AP Inter 2nd Year Hindi Study Material Poem 5 कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती

Andhra Pradesh BIEAP AP Inter 2nd Year Hindi Study Material पद्य भाग 5th Poem कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती Textbook Questions and Answers, Summary.

AP Inter 2nd Year Hindi Study Material 5th Poem कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती

संदर्भ सहित व्याख्याएँ – సందర్శ సహిత వ్యాఖ్యలు

प्रश्न 1.
नन्ही चींटी जब दाना लेकर चलती है ,
चढ़ती दीवारों पर, सौ बार फिसलती है।
मन का विश्वास रगों में साहस भरता है,
चढ़कर गिरना, गिरकर चढ़ना न अखरता है।
आखिर उसकी मेहनत बेकार नहीं होती।
उत्तर:
कवि – परिचय : प्रस्तुत कविता ‘कोशिश करनेवालों की कभी हार नहीं होती’ के कवि हरिवंशराय बच्चन जी हैं । आप हिन्दी साहित्य में हालावाद के प्रवर्तक माने जाते हैं । ‘मधुशाला’, ‘मधुकलश’ आपके बहुचर्चित काव्य हैं।

संदर्भ : प्रस्तुत कविता में मनुष्य को निरंतर प्रयत्नशील बनकर रहने का संदेश दिया गया है।

व्याख्या : प्रस्तुत पंक्तियों में कवि कहते है कि जब नन्हीं चींटी दाना लेकर दीवारों पर चढ़ती है, कई बार फिसलकर नीचे गिर जाती है। फिर भी वह अपनी लगन नहीं छोड़ती और मंजिल पहुँचने तक उसका प्रस्थान नहीं रुकता । चींटी की कोशिश कभी व्यर्थ नहीं जाती । जिनके मन का विश्वास, रगों में साहस को भरता है – वे चढ़ने और गिरने में संकोच नहीं करते । कोशिश करनेवालों की हार कभी नहीं होती।

विशेषता : प्रस्तुत कविता का संदेश स्पर्धा से युक्त आधुनिक युग में अत्यंत महत्त्वपूर्ण है । कवि चींटी जैसे छोटे और सरल उदाहरण से गंभीर विषय को समझाते हैं । कविता उपदेशात्मक एवं प्रभावशाली है । भाषा बहुत सरल है।

AP Inter 2nd Year Hindi Study Material Poem 5 कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती

प्रश्न 2.
डुबकियाँ सिंधु में गोताखोर लगाता है,
जा जाकर खाली हाथ लौटकर आता है।
मिलते नहीं सहज ही मोती गहरे पानी में,
बढ़ता दुगुना उत्साह इसी हैरानी में ।
उत्तर:
कवि- परिचय : प्रस्तुत कविता ‘कोशिश करनेवालों की कभी हार नहीं होती’ के कवि हरिवंशराय बच्चन जी हैं । आप हिन्दी साहित्य में हालावाद के प्रवर्तक माने जाते हैं । ‘मधुशाला’, ‘मधुकलश’ आपके बहुचर्चित काव्य हैं।

संदर्भ : प्रस्तुत कविता में मनुष्य को निरंतर प्रयत्नशील बनकर रहने का संदेश दिया गया है।

व्याख्या : प्रस्तुत पंक्तियों मे कवि कहते है” समुंदर में डुबकी लगाकर मोतियों का अन्वेषण करते गोताखोरो को देखिए ……. वे कितनी बार खाली हाथ लौटकर आते हैं । पर हर हार के बाद वे दुगुना उत्साह लेकर कोशिश करते है । वे तब तक लगातार प्रयास करते रहते है । जब तक मोती उनके हाथ नही आते । किसी न किसी दिन उनकी मुटिठयां मोतियों से भर जाती है।

विशेषता : प्रस्तुत कविता पाठकों में आशावाद एवं उत्साह भरनेवाली है। कविता उपदेशात्मक एवं प्रभावशाली है । भाषा बहुत सरल है।

प्रश्न 3.
असफलता एक चुनौती है, इसे स्वीकार करो,
क्या कमी रह गई, देखो और सुधार करो।
उत्तर:
कवि – परिचय : प्रस्तुत कविता ‘कोशिश करनेवालों की कभी हार नहीं होती’ के कवि हरिवंशराय बच्चन जी हैं । आप हिन्दी साहित्य में हालावाद के प्रवर्तक माने जाते हैं । ‘मधुशाला’, ‘मधुकलश’ आपके बहुचर्चित काव्य हैं।

संदर्भ : प्रस्तुत कविता में मनुष्य को निरंतर प्रयत्नशील बनकर रहने का संदेश दिया गया है।

व्याख्या : प्रस्तुत पद्यांश में कवि कहते हैं “असफलता एक चुनौती है और उसे स्वीकार करना चाहिए | पिछले प्रयास में हमने क्या किया और उसमें क्या कमी है – इन बातों की समीक्षा करके अपने आपको सुधारना चाहिए । पुनः उत्साह से प्रयास करना चाहिए । जब तक सफल नहीं होते तब तक नींद और आराम को छोड़ देना चाहिए ।”

विशेषता : प्रस्तुत कविता में बच्चन जी बहत ही सरल भाषा में पाठकों को प्रेरणा देते हैं । उनके अनुसार आदमी तभी हार जाता है, जब वह अपनी कोशिश रोक देता है । जब तक वह कोशिश करता रहेगा तब तक वह पराजित नहीं होता।

दीर्घ प्रश्न – దీర్ఘ సమాధాన ప్రశ్నలు

प्रश्न
1. ‘कोशिश करनेवालों की कभी हार नहीं होती’ कविता पर अपने विचार व्यक्त कीजिए।
2. कोशिश करनेवालों की कभी हार नहीं होती’ – कविता का सारांश लिखिए।
उत्तर:
कवि- परिचय : प्रस्तुत कविता ‘कोशिश करनेवालों की कभी हार नहीं होती’ के कवि हरिवंशराय बच्चन जी हैं । आप हिन्दी साहित्य में हालावाद के प्रवर्तक माने जाते हैं । आपने प्रयाग विश्वविद्यालय में अंग्रेजी प्रोफेसर के रूप में कार्य किया । ‘मधुशाला’, ‘मधुकलश’ आपके बहुचर्चित काव्य हैं । प्रस्तुत कविता में मनुष्य को निरंतर प्रयत्नशील बनकर रहने का संदेश दिया गया है।

AP Inter 2nd Year Hindi Study Material Poem 5 कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती

सारांश : कवि प्रस्तुत कविता में मनुष्य को निरंतर कोशिश करने की सीख देते हैं । अपनी बात की पुष्टि के लिए वे अनेक उदाहरण भी प्रस्तुत करते . हैं । वे कहते हैं – “यदि लहरों से डर गयी तो नौका समुंदर में आगे नहीं बढ़ सकती, उसी प्रकार मनुष्य को भी जीवन में असफलताओं से डरना नहीं चाहिए | नन्हीं चींटी दाना लेकर दीवारों पर चढ़ती है, किन्तु कई बार फिसलकर नीचे गिर जाती है। फिर भी वह अपनी लगन नहीं छोड़ती और मंजिल पहुँचने तक उसका प्रस्थान नहीं रुकता | चींटी की कोशिश कभी व्यर्थ नहीं जाती। जिनके मन का विश्वास, रगों के अंदर साहस को भरता है – वे चढ़ने और गिरने में संकोच नहीं करते ।

समुंदर में डुबकी लगाकर मोतियों का अन्वेषण करते गोताखोरों को देखिए …. वे कितनी बार खाली हाथ लौटकर आते हैं ! समुंदर में मोती बहुत गहराई पर होते हैं और इतनी आसानी से वे हाथ नहीं आते । पर हर हार के बाद वे दुगुना उत्साह लेकर कोशिश करते हैं । अर्थात् मोतियों को पाने की बेताबी के कारण उनका उत्साह बढ़ जाता है । वे तब तक लगातार प्रयास करते रहते हैं जब तक मोती उनके हाथ नहीं आते । आखिर वे अपनी मनचाही वस्तु पाकर ही रहते हैं। किसी न किसी दिन उनकी मुट्ठियाँ मोतियों से भर जाती हैं । निरंतर कोशिश करनेवालों की कभी हार नहीं होती।

इससे जानना चाहिए कि असफलता एक चुनौती है और उसे स्वीकार करना चाहिए । पिछले प्रयास में हमने क्या किया और उसमें क्या कमी है – इन बातों की समीक्षा करके अपने आपको सुधारना चाहिए । पुनः उत्साह से प्रयास करना चाहिए । जब तक सफल नहीं होते तब तक नींद और आराम को छोड़ देना चाहिए । मनुष्य को कदापि संघर्ष का मैदान छोड़कर भागना नहीं चाहिए | क्योंकि जीवन में यश की प्राप्ति आसानी से नहीं होती । उसके लिए कठोर परिश्रम करना पड़ता है ।”

विशेषताएँ : कवि ने निरंतर प्रयास का महत्व बहुत प्रभावशाली ढंग से समझाया । उनके अनुसार मनुष्य को कभी प्रयास रोकना नहीं चाहिए । कविता में प्रवाहमान शैली है । सरल और शुद्ध खड़ीबोली का प्रयोग हुआ है। कुल मिलाकर बच्चन जी की सफल कविता है ।

एक वाक्य प्रश्न – ఏక వాక్య సమాధాన ప్రశ్నలు

प्रश्न 1.
हालावाद के प्रवर्तक कौन हैं ?
उत्तर:
हालावाद के प्रवर्तक श्री हरिवंशराय बच्चन हैं ।

AP Inter 2nd Year Hindi Study Material Poem 5 कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती

प्रश्न 2.
बच्चन जी का जन्म कहाँ हुआ ?
उत्तर:
बच्चन जी का जन्म सन 1907 ई. में इलाहाबाद में हुआ था ।

प्रश्न 3.
किसकी मेहनत बेकार नहीं होती ?
उत्तर:
चींटी की मेहनत बेकार नहीं होती।

प्रश्न 4.
हरिवंशराय बच्चन जी किसे एक चुनौती मानने के लिए कहते हैं ?
उत्तर:
हरिवंशराय बच्चन जी असफलता को एक चुनौती मानने के लिए कहते

प्रश्न 5.
किसको कभी हार नहीं होती ?
उत्तर:
कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती।

कवि परिचय – కవి పరిచయం

जीवन-वृत्त : डॉ. हरिवंशराय बच्चन हिन्दी के विख्यात कवि एवं लेखक हैं । आपका जन्म सन 1907 ई. को इलाहाबाद में हआ था । आप प्रयाग विश्वविद्यालय में अंग्रेजी प्रोफेसर थे । विलायत से पी.एच.डी. करके लौटे थे। बाद में आपने भारत सरकार के विदेशी मन्त्रालय में पदाधिकारी के रूप में कार्य किया | उमर खैयूम की रुबाइयों का प्रभाव आपके साहित्य पर इतना था कि आपने इनके प्रभाव से हिन्दी साहित्य में ‘हालावाद’ नामक एक विचारधारा का प्रवर्तन ही कर दिया । आपका निधन 2003 ई. को हुआ ।

AP Inter 2nd Year Hindi Study Material Poem 5 कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती

साहित्यिक परिचय : बच्चन जी हालावाद की रचनाओं के कारण बहुत लोकप्रिय हुए | बच्चन जी की रचनाओं में गहरी अनुभूतियों की अभिव्यक्ति हुई है । आपकी कविता में प्रसादगुण की प्रधानता है । ‘मधुशाला’, ‘मधुबाला’, ‘मधुकलश’, निशा – निमन्त्रण’, ‘एकांत संगीत’, ‘आकुल – अंतर’, ‘सतरंगिनी’, ‘मिलन यामिनी’ आदि आपके काव्य – ग्रन्थ हैं । प्रस्तुत कविता में कवि मनुष्य को निरंतर प्रयत्नशील रहने का संदेश देते हैं ।

सारांश – సారాంశం

कवि- परिचय : प्रस्तुत कविता कोशिश करनेवालों की कभी हार नहीं होती’ के कवि हरिवंशराय बच्चन जी हैं । आप हिन्दी साहित्य में हालावाद के प्रवर्तक माने जाते हैं । ‘मधुशाला’, ‘मधुकलश’ आपके बहुचर्चित काव्य है । प्रस्तुत कविता में मनुष्य को निरंतर प्रयत्नशील बनकर रहने का संदेश दिया गया है।

सारांश : कवि प्रस्तुत कविता में मनुष्य को निरंतर कोशिश करने की . सीख देते हैं । वे कहते हैं – “यदि लहरों से डर गयी तो नौका समुंदर में आगे नहीं बढ़ सकती, उसी प्रकार मनुष्य को भी जीवन में असफलताओं से डरना नहीं चाहिए । नन्हीं चींटी दाना लेकर दीवारों पर चढ़ती है, किन्तु कई बार फिसलकर नीचे गिर जाती है । फिर भी वह अपनी लगन नहीं छोड़ती और मंजिल पहुँचने तक उसका प्रस्थान नहीं रुकता | चींटी की कोशिश कभी व्यर्थ नहीं जाती । जिनके मन का विश्वास, रगों के अंदर साहस को भरता है – वे चढ़ने और गिरने में संकोच नहीं करते ।

समुंदर में डुबकी लगाकर मोतियों का अन्वेषण करते गोताखोरों को देखिए …. वें कितनी बार खाली हाथ लौटकर आते हैं ! पर हर हार के बाद वे दुगुना उत्साह लेकर कोशिश करते हैं । अर्थात् मोतियों को पाने की बेताबी के कारण उनका उत्साह बढ़ जाता है । वे तब तक लगातार प्रयास करते रहते हैं जब तक मोती उनके हाथ नहीं आते । आखिर वे अपनी मनचाही वस्तु पाकर ही रहते हैं। किसी न किसी दिन उनकी मुट्ठियाँ मोतियों से भर जाती हैं। निरंतर कोशिश करनेवालों की कभी हार नहीं होती।

इससे जानना चाहिए कि असफलता एक चुनौती है और उसे स्वीकार करना चाहिए । पिछले प्रयास में हमने क्या किया और उसमें क्या कमी है – इन बातों की समीक्षा करके अपने आपको सुधारना चाहिए | पुनः उत्साह से प्रयास करना चाहिए | जब तक सफल नहीं होते तब तक नींद और आराम को छोड़ देना चाहिए । मनुष्य को कदापि संघर्ष का मैदान छोड़कर भागना नहीं चाहिए | क्योंकि जीवन में यश की प्राप्ति आसानी से नहीं होती । उसके लिए कठोर परिश्रम करना पड़ता है।”

विशेषताएँ : कवि ने निरंतर प्रयास का महत्व बहुत प्रभावशाली ढंग से समझाया । उनके अनुसार मनुष्य को कभी प्रयास रोकना नहीं चाहिए । कविता में प्रवाहमान शैली है । सरल और शुद्ध खड़ीबोली का प्रयोग हुआ है।

తెలుగు అనువాదం

ప్రస్తుతం మనం చదువుతున్న పాఠం శ్రీ హరివంశరాయ్ బచ్చన్ గారు రచించినది. ఈ కవితలో ఆయన ‘మనిషి అనేవాడు నిరంతరం ప్రయత్నం చేస్తూనే ఉండాలని’ చెబుతున్నారు. సముద్రంలోని అలలకు భయపడితే నావ ఎన్నటికీ ముందుకు సాగలేదు. అదేవిధంగా జీవితంలో వచ్చే అపజయాలకు భయపడితే మనిషి ఎప్పటికీ ప్రగతి సాధించలేడు. నీరంతరం ప్రయత్నం చేస్తూ ఉండటమే విజయానికి రహస్యం. చీమ గింజను నోటకరుచుకుని గోడ పైకి పాకుతూ పోతుంది. ఆ ప్రయత్నంలో అది కొన్ని వందలసార్లు కింద పడిపోవచ్చు. కానీ పట్టు వదలకుండా అది లక్ష్యం చేరేవరకూ ప్రయత్నం చేస్తూనే ఉంటుంది. మనం చీమ నుంచి ఆ పట్టుదల నేర్చుకోవాలి. మనం గమనించాల్సిందేమిటంటే జీవితంలో గొప్ప కార్యాలు సాధించేవారు పడటం లేవటం గురించి మొహమాట పడరు. ముఖ్యంగా కింద పడినందుకు వాళ్లు పెద్దగా బాధపడరు.

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అదేవిధంగా సముద్రంలో ముత్యాలు-రత్నాలను అన్వేషించే గజ ఈతగాళ్ళు (Pearl Divers) కూడా చాలా పట్టుదల ప్రదర్శిస్తారు. వాళ్లు సముద్రంలో లోతుల్లోకి దిగి వెతికిన ప్రతిసారీ ముత్యాలు దొరకవు.
కానీ వాళ్లు ఓడిపోతున్న కొద్దీ ఇంకా ఉత్సాహంతో, మరింత పట్టుదలగా సముద్రంలోకి దూకుతారు. అంటే, ఆ ముత్యాలను పొందాలనే తీవ్రమైన కాంక్షే వాళ్ల ఉత్సాహాన్ని ద్విగుణీకృతం చేస్తుంది. వాళ్లలా ఆపకుండా ప్రయత్నం చేయడం మూలంగా కచ్చితంగా ఏదో ఒకనాడు ముత్యాలు చేతి నిండుగా దొరుకుతాయి. మనకు కూడా మన లక్ష్యం పట్ల అటువంటి తీవ్రమైన కాంక్ష (Passion) ఉండాలని కవి అన్యాపదేశంగా ఉపదేశిస్తున్నారు.

మనం జీవితంలో ఓటమిని చూసి భయపడరాదు. ప్రతి ఓటమీ విజయానికి పునాది; ఒక పాఠం. దానిని ఒక సవాలుగా తీసుకుని క్రితంసారి ఏ తప్పుచేశామో సమీక్షించుకుని మళ్లీ ప్రయత్నం మొదలు పెట్టాలి. సాధించేవరకూ విశ్రమించకూడదు, నిద్రపోకూడదు. యుద్ధరంగాన్ని వీడి పారిపోకూడదు. ఎందుకంటే జీవితంలో కీర్తి ప్రతిష్ఠలు పొందడానికి ఎంతో కష్టపడాలి. అందుకే కవి ‘ప్రయత్నించే వాడికి ఓటమి లేదు’ అని కచ్చితంగా చెబుతున్నారు.

कठिन शब्दों के अर्थ – కఠిన పదాలకు అర్ధాలు

कोशिश – . प्रयत्न, ప్రయత్నం
लहरें – तरंग, అలలు
हार ………. पराजय, ఓటమి
नन्हीं – छोटी, చిన్న
दाना – धान्य का एक कण, గింజ
रगों में – नसों में, నరాలలో
फिसलना – अपने स्थान पर ठहर न पाना, జారీ పడిపోవడం
अखरता – बुरा लगता, తప్పుగా తోచడం
बेकार – व्यर्थ, వృథా
डुबकियाँ – गोते, మునకలు
गोताखोर – गहरे पानी में डुबकी लगानेवाला, సముద్రంలో ముత్యాలు, రత్నాలు వెతకడం కోసం మునకలు వేసే గజ ఈతగాడు, (పెర్ల్ డైవర్)
हैरानी – परेशानी, ఆరాటం
चैन – आराम, విశ్రాంతి
मत भागो – पलायन मत करो, పారిపోవద్దు
चुनौती – ललकार, సవాలు
मेहनत – परिश्रम, పరిశ్రమ

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