AP Inter 1st Year Hindi Study Material Non-Detailed Chapter 1 पूस की रात

Andhra Pradesh BIEAP AP Inter 1st Year Hindi Study Material Non-Detailed 1st Lesson पूस की रात Textbook Questions and Answers, Summary.

AP Inter 1st Year Hindi Study Material Non-Detailed 1st Lesson पूस की रात

दीर्घ प्रश्न

प्रश्न 1.
‘पूस की रात ‘ कहानी का सारांश लिखिए ।
उत्तर:
पूस की रात नामक कहानी के लेखक मुंशी प्रेमचंद जी है । उपन्यास सम्राट प्रेमचंद ने लगभग तीन सौ कहानियाँ लिखी, जो मानसरोवर नामक संकलन में प्रकाशित हुई।

हल्कू एक गरीब किसान है । उसने ‘सहना’ नामक एक महाजन से कुछ रुपये उधार लिया । खेत में फसल अच्छी रही, इससे हल्कू ऋण चुकाने की उम्मीद करता है । पूस की रातों में उसे नील-गायों से फसल की रक्षा करना है । सर्दी में कंबल के बिना रखवाली करना मौत के समान है, लेकिन हल्कू के पास कंबल नही है । हल्कू की पत्नी मुन्नी ने कंबल खरीदने के लिए तीन रूपये बचाकर रखा था । महाजन ‘सहना’ के दबाव से लाचार होकर तीन रूपये चुका दिये । कंबल नहीं खरीद पाये ।

AP Inter 1st Year Hindi Study Material Non-Detailed Chapter 1 पूस की रात

पूस की अंधेरी रात में हल्कू पुरानी चादर ओढकर बैठा हुआ था । साथ में उसका कुत्ता जबरा भी था । दोनों सर्दी से काँप रहे थे। नींद नही आ रही थी। किसी भी प्रकार जाडे से मुक्त नहीं हो सका । खेत के निकट आम के बाग में गयें। सूखे पत्ते इकट्टा कर आग जलायी। हल्कू अपने शरीर को गरम करने लगा । धीरे-धीरे गर्म राख के पास वह सो गया ।

कुछ देर बाद जबरा भौककर खेत की ओर भागा । नील गायें खेत में फसल चर रही थी। उनके कूदने-दौडने की आवाज सुनायी दे रही थी। कृता जोर से भौंक रहा था, फिर भी हल्कू नही उठा । जानवर खेत का सर्वनाश कर रहे थे। इधर शीतल हवा शरीर को चुभ रही थी । हल्कू उठने का साहस नही कर सका ।

दूसरे दिन सबेरे मुन्नी आकर हल्कू को जगाने लगी । वह चिंता और क्रोध से विकल थी । वह बोली “खेत का सर्वनाश हो गया और तुम यहाँ सो गये हो । अब ऋण कैसे चुकाओंगे ?” हल्कू ने उत्तर दिया कि पेट में दर्द है। मरने से बचा है । मजदूरी करके जीना इससे अच्छा है । वह हमेशा के लिए किसान से मजदूर बनगया ।

विशेषताएँ : प्रस्तुत कहानी में लेखक ने हल्कू पात्र के माध्यम से एक भारतीय निर्धन किसान की जिन्दगी का मार्मिक चित्रण किया ।

कहानीकार के बारे में

“पूस की रात” नामक इस कहानी के लेखक हैं मुंशी प्रेमचन्द जी । उन्होंने ही हिन्दी कहानी को एक नयी दिशा एवं दशा दी है । उत्सुकता, कुतूहलता, यथार्थता एवं आदर्शोन्मुखता – आपकी कहानियों के कतिपय लक्षण हैं । प्रेमचन्द ने लगभग 350 कहानियाँ तथा 13 उपन्यास लिखे हैं ।

कहानी का सारांश

हल्कू एक निर्धन किसान था । मुन्नी उसकी पत्नी थी । हल्कू खेती करता था । किन्तु उसकी उपज इतनी नहीं होती कि उसे बेचंकर साहूकार का ऋण चुका सके । सर्दी से बचने के लिये वह एक कम्बल खरीदना चाहता था । इसके लिये उसने पत्नी के पास तीन रूपये जमाकर रखे ।

लेकिन साहूकार से तुरंत बचने के लिए उसने उन तीन रूपयों को उसे दे दिया । पूस की रात थी । हल्कू खेती की रखवाली करने गया था ।

कड़ी सर्दी थी । वह काँपने लगा । उसके पास का चादर उसे बचा न सकता था । सर्दी से बचने या गर्माई पाने वह बार बार तमाखू पीता रहा । आखिर विवश होकर अपने कुत्ता ‘जबरा’ को उठाकर गोद में सुलाया । इससे कुछ गर्मी मिल रही थी।

AP Inter 1st Year Hindi Study Material Non-Detailed Chapter 1 पूस की रात

इस बीच नील गायों ने चरकर खेत साफ कर दिया । किन्तु वह उठ न सका । दूसरे दिन वह खुश इसलिए रहा कि अगले दिन से रखवाली केलिये आने की जरूरत नहीं थी।

సారాంశము

హల్కూ ఒక పేద రైతు. మున్నీ అతని భార్య. హల్కూ వ్యవసాయము చేసేవాడు. షావుకారు అప్పు తీర్చుకొనునంత పంట పండెడిది కాదు. చలి నుంచి తనను తాను కాపాడుకొనుటకు అతను ఒక కంబళి కొనుగోలు చేయదలచెను. దీని కొరకు అతను తన భార్య దగ్గర మూడు రూపాయలు జమ చేసి యుంచెను.

కాని షావుకారు బాధ నుండి బయటపడుటకై అతడు వెంటనే ఆ మూడు రూపాయలు తీసి ఇచ్చెను. ఒక పుష్యమాసపు రాత్రి యందు హల్కూ పొలమునకు – కావలి కాయుటకు వెళ్ళెను.

చలి మిక్కుటముగా ఉండెను. అతడు వణుకసాగెను. అతని దగ్గర ఉన్న దుప్పటి అతనిని కాపాడలేకపోవుచుండెను. చలి నుండి తప్పించుకొనుటకు లేదా వేడిని పొందుటకు అతడు మాటిమాటికి పొగత్రాగుచుండెను. చివరకు నిస్సహాయుడై తన పెంపుడు కుక్క “జబరా”ను ఎత్తుకొని తన ఓడిలో పడుకొనబెట్టుకొనెను. దీని వలన కొంత వెచ్చదనము లభించుచుండెను.

ఈ లోపు ఆవును పోలిన జింకల గుంపు పడి, మేసి, పొలమును నున్నగా చేసెను. కాని ఆ చలికి అతడు లేవలేక పోయెను. అయితే మరుసటి రోజు నుంచి కావలి కాయుటకు రానవసరము లేదు గదా ! అని అతడు మిగుల సంతసించెను.

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