Andhra Pradesh BIEAP AP Inter 1st Year Hindi Study Material गद्य भाग 2nd Lesson शिवाजी का सच्चा स्वरूप Textbook Questions and Answers, Summary.
AP Inter 1st Year Hindi Study Material 2nd Lesson शिवाजी का सच्चा स्वरूप
एकांकी का सारांश
प्रश्न 1.
“शिवाजी का सच्चा स्वरूप” पाठ का सारांश अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर:
लेखक परिचय : शिवाजी का सच्चा स्वरूप नामक एकांकी के एकांकीकार सेठ गोविंददास जी है । ये हिन्दी के प्रचार और प्रसार केलिए प्रसिद्ध है । हिन्दी में आपको श्रेष्ठ नाटककार के रूप में प्रतिष्ठा मिली है।
शिवाजी मराठा शासक थे । एक बार सेनापति मोरोपंत पिंगले के नेतृत्व में शिवाजी की सेना ने कल्याण प्रान्त पर आक्रमण किया था । उस किले के सूबेदार अहमद को परास्त कर वहाँ के खजाने को लूटा था । साथ-साथ सुबेदार की पुत्रवधू को भी बन्दी बनाया गया था ।
सुबेदार अहमद की पुत्रवधू बडी सुन्दरी थी । जब वह भेंट के रूप मे प्रस्तुत की गई, तो शिवाजी बहुत हैरान हो गये । उसमें उन्हें बहुत दुख हुआ । ‘माँ’ के रूप में उसको सम्बोधित करते हुए शिवाजी ने अपने सेना द्वारा किये गये इस घृणित कार्य के लिए उससे क्षमा मांगी और कहा कि उसकी खूबसूरती की मात्र पूजा कर सकते है । अहमद की पुत्रवधू को सादर उसके शौहर के पास पहुँचाकर शिवाजी ने यह घोषणा की कि भविष्य में यदि कोई ऐसा कार्य करेंगे तो उन्हे मृत्यु दंड दिया जायेगा।
इस प्रकार यह एक ऐतिहासिक एकांकी है । इसमें नाटक की तरह पात्र तथा चरित्र चित्रण, वार्तालाप आदि का चित्रण किया गया है एकांकी का नायक शिवाजी के चरित्र को महान और नारी के प्रति सम्मान रखने के रूप में दर्शाया गया है । उनकी भाषा सरल और सुबोध है।
संदर्भ सहित व्याख्या
प्रश्न 1.
माँ आपकी खूबसूरती को मैं एक ….. सिर्फ एक काम मे ला सकता हूँ – उसका हिन्दू विधि से पूजन करू, उसकी इस्लामी तरीके से इबादत करूँ।
उत्तर:
परिचय :- यह उद्धरण ‘शिवाजी का सच्चा स्वरूप’ नामक एकांकी से लिया गया है । इसके लेखक सेठ गोविन्ददास जी है । आप गाँधी जी से प्रभावित होकर स्वतंत्रता सग्राम मे भी भाग लेकर जेल भी गये ।
सन्दर्भ :- इसमें स्त्री के प्रति शिवाजी का सम्मान और हिन्दू-मुस्लिम के बीच एकता की भावना स्पष्ट होती है।
व्याख्या :- सेनापति मोरोपंत पिंगले के नेतृत्व में शिवाजी की सेना ने कल्याण प्रान्त को परास्त करके उसका खजाना और साथ-साथ अहमद की पुत्र वधू को भी लाकर शिवाजी के सामने प्रस्तुत करता है। वह बहुत खूबसूरत थी । पर शिवाजी उसको देखते ही हैरान होकर क्षमा याचना करता है। उसकी सुन्दरता को वह हिन्दू विधि से पूजा करना चाहता है और इस्लामी तरीके से इबादत करना चाहता है।
विशेषताएँ :
- स्त्री मे माता के दर्शन करने में भारतीय संस्कृति को दर्शाया गया
- इनकी भाषा सरल है।
प्रश्न 2.
वह राज्य हिन्दु राज्य नही, सच्चे स्वराज्य की स्थापना चाहता है ।
उत्तर:
परिचय :- यह उद्धरण ‘शिवाजी का सच्चा स्वरूप’ नामक एकांकी से लिया गया है । इसके लेखक सेठ गोविन्ददास जी है । आप गाँधी जी से प्रभावित होकर स्वतंत्रता सग्राम मे भी भाग लेकर जेल भी गये ।
सन्दर्भ :- ये बाते शिवाजी अपने सेनापति सोनदेव से कहता है ।
व्याख्या :- शिवाजी को इस्लाम धर्म से काई विरोध नहीं । वे कुरआन . शरीफ को परित्र मानते है । मसजिद को कोई नष्ट नही पहुँचते । उनके सेनामें मुस्लिम सिपाई भी है । वे हिन्दु और मुस्लिम की रक्षा को अपना कर्तव्य समझते है । शिवाजी अपने राज्य में हिन्दु राज नही सच्चा स्वराज की स्थापना चाहता है ।
विशेषताएँ :- शिवाजी का आदर्श शासक रूप प्रकट होता है ।
प्रश्न 3.
पर-स्त्री तो हरेक के लिए माता के समान है । जो अधिकार प्राप्त जन हैं, जो सरदार हैं या जो राजा उन्हे ….. उन्हे तो इस सम्बन्ध मे विवेक, सबसे अधिक विवेक रखना आवश्यक है।
उत्तर:
प्रसंग :- यह उद्धरण शिवाजी का सच्चा स्वरूप नामक एकांकी से लिया गया है । इसके लेखक सेठ गोविन्ददास जी है । आप गाँधी जी से प्रभावित होकर स्वतंत्रता सग्राम मे भी भाग लेकर जेल भी गये ।
सन्दर्भ :- पर स्त्रियों को माता के समान देखने की हमारे भारतीय संस्कृति पर जोर दिया गया है ।
व्याख्या :- परायी मुसलमानी सुंदरी को बंदी बनाकर लाये सेनापति आवाजी सोनदेव से शिवाजी गुस्से में कहता है कि परायी स्त्री हर पुरुष के लिए मातृ समान हे । सामान्य जनता इसका अनुकरण करते है । लेकिन इस विषय में शासकों के लिए विवेक की जरूरत है । परायी स्त्रियों के संबंध राजा हो या अधिकारी, सतर्क एव आदर्श रहना चाहिए।
विशेषताएँ :
- इसमें शिवाजी महाराज के व्यक्तित्व की महानता स्पष्ट की गई है।
- उनकी भाषा सरल है।
एक शब्द में उत्तर
प्रश्न 1.
शिवाजी कौन थे ?
उत्तर:
प्रसिद्ध मराठा वीर ।
प्रश्न 2.
आबाजी सोनदेव कौन थे ?
उत्तर:
शिवाजी का एक सेनापति ।
प्रश्न 3.
आबाजी सोनदेव ने किस दुर्ग को जीत लिया ?
उत्तर:
कल्याण दुर्ग को ।
प्रश्न 4.
आबाजी सोनदेव किसे बन्दी बनाकर लाया ?
उत्तर:
कल्याण के सुबेदार अहमद की पुत्रवधु ।
प्रश्न 5.
शिवाजी की दृष्टि में पर – स्त्री किसके समान है ?
उत्तर:
माता के समान ।
एकांकी का परिचय
सेठ गोविन्ददास एकांकी का परिचय सेठ गोविन्द दास का जन्म सन् 1896 में जबलपुर में हुआ था । बारह वर्ष की उम्र में ही चम्पावती नामक उपन्यास की रचना की। उन्होंने श्री शारदा साहित्यिक मासिक का प्रकाशन किया । स्वाधीनता आंदोलन में भी उन्होंने भाग लिया । कर्ण, स्नेह या स्वर्ग, कुलीनता, हर्ष, अशोक उनके प्रमुख नाटक हैं । सप्तरश्मि, एकादशी, चतुष्पद और पंचभूत उनके प्रमुख एकांकी हैं । सन् 1974 में उनकी मृत्यु हो गयी । “शिवाजी का सच्चा स्वरूप” एक ऐतिहासिक एकांकी है । इसमें मराठा शासक शिवाजी के उच्च चरित्र के बारे में संबंधित घटना का वर्ण है । स्त्री के प्रति शिवाजी की मर्यादा और सम्मान की भावना स्पष्ट होती है।
సారాంశం
శివాజీ మహారాష్ట్ర ప్రాంతానికి రాజు, సేనాపతి మోరోపంత్ పింగల్ నేతృత్వంలో అతని సైన్యం కళ్యాణ్ ప్రాంతాన్ని ఓడించి అక్కడి సంపదతోపాటు అక్కడి సేనాధిపతి అహమద్ యొక్క కోడలును కూడా బంధించి తీసుకువస్తారు. ఆమె ఎంతో అందగత్తె. శివాజీకి బహూకరించడానికి ఆమె పల్లకీలో శివాజీ సముఖానికి తీసుకు వస్తారు. అది చూసి శివాజీ ఎంతో బాధపడతాడు. ఆమెను తల్లిగా సంబోధించి, అటువంటి పాపపు పని చేసినందుకు శివాజీ ఆమెను క్షమాపణ కోరుకుంటాడు. ఆమెను ఎంతో గౌరవంగా సాగనంపి, ఇక భవిష్యత్తులో ఇటువంటి పని చేసినవారికి మరణశిక్ష విధించబడుతుందని ప్రకటిస్తాడు.