Andhra Pradesh BIEAP AP Inter 1st Year Hindi Study Material Intermediate 1st Year Hindi Grammar उपसर्ग, प्रत्यय, पर्यायवाची शब्द Questions and Answers.
AP Intermediate 1st Year Hindi Grammar उपसर्ग, प्रत्यय, पर्यायवाची शब्द
उपसर्ग शब्दांश के आदि (पहले) जुडने वाला शब्दांश है अर्थात् जो शब्दांश किसी शब्द के आदि में जुडकर विशेषता अथवा परिवर्तन ला देते हैं । उन्हें उपसर्ग कहते हैं । उपसर्ग वस्तुतः अव्यय होने के कारण वे अविकारी होते हैं अर्थात् लिंग, वचन, कारक में कोई परिवर्तन नहीं आयेगा ।
उपसर्ग के उप का अर्थ है समीप ।
‘सर्ग’ का अर्थ है ‘सृष्टि’ अथवा ‘निर्माण’ अर्थात् जो शब्द किसी शब्द के आदि में जुडकर नया शब्द बनाये, वह उपसर्ग कहलाता है ।
जैसे – वि + जय = विजय, शब्द के पूर्व मे ‘वि’ उपसर्ग लगाने से विशेषता आ गई है।
परा + जय = पराजय, शब्द में ‘परा’ उपसर्ग लगाने से मूल शब्द जय के अर्थ से विपरीत है।
हिन्दी भाषा में उपसर्ग लगाकर अनेक शब्दों की रचना की जाती है। हिन्दी भाषा में हिन्दी उपसर्गों के अतिरिक्त संस्कृत और उर्दू उपसर्गों का भी प्रयोग किया जाता है।
हिन्दी के उपसर्ग :
संस्कृत के उपसर्ग :
उर्दू के उपसर्ग :
प्रत्यय
प्रत्यय शब्दों के अंत (पीछे) में जुड़ने वाला शब्दांश है अर्थात् जो शब्दांश किसी शब्द के अन्त में जुड़कर परिवर्तन लाते हैं या नया शब्द बना देते हैं । उसे प्रत्यय कहते हैं । प्रत्यय भी उपसर्ग की भाँति अविकारी अथवा अव्यय होते हैं । प्रत्यय का शाब्दिक अर्थ है (प्रति + अय) ‘प्रति’ का अर्थ है साथ में, पीछे तथा अथ का अर्थ है चलनेवाला ।
उदाहरण के लिए – धनवान (धन + वान),
बलहीन (बल + हीन),
सजावट (सज + आवट) आदि ।
प्रत्यय दो प्रकार के होते हैं :
- कृत् प्रत्यय (कृदन्त)
- तद्धित प्रत्यय ।
कृदन्त :
जो प्रत्यय क्रिया या धातु के अंत में प्रयुक्त होते हैं। उन्हें कृत प्रत्यय कहते हैं । कृत प्रत्यय से बने शब्दों को कृदन्त कहा जाता है ।
जैसे – पाल् + अन = पालन यहाँ अन कृत् प्रत्यय है और ‘पालन’ कृदन्त शब्द है। ।
तद्धित प्रत्यय :
ये प्रत्यय संज्ञा, सर्वनाम, या विशेषण के अंत में आकर उनके अर्थ में परिवर्तन ला देते हैं।
जैसे – पुरूषत्व = पुरूष + त्व
बलशाली = बल + शाली आदि ।
पर्यायवाची शब्द (समानार्थी शब्द)
पर्यायवाची शब्दों को समानार्थी या समानार्थक शब्द भी कहते हैं । पर्याय का अर्थ है समान इस प्रकार एक ही अर्थ का ज्ञान करानेवाले भिन्न – भिन्न शब्दों को पर्यायवाची या समानार्थी शब्द कहते हैं ।
शब्द – पर्यायवाची शब्द
1. आदमी – मनुष्य, मनुज, मानव, इन्सान
2. पानी – जल, नीर, सलिल, वारि, अम्बु
3. सूर्य – दिनेश, दिनकर, भानु, रवि, दिवाकर, भास्कर, प्रभाकर
4. फूल – पुष्प, कुसुम, सुमन, प्रसून
5. गह – घर, मकान, सदन, आवास, भवन
6. रात्रि – रात, रजनी, यामिनी, निशा, शर्वरी
7. वन – कानन, जंगल, अरण्य
8. स्वर्ण – कनक, कंचन, सोना, सुवर्ण
9. उद्योग – उद्यम, श्रम, परिश्रम, प्रयास
10. पुत्र – बेटा, सुत, तनुज, तनय
11. क्रोध – गुस्सा, रोष,आक्रोश, अमर्ष
12. गुरू – आचार्य, अध्यापक, उपाध्याय, शिक्षक
13. राजा – सम्राट, भूपति, नृपति, नरेश
14. पग – पाँव, पाद, कदम, चरण
15. शरीर – देह, तनु, तन, कलेवर
16. सरस्वती – शारदा, वीणापाणि, भारती, वाणी
7. हवा – वायु, अनिल, पवन, समीर, आदि ।
विलोम शब्द (opposite Words)
जो शब्द एक दूसरे से उल्टा या विपरीत अर्थ देते हैं, उन्हें विलोम, व्यतिरेक या विपरीतार्थक शब्द कहते हैं
शब्द – विलोम शब्द
1. अन्त – आदि
2. अस्त – उदय
3. आय – व्यय,खर्च
4. अपना – पराया
5. उत्तम – अधम
6. उन्नति – अवनति
7. उचित – अनुचित
8. एक – अनेक
9. कठोर – कोमल
10. क्रय – विक्रय
11. गुप्त – प्रकट
12. जय – पराजय
13. चतुर – मूर्ख
14. पवित्र – अपवित्र
15. नरक – स्वर्ग
16. लायक – नालायक
17. निर्गुण – सगुण
18. नवीन – प्राचीन
19. पाप – पुण्य
20. सुख – दुख
21. सुंदर – कुरूप
22. मान – अपमान
23. महात्मा – दुरात्मा
24. वाद – विवाद
25. वीर – कायर,डरपोक
26. स्वतंत्र – परतंत्र
27. गर्मी – सर्दी
28. सफल – विफल
29. सज्जन – दुर्जन
30. जड़ – चेतन
31. आदान – प्रदान
32. अनुकूल – प्रतिकूल
33. इहलोक – परलोक
34. प्रत्यक्ष – परोक्ष
35. देव – दानव
36. कीर्ति – अपकीर्ति
37. दाता – भिक्षुक
38. सेवक – स्वामी
39. सवाल – जवाब
40. विस्तार – संक्षेप
41. विशेष – सामान्य
42. सत्य – असत्य
43. संयोग – वियोग
44. अपमान – सम्मान
45. भला – बुरा
46. राजा – रंक
47. दोस्त – दुश्मन
48. हँसना – रोना
49. कुपुत्र – सुपुत्र
50. आयात – निर्यात