AP Inter 1st Year Hindi Study Material Chapter 6 आन्ध्र संस्कृति

Andhra Pradesh BIEAP AP Inter 1st Year Hindi Study Material गद्य भाग 6th Lesson आन्ध्र संस्कृति Textbook Questions and Answers, Summary.

AP Inter 1st Year Hindi Study Material 6th Lesson आन्ध्र संस्कृति

सारांश

प्रश्न 1.
आन्ध्र संस्कृति पाठ का सारांश अपने शब्दों में लिखिए ।
उत्तर:
संस्कृति अर्जित आचरणों की एक व्यवस्था है । संस्कृति मानव की जीवन पद्धति है और विचारों, आचरणों और जीवन के मूल्यों का सामूहिक नाम है । भारतीय संस्कृति के बारे में दिनकर जी का कहना है कि संस्कृति जिंदगी का एक तरीका है और यह तरीका सदियों से जमा होकर एक उस समाज मे छाया रहता है जिसमें हम जन्म लेते है ।

भारतीय संस्कृति वैदिक संस्कृति है । उसका प्रादेशिक रूप तेलुगु संस्कृति है और यही आन्ध्र संस्कृति कहलाती है । आन्ध्र राज्य का इतिहास शातवाहनों से आरंभ होता है । इनके समय मे आंध्र मे आर्य व द्रविड संस्कृतियों का अपूर्व संगम हुआ था । शातवाहनों के बाद आन्ध्र संस्कृति के विकास में इक्ष्वाकु, चोल, चालुक्य, पल्लव, काकतीय, विजयनगर राजाओं का महत्वपूर्ण योगदान रहा । काकतीयों के समय 14 वी शताब्दी में आंध्र मे मुसलमानों का प्रवेश हुआ । जिससे एक और नयी संस्कृति का समावेश हो गया । ऐतिहासिक व राजनीतिक रूप से आंध्र प्रदेश दो भागों में विभक्त है – कोस्ता तटीयान्ध्र तथा रायलसीमा । गोदावरी, कृष्ण, आन्ध्र की प्रमुख जीव-नदियाँ है इनके अलावा छोटी-छोटी नदियों भी प्रवाहि पायी जाती है । आन्ध्रप्रदेश कृषि प्रधान राज्य है और अनाज मुख्य फसल है इसके अलावा मकई, मिर्च, कपास, मूंगफली, तम्बाकू व जूट अन्य फसल है । आंगेलु पशुओं की भारतभर प्रसिद्धि है । आन्ध्र का एक विशेष उद्योग है – नौका निर्माण उद्योग ।

AP Inter 1st Year Hindi Study Material Chapter 6 आन्ध्र संस्कृति

आन्ध्र प्रदेश धार्मिक रूप से एक संपन्न राज्य है । यहाँ पर वैदिक, बौद्ध, जैन, अद्वैत, विशिष्टाद्वैत, इस्लाम, सिख, ईसाईधर्म, नास्तिक धर्म आदि विराजमान हैं । बौद्ध संस्कृति और जैन धर्म से संबंधित मन्दिर और स्तूप और अनेक विहार यहाँ पर व्याप्त है । हिन्दू देवीदेवताओं के मंदिर भी निर्मित हुए जैसे द्राक्षारामम्, हंपी, ताडिपत्रि, लेपाक्षी आदि । कला और संस्कृति का भी विकास यहां पर हुआ। यहाँ पर नाग, यक्ष जातियों के साथ-साथ अनेक पर्वत और जंगलों जातियों भी विकास हुआ ।

संस्कृति मानव जीवन की आदर्श आचार सहित है । संगीत, नृत्य, शिल्प, चित्रकलाओं के साथ हरिकथा, बुर्राकथा, चंचु नाटक भी प्रचार मे है । अन्नमाचार्य, रामदास, त्यागराज और क्षेत्रच्या के साथ 3 बीसवी राती के मंगलंपल्लि बालमुरली कृष्ण भी प्रसिद्ध वाग्गेयकार थे । कूचिपूडि, भरतनाट्यम, कथकली, कथक नृत्यों के साथ कलंकारी, कोंडपल्लि गुड़ियाँ, एटिकोप्पाका गुडिया, मंगलगिरि, उप्पाडा, पोंडूरू, वेंकटगिरि वस्त्र आदि प्रसिद्धि है।

आन्ध्र प्रान्त मे अनेक पर्व और त्योहार मनाये जाते है जैसे संक्रांति, महाशिवरात्रि, उगादि, श्रीरामनवमी एरूवाका पूर्णिमा, विनायक चविति, दशहरा, दीपावली रमजान क्रिसमस आदि बनाया जाता है। विवाह तो जीवन मे सबसे महत्वपूर्ण संस्कार है । यहाँ के स्त्री-पुरुषं . कईतरह के आभूषण पहना करते थे । अनेक तरह के खेल खेला करते थे । यहाँ के व्यंजन भी सांप्रदायिक और प्रसिद्ध है । चावल प्रधान भौजन है । अमरावती, अन्नवरम् तिरूपति, कनकदुर्गम्मा नन्दिर, पंचारामम यहाँ के प्रसिद्ध मन्दिर है ।

आंध्रसंस्कृति का आरंभ ही भारतीय संस्कृति की सुरक्षा के उद्देश्य से हुआ । संस्कृत के प्रायः सभी इतिहास, पुराण, काव्य व नाटक तेलुगु मे अनुदित हुआ है । आंध्र में अष्टावधान नामक एक विशिष्ट साहित्य प्रक्रिया विकसित हुआ । आन्ध्र की राजभाषा तेलुगु है । नन्नया, तिक्कना, ए प्रगडा ने महाकाव्य महाभारत का तेलुगु मे अनुवाद किया । प्राचीनकाल के रचनाकारों में पालकुरिक सोमनाथ, श्रीनाथ, पोतना और आधुनिक साहित्यकारों मे गुरजाडा, कंदुकूरी, कृष्णाशास्त्री, श्री श्री, गुर्रम जाषुआ, चिन्नयसूरी जैसे और भी अनेक

इस प्रकार आन्ध्र संस्कृति विभिन्न जाति, धर्म, जाति, व वर्ण के लोगों से मिश्रित है । फिर भी राज्य मे सामाजिक, सांस्कृतिक व धार्मिक एकरूपता का आभास स्पष्ट झलकता है ।

संदर्भ सहित व्याख्या

प्रश्न 1.
आंध्र प्रदेश धार्मिक रूप से क संपन्न राज्य है ।
उत्तर:
प्रसंग :- यह वाक्य ‘आन्ध्र संस्कृति नामक पाठ से लिया गया है इसमें आन्ध्र संस्कृति पर विभिन्न रूपों में दृष्टि डाला गया है।

सन्दर्भ :- आन्ध्र प्रान्त विभिन्न धर्मों का मिश्रित रूप है । इन सभी धर्मों से विकसित आन्ध्र राष्ट्र का चित्रण किया गया है ।

व्याख्या :- संस्कृति का मूल रूप धर्म में है । आन्ध्र प्रदेश धार्मिक रूप से एक संपन्न राज्य है यहाँ पर वैदिक, बौद्ध, जैन, अद्वैत, विशिस्टाद्वैत इस्लाम, ईसाई धर्म आदि धर्मों का विकास हुआ है । यहाँ पर अनेक जातियों और अलग-अलग संस्कृतियों का सहयोग दिखाई पडता है ।

विशेषताएँ :

  1. आन्ध्र संस्कृति के विकास के प्रति ध्यान दिया गया है ।
  2. उनकी भाषा खडीबोली है ।

AP Inter 1st Year Hindi Study Material Chapter 6 आन्ध्र संस्कृति

प्रश्न 2.
शहरी वातावरण से दूर स्वच्छता व भोलेपन के प्रतीक इन गाँवों का वैभव उत्सवों तथा त्योहारों में स्पष्ट नजर आता है।
उत्तर:
प्रसंग :- यह वाक्य ‘आन्ध्र संस्कृति नामक पाठ से लिया गया है इसमें आन्ध्र संस्कृति पर विभिन्न रूपों में दृष्टि डाला गया है ।

सन्दर्भ :- इसमें आन्ध्र प्रान्त के विभिन्न त्योहारों पर चित्रण किया गया है ।

व्याख्या :- शहरी वाताबरण से अधिक ग्रामीण वातावरण में उत्सवों और त्योहारों का अधिक विकास होता है । वे अक्सर किसी न किसी देवता से सम्बन्ध रखते हैं । गाँव के लोग कई घरेलू उत्सव मनाते है और साथ ही गृहस्थ लोग अपने वैभव के अनुसार पर्व मनाते है । गाँव के लोग स्वच्छता और भोलेपन के प्रतीक होते है । वे अपने-अपने धर्म के अनुसार उत्सव और पर्व मनाते है ।।

विशेषताएँ :

  1. इससे ग्रामीण वातावरण की महानता पर लेखक संकेत कर रहे है।
  2. उनकी भाषा खडीबोली है ।

प्रश्न 3.
आंध्र संस्कृति का आरंभ ही भारतीय संस्कृति की सुरक्षा के उद्देश्य से हआ ।
उत्तर:
प्रसंग :- यह वाक्य ‘आन्ध्र संस्कृति नामक पाठ से लिया गया है इसमें आन्ध्र संस्कृति पर विभिन्न रूपों में दृष्टि डाला गया है ।

सन्दर्भ :- भारतीय संस्कृति के अंतर्गत आन्ध्र संस्कृति का विकास किस प्रकार हुआ है, इसके प्रति ध्यान दिया गया है ।

व्याख्या :- भारतीय संस्कृति की सुरक्षा को दृष्टि में रखकर ही आन्ध्र , संस्कृति का विकास हुआ है । मूल मे भारतीय संस्कृति वैदिक संस्कृति है । संस्कृत के प्रायः सभी इतिहास, पुराण, काव्य व नाटक तेलुगु मे अनुदित है । चंपु काव्य शैली, गद्य रहित द्विपद, शतक, आदि, तेलुगु मे भी लिखे गये । संस्कृत का महाभारत भी तेलुगु मे अनुदित किया गया है । उससे भारतीय संस्कृति सुरक्षित और सर्वव्याप्त हो जाती है।

विशेषताएँ :-

  1. भारतीय संस्कृति के प्रति लेखक की रुचि स्पष्ट हो जाती है।
  2. उनकी भाषा खड़ीबोली है।

एक शब्द में उत्तर

प्रश्न 1.
तेलुगु संस्कृति का दूसरा नाम क्या है ?
उत्तर:
आन्ध्र संस्कृति ।

AP Inter 1st Year Hindi Study Material Chapter 6 आन्ध्र संस्कृति

प्रश्न 2.
आन्द्र प्रदेश की राजभाषा क्या है ?
उत्तर:
तेलुगु ।

प्रश्न 3.
विश्वभर का प्रसिद्ध आंध्रा का अचार क्या है ?
उत्तर:
आवकाय / आवकाय ।

प्रश्न 4.
आन्ध्र प्रदेश का प्रसिद्ध नाट्य क्या है ?
उत्तर:
कूचिपूडि ।

प्रश्न 5.
तेलुगु का आदि काव्य किसे मानते है ?
उत्तर:
नन्नय कृत महाभारत ।

సారాంశము

సంస్కృతి అనగా ఆచార వ్యవహారాలు మరియు మానవ జీవన పద్ధతి. భారతీయ సంస్కృతి వేదకాలీన సంస్కృతి. ఆంధ్రప్రాంత సంస్కృతి తెలుగు భాషా సంస్కృతిగా పిలవబడుతుంది. ఆంధ్రదేశ చరిత్ర శాతవాహనులతో ఆరంభమయినది. వీరి కాలంలో ఆర్య, ద్రవిడ సంస్కృతుల సంగమం కనిపిస్తుంది. శాతవాహనుల తరువాత ఇక్ష్వాకులు, చోళులు, చాళుక్యులు, పల్లవులు, కాకతీయులు, విజయనగర శాసకుల పరిపాలన కనిపిస్తుంది. కాకతీయుల కాలంలో ముస్లిం పరిపాలకులు రాకతో క్రొత్త సంస్కృతి ఆరంభమయినది. ఆంధ్రప్రాంతంలో కోస్తా ఆంధ్ర, రాయలసీమ రెండు భాగాలుగా విభజించబడింది. గోదావరి, కష్ణ వంటి జీవనదులతోపాటు ఎన్నో ఉపనదులు ఇక్కడ కనిపిస్తాయి. వ్యవసాయము ‘ముఖ్యమైన పంట. ఆంధ్రకు చెందిన ఒంగోలు గిత్తలు ప్రపంచ ప్రసిద్ధి గాంచినవి. ‘నౌకా నిర్మాణ వ్యవస్థ ఇక్కడ ఎక్కువగా కనపడుతుంది.

ఆంధ్రప్రదేశ్ లో వైదిక, బౌద్ధ, జైన, అద్వైత, విశిష్టాద్వైత, ఇస్లాం, సిక్కు క్రిస్టియన్, మతాలన్ని కనిపిస్తాయి. బౌద్ధ, జైన ఆరామాలు, స్థూపాలు, ఇక్కడ కనిపిస్తాయి. ద్రాక్షారామం , హంపి, లేపాక్షి ఆంధ్ర కళా సంస్కృతికి ప్రతీకలు. అన్ని జాతులతోపాటు ఆటవిక, కొండజాతులు కూడా కన్పిస్తాయి.

AP Inter 1st Year Hindi Study Material Chapter 6 आन्ध्र संस्कृति

ఆంధ్ర సంస్కృతిలో సంగీత, నృత్య, శిల్ప, చిత్ర కళలతోపాటు హరికథ, బుర్రకథ, చెంచునాటకాలు కూడా ఎంతో ప్రాచుర్యం పొందాయి. అన్నమా చార్యులు, రామదాసు, త్యాగరాజు, క్షేత్రయ్యలతోపాటు మంగళంపల్లి , బాలమురళీకృష్ణ ఆధునిక వాగ్గేయకారులలో ప్రసిద్ధులు, కూచిపూడి, భరత – నాట్యము, కథాకళి, కథక్ నృత్యాలతోపాటు, కొంకణీ, కొండపల్లి బొమ్మలు, ఏటికొప్పాక బొమ్మలు, మంగళగిరి, ఉప్పాడ, పొందూరు, వెంకటగిరి వస్త్రాలకు ప్రసిద్ధిపొందినది.

ఇక్కడ ఎన్నో పండుగలు, సంక్రాంతి, ఉగాది, శివరాత్రి, దసరా, దీపావళి, రంజాన్, క్రిస్మస్ వంటి అన్ని మతాలకు చెందిన పండుగలు జరుపుకుంటారు. వివాహ వేడుకలు, స్త్రీ, పురుషులు ధరించే ఆభరణాలు, సాంప్రదాయిక ఆట, పాటలకు, పిండి వంటలకు ఆంధ్రరాష్ట్రము ప్రసిద్ధి పొందినది. వరి ఇక్కడి వారికి ముఖ్య ఆహారము. అమరావతి, అన్నవరం, తిరుపతి, కనకదుర్గ దేవాలయము, ‘పంచారామములు ప్రసిద్ధిచెందిన ఆలయములు.

ఎన్నో పురాణాలు, నాటకాలు, కావ్యాలు తెలుగులో ఆంద్రీకరించ బడినాయి. అష్టావధానము, ఆంధ్ర సంస్కృతిలో ముఖ్యమైన ప్రక్రియ.. నన్నయ, తిక్కన, ఎఱ్ఱప్రగడ, కవిత్రయము ద్వారా మహాభారతము ఆంద్రీకరించబడినది. పాల్కురికి సోమనాధుడు, శ్రీనాధుడు, పోతన వంటి ప్రాచీన కవులతోపాటు, గురజాడ, కందుకూరి వీరేశలింగం, దేవులపల్లి కృష్ణశాస్త్రి, శ్రీశ్రీ, గుర్రం జాషువా, చిన్నయసూరి వంటి ఎంతో మంది గొప్ప సాహిత్యకారులు తెలుగు సాహిత్యానికి * వన్నె తెచ్చారు. ఈ విధంగా ఆంధ్ర సంస్కృతి విభిన్న జాతుల, మతాల, కులాల కలయిక.

Leave a Comment