AP Inter 1st Year Hindi Model Paper Set 2 with Solutions

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AP Inter 1st Year Hindi Model Paper Set 2 with Solutions

Time : 3 Hours
Max Marks : 100

सूचनाएँ :

  1. सभी प्रश्न अनिवार्य हैं ।
  2. जिस क्रम में प्रश्न दिये गये हैं, उसी क्रम से उत्तर लिखना अनिवार्य है ।

खण्ड – ‘क’
(60 अंक)

1. जाति न पूछो साधु की, पूछ लीजियो ग्यान ।
मोल करो तरवार का पडी रहन दो म्यान ॥
उत्तर:
प्रसंग :- यह दोहा कबीरदास के द्वारा लिखी गयी ‘साखी’ नामक रचना से लिया गया है । वे निर्गुणशाखा के अन्तर्गत ज्ञानमार्ग शाखा से संबंधित सन्त कवि थे ।
संदर्भ :- इसमें कवि जातिपांति के भेदभाव का खंडन कर रहे हैं ।
व्याख्या:- कवि का कहना है कि यदि कोई साधू हमें मिल जाय, तो उसकी जाति के बारे में मत पूछो । उसके ज्ञान के बारे में पूछो । जिस प्रकार तलवार को खरीदते समय उसकी म्यान को नंही उसकी धार के बारे में देखना है । उसी प्रकार साधु की जाति के बारे में नहीं, उसके ज्ञान के बारे में देखना चाहिए ।

विशेषताएँ :-

  1. कवि साधु की महानता के बारे में कह रहे हैं ।
  2. उनकी भाषा सदुक्कडी है ।

अथवा

रहिमन देखि बडेन को, लघु न दीजिए डारि ।
जहाँ काम आवै सुई, कहा करै तरवारि ॥
प्रसंग :- यह दोहा रहीम के द्वारा लिखी गयी दोहावली से लिया गया है । वे भक्तिकाल से सम्बन्धित कृष्ण भक्त कवि थे ।
संदर्भ :- इसमे कवि सबको समान रूप में देखने का सन्देश दे रहे है।
व्याख्या :- रहीम का कहना है कि बडे लोगों को देखकर छोटे लोगों की उपेक्षा मत करो । जिसप्रकार कपडे सिलाने के लिए छोटी सुई की ही जरूरत होती है । वहाँ तलवार से काम नही चलता । उसी प्रकार कभी-कभी छोटे लोगों से होने वाले काम बड़े लोगों से नही हो सकते ।

विशेषताएँ :-

  1. इसमें कवि छोटे-बडे भेदभाव को दूर करने का उद्देश दे रहे हैं ।
  2. उनकी भाषा व्रज भाषा है ।

2. कविता का सारांश लिखिए ।

1) फूल की चाह
उत्तर:
कवि परिचय :- माखनलाल चतुर्वेदी का जन्म सन् 1889 मे बाबई, होशंगाबाद मध्यप्रदेश मे हुआ | वे एक भारतीय आत्मा के रूप मे प्रसिद्ध थे । उनकी रचनाओं मे राष्ट्रीयता और देश भक्ति स्पष्ट झलकती है । उनहें कवि और राष्ट्र सेवी के रूप मे सम्मान प्राप्त हुआ । हिमकिरीटिनी, हिमतरंगिणी, माता, युगचरण, मरण ज्वर आदि उनकी प्रसिद्ध रचनाएँ है। उनकी मृत्यु सन् 1968 मे हुई । प्रस्तुत ‘फूल की चाह कविता मे कवि फूलों के द्वारा अपनी देश भक्ति और जीवन के लिए कुछ लक्ष्य रखने का सन्देश दे रहे हैं ।

सारांश :- कवि फूलो के द्वारा अपनी इच्छा व्यक्त कर रहे है कि मुझे देवताओं के गले मे गहनों के बीच गूंध जाने की इच्छा नहीं है । प्रियतम के हाथो मे माला बनकर प्रेयसी को ललकारने की इच्छा नहीं है । बडे-बडे लोगों के शवों पर माला बनकर पडने की इच्छा भी नही है । ईश्वर के सिर पर चढकर अपने भाग्य पर घमंड करने की भी इच्छा नही है पर हे वनमाली ! मुझे अवश्य तोड लो | देश के लिए बलिदान देने वाले वीर जिस मार्ग मे चलते है उनके जाने के रास्ते पर मुझे फेंक दो। क्योंकि मै उनके चरणो के स्पर्श से पवित्र हो जाऊँगी और उनके चरणों को आराम पहुँचा दूँगी ।

इस प्रकार कवि फूलो के द्वारा अपनी देशभक्ति भावना, देश के लिए मर मिटने वाले वीरो के प्रति गौरव और जीवन के लिए कुछ-न-कुछ लक्ष्य रखने का सन्देश दे रहे हैं। उनकी भाषा सरल ‘खड़ी बोली है ।

2) अकाल और उसके बाद
उत्तर:
कवि ने इस्के अकाल के समय और अकान के बाद की स्थिती को दो पद्यों के द्वारा विस्तार रूप मे वर्णन किया । अकाल के समय मे घर पर खाने के लिए अनाज का अभाव है इसलिए कई दिनो से जला और अनाज के अभाव से आठा न पीसने के कारण चक्की के भी काम नही किया । चूहे चूल्हा न जलने से घर का एक का अंख वाला कुत्ता उसी के पास सो रही है । खाना न मिलने से सारा घर और आदी जन्तुएँ भी उदास है । घर के लोग उदास से एक बैठे हुए है । और दीवार पर छिपकलियाँ गस्ती देखे हैं । कई दिनों से अकाल से पीडित होते वाले घरों में अनाज न मिलने से चूहो की स्थिति भी बडी दयनीय थी ।

अब अकाल चल गया | बहुत दिनों के बाद घर मे अनाज आया । चूल्हे जलने से घर के आंगन मे धुँआ उठा । घर के सभी लोगो की आँखों में चमक उठी अर्थात सब लोगों मे असाह भर गया । भोजन के बाद केंके हुए अन्न से अपने पेट भरने की आशा से काँठा भी पंख खुजलाकर इत्तर इन्तजार कर रही हैं ।

इस्प्रकार कवि ने अकाल से पीडित जनता की दयनी स्थिति और बाद की स्थिति का मार्मिक रूप से चित्रण किया है। अकल की दुस्थिति केवल लोंगों पर ही नहीं बल्कि उनके चारों ओर वातारिण को किस प्रकार प्रभावित करती है, उस्का स्पश्ट चित्रण किया है । उनकी भाषा सरल खडी बोली है।

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3. किसी एक पाठ का सारांश लिखिए ।

1) अभतो घुमक्कड जिज्ञासा
उत्तर:
शास्त्रों मे व्यक्ति और समाज के लिए जिज्ञासा को हितकारी माना गया है। लेकिन लेखक के अनुसार घुमक्कडी से अधिक सर्वश्रेष्ठ वस्तु समाज के लिए और कोई नही है । प्राकृतिक आदिम मनुष्य परम घुमक्कड था जिस ने आज की दुनिया को बनाया है । आदिम घुमक्कडों में से आयों, शको और हूणों ने अपने शूनी पथों द्वारा मानवता के पथ को प्रशस्त किया । मंगोल घुमक्कडों के द्वारा वैज्ञानिक युग का आरम्भ हुआ ।

कोलम्बस और वास्को-डि-गामा अपनी घुमक्कडी प्रकृति से अमेरिका पर झंडी गाडकर पश्चिमी देशो को आगे बडाया । सदियों पहले चीन और भारत घुमक्कड धर्म से विमुख रहने से ही आस्ट्रेलिया की अपार संपत्ति और अपार भूमि से वंचित रहे ।

दुनिया के अधिकांश धर्मनायक घुमक्कड थे । धर्माचार्यों में आचार-विचार, बुद्धि और तर्क तथा सहृदयता से सर्वश्रेष्ट बुद्ध घुमक्कड राजा थे । बुद्ध ने सिर्फ पुरुषों के लिए घुमक्कडी करने का आदेश नहीं दिया, बल्कि स्त्रियों के लिए भी यही उपदेश उन्होंने दिया ।

जैन धर्म भी प्राचीन धर्म है जिसके श्रमण महावीर भी प्रथम श्रेणी के घुमक्कड थे । वे आजीवन घूमते ही रहे । शंकराचार्य जो साक्षात् ब्रह्मस्वरूप थे, जिन्हे बडा बनानेवाला धर्म यही घुमक्कडी धर्म था । अपने थोडे से जीवन मे उन्होंने तीन भाष्य भी लिखे और अपने आचरण से अनुनायियों को घुमक्कडी पाठ भी पढाया । रामानुज, माध्वाचार्य जैसे धार्मिक अनुयायी अपनी धार्मिक पाखण्डता से दूसरी श्रेणी के घुमक्कड बन गए । इसलिए शैव हो या वैष्णव, वेदान्ती हो या सदान्ती, सभी को केवल घुमक्कडी धर्म ने ही आगे बढाया ।

गुरूनानक, स्वामी दयानन्द, अपनी घुमक्कडी धर्म से ही महान बन गए । बीसवी शताब्दी में भारत देश में अनेक धार्मिक सम्प्रदायों का आना-जाना हो गया । जैसे यहूदी, मारवाडी जैसे लोग अपनी हस घुमक्कडी धर्म से केवल व्यापार कुशल, उद्योग – निष्णात ही नही बल्कि विज्ञान, दर्शन, साहित्य, संगीत सभी क्षेत्रों को आगे बढ़ाया ।

इस प्रकार घुमक्कड होना आदमी के लिए परम सौभाग्य की बात है । घुमक्कडी के लिए चिन्ताहीन होना और चिन्ताहीन के लिए घुमक्कडी होना आवश्यक है । जाति का भविष्य घुमक्कडी पर निर्भर करता है । घुमक्कडी की गति को रोकनेवाला इस दुनिया में कोई नहीं है | सभी को घुमक्कड़ की दीक्षा लेनी चाहिए ।

इस प्रकार निबन्धकार इसमें कहते है कि दुनिया मे मनुष्य जन्म एक ही बार होता है और जवानी भी केवल एक ही बार आती है। इसलिए साहसी स्त्री और पुरुष दोनों को घुमक्कड धर्म को स्वीकारना चाहिए । उनकी भाषा शुद्ध खडी बोली है ।

2) शिवाजी का सच्चा स्वरूप
उत्तर:
शिवाजी मराठा शासक थे । एक बार सेनापति मोरोपंत पिंगले के नेतृत्व में शिवाजी की सेना ने कल्याण प्रान्त पर आक्रमण किया था । उस किले के सूबेदार अहमद को परास्त कर वहाँ के खजाने को लूटा था । साथ-साथ सुबेदार की पुत्रवधू को भी बन्दी बनाया गया था ।

सुबेदार अहमद की पुत्रवधू बडी सुन्दरी थी । जब वह भेंट के रूप मे प्रस्तुत की गई, तो शिवाजी बहुत हैरान हो गये । उसमें उन्हे बहुत दुख हुआ । ‘माँ’ के रूप में उसको सम्बोधित करते हुए शिवाजी ने अपने सेना द्वारा किये गये इस घृणित कार्य के लिए उससे क्षमा मांगी और कहा कि उसकी खूबसूरती की मात्र पूजा कर सकते है। अहमद की पुत्रवधू को सादर उसके शौहर के पास पहुँचाकर शिवाजी ने यह घोषणा की कि भविष्य में यदि कोई ऐसा कार्य करेंगे तो उन्हे मृत्यु दंड दिया जायेगा ।

इस प्रकार यह एक ऐतिहासिक एकांकी है। इसमें नाटक की तरह पात्र तथा चरित्र चित्रण, वार्तालाप आदि का चित्रण किया गया है एकांकी का नायक शिवाजी के चरित्र को महान और नारी के प्रति सम्मान रखने के रूप में दर्शाया गया है । उनकी भाषा सरल और सुबोध है ।

4. किसी एक कहानी का सारांश लिखिए ।

1) पूस की रात
उत्तर:
हल्कू एक निर्धन किसान था । मुन्नी उसकी पत्नी थी । हल्कू खेती करता था । किन्तु उसकी उपज इतनी नहीं होती कि उसे बेचकर साहूकार का ऋण चुका सके। सर्दी से बचने के लिये वह एक कम्बल खरीदना चाहता था । इसके लिये उसने पत्नी के पास तीन रूपये जमाकर रखे । लेकिन साहूकार से तुरंत बचने के लिए उसने उन तीन रूपयों को उसे दे दिया । पूस की थी । हल्कू खेती की रखवाली करने गया था ।

कड़ी सर्दी थी । वह काँपने लगा । उसके पास का चांदर उसे बचा न सकता था । सर्दी से बचने या गर्माई पाने वह बार बार तमाखू पीता रहा । आखिर विवश होकर अपने कुत्ता ‘जबरा’ को उठाकर गोद में सुलाया । इससे कुछ गर्मी मिल रही थी ।

इस बीच नील गायों ने चरकर खेत साफ कर दिया । किन्तु वह उठ न सका । दूसरे दिन वह खुश इसलिए रहा कि अगले दिन से रखवाली केलिये आने की जरूरत नहीं थी ।

साहूकारों से, एवं जमींदारों से पीडित किसानों की दयनीय स्थिति, आर्थिक विषमता, शोषण और उसके दुष्परिमाणों को प्रकाश में लाना ही उनका उद्देश्य है ।

2) परमात्मा का कुत्ता ।
उत्तर:
‘परमात्मा का कुत्ता’ मोहन राकेश की प्रसिद्ध कहानियों में से एक है। इसमें आप सरकारी दफ़्तरों में व्याप्त लालफीता शाही, भ्रष्टाचार तथा उदासीनता का सजीव चित्रण करते हैं ।

कहानी के आरंभ में एक सरकारी दफ्तर के परिसर का चित्रण किया गया। वहाँ कई लोग अपनी फाइलों का काम पूरा होने की आशा रखकर इंतजार कर रहे होते हैं । उनमें बाल-बच्चे, बूढ़े, निस्सहाय बहुत होते हैं, किन्तु वहाँ के कर्मचारियों पर इनकी स्थितिगतियों का कोई प्रभाव नहीं रहता । एक बूढ़ी अपने मरे हुए बच्चे को मिली ज़मीन के बारे में पूछती है किन्तु उसका जवाब देनेवाला कोई नहीं है। सभी कर्मचारी अपने में मस्त और इन लोगों के प्रति उदासीन रहते हैं । कुछ सरकारी बाबू कविता – ग़जलें आदि सुनने-सुनाने में मग्न हैं तो कुछ कर्मचारी मजे में बातें करते रहते हैं । कई लोग चाय पीते रहते हैं । फाइलों का काम उन्हीं का जल्दी होता है जो इन लोगों को कुछ पैसे घूस के रूप में देते हों। इन सबके ऊपर अधिकारी जो कमीशनर साहब हैं वे भी कुछ दस्तख़त करके मैगजीन वगैरा पढ़ने में व्यस्त रहते ।

ऐसे में एक अधेड़ आदमी अपनी भाभी और बच्चों के साथ दफ़्तर के परिसर में प्रवेश करता है। आते ही वह अपनी पगड़ी जमीन पर बिछाकर परिवार सहित बैठ जाता है और ऊँची आवाज से कहने लगता है कि सरकार इतने सालों से उसकी अर्जी पर फैसला नहीं ले सकी । वह पाकिस्तान से आया हुआ भारतीय है और उसके कुछ रिश्तेदार अभी पाकिस्तान में ही हैं । उसके पुनरावास की समस्या हल नहीं हुई । सात वर्ष घूमने के बाद ज़मीन के रूप में नालायक गड्ढा मिला । उसने अर्जी रखी कि उस गड्ढे के बदले थोड़ी कम ज़मीन ही क्यों न हो, अच्छी दिलवायें । उसके अर्जी रखे दो साल बीत गये किन्तु सरकार का फैसला अब तक नहीं हुआ। वह सरकार की कार्रवाई से ऊब जाता है और आज सीधे कार्यालय में घुस पड़ता है कि काम करके ही वापस जाऊँगा । वह कहता है कि कर्मचारियों ने उसका नाम भी बदल डाला अब वह ‘बारह सौ छब्बीस बटा सात’ है क्योंकि वही उसकी फाइल का नंबर है । धीरे-धीरे सबका ध्यान उस पर जाने लगता है और चरपासी उसे बाहर निकालने की कोशिश करता है । इतने में वह अचानक सरकारी कर्मचारियों को ‘कुत्ता साला’ कहते हुए गाली देने लगता है ।

वह इसका विवरण भी प्रस्तुत करता है कि सरकारी कर्मचारी सब के सब कुत्ते हैं जो आम लोगों की हड्डियाँ चूसते हैं और सरकार की तरफ से भौंकते हैं। पर वह तो परमात्मा का कुत्ता है जो परमात्मा की तरफ से भौंकता है । परमात्मा का कर्तव्य है इन्साफ़ ( न्याय) की रक्षा करना । अतः वह आज भौंककर इन सरकारी कुत्तों के कान फाड़ देगा । यह शोर-शराबा सुनकर कुछ सरकारी बाबू बाहर आते हैं और उसे शांत करने की कोशिश करते हैं । एक बाबू कहता है कि उसका काम ‘तकरीबन’ (लगभग) हो गया । पर अधेड़ व्यक्ति मानता नहीं और कहता है कि यदि आज उसका काम पूरा नहीं हुआ तो वह नंगा होकर कमीशनर साहब के पास जाएगा । धमकी के तौर पर वह अपनी कमीज़ भी उतार देता है जिससे वहाँ के सब कर्मचारी डर जाते हैं । कमीशनर साहब बाहर आते हैं और उसे लेकर कार्यालय के अपने कमरे में जाते हैं। आधे घण्टे में अधेड़ व्यक्ति का काम हो जाता है। अधेड़ आदमी विजयगर्व से बेताज बादशाह की तरह अकड़कर (రొమ్ము విరుచుకుని) बाहर आता है । वह बाहर इंतजार करते लोगों से कहता है कि ‘इस तरह चूहों की तरह रहने से काम नहीं बनेगा, जागो-भौंको और इनके कान फाड़ दो’ । अधेड़ आदमी के व्यवहार से स्पष्ट होता है कि भद्र व्यवहार से सरकार ही नींद नहीं खुलेगी, बेहयाई (నిస్సిగ్గుగా వ్యవహరించుట) से ही सरकारी दफ़्तरों में काम होता है ।

इस कहानी में समाज की वास्तविक परिस्थितियों का चित्रण किया गया । कहानी की पृष्ठभूमि सरकारी कार्यालय है । ‘कुत्ता एवं भौंकना’ मात्र प्रतीक हैं । इन दोनों शब्दों के लिए ‘जागरूक’ तथा ‘सचेत कार्यवाही’ के अर्थ लेने चाहिए । मोहन राकेश इस कहानी के द्वारा बताते हैं कि जनता जब सचेत बनेगी तभी भ्रष्टाचारों का नाश होगा ।

दुःख की बात यह है कि आज भी सरकारी कार्यालयों की कार्यवाही में इस कहानी से भिन्न आचरण दिखाई नहीं पड़ता ।

5. निम्नलिखित दो पद्यांशों की संदर्भ सहित व्याख्या कीजिए :

(1) चाह नहीं, मैं सुरबाला के गहनों में गूँथा जाऊँ,
चाह नहीं प्रेमी माला में बिंध प्यारी को ललचाऊँ,
चाह नही सम्राटों के शव पर हरि डाला जाऊँ,
चाह नही देवों के सिर पर चढूँ भाग्य पर इठलाऊ |
उत्तर:
प्रसंग :- यह पद्य ‘फूल की चाह’ नामक कविता से लिया गया है । यह कविता माखनलाल चतुर्वेदी के द्वारा लिखी गई है । वे भारतीय आत्मा के रूप से प्रसिद्ध है ।
सन्दर्भ :- इस में कवि एक फूल की इच्छा के द्वारा अपनी भावनाओं को व्यक्त कर रहे हैं ।
ब्याख्या :- एक फूल के माध्यम से कवि अपनी इच्छा व्यक्त कर रहा है कि मुझे देवताओं के गहनों में गूँथ जाने की इच्छा नहीं है । अर्थात देवताओं के गले में माला बनने की इच्छा नही हैं। प्रियतम के हाथो में माला बनकर प्रेयसी को ललकारने की इच्छा नही है । सम्राटों के शवो पर पुष्प माला बनने की चाह नही है और देक्ता ईश्वर के सिर पर चढकर अपने भाग्य पर घमंड करने की इच्छा भी मूझे नही है । अर्थात यहां फूल अपने जीवन के लिए कुछ-न-कुछ विशेषता होने की मांग कर रहा है ।

विशेषताएँ :-

  1. इसमें जीवन के लिए कुछ ऊँचे उमंग रखने की इच्छा फूल के द्वारा व्यक्त कर रहे है ।
  2. उनकी भाषा सरल खड़ीबोली है ।

2) दाता – भाग्य विधाता से क्या पाते ।
घूँट आसूओं के पीकर रह जाते ।
चाट रहे है जूठी पत्तल कभी सड़क पर खड़े हुए
और झपट लेने को उनसे कुत्ते भी हैं अडे हुए ।
उत्तर:
प्रसंग :- यह पद्य निराला जी के द्वारा लिखी गयी ‘भिक्षुक’ नामक कविता से लिया गया है वे छायावादी कवि है ।
सन्दर्भ :- इसमें एक भिखारी और उसके दो बच्चों की दयनीय स्थिति का वर्णन किया गया है ।
व्याख्या :- एक भिक्षुक रास्ते पर आ रहा है और उसके साथ दो बच्चे भी है । वे अपने बाए हाथ से अपने भूखे पेट को मल रहे है और दाहिने हाथ से दया की भीख माँग रहे है। भूख के कारण उनके ओठ सूख गए है । अपने भाग्य के लिए वे तडप रहे है । सडक पर जूठी पत्तल चाटने के लिए भी उनके पहले ही कुत्ते उन पत्तलों को लपटने के लिए वहाँ खडे हो रहे है ।

विशेषताएँ :-

  1. शोषित वर्ग के प्रति कवि की सहानुभूति व्यक्त होती है ।
  2. इसके कवि की प्रगतिवादी धारणा स्पष्ट होती है ।
  3. उनकी भाषा शुद्ध खडीबोली है ।

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3) सुख दुःख के मधुर मिलन से
यह जीवन हो परिपूरन,
फिर घन में ओझल हो राशि,
फिर शशि से ओझल हो घन.
उत्तर:
प्रसंग :- यह पद्य सुमित्रानंदन पंत के द्वारा लिखी गयी ‘सुख-दुख’ नामक कविता से लिया गया है । वे प्रकृति का सुकुमार कवि कहे जाते है |
सन्दर्भ :- इसमें कवि सुख-दुख को समान रूप में स्वीकार करने की बात कह रहे हैं । व्याख्या :- कवि का कहना है कि सुख और दुख को समान रूप से स्वीकारने से ही जीवन परिपूर्ण होता हैं । जिसप्रकार आकाश में कभी बादलों के पीछे चाँद और चाँदनी मे बादल ओझल हो जाते हैं उसी प्रकार सुख और दुख दोनों का आना जाना भी स्वाभाविक है

विशेषताएँ :-

  1. जीवन के लिए सुख और दुख होने का आवश्यकता के बारे में कवि कह रहे हैं ।
  2. उनकी भाषा खडीबोली हैं ।

4) दाने आए घर के अंदर कई दिनों के बाद ।
धुआँ उठा आँगन के ऊपर कई दिनों के बाद ||
चमक उठीं घर भर की आँखे कई दिनों के बाद ।
कौए ते खुजलाई पाँखे कई दिनों के बाद ||
उत्तर:
प्रसंग :- यह पद्य को नागार्जुन द्वारा लिखे गयी अकाल और उसके बाद कविता से लिया गया है । वे प्रगतिवादी कवि थे और आधुनिक कबीर से प्रसिद्ध थे ।
सन्दर्भ :- अकाल समाप्त होने के बाद जिसप्रकार की रोशनी घर के चारो ओर दिखाई पडती है, उसका मार्मिक चित्रण इसमें मिलता है ।
व्याख्या :- अकाल के बाद अनाज घर को आया । खाना पकाने के लिए घर मे चूहा जलाया गया। इस खुशी मे घर के सारे लोगों के मन उत्साह से भर गया । भोजन के बाद केंके हुए अन्न से पेट भरने की आशा मे कौए भी पँस खुजलाकर इन्तजार कर रही है ।

विशेषताए :-

  1. कवि की प्रगतिवादी धारणा का चित्रण हो रहा है ।
  2. उनकी भाषा सरल खडीबोली है ।

6. निम्नलिखित किन्हीं दो गद्यांशों की संदर्भ सहित व्याख्या कीजिए :

1) ओजोन की सुरक्षात्मक परत को नुकसान होने से उससे निकलनेवाली किरणों से त्वचा को हानि होने लगी है और त्वचा कैंसर जैसी बीमारियों का जन्म हो रहा है ।
उत्तर:
प्रसंग :- यह संदर्भ पर्यावरण और प्रदूषण नामक लेख से लिया गया है ।
सन्दर्भ :- ओजोन परत के प्रति वैज्ञानिक दृष्टि कोण इसमें वर्णन किया गया है ।
व्याख्या :- ओजोन जो पृथ्वी का सुरक्षा कवच है जो कास्मिक विकिरणों से हमें सुरक्षा देती है । लेकिन आज पर्यावरण प्रदूषण से आजोन की सुरक्षात्मक परत को नुकसान हो रहा है और उससे निकल वाली कास्मिक विकिरणों से त्वचा को हानि पहुँच रही है। इससे त्वचा कैंसर जैसी बीमारियाँ हो रही हैं ।

विशेषताएँ :-

  1. पर्यावरण प्रदूषण के बारे में लेखक कह रहे है ।
  2. उनकी भाषा सरल है ।

2) सम्पूर्ण भौत्कि कोश में आप अकेले जर्मन लेखक नही थे ।
उत्तर:
प्रसंग :- यह उद्धरण ‘चन्द्रशेखर वेंकटरमन् नामक जीवनी से लिया गया वे बडे वैज्ञानिक तथा राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय सम्मानों से प्रतिष्ठित थे ।
सन्दर्भ :- चन्द्रशेखर वेंकटरामन् अनुसंदान के क्षेत्र में कितने महान थे, उसका उदाहरण सहित वर्णन किया गया है ।
व्याख्या :- कलकत्ते के भारत परिषद की प्रयोगशाला में ध्वनि के कम्पन और कार्यों का सिद्धांत पर अनुसंधान किया । उन्हें वाद्यों की भौतिकी का इतना गहरा ज्ञान था। जर्मनी में प्रकाशित बीस खण्डों वाले भौतिकी विश्वकोश के खण्ड के लिए उनसे वाद्ययंत्रों की भौतिकी का लेख तैयार करवाया गया । सम्पूर्ण भौतिक कोश केवल चन्द्रशेखरन जी का लेख छोडकर अन्य सभी लेख जर्मन लेखक के ही थे । इतना सम्मान चन्द्रशेखरन जी को प्राप्त हुआ ।

विशेषताएँ :-

  1. वैज्ञानिक चन्द्रशेखर वेंकटरामन् की महानता का परिचय हमें मिलता है ।
  2. भाषा सरल है |

3) आंध्रप्रदेश धार्मिक रूप से संपन्न राज्य है ।
उत्तर:
प्रसंग :- यह वाक्य ‘आन्ध्र संस्कृति नामक पाठ से लिया गया है इसमें आन्ध्र संस्कृति पर विभिन्न रूपों में दृष्टि डाला गया है ।
सन्दर्भ :- आन्ध्र प्रान्त विभिन्न धर्मों का मिश्रित रूप है । इन सभी धर्मों से विकसित आन्ध्र राष्ट्र का चित्रण किया गया है |
व्याख्या :- संस्कृति का मूल रूप धर्म में है । आन्ध्र प्रदेश धार्मिक रूप से एक संपन्न राज्य है यहाँ पर वैदिक, बौद्ध, जैन, अद्वैत, विशिस्टाद्वैत इस्लाम, ईसाई धर्म आदि धर्मों का विकास हुआ है । यहाँ पर अनेक जातियों और अलग-अलग संस्कृतियों का सहयोग दिखाई पडता है ।

विशेषताएँ :-

  1. आन्ध्र संस्कृति के विकास के प्रति ध्यान दिया गया है ।
  2. उनकी भाषा खडीबोली है ।

4) जिस जाति था देश ने इस धर्म को अपनाया, वह चारों फलों का भागी हुआ और जिसने इसे दुराया, उसकेलिए नरक में भी ठिकाना नहीं ।
उत्तर:
प्रसंग :- यह उद्धरण राहुल सांस्कृत्यायन के द्वारा लिखी गयी अथातो घुमक्कड जिज्ञासा नामक यात्रा वृत्तांत है । वे पुरातत्व इतिहास के विशेष ज्ञाता रहे हैं और उनका यात्रा साहित्य अत्यन्त महत्वपूर्ण रहा है।
सन्दर्भ :- लेखक इसमें घुमक्कडी प्रवृत्ति को सर्वश्रेष्ठ माना है और उसकी महानता को इसमें स्पष्ट करते हैं ।
व्याख्या :- समाज कल्याण के लिए घुमक्कड धर्म आवश्यक चीज है । जिस देश या जाति घुमक्कड धर्म को अपनाती है तो उज्वल भविष्य को प्राप्त कर लेती है यदि घुमक्कड प्रकृति से दूर तो जाते है तो भविष्य अंधकारमय होता है । घुमक्कड धर्म का अनुसरण करने से देश की उन्नति होती है ।

विशेषताएँ :-

  1. घुमक्कड धर्म को अपनाने का सन्देश लेखक देते हैं ।
  2. उनकी भाषा सरल खडीबोली है ।

7. एक शब्द में उत्तर लिखिए ।

(1) कबीर की भाषा क्या थी ?
उत्तर:
सधुक्कड़ी

(2) “फूल की चाह में कवि किसके द्वारा अपनी देशभक्ति प्रकट कर रहे है ?
उत्तर:
फूल के द्वारा

(3) “सुजान” शब्द का अर्थ क्या है ?
उत्तर:
सज्जन

(4) सुख दुख कविता के कवि कौन है ?
उत्तर:
सुमित्रानंदन पंत

(5) भिक्षुक के साथ कौन हाथ फैलाकर भीख माँग रहे हैं ?
उत्तर:
उसके दो बच्चे

8. एक शब्द में उत्तर लिखिए | ( Prose)

(1) भारतीय संस्कृती का सौन्दर्य बोध किस से अविच्छिन्न सबन्ध से जुडा हुआ है ?
उत्तर:
नारी रूप से

(2) चंद्रशेखर वेकंटरामन की मृत्यु कब हुई ?
उत्तर:
1970 में

(3) जैविक पदार्थ के कुछ उदाहरण लिखिए ?
उत्तर:
पेड़, पशु-पक्षी, मानव

(4) आन्ध्र प्रान्त में मनाये जाने वाले कुछ त्योहारों के नाम बताओ ?
उत्तर:
उगादि, संक्रांति, विनायक चविति, दीपावली, रमजान, क्रिसमस

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(5) किस किस ने घुमक्कड प्रवृत्ति से ज्ञान का विकास किया ?
उत्तर:
बुध्द, जैनमहावीर, शंकराचार्य

खण्ड – ‘ख’
(40 अंक)

9. निम्नलिखित में से कोई एक पत्र लिखिए :
पुस्तक विक्रेता के नाम पर पत्र लिखिए ।
उत्तर:

नागार्जुन सागर,
दिनांक 23.02.2018.

प्रेषक :
वी. मोनिका सहानी,
इंटर प्रथम वर्ष,
मकान नं. बी – 832
नागार्जुन सागर,

सेवा में,

व्यवस्थापक,
लोकमान्य हिन्दी बुक सेंटर,
एल्लुरु रोड, गवर्नरपेट,
विजयवाडा – 2.

मान्यवर महोदय,

कृपया निम्नलिखित हिन्दी पाठ्य पुस्तकों को वी. पी. पी. के द्वारा यथाशीघ्र भेजने का कष्ट करें । अग्रिम राशि के रूप में रू 500/- भेज रही हूँ आपकी ओर से उचित कमीशन मिलने की आशा है ।

  1. साहित्य परिमल – 5 प्रतियाँ
  2. कथा कुंज – 5 प्रतियाँ
  3. हिन्दी व्याकरण – 5 प्रतियाँ
  4. हिन्दी पत्र लेखन – 5 प्रतियाँ

धन्यवाद !

भवदीय
वी. मौनिका सहानी.

अथवा

नगर पालिका के नाम पर एक शिकायती पत्र लिखे ।
उत्तर:

कर्नूलु,
दिनांक 19.11.2018.

सेवा में,
सवास्थय अधिकारी,
नगरपालिका,
कर्नूलु ।

आदरणीय महोदय,

विषय : नंदन कालनी की सफाई के संबंध में ।

मान्यवर महोदय,

मैं कर्नूलु नगरपालिका के नंदन कालनी का निवासी हूँ । आपसे विनम्र निवेदन है कि गत तीन हफ्तों से हमारे मुहल्ले में सफाई कर्मचारी नहीं आ रहे हैं । अतः स्थिति बहुत खराब हो गयी है और कचरे के ढेर यहाँ-वहाँ जमा होते जो रहे हैं। दो दिन पहले हुई लगातार बारिश के कारण मच्छर बहुत फैल चुके हैं। सफाई निरीक्षकों से कई बार अनुरोध करने पर भी कोई प्रयोजन नहीं है | अतः आपसे अनुरोध है कि यथाशीघ्र उक्त विषय में कार्यवाही करें तथा हमारे मुहल्ले की सफाई करवायें । अन्यथा यहाँ कई बीमारियाँ फैलने की आशंका है ।
धन्यवाद ।

आपका विनीत,
सुजन रंजन आचार्य ।

10. किन्हीं पाँच (5) शब्दों के विलोम शब्द लिखिए ।

1) कृतज्ञ × कृतघ्न
2) कीर्ति × अपकीर्ति
3) आथ × व्यथ
4) आकाश × पाताल
5) क्रेता × विक्रेता
6) गौण × प्रधान / मुख्य
7) रक्षक × भक्षक
8) सेवक × स्वामी
9) स्वतंत्र × परतंत्र
10) वीरता × कायरता

11. किन्हीं पाँच (5) शब्दों के समानार्थी शब्द लिखिए |

1) ईश्वर – ईश, परमात्मा, प्रभु, भगवान
2) औरत – स्त्री, नारी, महिला, कामिनी
3) नदी – सरिता, तटिनी, तरंगिणी, निर्झरिणी
4) माता – माँ, अम्बा, जननी, जन्मधात्री
5) हाथी – गज, करि, द्विप, कुंजर
6) राजा – नृप, नृपति, सम्राट, नरेश
7) घर – गृह, भवन, निकेतन, आलय
8) मछली – मीन, मकर, मत्स्य
9) सरस्वती – शारदा, वीणापाणि, भारती, वाणी
10) सूर्य – दिनेश, दिनकर, भानु, रवि, भास्कर

12. किन्हीं पाँच (5) शब्दों की शूद्ध वर्तनी लिखिए ।

(a) रामायन – रामायण
(b) चन्दर – चंद्र
(c) रिषि – ऋषि
(d) उतपात – उत्पात
(e) बन – वन
(f) ग्यापन – ज्ञापन
(g) इस्कूल – स्कूल
(h) धोका – धोखा
(i) देस – देश
(j) लछमी – लक्ष्मी

13. किन्हीं पाँच (5) शब्दों का अनुवाद हिन्दी में कीजिए ।

a) Admission Test – प्रवेश परीक्षा
b) Lecturer – प्रध्यापक
c) Clerk – लिपिक
d) Space – अंतरिक्ष
e) Arts – कला
f) Governor – राज्यपाल
g) Valley – घाट
h) Constitution – संविधान
i) Nurse – परीचालिका
j) Commerce – वाणिज्य

14. कारक चिह्नों की सहायता से रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए ।

(1) मै भारत ____ निवासी हूँ ।
उत्तर:
मै भारत का निवासी हूँ ।

(2) राम गोपाल ____ होशियार है ।
उत्तर:
राम गोपाल से होशियार है ।

(3) ये शीला ____ बच्चे हैं ।
उत्तर:
ये शीला के बच्चे हैं ।

(4) हम रेलगाड़ी ____ बैठे हैं ।
उत्तर:
हम रेलगाड़ी में बैठे हैं ।

(5) तुम ____ यह क्या काम कर दिया ?
उत्तर:
तुम ने यह क्या काम कर दिया ?

AP Inter 1st Year Hindi Model Paper Set 2 with Solutions

15. सूचना के अनुसार वाक्य में परिवर्तन कीजिए ।

(1) शेर जंगल में रहता है। (रेखांकित शब्द का लिंग बदलकर लिखिए ।)
उत्तर:
शेरनी जंगल में रहती है ।

(2) ठकुराइन घर में है । (रेखांकित शब्द में प्रत्यय क्या है ।)
उत्तर:
आइन

(3) लड़के पढ़ते है । (रेखांकित शब्द का वचन बदलकर लिखिए ।)
उत्तर:
लडका पढ़ता है ।

(4) गोपाल अनपढ़ नही है । (रेखांकित शब्द में उपसर्ग क्या है ?)
उत्तर:
अन

(5) मैं गाना गाऊँगा । (भूतकाल में लिखिए |)
उत्तर:
मैं ने गाना गाया ।

16. सूचना के अनुसार भाषा विभाग को पहचानिए ।

1) नितिन घर पर सो रहा है । (इस वाक्य में संज्ञा क्या है)
उत्तर:
नितिन, घर

2) वहाँ सीढ़ियों में कौन खड़ा है । (इस वाक्य में सर्वनाम पहचान)
उत्तर:
कौन

3) वेलू घर जा रहा है । (इस वाक्य में क्रिया क्या है)
उत्तर:
जाना

4) हिंदी मधुर भाषा है । (इस वाक्य में विशेषण क्या है)
उत्तर:
मधुर

5) बच्चे उधर खेल रहे हैं । (हस वाक्य में क्रिया विशेषण पहचानकर लिखिए)
उत्तर:
उधर

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