AP SSC 10th Class Hindi पत्र लेखन

AP State Board Syllabus AP SSC 10th Class Hindi Textbook Solutions पत्र लेखन Questions and Answers.

AP State Syllabus SSC 10th Class Hindi पत्र लेखन

1. चार दिन की छुट्टी माँगते हुए कक्षाध्यापक के नाम पत्र लिखिए।
उत्तर:

स्थान : ……….
दि. xxxxx

सेवा में
कक्षाध्यापक जी,
सरकारी उन्नत पाठशाला,
स्थान : …………
महोदय,

मैं दसवीं कक्षा, अ – कक्ष्य में पढनेवाला छात्र हूँ। मेरी क्रम संख्या : ……. है। मेरे बडे भाई का विवाह …… दिनांक को होनेवाला है। घर पर सगे – संबंधी आए हुए हैं। मुझे पिताजी की सहायता करनी है। इसलिए कृपया मुझे चार दिन ……….. से ……… तक छुट्टी देने की कृपा कीजिए।
धन्यवाद।

आपका विनम्र छात्र,
x x x x x

2. जिला शिक्षा अधिकारी को पत्र लिखकर बताइए कि विद्यालय आरंभ में सारे पुस्तकें पाठशाला को पहुँच गई है। इस पर बधाई और प्रशंसा करते हुए पत्र लिखिए ।
उत्तर:

प्रशंसा पत्र

विजयवाडा,
दि. xxxxx

प्रेषक :
नाम : xxxxx
कक्षा : xxxxx
पाठशाला का नाम : xxxxx
सेवा में,
पिला शिक्षा अधिकारी,
कृष्णा जिला,
मान्य महोदय,
आप से विनम्र निवेदन है – कि गत वर्ष कि तुलना में इस वर्ष हमारे पाठशाला को पाठ्य पुस्तकें मार्च के महीने में ही आगये हैं । इससे हम सब छात्र – छात्राएँ बेहद खुश हैं । आपको बधाई देना चाहते हैं कि – आप हम बच्चों के लिए अधिक श्रम करके, कठिनाईयों को सहकर भी हमारे लिए पाठ्य पुस्तकों का प्रबंध सही समय पर किये हैं।
इस श्रेष्ठ कार्य के लिए हम सब आपके आभारी व्यक्त करते हैं ।

आपका विश्वास भाजन
नाम : xxxxx
कक्षा : xxxxx
पाठशाला का नाम : xxxxx

AP SSC 10th Class Hindi पत्र लेखन

3. तुम अपने साथियों के साथ उल्लास यात्रा पर जाना चाहते हो। अपने पिताजी को पत्र लिखकर पाँच सौ रुपये मँगाओ और अनुमति माँगो।
उत्तर:

विजयवाडा,
दि. xxxxx

पूज्य पिताजी,
सादर प्रणाम,

मैं यहाँ कुशल हूँ। आशा है कि वहाँ आप कुशल हैं। मैं अच्छी तरह पढ़ रहा हूँ।

अगले सप्ताह हमारी कक्षा के सभी विद्यार्थी तिरुपति की विहार यात्रा करनेवाले हैं। हमारे दो अध्यापक भी साथ आ रहे हैं। हम बालाजी के दर्शन करने के बाद मद्रास भी जाना चाहते हैं। मैं भी आपकी अनुमति पाकर उनके साथ जाना चाहता हूँ। इसलिए पाँच सौ रुपये एम.ओ. करने की कृपा कीजिए। माताजी को मेरे प्रणाम। जल्दी अनुमति प्रदान करें।

आपका प्रिय पुत्र,
xxxxx

पता:
ए. रामाराव,
डो. नं. 9-1 – 132,
जगन्नाथपुरम,
काकिनाडा, पू.गो. जिला

4. मित्र के कक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त करने पर उसे बधाई – पत्र लिखिए।
उत्तर:

तेनाली,
दि: x x x x x

प्रिय मित्र दिनेश,
सप्रेम नमस्ते।

कल तुम्हारा पत्र मिला। पढ़कर मन खुशी से उछल पड़ा। मुझे तुम पर पूर्ण विश्वास था कि तुम कक्षा में प्रथम आओगे लेकिन तुमने पूरे विद्यालय में प्रथम स्थान प्राप्त कर मेरी प्रसन्नता चौगुनी बढ़ा दी है। मेरे हर्ष की कोई सीमा नहीं है। मेरी हार्दिक बधाई स्वीकार करो। तुम्हारी इस उपलब्धि ने मेरा सिर गौरव से ऊँचा कर दिया है। ईश्वर करे तुम्हे इसी तरह जीवन की प्रत्येक परीक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त करने का सौभाग्य मिलता रहे। एक बार फिर हार्दिक बधाई स्वीकार करो। अपने माता – पिता को मेरा सादर प्रण कहना न भूलना।

तुम्हारा प्रिय मित्र
x x x x

5. आपके यहाँ दशहरे का उत्सव धूमधाम से मनाया जाता है। मित्र को अपने यहाँ आने का निमंत्रण देते हुए पत्र लिखिए।
उत्तर:

विजयवाडा,
दि. x x x x x

प्रिय मित्र प्रसाद,

मैं यहाँ कुशल हूँ। एक हफ्ते के पहले मैं दशहरे की छुट्टियाँ बिताने यहाँ आया। यहाँ दशहरा त्यौहार बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। यहाँ का कनकदुर्गा मंदिर प्रसिद्ध है। हर रोज़ माँ कनकदुर्गा के नये – नये अलंकरण किये जाते हैं। दशहरे के समय दूर – दूर से कई श्रद्धालु भक्त आते हैं। वे कृष्णा नदी में स्नान करते हैं। दुर्गा माता के दर्शन करते हैं। रात के समय मंदिर बत्तियों से सजाया जाता है। उस समय की शोभा देखने लायक होती है।

विजयवाडे में गाँधी पहाड पर प्लॉनेटोरियम भी है। तुम दशहरे की छुट्टियों में यहाँ आओ। हम दोनों बड़े आनंद के साथ, समय बिता सकेंगे।

तुम्हारा,
x x x x x

पता:
पी. प्रसादराव,
दसवीं कक्षा (बी),
जिला परिषद हाई स्कूल,
गाँधीनगर, श्रीकाकुलमा

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6. अपने मित्र को पत्र लिखकर आपके देखे हुए किसी भी मैच का वर्णन कीजिए।
उत्तर:

विजयवाडा,
दि. x x x x x

प्रिय मित्र श्रीनु।

मैं यहाँ कुशल हूँ। तुम भी कुशल होंगे। वार्षिक परीक्षा के लिए अच्छी तैयारी कर रहा हूँ। तुम्हारी पढाई कैसी चल रही है? मैं ने कल ही यहाँ एक क्रिकेट मैच देखा था। उसका वर्णन कर रहा हूँ।

इंदिरा गाँधी स्टेडियम में एक दिन का अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट मैच चला। उसे देखने हज़ारों लोग आये थे। मैं अपने मित्रों के साथ मैच देखने गया।

ऑस्ट्रेलिया और इंडिया के बीच खेल चला। भोजन विराम तक खेल बहुत अच्छा था। खिलाडी एक से बढकर एक निपुण थे। विराट कोह्ली हमारे देश के कप्तान थे। उन्होंने सिक्का उछालकर खेल शुरू किया। उन्होंने दो ओवर में बारह रन करके लोगों को चकित कर दिया। पचास रन के बाद वे आऊट हो गये।। दिनेश कार्तिक पूरे चार सिक्सर मारकर आगे बढे। पैंसठ रन करके आऊट हो गये। इंडिया ने तीन विकेट खोकर 216 रन बनाए। भोजन विराम के बाद ऑस्ट्रेलिया ने खेल शुरू किया। शाम के साढे पाँच बजे तक सबके सब खिलाडी आऊट हो गये। वे केवल दो सौ रन कर सकें। इस तरह भारत की जीत हुई। मैं खुशी से घर वापस आया।

तुम भी अपने देखे किसी खेल का वर्णन करते हुए पत्र लिखना। माता – पिता को मेरा नमस्कार कहना। पत्र की प्रतीक्षा में।

तुम्हारा प्रिय मित्र,
x x x x x x

पता :
आर. सुदर्शन,
दसवीं कक्षा,
जि.प. हाई स्कूल, काकिनाडा।

7. बीमार मित्र से मिलने जाने के लिए विद्यालय से एक दिन की छुट्टी चाहिए। वर्ग – अध्यापक को पत्र लिखकर प्रार्थना कीजिए।
उत्तर:

तेनालि,
दि. x x x x x

सेवा में,
श्री वर्ग – अध्यापक,
दसवीं कक्षा ‘ए’
श्री सिद्धार्था हाईस्कूल,
तेनालि, (पू.गो. जिला)
पूज्य अध्यापक महोदय,

सादर प्रणाम,

सेवा में निवेदन है कि मेरे मित्र सुधाकर कल दोपहर से बहुत बीमार है। मुझे ज्ञात हुआ कि अस्पताल में भर्ती किया गया है। उसे मिलने अमलापुरम जाना है। अतः दि. x x x x x को एक दिन की छुट्टी देने की कृपा करें। आशा करता हूँ कि ज़रूर मंजूर करेंगे।
सधन्यवाद।

आपका विनम्र छात्र,
x x x xx
दसवीं कक्षा ‘ए’

8. अपने मित्र को पत्र लिखिए। अपने देखे हुए प्रदर्शिनी का वर्णन कीजिए।
उत्तर:

विजयवाडा,
दि. x x x x x

प्रिय मित्र रमेश,

मैं यहाँ कुशल हूँ। तुम भी वहाँ कुशल होगे। मैं अच्छी तरह पढ़ रहा हूँ। मैं ने विजयवाडे में एक बडी प्रदर्शिनी देखी है। इसमें केन्द्र और राज्य सरकार संबंधी औद्योगिक उन्नति दिखाने के लिए प्रदर्शिनी चली है। लोग हज़ारों की संख्या में देखने आये हैं। मैं भी देखने गया। रात के समय बिजली की बत्तियाँ चकाचौंध करती हैं। यहाँ मनोरंजन के कई साधन हैं। बडा झूला, बच्चों की रेल गाडी, मोटर कार, ऊँट की सवारी, घुडसवार, चक्कर काटनेवाला हवाई – जहाज़ आदि हैं। कपडे की दूकानें और खिलौनौ की दूकानें भी हैं। लोग यहाँ से तरह – तरह की चीजें खरीदकर ले जा रहे हैं। कभी तुम भी पत्र लिखा करो। माता – पिता को मेरे प्रणाम।

तुम्हारा प्रिय मित्र,
xxxxx

पता:
जे. रमेश,
दसवीं कक्षा,
जि.प्र.प. हाई स्कूल,
विजयनगरम।

9. अपने मित्र को पत्र लिखकर अपनी भावी योजनाओं के बारे में लिखिए।
उत्तर:

अमलापुरम,
दि. x x x x x

प्यारी लक्ष्मी,

मैं यहाँ कुशल हूँ। आशा है तुम भी वहाँ सकुशल हो। मैं यहाँ अच्छी तरह पढ़ रही हूँ। आशा करती हूँ कि प्रथम श्रेणी आएगी। बाद में कॉलेज में भर्ती होकर पढ़ना चाहती हूँ। अध्यापिका बनकर पाठ पढ़ाने की मेरी इच्छा है। अध्यापन कार्य भी एक सेवा कार्य है। इसके द्वारा समाज अवश्य सुधर सकता है। तुम्हारे पत्र की प्रतीक्षा में।

तुम्हारी सहेली,
x x x x x

पता :
के. लक्ष्मी,
गाँधी नगर,
विजयवाडा – 3

10. अपने मित्र को पोंगल की छुट्टियों में आने का आमंत्रण देते हुए पत्र लिखिए।
उत्तर:

चेन्नई,
दि. x x x x x

प्रिय मित्र,

मैं यहाँ कुशल हूँ। आशा करता हूँ कि तुम भी वहाँ कुशल हो। अगले हफ्ते से हमारी पोंगल की छुट्टियाँ शुरू हो जायेंगी। मैं इस पत्र के द्वारा मुख्य रूप से तुम्हें आमंत्रित कर रहा हूँ। हमारे नगर में पोंगल का उत्सव बडे धूमधाम से मनाया जायेगा। यहाँ विशेष मेला और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन होगा। यहाँ नहीं हमारे नगर में देखने लायक स्थान अनेक हैं। इसलिए तुम ज़रूर आना।

तुम्हारे माँ – बाप से मेरे प्रणाम कहो। तुम्हारे भाई को मेरे आशीर्वाद कहना । तेरे आगमन की प्रतीक्षा करता हूँ।

तुम्हारा प्रिय मित्र,
x x x x x

पता :
आर. सुरेश कुमार,
दसवीं कक्षा ‘डी’,
नलन्दा विद्यालय,
एन. आर. पेटा, गूडूरु।

11. अपने मित्र को पत्र लिखकर आपने ग्रीष्मकाल की छुट्टियाँ कैसे बितायीं इसके संबन्ध में बताइए।
उत्तर:

भीमवरम,
दि. x x x x x

प्रिय मित्र मोहन,

मैं यहाँ कुशल हूँ। गर्मी की छुट्टियाँ मैं ने कैसे बितायीं? अब तुम को बता रहा हूँ।

परीक्षाओं के बाद मैं ने विजयवाडे में ही एक सप्ताह तक आराम किया। गुंटूर और एलूरु में हमारे रिश्तेदार हैं। उनके यहाँ मैं ने दस दिन बिताये। मेरे भाई हैदराबाद में सचिवालय में काम करते हैं। मैं उनके यहाँ गया। बाकी छुट्टियाँ मैं ने वहीं बितायीं। हैदराबाद एक बडा नगर है। वह शिक्षा, संस्कृति तथा वाणिज्य का बडा केंद्र है। यहाँ अनेक विश्वविद्यालय हैं। मैं ने सालारजंग म्यूज़ियम्, बिरला मंदिर, नेहरू जुआलाजिकल पार्क, गोलकोंडा किला आदि देखें।

यहाँ मैं ने बडे आनंद के साथ समय बिताया। इसे मैं कभी नहीं भूल सकता। तुमने छुट्टियाँ कैसे बितायीं? तुरंत पत्र लिखो।

तुम्हारा प्रिय मित्र,
x x x x

पता :
यन. मोहन राव,
एन. अप्पाराव का पुत्र,
ट्राक्टर मेकानिक,
सत्तेनपल्लि।

AP SSC 10th Class Hindi पत्र लेखन

12. “दशहरे’ का महत्व बताते हुए छोटे भाई को पत्र लिखिए।
उत्तर:

विजयवाडा,
दि. x x x x x

प्रिय भाई श्रीकर,
आशिष

मैं यहाँ कुशल हूँ। आशा है कि आप सब सकुशल हैं। एक हफ्ते के पहले मैं दशहरे की छुट्टियाँ बिताने यहाँ आया। यहाँ ‘दशहरा’ बडे धूमधाम से मनाया जाता है। यहाँ का कनकदुर्गा मंदिर प्रसिद्ध है। हर रोज़ कनकदुर्गा के नये – नये अलंकार किये जाते हैं। दशहरे के समय दूर – दूर से कई यात्री आते हैं। वे कृष्णा नदी में स्नान करते हैं। दुर्गा माता का दर्शन करते हैं। रात के समय मंदिर रंग बिरंगे विद्युत दीपों से सजाया जाता है। उस समय की शोभा निराली होती है।

विजयवाडे में गाँधी पहाड पर नक्षत्रशाला भी है। तुम दशहरे की छुट्टियों में यहाँ आओ। हम दोनों बडे आनंद के साथ समय बिता सकेंगे। माता – पिता को मेरे प्रणाम कहना | पत्र की प्रतीक्षा में।

तुम्हारा बड़ा भाई,
x x x x x

पता :
चिरंजीवि श्रीकर,
दसवीं कक्षा,
एस.एस. हाई स्कूल,
आलमूरु, पू.गो. जिला।

13. बीमार बहन को धीरज बंधाते हुए पत्र लिखिए।
उत्तर:

अमलापुरम,
दि. xxxxx

प्यारी बहन सुशी को,

आशीर्वाद।

मैं यहाँ अच्छी तरह पढ़ रहा हूँ। आज ही घर से पत्र आया है कि तुम्हारी तबीयत ठीक नहीं है। अस्पताल में पाँच दिन रहकर घर आयी हो। इस समाचार से मैं दुखी हूँ! लेकिन क्या करेंगे? जीवन में सुख – दुख को समान रूप से भोगना पडता है। तुम समय पर दवा लेने से और डॉक्टर साहब के कहने के अनुसार नियम पालन करने से जल्दी ही चंगी हो जाओगी। स्वस्थ होकर जल्दी स्कूल जाओगी। इसकी चिंता न करना। खुशी से रहो। तुम्हारी बीमारी दूर हो जोएगी। माँ – बाप को प्रणाम। छोटे बाई को प्यार।

तुम्हारा बड़ा भाई,
x x x x x

पता :
श्री. सुशी,
पिता. पि. रामय्या जी,
गाँधीनगर,
काकिनाडा।

14. संक्रांति का महत्व बताते हुए छोटी बहन को पत्र लिखिए।
उत्तर:

राजमहेंद्रवरम,
दि. x x x x x

प्यारी छोटी बहन सरिता,

आशीर्वाद।

कल तुम्हारा पत्र मिला। मुझे बडी खुशी हुई। वहाँ सब कुशल समझता हूँ। तुमने संक्रांति के बारे में जानने की इच्छा प्रकट की है। मैं यहाँ उसका महत्व तुम्हें समझाती हूँ।

संक्रांति हमारा एक बडा त्यौहार है। यह तीन दिनों का त्यौहार है। पहले दिन को भोगी कहते हैं। दूसरे दिन संक्रांति और तीसरे दिन को कनुमा कहते हैं। यह त्यौहार हर जनवरी महीने में आता है। इस सिलसिले में सभी बन्धु लोग अपने घर आते हैं। पकवान बनाते हैं। नये कपडे पहनते हैं। किसान लोग अनाज घर लाते हैं। गायों, बैलों और हलों की पूजा करते हैं। सारे गाँव में कोलाहल सा बना रहता है। मुर्गों की होड, भेडियों की भिडाई आदि होते हैं। सब लोग आनंद – प्रमोद के साथ त्यौहार मनाते हैं।

माता – पिता से मेरे प्रणाम कहना। उत्तर की प्रतीक्षा में –

तुम्हारी बड़ी बहन,
x x x x

पता:
के. सरिता,
पिता – रामाराव,
2-3/127, बंदर रोड,
गुडिवाडा।

15. अपनी पाठशाला के वार्षिकोत्सव का वर्णन करते हुए अपने मित्र के नाम पर पत्र लिखो।
उत्तर:

मानेपल्ली,
x x x x

प्रिय मित्र रामु,

मैं यहाँ कुशल हूँ! समझता हूँ तुम वहाँ कुशल रहे हो। तुम्हारे यहाँ से पत्र पाकर कई दिन हो गये हैं। इस पत्र के मिलते ही जवाब लिखना।

हमारी पाठशाला में दि. x x x x और दि. x x x x को वार्षिकोत्सव मनाया गया है। उसके बारे में पत्र में लिख रहा हूँ।

वार्षिकोत्सव के पहले दिन शाम को सार्वजनिक सभा हुई। उसमें हमारे नगर के नगर पालिका के मेयर और अन्य गण्यमान्य लोग पधारे हैं। हमारे प्रधानाध्यापक जी ने उनका स्वागत और सम्मान किया । मेयर ने अपने भाषण में छात्रों को अच्छी तरह पढ़कर, सुनागरिक बनने का संदेश दिया। प्रधानाध्यापक जी ने छात्रों को पुरस्कार दिलवा दिये। सभा के विसर्जित होने के बाद छात्रों ने नाटक नाटिकाओं का प्रदर्शन दिया। गीत और संगीत का आयोजन हुआ। रात दस बजे सभा का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ।

दूसरे दिन शाम को शारीरिक विन्यासों का प्रदर्शन हुआ। स्थानीय MLA यम यल ए महोदय जी ने अध्यक्ष का आसन ग्रहण किया। वन्देमातरम गीत से सभा का आरंभ हुआ। मुख्य अतिथि महोदय ने छात्रों से अनुशासन का पालन करने का, उसके ज़रिए जीवन में उन्नति पाने का संदेश दिया। रात नौ बजे सभा की समाप्ति हुयी।

तुम भी अपनी पाठशाला में मनाये गये वार्षिकोत्सव का वर्णन करते हुए पत्र ज़रूर लिखो। तुम्हारे माता – पिता से मेरे प्रणाम कहना।

तुम्हारा प्यारा दोस्त,
x x x x

पता :
आर. रामु,
दसवीं कक्षा,
कार्पोरेशन हाई स्कूल,
गुन्टूरु।

AP SSC 10th Class Hindi पत्र लेखन

16. अपने भाई की शादी में शामिल होने के लिए अनुमति माँगते हुए अपने कक्षाध्यापक के नाम पत्र लिखिए।
उत्तर:

विजयवाडा,
दि. x x x x x

प्रेषक :
क्र. सं. xxxx
दसवीं कक्षा,
शारदा हाई स्कूल,
विजयवाडा।

पूज्य महोदय,

सादर प्रणाम। सेवा में निवेदन है कि मेरे भाई की शादी कल तिरुमला में होनेवाली है। मैं भी उस शादी में शामिल होना चाहता हूँ। इसलिए आपसे विनती है कि मुझे शादी में जाने की अनुमति दीजिए।

सधन्यवाद,

आपका आज्ञाकारी छात्र,
क्र.सं. x x x.
दसवीं बी.

17. नौकरी के लिए आवेदन – पत्र
उत्तर:

गुंटूर
दि: x x x x x

प्रेषक
आलोक कुमार गुप्ता,
18/16 जेम्स स्ट्रीट,
गुंटूर।
सेवा में,
प्रधानाचार्य जी,
डि.ए.वी हाई स्कूल,
गुंटूर।

महोदय,

विषय : आपके द्वारा ‘स्वतंत्र वार्ता’ में प्रकाशित विज्ञापन के प्रत्युत्तर में हिंदी अध्यापक के पद हेतु अपना आवेदन – पत्र भेज रहा हूँ। मेरा व्यक्तिगत विवरण निम्नलिखित है ।
नाम : ……………
पिता का नाम : …………
जन्म तिथि : ……………….
शैक्षणिक योग्यता : ………..

  1. मैंने माध्यमिक शिक्षा बोर्ड से दसवीं की परीक्षा में 72% अंक प्राप्तकर उत्तीर्ण की है।
  2. माध्यमिक शिक्षा बोर्ड से बारहवीं की परीक्षा में 76% अंक प्राप्तकर उत्तीर्ण की है।
  3. उस्मानिया विश्वविद्यालय से बी.ए. की परीक्षा में 72% अंक प्राप्त कर उत्तीर्ण की है।
  4. आइ.ए.एस.ई (IASE) से बी.एड की परीक्षा में 75% अंक प्राप्त कर उत्तीर्ण की है।

मैं आपको विश्वास दिलाता हूँ कि यदि आपकी चयन समिति ने मुझे यह अवसर प्रदान किया तो निश्चित ही मैं आपकी उम्मीदों पर खरा उतरूँगा और अपनी पूरी निष्ठा व लगन के साथ काम करूँगा।

धन्यवाद सहित।

भवदीय
आलोक कुमार गुप्ता
पता : x x x x

18. तुम्हारी साइकिल चोरी हो गयी। थानेदार के नाम शिकायती पत्र लिखिए।
उत्तर:

विजयवाडा,
दि. x x x x x

प्रेषक :
दसवीं कक्षा,
सी.वी. आर. जी. एम. हैस्कूल,
विजयवाडा।
सेवा में,
श्री सब इन्स्पेक्टर साहब | श्री थानेदार जी,
टू टाउन पुलिस थाना,
विजयवाडा।

पूज्य महोदय,

निवेदन है कि कल शाम मैं अपनी साइकिल “नवोदया बुक स्टाल” के सामने रखकर, किताब खरीदने अंदर गया। मैं उसे ताला लगाना भूल गया। किताब खरीदकर बाहर आकर देखा तो वहाँ मेरी साइकिल नहीं थी। मैं ने इधर -उधर पूछताछ की। लेकिन उसका पता नहीं चला। मैं ने उसे पिछले महीने में ही खरीदी है। वह काले रंग की और हीरो कंपनी की है। उसका नंबर 2114623 है।

मैं एक गरीब छात्र हूँ। इसलिए आप उसका पता लगाकर मुझे दिलवाने की कृपा करें।

धन्यवाद,

आपका विश्वसनीय,
दसवीं कक्षा,
x x x x x,

पता :
श्री सब इन्स्पेक्टर साहब /श्री थानेदार जी,
टू टाउन पुलिस थाना,
विजयवाडा।

AP SSC 10th Class Hindi पत्र लेखन

19. जन्मदिन मनाने के लिये पैसे माँगते हुए अपने पिता के नाम पर एक पत्र लिखिए|
उत्तर:

विजयवाडा,
x x x x x

पूज्य पिताजी,

सादर नमस्कार। मैं यहाँ कुशल हूँ और आशा करता हूँ कि आप सब वहाँ सकुशल हैं।

मेरी पढाई अच्छी चल रही है। सारी परीक्षाओं में मुझे ही प्रथम स्थान मिल रहा है। मेरी तबीयत भी ठीक है। इस महीने में (15 तारीख) मेरा जन्म दिन है। मित्रों से मिलकर जन्म दिन मनाना चाहता हूँ। अतः ₹ 500 मुझे यथाशीघ्र भेजने की कृपा करें।

माताजी को मेरे प्रणाम और बहन गीतिका को मेरे आशीश कहना।

आपना आज्ञाकारी पुत्र,
x x x x

पता :
जी. मोहन राव,
घ.न. 1-3-16/4,
मासिसपेट,
तेनालि।

20. पुस्तकें खरीदने के लिए रुपये माँगते हुए अपने पिताजी के नाम पत्र लिखिए।
(या)
परीक्षा शुल्क चुकाकर, कुछ पुस्तकें खरीदने के लिए पैसे माँगते हुए पिताजी को पत्र लिखिए।
उत्तर:

विजयवाडा,
x x x x x

पूज्य पिताजी, सादर प्रणाम,

मैं यहाँ कुशल हूँ। आशा करता हूँ कि आप सब वहाँ सकुशल हो। मैं अच्छी तरह पढ रहा हूँ। परीक्षाएँ अच्छी तरह लिख रहा हूँ। अच्छे अंक भी मिलेंगे। मुझे यहाँ कुछ आवश्यक किताबें खरीदनी है। इसलिए पत्र पाते ही ₹ 500 एम.ओ. करने की कृपा कीजिए। माताजी को मेरे प्रणाम कहना। भाई राजेश को आशीशा

आपका आज्ञाकारी पुत्र,
x x x x

पता :
वी. माधवराव,
घ.नं. 3-18-74/6,
मंदिरवीधि, तिरुपति।

21. हिन्दी सीखने की आवश्यकता के बारे में छोटे भाई के नाम पर पत्र लिखिए|
उत्तर:

विजयवाडा,
दि. x x x x x

प्रिय छोटा भाई सुरेश कुमार,

तुम्हारा पत्र पाकर मैं बहुत खुश हुआ। मैं अगली फरवरी में हिन्दी विशारद परीक्षा देने की तैयारी कर रहा हूँ। हिन्दी भाषा सीखने में बहुत आसान है। यह भारत की राष्ट्रभाषा है। देश भर में असंख्य लोग यह भाषा समझते और बोलते हैं। इसलिए तुमसे मेरा अनुरोध है कि तुम भी हिन्दी सीख लो, क्योंकि हिन्दी हमारी राष्ट्रभाषा और राजभाषा है। हिन्दी भाषा के सीखने से भारत के सभी लोगों से अच्छी तरह बातचीत कर सकते हैं।

तुम्हारा भाई
x x x x

पता :
सुरेश कुमार, पी.
पी. नारायण का पुत्र,
घ.न. 4-12-8
ब्राडीपेट, गुंटूरु।

22. बीमारी (बुखार) के कारण पाँच दिन की छुट्टी माँगते हुए कक्षाध्यापक के नाम पत्र लिखिए।
उत्तर:

आर्मूर,
दि : xxxx

सेवा में,
श्री कक्षाध्यापक जी,
दसवीं कक्षा,
यस. यस. हाईस्कूल,आर्मूर।
महोदय,
सादर प्रणाम ।

सेवा में निवेदन है कि मेरी तबीयत ठीक नहीं है। बहुत तेज़ बुखार है। इसलिए मैं पाठशाला में नहीं आ सकती । कृपया आप मुझे दि : xxx से x x x तक पाँच दिन की छुट्टी देने की कृपा करें।

आपकी आज्ञाकारी छात्रा,
x x x x,
दसवीं कक्षा,
क्रम संख्या x x x x

23. किसी कॉलेज में प्रवेश हेतु प्राचार्य के नाम पत्र लिखिए।
उत्तर:

अमलापुरम,
दि. x x x x x

प्रेषक :
x x x x
पिता – रामय्या,
पो. अग्रहारम,
अलमापुरम।
सेवा में,
प्राचार्य महोदय,
एस .के.बी.आर. कॉलेज, अमलापुरम।

महोदय,

सेवा में निवेदन है कि “मैं ने मार्च 2018 में एस.एस.सी. परीक्षा पहली श्रेणी में उत्तीर्ण की है। मुझे 75% प्रतिशत अंक मिले हैं। मैं विनम्र तथा अच्छा विद्यार्थी हूँ। मुझे मन लगाकर पढने की इच्छा है। मुझे बाई.पी.सी. से बडी लगन है। आपकी कॉलेज में पढाई अच्छी की जाती है। प्रतिष्ठित संस्थान है। अतः मैं आपके कॉलेज में बाई. पी.सी.ग्रूप लेकर इंटरमीडियट पढना चाहता हूँ। कृपया मुझे प्रवेश दिलवा दीजिए।

आपका विनम्र छात्र,
x x x x

24. किसी पुस्तक – विक्रेता के नाम पर एक पत्र लिखिए। आवश्यक पुस्तकें माँगते हुए किसी पुस्तक विक्रेता के नाम पर एक पत्र लिखिए।
उत्तर:

विजयवाडा,
दि. x x x xx

प्रेषक :
नंबर,
दसवीं कक्षा,
गाँधीजी मुनिसिपल हाई स्कूल,
विजयवाडा।

सेवा में :
व्यवस्थापक,
द.भा.हिं. प्रचार सभा,
अमलापुरम |

प्रिय महोदय,

निम्नलिखित पुस्तकें ऊपर दिये गये मेरे पते पर वी.पी.पी.के ज़रिए शीघ्र भेजने की कृपा करें आपके नियमानुसार ₹. 150 अग्रिम भेज रहा हूँ। यथा नियम उचित कमीशन भी दीजिए। सभी किताबें जल्दी भेजिये। निम्नलिखित सूचना के अनुसार सभी किताबें भेज सकते हैं।

आवश्यक किताबें :
AP SSC 10th Class Hindi पत्र लेखन 1

आपका,
x x x x

AP SSC 10th Class Hindi पत्र लेखन

25. तुम्हारी साइकिल चोरी हो गयी। थानेदार के नाम शिकायती पत्र लिखिए।
उत्तर:

विजयवाडा,
दि. x x x x x

प्रेषक :
दसवीं कक्षा,
सी.वी. आर. जी. एम. हैस्कूल,
विजयवाडा।
सेवा में,
श्री सब इन्स्पेक्टर साहब | श्री थानेदार जी,
टू टाउन पुलिस थाना,
विजयवाडा।

पूज्य महोदय,

निवेदन है कि कल शाम मैं अपनी साइकिल “नवोदया बुक स्टाल” के सामने रखकर, किताब खरीदने अंदर गया। मैं उसे ताला लगाना भूल गया। किताब खरीदकर बाहर आकर देखा तो वहाँ मेरी साइकिल नहीं थी। मैं ने इधर -उधर पूछताछ की। लेकिन उसका पता नहीं चला। मैं ने उसे पिछले महीने में ही खरीदी है। वह काले रंग की और हीरो कंपनी की है। उसका नंबर 2114623 है। मैं एक गरीब छात्र हूँ। इसलिए आप उसका पता लगाकर मुझे दिलवाने की कृपा करें।

धन्यवाद,

आपका विश्वसनीय,
दसवीं कक्षा,
x x x x x.

पता:
श्री सब इन्स्पेक्टर साहब /श्री थानेदार जी,
टू टाउन पुलिस थाना,
विजयवाडा।

26. पाठशाला में बालदिवस मनाया गया है। इसका वर्णन करते हुए मित्र के नाम पत्र लिखिए।
उत्तर:

अमलापुरम,
दि. x x x x x.

प्रिय मित्र प्रशांत,

सप्रेम नमस्कार,

मैं यहाँ कुशल हूँ। आशा है कि तुम भी वहाँ कुशलपूर्वक हो । मेरी पढाई खूब चल रही है। हर साल 14 नवंबर को चाचा नेहरू का जन्म दिन बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है। हमारी पाठशाला में उस दिन बाल दिवस बडे वैभव से मनाया गया है। उस दिन सेबेरे ही पाठशाला के सब विद्यार्थी और अध्यापक हाज़िर हुए हैं। प्रार्थना के बाद प्रधान अध्यापक जी ने नेहरू जी के महान गुणों पर प्रकाश डाला।

कुछ अध्यापक और छात्र नेहरूजी के व्यक्तित्व का परिचय दिया। अनेक नृत्य – गान हुए। विभिन्न प्रतियोगिताओं में प्रतिभा दिखाये। छात्रों को पुरस्कार दिये गये। सबने भारत के सच्चे नागरिक बनने की प्रतिज्ञा की | सब में मिठाइयाँ बाँटी गयीं। राष्ट्रीय गान के साथ सभा समाप्त हुयी। तुम्हारे माँ – बाप को मेरे प्रणाम कहना।

तुम्हारा प्रिय मित्र,
x x x x x.

पता :
जी. साइप्रशांत,
कक्षा दसवीं
केंद्रीय विद्यालय,
विजयवाडा।

27. अपनी पाठशाला में मनाये गये ‘वनम् – मनम्’ कार्यक्रम का वर्णन करते हुए मित्र के नाम पत्र लिखिए।
उत्तर:

गुंटूर,
दि. x x x x

प्रिय मित्र,

मैं यहाँ कुशल हूँ। आशा करता हूँ कि तुम भी वहाँ कुशल हो। मैं इस पत्र में हमारी पाठशाला में मनाये गये ‘वनम् – मनम्’ कार्यक्रम के बारे में लिख रहा हूँ।

‘वनम् – मनम्’ राज्य स्तरीय कार्यक्रम है। इसे आंध्रप्रदेश राज्य सरकार में जुलाई 1, 2017 को आरंभ किया । यह एक करोड पौधे लगाने का बृहद कार्यक्रम है। अधिक से अधिक वृक्षारोपण और पानी का सदुपयोग इसका उद्देश्य है।

हम लोग भी अपनी पाठशाला के फाटक के दोनों ओर, खेल मैदान के चारों ओर पेय जल स्थान आदि पर पौधों को लगाया। वर्षा का पानी पूर्ण रूप से उपयोगी बनें और व्यर्थ न हों।

इस कार्यक्रम में हमारे स्थानीय विधायक भी शामिल हुए थे। उन्होंने पानी का सदुपयोग और पेड लगाने की आवश्यकता का संदेश दिया।

तुम भी अपनी पाठशाला में मनाये गये ‘वनम् – मनम्’ कार्यक्रम का वर्णन करते हुए पत्र लिखो। तुम्हारे माता – पिता को मेरे नमस्कार।

तुम्हारा मित्र
x x x x

पता :
वी. श्रीरमण
दसवीं कक्षा,
जड.पी. हाईस्कूल,
नुन्ना, विजयवाडा।

28. विश्व पुस्तक प्रदर्शनी में जाने के लिए दो दिन की अनुमति माँगते हुए प्रधानाध्यापक के नाम पत्र लिखिए।
उत्तर:

रामचंद्रापुरम,
दि. x x x x

सेवा में,
प्रधानाध्यापक जी,
नगर पालिका हाईस्कूल,
कोत्तपेट, गुंटुर।

महोदय,

सादर प्रणाम । मैं दसवीं कक्षा अंग्रेजी माध्यम का छात्र हूँ। मेरी क्रम संख्या 18 है।

हमारे शहर से अस्सी किलोमीटर दूरी पर स्थित नगर में विश्व पुस्तक प्रदर्शनी लगी हुई है। मुझे पता चला कि उस प्रदर्शनी में सभी प्रकार की पुस्तकें उपलब्ध हैं। यह प्रदर्शनी केवल दस दिन के लिए
आयोजित है। मैं उसे देखना चाहता हूँ। अपनी मनपसंद पुस्तकें खरीदना चाहता हूँ। कल हमारे परिवार के सभी सदस्य उस प्रदर्शनी को देखने जा रहे हैं।

कृपया मुझे उस प्रदर्शनी में जाने के लिए दो दिन की अनुमति / छुट्टी देने की कृपा करें।

धन्यवाद

आपका आज्ञाकारी छात्र,
x x x x

29. अपने मुहल्ले में सफ़ाई का ठीक प्रबंध नहीं है। शिकायत करते हुए नगर – निगम के प्रधान के नाम पर पत्र लिखिए।
उत्तर:

विजयवाडा,
दि. x x x x x

प्रेषक :
x x x x
पिता – विनय कुमार,
मैनेजर,
स्टेट बैंक आफ़ इंडिया,
बैंक कॉलनी,
विजयवाडा।
सेवा में
स्वास्थ्य अधिकारी,
विजयवाडा नगर निगम कार्यालय, विजयवाडा।
मान्य महोदय,

सादर प्रणाम।

आपकी सेवा में नम्र निवेदन है कि “कुछ महीनों से हमारे कॉलनी में सफ़ाई ठीक ढंग से नहीं हो रही है। सड़कों पर कूडा – करकट जमा हुआ है। नालों का पानी सडकों पर बहता है। सफ़ाई की व्यवस्था नहीं है। इसलिए मच्छर खूब बढ गये हैं। कई लोग मलेरिया के शिकार बनते जा रहे हैं। इसलिए मैं आपसे प्रार्थना करता हूँ कि सफ़ाई कराने के आवश्यक कदम उठाएँ।

भवदीय,
x x x x

AP SSC 10th Class Hindi पत्र लेखन

30. किसी एक शैक्षणिक यात्रा का वर्णन करते हुए अपने मित्र के नाम पत्र लिखिए|
(या)
आप अपनी पाठशाला की ओर से विहार – यात्रा पर गए हैं। इसका वर्णन करते हुए मित्र के नाम पत्र लिखिए।
उत्तर:

विजयवाडा,
दि. x x x x x

प्यारे मित्र वेणु,

मैं यहाँ कुशल हूँ। आशा करता हूँ कि तुम भी वहाँ सकुशल हो। कुछ दिनों के पहले हमारी पाठशाला के दसवीं कक्षा के छात्र शैक्षणिक यात्रा के लिए वरंगल गये। उनके साथ मैं भी गया। हम कुल मिलाकर साठ छात्र इस शैक्षणिक यात्रा पर गये। हमारे समाज शास्त्र के अध्यापक और प्रधानाध्यापक भी हमारे साथ आये। हम वरंगल में दस दिन ठहरे।

वरंगल देखने लायक नगर है। यह तेलंगाणा राज्य का एक जिला है। जिला केंद्र है वरंगल। वरंगल बहुत देखने लायक नगर है। वरंगल के पास ही हनुमकोंडा है। हम यहाँ हज़ार स्तंभ देवालय, जुलाजिकल पार्क, अंबेड्कर की मूर्ति, पद्माक्षी मंदिर, सिद्धेश्वर मंदिर, काकतीय जू पार्क, मल्लिकार्जुनस्वामी मंदिर, श्री विद्या सरस्वती शनि मंदिर, गोविंदराजुलु गुट्टा, इस्कान मंदिर, काकतीय विश्व विद्यालय, नेशनल इन्स्टिट्यूट आफ़ टेकनालजी, अरोरा डिग्री कॉलेज, भद्रकाली मंदिर, रामप्पा मंदिर, वरंगल किला, पाकाला लेक (झील), एकशिला वॉटर फ़ाल और एकशिला बाल पार्क, एटूरु नागारम, खूनख्वार जंतुशाला, काकतीय रॉक गार्डेन, वरंगल विमान केंद्र, रामगुंडम विमान केंद्र, हकिपेट एयर फ़ोर्स स्टेशन, इन्स्टिट्यूट काकतीय म्यूजिकल गार्डेन, ऐनवोल मल्लन्ना मंदिर, रामन्न पेट, वरंगल, कोमटिपल्लि, काजीपेट नगर रेल्वे स्टेश्न, काजीपेट जंक्शन आदि रेल्वे स्टेशन भी हम ने देखें।

मैं आशा करता हूँ कि तुम भी आगामी छुट्टियों में वरंगल अवश्य देखते हो।
तुम्हारे माँ – बाप को मेरा नमस्कार |

तुम्हारे प्यारे मित्र,
x x x x x
विजयवाडा

पता:
के. के. माधव
पिता. के. वेणुगोपाल,
घर.न. 10-3-48
श्रीकृष्ण मंदिर वीथि,
विनुकोंडा।

31. छात्रवृत्ति के लिए प्रधानाध्यापक को प्रार्थना पत्र लिखिए।
उत्तर:

विजयवाड़ा,
ता. x x x x x

प्रेषक :
x x x x
पिता रामय्या,
वन टौन,
विजयावाडा।
सेवा में,
प्रचार्य महोदय
यस.के.बी.आर कॉलज,
आदरणीय महोदय,

सविनय निवेदन यह है कि मैं दसवीं कक्षा का विधार्थी हूँ। मुझे 92% प्रतिशत अंक मिले हैं। मैं एक गरीब परिवार का सदस्य हूँ। ऐसे में आगे शिक्षा जारी रखन मेरे लिए कठिन हैं। मैं आपके विध्यालय में ही पढ़ाई जारी रखना चाहता हूँ।

मैं न केवल एक अच्छा विद्यार्थी हूँ बल्कि जूनियर फुटबॉल टीम का कैप्ठन भी हूँ। मैं आपका सदा आभारी रहुँगा। मुझे उम्मीद है आप मुझे निराशा नहीं करेगे और मुझे छात्रवृत्ति प्रदान करेंगे।
धन्यवाद सहति

आपका विनम्र छात्र,
नं. x x x x x

पता :
प्राचार्य जी
एस.के.बी. आर. कॉलेज,
आर.के.पुरम,
विशाखपट्टणमा

32. भारी वर्षा के कारण नगर की सफाई सुचारु रूप से नहीं हो पा रही है। इसकी शिकायत करते हुए कमीशनर के नाम पत्र लिखिए।
उत्तर:

पोन्नुरू,
x x x x x

प्रेषक
x x x x
x x x x
जीबी.सी. रोड
पोन्नुरु।
सेवा में
क्षीमन कमीशनर,
नगर निगम कार्यालय,
पोन्नूरु।
महोदय,

निवेदन है कि भारी वर्षा के कारण कई दिनों से नगर की सफाई ठीक तरह से नहीं हो रही . है। इसलिए सभी सड़कें गंदगी से भरी पड़ी है। नगर की बस्तियाँ भी चलने – फिरने लायक नहीं रह गयी हैं। मच्छरों की संख्या भी बढ़ गयी है। गलियों से बदबू निकल रही है। इस कारण अनेक प्रकार की बीमारियाँ फैलने की आशांका है। अतः आपसे प्रार्थना है कि शीघ्र ही नगर की रक्षा करने के लिए आवश्यक कदम उठएँ।
पूर्ण सहयोग की आशा में।

सधन्यवाद।

आपका,
x x x x

पता :
आर. सुरेश कुमार,
दसवीं कक्षा ‘डी’,
नलन्दा विद्यालय,
मकंम्मा तोटा, करीमनगर।

33. अपने सहपाठियों के साथ आप ऐतिहासिक नगर गये। उसका वर्णन करते हुए अपने छोटे भाई/मित्र को पत्र लिखिए। (प्रेक्षणीय स्थान की यात्रा का वर्णन)
उत्तर:

भद्राचलं,
ता. x x x x x

प्रिय भाई चैतन्य प्रिय मित्र

आशीश,

गर्मी की छुट्टियों में मैं अपने सहपाठियों के साथ हैदराबाद देखने गया था। हम सब बस में गये थे। यात्रा की विशेषताएँ लिख रहा हूँ। हैदराबाद एक सुन्दर नगर है। यहाँ चारमीनार, गोलकोंडा किला, म्यूज़ियम, बिर्ला मंदिर आदि दर्शनीय स्थान हैं। यह व्यापार का बडा केन्द्र है। यह हमारी राजधानी है। इसको भाग्य नगर भी कहते हैं। अब यह भारत का एक महानगर बन गया है। यहाँ के सालारजंग म्यूज़ियम, नक्षत्रशाला, नेहरू प्राणी संग्रहालय आदि भी देखने लायक हैं। विधान सभा भवन, पब्लिक गार्डेन्स, फ़िल्मी स्टूडियोस आदि भी हमने देखे हैं। हमारी यात्रा आनंददायक और विज्ञानदायक होकर सफल रही। तुम भी अवश्य हैदराबाद देखने जाओ। माता-पिता को प्रणाम कह देना।

तुम्हारा बडा भाई/प्रिय मित्र,
x x x x x

पता :
चैतन्य,
घर का नंबर 9/269,
नकरेकल, नलगोंडा।

34. अपने भाई के जन्मदिन पर अपने मित्र को आमंत्रित करते हुए निमंत्रण पत्र लिखिए।
उत्तर:

चेन्नई,
x x x x x

प्रिय मित्र,

मैं यहाँ कुशल हूँ। आशा करता हूँ कि तुम भी वहाँ कुशल हो। अगले हफ्ते x x x x x को मेरे भाई का जन्मदिन है। मैं इस पत्र के द्वारा मुख्य रूप से तुम्हे आमंत्रित कर रहा हूँ। जन्मदिन का उत्सव बडे धूम – धाम से मनाया जायेगा। आप सबके आगमन से, विशेष रूप से तुम्हारे आने से मुझे बहुत खुशी होगी।

तुम्हारे माँ – बाप से मेरे प्रणाम कहो। तुम्हारे भाई को मेरे आशीर्वाद कहना । तेरे आगमन की प्रतीक्षा करता हूँ।

तुम्हारा प्रिय मित्र,
x x x x

पता:
आर. सुरेश कुमार,
दसवीं कक्षा ‘डी’,
नलन्दा विद्यालय,
मकंम्मा तोटा,
करीमनगर।

AP SSC 10th Class Hindi पत्र लेखन

35. किसी ऐतिहासिक स्थान का वर्णन करते हुए मित्र के नाम पत्र लिखिए।
(या)
अपने यहाँ मनाये गये किसी पर्व का वर्णन करते हुए मित्र के नाम पत्र लिखिए।
उत्तर:

विजयवाडा,
x x x x x

प्रिय मित्र हरि,

मैं यहाँ कुशल हूँ। समझता हूँ कि तुम भी कुशल हो। मैं ऐतिहासिक स्थल हैदराबाद की यात्रा कर के कल ही वापस आया। अपनी यात्रा के बारे में कुछ बातें लिख रहा हूँ। ध्यान से पढो। हम रेल से हैदराबाद गये, एक होटल में ठहरे। हैदराबाद एक सुन्दर नगर है। यहाँ चारमीनार, गोलकोंडा किला, म्यूज़ियम, बिर्लामंदिर आदि दर्शनीय स्थान देखे हैं। यहाँ के सालारजंग म्यूज़ियम, नक्षत्रशाला, नेहरू प्राणी संग्रहालय आदि भी देखने लायक हैं। विधान सभा भवन, पब्लिक गार्डेन्स, फ़िल्मी स्टूडियोस आदि भी हमने देखे हैं। हाईकोर्ट और अनेक सरकारी कार्यलय भी हमने देखे हैं। हमारी यात्रा आनंद और विज्ञानदायक होकर सफल रही। तुम भी एक बार जाकर देखो, माँ – बाप को प्रणाम।

तुम्हारा प्यारा मित्र,
नं. 56972.

पता :
वि. हरि,
दसवीं कक्षा,
जि.प. हाईस्कूल,
करिमनगर।

36. अपनी पाठशाला में मनाये गये स्वतंत्रता दिवस (राष्ट्रीय पर्व) का वर्णन करते हुए अपने मित्र के नाम पत्र लिखिए।
उत्तर:

करीमनगर,
ता. x x x x x

प्रिय मित्र साई,

मैं यहाँ कुशल हूँ। आशा है कि वहाँ तुम भी कुशल हो। यहाँ मैं हमारे स्कूल में मनाये गये स्वतंत्रता दिवस का वर्णन कर रहा हूँ।

पंद्रह अगस्त को हमारे स्कूल में स्वतंत्रता दिवस मनाया गया। उस दिन स्कूल और सभा मंडप रंग – बिरंगे कागज़ों से सजाये गये। उस दिन सबेरे तिरंगा झंडा फहराया गया। मेयर साहब ने भाषण दिया। सबको मिठाइयाँ बाँटी गयीं। शाम को विद्यार्थियों से सांस्कृतिक कार्यक्रम संपन्न हुये। खेलकूद में विजयी विद्यार्थियों को पुरस्कार दिये गये। राष्ट्रीय गीत के साथ सभा समाप्त हुई। तुम्हारे माँ – बाप को मेरे नमस्कार तुम्हारे छोटे भाई को मेरा आशीर्वाद।

तुम्हारा प्रिय मित्र,
x x x x

पता :
यस. यस. साई,
जि.प. हाईस्कूल,
मेदक, मेदक ज़िला।

37. नगर निगम अधिकारी को अपने मोहल्ले की सफ़ाई के लिए पत्र लिखिए।
उत्तर:

चौटुप्पल,
x x x x x

प्रेषक
x x x x
1-5-214, श्री नगर,
वरंगल।
सेवा में
श्री कमीशनर,
वरंगल नगर निगम,
वरंगल ।

महोदय,

नमस्कार

मैं वरंगल के हनुमान पेट मोहल्ले का वासी हूँ। आपकी सेवा में नम्र निवेदन है कि कुछ महीनों से हमारे नगर में सफाई ठीक ढंग से नहीं हो रही है । सडकों पर कूडा – करकट जमा हुआ है । नालों का पानी सडकों पर बहता है । उनको साफ़ करने की ठीक व्यवस्था नहीं है । इसलिए मच्छर खूब बढ़ गये हैं । कई लोग मलेरिया के शिकार बन गये हैं । इसलिए मैं आपसे प्रार्थना करता हूँ कि हर रोज़ सफ़ाई करने के आवश्यक कदम उठाएँ । मैं पूर्ण सहयोग की आशा में …………

आपका,
x x x x

38. अधिक वर्षा के कारण राज्य के किसानों की फसल नष्ट हो गयी है। मुख्य – मंत्री को पत्र लिखकर किसानों की आर्थिक सहायता करने की प्रार्थना कीजिये।
उत्तर:

करीमनगर,
ता. x x x x x

सेवा में
माननीय मुख्यमंत्री जी,
तेलंगाणा राज्यविभाग,
हेदराबाद।

निवेदन है कि पिछले हफ्ते से हो रही बारिश से राज्य भर के कई इलाकों में किसानों पर आफ़त आ गई। बेमौसमी बारिश से फसलों को भारी नुक्सान हुआ। फसल काटने का वक्त होने से किसान काटने की तैयारी में थे। लेकिन बारिश ने किसानों की सारी मेहनत पर पानी फेर दिया। आज धरती पुत्र अपना माथा पकडकर रो रहा है। तेलंगाणा कृषि विभाग से मैं प्रार्थना करता हूँ कि जल्दि से जल्दि सरकारी स्तर पर इसका आकलन तैयारकर उनकी दशा सुधारने की दिशा में आर्थिक सहायता करें।
धन्यवाद,

आपका विनम्र
तेलंगाणा राज्य नागरिक
हैदराबाद।

39. रास्ता चलने वाली अकेली महिला को देखकर सोने के आभूषण छीनने वालों से सुरक्षा करने की प्रार्थना करते हुए पुलिस अधिकारी को पत्र लिखिए।
उत्तर:

वरंगल,
x x x x

प्रेषकः
के. मोहनराव,
दसवीं, कक्षा,
मोडल हाईस्कूल,
वरंगल।
सेवा में,
श्री पुलीस अधिकारी
(सब इन्स्पेक्टर साहब)
टू तउन पुलीस थाना,
वरंगल।
पूज्य महोदय,

मैं अंबेडकर कॉलनी का निवासी हूँ। पिछले कुछ दिनों से हमारी कॉलनी में रास्ता चलने वाली , अकेली महिला को देख कर सोने के आभूषण छीन कर भाग जाने वाले चोर अधिक हो गये हैं। इसलिए मैं आप से सविनय पूर्वक निवेदन करता हूँ कि आप तुरंत पुलीस पेट्रोलिंग की व्यवस्था करें तथा चोरों से अकेले चलनेवाली महिलाओं की सुरक्षा करें।
तुरंत उचित करवाई के लिए प्रार्थना।
धन्यवाद सहित,

आपका,
विश्वसनीय,
के. मोहनराव,
वरंगल।

AP SSC 10th Class Hindi पत्र लेखन

40. नगर में बढ़ती हुई चोरी की घटनाओं पर चिंता व्यक्त करते हुए पुलिस कमिश्नर को पत्र लिखकर . पुलिस व्यवस्था बढ़ाने की माँग कीजिए।
उत्तर:

खाजीपेट,
x x x x

प्रेषकः
जी. साई प्रशाँत,
दसवीं कक्षा,
शारदा हाई स्कूल, खाजीपेट।
सेवा में,
श्री पुलीस कमीशनर जी, खाजीपेट।

मान्य महोदय,
सादर प्रणाम,

मैं अंबेड्कर कॉलनी का निवासी हूँ। पिछले कुछ दिनों से हमारी कॉलनी में चोरियाँ बढ़ गयी हैं। रात के समय बंद घरों में घुसकर धन, आभूषण लूट रहे हैं। पुलिस चौकसी है। पर नहीं के बराबर है। इन चोरियों से लोग हैरान हैं। इसलिए मैं आप से सविनय पूर्वक निवेदन करता हूँ कि आप इस विषय पर ध्यान देकर पुलिस व्यवस्था बढाने की कृपा करें। ताकि चोरियों से लोगों की संपत्ति की रक्षा होगी।

यथाशीघ्र आवश्यक कार्रवाई के लिए प्रार्थना ।

धन्यवाद सहित,

आपका,
विश्वसनीय,
जी. साई प्रशांत
खाजीपेट

41. मामा की शादी में जाने के लिए तीन दिन की छुट्टी माँगते हुए प्रधानाध्यापक के नाम पत्र लिखिए।
उत्तर:

विजयवाडा,
ता. x x x x x

सेवा में
श्री प्रधानाध्यापक जी,
हिंदु हाईस्कूल, विजयवाडा।
सादर प्रणाम,

मैं आप की पाठशाला में दसवीं कक्षा पढ़ रहा हूँ। ता. ………. को मेरे मामा की शादी तिरुपति में होनेवाली है। इसलिए कृपया मुझे तीन दिन ता. ……… से …………. तक मैं भी शादी में भाग लेने के लिए छुट्टी देने की प्रार्थना!
धन्यवाद सहित,

आपका
आज्ञाकारी छात्र,
भुवनेश,
दसवीं कक्षा।

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