AP Inter 1st Year Hindi Study Material Non-Detailed Chapter 5 वापसी

Andhra Pradesh BIEAP AP Inter 1st Year Hindi Study Material Non-Detailed 5th Lesson वापसी Textbook Questions and Answers, Summary.

AP Inter 1st Year Hindi Study Material Non-Detailed 5th Lesson वापसी

अभ्यास प्रश्न

प्रश्न 1.
वापसी कहानी का सारांश लिख कर वापसी का अर्थ समझाइए ।
उत्तर:
गजाधर बाबू रेल्वे मे नौकरी करते है । पैंतीस साल वहाँ क्वार्टरो मे रहकर परिवार से दूर जीवन बिता रहा था । यहाँ पर उसका जीवन गौरवमय और प्रशान्त था । पर उनकी एक ही कमी थी कि परिवार उससे दूर था । अब वह रिटाइर होकर घर वापस जा रहा था । परिवार के साथ मिलकर रहने की खुशी उसमे अधिक है । पर वापस आने के बाद उसको ऐसा लगता है कि परिवार के सदस्थ उसके वापसी पर सन्तृष्ट नही थे । घर आने के बाद सब मे कुछ-न-कुछ परिवर्तन लाना चाहता है । सब को सुखी देखना चाहता है । लेकिन कोई भी इसके लिए तैयार नहीं थे । इतना तक कि पत्नि भी उसके प्रति सन्तुष्ट नहीं है।

गजाधर बाबू के मन मे संघर्ष उत्पन्न होता है । वह सभी असंतोष से निराश होकर सभी विषयो से दूर रहना चाहता है । लेकिन अन्त मे वह यह निष्कर्ष पर पहुँचता है कि घर मे रहकर सभी विषयों से दूर रहना आसान नही है । पैंतीस साल से परिवार के सभी लोग उसके अलग रहने से आदत हो गए । अब उसको अपने साथ शामिल करने मे परिवार के सदस्यों को अनेक समस्याए आ रही हैं । यह विषय जानकर गजाधर बाबू फिर घर से दूर होने का निश्चय कर लेता है । सेठ रामजीमल की चीनी मील मे नौकरी प्राप्त कर लेता है । सब से विदा लेते हुए पत्नी से अपने साथ आने का अनुरोध करता है । लेकिन उसकी पत्नी पति को छोडकर परिवार सभी सदस्यों के साथ रहना पसंद करती है । यह विषय जानकर विरक्त होकर गजाधर बाबू घर से दूर एकांत जीवन को बिताने चला जाता है । पत्नी भी इसी मे सबकी भलाई समझती है ।

AP Inter 1st Year Hindi Study Material Non-Detailed Chapter 5 वापसी

इस प्रकार इसमे मध्यवगीर्य बदलते पारिवारिक संबंधों की यथार्थ झाँकी प्रस्तुत की गई है । नयी पीढी की आधुनिक जीवन शैली तथा हृदयहीनता पर प्रकाश डाला गया है ।

कहानीकार का परिचय

‘नयी कहानी’ के प्रतिभा संपन्न कहानीकारो मे उषा प्रियंवदा का नाम अग्रगण्य है । उनका जन्म सन् 1931 मे हुआ । उनके कथा साहित्य मे आधुनिक जीवन की विसंगतियों, रिक्तता, एकाकीपन का मार्मिक चित्रण हुआ है । मध्यवर्गीय जीवन की विभिन्न समस्याओं का चित्रण उनकी कहानियों मे स्पष्ट रूप से चित्रण हुआ है ।

‘वापसी कहानी मे नये बदलते पारिवारिक मूल्यों ने पुरानी पीढ़ी को परिवार मे कितना मूल्यहीन माना जाता है, उसका स्पष्ट चित्रण किया गया है । गजाधर बाबू सेवानिवृत्त होकर घर लौटने के बाद उसकी दुस्थिति का मार्मिक चित्रण किया गया है ।

कहानी का सारांश

गजाधर बाबू रेल्वे मे नौकरी करते है । पैंतीस साल वहाँ क्वार्टरो मे रहकर परिवार से दूर जीवन बिता रहा था । यहाँ पर उसका जीवन गौरवमय और प्रशान्त था । पर उनकी एक ही कमी थी कि परिवार उससे दूर था । अब वह रिटाइर होकर घर वापस जा रहा था । परिवार के साथ मिलकर रहने की खुशी उसमे अधिक है । पर वापस आने के बाद उसको ऐसा लगता है कि परिवार के सदस्थ उसके वापसी पर सन्तृष्ट नही थे । घर आने के बाद सब मे कुछ-न-कुछ परिवर्तन लाना चाहता है । सब को सुखी देखना चाहता है । लेकिन कोई भी इसके लिए तैयार नहीं थे । इतना तक कि पत्नि भी उसके प्रति सन्तुष्ट नही है।

गजाधर बाबू के मन मे संघर्ष उत्पन्न होता है । वह सभी असंतोष से निराश होकर सभी विषयो से दूर रहना चाहता है । लेकिन अन्त मे वह यह निष्कर्ष पर पहुँचता है कि घर मे रहकर सभी विषयों से दूर रहना आसान नही है । पैंतीस साल से परिवार के सभी लोग उसके अलग रहने से आदत हो गए । अब उसको अपने साथ शामिल करने मे परिवार के सदस्यों को । अनेक समस्याए आ रही हैं । यह विषय जानकर गजाधर बाबू फिर घर से। दूर होने का निश्चय कर लेता है ।

AP Inter 1st Year Hindi Study Material Non-Detailed Chapter 5 वापसी

सेठ रामजीमल की चीनी मील मे नौकरी प्राप्त कर लेता है । सब से विदा लेते हुए पत्नी से अपने साथ आने का अनुरोध करता है । लेकिन उसकी पत्नी पति को छोडकर परिवार सभी सदस्यों के साथ रहना पसंद करती है । यह विषय जानकर विरक्त होकर गजाधर बाबू घर से दूर एकांत जीवन को बिताने चला जाता है । पत्नी भी इसी मे सबकी भलाई समझती है।

इस प्रकार इसमे मध्यवगीर्य बदलते पारिवारिक संबंधों की यथार्थ झाँकी प्रस्तुत की गई है । नयी पीढी की आधुनिक जीवन शैली तथा हृदयहीनता पर प्रकाश डाला गया है।

కథా సారాంశము

గజాధర్ బాబు రైల్వేలో ఉద్యోగము చేస్తుంటాడు. 35 సం।। కుటుంబానికి దూరంగా క్వార్టర్స్ లో వుంటుంటాడు. ఈ జీవితం ఎంతో గౌరవప్రదంగా, ప్రశాంతంగా వుంటుంది. కుటుంబ సభ్యులకు దూరంగా వున్న లోటు తప్ప ఏమీ లేదు. ఇప్పుడు రిటైర్ అయి తనవారితో ఆనందంగా కలిసి వుండటానికి వస్తాడు. కాని తనరాక కుటుంబ సభ్యులకు అంత ఆనందంగా లేదని ఆయనకు అనిపిస్తుంది. ఇంటికి వచ్చిన తరువాత అందరినీ సుఖంగా వుంచటానికి కొన్ని మార్పులు చేస్తాడు. కానీ భార్య, కొడుకు, కోడలు, కూతురు ఎవ్వరూ కూడా ఈ మార్పుకు ఆనందించరు.

గజాధర్ బాబులో సంఘర్షణ మొదలవుతుంది. తన పనులు ఎవ్వరికీ నచ్చట్లేదని అన్నింటికి దూరంగా వుంటాడు. కానీ ఇంట్లోనే వుండి అన్ని విషయాలకు, అందరికీ దూరంగా వుండటం అసాధ్యమన్న విషయం గజాధర్ బాబుకు అర్థం అవుతుంది. ఈ 35 సం।। వాళ్లు తనకు దూరంగా వుండడం అలవాటు అయిపోయారని, ఇప్పుడు వాళ్లు తనను వాళ్లలో ఒకడిగా కలుపుకోవటం అసాధ్యమని అర్థం అయిపోతుంది. ఆ విషయాన్ని గ్రహించి గజాధర్ బాబు అందరికీ దూరంగా వెళ్లిపోవాలని నిశ్చయించుకుంటాడు. సేర్ రామ్ జేమల్ పంచదార మిల్లులో ఉద్యోగం సంపాదించి వెళ్లడానికి సిద్ధపడతాడు. వృద్ధావస్థలో ఒకరికొకరు తోడుగా వుండవచ్చని, భార్యను తనతో ‘రమ్మని పిలుస్తాడు. కానీ భార్య కుటుంబ సభ్యులతో వుండటానికే ఇష్టపడుతుంది. భర్త వెళ్లినతరువాత ఆయన పడుకునే మంచాన్ని కూడా దారికి అడ్డంగా వుందని తీయించి రిలీఫ్ గా భావిస్తుంది.

ఈ విధంగా ఆధునిక జీవన విధానంలో కొత్త తరం పాతతరాన్ని ఎలా ఇబ్బందిగా భావిస్తుందో వివరించబడినది.

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