాలా గొప్ప లక్ష్యాన్ని సైతం సాకారం చేసెడి ధైర్యం కలిగి ఉన్నారని నిరూపించింది. దయచేయండి, ఈ సునీత విలియమ్స్ తన ఈ గొప్ప పనులు ఎలా చేసి చూపిందో ఆమెనే అడుగుదాము.
ప్రశ్న : ప్రపంచంలో లక్షల మంది పైలెట్లు, విజ్ఞానవేత్తలు ఉన్నారు. కాని అమెరికాలో చాలా కష్టంగా వంద మంది అంతరిక్ష యాత్రికులు ఉన్నారు. అంతరిక్ష ప్రపంచంలో అడుగుపెట్టడానికి ప్రేరణ కలిగించిన విషయము ఏమిటి?
జవాబు: గొప్ప ప్రశ్న. నేను ఐదు సం॥ ల వయస్సు దానిగా ఉన్నప్పుడు నేను, నీల్ ఆర్మ్ స్ట్రాంగ్ చంద్రుని మీద మొట్టమొదట అడుగుపెట్టడం, నడవడం చూశాను. నేను ఈ దృశ్యంతో చాలా ప్రేరణ పొంది నేను కూడా అంతరిక్ష యాత్రికురాలు (వ్యోమగామి) అవ్వాలని నిశ్చయించుకున్నాను. కాని ఇది అంత తేలికైన పని కాదు. మెరిలాండ్లో ఉన్న టెస్ట్ పైలెట్ స్కూల్కు వెళ్ళే వరకు అంతరిక్ష యాత్రికురాలు అయ్యెడి నా కల కలగానే ఉండిపోయింది. నేను ఓడ, హెలికాప్టర్ పైలెట్గా నా వృత్తిని ప్రారంభించాను. ఈ సందర్భంగానే ఒక రోజు జాన్సన్ అంతరిక్ష కేంద్రానికి వెళ్ళాను. ఇక్కడే నేను జాన్ యంగ్ని కలిశాను. ఆయన హెలికాప్టర్, అంతరిక్షయానము (రాకెట్)ను పోల్చారు. ఈ పోలిక చాలా ప్రేరణదాయకమైనది. నేను శోధించి అంతరిక్షయాత్రికురాలు అగుటకు ఏమి చెయ్యాలో తెలుసుకున్నాను. నేను ఈ రంగంలో జ్ఞానాన్ని సంపాదించాను. అంతరిక్ష యాత్ర కొరకు నాకు పిలుపు వచ్చింది. నాకు ఈ సువర్ణావకాశము అందినందుకు నన్ను నేను చాలా అదృష్టవంతురాలిగా భావిస్తున్నాను.
ప్రశ్న: నేడు మీరు సఫలీకృతులైన అంతరిక్ష యాత్రికురాలు. మిమ్మల్ని మీరు గమనించినప్పుడు మీ జీవితంలో మసాచుసెట్స్ నగరం గొప్పతనమేమిటి, అక్కడి ప్రజలు ఏ రకంగా మీకు సహాయం చేశారు?
జవాబు: ఆ! నేను మీకు చెప్పినట్లుగానే నా పెంపకం, బాస్టన్కు దగ్గరలో జరిగింది. నేను ఈతకు వెళ్ళే ప్రాంతం హార్వర్డ్లో ఉండేది. ఈ ప్రాంతం కేంబ్రిడ్జ్ ఉంది. అందువలన నేను నా సమయమంతా ఇక్కడే గడిపాను. నా తండ్రిగారు డాక్టరు. అయన హార్వర్డ్ మెడికల్ స్కూలు, బాస్టన్ యూనివర్సిటీలో బోధకులు. ఈ ప్రదేశము చదువుల కోటగా భావించబడుతున్నది. ఇక్కడ అనేక విద్యాకేంద్రాలు ఉన్న కారణమున నా అభిరుచికి సరైన గుర్తింపు లభించింది. ఈరోజు నేను మీ ముందు కనిపించుటకు ఇదే కారణము. దానిలో ఇక్కడి ప్రజల ప్రేరణ కూడా కలిసి ఉంది.
ప్రశ్న : మీ చదువు గురించి చెప్పండి.
జవాబు : నేను చదువులో చురుకైనదాన్నేమీ కాదు. సగటు విద్యార్థిని. డిగ్రీ తరువాత సోదరుడు నౌకాదళంలో చేరుట చూశాను. నాకు కూడ ప్రేరణ కలిగింది. నాకు నా పొడవాటి జుత్తు గురించి బాధ ఉండేది. నేటికీ నా జుత్తు అలాగే ఉంది. నేను నా జుత్తును కత్తిరింపచేసుకొని నౌకాదళములో చేరతలచలేదు. నేను నౌకాదళములో ఎన్నికయ్యాను.’ నా చూపు చక్కగా ఉన్న కారణంగా నాకు పైలెట్ ఉద్యోగం దొరికింది. నేను జెట్ పైలెట్ అవ్వాలని అనుకునేదానిని కాని నా ఈ కోరిక పూర్తి అవలేదు. నేను హెలికాప్టర్ పైలెట్గానే సంతోషించవలసి వచ్చినది. ఇక్కడ నేను చాలా నేర్చుకున్నాను. అనేక సార్లు అసఫలురాలను అయ్యాను. ఇందుకు నేను నిరాశ పడలేదు. పైగా నాకు ఇంకనూ ప్రేరణ కలిగింది. ప్రతి విజయము వెనుక ఓటమి యొక్క ప్రేరణ ఉంటుంది. అని నాకు అదే రోజు అనిపించింది.
ప్రశ్న : మీరు హెలికాప్టర్ పైలెట్ నుండి అంతరిక్ష యాత్రికురాలు ఎలా అయ్యారు?
జవాబు: నేను ఏదో కారణంగా టెస్ట్ (పరీక్ష) స్కూల్కు వెళ్ళవలసి వచ్చినప్పుడు అక్కడ జాన్ యంగ్ ని కలవడం జరిగింది. వారే నాకు ప్రేరణ ఇచ్చారు. ఒక సామాన్య హెలికాఫ్టర్ పైలెట్ నుండి అంతరిక్ష యాత్రికురాలు అయ్యే యాత్రలో వారి సహకారం ఎల్లప్పుడు గుర్తుంచుకోదగినది.
ప్రశ్న : అంతరిక్ష యాత్రికుల యాత్ర అపాయములతో నిండి ఉంటుంది. ‘ఇన్ని అపాయములలో కూడా మీకు యాత్ర చేయ్యాలనే ప్రేరణ ఎలా కలుగుతుంది?
జవాబు : నేను మీకు ముందే చెప్పినట్లుగా అంతరిక్ష యాత్రికులు అగుట తేలికైన పనికాదు. ఈ రంగం అపాయములతో నిండి ఉండటం స్వాభావికమే. కాని ఎప్పుడైనా ఎవరైనా అంతరిక్ష యాత్రికుడు, ఎగురుటకు సిద్ధపడితే ప్రపంచమంతా అతనివైపే చూస్తుంది. నా తండ్రి భారత్ నుండి వచ్చినవారు. నేను భారతదేశ సంతతికి చెందిన అంతరిక్ష యాత్రికురాలిని. ప్రతి భారతీయుడు తన ప్రార్థనలలో నాకు విజయము కలగాలని కోరుకుంటూ ఉన్నాడు. మనిషి ధైర్యాన్ని రెట్టింపుచేసే ప్రార్థనలు ఇవే.
ప్రశ్న : భావి పౌరులకు మీ సందేశం ఏమిటి?
జవాబు : భారత్ ప్రతిభాశాలుల దేశము. ఇక్కడి ప్రతి గ్రామంలోనూ ప్రతిభావంతులైన పిల్లలు ఉన్నారు. ఇక్కడి బాలికలు కూడా గొప్ప సామర్ధ్యము కలిగినవారు. అందరూ చక్కగా జ్ఞానవంతులై అభివృద్ధి చెంది దేశ గౌరవాన్ని ఉన్నతంగా ఉంచాలి.
शब्दार्थ (అర్థములు) (Meanings) :