AP Inter 1st Year Hindi Model Paper Set 5 with Solutions

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AP Inter 1st Year Hindi Model Paper Set 5 with Solutions

Time : 3 Hours
Max Marks : 100

सूचनाएँ :

  1. सभी प्रश्न अनिवार्य हैं ।
  2. जिस क्रम में प्रश्न दिये गये हैं, उसी क्रम से उत्तर लिखना अनिवार्य है ।

खण्ड – ‘क’
(60 अंक)

I. निम्नलिखित किसी एक पद्यांश का भावार्थ लिखिए ।

दुःख में सुमिरन सब करे, सुख में करै न कोय |
जो सुख में सुमिरन करे, तो दुख काहे होय ||
उत्तर:
प्रसंग :- यह दोहा कबीरदास के द्वारा लिखी गयी ‘साखी’ नामक रचना से लिया गया है । वे निर्गुणशाखा के अन्तर्गत ज्ञानमार्ग शाखा से संबंधित सन्त कवि थे ।
सन्दर्भ :- हमेशा ईश्वर का स्मरण करने का उपदेश कवि दे रहे हैं ।
व्याख्या : – कवि का कहना है कि सभी लोग दुःख मे ईश्वर का स्मरण करते है, पर सुख में ईश्वर को भूल जाते हैं । लेकिन यदि सुख मे भी ईश्वर का स्मरण करे तो ऐसे व्यक्ति को कभी भी दुख की प्राप्ति नही होती ।

विशेषताएँ :-

  1. इसमें हमेशा ईश्वर के प्रति विश्वास रखने का सन्देश दे रहे हैं ।
  2. उनकी भाषा सदुक्कडी है ।

अथवा

जो रहीम उत्तम प्रकृति, का करि सकत कुसंग ।
चंटन विष व्यापत नहीं, लपटे रहन भुजंग ||
उत्तर:
प्रसंग :- यह दोहा रहीम के द्वारा लिखी गयी दोहावली से लिया गया है । वे भक्तिकाल से सम्बन्धित कृष्ण भक्त कवि थे ।
संदर्भ :- कवि इसमें सज्जन लोगों के लक्षणों के बारे मे कह रहे है।
व्याख्या :- रहीम कहते हैं कि अच्छे स्वभाव वाले लोग बुरे लोगों के साथ मित्रता करने पर भी उनके स्वभाव मे कोई परिवर्तन नहीं होता । जैसे चंदन वृक्ष साँपों से लिपटे रहते पर भी विष व्याप्त नही करती । अपना सहज सुगन्ध को ही फैलाती है । उसी प्रकार अच्छे गुण वाले लोग बुरे लोगों से मित्रता करने पर भी अपनी सज्जनता को छोड़ नहीं सकते ।

विशेषताएँ :-

  1. सज्जन लोगों की महानता के बारे में कवि कह रहे हैं ।
  2. उनकी भाषा व्रज भाषा हैं ।

2. किसी एक कविता का सारांश लिखिए ।

1) फूल की चाह
उत्तर:
कवि परिचय :- माखनलाल चतुर्वेदी का जन्म सन् 1889 मे बाबई, होशंगाबाद मध्यप्रदेश मे हुआ । वे एक भारतीय आत्मा के रूप मे प्रसिद्ध थे । उनकी रचनाओं मे राष्ट्रीयता और देश भक्ति स्पष्ट झलकती है । उनहें कवि और राष्ट्र सेवी के रूप मे सम्मान प्राप्त हुआ । हिमकिरीटिनी, हिमतरंगिणी, माता, युगचरण, मरण ज्वर आदि उनकी प्रसिद्ध रचनाएँ हैं । उनकी मृत्यु सन् 1968 में हुई। प्रस्तुत ‘फूल की चाह’ कविता मे कवि फूलों के द्वारा अपनी देश भक्ति और जीवन के लिए कुछ लक्ष्य रखने का सन्देश दे रहे हैं ।

सारांश :- कवि फूलो के द्वारा अपनी इच्छा व्यक्त कर रहे है कि मुझे देवताओं के गले मे गहनों के बीच गूंध जाने की इच्छा नहीं है । प्रियतम के हाथो मे माला बनकर प्रेयसी को ललकारने की इच्छा नही है | बडे-बडे लोगों के शवों पर माला बनकर पडने की इच्छा भी नही है । ईश्वर के सिर पर चढकर अपने भाग्य पर घमंड करने की भी इच्छा नही है पर हे वनमाली ! मुझे अवश्य तोड लो | देश के लिए बलिदान देने वाले वीर जिस मार्ग मे चलते है उनके जाने के रास्ते पर मुझे फेंक दो । क्योंकि मै उनके चरणो के स्पर्श से पवित्र हो जाऊँगी और उनके चरणों को आराम पहुँचा दूँगी ।

इस प्रकार कवि फूलो के द्वारा अपनी देशभक्ति भावना, देश के लिए मर मिटने वाले वीरो के प्रति गौरव और जीवन के लिए कुछ-न-कुछ लक्ष्य रखने का सन्देश दे रहे हैं। उनकी भाषा सरल खडी बोली है।

2) भिक्षुक
उत्तर:
एक भिखारी की दयनीय स्थिति का वर्णन करते हुए निराला जी कह रहे हैं कि एक भिखारी टूटे हुए हृदय से अपनी दयनीय स्थिति पर पछताता हुआ उस पथ पर आ रहा है । उसका पेट और पीठ दोनों मिले हुए दिखाई पड रहे हैं । अर्थात भूख के कारण उसका पेट पीछे चला जाकर पीठ से मिल गया जैसा दिखाई पड रहा है। उसने चलने के लिए भी शक्ति नही है । इसलिए हाथ में डंडा लेकर धीरे-धीरे अपनी भूख मिटाने एक मुट्टी भर अन्न के लिए फटे हुआ होल को मुँह फैलाता है । उसके साथ दो बच्चे भी हाथ फैलाकर चल रहे हैं । वे अपने बाए हाथ से भूखे पेट को मल रहे है और दाहिनी हाथ से दया की भीख माँग रहे हैं। भूख के कारण उनके ओठ सूखे जा रहे हैं । दाताओं से भीख माँगकर अपने भाग्य परखने के लिए उनके पास शक्ति भी नही है । यदि कही सडक पर जूठी पत्तल चाटने के लिए मिले तो उनसे पहले ही उन जूठे पत्तलों को झपटने के लिए कुत्ते वहाँ खडे थे। इतनी दयनीय स्थिति उस भिखारी परिवार की थी।

इस प्रकार कवि की प्रयोगवादी दृष्टिकोण इसमें दिखायी पड रहा है । भिखारी की दयनीय स्थिति के द्वारा शोषित वर्ग की ओर कवि संकेत दे रहे है । शोषक और शोषित वर्ग भिन्नता का स्पष्ट चित्रण वे दे रहे है। उनकी भाषा शुद्ध खडीबोली है ।

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3. किसी एक पाठ का सारांश लिखिए |

1) शिवाजी का सच्चा स्वरूप
उत्तर:
शिवाजी मराठा शासक थे । एक बार सेनापति मोरोपंत पिंगले के नेतृत्व में शिवाजी की सेना ने कल्याण प्रान्त पर आक्रमण किया था । उस किले के सूबेदार अहमद को परास्त कर वहाँ के खजाने को लूटा था । साथ-साथ सुबेदार की पुत्रवधू को भी बन्दी बनाया गया था |

सुबेदार अहमद की पुत्रवधू बडी सुन्दरी थी। जब वह भेंट के रूप मे प्रस्तुत की गई, तो शिवाजी बहुत हैरान हो गये । उसमें उन्हे बहुत दुख हुआ । ‘माँ’ के रूप में उसको सम्बोधित करते हुए शिवाजी ने अपने सेना द्वारा किये गये इस घृणित कार्य के लिए उससे क्षमा मांगी और कहा कि उसकी खूबसूरती की मात्र पूजा कर सकते है । अहमद की पुत्रवधू को सादर उसके शौहर के पास पहुँचाकर शिवाजी ने यह घोषणा की कि भविष्य में यदि कोई ऐसा कार्य करेंगे तो उन्हें मृत्यु दंड दिया जायेगा |

इस प्रकार यह एक ऐतिहासिक एकांकी है। इसमें नाटक की तरह पात्र तथा चरित्र चित्रण, वार्तालाप आदि का चित्रण किया गया है एकांकी का नायक शिवाजी के चरित्र को महान और नारी के प्रति सम्मान रखने के रूप में दर्शाया गया है । उनकी भाषा सरल और सुबोध है ।

2) पर्यावरण और जीवन ।
उत्तर:
मानव एक सामाजिक प्राणी है । व्यक्ति और परिवार से समाज का निर्माण होता है । वह अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए एक दूसरे भर निर्भर रहता है । मानव समाज के विकास में विज्ञान, वैज्ञानिक आविष्कारों, परिवाहन तथा संचार के साधनों और विविध यंत्रों आदि की महत्वपूर्ण भूमिका रही । इस प्रकार जहाँ मानव सभ्यता के विकास के साथ ही प्रकृति का शोषण आरम्भ हुआ, वहीं जनसंख्या की वृद्धि के साथ पृथ्वी पर प्रदूषण भी बढने लगा । इसके लिए प्रकृति की रक्षा और सुरक्षा को मानव जीवन के लिए अनिवार्य अंग बनाना होगा ।

पर्यावरण हमारे चारों ओर के वातावरण से सम्बंध है । पर्यावरण समस्त जीव-जन्तुओं, प्राणियों और मनुष्य के जीवन का आधार और अधिरचना अर्थात् पर्यावरण सभी के जीवन का अभिन्न अंग है, यही कारण कि आदिकाल से प्रकृति के सान्निध्य मे मानव ने अपने जीवन को विकसित किया है । जब जैविक तथा अजैविक पदार्थों के बीच संतुलन को पर्यावरण संतुलन कहा जाता है । आजकल पर्यावरण संतुलन बिगड़ रहा है ।

मनुष्य अपनी सुख-सुविधा के लिए प्राकृतिक सम्पदाओं को क्षति पहुँचा रहा है। पर्यावरण संकट प्रदूषण और असंतुलन का परिणाम है। यह संकट भूमि, जल वायु, ताप, ऊर्जा, खनिज, ध्वनि तथा वनस्पति आदि सभी क्षेत्रों मे उत्पन्न हो चुका है । यहा प्रदूषण विभिन्न रूपों मे देखा जा सकता है । जैसे- भूमिप्रदूषण, वायुप्रदूषण, जल प्रदूषण, ध्वनि प्रदूषण आदि । इन प्रदूषणों ने न केवल मानव जीवन को संकटमय बना दिया है अपितु उसके लिए कई प्रकार की बीमारियों को भी उत्पन्न कर दिया ।

जैसे कम उम्र के बच्चों और वृद्धों के लिए स्वाँस की समस्या, ब्रोंकाइटिस, फेफडो की टी.बी. कैंसर, त्वचा का रोग आदि समस्याएँ बढती जा रही है। प्रदूषित पानी पीने से उदर संबंधी रोग बढ रहे है । ध्वनि प्रदूषण से महानगरों मे बहरेपन की समस्या बढ रही है । मोबाइल फोन से निकलने वाले रेडिएशन से मनुष्य मे चिड़चिड़ापन, बेचैनी, हाई ब्लडप्रेशर एवं डिप्रेशन आदि मानसिक बीमारियाँ होने लगी है इसके इलावा कारखानों, अस्पतालों, प्लास्टिक से निकलने वाली जहरीली राख और केमीकल्स मिट्टी की उवराशक्ति कम हो रही है और कीटनाशक केमिकल्स स्वास्थ्य को प्रभावित कर रहे है ।

प्रदूषण निवारण के लिए उपाय : सबसे पहले आबादी का नियन्त्रण करना चाहिए । जंगलों को न काटना, औद्योगीकरण के समय में नियमों का पालन, जल की रक्षा, स्वच्छ भारत कार्यक्रम, पेड़ों को रोपना, कारखानों के विष पदार्थ को पानी में फेकने पर पाबंद रखना, प्रदूषण फैलाने वालों को दण्ड देना इन सभी के पालन करने से पर्यावरण की रक्षा और प्रदूषण से मुक्त हो जाएंगे ।

4. किसी एक कहानी का सारांश लिखिए ।

1) चीफ का दावत
उत्तर:
मिस्टर शामनाथ अपने घर में ‘चीफ’ को दावत पर बुलाते है । अपनी धर्म पत्नी के साथ मिलकर सारी तैयारियाँ करने लगता है । चीफ अमेरिकन है । उसको खुश करने से शामनाथ को नौकरी में तरक्की होगी । इसलिए दावत की शाम घर की सभी चीजों को चीफ के अनुरूफ बनाने की चेष्टा की जाती है । ड्रिंक का इंतजाम बैठक में कर दिया गया। घर का फालतू सामान अलमारियों के पीछे और पलंगों के नीचे छिपाया जाने लगा । तब उसको अपनी बूढ़ी माँ की याद आती है । अब प्रश्न उठता है कि उसको कहाँ छिपाना है । उस बुढ़िया लोगों के सामने आना-जाना, नींद में उठे खर्राटे की आवाज ये सब किसी के सामने प्रस्तुत होना शामनाथ के लिए पसंद नही है । इसलिए माँ को अनेक चेतन चेतावनियाँ देते है कि ठीक से कुर्सी पर बैठकर रहना है, पार्टी खतम होने तक नही सोना है । माँ सब के लिए राजी होकर उसके कहे अनुसार अच्छी साडी पहनकर अपने घर में बैठ जाती है ।

चीफ अपनी पत्नी के साथ दावत पर आते है । सभी अतिथि लोग आते है । दावत शुरु हो जाती है । ड्रिंक होने के बाद बरामदे में आते तो वहाँ उसकी माँ कुर्सी पर पैर रखकर सो रही है । यह दृश्या देखकर शामनाथ कृद्ध हो उठे । पर चीफ और उसकी पत्नी उस पर बडी सहानुभूति देखने है । चीफ माँ को वहाँ से जाने नही देते तथा पंजाबी लोक गीत सुनाने का आग्रह करते है । माँ शामनाथ की सोच के विरुद्ध अच्छी तरह गाकर चीफ एवं मेहमानों को प्रश्न करती है । माँ के हाथों में बनी ‘फुलकारी’ चीफ को बहुत पसंद आता है । उसके हाथों से बनी फुलकारी के लिए वापस आने का वादा करता है । इस प्रकार उसकी बूढ़ी माँ अचानक ही मूल्यवान सिद्ध हो उठती है। जो बेकार थी वही तरक्की का जरिया बन जाती है। उससे फुलकारी बनाने की ताकत नही होने पर भी अपने बेटे की तरक्की के लिए खुद बनाना चाहती है ।

इस प्रकार आजकल माँ-बेटे के संबंध में प्रेम आदर भावनाएँ लुप्त हो रही है। शामनाथ अपनी नौकरी के लिए माँ को आतंक मानता है। लेकिन उसी के द्वारा उसकी इच्छा पूर्ण हो जाती है। माँ के पाश्चात्य सभ्यता का प्रभाव, माँ की ममता का सजीव चित्रण उसमें किया गया है ।

2) पूस की रात
उत्तर:
हल्कू एक निर्धन किसान था । मुन्नी उसकी पत्नी थी । हल्कूं खेती करता था । किन्तु उसकी उपज इतनी नहीं होती कि उसे बेचकर साहूकार का ऋण चुका सके। सर्दी से बचने के लिये वह एक कम्बल खरीदना चाहता था । इसके लिये उसने पत्नी के पास तीन रूपये जमाकर रखे ।

लेकिन साहूकार से तुरंत बचने के लिए उसने उन तीन रूपयों को उसे दे दिया । पूस की रात थी । हल्कू खेती की रखवाली करने गया था |

कड़ी सर्दी थी । वह काँपने लगा । उसके पास का चादर उसे बचा न सकता था। सर्दी से बचने या गर्माई पाने वह बार बार तमाखू पीता रहा । आखिर विवश होकर अपने कुत्ता ‘जबरा’ को उठाकर गोद में सुलाया । इससे कुछ गर्मी मिल रही थी ।

इस बीच नील गायों ने चरकर खेत साफ कर दिया । किन्तु वह उठ न सका । दूसरे दिन वह खुश इसलिए रहा कि अगले दिन से रखवाली केलिये आने की जरूरत नहीं थी ।

साहूकारों से, एवं जमींदारों से पीडित किसानों की दयनीय स्थिति, आर्थिक विषमता, शोषण और उसके दुष्परिमाणों को प्रकाश में लाना ही उनका उद्देश्य है ।

5. निम्नलिखित दो पद्यांशों की संदर्भ सहित व्याख्या कीजिए :

(1) पह साँझ – उषा का आँगन,
आलिंगन विरहै – मिलन का,
चिर हास – आश्रुमय आनन
ऐ इस मानव जीवन का ।
उत्तर:
प्रसंग :- यह पद्य सुमित्रानंदन पंत के द्वारा लिखी गयी ‘सुख – दुख’ नामक कविता से लिया गया है । वे प्रकृति का सुकुमार कवि कहे जाते है ।
सन्दर्भ :- इसमें कवि सुख दुख को समान रूप में स्वीकार करने की बात कह रहे हैं ।
व्याख्या :- कवि का कहना है कि सायंकाल के बाद सूर्योदय, विरह के आलिंगन मे मिलन का, हमेशा सुख के साथ-साथ दुख का आना जाना मानव जीवन के लिए स्वाभाविक है । अर्थात् सुख और दुख दोनो का समान रूप में स्वीकारना ही जीवन हैं ।

2) चाह नहीं, मैं सुरवाला के गहनों में गूँभा जाऊँ,
चाह तहीं प्रेमी माला में बिंध प्यारी को ललचाऊँ,
चाह नहीं सम्राटों के शव पर हरी डाला जाऊँ,
चाह नहीं देवो के सिर पर चढूँ, भाग्य पर इठलाऊँ.
उत्तर:
प्रसंग :- यह पद्य ‘फूल की चाह’ नामक कविता से लिया गया है । यह कविता माखनलाल चतुर्वेदी के द्वारा लिखी गई है। वे भारतीय आत्मा के रूप से प्रसिद्ध है ।
सन्दर्भ :- इस में कवि एक फूल की इच्छा के द्वारा अपनी भावनाओं को व्यक्त कर रहे हैं ।
व्याख्या :- एक फूल के माध्यम से कवि अपनी इच्छा व्यक्त कर रहा है कि मुझे देवताओं के गहनों में गूँथ जाने की इच्छा नहीं है । अर्थात देवताओं के गले में माला बनने की इच्छा नही हैं । प्रियतम के हाथो में माला बनकर प्रेयसी को ललकारने की इच्छा नही है । सम्राटों के शवो पर पुष्प माला बनने की चाह नही है और देक्ता ईश्वर के सिर पर चढकर अपने भाग्य पर घमंड करने की इच्छा भी मूझे नही है । अर्थात यहां फूल अपने जीवन के लिए कुछ-न-कुछ विशेषता होने की मांग कर रहा है ।

विशेषताएँ :-

  1. इसमें जीवन के लिए कुछ ऊँचे उमंग रखने की इच्छा फूल के द्वारा व्यक्त कर रहे है ।
  2. उनकी भाषा सरल खड़ीबोली है ।

3) वह आता-
दो दक कलेटे के करता पछताता पभ पर आता ।
पेट पीठ दोनों मिलकर है एक
चल रहा लकुटिया टेक
मिट्टी – भर दाने को भूख मिटाने को
मुँह फटी – पुरानी झोली का फैलता.
दो टूक कलेजे के करता पछताता पथ पर आता ।
उत्तर:
प्रसंग :- यह पद्य निराला जी के द्वारा लिखी गयी ‘भिक्षुक’ नामक कविता से लिया गया है वे छायावादी कवि है ।
सन्दर्भ :- इसके एक भिक्षुक की दयनीय स्थिति का वर्णन किया गया है ।
व्याख्या : – कवि एक भिक्षुक के जीवन का वर्णन कर रहा है कि एक भिक्षुक अपनी दयनीय स्थिति पर टूटे हृदय से उस पथ पर आ रहा है । भूख के कारण उसका पेट और पीट दोनों मिले हुए है । अपनी भूख मिटाने एक मुट्ठी भर अन्न के लिए लकडी टेकता हुआ आ रहा है । वह लकडी के सहारे खडे होकर अपने फटे हुए झोले का मुँह फैलाता है । अपनी दयनीय स्थिति से वह टूटे हृदय से मन ही मन रो रहा हैं ।

विशेषताएँ :-

  1. शोषित वर्ग के प्रति कवि की सहानुभूति व्यक्त होती है।
  2. इसके कवि की प्रगतिवादी धारणा स्पष्ट होती है ।
  3. उनकी भाषा शुद्ध खडीबोली है ।

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4) कई दिनों तक चूल्हा रोया, चवकी रही उदास ।
कई दिनों तक कानी कुतिया सोई उनके पास ||
कई दिनों तक लगी भीत पर छिपकलियों की गरत ।
कई दिनों तक चूहों की भी हालत रही शिकस्त ॥
उत्तर:
प्रसंग :- यह पद्य को नागार्जुन द्वारा लिखे गयी अकाल और उसके बाद कविता से लिया गया है । वे प्रगतिवादी कवि थे और आधुनिक कबीर से प्रसिद्ध थे ।
सन्दर्भ :- इस्में कवि अकाल के समय देश की स्थिति और लोगों की दयनीय स्थिति की ओर सत कर रहे है ।
व्याख्या :- अकाल के समय अनाज न मिलने के कारण घर में चूलहा नही जल रहे हैं। आटा न पिसने के कारण चक्की भी बन्द भी । चूलहे न जलने से उसे घर का कुत्ता सो रहा है । घर के लोगों की उदासी से दीवार के छिपकलियां मस्तसे गस्ती दे रहे है और अनाज न मिलने से घर के चूहों की स्थिति भी दयनीय हो गयी ।

विशेषताएँ :-

  1. कवि की प्रगतिवादी धारणा का चित्रण हो रहा है ।
  2. उनकी भाषा सरल खडीबोली है ।

6. निम्नलिखित किन्हीं दो गद्यांशों की संदर्भ सहित व्याख्या कीजिए :

1) आजकल पर्यावरण प्रदूषण के कारण यह संतुलन बिगड रहा है ।
उत्तर:
प्रसंग :- यह संदर्भ पर्यावरण और प्रदूषण नामक लेख से लिया गया है ।
सन्दर्भ :- पर्यावरण संतुलन के बिगडने से पर्यावरण प्रदूषण कैसे हो रहा है इसका परिचय इसमें दे रहा है ।
व्याख्या :- जैविक पदार्थ जैसे पेड, पशु-पक्षी, मनुष्य और अजैविक पदार्थ जैसे पहाड, पत्थर, पानी, वायु के बीच संतुलन को पर्यावरण संतुलन कहते है । लेकिन आज पर्यावरण प्रदूषण के कारण यह संतुलन बिगड जा रहा है । इससे अनेक दुष्परिणाम प्रकृति में हो रहे हैं । समस्त जगत के लिए यह हानिकारक हो रहा है ।

विशेषताएँ :-

  1. इसमें पर्यावरण प्रदूषण के बारे मे कहा गया है ।
  2. उनकी भाषा सरल है ।

2) हिन्दू होते हुए भी शिवा के लिए इस्लाम धर्म पूज्य है । इस्लाम के पवित्र स्थान, उसके पवित्र ग्रन्थ सम्मान की वस्तुएँ है ।
उत्तर:
प्रसंग :- यह उद्धरण शिवाजी का सच्चा स्वरूप नामक एकांकी से लिया गया है । इसके लेखक सेठ गोविन्ददास जी है। आप गाँधी जी से प्रभावित होकर स्वतंत्रता सग्राम मे भी भाग लेकर जेल भी गये ।
सन्दर्भ :- हिन्दू होते हुए भी शिवाजी के मन में हिन्दू और मुसलमान धर्मों के प्रति गौरव स्पष्ट होती है ।
व्याख्या : – हिन्दू होते हुए भी शिवाजी हिन्दू और मुसलमान प्रजा मे कोई भेद नहीं समझता । उसकी दृष्टि मे सारी जनता बराबर है । वह स्वयं हिन्दू होकर भी इस्लाम धर्म की पूजा करता है । उनके पवित्र स्थान और पवित्र धर्म के प्रति भी आदर व्यक्त करता है ।

विशेषताएँ :-

  1. इसमें शिवाजी की धार्मिक सहिष्णुता स्पष्ट होती है ।
  2. उनकी भाषा सरल है ।

3) वस्तुतः संस्कृति एकाकी व्यक्ति की न होकर समष्टि की होती हैं ।
उत्तर:
प्रसंग :- यह उद्धरण महादेवी वर्मा के द्वारा लिखी गयी “भारतीय संस्कृति और नारी” नामक निबन्ध से लिया गया वे छायावाद से सम्बन्धित प्रमुख साहित्यकार है ।
सन्दर्भ :- इसमें सांस्कृतिक एकता की ओर लेखिका संकेत कर रही है !
व्याख्या :- संस्कृति के अनेक रूप होते है जिनको संस्कृति के विकास क्रम मे भिन्न करके देखना असम्भव है । प्रत्येक संस्कृति की इकाई परिवार, समाज, नगर, राष्ट्र तथा विश्व के रूप मे दृष्टिगोचर होती है । इसलिए कह सकते हैं कि संस्कृति व्यक्ति की नही होती है पर समष्टि की होती है । हम सब संस्कृति के भागीदार होते है ।

विशेषताएँ :-

  1. संस्कृति का व्यापक रूप इसमें दिखाया गया है ।
  2. उनकी भाषा सरल खडीबोली है ।

4) सम्पूर्ण भौतिक कोश में आप अकेले जर्मन लेखक नहीं थे
उत्तर:
प्रसंग :- यह उद्धरण ‘चन्द्रशेखर वेंकटरमन् नामक जीवनी से लिया गया वे बडे वैज्ञानिक तथा राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय सम्मानों से प्रतिष्ठित थे ।
सन्दर्भ :- चन्द्रशेखर वेंकटरामन् अनुसंदान के क्षेत्र में कितने महान थे, उसका उदाहरण सहित वर्णन किया गया है ।
व्याख्या : – कलकत्ते के भारत परिषद की प्रयोगशाला में ध्वनि के कम्पन और कार्यों का सिद्धांत पर अनुसंधान किया । उन्हें वाद्यों की भौतिकी का इतना गहरा ज्ञान था। जर्मनी में प्रकाशित बीस खण्डों वाले भौतिकी विश्वकोश के खण्ड के लिए उनसे वाद्ययंत्रों की भौतिकी का लेख तैयार करवाया गया । सम्पूर्ण भौतिक कोश केवल चन्द्रशेखरन जी का लेख छोडकर अन्य सभी लेख जर्मन लेखक के ही थे । इतना सम्मान चन्द्रशेखरन जी को प्राप्त हुआ ।

विशेषताएँ :-

  1. वैज्ञानिक चन्द्रशेखर वेंकटरामन् की महानता का परिचय हमें मिलता हैं ।
  2. भाषा सरल है |

7. एक शब्द में उत्तर लिखिए | (पद्यभाग )

(1) कबीर के अनुसार साधुओं से क्या पूछना चाहिए ?
उत्तर:
ज्ञान के बारे में जानना आवश्यक है ।

(2) ‘फूल प्रेमी – माला में बिंध किस को ललचाना नहीं चाहता ?
उत्तर:
प्यारी को

(3) सुख दुख कविता में कवि सुख और दुख किससे तुलना किया ?
उत्तर:
आकाश में चाँद और बादल से तुलना किया |

(4) रहीम के अनुसार सज्जन लोग किस केलिए हीं जीते है ?
उत्तर:
परोपकार केलिए

(5) भाग्य विधाता शब्द का अर्थ बताइए ?
उत्तर:
भाग्य को बनाने वाला

8. एक शब्द में उत्तर लिखिए | ( गद्यभाग )

(1) शिवाजी के सेनापति का नाम क्या है ?
उत्तर:
मोरोपंत

(2) पर्यावरण प्रदूषण से आकाश में किस परत नुकसान हो रहा है ?
उत्तर:
ओजोन की सुरक्षात्मक

(3) ‘अमेरिका’ को किसने खोज किया ?
उत्तर:
कोलम्बस

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(4) आंध्र प्रान्त के लोगों का मुख्य आहार क्या है ?
उत्तर:
चावल

(5) ‘भारतीय संस्कृति’ निबन्ध का लेखक कौन है ?
उत्तर:
महादेवी वर्मा

खण्ड – ‘ख’

9. निम्नलिखित में से कोई एक पत्र लिखिए :
हिन्दी की आवश्यकता के बारे में अपने मित्र के लिए एक पत्र लिखिए ।
उत्तर:

नरसराव पेट,
दिनांक 19.07.2018.

प्रिय मित्र सेरेश,
कैसे हो ? मैं यहाँ कुशल हूँ । हाल ही में हमारी कक्षा में सब लोग मिलकर औद्योगिक प्रशिक्षण के लिए दिल्ली गये । उस समय मुझे हिन्दी की आवश्यकता बहुत मालूम पड़ी। रेल यात्रा करते समय जैसे ही हम आन्ध्र प्रदेश छूटकर आगे बढे, सारे प्रदेशों में हिन्दी ही प्रचलित हो रही थी । दिल्ली में तो हिन्दी का ज्ञान अत्यावश्यक है । मेरी सलाह यह है कि तुम इस गरमी की छुट्टियों में हिन्दी बोलना-लिखना सीखो। इससे तुम्हारा बहुत प्रयोजन होगा ।
शेष शुभ ……. पत्र की प्रतीक्षा रहेगी ।

तुम्हारा प्रिय मित्र,
नागेश्वर |

पता :
नारायण सुरेश बाबू,
मकान नंबर 19-5/4,
गुणदला पहाड़ के पास,
विजयवाड़ा-520028
कृष्णा जिला, आन्ध्र प्रदेश |

अथवा

उल्लास यात्रा में जाने की अनुमति माँगते हुए पिताजी के नाम एक पत्र लिखिए ।

हैदराबाद,
दिनांक 12.07.2018.

पूज्य पिताजी,
सादर प्रणाम |
आशा है कि आप सब वहाँ स्वस्थ और सानंद होंगे। मैं यहाँ ठीक हूँ और पढ़ाई अच्छी तरह से कर रहा हूँ । कल ही मासिक परीक्षा के नतीजे आये । मैं क्लास में सबसे अव्वल हूँ । इस बार अक्तूबर मास में हमारे महाविद्यालय की ओर से एक शैक्षिक यात्रा का आयोजन किया जा रहा है । मै भी इस यात्रा में शामिल होना चाहता हूँ । आपसे विनति है कि यात्रा के खर्चे के लिए एक हजार रूपये भेजने की कृपा करें ।
माँ कैसा है ? छोटू को मेरा प्यार । पत्र की प्रतीक्षा रहेगी ।

आपका आज्ञाकीरी पुत्र,
त्रस. जोसेफ ।

पता :
श्री जान राजू जी,
डाक अधिकारी,
पुतूरू, चितूर जिला ।

10. किन्हीं पाँच (5) शब्दों के विलोम शब्द लिखिए ।

1) उपयोग × अनुपयोग
2) उत्यान्न × पतन
3) उठना × बैठना
4) चढना × उतरना
5) ऐसा × वैसा
6) कलंक × निष्कलंक
7) गहरा × उभला
8) उष्ण × शीत
9) उचित × अनुचित
10) आकार × निराकार

11. किन्हीं पाँच (5) शब्दों समातार्थ शब्द लिखिए |

1) आँख – नेत्र, नयन, लोचन, चक्षु
2) उन्नति – प्रगति, विकास, उन्यान, उन्कर्ष
3) गणेश – गजानन, गणपति, लंम्बोदर, विनायक
4) हाथी – गय, करि, द्विप, कुंजर
5) सूर्य – सूरज, भानु, रवि, दिनकर
6) जल – पानी, नीर, वारि, सलिल
7) गुरु – आचार्य, अध्यापक, शिक्षक
8) दुख – कष्ट, व्यया, पीड़ा, वेदना
9) पर्वत – पहाड़, गिरि, नग, शैल
10) प्रकाश – उजाला, आलोक, ज्योति, प्रभा

12. किन्हीं पाँच (5) शब्दों की शुध्द वर्तती लिखिए ।

(1) बिमार – बीमार
(2) सन्हार – संहार
(3) गयी – गई
(4) घंदा – धंधा
(5) श्रृँगार – श्रृंगार
(6) उधरण – उद्धरण
(7) बिलास – विलास
(8) भृष्ट – भ्रष्ट
(9) स्त्रोत – सोत
(10) योज्ञ – योग्य

13. किन्हीं पाँच (5) पारिभाषिक शब्दों के हिन्दी में अनुवाद कीजिए ।

1) Play Ground – मैदान
2) Nurse – परीचालिका
3) Valley – घाट
4) Light – प्रकाश, रोशनी
5) Speech – भाषण
6) Chemistry – रसायन
7) Seminar – संगोष्ठी
8) Translation – अनुवाद
9) Arts – कला
10) Class – कक्षा, नर्ग

14. कारक चिह्नों की सहायता से रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए ।

(1) पेड़ ______ चिड़िया बैठी है ।
उत्तर:
पेड़ पर चिड़िया बैठी है ।

(2) तुमने राहुल _____ कहाँ देखा ।
उत्तर:
तुमने राहुल को कहाँ देखा ।

(3) मै कलम ____ लिखता हूँ ।
उत्तर:
मै कलम से लिखता हूँ ।

(4) मैं हैदाराबाद ____ आया हूँ ।
उत्तर:
मैं हैदाराबाद से आया हूँ ।

(5) प्रसद जी ____ कामायिनी काव्य लिखा ?
उत्तर:
प्रसद जी ने कामायिनी काव्य लिखा ?

15. सूचना के अनुसार वाक्य में परिवर्तन कीजिए ।

(1) पण्डित जी आ रहे हैं। (रेखांकित शब्द का लिंग बदलकर लिखिए ।)
उत्तर:
पण्डिताइन जी आ रही हैं ।

(2) घर में एक कमरा है । (रेखांकित शब्द का वचन बदलकर लिखिए ।)
उत्तर:
घर में अनेक कमरे हैं

(3) प्रजा असहाय बन गयी है । (रेखांकित शब्द मे उहसर्ग क्या है ?)
उत्तर:
‘अ’

AP Inter 1st Year Hindi Model Paper Set 5 with Solutions

(4) दूधवाला आया । (रेखांकित शब्द में प्रत्यय क्या है ?)
उत्तर:
‘वाला’

(5) रीटा गाना सुनती है। (भविष्यत काल में लिखिए ।)
उत्तर:
रीटा गाना सुनोगी ।

16. सुचना के अनुसार भाषा विभाग को पहचानिए :-

1) तमन्ना सो रही है । (इस वाक्य में संज्ञा क्या है ?)
उत्तर:
तमन्ना

2) जो करेगा सो भरेगा (वाक्य में सर्वनाम को सूचित कीजिए)
उत्तर:
सो

3) मीठा आम सभी को भाता है । (इस वाक्य में विशेषण क्या है ?)
उत्तर:
मीठा

4) संचित पत्र पढ़ता है (इस वाक्या में क्रिया क्या है)
उत्तर:
पढ़ना

5) छात्र प्रतिदिन पढ़ते हैं (इस वाक्य में क्रिया विशेषण पहचानकर लिखिए )
उत्तर:
प्रतिदिन

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