TS 8th Class Hindi Guide 3rd Lesson प्यारा गाँव

Telangana SCERT 8th Class Hindi Study Material Telangana Pdf 3rd Lesson प्यारा गाँव Textbook Questions and Answers.

TS 8th Class Hindi 3rd Lesson Questions and Answers Telangana प्यारा गाँव

प्रश्न : (ప్రశ్నలు) :

प्रश्न 1.
इस चित्र में क्या-क्या दिखायी दे रहा है ?
(ఈ చిత్రంలో ఏమేమి కనిపిస్తున్నాయి?)
उत्तर :
इस चित्र में सुंदर घर, लहलहाते खेत, बरगद का बड़ा पेड़, उसकी नीचे रहे पशु और खासकर प्रदूषणमुक्त वातावरण, बैलगाड़ी, साइकिलक आदि दिखाई दे रहे हैं।

ఈ చిత్రంలో అందమైన ఇల్లు, పచ్చని పొలాలు, పెద్ద మర్రిచెట్టు, దానిక్రింద ఉన్న పశువులు, ముఖ్యంగా కాలుష్యరహిత వాతావరణం, ఎడ్లబండ్లు, సైకిల్ మొదలగునవి కనిపిస్తున్నాయి.

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प्रश्न 2.
कौन क्या कर रहे हैं ?
(ఎవరు ఏమి చేస్తున్నారు ?)
उत्तर :
एक किसान हल चला रहा है, एक किसान बैलगाड़ी चला रहा है, एक किसान साइकिल चला रहा है, और एक किसान हल लेकर जा रहा है। गायें पेड के नीचे आराम ले रही है।

ఒక రైతు నాగలితో దున్నుతున్నాడు. ఒక రైతు ఎడ్లబండి నడుపుతున్నాడు. ఒక రైతు సైకిల్ త్రొక్కుచున్నాడు. మరొక రైతు నాగలి తీసుకొని వెళ్ళుచున్నాడు. ఆవులు చెట్టు క్రింద విశ్రాంతి తీసుకుంటున్నాయి.

प्रश्न 3.
इस चित्र में आपको कौन-सा दृश्य सबसे अच्छा लगा और क्यों?
(ఈ చిత్రంలో మీకు ఏ దృశ్యం బాగుంది ? మరియు ఎందుకు ?)
उत्तर :
सुंदर घर, लहलहाते खेत, बरगद का बड़ा पेड़, उसके नीचे रहे पशु और खासकर अप्रदूषित वातावरण को देखकर ही मन खुशियों से भर जाता है। इसीलिए इस चित्र में सब दृश्य मुझे अच्छे लगे।

అందమైన ఇల్లు, పచ్చని పొలాలు, పెద్ద మర్రిచెట్టు, దాని క్రింద ఉన్న పశువులు, కాలుష్యంలేని వాతావరణం చూసి మనస్సు చాలా ఆనందంగా ఉంది. అందువలన ఈ చిత్రంలో అన్ని దృశ్యాలు బాగా నచ్చాయి.

सुनो-बोलो (వినండి – చెప్పండి) :

प्रश्न 1.
पाठ में दिये गये चित्र में क्या-क्या दिखायी दे रहे हैं ?
(పాఠంలోని చిత్రంలో ఏమేమి కనిపిస్తున్నాయి?)
उत्तर :
पाठ के चित्र में कुम्हार, जुलाहा, बढ़ई, सुनार, बँसोर, किसान आदि के चित्र दिखाई दे रहे हैं।
పాఠంలోని చిత్రాలలో కుమ్మరి, కమ్మరి, నేతపనివాడు, వడ్రంగి, కంసాలి, మేదరి, రైతు మొదలైన వారి చిత్రాలు ఉన్నాయి.

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प्रश्न 2.
आपके गाँव में क्या-क्या देखने को मिलते हैं ?
(మీ గ్రామంలో చూడదగినవి ఏమేమి ఉన్నాయి ?)
उत्तर : मेरे गाँव में मंदिर, बड़ा तालाब, बरगद का पेड़, लहलहाते खेत, प्यार जतानेवाले कई लोग, पगडंडी, सुंदर पशु-पक्षी, विभिन्न पेशेवर आदि देखने को मिलते हैं।
మా పల్లెలో గుడి, చెఱువు, మఱిచెట్టు, పచ్చని పంట పొలాలు, ప్రేమను పంచే మనుష్యులు, కాలిబాట, అందమైన పశుపక్ష్యాదులు, రకరకాల వృత్తి పనివారు మొదలైనవి కనబడతాయి.

पढ़ो (చదవండి) :

अ. नीचे दिये गये वाक्यों के अर्थ बतलाने वाले शब्द पाठ्य-पुस्तक से ढूँढ़िए और लिखिए।
(క్రింది వాక్యాలలో అర్థం వస్తున్న శబ్దాలను పాఠ్య పుస్తకంలో వెతికి వ్రాయండి.)
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जवाब
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आ. नीचे अधूरे वाक्य दिये गये हैं, उन्हें पूरा कीजिए।
(క్రింది అసంపూర్ణ వాక్యాలను పూరించండి.)

1. सामने कमलेश काका आ रहे हैं। उन्हें ……………..
उत्तर :
प्रणाम करो।

2. दामोदर दादा गाँववालों के लिए …………..
उत्तर :
मिट्टी के बरतन जैसे घड़े, मटके, हँडी, मिट्टी के खिलौने आदि बनाते हैं।

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3. दादाजी! उधर देखिए।
उत्तर :
वे कौन हैं? वे क्या कर रहे हैं?

लिखो (రాయండి) :

अ. नीचे दिये गये प्रश्नों के उत्तर लिखिए।

प्रश्न 1.
हर किसी में कला, कौशल, प्रतिभा होती है, जिससे हम व्यवसाय कर सकते हैं। तुम्हें कौन-सा व्यवसाय पसंद है और क्यों ?
(ఏదైనా ఒక వృత్తిన చేపట్టటానికి ప్రతి ఒక్కనిలో కళ, నేర్పు, ప్రతిభ ఉంటుంది. నీకు ఏ వృత్తి అంటే ఇష్టం ఎందువల్ల.)
उत्तर :
मुझे सुनार का व्यवसाय पसंद है, क्यों कि वह बहुत नाजुक है, पेचीदा भी बहुत कम धातु से अंगूठी, हार, चूडियाँ आदि कई चीजें हाथ से बनाते हैं। ये सब चीजें मशीन पर भी बनती हैं। ये वस्तुएँ बड़ी कलात्मक हैं। इसीलिए मुझे यह व्यवसाय बहुत पसंद है।
నాకు కంసాలి వృత్తి చాలా ఇష్టం. ఎందుకంటే చాలా నాజూకు పని ఇది. అలాగే చాలా కష్టమైనది కూడా. తక్కువ లోహంతో ఉంగరాలు, హారాలు, గాజులు మొదలైన అనేక వస్తువులు చేత్తో చేస్తారు. ఈ వస్తువులన్నీ మిషన్తో కూడా చేస్తారు. ఈ వస్తువులు చాలా కళాత్మకంగా ఉంటాయి. అందువలన నాకు ఈ వృత్తి అంటే చాలా ఇష్టం.

प्रश्न 2.
अपने गाँव के बारे में लिखिए।
(మీ గ్రామం గురించి వ్రాయండి.)
उत्तर :
मेरे गाँव का नाम है रामपुर। यहाँ के ज़्यादातर लोग किसान हैं। वे सुबह-सुबह उठकर अपने हल और बैल लेकर खेती करने चले जाते हैं। शाम तक परिश्रम करके घर वापस आते हैं। खा-पीकर मंदिर में जाते हैं। सब मिलकर भजन-कीर्तन करते हैं।
मेरे गाँव में सभी व्यवसाय करनेवाले लोग रहते हैं। नाई, जुलाहा, बढ़ई, कुम्हारा, पुजारी, सुनार आदि। सब मिलजुलकर रहते हैं। कभी कोई लड़ाई-झगड़ा होने पर भी आपस में मिलजुलकर सुलझा लेते हैं।
कई बार हमारे लिए ‘आदर्श गाँव’ की उपाधि भी मिली। कभी फुरसत मिलनेपर ऐसे गाँवों की सैर करेंगे, तो मालूम होगा कि गाँधी के सपने साकार बने हैं।

మా గ్రామం పేరు రామూర్. ఇక్కడ ఎక్కువ మంది రైతులే. ఉదయాన్నే లేచి నాగలి, ఎడ్లను తీసుకొని పొలం పనికై వెళ్ళిపోతారు. సాయంత్రం దాకా కష్టపడి ఇంటికి తిరిగి వస్తారు. రాత్రి భోజనం తరువాత గుడికి వెళతారు. అందరూ కలిసి భజనలు – కీర్తనలు చేస్తారు.
మా గ్రామంలో అన్ని వృత్తులవారు ఉంటారు. మంగలి, సాలెవాడు, వడ్రంగి, కుమ్మరి, పూజారి, కంసాలి మొదలైనవారుంటారు. అందరూ కలిసి మెలిసి జీవిస్తారు. ఎప్పుడైనా ఏదైనా గొడవలు జరిగినా పరస్పరం కలిసి సమస్యను పరిష్కరించుకుంటారు.
చాలాసార్లు మా గ్రామానికి ఆదర్శగ్రామం అవార్డులు కూడా వచ్చాయి. తీరిక వేళలలో అటువంటి గ్రామాలకు వెళితే, గాంధీగారి కలలు నిజమౌతాయి.

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आ. किसी एक घरेलू उद्योग के बारे में लिखो।
(ఏదైనా ఒక చిన్నతరహా పరిశ్రమ గురించి రాయుము.)
उत्तर :
मोमबत्ती उत्पादन घर बैठे रोशन करें करियर।
(ఇంటిలో కొవ్వొత్తుల ఉత్పత్తి తన కెరియర్ను ఉజ్జ్వలంగా తయారు చేస్తుంది.)
मोमबत्ती उत्पादन एक क्रिएटिव काम है। एक अच्छा आर्टिस्ट अच्छा मोमबत्ती उत्पादक बन सकता है। मोमबत्ती उत्पादन में डिजाइन के साथ कलर कॉम्बिनेशन की समझ होना जरूरी है, पर इसकी मैल्युफैक्चरिंग को समझने के लिए ट्रेनिंग लेना ज़रूरी है।

मोमबत्ती उत्पादन की खूबी
यह एक ऐसा घरेलू उद्योग है, जिसे कम पूँजी में भी शुरू किया जा सकता है। इसमें मैन पावर की भी ज्यादा जरूरत नहीं है। इसे आप परिवार के सहयोग से शुरूकर सकते हैं। इसकी सबसे बड़ी खूबी है कि इसमें पूंजीडूबने का खतरा नहीं के बराबर हैं। इसके लिए आपको बहुत बड़ी जगह की भी जरूरत नहीं है। पहले मोमबत्तियां सफेद और लाल रंग की होती थीं, जिन्हें बर्थडे, क्रिसमस और चर्च में जलाया जाता था, लेकिन अब ट्रेंड बदल चुका है। आज धरने-प्रदर्शनों से लेकर घर के ड्राइंगरूम और आलीशान होटलों में भी सजावट के लिए खुशबूदार मोमबत्तियों का उपयोग होने लगा है। आजकल बाज़ार में तरह-तरह की मोमबत्तियां माँजूद हैं, जैसे मेडिकेटिड मोमबत्ती, रोमांस इनहन्सिंग मोमबत्ती, अरोम मोमबत्ती प्लेटिंग मोमबत्ती आदि अनगिनत उत्पाद रोज बाज़ार में लोन्य हो रहे हैं।

कच्चा माल
कच्चे माल के रूप में दो चीज़ों की जरूरत पड़ती है, सूत की बत्ती और मोम सूत की बत्ती किसी भी अच्छे बाज़ार में मिल जाएगी, यहीं मोम के लिए किसी रिफाइनरी या पास के बाजार में जाना पड़ेगा। मोमबत्ती पैराफीन मोम से बनती है। फैराफीन कच्चे पेट्रोल को रिफइन करने से मिलता है। इसके अलावा जैल मोमबत्ती बनाने के लिए जैल, खुशबूदार मोमबत्ती के लिए कुछ खास तरह के परफ्यूम और इन्हें सजाने के लिए पत्थर, मोती, सितारे और थेड, वैक्स पिघलाने के लिए बड़े बर्तन और चूल्हा और मोमबत्ती को विभिन्न आकारों में ढालने के लिए सांचों की जरूरत होती है।
आप दस हजार से एक लाख रूपये तक की पूंजी में इस व्यवसाय को शुरू कर सकते है।

शैक्षिक योग्यता
कोर्स के लिए कम से कम आठवीं पास होना जरूरी है और आयु सीमा कम से कम 15 साल है। कैसा प्रशिक्षण मोमबत्ती उत्पादन (केंडल मोकिंग) में डिप्लोमा तीन महीने से एक साल की अवधि का होता है। प्रशिक्षण के दौरान मोम बनाना, ढांचे का चयन, लौह शीट में धागा डाल कर मोम डालने का तरीका सिखाया जाता है । इसी कोर्स में डिजाइनर मोमबत्तियां बनानी सिखाई जाती हैं। इसमें मोमबत्ती निर्माण की कला का प्रशिक्षण दया जाता है। सरकार की तरफ से व्यावसायिक प्रशिक्षण योजना के अन्तर्गत उद्यमियों को विभिन्न उद्योगों में सशुल्क प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है। विज्ञापन के माध्यम से प्रतिभागियों को प्रशिक्षण के लिए आमंत्रित किया जाता है, ताकि वे स्वरोजगार की ओर अग्रसर होकर अपना उद्योग स्वयं स्थापित कर सकें।

ఇంట్లో కూర్చొని క్యాండిల్స్ తయారీ ద్వారా కెరియర్ని మలుచుకొనుట :
క్యాండిల్స్ తయారీ ఒక క్రియేటివ్ పని. ఒక మంచి ఆర్టిస్ట్ క్యాండిల్స్ తయారుచేయగలడు. వీటి తయారీలో కలర్ కాంబినేషన్స్ అర్థం చేసుకోవటం చాలా ముఖ్యమైన విషయం. వీటి తయారీ విధానాలు తెలుసుకోవటానికి కొంత శిక్షణ అవసరం.

ఇది కుటీర పరిశ్రమ. దీనికి తక్కువ పెట్టుబడి చాలు. శ్రామికులు కూడా ఎక్కువమంది అవసరం లేదు. కుటుంబంలోని వారి సహాయంతో కూడా చేసుకోవచ్చు. పెట్టుబడి పోయే భయం లేదు. ఎక్కువ స్థలం కూడా అవసరంలేదు. క్యాండిల్స్ మొదట్లో తెలుపు, ఎరుపు రంగులలో మాత్రమే ఉండేవి. వాటిని పుట్టినరోజు, క్రిస్మస్, చర్చిలో వెలిగించటానికి వాడేవారు. కానీ ఇప్పుడు ట్రెండ్ మారింది. ఇవాళ వీటిని అలంకరణ కొరకు కూడా ఎక్కువగా వాడుతున్నారు.

దీనికి కావలసినది కేవలం మైనం, వత్తి వత్తి బజారులో దొరుకుతుంది. మైనము రిఫైనరీది చూసి కొనాలి. క్యాండిల్ పెరాఫీన్ మైనంతో తయారవుతుంది. పెరాఫీన్ ముడి పెట్రోలుతో శుభ్రపరచబడుతుంది. ఇంతేకాక జెల్, సువాసనలు వెదజల్లే క్యాండిల్స్ ఎన్నో ఉన్నాయి. రకరకాల నమూనాలలో మైనాన్ని పోసి క్యాండిల్స్ తయారు చేస్తున్నారు. 10,000 రూపాయల నుండి 1 లక్షవరకు పెట్టుబడిగా పెట్టి ఈ వ్యాపారం చేయవచ్చు.

ఈ కోర్సు చేయాలంటే 8వ తరగతి చదివి ఉంటే చాలు. 15సం॥ పైబడినవారు ఈ వ్యాపారం చేయగలరు. కోర్సులో అన్నీ సజావుగా నేర్పిస్తారు. ప్రభుత్వ సహాయసంస్థలు కూడా ఉన్నాయి.

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शब्द भंडार :

अ. निम्न लिखित शब्दों को वाक्यों में प्रयोग कीजिए।
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सृजनात्मक अभिव्यक्ति :

प्रश्न 1.
कल्पना कीजिए कि दादा जी शहर आते हैं। दादा जी और आप के बीच हुई बातचीत को वार्तालाप के रूप में लिखिए।
(ఊహించండి. తాతగారు పట్టణం వస్తున్నారు. తాతగారికి, మీకు మధ్య జరిగిన విషయాలను సంభాషణ రూపంలో రాయండి.)
उत्तर :
(दादाजी शहर आते हैं। घर में वार्तालाप चलता है।)
मैं : दादाजी, नमस्कार। आइये आप शहर आये बहुत दिन हुए।
दादाजी : चिरायू हो बेटों, कैसे हो ?
मैं : अच्छा हूँ दादाजी, आपका सफ़र कैसे चला ?
दादाजी : ओह ! वह तो एक खास बात है। रेल गाड़ी में भारी भीड़ थी। बैठने की जगह नहीं मिली। अचानक एक युवक ने उठकर अपनी सीट मुझे दी। मुझे आश्चर्य हुआ कि इस जमाने में भी ऐसे उदार युवक हैं ?
मैं : दादाजी, आपको शहर कैसे लगा ?
दादाजी : यहाँ के ऊँचे ऊँच सुंदर भवन सज-धज कर वाहनों पर जानेवाले व्यक्ति सब अच्छे लगे। किंतु खटकने की बात यह है कि यहाँ धुआँ का प्रदूषण अधिक है। पैदल चलनेवालों को कुछ असुविधा भी होती है।
मैं : अच्छा दादाजी, सफ़र से आप खूब थक गये होंगे। ज़रा आराम कीजिए।
(తాతగారు పట్టణం వచ్చారు. ఇంట్లో సంభాషణ జరుగుతోంది.)
నేను : తాతగారూ, నమస్కారం. రండి. మీరు పట్టణం వచ్చి చాలా రోజులైంది.
తాతగారు : చిరంజీవ, ఎట్లా ఉన్నావు ?
నేను : బాగున్నాను, తాతగారూ, మీ ప్రయాణం ఎలా జరిగింది ?
తాతగారు : అబ్బో ! అది ఒక విశేషమైన విషయం. రైలుబండి రద్దీగా ఉంది. కూర్చోటానికి చోటు దొరకలేదు. ఉన్నట్టుండి ఒక యువకుడు లేచి తన సీటు నాకిచ్చాడు. ఈ కాలంలో కూడా ఇటువంటి ఔదార్యంగల యువకులున్నారా అని ఆశ్చర్యమేసింది.
నేను : తాతగారూ! మీకు పట్టణం ఎట్లా అనిపించింది ?
తాతగారు : ఇక్కడి ఎత్తైన అందమైన భవనాలు, ముస్తాబై వాహనాలమీద వెళ్ళే వ్యక్తులు అన్నీ బాగానే ఉన్నాయి. కానీ బాధ కలిగించే విషయమేమంటే ఇక్కడ పొగవల్ల కాలుష్యం ఎక్కువగా ఉంది. కాలినడకన వెళ్ళే వాళ్ళకి కొంచెం ఇబ్బందిగా కూడా ఉంది.
నేను : తాతగారూ! సరే. (ప్రయాణంచేసి బాగా అలసిపోయి ఉంటారు. కొంచెంసేపు వి(శాంతి తీసుకోండి.

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प्रशंसा :

अ. अपनी कला-कौशल और प्रतिभा को देखते हुए आप कौनसा काम करना पसंद करेंगे ? अपने पसंदीदा क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए आप क्या करेंगे ?
(మీ కళా నైపుణ్యం, ప్రతిభను బట్టి మీరు ఏ పనిచేయటానికి ఇష్టపడతారు ? మీకిష్టమైన రంగంలో ముందుకు పోవటానికి మీరు ఏం చేస్తారు ?)
उत्तर :
अपनी कला-कौशल और प्रतिभा :
यह सत्य की बात है कि विश्व के हर एक व्यक्ति में किसी न किसी काम की कुशलता तो होती ही है । उसे बाहर लाने की चेष्टा तो करनी ही है।

अध्यापन कार्य में मेरी बड़ी रुचि है। मैं बड़ी लगन से पढ़ाई करता हूँ। पाठ्य विषयों के संदेहों को अध्यापकों के पास जाकर दूर करने का प्रयत्न करता हूँ। विविध विषयों की पुस्तकें ग्रन्यालय से लाकर पढ़ता हूँ और अपने ज्ञान को बढ़ाता हूँ। ऊँची शिक्षा पाने के बाद अध्यापक प्रशिक्षण केंद्र में भर्ती होकर प्रशिक्षण पाना चाहता हूँ। बाद अध्यापक बनकर उस पेशे में सफल बनने की चेष्टा करूँगा।

‘अध्यापक नित्य शिष्य ही रहें। इस कथन को सदा अमल में रखूँगा।

విశ్వంలోని ప్రతి వ్యక్తిలో ఏదో ఒక విషయంలో నేర్పు, నిపుణత ఉండటం వాస్తవం. దానిని బయటకు తెచ్చే ప్రయత్నం చేయవలసి ఉంటుంది. ‘బోధన’ నాకు మిక్కిలి ఆసక్తికరమైన విషయం. నేను చాలా నిష్టతో విద్యాభ్యాసం చేస్తున్నాను. పాఠ్య విషయాలలోని సందేహాలను ఉపాధ్యాయుల దగ్గరకు వెళ్ళి తీర్చుకుంటున్నాను. ఉన్నతవిద్య పూర్తి అయిన తరువాత ఉపాధ్యాయ శిక్షణా కేంద్రంలో ప్రవేశంపొంది శిక్షణ పొందాలని అనుకుంటున్నాను. తర్వాత ఉపాధ్యాయుడినై ఆ వృత్తిలో సాఫల్యం పొందేటందుకు కృషి చేస్తాను. గ్రంథాలయం నుండి వివిధ విషయాలకు చెందిన పుస్తకాలు తెచ్చుకొని చదివి జ్ఞానాన్ని వృద్ధి చేసుకుంటున్నాను.
‘ఉపాధ్యాయుడు నిత్య శిష్యుడు’ అనే సూక్తిని జీవితంలో అమలు చేస్తాను.

परियोजना कार्य :

प्रश्न 1.
गाँव के विभिन्न व्यवसायों के चित्र इकट्ठा करो। कक्षा में प्रदर्शन करो।
(వృత్తిపనుల వారి చిత్రాలను సేకరించి తరగతి గదిలో ప్రదర్శించండి.)

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भाषा की बात :

अ. नीचे दिया गया अनुच्छेद पढ़िए।
(క్రింద ఇవ్వబడిన పేరాను చదవండి.)
रानी और रमेश आठवीं कक्षा में पढ़ते हैं। गर्मी की छुट्टियों में दादाजी उन्हें अपने गाँव ले जाने के लिए आये। सब मिलकर सबेरे रेल से निकले। गाड़ी में बड़ी भीड़ थी । फिर भी जैसे-तैसे बैठने की जगह मिल गयी। शाम तक गाँव पहुँच गये। वहाँ स्टेशन के पास चाचाजी बैलगाड़ी लेकर तैयार थे। बैलगाड़ी खेतों के किनारे- किनारे चलने लगी। खेतों में किसान काम कर रहे थे। पशु चर रहे थे। गाँव की हरियाली देखने लायक थी । बातों-बातों में घर आ गया। दादीजी से मिले। दादीजी ने बहुत लाड़-प्यार किया। सबेरे दोनों दूध पीकर दादाजी के साथ गाँव घूमने निकले।
ऊपर दिये अनुच्छेद में रानी, गाँव, भीड़, पशु, हरियाली और दूध शब्द किसी व्यक्ति, प्राणी, वस्तु, स्थान अथवा भाव का बोध कराते हैं। ऐसे शब्दों को संज्ञा कहते हैं, संज्ञा के पाँच भेद हैं। वे हैं –

పైన ఇవ్వబడిన పేరాలో రాణి, గ్రామము, గుంపు, పశువు, పచ్చదనము మరియు పాలు శబ్దాలు ఏదైనా వ్యక్తి, పైన ఇవ్వబడిన పేరాలో రాణి, గ్రామము, గుంపు, పశువు, పచ్చదనము మరియు పాలు శబ్దాలు ఏదైనా వ్యక్తి, ప్రాణి, వస్తువు, స్థానము లేదా భావమును తెలియచేస్తాయి. అటువంటి శబ్దాలను संज्ञा (నామవాచకము) అంటారు. संज्ञा లో 5 భేదాలు కలవు. అవి :

1. जातिवाचक संज्ञा : जिस संज्ञा शब्द से किसी संपूर्ण जाति का बोध हो, वह जातिवाचक संज्ञा कहलाता है। उदा : लड़का खेलता है।
जातिवाचक संज्ञा : Common Noun జాతివాచక నామవాచకము: ఏ నామవాచక శబ్దము ద్వారా ఏదేని పూర్తి జాతి తెలుస్తుందో, దానిని जातिवाचक संज्ञा అంటారు.
ఉదా: బాలుడు ఆడుచున్నాడు.

2. व्यक्तिवाचक संज्ञा : किसी विशेष व्यक्ति, वस्तु, स्थान का बोध करानेवाले शब्द व्यक्तिवाचक संज्ञा कहलाते हैं।
उदा: रामू खेलता है।
व्यक्तिवाचक संज्ञा : Proper Noun వ్యక్తివాచక నామవాచకము : ఏదైన ప్రత్యేకమైన వ్యక్తి, వస్తువు, స్థానమును గురించి తెలియజేసే శబ్దాలను व्यक्तिवाचक संज्ञा అంటారు.
ఉదా : రాము ఆడుచున్నాడు.

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3. भाववाचक संज्ञा जिस संज्ञा शब्द से किसी गुण, स्वभाव, दशा का बोध हो, वे भाववाचक संज्ञा कहलाते हैं।
उदा: सुख-दुख आते जाते रहते हैं।
भाववाचक संज्ञा : Abstract Noun భావవాచక నామవాచకము : ఏ శబ్దాల ద్వారా గుణము, స్వభావము, దశ గురించి తెలుస్తుందో వాటిని भाववाचक संज्ञा అంటారు.
ఉదా: సుఖదుఃఖాలు వచ్చిపోతుంటాయి.

4. समुदायवाचक संज्ञा : ऐसे शब्द, जो किसी विशेष समुदाय या समूह का बोध कराते हैं, वे संज्ञा कहलाते हैं।
उदा: सेना देश की रक्षा करती है।

समुदायवाचक संज्ञा : Collective Noun సాముదాయిక నామవాచకము : ఏ శబ్దాలైతే ప్రత్యేకమైన సముదాయాలను / సమూహాలను గురించి తెలుపుతాయో వాటిని समुदायवाचक संज्ञा అని అంటారు.
ఉదా: సైన్యం దేశాన్ని కాపాడుతుంటుంది.

5. द्रव्यवाचक संज्ञा : जो शब्द द्रव्य या विभिन्न धातुओं का बोध कराते हैं, वे द्रव्यवाचक संज्ञा कहलाते हैं। उदा : स्वच्छ जल पीना चाहिए।

द्रव्यवाचक संज्ञा : Material Noun ద్రవ్యవాచక నామవాచకము : ఏ శబ్దము ద్రవ్యము లేదా విభిన్న ధాతువుల (లోహాలు) గురించి తెలియచేస్తుందో దానిని द्रव्यवाचक संज्ञा అని అంటారు.
ఉదా: స్వచ్చమైన నీటిని త్రాగాలి.

आ. नीचे दिये गये वाक्यों में आये संज्ञा शब्द ढूँढकर रेखांकित कीजिए।

रानी पढ़ती है।
उत्तर :
रानी – व्यक्तिवाचक संज्ञा

बालक खा रहा है।
उत्तर :
बालक – जातिवाचक संज्ञा

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हरियाली अच्छी होती है।
उत्तर :
हरियाली – भाववाचक संज्ञा

दूध पीना चाहिए। (A.EX 🙂
उत्तर :
दूध – द्रव्यवाचक संज्ञा

वहाँ भीड़ है। (A.EX 🙂
उत्तर :
भीड़ – समुदायवाचक संज्ञा

Additional Questions :

प्रश्न 1.
खेती के लिए किन-किन सामानों का उपयोग करते हैं ?
(వ్యవసాయానికి ఏయే పనిముట్లను ఉపయోగిస్తారు ?)
उत्तर :
खेती के लिए कुदाल, खुरपी, फावड़ा, हल, हँसिया आदि सामानों का उपयोग करते हैं।
వ్యవసాయానికి పలుగు, దోకుడుపార, గునపం, నాగలి, కొడవలి మొదలైన సామానులు ఉపయోగిస్తారు.

प्रश्न 2.
मिट्टी से तुम क्या -क्या बना सकते हो ?
(మట్టితో నీవు ఏమేమి తయారు చేయగలవు ?)
उत्तर :
मिट्टी से मैं खिलौने, भगवान की मूर्तियाँ, घड़े, मटके, दिए, गमला, नुमाइशी चीजें आदि बना सकता हूँ।
నేను మట్టితో బొమ్మలు, దేవుని ప్రతిమలు, కుండలు, మట్టిపాత్రలు, ప్రమిదలు, కుండీలు, అలంకరణ వస్తువులు మొదలైనవి తయారుచేయగలను.

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प्रश्न 3.
तुम दादाजी के गाँव के बारे में क्या कहना चाहोगे ?
(మీ తాతగారి గ్రామము గురించి ఏమి చెప్పదలచుకున్నావు ?)
उत्तर :
दादाजी का गाँव अति सुंदर है। वहाँ के लोग आपसी सहयोग से जीवन बिता रहे हैं। मिलजुल कर रहते हैं। वास्तव में भारत गाँवों में ही बसता है। दादाजी का गाँव इसका ज्वलंत उदाहरण है।
తాతగారి గ్రామము చాలా అందమైనది. అక్కడివారు పరస్పర సహకారముతో జీవితం గడుపుతున్నారు. కలిసిమెలిసి జీవిస్తున్నారు. వాస్తవానికి నిజమైన భారతదేశం గ్రామాల్లోనే ఉంటుంది. తాతగారి పల్లెటూరు దీనికి చక్కటి ఉదాహరణ.

प्रश्न 4.
दादाजी किन्हें लेने शहर पहुँचे ?
(తాతగారు ఎవరిని తీసుకురావటానికి పట్టణానికి వెళ్ళారు?)
उत्तर :
रानी और रमेश आठवीं कक्षा में पढ़ते हैं। अभी उनको गर्मी की छुट्टियाँ हैं। इसीलिए दादाजी रानी और रमेश को लाने शहर पहुँचे।
రాణి మరియు రమేశ్ ఎనిమిదవ తరగతిలో చదువుచున్నారు. ఇప్పుడు వారికి వేసవి సెలవులు వచ్చాయి. అందుకే తాతగారు రాణి, రమేశ్లను తీసుకురావటానికి పట్టణము వెళ్ళారు.

प्रश्न 5.
बढ़ई क्या-क्या बनाता है ?
(వడ్రంగి ఏయే వస్తువులను తయారుచేస్తాడు?)
उत्तर :
बढ़ई लकड़ी से हल, खिड़की, दरवाज़े, बैलगाड़ी और तरह-तरह के सामान बनाता है।
వడ్రంగి చెక్కతో నాగలి, కిటికీ, గుమ్మాలు, ఎడ్లబండి మరియు రకరకాల సామానులు తయారుచేస్తాడు.

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प्रश्न 6.
कुम्हार क्या-क्या बनाता है ?
(కుమ్మరి ఏఏ వస్తువులు తయారు చేస్తాడు?)
उत्तर :
कुम्हार मिट्टी के बरतन जैसे – घड़े, मटके, हँडी, मिट्टी के खिलौने आदि बनाता है।
కుమ్మరి కుండలు, పెద్దకుండలు, పాత్రలు, బొమ్మలులాంటి అనేక వస్తువులు మట్టితో తయారుచేస్తాడు.

I. पठित गद्यांश :

निम्न लिखित गद्यांशों को पढ़कर प्रश्नों के उत्तर लिखिए।

1. रानी और रमेश आठवीं कक्षा में पढ़ते हैं। गर्मी की छुट्टियों में दादाजी उन्हें अपने गाँव ले जाने के लिए आये। सब मिलकर सबेरे रेल से निकले। गाड़ी में बड़ी भीड़ थी। फिर भी जैसे –
तैसे बैठने की जगह मिल गयी। शाम तक गाँव पहुँच गये। वहाँ स्टेशन के पास चाचाजी बैलगाड़ी लेकर तैयार थे।

प्रश्न 1.
रानी और रमेश कौन-सी कक्षा में पढ़ते हैं ?
उत्तर :
आठवीं

प्रश्न 2.
उन्हें दादाजी कब और कहाँ ले जाने के लिए आये ?
उत्तर :
गर्मी की छुट्टिट्यों में दादाजी उन्हें अपने गाँव ले जाने के लिए आये।

प्रश्न 3.
दादाजी के गाँव कैसे गये ?
उत्तर :
रेल

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प्रश्न 4.
रानी और रमेश कब तक गाँव पहुँचे ?
उत्तर :
शाम तक

प्रश्न 5.
यह गद्यांश किस पाठ से दिया गया है ?
उत्तर :
प्यारा गाँव

2. रमेश : दादा जी ! आपका गाँव बड़ा प्यारा है। यहाँ तो सभी तरह के काम करने वाले रहते हैं।
दादाजी : हाँ बेटा! यहाँ सभी तरह के काम करने वाले रहते हैं। ये एक दूसरे की सहायता करते हैं और मिलजुलकर रहते हैं। वे अपने-अपने घरेलू उद्योगों से देश के विकास में भाग लेते हैं।
रानी : दादा जी ! ये देखो कितने हरे-भरे खेत हैं।
दादाजी : हाँ बेटी ! इन खेतों को हरा-भरा बनाने के लिए किसान दिन-रात मेहनत करते हैं। अन्न उगाते हैं। हमारी भूख मिटाते हैं। इसीलिए महात्मा गांधी जी ने कहा था “वास्तव में भारत गाँवों में ही बसता है।”

प्रश्न 1.
गाँव कैसा है ?
उत्तर :
1. बड़ा प्यारा

प्रश्न 2.
गाँव में किस तरह के काम करनेवाले रहते हैं ?
उत्तर :
सभी तरह के

प्रश्न 3.
गाँव के लोग कैसे रहते हैं ?
उत्तर :
गाँव के लोग एक टूसरे की सहायता करते हैं और मिलजुलकर रहते हैं।

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प्रश्न 4.
किसान क्या करते हैं ?
उत्तर :
दिन-रात मेहनत करके अन्न उगाते हैं।

प्रश्न 5.
गाँवों के बारे में गाँधीजी ने क्या कहा ?
उत्तर :
वास्तव में भारत गाँवों में ही बसता है।

II. अपठित पद्यांश / गद्यांश

3. अंबा, तात कब आयेंगे?
धीरज धर बेटा, अवश्य हम उन्हें एक दिन पायेंगे।
मुझे भले ही भूल जायें वे तुझे क्यों न अपनायेंगे
कोई पिता न लाया होगा, वह पदार्थ वे लायेंगे।
माँ तब पिता-पुत्र हम दोनों संग-संग फिर जायेंगे।
देना तू पाथेय, प्रेम से विचर – विचर कर खायेंगे।
पर अपने इन सूने दिन तुझको कैसे पायेंगे।

प्रश्न 1.
उपर्युक्त पद्यांश में पुत्र किसके आने की राह देख रहा है?
उत्तर :
तात

प्रश्न 2.
पिताजी किसको भूलगए ?
उत्तर :
माताजी

प्रश्न 3.
पिताजी क्या लाएँगे ?
उत्तर :
ऐसा पदार्थ जो अभी तक कोई नहीं लाया

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प्रश्न 4.
माता पुत्र को क्या कहकर दिलासा देती है ?
उत्तर :
पिता जल्दी आएँगे

प्रश्न 5.
पुत्र क्या सोचकर प्रसन्न हैं?
उत्तर :
दोनों भ्रमण के लिए जाएँगे।

4. मनोरंजन का अर्थ है ‘मन की प्रसन्नता’। मन की प्रसन्नता से ही व्यक्ति प्रफुल्लित रहता है,
उसमें नव-स्फूर्ति आती है। शक्ति और स्फूर्ति से शरीर स्वस्थ होता है। रेडियो, टेलीविजन,
चलनचित्रों के आविष्कार ने मनोरंजन को काफी बढ़ावा दिया है। विभिन्न प्रकार के खेल, पुस्तकें,
पत्र-पत्रिकाएँ, समाचार पत्र आदि भी मनुष्य का भरपूर मनोरंजन करते हैं।

प्रश्न 1.
मनोरंजन का क्या अर्थ है?
उत्तर :
मन की प्रसन्नता

प्रश्न 2.
मनोरंजन के क्या लाभ है ?
उत्तर :
शरीर स्वस्थ होता है और मन प्रसन्न रहता है।

प्रश्न 3.
मनोरंजन के विभिन्न साधन क्या क्या हैं ?
उत्तर :
रेडियो, टेलीविज़न, चलनचित्र, पुस्तकें, पत्र-पत्रिकाएँ समाचार पत्र आदि।

प्रश्न 4.
किसकी प्रसन्नता से व्यक्ति प्रफुल्लित रहता है ?
उत्तर :
मन

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प्रश्न 5.
खेलों से क्या मिलता है ?
उत्तर :
मनोरंजन

5. तप करने का अर्थ है – कठोर जीवन जीना। जब आसपास भोग के साधन तुम्हें ललचा रहे हों, तरह-तरह के विज्ञापन तुम्हारा संयम हिला रहे हों, नई-नई फिल्में नए-नए तरीकों से तुम्हारे चरित्र और स्वभाव को चंचल बना रही हों, तब भी अविचल बने रहना तप है। आम आदमी इन आकर्षणों से बच नहीं पाता। वास्तव में संयम ही तप है और असंयम विलास का चिह्न।

प्रश्न 1.
संयम का क्या अर्थ है ?
उत्तर :
नियंत्रण

प्रश्न 2.
मायाजाल किसे कहा गया है ?
उत्तर :
माल बेचने के आकर्षक तरीकों को

प्रश्न 3.
हमें क्या ललचाते हैं ?
उत्तर :
भोग के साधन

प्रश्न 4.
कौन आकर्षणों से बच नहीं पाता ?
उत्तर :
आम आदमी

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प्रश्न 5.
असंयम किसका चिह्न है ?
उत्तर :
विलास का

पाठ : प्यारा गाँव :

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रानी और रमेश आठवीं कक्षा में पढ़ते हैं। गर्मी की छुट्टियों में दादाजी उन्हें अपने गाँव ले जाने के लिए आये। सब मिलकर सबेरे रेल से निकले। गाड़ी में बड़ी भीड़ थी। फिर भी जैसे-तैसे – बैठने की जगह मिल गयी । शाम तक गाँव पहुँच गये। वहाँ स्टेशन के पास चाचाजी बैलगाड़ी लेकर तैयार थे।

రాణి, రమేష్ లు ఎనిమిదో తరగతి చదువుతున్నారు. వేసవి సెలవులలో వారిని తమ ఊరు తీసుకు వెళ్ళుటకు తాతగారు వచ్చారు. ఉదయమే అందరూ కలిసి రైలులో బయలుదేరారు. బండి నిండి ఉంది. అయినా కూర్చోటానికి స్థలం దొరికింది. సాయంత్రానికల్లా ఊరు చేరారు. అక్కడ స్టేషన్ వద్ద ఎడ్లబండి తీసుకొచ్చి బాబాయి గారు సిద్ధంగా ఉన్నారు.

बैलगाड़ी खेतों के किनारे-किनारे चलने लगी। खेतों में किसान काम कर रहे थे। पशु चर रहे थे। गाँव की हरियाली देखने लायक थी। बातों-बातों में घर आ गया। दादाजी से मिले। दादीजी ने बहुत लाड़-प्यार किया।

ఎడ్ల బండి పొలాల వెంట వెళ్ళింది. పొలాల్లో రైతులు పనులు చేసుకుంటున్నారు. గ్రామపు పచ్చదనం చూడచక్కగా ఉంది. మాటలలోనే ఇంటికి చేరుకున్నారు. నాయనమ్మను కలిశారు. ఆమె వారిని ప్రేమగా పలకరించింది.
सबेरे दोनों दूध पीकर दादाजी के साथ गाँव घूमने निकले। रास्ते में बातें करते हुए
ఉదయన్నే వారిద్దరు పాలు త్రాగి తాతగారితో ఉరు చూడటానికి బయలుదేరారు. దారిలో మాట్లాడుకుంటూ….

रानी : कमलेश काका क्या करते हैं?
రాణి : కమలేష్ బాబాయి ఏం పని చేస్తారు?
दादाजी : वे लुहार हैं, वे लोहे का सामान जैसे – खुरपी, फावड़ा, हथौड़ा, पहिया, कुल्हाड़ी आदि सामान बनाते हैं। वह देखो! दामोदर दादा का मकान।
తాతగారు : వాళ్ళు కమ్మరివాళ్ళు. (blacksmith) వారు పార, సుత్తి, చక్రం, గొడ్డలి లాంటి ఇనప సామాన్లు తయారుచేస్తారు. చూడు! అది దామోదర్ తాతగారి యిల్లు.
रमेश : दामोदर दादा क्या काम करते हैं?
రమేష్ : దామోదర్ తాత ఏం పని చేస్తారు?
दादाजी : दामोदर दादा गाँववालों के लिए मिट्टी के बरतन जैसे – घड़े, मटके, हँड़ी, मिट्टी के खिलौने आदि बनाते हैं। बच्चों तुम्हें पता है मिट्टी के बर्तन बनाने वाले को क्या कहते हैं?
తాతగారు : దామోదర్ తాత గ్రామస్థుల కోసం మట్టిపాత్రలైన కుండలు, కూజాలు, బానలు, మట్టిటొమ్మలు మొదలైనవి తయరరు చేస్తారు. పిల్లలూ మీకు తెలుసా, మట్టి పాత్రలు తయారుచేసేవారిని ఏమంటారు?
रानी : कुम्हार कहते हैं न दादाजी!
రాణి : కుమ్మరి అంటారు గదా తాతగారు!
दादाजी : शबाश! मेरी प्यारी रानी बेटी को तो सब कुछ पता है। वह देखो चंद्रय्या चाचा का घर। वे कपड़े बुनते हैं।
తాతగారు : సెహబాష్! మా రాణికి అన్నీ తెలుసు. చూడు అది చంద్రయ్య బాబాయి ఇల్లు. వాళ్ళు బట్టలు నేస్తారు.
रानी : अच्छा दादाजी! कपड़े बुनने वाले को क्या कहते हैं?
రాణి : మంచిది తాతగారు! బట్టలు నేసేవారిని ఏమంటారు?
दादाजी : कपडे बुननेवाले को जुलाहा कहते हैं। कपड़ा मशीन और हाथ दोनों से बनाते हैं। हाथ से बनाने को हथकरघा कहते हैं। चंद्रय्या चाचा के घर के पास ही रामय्या का घर भी है। वे बढ़ई का काम करते हैं।
తాతగారు : బట్టలు నేసేవారిని నేతపనివారు అని అంటారు. మెషీన్లతో, చేతులతోను బట్టని తయారుచేస్తారు. చేతితో చేసే వాటిని చేనేత పని అంటారు. చంద్రయ్య బాబాయి యింటికి దగ్గరలోనే రామయ్య ఇల్లు ఉంది. వారు వడ్రంగి పని చేస్తారు.
रमेश : दादाजी! बढई और क्या काम करते हैं?
రమేష్ : తాతగారూ! వడ్రంగి ఏమేమి పనులు చేస్తాడు?
दादाजी : बढई लकड़ी से हल, खिड़की, दरवाज़े बैलगाड़ी और तरह-तरह के सामान बनाते हैं।
తాతగారు : వడ్రంగి కొయ్యతో నాగలి, కిటికీలు, తలుపులు, ఎద్దులబండి లాంటి ఎన్నో రకాల సామానులు తయారుచేస్తాడు.
रानी : दादाजी! वहाँ देखिए। वे कौन हैं? वे क्या कर रहे हैं?
రాణి : తాతగారు, అక్కడ చూడండి. వారెవరు? ఏం చేస్తున్నారు?
दादाजी : हाँ बेटा! वे सोने-चाँदी का काम करते हैं। वे सोने-चाँदी से तरह-तरह के आभूषण जैसेअंगूठी, हार, चूड़ी, आदि बनाते हैं।
రాణి : వారు బంగారం, వెండితో పనులు చేస్తారు. బంగారం, వెండితో రకరకాల నగలు, ఉంగరాలు, హారాలు, గాజులు లాంటివి తయారు చేస్తారు.
रमेश : दादाजी! उस गली में देखिए लंबे-लंबे बाँस हैं। बाँस से क्या-क्या बनाते हैं?
రమేష్ : తాతగారు ఆ సందులో చూడండి. పొడవైన వెదురుబద్దలు ఉన్నాయి. దానితో ఏమేమి చేస్తారు?
दादाजी : देखो बेटा! बाँस से टोकरी, झूले, खिलौने आदि बनाते हैं। बनानेवाले को बंसोर कहते हैं।
తాతగారు : వెదురుతో బుట్టలు, ఉయ్యాలలు, బొమ్మలు మొదలైనవి తయారుచేస్తారు. వాటిని తయారుచేసే వారిని మేద8ి అని అంటారు.
रमेश : दादाजी! आपका गाँव बड़ा प्यारा है। यहाँ तो सभी तरह के काम कर्नेवाले रहते हैं।
రమేష్ : తాతగారు, మీ ఉరు చాలా బాగుంది. ఇక్కడ అన్నిరకాల పనులు చేసేవారు ఉన్నారు.
दादाजी : हाँ बेटा! यहाँ सभी तरह के काम करनेवाले रहते हैं। ये एक-दूसरे की सहायता करते हैं और मिलजुलकर रहते हैं।
తాతగారు : ఇక్కడ అన్ని రకాల పనులు చేసేవారుంటారు. వీరందరు ఒకరికొకరు సాయం చేసుకుంటూ కలసి మెలసి ఉంటారు.
रानी : दादाजी! ये देखो कितने हरे-भरे खेत हैं।
రాణి : తాతగారు, ఇక్కడ చూడండి. ఎంతపచ్చని పొలాలున్నాయో?
दादाजी : हाँ बेटी! इन ख्रेतों को हरा-भरा बनाने के लिए किसान दिन-रात मेहनत करते हैं। अन्न उगाते हैं। हमारी भूख मिटाने हैं। इसीलिए महात्मा गाँधी जी ने कहा था – ‘“वास्तव में भारत गाँवों में ही बसता है।”
తాతగారు : ఈ పొలాల్లో పచ్చదనం తీసుకురావటానికి రైతు రేయింబవళ్ళు కష్టపడతాడు. ధాన్యాన్ని పండిస్తాడు. మన ఆకలిని తీరుస్తున్నాడు. అందుకని మహాత్మాగాంధీజీగారు ‘భారతదేశం గ్రామాలలో ఉంది’ అసి అన్నారు.
रमेश-रानी : हाँ दादाजी! आपने सही कन्रा। सच में गाँच बहुत प्यारे होते हैं।
రమేష్-రాణి : తాతగారు, మీరు సరిగ్నా చెప్పారు. నిజంగా, గ్రామాలు చాలా బాగుంటాయి.

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Summary :

Rani and Ramesh are studying in 8th standard. On summer vacation, their grandfather came to take them to village. All started to the early morning train. There was much crowd in the train, anyways got a seat. By evening, they reached to village.

At the station, their uncle was ready with bullockcart. The bullockcart was passing aside the fields. Farmers were working in fields. The village atmosphere is very pleasant. It words they reached home. They met with grandmother. She welcomed then affectionately. Next day morning after drinking milk Rani and Ramesh go far a stroll along with their grandfather. On their way they met uncle Kamlesh. Grandfather says them to greet him. Kamlesh feels happy on seeing children.

Rani asks her grandfather what work he does. Grandfather tells her that Kamalesh is a blacksmith. He makes metal tools like axe, hammer, wheel, spade, small scraping instruments. He shows his grandchildren Damodar’s house. Ramesh asks his grandfather what Grandpa Damodar is. Grandfather tells him that he makes earthen vessels, pots, clay toys and the person who makes the things with clay is called potter, isn’t Grandpa says Rani. Grandfather gives complement to Rani and takes to Chandraiah’s house.

He tells them that he weaves clothes. Rani asks him what the persons who weave clothes are called he answers that they are called weavers. He also explains that the clothes are made by hand and machines. The making of cloth by hand is called handloom work.

Ramaiah’s house nearby Chandraiah’s house who is a Carpenter. Ramesh asks grandfather about Carpenter’s work. He tells that a carpenter makes ploughs, windows bullock carts and doors etc., with wood. Rani shows a goldsmith and asks about him and his work. Then he tells that goldsmith makes ornaments, rings, necklaces, bangles with gold and silver.

Meanwhile, Ramesh shows bamboo and asks him what things are made from bamboo. Grandfather tells him that baskets toys, etc., are made from bamboo and the people who makes them are basket weavers.

Finally, Ramesh tells grandfather that their village is very good and beautiful. Here live a unity of different works. Then grandfather relates them that people of different occupations work there helping each other and co-operating one another. There are farmers grow crops working hard day and night. As Gandhiji said, “India lives in villages alone”.

Ramesh and Rani agree to their Grandfather’s words. If you have love, friends, family, health, good humour and a positive attitude towards life, you’ve got everything! You can’t buy any of these things.

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