AP Inter 1st Year Hindi Model Paper Set 9 with Solutions

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AP Inter 1st Year Hindi Model Paper Set 9 with Solutions

Time : 3 Hours
Max Marks : 100

सूचनाएँ :

  1. सभी प्रश्न अनिवार्य हैं ।
  2. जिस क्रम में प्रश्न दिये गये हैं, उसी क्रम से उत्तर लिखना अनिवार्य है ।

खण्ड – ‘क’
(60 अंक)

1. दुःख में सुमिरन सब करे, सुख में करै न कोय ।
जो सुख में सुमिरन करे, तो दुख काहे होय ॥
उत्तर:
प्रसंग :- यह दोहा कबीरदास के द्वारा लिखी गयी ‘साखी’ नामक रचना से लिया गया है | वे निर्गुणशाखा के अन्तर्गत ज्ञानमार्ग शाखा से संबंधित सन्त कवि थे ।
सन्दर्भ :- हमेशा ईश्वर का स्मरण करने का उपदेश कवि दे रहे हैं ।
व्याख्या :- कवि का कहना है कि सभी लोग दुःख मे ईश्वर का स्मरण करते है, पर सुख में ईश्वर को भूल जाते हैं । लेकिन यदि सुख मे भी ईश्वर का स्मरण करे तो ऐसे व्यक्ति को कभी भी दुख की प्राप्ति नही होती ।

विशेषताएँ :-

  1. इसमें हमेशा ईश्वर के प्रति विश्वास रखने का सन्देश दे रहे हैं ।
  2. उनकी भाषा सदुक्कडी है ।

(अथवा)

बिगरी बात बन नहीं, लाख करो किन कोय |
रहिमन फाटे दूध को, मभे न माखन होय ॥
उत्तर:
प्रसंग :- यह दोहा रहीम के द्वारा लिखी गयी दोहावली से लिया गया है । वे भक्तिकाल से सम्बन्धित कृष्ण भक्त कवि थे ।
सन्दर्भ :- सब के साथ अच्छी तरह व्यवहार करने का सन्देश दे रहे है |
व्याख्या :- रहीम का कहना है कि एक बार किसी से बात या व्यवहार बिगड जाता है तो अनेक प्रयत्न करने पर भी उनके बीच समस्या ठीक नही होता । जिस प्रकार एक फटे दूध को मधने से मक्कन नहीं मिलाता है उसी प्रकार बात बिगड जाने से आपस में सम्बन्धं टूट जाता है और फिर नहीं बनता ।

विशेषताएँ :-

  1. इससे कवि मित्रता की भावना पर जोर देते हैं ।
  2. उनकी भाषा, व्रजभाषा है ।

2. किसी एक कविता का सारांश लिखिए ।

(1) फल की चाह
उत्तर:
कवि परिचय :- माखनलाल चतुर्वेदी का जन्म सन् 1889 मे बाबई, होशंगाबाद मध्यप्रदेश मे हुआ | वे एक भारतीय आत्मा के रूप मे प्रसिद्ध थे । उनकी रचनाओं मे राष्ट्रीयता और देश भक्ति स्पष्ट झलकती है । उनहें कवि और राष्ट्र सेवी के रूप मे सम्मान प्राप्त हुआ । हिमकिरीटिनी, हिमतरंगिणी, माता, युगचरण, मरण ज्वर आदि उनकी प्रसिद्ध रचनाएँ है । उनकी मृत्यु सन् 1968 मे हुई । प्रस्तुत ‘फूल की चाह’ कविता मे कवि फूलों के द्वारा अपनी देश भक्ति और जीवन के लिए कुछ लक्ष्य रखने का सन्देश दे रहे हैं ।

सारांश :- कवि फूलो के द्वारा अपनी इच्छा व्यक्त कर रहे है कि मुझे देवताओं के गले मे गहनों के बीच गूंध जाने की इच्छा नहीं है । प्रियतम के हाथो मे माला बनकर प्रेयसी को ललकारने की इच्छा नही है । बडे-बडे लोगों के शवों पर माला बनकर पडने की इच्छा भी नही है । ईश्वर के सिर पर चढकर अपने भाग्य पर घमंड करने की भी इच्छा नही है पर हे वनमाली ! मुझे अवश्य तोड लो | देश के लिए बलिदान देने वाले वीर जिस मार्ग मे चलते है उनके जाने के रास्ते पर मुझे फेंक दो । क्योंकि मै उनके चरणो के स्पर्श से पवित्र हो जाऊँगी और उनके चरणों को आराम पहुँचा दूँगी ।

इस प्रकार कवि फूलो के द्वारा अपनी देशभक्ति भावना, देश के लिए मर मिटने वाले वीरो के प्रति गौरव और जीवन के लिए कुछ-न-कुछ लक्ष्य रखने का सन्देश दे रहे हैं । उनकी भाषा सरल खडी बोली है।

(2) अकाल और उसके बाद
उत्तर:
कवि ने इसके अकाल के समय और अकान के बाद की स्थिती को दो पद्यों के द्वारा विस्तार रूप मे वर्णन किया | अकाल के समय मे घर पर खाने के लिए अनाज का अभाव है इसलिए कई दिनो से जला और अनाज के अभाव से आठा न पीसने के कारण चक्की के भी काम नही किया | चूहे चूल्हा न जलने से घर का एक का अंख वाला कुत्ता उसी के पास सो रही है । खाना न मिलने से सारा घर और आदी जन्तुएँ भी उदास है । घर के लोग उदास से एक बैठे हुए है । और दीवार पर छिपकलियाँ गस्ती देखे हैं । कई दिनों से अकाल से पीडित होते वाले घरों में अनाज न मिलने से चूहो की स्थिति भी बडी दयनीय थी ।

अब अकाल चल गया । बहुत दिनों के बाद घर मे अनाज आया । चूल्हे जलने से घर के आंगन मे धुँआ उठा । घर के सभी लोगो की आँखों मे चमक उठी अर्थात सब लोगों मे असाह भर गया । भोजन के बाद केंके हुए अन्न से अपने पेट भरने की आशा से काँठा भी पंख खुजलाकर इत्तर इन्तजार कर रही हैं ।

इस्प्रकार कवि ने अकाल से पीडित जनता की दयनी स्थिति और बाद की स्थिति का मार्मिक रूप से चित्रण किया है । अकल की दुस्थिति केवल लोंगों पर ही नहीं बल्कि उनके चारों ओर वातारिण को किस प्रकार प्रभावित करती है, उस्का स्पश्ट चित्रण किया है । उनकी भाषा सरल खडी बोली है।

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3. किसी एक पाठ का सारांश लिखिए ।

(1) पर्यावरण और जीवन
उत्तर:
मानव एक सामाजिक प्राणी है । व्यक्ति और परिवार से समाज का निर्माण होता है । वह अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए एक दूसरे भर निर्भर रहता है । मानव समाज के विकास में विज्ञान, वैज्ञानिक आविष्कारों, परिवाहन तथा संचार के साधनों और विविध यंत्रों आदि की महत्वपूर्ण भूमिका रही । इस प्रकार जहाँ मानव सभ्यता के विकास के साथ ही प्रकृति का शोषण आरम्भ हुआ, वहीं जनसंख्या की वृद्धि के साथ पृथ्वी पर प्रदूषण भी बढने लगा । इसके लिए प्रकृति की रक्षा और सुरक्षा को मानव जीवन के लिए अनिवार्य अंग बनाना होगा ।

पर्यावरण हमारे चारों ओर के वातावरण से सम्बंध है । पर्यावरण समस्त जीव-जन्तुओं, प्राणियों और मनुष्य के जीवन का आधार और अधिरचना अर्थात् पर्यावरण सभी के जीवन का अभिन्न अंग है, यही कारण कि आदिकाल से प्रकृति के सान्निध्य मे मानव ने अपने जीवन को विकसित किया है । जब जैविक तथा अजैविक पदार्थों के बीच संतुलन को पर्यावरण संतुलन कहा जाता है । आजकल पर्यावरण संतुलन बिगड़ रहा है ।

मनुष्य अपनी सुख-सुविधा के लिए प्राकृतिक सम्पदाओं को क्षति पहुँचा रहा है । पर्यावरण संकट प्रदूषण और असंतुलन का परिणाम है । यह संकट भूमि, जल वायु, ताप, ऊर्जा, खनिज, ध्वनि तथा वनस्पति आदि सभी क्षेत्रों मे उत्पन्न हो चुका है । यहा प्रदूषण विभिन्न रूपों मे देखा जा सकता है। जैसे भूमिप्रदूषण, वायुप्रदूषण, जल प्रदूषण, ध्वनि प्रदूषण आदि । इन प्रदूषणों ने न केवल मानव जीवन को संकटमय बना दिया है अपितु उसके लिए कई प्रकार की बीमारियों को भी उत्पन्न कर दिया । जैसे कम उम्र के बच्चों और वृद्धों के लिए स्वाँस की समस्या, ब्रोंकाइटिस, फेफडो की टी.बी. कैंसर, त्वचा का रोग आदि समस्याएँ बढती जा रही है । प्रदूषित पानी पीने से उदर संबंधी रोग बढ रहे हैं । ध्वनि प्रदूषण से महानगरों मे बहरेपन की समस्या बढ रही है | मोबाइल फोन से निकलने वाले रेडिएशन से मनुष्य मे चिड़चिड़ापन, बेचैनी, हाई ब्लडप्रेशर एवं डिप्रेशन आदि मानसिक बीमारियाँ होने लगी है इसके इलावा कारखानों, अस्पतालों, प्लास्टिक से निकलने वाली जहरीली राख और केमीकल्स मिट्टी की उवराशक्ति कम हो रही है और कीटनाशक केमिकल्स स्वास्थ्य को प्रभावित कर रहे है |

प्रदूषण निवारण के लिए उपाय : सबसे पहले आबादी का नियन्त्रण करना चाहिए । जंगलों को न काटना, औद्योगीकरण के समय में नियमों का पालन, जल की रक्षा, स्वच्छ भारत कार्यक्रम, पेड़ों को रोपना, कारखानों के विष पदार्थ को पानी में फेकने पर पाबंद रखना, प्रदूषण फैलाने वालों को दण्ड देना इन सभी के पालन करने से पर्यावरण की रक्षा और प्रदूषण से मुक्त हो जाएंगे ।

(2) अभातो धुमक्कड जिज्ञासा
उत्तर:
शास्त्रों मे व्यक्ति और समाज के लिए जिज्ञासा को हितकारी माना गया है । लेकिन लेखक के अनुसार घुमक्कडी से अधिक सर्वश्रेष्ठ वस्तु समाज के लिए और कोई नही है । प्राकृतिक आदिम मनुष्य परम घुमक्कड था जिस ने आज की दुनिया को बनाया है । आदिम घुमक्कडों में से आयों, शको और हूणों ने अपने शूनी पथों द्वारा मानवता के पथ को प्रशस्त किया । मंगोल घुमक्कडों के द्वारा वैज्ञानिक युग का आरम्भ हुआ ।

कोलम्बस और वास्को-डि-गामा अपनी घुमक्कडी प्रकृति से अमेरिका पर झंडी गाडकर पश्चिमी देशो को आगे बडाया । सदियों पहले चीन और भारत घुमक्कड धर्म से विमुख रहने से ही आस्ट्रेलिया की अपार संपत्ति और अपार भूमि से वंचित रहे ।

दुनिया के अधिकांश धर्मनायक घुमक्कड थे । धर्माचार्यों में आचार-विचार, बुद्धि और तर्क तथा सहृदयता से सर्वश्रेष्ट बुद्ध घुमक्कड राजा थे । बुद्ध ने सिर्फ पुरुषों के लिए घुमक्कडी करने का आदेश नहीं दिया, बल्कि स्त्रियों के लिए भी यही उपदेश उन्होंने दिया ।

जैन धर्म भी प्राचीन धर्म है जिसके श्रमण महावीर भी प्रथम श्रेणी के घुमक्कड थे। वे आजीवन । घूमते ही रहे । शंकराचार्य जो साक्षात् ब्रह्मस्वरूप थे, जिन्हे बडा बनानेवाला धर्म यही घुमक्कडी धर्म था । अपने थोडे से जीवन मे उन्होंने तीन भाष्य भी लिखे और अपने आचरण से अनुनायियों को घुमक्कडी पाठ भी पढाया । रामानुज, माध्वाचार्य जैसे धार्मिक अनुयायी अपनी धार्मिक पाखण्डता से दूसरी श्रेणी के घुमक्कड बन गए । इसलिए शैव हो या वैष्णव, वेदान्ती हो या सदान्ती, सभी को केवल घुमक्कडी धर्म ने ही आगे बढाया ।

गुरूनानक, स्वामी दयानन्द, अपनी घुमक्कडी धर्म से ही महान बन गए । बीसवी शताब्दी में भारत देश में अनेक धार्मिक सम्प्रदायों का आना-जाना हो गया । जैसे यहूदी, मारवाडी जैसे लोग अपनी हस घुमक्कडी धर्म से केवल व्यापार कुशल, उद्योग-निष्णात ही नही बल्कि विज्ञान, दर्शन, साहित्य, संगीत सभी क्षेत्रों को आगे बढाया ।

इस प्रकार घुमक्कड होना आदमी के लिए परम सौभाग्य की बात है । घुमक्कडी के लिए चिन्ताहीन होना और चिन्ताहीन के लिए घुमक्कडी होना आवश्यक है । जाति का भविष्य घुमक्कडी पर निर्भर करता है | घुमक्कडी की गति को रोकनेवाला इस दुनिया में कोई नहीं है । सभी को घुमक्कड की दीक्षा लेनी चाहिए ।

इस प्रकार निबन्धकार इसमें कहते है कि दुनिया मे मनुष्य जन्म एक ही बार होता है और जवानी भी केवल एक ही बार आती है। इसलिए साहसी स्त्री और पुरुष दोनों को घुमक्कड धर्म को स्वीकारना चाहिए । उनकी भाषा शुद्ध खडी बोली है।

4. किसी एक कहानी का सारांश लिखिए ।

(1) चीफ का दावात
उत्तर:
मिस्टर शामनाथ अपने घर में ‘चीफ’ को दावत पर बुलाते है । अपनी धर्म पत्नी के साथ मिलकर सारी तैयारियाँ करने लगता है । चीफ अमेरिकन है । उसको खुश करने से शामनाथ को नौकरी में तरक्की होगी । इसलिए दावत की शाम घर की सभी चीजों को चीफ के अनुरूफ बनाने की चेष्टा की जाती है । ड्रिंक का इंतजाम बैठक में कर दिया गया । घर का फालतू सामान अलमारियों के पीछे और पलंगों के नीचे छिपाया जाने लगा । तब उसको अपनी बूढ़ी माँ की याद आती है । अब प्रश्न उठता है कि उसको कहाँ छिपाना है । उस बुढ़िया लोगों के सामने आना- जाना, नींद में उठे खर्राटे की आवाज ये सब किसी के सामने प्रस्तुत होना शामनाथ के लिए पसंद नही है । इसलिए माँ को अनेक चेतन चेतावनियाँ देते है कि ठीक से कुर्सी पर बैठकर रहना है, पार्टी खतम होने तक नही सोना है । माँ सब के लिए राजी होकर उसके कहे अनुसार अच्छी साडी पहनकर अपने घर में बैठ जाती है ।

चीफ अपनी पत्नी के साथ दावत पर आते है । सभी अतिथि लोग आते है । दावत शुरु हो जाती है। ड्रिंक होने के बाद बरामदे में आते तो वहाँ उसकी माँ कुर्सी पर पैर रखकर सो रही है । यह दृश्या देखकर शामनाथ कृद्ध हो उठे । पर चीफ और उसकी पत्नी उस पर बडी सहानुभूति देखने है । चीफ माँ को वहाँ से जाने नही देते तथा पंजाबी लोक गीत सुनाने का आग्रह करते है | माँ शामनाथ की सोच के विरुद्ध अच्छी तरह गाकर चीफ एवं मेहमानों को प्रश्न करती है । माँ के हाथों में बनी ‘फुलकारी’ चीफ को बहुत पसंद आता हैं । उसके हाथों से बनी फुलकारी के लिए वापस आने का वादा करता है । इस प्रकार उसकी बूढ़ी माँ अचानक ही मूल्यवान सिद्ध हो उठती है । जो बेकार थी वही तरक्की का जरिया बन जाती है। उससे फुलकारी बनाने की ताकत नही होने पर भी अपने बेटे की तरक्की के लिए खुद बनाना चाहती है ।

इस प्रकार आजकल माँ-बेटे के संबंध में प्रेम आदर भावनाएँ लुप्त हो रही है। शामनाथ अपनी नौकरी के लिए माँ को आतंक मानता है । लेकिन उसी के द्वारा उसकी इच्छा पूर्ण हो जाती है । माँ ́के पाश्चात्य सभ्यता का प्रभाव, माँ की ममता का सजीव चित्रण उसमें किया गया है ।

(2) बदला
उत्तर:
धम्मपट्टनं एक ऐसा जगह है, वहाँ पर एक अस्पताल है जहाँ कदम-कदम पर भ्रष्टाचार, मामूल वसूल किया जाता है । वहाँ पर कुछ दूरी पर एक गाँव था वहाँ पर कोटय्या एक मामूली किसान, मजदूर था । वह खास पढा लिखा नहीं होने पर भी अखबार पढ लेता है । उसकी पत्नी गर्भवती थी। नौ महीने मे तबियत खराब होने से अपने मालिक की बैलगाडी लेकर धर्मपट्टनं अस्पताल पहुँचता है अस्पताल के अन्दर जाने के लिए भी चवन्नी हाथ मे रखना पडता है । अन्दर जाने के बाद उसकी पत्नी बेहोश होने पर भी कोई भी इसके प्रति ध्यान नहीं देते । शायद वहाँ बेहोशी होना भी मामूली बात है। कुछ देर बाद डाक्टर पद्मा वहाँ आती है । कोटय्या भय, विवशता, अज्ञान अन्धार मे पडकर वही बाहर खड़ा हो जाता है ।

बाद में उस पता चलना है कि प्रसव के पहले ही उसकी पत्नी चली गयी। उसकी लाश को लेकर जाने के लिए भी उसे मामूल देना पडता है | पत्नी का दहन संस्कार होने के बाद कोटय्या धम्मपट्टनं अस्पताल के सामने सात्याग्रह करना शुरू करता है । पर किसी ने इस पर ध्यान नहीं देता । पाँच दिन बाद डाक्टर पद्मा उसको समझाने आता है। धीरे-धीरे सब का ध्यान इसकी ओर आकृष्ट होता है । डाक्टर पद्मा पर शिकायत रखी जाती है और इस के द्वारा सभी कर्मचारियों के विषय बाहर आने लगते है । सत्याग्रह करते-करते कोटय्या का स्वास्थ्य बिगड़ जाता है और उसी अस्पताल मे दाखिल हो जाता है । इन समस्याओं के बीच डा. पद्मा की हत्या अस्पताल मे हो जाती हैं इसकी जिम्मेदारी कोटय्या पर पडती है और पुलीस उसको जेल लेजाता है । वह निर्दोष होकर भी अन्त मे उसे दण्ड भोगना पड़ता है ।

इस प्रकार इस कहानी का नायक एक गरीब मजदूर मामूली व्यक्ति था । आत्याचारों के विरूद्ध स्वर उठाने पर भी उसका कोई नहीं सुनता । निर्दोष होकर भी सजा भुगतनी पड़ती है । तत्कालीन सामाजिक स्थिति को मार्मिक रूप से कहानीकार ने चित्रण किया । उनकी भाषा सरल है |

5. निम्नलिखित दो पद्यांशों की संदर्भ सहित व्याख्या कीजिए :

(1) कई दिनों तक चूल्हा रोपा, चक्की रही उदास ।
कई दिनों तक कानी कुतिया सोई उनके पास ॥
कई दिनों तक लगी भीत पर छिपकलियों की गरत ।
कई दिनों तक चूहों की भी हालत रही शिकस्त ॥
उत्तर:
प्रसंग :- यह पद्य को नागार्जुन द्वारा लिखे गयी अकाल और उसके बाद कविता से लिया गया है । वे प्रगतिवादी कवि थे और आधुनिक कबीर से प्रसिद्ध थे !
सन्दर्भ :- इस्में कवि अकाल के समय देश की स्थिति और लोगों की दयनीय स्थिति की ओर सकेत कर रहे है ।
व्याख्या :- अकाल के समय अनाज न मिलने के कारण घर में चूलहा नही जल रहे हँ । आटा न पिसने के कारण चक्की भी बन्द भी । चूलहे न जलने से उसे घर का कुत्ता सो रहा है । घर के लोगों की उदासी से दीवार के छिपकलियां मस्तसे गस्ती दे रहे है और अनाज न मिलने से घर के चूहों की स्थिति भी दयनीय हो गयी ।

विशेषताएँ :-

  1. कवि की प्रगतिवादी धारणा का चित्रण हो रहा है ।
  2. उनकी भाषा सरल खडीबोली है ।

(2) जग पीडित अति से – दुख से
जग पीडित रे अति – सुख
मानव – जग में बँद जाएँ
दुख सुख से औ सुख दुख से
उत्तर:
प्रसंग :- यह पद्य सुमित्रानंदन पंत के द्वारा लिखी गयी ‘सुख-दुख’ नामक कविता से लिया गया है । वे प्रकृति का सुकुमार कवि कहे जाते है ।
सन्दर्भ :- इसमें कवि सुख-दुख को समान रूप में स्वीकार करने की बात कह रहे हैं ।
व्याख्या : – कवि का कहना है कि यह संसार हमेशा अति दुख से और अति सुख से पीडित होता रहता हैं | लेकिन मानव जीवन मे सुख और दुख समान रूप मे बाँट जाना चाहिए ।

विशेषताएँ :-

  1. जीवन के लिए सुख और दुख होने का आवश्यकता के बारे में कवि कह रहे हैं ।
  2. उनकी भाषा खडीबोली हैं ।

(3) मुझे तोड लेना वनमाली ।
उस पथ पर देना तुम फेंक |
मातृ-भूमि पर शीश चढाने,
जिस पभ जावें वीर अनेक ।
उत्तर:
प्रसंग :- यह पद्य ‘फूल की चाह’ नामक कविता से लिया गया है । यह कविता माखनलाल चतुर्वेदी के द्वारा लिखी गई है । वे भारतीय आत्मा के रूप से प्रसिद्ध है ।
सन्दर्भ :- कवि फूल की चाह के द्वारा अपनी देशभक्ति भावना को व्यक्त कर रहे हैं ।
व्याख्या :- कवि फूलों के लो । पर तोड़कर उस के लिए वीर जाते है। को मै राहत दूँगी ।
द्वारा अपना विचार व्यक्त कर रहे है कि हे वनवाली ! मुझे अवश्य तोड़ रास्ते मे मुझे फेंक दो जिस रास्ते पर मातृभूमि के लिए बलिदान करने ताकि उनके चरणों के नीचे पड़कर मैं पवित्र हो जाऊँगी और उनके पैरों

विशेषताएँ :-

  1. देश के लिए बलिदान करने वाले वीरो के प्रति कवि का गौरव स्पष्ट हो रहा है ।
  2. उनकी भाषा सरल खडीबोली है ।

(4) वह आता –
दो टूक कलेजे के करता पछताता पथ पर आता ।
पेट – पीठ दोनों मिलकर है एक
चल रहा लकुटिया टेक
मुट्ठी भर दाने को भूख मिटाने को
मुँह फटी – मुरानी झोली का फैलाता –
दो टूक कलेजे के करता पछताता पथ पर आता ।
उत्तर:
प्रसंग :- यह पद्य निराला जी के द्वारा लिखी गयी ‘भिक्षुक’ नामक कविता से लिया गया है वे छायावादी कवि है ।
सन्दर्भ :- इसके एक भिक्षुक की दयनीय स्थिति का वर्णन किया गया है ।
व्याख्या : – कवि एक भिक्षुक के जीवन का वर्णन कर रहा है कि एक भिक्षुक अपनी दयनीय स्थिति पर टूटे हृदय से उस पथ पर आ रहा है। भूख के कारण उसका पेट और पीट दोनों मिले हुए है । अपनी भूख मिटाने एक मुट्ठी भर अन्न के लिए लकडी टेकता हुआ आ रहा है । वह लकडी के सहारे खडे होकर अपने फटे हुए झोले का मुँह फैलाता है । अपनी दयनीय स्थिति से वह टूटे हृदय से मन ही मन रो रहा हैं ।

विशेषताएँ :-

  1. शोषित वर्ग के प्रति कवि की सहानुभूति व्यक्त होती है ।
  2. इसके कवि की प्रगतिवादी धारणा स्पष्ट होती है ।
  3. उनकी भाषा शुद्ध खडीबोली है ।

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6. निम्नलिखित किन्हीं दो गद्यांशों की संदर्भ सहित व्याख्या कीजिए :

(1) “भारतीय संस्कृति का सौन्दर्यबोध नारी रूप से अविच्छिन्न सम्बन्ध से जुडा हुआ है |
उत्तर:
प्रसंग :- यह उद्धरण महादेवी वर्मा के द्वारा लिखी गयी “भारतीय संस्कृति और नारी” नामक निबन्ध से लिया गया वे छायावाद से सम्बन्धित प्रमुख साहित्यकार है ।
सन्दर्भ :- इसमें भारतीय संस्कृति और नारी के बीच के अविच्छिन्न सम्बन्ध के प्रति जोर दिया गया है ।
व्याख्या :- भारतीय संस्कृति मे प्राचीनकाल से ही नारी का महत्वपूर्ण स्थान है । भारतीय संस्कृति का सौन्दर्य बोध नारी के रूप से अविच्छिन्न सम्बन्ध से जुडा हुआ है। नारी को देवी, माता जैसे रूपों में दर्शाया गया है जो प्राचीन आर्य काल से पहले ही मातृसत्ता से जुडा हुआ है ।

विशेषताएँ :-

  1. भारतीय संस्कृति मे नारी की महानता के बारे में स्पष्ट किया गया है ।
  2. उनकी भाषा खडीबोली है ।

(2) हिन्दू होते हुए भी शिवा के लिए इस्लाब धर्म पुज्य है, इस्लाम के पवित्र स्थान, उसके पवित्र ग्रन्थ सम्मान की वस्तुएँ है |
उत्तर:
प्रसंग :- यह उद्धरण शिवाजी का सच्चा स्वरूप नामक एकांकी से लिया गया है । इसके लेखक सेठ गोविन्ददास जी है । आप गाँधी जी से प्रभावित होकर स्वतंत्रता सग्राम मे भी भाग लेकर जेल भी गये ।

सन्दर्भ :- हिन्दू होते हुए भी शिवाजी के मन में हिन्दू और मुसलमान धर्मों के प्रति गौरव स्पष्ट होती है ।

व्याख्या :- हिन्दू होते हुए भी शिवाजी हिन्दू और मुसलमान प्रजा में कोई भेद नहीं समझता । उसकी दृष्टि मे सारी जनता बराबर है । वह स्वयं हिन्दू होकर भी इस्लाम धर्म की पूजा करता है । उनके पवित्र स्थान और पवित्र धर्म के प्रति भी आदर व्यक्त करता है ।

विशेषताएँ :-

  1. इसमें शिवाजी की धार्मिक सहिष्णुता स्पष्ट होती है ।
  2. उनकी भाषा सरल है ।

(3) शंकर को शंकर किसी ब्रझा ने नहीं बनाया, उन्हे बडा बनानेवाला था यही घूमक्कडी – धर्म ।
उत्तर:
प्रसंग :- यह उद्धरण राहुल सांस्कृत्यायन के द्वारा लिखी गयी अथात घुमक्कड जिज्ञासा नामक यात्रा वृत्तांत है । वे पुरातत्व इतिहास के विशेष ज्ञाता रहे हैं और उनका यात्रा साहित्य आयन्त महत्वपूर्ण रहा है ।
सन्दर्भ :- लेखक इसमें घुमक्कडी प्रवृत्ति को सर्वश्रेष्ठ माना है और उसकी महानता को इसमें स्पष्ट करते हैं ।
व्याख्या :- अनेक धर्मावलम्बी बुद्ध, महावीर के साथ-साथ शंकराचार्य जी ने भी घुमक्कडी प्रवृत्ति का अनुकरण करने से ही महान बन गए । शंकराचार्य इतने महान थे कि उनको महान बनाने का श्रेय ब्रह्मा को नहीं घुमक्कडी धर्म को दिया जाता है। इसी प्रवृत्ति से उन्होंने अपने छोटे उम्र में ही अपने अनुयायियों को भी घुमक्कडी का पाठ पढाया ।

विशेषताएँ :-

  1. घुमक्कड धर्म को अपनाने का सन्देश लेखक देते हैं ।
  2. उनकी भाषा सरल खडीबोली है ।

(4) आंध्र प्रदेश धार्मिक रुप से संपन्न राज्य है ।
उत्तर:
प्रसंग :- यह वाक्य ‘आन्ध्र संस्कृति नामक पाठ से लिया गया है इसमें आन्ध्र संस्कृति पर विभिन्न रूपों में दृष्टि डाला गया है ।
सन्दर्भ :- आन्ध्र प्रान्त विभिन्न धर्मों का मिश्रित रूप है । इन सभी धर्मों से विकसित आन्ध्र राष्ट्र का चित्रण किया गया है ।
व्याख्या :- संस्कृति का मूल रूप धर्म में है । आन्ध्र प्रदेश धार्मिक रूप से एक संपन्न राज्य है यहाँ पर वैदिक, बौद्ध, जैन, अद्वैत, विशिस्टाद्वैत इस्लाम, ईसाई धर्म आदि धर्मों का विकास हुआ है। यहाँ पर अनेक जातियों और अलग-अलग संस्कृतियों का सहयोग दिखाई पडता है ।

विशेषताएँ :-

  1. आन्ध्र संस्कृति के विकास के प्रति ध्यान दिया गया है ।
  2. उनकी भाषा खडीबोली है ।

7. एक शब्द में उत्तर लिखिए (पद्यभाग ) ।

(1) कौन अपना पानी खुद नही पीती ?
उत्तर:
सरोवर

(2) माखनलाल चतुर्वेदी जी किसके जरिए अपनी देश भक्ति प्रकट कर रहे है ?
उत्तर:
फूल के जरिए

(3) ‘म्यान’ शब्द का अर्थ बताइए ?
उत्तर:
तलवार रखने का खाचा

(4) अकाल के समय घर पर खाने के लिए क्या नहीं आता ?
उत्तर:
अनाज

(5) भिक्षुक और उसके बालक किसके लिए भीख माँग रहे है ?
उत्तर:
भूख मिटाने के लिए

8. एक शब्द में उत्तर दीजिए (गद्यभाग) ।

(1) संस्कृति और सभ्यता शब्दों में अर्थ भेद बताइए ?
उत्तर:
संस्कृति अंतरिक आचरण से सम्बन्ध रखती है तो सभ्यता बाह्य आचरण से सम्बन्ध रखती है ।

(2) शिवाजी धन, धर्म तुलना में किसको अधिक महत्व देते है ?
उत्तर:
शील चरित्र को

(3) दुनिया के अधिकांश धर्मनायक कौन थे ?
उत्तर:
घुमक्कड थे ।

(4) पर्यावरण किन दो शब्दों से बना है ?
उत्तर:
परि, आवरण

(5) आन्ध्र प्रान्त के प्रसिद्ध वाग्गोयकार कौन थे ?
उत्तर:
अन्नमाचार्य, रामदास, त्यागराज

खण्ड – ‘ख’

9. निम्नलिखित में से कोई एक पत्र लिखिए :

नौकरी के लिए आवेदन पत्र लिखिए |
उत्तर:

नरसराव पेट,
दिनांक 17.07.2018.

प्रेषक :
वी. सहदेवी,
मकान नं. बी 185
एन.जी.वो. कॉलोनी,
नरसराव पेट – 522601.

सेवा में,
प्रधानाचार्य जी,
एस.के.बीर. आर. कॉलेज,
माचल

विषय : हिन्दी प्राध्यापक के लिए आवेदन पत्र |

संदर्भ : दैनिक ईनाडु में 20.6.2018 को प्रकाशित विज्ञापन |

दैनिक ईनाडु में प्रकाशित आपके विज्ञापन के द्वारा मुझे पता चला कि आपके कॉलेज में हिन्दी प्राध्यापक की नौकरी खाली है। इसके उत्तर में मैं आपना आवेदन पत्र आपकी सेवा में विचारार्थ भेज रही हूँ । आपसे प्रार्थना है कि मेरा आवेदन स्वीकार करें मेरे संबंध में विवरण साथ संलग्न
हैं ।

भवदीय,
वी. सहदेवी

संलग्न :

  1. दसवी कक्षा प्रमाण पत्र ।
  2. इंटरमीडियट प्रमाण पत्र |
  3. बी. ए. प्रमाण पत्र |
  4. एम. ए. प्रमाण पत्र ।
  5. चिकित्सा प्रमाण पत्र |
  6. अनुभव प्रमाण पत्र |
  7. यू.जी.सी. नेट प्रमाण पत्र |

अनुभव- मैं स्थानीय प्रभुत्व जूनियर कलाशाला में तीन वर्ष से हिन्दी प्राध्यापिका का काम कर रही हूँ | अंग्रेजी माध्यम से पढने वाले छात्रों के आवश्यकतानुसार मैं अंग्रेजी में भी समझा सकती हूँ ।

धन्यवाद !

हस्ताक्षर
वी. सहदेवी

(अथवा)

पुलिस स्टेशन के नाम शिकायती पत्र लिखिए ।

पिडुगुराला,
दिनांक 25.11.2018.

प्रेषक :
बी. सुरेश,
मकान नं. – 177
कस्तूरी नगर,
पिडुगुराल्ला – 522413.

सेवा में,
पुलिस इंसपेक्टर,
पुलिस थाना,
पिडुगुराल्ला – 522413,
महोदय,

निवेदन है कि कल रात हमारे घर में चोरी हुई है । आज सुबह हम गुंटुर से लौटे तो देखा कि घर का दरवाजा खुला पड़ा है हम बहुत भयभीत हुए घर के अंदर जाकर देखे तो पूरा सामान बिखरे पड़े हुए हैं । अलमारी का भी दरवाजा खुला पड़ा है । अलमारी में रखे पाँच हजार रूपये, सोने का हार तथा कुछ प्रमाण पत्र की चोरी की गयी है । इसलिए आपसे प्रार्थना है कि आप शीघ्रातिशीघ्र चोरों का पता लगाएँ और हमारी चीजों को दिलवाने की कृपा करें ।

आपका,
बी. सुरेश

10. किन्हीं पाँच (5) शब्दों के विलोम शब्द लिखिए ।

(1) अपराध × निरपराध
(2) एक × अनेक
(3) क्रय × विक्रय
(4) कर्म × अकर्म
(5) इधर × उधर
(6) ऊँचा × नीचा
(7) क्रोध × हँसी
(8) कुपुत्र × सुपुत्र
(9) घर × बाहर
(10) पक्ष × विपक्ष

(अथवा)

पुलिस स्टेशन के नाम शिकायती पत्र लिखिए ।
उत्तर:

पिडुगुराला,
दिनांक 25.11.2018.

प्रेषक :
बी. सुरेश,
मकान नं. – 177,
कस्तूरी नगर,
पिडुगुराल्ला – 522413.

सेवा में,
पुलिस इंसपेक्टर,
पुलिस थाना,
पिडुगुराल्ला – 522413,
महोदय,

निवेदन है कि कल रात हमारे घर में चोरी हुई है । आज सुबह हम गुंटुर से लौटे तो देखा कि घर का दरवाजा खुला पड़ा है हम बहुत भयभीत हुए घर के अंदर जाकर देखे तो पूरा सामान बिखरे पड़े हुए हैं । अलमारी का भी दरवाजा खुला पड़ा है। अलमारी में रखे पाँच हजार रूपये, सोने का हार तथा कुछ प्रमाण पत्र की चोरी की गयी है । इसलिए आपसे प्रार्थना है कि आप शीघ्रातिशीघ्र चोरों का पता लगाएँ और हमारी चीजों को दिलवाने की कृपा करें ।

आपका,
बी. सुरेश

10. किन्हीं पाँच (5) शब्दों के विलोम शब्द लिखिए ।

(1) अपराध × निरपराध
(2) एक × अनेक
(3) क्रय × विक्रय
(4) कर्म × अकर्म
(5) इधर × उधर
(6) ऊँचा × नीचा
(7) क्रोध × हँसी
(8) कुपुत्र × सुपुत्र
(9) घर × बाहर
(10) पक्ष × विपक्ष

AP Inter 1st Year Hindi Model Paper Set 9 with Solutions

11. किन्हीं पाँच शब्दों के समानार्थी शब्द लिखिए ।

(1) अलि = भौंश, भ्रमर, मधुप, मधुकर ।
(2) इन्द्र = देवराज, सुरेश, सुरेंद्र, सुरपति ।
(3) क्रोध = गुस्सा, रोष, आक्रोश, अमर्ष ।
(4) गंगा = देवनदी, सुरसरि, भगीरथी, जाह्नवी ।
(5) उन्नति = प्रगत, वकास, उत्थान, उत्कर्ष ।
(6) किरण = कर, मरीचि, रश्मि, अंशु ।
(7) राजा = नृप, नुपति, साम्राट, नरेश ।
(8) सेना = कंटक, दल, वाहिनी, फौज |
(9) नदी = सरिता, तटिनी, तरंगिणी, निर्भरिणी ।
(10) समुद्र = सागर, सिन्धु, रत्नाकर, जलधि ।

12. किन्हीं पाँच शब्दों की शुद्ध वर्तनी लिखिए ।

(1) भगीरथी – भागीरथी
(2) चरन – चरण
(3) पँख – पंख
(4) देनिक – दैनिक
(5) श्रंगार – श्रृंगार
(6) बन – वन
(7) दर्शनीयता – दर्शनीय
(8) नये – नए
(9) प्रात – प्रात
(10) अतह – अत:

13. किन्हीं पाँच शब्दों का अनुवाद हिन्दी में कीजिए ।

(1) Seminar – संगोष्टी
(2) Manager – प्रबंधक
(3) Cashier – रोकड़िया
(4) Arts – कला
(5) Maths – गणित
(6) Play ground – मैदान
(7) Peon – चपरासी
(8) Junior – कनिष्ठ
(9) Award – पुरस्कार योग्यता
(10) Accountant – खाता

14. कारक चिह्नों की सहायता से रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए ।

(1) रावण ____ राम ने विजय प्राप्त की ।
उत्तर:
रावण पर राम ने विजय प्राप्त की ।

(2) करण ____ बहन सुशीला है ।
उत्तर:
करण की बहन सुशीला है ।

(3) शेर जंगल ____ रहता है ।
उत्तर:
शेर जंगल में रहता है ।

(4) हम देश ______ मर मिटने को तैयार हैं ।
उत्तर:
हम देश केलिए मर मिटने को तैयार हैं ।

(5) रहीम _____ दोहे लिखे
उत्तर:
रहीम ने दोहे लिखे

15. सूचना के अनुसार वाक्य में परिवर्तन कीजिए ।

(1) आज माली नहीं आया । (रेखांकित शब्द का लिंग बदलकर लिखिए |)
उत्तर:
आज मालिन नहीं आथी ।

(2) दिल्ली की सड़क साफ है । (रेखांकित शब्द का वचन बदलकर लिखिए |)
उत्तर:
दिल्ली की सड़के साफ है ।

(3) राम सुपुत्र है | (रेखांकित शब्द में उपसर्ग क्या है ?)
उत्तर:
सु

(4) घर की बनावट सुन्दर है । (रेखांकित शब्द में प्रत्यय क्या है ?)
उत्तर:
आवट

(5) वे मैदान में खेलते हैं । (भविष्यत् काल में लिखिए |)
उत्तर:
वे मैदान में खेलेंगे ।

16. सुचना के अनुसार भाषा विभाग को पहाचानिए :

(a) प्रेमचन्द उपन्यास लिखते हैं । (इस वाक्य में संज्ञा क्या है)
उत्तर:
प्रेमचन्द्र

(b) आप इधर आइए । (इस वाक्य में सर्वनाम पहचानो)
उत्तर:
आप

(c) होशियार लड़का प्रथम आया । (इस वाक्य में विशेषण क्या है)
उत्तर:
होशियार

(d) शिवम नहा रहा है । (इस वाक्य में क्रिया शब्द क्या है)
उत्तर:
नहारहा

(e) वह काफी धनवान है । (इस वाक्य में क्रिया विशेषण पहचानकर लिखिए)
उत्तर:
काफी

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