TS 10th Class Hindi Guide उपवाचक 1st Lesson शांति की राह में

Telangana SCERT TS 10th Class Hindi Study Material उपवाचक 1st Lesson शांति की राह में Textbook Questions and Answers.

TS 10th Class Hindi Guide Upavachak 1st Lesson शांति की राह में

प्रश्न – ప్రశ్నలు :

प्रश्न 1.
शांति की परिभाषा क्या हो सकती है? अपने शब्दों में बताइए।
(“శాంతి”కి నిర్వచనం ఏమవ్వగలదు ? మీ మాటలలో చెప్పండి.)
उत्तर :
यदि हमारे पास दुनिया का सारा वैभव और सुख साधन उपलब्ध है, परंतु शांति नहीं है तो वैसे सुख साधन व्यर्थ हैं। संसार में मानव द्वारा जितने भी कार्य किये जा रहे हैं सबका एक ही उद्देश्य है-‘शांति’।
शांति का केवल यह अर्थ नहीं कि मुख से चुप रहें। अपितु मन को नियंत्रित कर उसे बुराई के रास्ते पर चलने से रोकना ही वास्तविक ‘शांति’ है। इसीलिए जहाँ शांति है- वहाँ सुख है, जहाँ सुख है वही स्वर्ग है, जहाँ स्वर्ग है – वही दुनिया का श्रेष्ठ स्थान है। युद्ध, दुःख, लालच और सभी पीड़ाओं को मिटाने का एक मात्र साधन है ‘शांति’। धन दौलत से भौतिक संपदा खरीद सकते हैं, किंतु शांति नहीं।

(మన దగ్గర ప్రపంచములోని మొత్తము సంపద, సుఖ సాధనములు ఉన్నప్పటికీ శాంతి లేనప్పుడు అటువంటి సుఖ సాధనములు వ్యర్థం. ప్రపంచమందు మానవుని ద్వారా చేయబడే పనులన్నిటి ఉద్దేశ్యము ఒక్కటే శాంతి. కేవలము మౌనంగా ఉండటమే శాంతి యొక్క అర్థము కాదు. మనస్సును అదుపులో ఉంచుకొని అది చెడు మార్గములో పడకుండా ఆపడమే నిజమైన శాంతి. అందువలననే శాంతి ఉన్నచోట సుఖముంటుంది. సుఖమున్న చోటే స్వర్గముంటుంది. సర్వమున్నచోటే ప్రపంచ శ్రేష్ఠ స్థానము, యుద్ధము, దుఃఖము, దురాశ వంటి అన్ని బాధలను దూరం చేసెడి (తొలగించెడి) ఒకే ఒక సాధనము శాంతి. డబ్బు వైభవముతో భౌతిక (బాహ్య) సంపదలను కొనగలము కాని శాంతిని మాత్రం కొనలేము.)

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प्रश्न 2.
नेल्सन मंडेला के जीवन से हमें क्या संदेश मिलता है ?
(నెల్సన్ మండేలా జీవితము నుండి మనకు లభించే సందేశమేమిటి ?)
उत्तर :
नेल्सन मंडेला के जीवन से हमें यह संदेश मिलता है कि जो कुछ अपना सिद्धांत है उसकी साधना में हमें निरंतर कार्यरत होना चाहिए। अपने देश के लिए, अपनी जनता के लिए अपने अधिकारों के लिए लड़ते रहना चाहिए। शांति की स्थापना में अपना जीवन समर्पित करना चाहिए।

(మన సిద్ధాంతము ఏదైనా, దానిని సాధించేందుకు నిరంతరము శ్రమ చేస్తూ ఉండాలి అన్నదే నెల్సన్ మండేలా జీవితమునుండి మనకు లభించే సందేశము. మన దేశం కోసం, మన ప్రజల కోసం, మన అధికారాలు కోసం పోరాడుతూ ఉండాలి. శాంతి స్థాపనలో మన జీవితాన్ని సమర్పించాలి.)

प्रश्न 3.
सेंट मदर तेरेसा ने अपने जीवन में क्या सिद्ध कर दिखाया है ?
(మదర్ తెరెసా తన జీవితంలో ఏమి సాధించి చూపింది?)
उत्तर :
मदर तेरेसा प्रेम, शांति, करुणा, वात्सल्य का पर्याय रूप है। महान माता मदर तेरेसा का पूरा नाम आग्नेस गोंक बोजशियु तेरेसा था। वैसे तो आप युगोस्लेविया मूल की थी। आगे चलकर सेवा की भावना में रत होकर भारत की नागरिकता स्वीकार ली।
प्रारंभ में उन्होंने अध्यापिका के रूप में काम आरंभ किया। वे अनाथों, गरीबों और रोगियों की सेवा करना चाहती थी। उन्होंने कोलकता में 1950 “मिशनरीज़ ऑफ़ चारिटी” की स्थापना की। उनके द्वारा स्थापित संस्था को ही निर्मल हृदय कहते हैं। उन्होंने अपना सारा जीवन गरीब, अनाथ और बीमार लोगों की सेवा में लगा दिया। इस प्रकार उन्होंने यह सिद्ध कर दिखाया कि मानवता, त्याग, सेवा और सहायता ही जीवन की परमावधि है।

(మదర్ తెరెసా ప్రేమ, శాంతి, కరుణ వాత్సల్యమునకు మారురూపం. గొప్ప తల్లి అయిన మధర్ తెరెసా పూర్తి పేరు ఆగ్నేస్ గోంకశే బొజశియు తెరేసా, వాస్తవానికి ఆమె యుగోస్లేవియాకి చెందినవారు. తదుపరి సేవాభావనలో నిమగ్నమై భారతీయ పౌరసత్వాన్ని స్వీకరించింది. మొదట ఆమె అధ్యాపకులరాలిగా చేశారు. ఆమె అనాథల, పేదల మరియు రోగుల సేవ చేయాలనుకునేవారు. ఆమె కలకత్తాలో 1950 సం॥లో “మిషనరీస్ ఆఫ్ ఛారిటీ” ని స్థాపించారు. ఆమె ద్వారా స్థాపించబడిన సంస్థనే “నిర్మల్ హృదయ్” అంటారు. ఆమె తన జీవితాంతం పేదల, అనాథల, రోగుల సేవలోనే ఉన్నారు.
ఈ విధంగా ఆమె మానవత్వం, త్యాగం, సేవ మరియు సహాయం అనేవే జీవిత పరమావధి అని నిరూపించి చూపారు.)

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प्रश्न 4.
“प्रार्थना करनेवाले होठों से कहीं अच्छे सहायता करनेवाले हाथ हैं”- पंक्ति का भाव स्पष्ट कीजिए। आप किसकी सहायता करना चाहते हैं? आपकी कौन-कौन सहायता करता हैं ?
(ప్రార్థించే పెదవుల కన్నా సహాయము చేసే చేతులు మిన్న, ఈ వాక్య భావమును స్పష్టం చేయండి. మీరు ఎవరికి, ఎవరు మీకు సహాయం చేస్తారు ?)
उत्तर :
हम सब ईश्वर के बनाये हुए मानव हैं। मानवता का मूल्य जाननेवाले हम लोगों का पावन लक्ष्य है – लोगों की सेवा व सहायता करना। विचारशील होने के कारण हमारी कथनी और करनी एक होनी चाहिए। मुँह से बड़ी – बडी बातें करते क्रिया शून्य रहना निंदनीय है। भगवान को याद करते, अच्छे काम करते जीवन सार्थक बना लेना हमारा लक्ष्य है। साथ ही मानव सेवा ही माधव सेवा है – भावना को सार्थक बनाते ज़रूरतमंदों की सहायता जी जान से करनी है। भक्ति भावना दिल में रखते हुए लोगों की (प्राणियों की) सेवा करना ही अपना धर्म है। यही इस पंक्ति का भाव है। मैं तो इस तथ्य को सदा याद रखते यथाशक्ति अनाथों, गरीबों और आपन्न लोगों सेवा करना अपना भाग्य समझता हूँ। ईश्वर के प्रतिरूप लोगों में ही अपना सुख ढूँढ लेता हूँ। जो करोगे सो पाओगे कथन के अनुसार ईश्वर भी हमारी मदद करता है। हमारा जीवन सार्थक बनाता है। हमें याद रखनी चाहिए कि प्राणियों की सेवा ही ईश्वर की आराधना है।

(మనమంతా దేవుడు చేసిన మనుషులం. మానవతా విలువలు తెలిసిన మన పవిత్ర లక్ష్యం ప్రజలకు సేవ, సహాయం చేయడం. ఆలోచించగలవాళ్ళం కాబట్టి మనం చెప్పేది, చేసేది ఒకటే అయి ఉండాలి. గొప్పగొప్ప మాటలు చెప్పి ఏమీ చేయకపోవటం నిందించదగిన విషయం. భగవంతుణ్ణి తలచుకుంటూ, మంచి పనులు చేస్తూ జీవితాన్ని సార్థకం చేసుకోవడం మన లక్ష్యం. దానితోపాటు మానవ సేవే – మాధవ సేవ – అన్న భావనను సార్ధకం చేస్తూ మనసు పెట్టి అవసరం ఉన్న వారికి సహాయం చేయాలి. ఇదే ఈ పంక్తి భావం. నేనైతే ఈ విషయాన్ని ఎల్లపుడూ గుర్తుంచుకుని యథాశక్తి అనాథల, పేదవారి మరియు ఆపదలోనున్న వారి సేవ చేయడం నా అదృష్టంగా భావిస్తాను. దేవుని ప్రతిరూపాలైన మనుషులలోనే సుఖాన్ని వెతుక్కుంటాను. చేసుకున్న వారికి చేసుకున్నంత అన్న నానుడి ప్రకారం భగవంతుడు కూడా మనకు సహాయం చేస్తాడు. మన జీవితం సార్థకమవుతుంది. జీవుల సేవయే భగవంతుడి సేవయని మనం గుర్తుంచుకోవాలి.)

अर्थव्राह्यता – प्रतिक्रिया :

निम्नलिखित गद्यांश पढ़कर दिये गये प्रश्नों के उत्तर, उत्तर-पुस्तिका में लिखिए।

1. मंडेला के नाम से विश्व भर में प्रख्यात शांतिदूत का पूरा नाम नेल्सन रोलिहूलहला मंडेला था। उनका जन्म 18 जुलाई, 1918 को दक्षिण अफ्रीका में हुआ। वे दक्षिण अफ्रीका के प्रथम अश्वेत राष्ट्रपति थे। गष्ट्रपति बनने से पूर्व वे दक्षिण अफ्रीका में सदियों से चल रहे रंगभेद का विरोध करनेवाले अफ्फीकी नेशनल कांग्रेस और इसके सशस्त्र गुट ‘उमखोतों व सिजवे'” के अध्यक्ष रहे। रंगभेद विरोधी संघर्ष के। ल्परण उन्होंने 27 वर्ष रॉबेन द्वीप के कारागार में बिताया। उन्हें कोयला खनिक का काम करना पड़ा था। 11990 में श्वेत सरकार से हुए एक समझौते के बाद उन्होंने नये दक्षिण अफ्रीका का निर्माण किया।

प्रश्न 1.
मंडेला का जन्म कब और कहाँ हुआ था ?
उत्तर :
मंडेला का जन्म 18 जुलाई, 1918 को दक्षिण अफ्रीका में हुआ था।

प्रश्न 2.
“उमखोतों व सिजवे” क्या था ?
उत्तर :
‘उमखोतों व सिजवे’ अफ्रीकी नेशनल कांग्रेस का सशस्त्र गुट था।

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प्रश्न 3.
मंडेला 27 वर्ष कारागार में क्यों रहे ?
उत्तर :
रंगभेद विरोधी संघर्ष के कारण मंडेला 27 वर्ष कारागार में रहे।

प्रश्न 4.
सन् 1990 में श्वेत सरकार से हुए समझौते के बाद मंडेला ने क्या किया ?
उत्तर :
सन् 1990 में श्वेत सरकार से हुए समझोते के बाद मंडेला ने नये दक्षिण अफ्रीका का निर्माण किया।

प्रश्न 5.
यह गद्यांश किस पाठ से लिया गया है?
उत्तर :
यह गद्यांश “शांति की राह में” पाठ से लिया गया है।

2. सबसे पहले तो हमें यह जान लेना चाहिए कि शंति क्या है? शांति का केवल यह अर्थ नहीं कि मुख से चुप रहों। अपितु मन को नियंत्रित कर उसे बुराई के रास्ते पर चलने से रोकना ही बास्तविक ‘शांति’ है। युद्र, दुख, लालच और सभी पीड़ाओं को मिटाने का एक मात्र साधन है – ‘शांति’। धन – दौलत से भौतिक संपदा खरीद सकते हैं, किन्ुु शांति नहीं। इसी उद्देश्य से 24 अक्तूबर, 1945 में संयुक्त राष्ट्र संघ की स्थापना हुई। इसका मूल उद्देश्य है – ‘विश्य के सभी देशों के बीच शांति की स्थापना करना।’

प्रश्न 1.
‘शांति’ का वास्तविंक अर्थ क्या है?
उत्तर :
मन को नियंत्रित रख, भलाई के रास्ते पर चलना!

प्रश्न 2.
पीड़ाओं से मुक्ति पाने का साधन क्या है ?
उत्तर :
पीडाओं से मुक्ति पाने का साधन है – शांति ।

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प्रश्न 3.
भौतिक संपदा का उदाहरण क्या है?
उत्तर :
भौतिक संपदा का उदाहरण : हवाई जहाज़

प्रश्न 4.
‘संयुक्त राष्ट्र संघ’ की स्थापना किस वर्ष हुई ?
उत्तर :
संयुक्त राष्ट्र संघ की स्थापना 24 अक्तूबर, 1945 वर्ष में हुई।

प्रश्न 5.
‘शांति’ को बनाये रखने में किसका महत्तपूर्ण योगदान रहा है ?
उत्तर :
‘शांति’ को बनाये रखने में संयुक्त राष्ट्र संघ का महत्वपूर्ण योगदान रहा है।

नीचे दिये गये गद्यांं को पढ़कर प्रश्नों के उत्तर एक वाक्य में लिखिए।

I. युद्ध, दु:ख, लालच और सभी पीड़ाओं को मिटाने का उत्तम मार्ग शांति है। धन – दौलत से भै। कक संपदा खरीद सकत्ते हैं, किंतु शांति नहीं। यही कारण है कि दुनिया भर के कई धनी देश ‘शांति’ बनाये रखने के लिए प्रयास कर रहे हैं। इन प्रयासों में कहीं युद्ध और कहीं चर्चाएँ हो रही हैं। वास्तव में युद्ध से कभी शांति स्थापित नहीं हो सकती। सभी देशों के बीच सहृयोग स्थापित करने के द्वारा शांति की स्थापना की जा सकती है। इसी उद्देश्य से 24 अक्तूबर, 1945 में संयुक्त राष्ट्र संघ की स्थापना हुई। इसका मूल उद्देश्य ‘विश्व में सभी देशों के बीच शांति की स्थापना करना’ है।

प्रश्न :
1. सभी पीड़ाओं को मिटाने का उत्तम मार्ग क्या है?
2. दुनिया भर के देश क्या बनाये रखना चाहते हैं?
3. शांति की स्थापना कैसे की जा सकती है?
4. संयुक्त राष्ट्र संघ की स्थापना कब हुई?
5. संघ का मूल उद्देश्य क्या है?
उत्तर :
1. सभी पीड़ाओं को मिटाने का उत्तम मार्ग शांति है।
2. दुनिया भर के देश शांति बनाये रखना चाहते हैं।
3. दुनिया के सभी देशों के बीच चर्चा एवं सहयोग के द्वारा शांति की स्थापना की जा सकती है।
4. संयुक्त राष्ट्र संघ की स्थापना 24 अक्तूबर, 1945 में हुई।
5. संघ का मूल उद्देश्य “विश्व के सभी देशों के बीच शांति की स्थापना करना है।

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II. सन् 1990 में श्वेत सरकार से हुए एक समझौते के बाद उन्हंने नये दक्षिण अफ़्रीका का निर्माण किया। वे दक्षिण अफ्रीका एवं समूचे विश्व में रंगभेद का घिरोध करने के प्रतीक बन गये। संयुक्त राष्ट्र संघ ने उनके जन्मदिन को “नेल्सन मंडेला अंतर्राष्ट्रीय दिवस” के रूप में मनाने का निर्णय लिया। दक्षिण अफ्फीका के लोग मंडेला को व्यापक रूप से “राष्ट्रपिता ” मानते हैं। उन्हें लोक्तंत्र के प्रथम संस्थापक और उद्धारक्र्शा के रूप में देखा जाता था। दक्षिण अफ्रीका में प्रायः उन्हें “मदीबा” कहकर बुलाया जाता है।

प्रश्न :
1. नये दक्षिण अफ्रीका के निर्माण का क्या कारण है?
2. विश्व में पहले रंग भेद का विरोध किसने किया ?
3. संयुक्त राष्ट्रसंघ नेल्सन मंडेला के जन्म दिन को किस प्रकार मनाने का निर्णय लिया ?
4. दक्षिण अफ्रीका के लोग मंडेला को क्या मानते हैं?
5. विश्व के लोग नेल्सन मंडेला को किस रूप में देखते हैं?
उत्तर :
1. सन् 1990 में श्वेत सरकार से हुए समझौते के कारण नये दक्षिण अफ्रीका का निर्माण हुआ।
2. नेल्सन मंडेला ने विश्व में पहले रंग भेद का विरोध किया।
3. संयुक्त राष्ट्रसंघ नेल्सन मंडेला के जन्म दिन को “नेल्सन मंडेला अंतर्राष्ट्रीय दिवसं” के रूप में मनाने का निर्णय लिया।
4. दक्षिण अफ्रीका के लोग मंडेला को राष्ट्रपिता मानते हैं। .
5. विश्व के लोग नेल्सन मंडेला को लोकतंत्र के प्रथम संस्थापक और उद्धारकर्ता के रूप में देंखते हैं।

III. मदर तेरेसा अनाथों, गररीबों और रोगियों की सेवा करना चाहती थी। इसीलिए उन्होंने सनू 1950 में कोलकाता में “मिशनरीज़ ऑफ चारिटी”‘ की स्थापना की। उनके द्वारा स्थापित संस्था को ही ‘निर्मल हृदय’ कहते हैं। उन्होंने अपना सारा जीवन ग़रीब, अनाथ और बीमार लोगों की सेवा में लगा दिया। सन् 1970 तक बे गरीबों और असहायों के लिए अपने मानवीय कार्यों के लिए प्रसिद्ध हो गयीं। सनू 1979 में उन्हें नोबेल पुरस्कार, सन् 1980 में भारत रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया गया। उन्होंने कथनी से कहीं करनी को अधिक महत्व दिया।

प्रश्न :
1. मदर तेरेसा द्वारा स्थापित संस्था को क्या कहते हैं?
2. 1950 में कोलकाता में किस संस्था की स्थापना की गयी है?
3. तेरेसा अपना सारा जीवन किनकी सेवा में लगा दी ?
4. तेरेसा किन – किन कार्यों से प्रसिद्ध हो गयी ?
5. मदर तेरेसा को किन पुरस्कारों से सग्मानित किया गया है?
डत्तर :
1. मदर तेरेसा द्वारा स्थापित संस्था को निर्मल हृदय कहते हैं।
2. 1950 में कोलकाता में “मिशनरीज़ ऑफ चारिटी” की रथापना की गयी है।
3. तेरेसा ने अपना सारा जीवन ग़रीब, अन्ताथ और बीमार लोगों की सेवा में लगा दिया।
4. तेरेसा गरीबों और असहायों के लिए अपने मानवीय कार्यों के लिए प्रसिद्ध हो गयी।
5. मदर तेरेसा को नोबेल पुरस्कार, भारत रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।

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IV. सबसे पहले तो हमें यह जान लेना चाहिए कि शांति क्या है? शांति का केवल यह अर्थ नहीं कि मुख से चुप रहें। अपितु मन को नियंत्रित कर उसे बुराई के रास्ते पर चलने से रोकना ही ‘शांति’ है। इसीलिए जहाँ शांति है, वहाँ सुख है, जहाँ सुख है वही स्वर्ग है, जहाँ स्वर्ग है, वही दुनिया का श्रेष्ट स्थान है। युद्ध, दु:ख, लालच और सभी पीड़ाओं को मिटाने का उत्तम मार्ग ‘शांति’ है। धन – दौलत से भौतिक संपदा खरीद सकते हैं, किंतु शांति नहीं।
इसी उद्देश्य से 24 अक्तूर, 1945 में संयुक्त राष्ट्र संघ की स्थापना हुई। इसका मूल उद्देश्य ‘विश्व में सभी देशों के बीच शांति की स्थापना करना।’
विश्व शांति के इन प्रयासों में ही शांति के लिए उत्कृष्ट कार्य करने वालों को हर वर्ष नोबेल पुरस्कार भी दिया जाता है।

प्रश्न :
1. “शांति” का अर्थ क्या है?
2. दुनिया का श्रेष्ठ स्थान क्या है ?
3. शांति के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य के लिए किस प्रकार का पुरस्कार दिया जाता है?
4. सबसे पहले दुनिया में क्या जान लेना चाहिए?
5. उपर्युक्त गद्यांश किस पाठ से लिया गया है?
उत्तर :
1. मन को नियंत्रित कर उसे बुराई के रास्ते पर चलने से रोकना ही “शांति” है।
2. जहाँ शांति है वही दुनिया का श्रेष्ठ स्थान है।
3. शांति के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य के लिए हर वर्ष नोबेल पुरक्कार दिया जाता है।
4. सबसे पहले दुनिया में शांति के बारे में जान लेना चाहिए।
5. उपर्युक्त गद्यांश ‘शांति की राह में’ पाठ से लिया गया है।

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v. मंडेला के नाम से विश्वभर में प्रख्यात शांतिदूत का पूरा नाम नेल्सन रोलिहलहला मंडेला था। उनका जन्म 18 जुलाई, 1918 को दक्षिण अफ़की में हुआ बे दक्षिण अफ्रीका के प्रथम अश्वेत राष्ट्रपति थे। राष्ट्रपति बनने से पूर्व बे दक्षिण अफ्कीका में सदियों से चल रहे रंगभेद का विरोध करनेबाले अफ़्रीकी नेश्नल कांग्रेस और इसके सशस्त्र गुट “उमखोतों ब सिजवे” के अध्यक्ष रहे। रंगभेद विरोधी संघर्ष के कारण उन्होंने 27 वर्ष रॉबेन द्वीप के कारागार में बिताया। उन्हें कोयला खनिक का काम करना पड़ा था। सन् 1990 में श्वेत सरकार से हुए एक समझौते के बाद उन्होंने नये दक्षिण अफ्फीका का निर्माण किया। वे दक्षिण अफ्रीका एवं समूचे विश्व में रंगभेद का विरोध करने के प्रतीक बन गये। संयुक्त राष्ट्र संघ ने उनके जन्मदिन को ‘नेल्सन मंडेला अंतर्राष्ट्रीय दिवस” के रूप में मनाने का निर्णय लिया। दक्षिण अफ़ीका के लोग मंडेला को व्यापक रूप से “राष्ट्रपिता” मानते हैं।

प्रश्न :
1. दक्षिण अफ्रीका के प्रथम अश्वेत राष्ट्रपति कौन थे ?
2. दक्षिण अफ्रीका के सशस्त्र. गुट का नाम क्या है?
3. नैल्सन मंडेला किस गुट कें अध्यक्ष थे ?
4. मंडेला कितने वर्ष कारागार की सज़ा में बिताये ?
5. मंडेला किस कारागार में 27 वर्ष थे ?
उत्तर :
1. दक्षिण अफ्रीका के प्रथम अश्वेत राष्ट्रपति नेल्सन मंडेला थे।
2. दक्षिण अफ्रीका के सशस्त्र गुट का नाम उमखोतों व सिजवे.” है।.
3. नेल्सन मंडेला “उमखोतों व सिजवे”‘ नामक सशस्र्र गुट के अध्यक्ष थे।
4. मंडेला 27 वर्ष कारागार की सज़ा में बिताये।
5. मंडेला “रॉबेन द्वीप” कारागार में 27 वर्ष थे।

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vi. दक्षिण अफ़ीका में प्रायः उन्हें “मदीबा” कहकर बुलाया जाता है। यह शब्द बुजुर्गों के लिए सम्मान सूचक है। उन्हें अब तक 250 से भी अधिक राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय घुरस्कारो से सम्मानित – किया जा चुका है। सन् 1993 में नोबेल शांति पुरस्कार, भारत रत्न पुरस्कार और सनू 2008 में गाँधी शांति पुरस्कार प्राप्त हुए हैं।
उनका स्वर्गवास 5 दिसंबर, 2013 को हुआ। ऐसे महान शांतिदूत के निधन पर सारे विश्व ने अपूर्व श्रद्वांजलि समर्फित की। इनका संघर्षमय जीवन हमें शांति की राह में चलने के लिए पथ प्रदर्शित करता है।

प्रश्न :
1. दक्षिण अफ्रीका में “‘मीबा” कहकर किसे बुलाते हैं?
2. “मदीबा” कहकर क्यों बुलाते हैं?
3. नेल्सन मंडेला को किन – किन पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है?
4. नेल्सन मंडेला के जीवन से हम क्या सीखते हैं?
5. उपर्युक्त गद्यांश को पढ़कर नेल्सन मंडेला को क्या कह सकते हैं?
उत्तर :
1. दक्षिण अफ्रीका में नेल्सन मंडेला को मदीबा कहकर बुलाते हैं।
2. दक्षिण अफ्रीका में बुजुर्गों को सम्मान सूचक में ‘मदीबा” कहकर बुलाते हैं।
3. नेल्सन मंडेला को नोबेल शांति पुरस्कार, भारत रत्न, गाँधी शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।
4. नेल्सन मंडेला के जीवन से हम शांति की.राह में चलना सीखते हैं।
5. उपर्युक्त गद्यांश को पढ़कर नेल्सन मंडेला को महान शांतिदूत कह सकते हैं।

సారాంశము :

ఒకవేళ మన వద్ద ఈ ప్రపంచానికి చెందిన మొత్తం వైభవం, సుఖ సాధనాలు ఉండి శాంతి లేకపోతే అలాంటి సుఖసాధనాలన్నీ వ్యర్ధమే. ఈ ప్రపంచంలో మానవుని ద్వారా ఎన్ని కార్యక్రమాలు చేబడుతున్నప్పటికీ అందరి ఒకే ఒక ఉద్దేశ్యం, లక్ష్యం – శాంతి. అన్నిటికంటే ముందు మనం అసలు శాంతి అంటే ఏమిటి? అనే విషయాన్ని తెలుసుకొనవలెను. శాంతి అంటే కేవలం నోటి నుండి మాట రాకుండా నిశ్శబ్దంగా ఉండడం కాదు. అందువలన మన’ మనస్సును నియంత్రించి దానిని చెడు దారివైపు వెళ్ళనీకుండా ఆపడమే వాస్తవిక “శాంతి”. అందువలన ఎక్కడ శాంతి ఉందో అక్కడ సుఖం ఉంది; ఎక్కడ సుఖం ఉందో అక్కడ స్వర్గమున్నది ? ఎక్కడ స్వర్గముందో అక్కడ ఈ ప్రపంచానికి శ్రేష్ఠమైన స్థానమున్నది. యుద్ధం, దుఃఖం, దురాశ మరియు అన్నిరకాల బాధలను తొలగించుటకు ఒకే ఒక్క సాధనం “శాంతి”. ధన సంపదతో భౌతిక సంపదను కొనవచ్చు, కాని శాంతిని కొనలేము.

ఈ కారణంగానే ప్రపంచంలోని ధనవంతమైన దేశాలు శాంతిస్థాపన కొరకు యుద్ధం కోసం ఉవ్విళ్ళూరుచున్నవి. యుద్ధం ద్వారా ఎప్పటికీ శాంతిస్థాపన జరుగదు. కానీ అన్ని దేశాల మధ్య చర్చలు మరియు సహకారం ద్వారా శాంతి స్థాపన జరుగుతుంది. ఈ ఉద్దేశ్యంతోనే 24 అక్టోబరు 1945లో ఐక్యరాజ్యసమితి స్థాపన జరిగినది. దీని మూల ఉద్దేశ్యం ప్రపంచంలోని అన్ని దేశాల మధ్య శాంతి స్థాపన నెలకొల్పుట. అంతేకాదు శాంతి రంగంలో గొప్ప పనులు చేసినవారికి ప్రతి సం॥రం నోబెల్ బహుమతి ఇవ్వబడుతుంది.

శాంతి స్థాపనలో తన జీవితాన్ని అర్పించిన వారిలో ఎందరో మహానుభావులున్నారు. ఇక్కడ వారిలో నుండి ఇద్దరు గొప్ప వ్యక్తుల గొప్ప కార్యాలను గురించి ఇవ్వడమైనది. వారు తమ జీవితాంతం అహింస, శాంతి, సేవ మరియు సౌభ్రాతృత్వ సాధనలో గడిపి పునీతులైరి.

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నెల్సన్ మండేలా

మండేలా పేరుతో విశ్వవ్యాప్తంగా ప్రఖ్యాతి చెందిన శాంతిదూత పూర్తి పేరు నెల్సన్ రోలిహల్హలా మండేలా. ఆయన 18 జులై, 1918లో దక్షిణ ఆఫ్రికాలో జన్మించారు. ఆయన ద. ఆఫ్రికాకి మొట్టమొదటి నల్లజాతీయ రాష్ట్రపతి (అధ్యక్షుడు). రాష్ట్రపతి అవ్వడానికి ముందు ఆయన దక్షిణ ఆఫ్రికాలో శతాబ్దాల తరబడి వర్ణభేద ఆందోళన చేపట్టిన ఆఫ్రికా నేషనల్ కాంగ్రెస్ “ఉమ భోతోం వే సిజ్వే” కి అధ్యక్షునిగా ఉన్నారు. వర్ణ భేద విరోధ ఆందోళన కారణంగా ఆయన 27 సం||లు రాబెన్ ద్వీప కారాగారంలో గడిపెను. ఆయన బొగ్గు గనులలో పని చేయవలసి వచ్చినది. 1990లో శ్వేత ప్రభుత్వంతో జరిగిన ఒక ఒప్పందం తర్వాత ఆయన నూతన దక్షిణ ఆఫ్రికాను నిర్మించెను. ఆయన దక్షిణ ఆఫ్రికా మరియు ప్రపంచ వ్యాప్తంగా వర్ణభేద విరోధకునిగా గుర్తింపబడెను.

ఐక్యరాజ్యసమితి ఆయన పుట్టినరోజును ‘నెల్సన్ మండేలా అంతర్జాతీయ దినం’ గా జరుపుకొనుటకు నిర్ణయించింది. దక్షిణ ఆఫ్రికా ప్రజలు మండేలాను జాతిపితగా భావించిరి. ఆయనను ప్రజాస్వామ్య ప్రప్రథమ స్థాపకునిగా (ద. ఆఫ్రికాలో) ఉద్ధారకర్తగా చూస్తారు. ద.ఆఫ్రికాలో మండేలాను “మదీబా” అని పిలుచుకుంటారు. మదీబా అంటే గొప్పవారిని గౌరవంగా (సమ్మానంగా) పిలుచుట అని అర్థం.
ఆయనను ఇప్పటి వరకు 250పైగా జాతీయ అంతర్జాతీయ బహుమతులతో సన్మానించుట జరిగినది. 1993వ సం॥లో నోబెల్ శాంతి బహుమతి, భారతరత్న పురస్కారం ఆయనకు లభించినవి. 2008లో గాంధీ శాంతి పురస్కారం కూడా వారికి లభించినది. ఆయన 5 డిసెంబర్, 2013న స్వర్గస్తులైరి.

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మదర్ తెరేసా

మదర్ తెరేసా అనే పేరు ప్రేమ, శాంతి, కరుణ, వాత్సల్యములకు పర్యాయపదంగా చెప్పబడుతోంది. అలాంటి గొప్పమాత అయిన మదర్ తెరేసా పూర్తిపేరు “ఆగ్నేస్ గోకే భోజశియు తెరేసా”. ఆమె 26 ఆగస్టు 1910లో జన్మించి, 05 సెప్టెంబర్ 1997లో స్వర్గస్తులైరి. ఆవిడ యుగోస్లేవియాకు చెందినవారు. తదుపరి సేవాభావంలో నిమగ్నమై భారత పౌరసత్వాన్ని పొందిరి. మొదట్లో ఆమె ఉపాధ్యాయినిగా వృత్తిని ప్రారంభించినది. కాని ఆమె స్వప్నం వేరొక విధంగా ఉన్నది. ఆమె అనాథలు, పేదలు, రోగులకు సేవ చేయకోరెను. అందువలన ఆమె 1950లో కోల్కతాలో “మిషనరీస్ ఆఫ్ చారిటీ”ని స్థాపించినది. ఆమె ద్వారా స్థాపించిన ఆ సంస్థనే “నిర్మల్ హృదయ్” అని పిలిచెదరు. ఆమె తన జీవితాంతం అనాథలు, రోగుల సేవలో గడిపినది. 1970 వరకు ఆమె పేదలకు, అసహాయులకు తన మానవీయ కార్యాల ద్వారా ప్రసిద్ధి పొందినది. ఆమెను 1979లో నోబెల్ పురస్కారము, 1980లో భారతరత్న పురస్కారములతో సన్మానించుట జరిగినది. ఆమె మాటలు చెప్పడం కంటే చేసి చూపడానికి ఎక్కువ ప్రాధాన్యతనిచ్చేవారు. ఆమె ఎప్పుడూ చెబుతూ ఉండేవారు – “ప్రార్థన చేసే పెదవుల కంటే సహాయం చేసే చేతులు మిన్న” – అని. ఇప్పుడు ఈ రోజు ఆమె మన మధ్య లేరు కానీ సహాయం చేయాలి అనే ఫాఠం మనం ఎప్పటికీ మరచిపోలేము.

शब्दार्थ (శబ్దార్ధములు) Meanings :

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