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तोप AP 10th Class Hindi Sparsh 5th Lesson Questions and Answers
प्रश्न- अभ्यास
क) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए ।
प्रश्न 1.
विरासत में मिली चीज़ों की बड़ी सँभाल क्यों होती है ? स्पष्ट कीजिए ।
వారసత్వంగా లభించిన వస్తువులను ఎంతో జాగ్రత్తగా ఎందుకు ఉంచుకుంటారు ? వివరించండి.
उत्तर :
विरासत में मिली चीज़ों को बडी संभाल होती है । क्योंकि ये चीजें हमें अपने पूर्वज, परंपराओं और इतिहास की याद दिलाती है। ये हमारी आनेवाली पीढ़ी को भी पूर्वजों को अनुभवों से सीख मिलती है। इनसे भावनात्मक संबंध होता है। इसलिए इन्हें अमूल्य माना जाता है। ये तत्कालीन परिस्थितियों की जानकारी के साथ दिशानिर्देश भी देती है।
వారసత్వంగా లభించిన వస్తువులను చాలా జాగ్రత్తగా ఉంచుకుంటారు. ఎందుకంటే ఆ వస్తువులు మనకు మన పూర్వీకులు, ఆచారాలు మరియు చరిత్రను గుర్తు చేస్తాయి. వీటి ద్వారా మన తర్వాత తరం వాళ్ళకు మన పూర్వీకుల నుండి మంచి, చెడు అనుభవాలు లభిస్తాయి. వాటివల్ల సందేశం, అనుబంధం ఏర్పడుతాయి. అందుకే వీటిని అమూల్యంగా భావిస్తాము. ఇవి ఆ కాలం నాటి పరిస్థితులను తెలియజేయడంతో పాటు మనకు గుణపాఠాలు కూడా నేర్పిస్తాయి.
प्रश्न 2.
इस कविता से आपको तोप के विषय में क्या जानकारी मिलती है ?
ఈ కవిత ద్వారా మీకు ఫిరంగి గురించి ఏ విషయాలు తెలుస్తున్నాయి ?
उत्तर :
इस कविता में तोप के विषय में यह जानकारी मिलती है कि यह अंग्रेज़ों के समय की तोप है। 1857 में इसका प्रयोग शक्तिशाली हथियार के रूप में किया गया था। इसने अनगिनत शूरवीरों और स्वतंत्रता सेनानियों को मार डाला। लेकिन आज यह तोप प्रदर्शन की वस्तु बनकर रह गई है। अब इससे कोई नहीं डरता। बच्चे, चिडियाँ इस पर बैठकर खेलते हैं। कोई कितना शक्तिशाली होने पर भी एक न – एक दिन अंत ज़रूर होगा। अहंकार छूट जाएगा।
ఈ కవిత ఫిరంగి విషయంలో మనకు ఈ విషయంను తెలియపరుస్తుంది. ఏమిటంటే ఇది బ్రిటిష్ కాలం నాటి ఫిరంగి. 1857లో దీనికి ఒక శక్తివంతమైన ఆయుధంగా ప్రయోగించారు. ఇది లెక్కపెట్టలేనటువంటి అసంఖ్యాకులైన శూరులను, వీరులను మరియు దేశభక్తులను చిత్తుగా చంపివేసింది.
కానీ ఈ రోజు ఈ ఫిరంగి ప్రదర్శనలో వస్తువు లాగా ఉండిపోయింది. ఇప్పుడు ఎవరూ కూడా దీనిని చూసి భయపడట్లేదు. పిల్లలు, పక్షులు దీని మీద కూర్చొని ఆడుకుంటున్నాయి. ఎవరైనా ఎంత శక్తివంతులైన, ఏదో ఒకరోజు అంతం తప్పకుండా ఉంటుంది. గర్వంతో విర్రవీగిన అహంకారం పతనం అవుతుంది.
प्रश्न 3.
कंपनी बाग में रखी तोप क्या सीख देती है ?
కంపెనీ ఉద్యానవనంలో ఉంచబడిన ఫిరంగి మనకు ఏమి సందేశాన్ని ఇస్తుంది ?
उत्तर :
कंपनी बाग में रखी तोप यह सीख देती है कि अत्याचारी कितनी शक्तिशाली होने पर भी उसका अंत अवश्य होता है। अंग्रेज़ों ने भारतीयों पर अत्याचार किये हैं। पर अंत में उन्हें भारत को छोडकर जाना ही पडा। यह तोप हमें बताती है कि कोई कितना शक्तिशाली क्यों न हो, एक न एक दिन मुँह बंद करके मौन रहना पडता है। अत्याचारी का अत्याचार एक दिन अवश्य समाप्त हो जाएगा।
కంపెనీ ఉద్యానవనంలో ఉంచబడిన ఫిరంగి మనకు క్రూరుడు ఎంత శక్తివంతమైనప్పటికీ, అతని అంతం తప్పకుండా ఉంటుంది. బ్రిటిష్వాళ్ళు భారతీయుల మీద క్రూరంగా, నిరంకుశంగా పెత్తనం చెలాయించారు. కానీ చివరకు వారు భారతదేశాన్ని వదిలి వెళ్ళవలసి వచ్చింది. ఈ ఫిరంగి వల్ల మనకు నీతి ఏమి లభిస్తుందంటే ఎవరైనా, ఎంత శక్తివంతమైనదైనా ఏదో ఒకరోజు మౌనంగా ఉండవలసి వస్తుంది. నిరంకుశుని యొక్క క్రూరత్వం ఏదో ఒకరోజు తప్పకుండా నాశనమవుతుంది.
प्रश्न 4.
कविता में तोप को दो बार चमकाने की बात की गई है। ये दो अवसर कौन से होंगे ?
కవితలో ఫిరంగుని రెండు సార్లు శుభ్రం చేసి మెరిపిస్తారు అని చెప్పబడింది. అది ఏ సమయాల్లో అలా మెరిపిస్తారు?
उत्तर :
कानपुर के कंपनी बाग में रखी हुई तोप को दो बार चमकाने की बात कही गई है, वे हैं। 15 असत (स्वतंत्रता दिवस) 26 जनवरी (गणतंत्र दिवस)। हम इन्हें राष्ट्रीय पर्व के रूप में मनाते हैं। इन दो दिनों में भारत के कोने-कोने में स्वतंत्रता की खुशियों की लहरें दौडने लगती हैं।
కాన్పూర్లో కంపెనీ ఉద్యానవనంలో ఉంచబడిన ఫిరంగుని రెండు సార్లు శుభ్రం చేసి మెరిపిస్తారు అని చెప్పబడింది. అవి 15 ఆగష్టు స్వాతంత్ర్య దినోత్సవం రోజు, 26 జనవరి గణతంత్ర దినోత్సవం రోజు. మనం వీటిని రాష్ట్రీయ పండుగల రూపంలో జరుపుకుంటాము. ఈ రెండు రోజులలో భారతదేశం యొక్క ప్రతి మూల కూడా స్వాతంత్ర్యం యొక్క సంతోషాల అలల పరిగెడుతూ ఉంటాయి. దేశం మొత్తం ఆనంద డోలికలలో మునిగి తేలుతూ ఉంటుంది.
ख) निम्नलिखित का भाव स्पष्ट कीजिए।
प्रश्न 1.
अब तो बहरहाल
छोटे लड़कों की घुड़सवारी से अगर यह फ़ारिग हो तो उसके ऊपर बैठकर चिड़ियाँ ही अकसर करती हैं गपशप ।
उत्तर :
पहले यह तोप कितनी भी विनाशकारी क्यों न रही हो, किंतु आजकल तो यह खिलौने के रूप में काम कर रही है। अब बच्चे इस तोप पर बैठकर घुडसवारी का आनंद लेते हैं। जब कभी इस पर बच्चे सवारी नहीं करते, तो उस समय चिडियाँ इस पर बैठकर आपस में गपशप करती हैं। अब कोई भी इससे भयभीत नहीं होता।
प्रश्न 2.
वे बताती हैं कि दरअसल कितनी भी बड़ी हो तोप
एक दिन तो होना ही है उसका मुँह बंद ।
उत्तर :
इस तोप पर चिडियाँ गपशप करके गौरैयाँ तोप के मुँह में भयहीन घुसते हैं। बच्चे इस पर घुडसवारी करते हैं मानो यह बताते हैं कि चाहे तोप कितनी भी बडी क्यों न हो, एक न एक दिन उसका मुँह बंद हो ही जाती है।
प्रश्न 3.
उड़ा दिए थे मैंने
अच्छे – अच्छे सूरमाओं के धज्जे
उत्तर :
कंपनी बाग में हर रोज़ सुबह और शाम के समय बहुत से सैलानी घूमने के लिए आते हैं। तब यह तोप उन सभी को बताती है कि सन् 1857 के स्वतंत्रता संग्राम में मैंने अच्छे – अच्छे शूरवीरों की धज्जियाँ उडा दी थी। कितने ही क्रांतिकारियों को क्रूरतापूर्वक मार डाला था।
भाषा-अध्ययन
प्रश्न 1.
कवि ने इस कविता में शब्दों का सटीक और बेहतरीन प्रयोग किया है। इसकी एक पंक्ति देखिए ‘धर रखी गई है। यह 1857 की तोप’। ‘धर’ शब्द देशज है और कवि ने इसका कई अर्थों में प्रयोग किया है। ‘रखना’, ‘धरोहर’ और ‘संचय’ के रूप में ।
उत्तर :
‘कि मैं जबर उडा दिए थे मैं ने इसमें जबर का अनेक अर्थों में प्रयोग किया है। जबर को बलवान, मज़बूत, बलात्, ज़बरदस्ती आदि के रूप में।
प्रश्न 2.
‘तोप’ शीर्षक कविता का भाव समझते हुए इसका गद्य में रूपांतरण कीजिए।
उत्तर :
कंपनी बाग के मुहाने पर 1857 की तोप को धरोहर के रूप में रखा गया है। साल में दो बार विरासत में मिली तोप को चमकाया जाता है। सुबह – शाम सौलानी कंपनी के बाग में रखे हुए तोप को देखने आते हैं। यह तोप उन्हें बताती है कि 1857 के स्वतंत्रता संग्राम में मैं ने कितने ही शूरवीरों की धज्जियाँ उडा दी थी। परंतु आज स्थिति भिन्न है। आज तो इस पर बैठकर छोटे लड़के घुडसवारी का आनंद लेते हैं। चिडियाँ इस पर बैठकर गपशप करती है। कभी – कभी गौरैयाँ इसके मुँह में घुस जाते हैं। चाहे तोप कितनी शक्तिशाली होने पर भी अंत में मुँह बंद होकर रहना पडा।
योग्यता- विस्तार
प्रश्न 1.
कविता रचना करते समय उपयुक्त शब्दों का चयन और उनका सही स्थान पर प्रयोग अत्यंत महत्वपूर्ण है। कविता लिखने का प्रयास कीजिए और इसे समझिए ।
उत्तर :
कविता रचना करते समय नाद और ध्वनि से संगीतात्मकता प्राप्त होती है। भाषा सरल होनी चाहिए। अलंकार और छंद का प्रयोग कविता को रोचक बनाता है। रस युक्त वाक्य का प्रयोग करना है।
कविता :
माँ की ममता भरी लोरी है कविता ।
झरने की कल – कल ध्वनि है कविता |
चिडियों की चहचहाहट हैं कविता ।
भाई की कलाई पर बंधी बहन की राखी है कविता
हृदय से हृदय की बात है कविता ।
प्रश्न 2.
तेज़ी से बढ़ती जनसंख्या और घनी आबादी वाली जगहों के आसपास पार्कों का होना क्यों ज़रूरी है ? कक्षा में परिचर्चा कीजिए।
उत्तर :
घनी आबादी होने के कारण लोगों को स्वच्छ हवा एवं स्वच्छ वातावरण की कमी हो जाती है। यदि उनके आसपास पार्क रहेंगे तो वह कुछ समय पार्क में रहकर अपने स्वास्थ्य को बढ़ा सकते हैं। घर में पर्याप्त स्वच्छ हवा और प्रकाश आदि नहीं पहुँच पाता। ऐसी स्थिति में यदि आसपास पार्क हो तो इस कमी को पार्कों में जाकर पूरा कर सकते हैं। पार्क व्यायाम और स्वास्थ संबंधी क्रियाओं के अलावा मनोरंजन खेलकूद और सामाजिक गतिविधियों का केंद्र बन जाते हैं। इसलिए तेज़ी से बढती हुई जनसंख्या के बीच पार्कों का होना अति आवश्यक है।
परियोजना कार्य
प्रश्न 1.
स्वतंत्रता सेनानियों की गाथा संबंधी पुस्तक को पुस्तकालय से प्राप्त कीजिए और पढ़कर कक्षा में सुनाइए ।
उत्तर :
राजगुरु : हँसते हँसते फाँसी पर चढनेवाले युवा क्रांतिकारियों में एक नाम ‘राजगुरु का है। उनका जन्म 24 अगस्त 1908 में पुणे के खेडा गाँव में हुआ था। इनका पूरा नाम शिवराम हरि राजगुरु था। जब राजगुरु छः साल के थे, तब उनके पिता का निधन हो गया था।
इसके बाद राजगुरु संस्कृति की पढ़ाई करने के लिए वारणासी पहुँचे। यहाँ वह चंद्रशेखर आज़ाद के ‘हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन’ से जुड गए। क्रूर अंग्रेज़ अफ़सर सॉन्डस की हत्या राजगुरु भी शामिल थे। एसेंबली में बम ब्लास्ट करने में भी राजगुरु ने हिस्सा लिया। 23 मार्च, 1931 को 23 साल की उम्र में अंग्रेज़ी सरकार राजगुरु को भी भगतसिंह और सुखदेव के साथ फाँसी दे दी गई। देश की स्वतंत्रता के लिए शहीद हो गये।
पद्यांश- भावार्थ
1. कंपनी बाग के मुहाने पर
धर रखी गई है यह 1857 की तोप
इसकी होती है बड़ी सम्हाल, विरासत में मिले
कंपनी बाग की तरह
साल में चमकाई जाती है दो बार ।
शब्दार्थ :
कंपनी बाग = ईस्ट इंडिया कंपनी द्वारा बनाए गए बाग, బ్రిటిష్వాళ్ళ కంపెనీ ఉద్యానవనం, a garden constructed by the Britishers
मुहाना = प्रवेश द्वार, ప్రవేశ ద్వారం, main entrance
धर रखी = रखी गई, పెట్టబడినది, kept
सम्हाल = देखभाल, బాగోగులు చూచుట, to look after
रास = पूर्व पीढियों से प्राप्त वस्तुएँ, తరతరాల నుండి (వస్తున్న) వస్తువులు, things or valuables coming from our ancestors.
साल = वर्ष, సంవత్సరం, year
चमकाई = जगमगाना, మెరిపించుట, shining
तोप = एक हथियार (युद्ध में गोलीबारी करने का एक यंत्र), ఫిరంగి, cannon is a weapon
प्रसंग : कवि ने 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम में इस्तेमाल की गई तोप का वर्णन किया है।
भावार्थ : कवि कहते हैं कि यह जो 1857 की तोप आज कंपनी बाग के प्रवेश द्वार पर रखी गई है। हम भी इसकी बहुत देखभाल की जाती हैं। यह तोप हमें अंग्रेजों से विरासत के रूप में मिली है। यह तोप और कंपनी बाग दोनों हमें अंग्रेज़ों से विरासत में मिले हैं। इसलिए दोनों की देख भाल अच्छे से की जाती है। इस तोप को साल में दो अवसरों पर चमकायी जाती है। (पंद्रह अगस्त, छब्बीस जनवरी)
ప్రసంగం : కవి 1857 యొక్క మొదటి స్వాతంత్ర్య సంగ్రామంలో ఉపయోగించిన ఫిరంగి గురించి వర్ణించారు.
భావం: కవి అనుసారంగా ఈ ఫిరంగి 1857వ నాటిది. ఈ రోజు కంపెనీ ఉద్యానవనం ద్వారం ముందు ఉంచబడింది. మనం కూడా దీని బాగోగులు చూడడం జరుగుతుంది. ఈ ఫిరంగి మనకు బ్రిటిష్వాళ్ళ నుండి వారసత్వంగా లభించినది. ఈ ఫిరంగి మరియు కంపెనీ ఉద్యానవనం రెండూ మనకు బ్రిటిష్వాళ్ళ నుండి వారసత్వంగా లభించినవి. కావున రెండింటి బాగోగులు బాగుగా చూసుకుంటున్నాము. ఈ ఫిరంగిని సం॥లో రెండు సమయాల్లో దానిని శుభ్రం చేసి మెరిపిస్తారు. (15 ఆగష్టు, జనవరి 26)
2. सुबह – शाम कंपनी बाग में आते हैं बहुत से सैलानी
उन्हें बताती है यह तोप
कि मैं बड़ी जबर
उड़ा दिए थे मैंने
अच्छे – अच्छे सूरमाओं के धज्जे
अपने जमाने में
शब्दार्थ :
सुबह = सबेरा, प्रातःकाल, ఉదయం, morning
शाम = सायंकाल, సాయంత్రం, evening
सैलानी = दर्शनीय स्थलों पर आनेवाले यात्री, యాత్రికులు, piligrims
जबर = ताकतवर, బలవంతుడు, powerful man/strong man
सूरमा = वीर, వీరులు, warriors, soldiers
धज्जे = चिथडे – चिथडे करना, చిత్తుగా చేయుట, defeating
अपने ज़माने में = अपने समय में, తమ కాలంలో, in their times
प्रसंग : तोप का प्रयोग कहाँ हुआ था ?
भावार्थ : कवि कहते हैं कि सुबह और शाम के समय बुहत सारे यात्री कंपनी के बाग में घूमने के लिए आते हैं। तब यह तोप उन्हें अपने बारे में बताती है कि मैं अपने ज़माने में बहुत ताकतवर थी । मैं ने अच्छे – अच्छे शूरवीरों के चिथडे उडा दिये थे। उस समय तोप का डर हर इंसान को था। इस प्रकार यह तोप अपनी गौरव गाथा बाग में आने जाने वाले सभी लोगों को बताती है।
ప్రసంగం : ఫిరంగి ఎక్కడ ఉంచబడినది ? దేనికొరకు దానిని ఉపయోగించేవారు ?
భావం: కవి అనుసారంగా పగలు మరియు సాయంత్రం సమయంలో చాలామంది యాత్రికులు కంపెనీ ఉద్యానవనంలో విహరించడానికి వచ్చేవారు. అప్పుడు ఆ ఫిరంగి వాళ్ళకు తన గురించి ఇలా చెబుతుంది. నేను ఒకప్పుడు చాలా బలవంతురాల్ని నేను గొప్ప – గొప్ప వీరులను దేశభక్తులను చిత్తుచిత్తుగా చంపేసేదాన్ని. ఒకప్పుడు ఫిరంగి అంటే ప్రతి మనిషి కూడా భయపడేవారు. ఈ విధంగా ఫిరంగి తన గౌరవ గాథను ఉద్యానవనంకు వచ్చే పోయే వాళ్ళతో చెబుతుంది.
3. अब तो बहरहाल
छोटे लड़कों की घुड़सवारी से अगर यह फ़ारिग हो
तो उसके ऊपर बैठकर
चिड़ियाँ ही अकसर करती हैं गपशप
कभी – कभी शैतानी में वे इसके भीतर भी घुस जाती हैं
खासकर गौरैयें
वे बताती हैं कि दरअसल कितनी भी बड़ी हो तोप
एक दिन तो होना ही है उसका मुँह बंद ।
शब्दार्थ :
बहरहाल = बुरी रिथति, చెడు పరిస్థిత, bad situation
फ़ारिग = मुक्त, खाली, ముక్తి, salvation
अकसर = प्रायः తరచుగా, frequently
गपशप = बातें करना, పిచ్చాపాటి, chit chat
शैतानी = शरारत, కొంటెగా, mischieviously
दरअसल = वास्तव में, నిజానికి, truly
चिडियाँ = पक्षी, పక్షులు, birds
मुँह बंद = मौन, మౌనంగా, silently
भीतर = अंदर, లోపలికి, inside
घुस जाना = प्रवेश करना, ప్రవేశించుట, to enter
प्रसंग : किसी भी बुराई को हिम्मत और होंसलों के सहारे खतम कर सकते हैं।
भावार्थ : कवि कहते हैं कि अब तोप की स्थिति बहुत बुरी है। छोटे बच्चे इस पर बैठकर घुड़सवारी का खेल खेलते हैं। चिडियाँ भी इस पर बैठकर आपस में बातचीत करने लग जाती है। कभी – कभी शरारती चिडियाँ खासकर गौरयें तोप के अंदर आसानी से घुस जाती हैं। वे छोटी सी चिडिया द्वारा हम बता सकते हैं कि कोई कितना भी शक्तिशाली क्यों न हो एक ना एक दिन उसका भी अंत निश्चित होता है। कितनी विनाशकारी तोप आज यह खिलौने के रूप में काम कर रही है। मुँह बंद करके रह जाना पडा।
ప్రసంగం : ఎవరైనా, ఏదైనా సరే గర్వంతో విర్రవీగితే వాటికి ధైర్యంతో, సాహసంతో అంతం చేయవచ్చును, సమాధానం చెప్పవచ్చును.
భావం: కవి అనుసారంగా ఇప్పుడు ఫిరంగి యొక్క స్థితి చాలా దయనీయంగా ఉంది. చిన్న పిల్లలు దాని మీద కూర్చొని గుర్రపు స్వారీ చేస్తున్నారు. పక్షులు కూడా దాని మీద కూర్చొని అరుస్తున్నాయి. అప్పుడప్పుడు చిన్న పిచ్చుకలు ఫిరంగి లోపలికి దూరిపోతున్నాయి. ఆ చిన్న పక్షుల ద్వారా మనం చెప్పాలనుకునేది ఏమిటంటే ఎప్పుడూ గర్వంతో విర్రవీగకూడదు.
ఎవరైనా, ఎంత శక్తివంతమైనదైనా ఏదో ఒక రోజు దానికి అంతం తప్పక ఉంటుంది. ఎంతో పొగరుతో, గర్వంతో విర్రవీగిన ఫిరంగి, ఈ రోజు ఒక ఆట బొమ్మగా ఉపయోగపడుతుంది. మౌనంగా ఉండవలసివచ్చింది. అందుకే ఎప్పుడూ గర్వపడకూడదు అని చెబుతున్నారు.
व्याकरणांश (వ్యాకరణాంశాలు)
पर्यायवाची शब्द
- पक्षी – खग, विहंग, चिडिया
- वीर – बहादुर, योद्धा, शूर
- भीतर – ऊंदर, आंतरिक
- अकसर – प्रायः, बहुधा, अधिकतर
- शाम – सायंकाल, संध्या, सूर्यास्त
- बचे – लड़के, बालक
- बाग – बगीचा, उद्यान
- साल – बरस, वर्ष
- सुबह – प्रभाव, सवेरा, प्रातःकाल
- गपशप – बातचीत गप्प बकबक करना, लगाना
लिंग बदलिए
- बच्चा – बच्ची
- नर – नारी
- देशभक्त – देश भक्तिन
- वीर – वीरांगना
- लडके – लडकियाँ
- सेवक – सेविका
- चिडिया – मादा चिडिया
- गोरैया – मादा गौरैया
- शक्तिमान – शक्तिमती
वचन
- एकता – अनेकता
- बाग – बाग
- संस्था – संस्थाएँ
- खुशी – खुशियाँ
- बचा – बचे
- सैनिक – सैनिक
- गोली – गोलियाँ
- खिलौना – खिालौने
- चिड़िया – चिडियाँ
- गाथा – गाथाएँ
- तोप – तोपें
- भाषा – भाषाएँ
विलोम शब्द
- शक्तिशाली x शक्तिहीन
- नुकसान x फ़ायदा
- सुबह x शाम
- स्वतंत्रता x परतंत्रता
- समस्या x समाधान
- एकता x अनेकता
- अतीत x वर्तमान
- विजय x पराजय
- आनंद x खेद
- आना x जाना
उपसर्ग
- स्वतंत्रता – ता
- सामूहिक – इक
- विनाशकारी – ई
- शक्तिशाली – शाली
- प्रकाशित – इत
- वीरता – ता
- अन्यचारी – ई
- वास्तविक – इक
- आरंभिक – इक
संधि विच्छेद
- निर्मम – निः + मम
- पुरस्कार – पुरः + कार
- देहावसान – देह + अवसान
- वातावरण – वात + आवरण
- सर्वेक्षण – सर्व + ईक्षण
- भविष्य – भो + इष्य
- धरोहर – धरः + हर
- निस्तेज – नि: + तेज
- देहांत – देह + अंत
- दुष्चक्र – दु: + चक्र
- निर्भय – निः + भय
- दुष्चक्र – दु: + चक्र
- प्रत्येक – प्रति + एक
समास
कवि परिचय – కవి పరిచయం
5 अगस्त 1947 को उत्तराखंड के टिहरी गढ़वाल जिले के कीर्तिनगर में जन्मे वीरेन डंगवाल ने आरंभिक शिक्षा नैनीताल में और उच्च शिक्षा इलाहाबाद में पाई। पेशे से प्राध्यापक डंगवाल पत्रकारिता से भी जुड़े हुए हैं। समाज के साधारण जन और हाशिए पर स्थित जीवन के विलक्षण ब्योरे और दृश्य वीरेन की कविताओं की विशिष्टता मानी जाती है। इन्होंने ऐसी बहुत – सी चीज़ों और जीव-जंतुओं को अपनी कविता का आधार बनाया है जिन्हें हम देखकर भी अनदेखा किए रहते हैं।
वीरेन के अब तक दो कविता संग्रह इसी दुनिया में और दुष्चक्र में स्रष्टा प्रकाशित हो चुके हैं। पहले संग्रह पर प्रतिष्ठित श्रीकांत वर्मा पुरस्कार और दूसरे पर साहित्य अकादेमी पुरस्कार के अलावा इन्हें अन्य कई पुरस्कारों से भी सम्मानित किया गया। वीरेन डंगवाल ने कई महत्त्वपूर्ण कवियों की अन्य भाषाओं में लिखी गई कविताओं का हिंदी में अनुवाद भी किया है। 28 सितंबर, 2015 को इनका देहावसान हुआ।
5 ఆగష్టు, 1947 ఉత్తరాఖాండ్ యొక్క టిహరీ గద్వాల్ జిల్లాలోని కీర్తినగర్లో జన్మించిన వీరేన్ డంగ్వాల్గారు అతని ప్రారంభిక విద్య నైనిటాల్లో మరియు అతని ఉన్నత విద్య ఇలహాబాద్లో చదువుకున్నారు. వృత్తిరీత్యా ఈయన ప్రొఫెసర్ మరియు జర్నలిజంతో కూడా సంబంధాలు ఉన్నాయి.
సమాజంలోని సామాన్య ప్రజలు మరియు బడుగువర్గాల జీవిత విశేషాలు ప్రత్యేక వివరాలు మరియు దృశ్యాలు వీరేన్ గారి కవితల యొక్క ప్రత్యేకతలు. ఈయన ఇలాంటి చాలా విషయాలను మరియు జీవ జంతువులను ఆయన కవితకు ఆధారంగా తయారు చేసుకున్నారు మరియు వాటిని మనం చూసి కూడా చూడనట్టుగానే ఉండిపోతాము.
వీరేన్ గారు ఇప్పటివరకు రెండు కవితా సంకలనాలు ‘ఈ ప్రపంచంలో’ మరియు ‘దుష్చక్ర మే స్రష్టా’ ప్రచురించబడ్డాయి. మొదటి పుస్తకానికి గౌరవనీయులైన శ్రీకాంత్ వర్మ అవార్డు మరియు రెండవ దానికి సాహిత్య అకాడమి అవార్డు లభించింది. ఇవే కాకుండా ఈయనను ఇతర చాలా అవార్డులతో కూడా సన్మానించారు. వీరేన్ డంగ్వాల్ గారు గొప్ప గొప్ప కవులు ఇతర భాషలలో రాసిన కవితలను కూడా హిందీలో అనువాదం చేశారు. 28 సెప్టెంబరు 2015న పరమపదించారు.
पाठ प्रवेश – పాఠ్య ప్రవేశం
प्रतीक और धरोहर दो किस्म की हुआ करती हैं। एक वे जिन्हें देखकर या जिनके बारे में जानकर हमें अपने देश और समाज की प्राचीन उपलब्धियों का भान होता है और दूसरी वे जो हमें बताती हैं कि हमारे पूर्वजों से कब, क्या चूक हुई थी, जिसके परिणामस्वरूप देश की कई पीढ़ियों को दारुण दुख और दमन झेलना पड़ा था।
प्रस्तुत पाठ में ऐसे ही दो प्रतीकों का चित्रण है। पाठ हमें याद दिलाता है कि कभी ईस्ट इंडिया कंपनी भारत में व्यापार करने के इरादे से आई थी। भारत ने उसका स्वागत ही किया था, लेकिन करते – करते वह हमारी शासक बन बैठी । उसने कुछ बाग बनवाए तो कुछ तोपें भी तैयार कीं।
उन तोपों ने इस देश को फिर से आज़ाद कराने का सपना साकार करने निकले जाँबाज़ों को मौत के घाट उतारा। पर एक दिन ऐसा भी आया जब हमारे पूर्वजों ने उस सत्ता को उखाड़ फेंका। तोप को निस्तेज कर दिया। फिर भी हमें इन प्रतीकों के बहाने यह याद रखना होगा कि भविष्य में कोई और ऐसी कंपनी यहाँ पाँव न जमाने पाए जिसके इरादे नेक न हों और यहाँ फिर वहीं तांडव मचे जिसके घाव अभी तक हमारे दिलों में हरे हैं। भले ही अंत में उनकी तोप भी उसी काम क्यों न आए जिस काम में इस पाठ की तोप आ रही है
గుర్తులు మరియు వారసత్వ లక్షణాలు కల్గి ఉండటం రెండు రకాల లక్షణాలు ఉంటాయి. అందులో మొదటిది దేనినైనా చూసి లేక వాటి గురించి తెలుసుకొని మనకు మన దేశం మరియు సమాజం యొక్క ప్రాచీన విజయాలను తెలియజేయడం మరియు రెండవది ఏమిటంటే మన పూర్వజుల వల్ల ఎప్పుడు, ఏమి తప్పులు, పొరపాట్లు జరిగాయి. దాని ఫలితంగా దేశం చాలా తరాల వరకు దారుణ దుఃఖాన్ని, అణచివేతల్ని అనుభవించాల్సి వచ్చింది అనే విషయాలు తెలుస్తాయి.
ప్రస్తుత పాఠంలో రెండు విషయాలను స్పష్టంగా చిత్రించారు. పాఠం ద్వారా మనకు గుర్తు చేయాలనుకుంటారు ఏమిటంటే బ్రిటిష్వారి ఈస్ట్ ఇండియా కంపెనీ భారతదేశంలో వ్యాపారం చేయాలనే కోరికతో వచ్చింది. భారతదేశం వారికి స్వాగతం పలికింది. కానీ వ్యాపారం చేస్తూ, చేయిస్తూ వారు మనకు రాజులు అయి కూర్చున్నారు. పెత్తనం చేయడం మొదలెట్టారు.
బ్రిటిష్వారు కొన్ని పార్కులను కట్టించి ఫిరంగులను కూడా తయారుచేయించి పెట్టేవారు. తుపాకులు, ఆయుధాలు తయారు చేయించారు. క్రూరంగా పరిపాలించడం మొదలుపెట్టారు. ఆ ఫిరంగులను మన దేశాన్ని మరలా స్వాతంత్ర్యం పొందాలనే కలను సాకారం చేసేందుకు బయలుదేరే వీర దేశభక్తులను చంపడానికి ఉపయోగించేవారు.
ఎంతోమంది ఎంతోమంది దేశభక్తుల ప్రాణాలను తీసింది. కానీ ఒకరోజు వచ్చింది మన పూర్వజులు బ్రిటిష్వారి అధికారంను అణచివేశారు. ఫిరంగులకు పని లేకుండా చేశారు. అయినప్పటికీ మనం కొన్ని వస్తువుల గుర్తుల కారణంగా గుర్తుంచుకోవలసినది ఏమిటంటే భవిష్యత్తులో ఎవరైనా మరియు ఎలాంటి కంపెనీ గానీ ఇక్కడ పాదం పెట్టాలంటే భయపడాలి.
ఎవరి కోరికలు నిజాయితీగా ఉండవో మరియు ఇక్కడ మళ్ళీ పెత్తనం చలాయించాలని అనుకుంటే వారి దెబ్బలు ఇంకా ఇప్పటికీ మా మనస్సుల్లో తాజాగా ఉన్నాయి. చివరికి వాళ్ళ ఫిరంగులు కూడా ఎందుకు ఆటబొమ్మల్లా ఉన్నాయి ? ఎందుకు పనిచేయలేకపోతున్నాయి? వాటి కర్తవ్యాన్ని ఈ పాఠంలోని ఫిరంగి వచ్చి చెబుతున్నది.
तोप Summary in Telugu
ఈ ఫిరంగి 1857 సం॥ నాటిది. ఈ రోజు కంపెనీ ఉద్యానవనం ద్వారం ముందు ఉంచబడింది. మనం కూడా దీని బాగోగులు చూడటం జరుగుతుంది. ఈ ఫిరంగి మనకు బ్రిటిష్వాళ్ళ నుండి వారసత్వంగా లభించింది. ఈ ఫిరంగి మరియు కంపెనీ ఉద్యానవనం రెండూ మనకు బ్రిటిష్ వాళ్ళ నుండి వారసత్వంగా లభించాయి. కావున రెండింటి బాగోగులు చక్కగా చూసుకుంటున్నాము. ఈ ఫిరంగిని సం॥లో రెండుసార్లు శుభ్రం చేసి మెరిపిస్తారు.
(15 ఆగష్టు, 26 పగలు, సాయంత్రం సమయాల్లో చాలామంది యాత్రికులు కంపెనీ ఉద్యానవనంలో విహరించడానికి వచ్చేవారు. అప్పుడు ఆ ఫిరంగి తన గురించి ఇలా చెబుతుంది. నేను ఒకప్పుడు చాలా బలవంతురాల్ని. నేను గొప్పగొప్ప వీరులను, దేశభక్తులను చిత్తుచిత్తుగా చంపేసేదాన్ని. ఒకప్పుడు ఫిరంగి అంటే ప్రతి మనిషి భయపడేవాడు. ఈ విధంగా ఫిరంగి తన గౌరవ గాథను ఉద్యానవనంలో వచ్చి పోయే యాత్రికులతో చెప్పుకుంటుంది.
ఇప్పుడు ఫిరంగి యొక్క స్థితి చాలా దయనీయంగా ఉంది. చిన్న పిల్లలు దాని మీద కూర్చొని ఆడుకుంటున్నారు, గుర్రపు స్వారీ చేస్తున్నారు. పక్షులు కూడా దాని మీద కూర్చొని అరుస్తున్నాయి. అప్పుడప్పుడు చిన్న పిచ్చుకలు ఫిరంగి లోపలికి దూరిపోతున్నాయి.
ఈ చేష్టల వల్ల మనకు ఏమని అనిపిస్తుందంటే ఎప్పుడూ గర్వంతో విర్రవీగకూడదు. ‘ ఎవరైనా, ఎంత శక్తివంతులైనా ఏదో ఒకరోజు దాని అంతం తప్పక ఉంటుంది. ఎంతో పొగరుతో, గర్వంతో విర్రవీగిన ఫిరంగి ఈ రోజు ఒక ఆటవస్తువుగా ఉపయోగపడుతుంది. మౌనంగా ఉండవలసి వచ్చింది. అందుకే క్రూరత్వం, గర్వం ఎప్పుడూ మంచివి కావు. వాటికి పతనం తప్పదు.
तोप Summary in English
The East India company came to India with the intention of carrying on trade. It received welcome in India. But gradually the British became our rulers. They constructed some gardens and manufactured cannons. A park in Kanpur was built by the British. At its entrance a cannon was placed. It was being take care of.
Horticulture and cannons were inherited to us from the British people. Tourists used to visit the place and have a glance at them in the mornings and evenings. At that time the cannon would tell them that it was very powerful. It would inform them that it had killed many brave warriors.
But today the cannon is in a miserable condition. Children climb on it and play a horse riding game. Bird sit on it and sing with Chirrupping sounds. Some naughty sparrows go into the cannons. They teach us the moral that we must never be proud of our strength. The reason is that strength is not permanent to anyone or anything.
Salient features of the poem :
- We must protect our national heritage. We have to get inspiration from them.
- We must never be proud of our authority and strength.
शब्दार्थ और टिप्पणियाँ
- मुहाने = प्रवेश द्वार पर, ప్రవేశ ద్వారం వద్ద, సమీపాన, at the entrance
- धर रखी = रखी गई, పెట్టబడెను, kept
- सम्हाल = देखभाल, సంరక్షణ, care
- विरासत = पूर्व’ पीढ़ियों से प्राप्त वस्तुएँ, తరతరాల నుండి వస్తున్న వస్తువులు, inherited items
- सैलानी = दर्शनीय स्थलों पर आने वाले यात्री, పర్యాటకులు, tourists
- सूरमा (ओं) = वीर, వీరులు, brave, warriors
- धजे च चिथड़े – चिथडे करना, ముక్కలు – ముక్కలు చేయుట, to tear into pieces
- फ़ारिग = मुक्त / खाली, ముక్తి, salvation
- कंपनी बाग = गुलाम भारत में ‘ईस्ट इंडिया कंपनी’ द्वारा जगह – जगह पर बनवाए गए बाग – बगीचों में से कानपुर में बनवाया गया एक बाग, ఈస్టిండియా కంపెనీ ద్వారా కాన్పూర్లో నిర్మించబడిన ఉద్యానవనం, a garden (park) built by East India company in Kanpur.