These AP 10th Class Hindi Important Questions Sparsh 12th Lesson अब कहाँ दूसरे के दुख से दुखी होने वाले will help students prepare well for the exams.
अब कहाँ दूसरे के दुख से दुखी होने वाले AP Board 10th Class Hindi Sparsh 12th Lesson Important Questions and Answers
भाग- I Q.No.1-12 (भाषा की बात)
1. तत्सम तद्भव
* रेखांकित शब्द का सही तत्सम तद्भव रूप पहचानकर लिखिए।
1. बेचारा समुद्र लगातार सिमटता रहता है। एक बार सागर को गुस्सा आ गया।
उत्तर:
सागर
2. दीया बत्ती के वक्त फूलों को मत तोडो। पुष्प बहुआ देते हैं।
उत्तर:
पुष्प
3. अब दोनों कबूतर रात भर उदास बैठे हैं रात्री खामोश बैठे रहते हैं।
उत्तर:
रात्रि
4. अब न सोलोमेन है जो उनकी जीभ जीभ को समझ सके। उनके जिह्वा को समझकर उनका दुःख बाँटे।
उत्तर:
जिहवा
5. मेरी माँ की आँखों से आँसू आ गए। मैं उनकी अश्रू देख न पाया।
उत्तर:
अश्रु
6. दूसरा अंडा उसके हाथ से गिरकर टूट गया। हस्त बहुत नाजूक थी।
उत्तर:
हस्त
7. पेड़ों को रास्तों से हटाना शुरू कर दिया है। वृक्षों को काटकर प्रदूषण को फैला रहे हैं।
उत्तर:
वृक्ष
8. पक्षी का चहचहाहट बहुत सुंदर होते हैं। मगर आज पंछी नहीं दिखायी पडता है।
उत्तर:
पंछी
9. कबूतर परेशानी से इधर उधर फडफडा रहे थे। कपोत की आँखों में दुःख देखकर मेरी माँ दुःखित हुई।
उत्तर:
को
10. एक बार एक घायल कुत्ता गुज़रा। इस्लाम में कुकुर को गंदा समझा जाता है।
उत्तर:
कुकुर
2. क्रिया विशेषण
* निम्न लिखित वाक्यों में से क्रिया विशेषण शब्द चुनकर लिखिए।
11. आज वह बंबई से आया।
उत्तर:
आज
12. मैं रोज़ सूर्य नमस्कार करता हूँ।
उत्तर:
रोज़
13. लता शाम को फूल तोडती है।
उत्तर:
शाम
14. माँ ध्यान से अंडे की देखभाल करती है।
उत्तर:
ध्यान से
15. कबूतर इधर उधर फडफडाने लगे।
उत्तर:
इधर उधर
16. पक्षी रोशनदान पर बैठे हैं।
उत्तर:
रोशनदान
17. पर्यावरण तेजी से बिगड रहा है।
उत्तर:
तेजी से
18. कबूतर बाहर बैठे हैं।
उत्तर:
बाहर
19. च्योटा पेड के नीचे खड़ा है।
उत्तर:
पेड के नीचे
20. पिताजी ने हँसते हुए कहा था।
उत्तर:
हँसते हुए
3. संख्याओं में लिखना
21. उन्नीस सौ अडतीस – संख्याओं में लिखिए।
उत्तर:
1938
22. दो हज़ार सोलह – संख्याओं में लिखिए।
उत्तर:
2016
23. सोलह सौ अट्ठाईस – संख्याओं में लिखिए।
उत्तर:
1628
24. उन्नीस सौ निन्यानवे – संख्याओं में लिखिए।
उत्तर:
1999
25. एक हज़ार पच्चीस – संख्याओं में लिखिए।
उत्तर:
1025
26. बारह सौ तेरह – संख्याओं में लिखिए।
उत्तर:
1213
27. आठ हज़ार ग्यारह – संख्याओं में लिखिए।
उत्तर:
8011
28. सत्रह सौ सत्तावन – संख्याओं में लिखिए।
उत्तर:
1757
29. उन्नीस सौ इकहत्तर – संख्याओं में लिखिए।
उत्तर:
1971
30. पाँच हज़ार नौ – संख्याओं में लिखिए।
उत्तर:
5009
4. कारक चिह्न
* निम्न लिखित वाक्यों में से सही कारक चिह्न पहचानकर लिखिए।
31. कबूतरों ….. मत सताना है। (का / को / के)
उत्तर:
को
32. पहले बड़े – बड़े दालानों ….. सब रहते थे। (में / पर / का)
उत्तर:
में
33. नूह ….. सामने से एक कुत्ता गुज़रा। (का / के / की)
उत्तर:
के
34. शेख अयाज़ सिंधी भाषा ….. कवि थे। (से / के / को)
उत्तर:
के
35. चींटियों ने ईश्वर ….. दुआ की। (से / पर / को)
उत्तर:
से
36. पेडों …. पत्ते मत तोडो। (से / पर / के)
उत्तर:
से.
37. पंछियों को बस्तियों ….. भगाना शुरू कर दिया था। (से / पर / को)
उत्तर:
से
38. समुंदर ….. किनारे बस्ती बन गई है। (का / से / के)
उत्तर:
के
39. बच्चों ….. गेंद लाल है। (का / के / की)
उत्तर:
की
40. उसका घर लखनऊ ….. है। (में / पर / को)
उत्तर:
में
5. समास
* रेखांकित शब्द का समास पहचानकर लिखिए।
41. दरिया में नील कमल दिखाई पडे।
A) कर्मधारय समास
B) तत्पुरुष समास
उत्तर:
A) कर्मधारय समास
42. रातों – रात गाँव बदल गया था।
A) तत्पुरुष समास
B) अव्ययीभाव समास
उत्तर:
B) अव्ययीभाव समास
43. वह प्रतिदिन पौधों को सींचता है।
A) अव्ययीभाव समास
B) तत्पुरुष समास
उत्तर:
A) अव्ययीभाव समास
44. वे पूजास्थल पर नित जाते हैं।
A) कर्मधारय समास
B) तत्पुरुष समास
उत्तर:
B) तत्पुरुष समास
45. घर – घर में पर्यावरण के प्रति जागरूकता लानी है।
A) द्वंद्व समास
B) अव्ययीभाव समास
उत्तर:
B) अव्ययीभाव समास
46. शहरीकरण आज जनप्रिय बात बन गई।
A) तत्पुरुष समास
B) कर्मधारय समास
उत्तर:
47. दरिया की जलधारा निराली है।
A) अव्ययीभाव समास
B) तत्पुरुष समास
उत्तर:
A) अव्ययीभाव समास
48. पर्यावरण के प्रति नवयुवक चेतना लाते हैं।
A) कर्मधारय समास
B) बहुव्रीहि समास
उत्तर:
A) कर्मधारय समास
49. शहरों की जलवायु अलग होती है।
A) तत्पुरुष समास
B) द्वंद्व समास
उत्तर:
B) द्वंद्व समास
50. समुद्र ने जहाजों को तीन दिशाओं में फेंक दिया।
A) द्विगु समास
B) तत्पुरुष समास
उत्तर:
A) द्विगु समास
6. संधि विच्छेद
* निम्नलिखित वाक्यों में रेखांकित शब्दों का संधि विच्छेद कीजिए।
51. सर्वेक्षण में पानी की कमी बतायी जाती है।
उत्तर:
सर्व + ईक्षण
52. माँ ने अंडों की रक्षा करके महोपकार किया।
उत्तर:
महा + उपकार
53. पावन ग्रंथों में पैगंबरों का जिक्र है।
उत्तर:
पौ + अन
54. सबको बनाने वाला परमात्मा वही एक है।
उत्तर:
परम + आत्मा
55. नाव पर नाविक खडा है।
उत्तर:
नौ + अक
56. शहरों में अनेक भवन दिखायी देते हैं।
उत्तर:
भो + अन
57. पेड पर पक्षी निश्चित बैठे हैं।
उत्तर:
निः + चिंत
58. निर्बल प्राणियों का सताना पाप है।
उत्तर:
निः + बल
59. हर पाठशाला में पुस्तकालय होता है।
उत्तर:
पुस्तक + आलय
60. महाभारत में पक्षियों का उद्धरण मिलता है।
उत्तर:
उत + हरण
7. अर्थ पहचानिए।
61. बिना घर का
A) बेघर
B) घर के साथ
उत्तर:
A) बेघर
62. जिसमें बोलने की शक्ति न हो।
A) जुबान
B) बेजुबान
उत्तर:
B) बेजुबान
63. अहित चाहनेवाला शब्द
A) दुआ
B) बद्दुआ
उत्तर:
B) बद्दुआ
64. सैर का शौकीन
A) गृहस्थी
B) सैलानी
उत्तर:
B) सैलानी
65. हुकूमत करनेवाला व्यक्ति
A) हाकिम
B) हकीम
उत्तर:
A) हाकिम
66. मुसलमानों का उपासना गृह
A) देवालय
B) मस्जिद
उत्तर:
A) मसजिद
67. पद सूचक नाम
A) लकब
B) तलब
उत्तर:
A) लकब
68. अस्थायी पडाव
A) डेरा
B) घर
उत्तर:
A) डेरा
69. महापुरुष की कब्र
A) मजार
B) समाधि
उत्तर:
A) मजार
70. नदी की बाढ
A) बरसात
B) सैलाब
उत्तर:
B) सैलाब
79. लडका अपना गुस्सा पीकर रहा गया।
A) गुस्सा पीना
B) रह जाना
उत्तर:
A) गुस्सा पीना
80. पुत्र पर पिता गरम हो गये।
A) गरम हो जाना
B) पुत्र पर
उत्तर:
A) गरम हो जाना
8. मुहावरे
* मुहवारेदार शब्द पहचानकर लिखिए।
71. पर्यावरण के असंतुलन से अनेक जीव जंतु लुप्त हो रहे हैं।
A) असंतुलन से
B) लुप्त हो जाना
उत्तर:
B) लुप्त हो जाना
72. वह अपने मित्र के व्यवहार से तंग आ गया।
A) तंग आना
B) व्यवहार
उत्तर:
A) तंग आना
73. आज लोग एक दूसरे दीवारें खड़ी कर रहे हैं।
A) एक दूसरे
B) दीवारें खडी करना
उत्तर:
B) दीवारें खड़ी करना
74. नेचर की सहनशक्ति से हम आगे बढ रहे हैं।
A) आगे बढना
B) सहनशक्ति
उत्तर:
A) आगे बढना
75. मनुष्य के व्यवहार से पशु पक्षी बेघर हो रहे हैं।
A) पशु-पक्षी
B) बेघर होना
उत्तर:
B) बेघर होना
76. आवारा लड़का दिन गवाँता फिरता है।
A) दिन गँवाना
B) फिरना
उत्तर:
A) दिन गँवाना
77. संसार अब भी करोना का पीछा नहीं छुडा सका।
A) पीछा छुडाना
B) करोना का
उत्तर:
A) पीछा छुडाना
78. पहले यहाँ पशु पक्षियों का चहल पहल हुआ करता था।
A) हुआ करना
B) चहल पहल होना
उत्तर:
B) चहल पहल होना
9. लिंग बदलिए
* लिंग बदलकर वाक्य फिर से लिखिए।
81. कुत्ता जख्मी हो गया।
उत्तर:
कुत्तिया जख्मी हो गयी।
82. राज्य का पालक था।
उत्तर:
राज्य की पालिका थी।
83. वह उसका संरक्षक है।
उत्तर:
वह उसकी संरक्षिका है।
84. लडका सत्यवान है।
उत्तर:
लडकी सत्यवती है।
85. बादशाह शासन करती है।
उत्तर:
बेगम शासन करती है।
86. बाढ से बूढा परेशान हुआ।
उत्तर:
बाढ से बुढिया परेशान हुई।
87. पेड पर चिडा बैठा था।
उत्तर:
पेड पर चिढिया बैठी थी।
88. मुर्गे को मत सताया करो।
उत्तर:
मुर्गी को मत सताया करो।
89. सैनिक घोडे पर सवार हुआ।
उत्तर:
सैनिक घोडी पर सवार हुआ।
90. धोबी कपडे धोता है।
उत्तर:
धोबिन कपडे धोती है।
10. वचन बदलिए
* वचन बदलकर वाक्य फिर से लिखिए।
91. पेड से पत्ता झड रहा है।
उत्तर:
पेड़ों से पत्ते झड रहे हैं।
92. चिडिया चहक रही है।
उत्तर:
चिडियाँ चहक रही हैं।
93. सीमा माला बना रही है।
उत्तर:
सीमा मालाएँ बना रही है।
94. पिता ने रोटी को तोडा|
उत्तर:
पिता ने रोटियों को तोडा|
95. जंगल में भैंस चर रही हैं।
उत्तर:
जंगल में भैंसे चर रही हैं।
96. समाज की रीति निराली है।
उत्तर:
समाज की रीतियाँ निराली हैं।
97. वह छाता लेकर खडा है।
उत्तर:
वे छाते लेकर खडे हैं।
98. महिला कपडा बुन रही है।
उत्तर:
महिलाएँ कपडे बुन रही हैं।
99. मुझे आम दो।
उत्तर:
हमें आम दो।
100. लड़का किताब खरीदता है।
उत्तर:
लड़के किताबें खरीदते हैं।
11. काल बदलिए
* सूचना के अनुसार काल बदलकर लिखिए।
101. राजा लश्कर के साथ गुज़र रहे थे। वर्तमान काल में लिखिए।
उत्तर:
राजा लश्कर के साथ गुज़र रहे हैं।
102. पंछी शहर छोडकर चले गए हैं। भविष्यत काल में लिखिए।
उत्तर:
पंछी शहर छोडकर चले जायेंगे।
103. कुत्ता जख्मी था। वर्तमान काल में लिखिए।
उत्तर:
कुत्ता जख़्मी है।
104. अंडा नीचे गिरकर टूट गया। भविष्यत काल में लिखिए।
उत्तर:
अंडा नीचे गिरकर टूट जायेगा।
105. कबूतरों ने यहाँ घोंसला बनाया है। भविष्यत काल में लिखिए।
उत्तर:
कबूतर यहाँ घोंसला बनायेंगे।
106. दालान में रोशनदान थे। वर्तमान काल में लिखिए।
उत्तर:
दालान में रोशनदान है।
107. कबूतर उदास बैठे रहते हैं। भूत काल में लिखिए।
उत्तर:
कबूतर उदास बैठ रहे थे।
108. अल्का ने पत्र लिखा। भविष्यत काल में लिखिए।
उत्तर:
अलका पत्र लिखेगी।
109. सुरेश गा रहा है। भूत काल में लिखिए।
उत्तर:
सुरेश ने गाया। (या) सुरेश गा रहा था।
110. मैं कल स्कूल गया था। भविष्यत काल में लिखिए।
उत्तर:
मैं कल स्कूल जाऊँगा।
12. शुद्ध रूप में लिखना
* वाक्यों को शुद्ध रूप में लिखिए।
111. अब दो बजा है।
उत्तर:
अब दो बजे हैं।
112. हमने यह काम करना है।
उत्तर:
हमें यह काम करना है।
113. तुम को अब जाना चाहिए।
उत्तर:
तुम्हें अब जाना चाहिए।
114. आप आपका काम करो।
उत्तर:
आप अपना काम कीजिए।
115. लडकी ने ज़ोर से हँस दी।
उत्तर:
लडकी जोर से हँसी।
116. मैं ने मोहन को पूछा।
उत्तर:
मैं ने मोहन से पूछा।
117. उसे बडी भूख लगी है।
उत्तर:
उसे बहुत भूख लगी है।
118. मुझे तुम्हारी बातें सुनने पडे।
उत्तर:
मुझे तुम्हारी बातें सुनने पडी।
119. भगवान का दर्शन हुआ।
उत्तर:
भगवान के दर्शन हुए।
120. राधा बुधवार के दिन व्रत रखती है।
उत्तर:
राधा बुधवार को व्रत रखती है।
भाग- II Q.No. 13-16 (अर्थग्राह्यता)
Q.No. 13
* निम्नलिखित गद्यांश पढ़कर उत्तर अनुच्छेद में से ही पहचानकर लिखिए।
I. ऐसी एक घटना का ज़िक्र सिंधी भाषा के महाकवि शेख अयाज़ ने अपनी आत्मकथा में किया है। उन्होंने लिखा है – ‘एक दिन उनके पिता कुएँ से नहाकर लौटे। माँ ने भोजन परोसा। उन्होंने जैसे ही रोटी का कौर तोड़ा। उनकी नज़र अपनी बाजू पर पड़ी। वहाँ एक काला च्योंटा रेंग रहा था । वह भोजन छोड़कर उठ खड़े हुए।’ माँ ने पूछा, ‘क्या बात है? भोजन अच्छा नहीं लगा?’ शेख अयाज़ के पिता बोले, ‘नहीं, यह बात नहीं है। मैंने एक घर वाले को बेघर कर दिया है। उस बेघर को कुएँ पर उसके घर छोड़ने जा रहा हूँ।’
प्रश्न:
1. दृष्टि शब्द का पर्यायवाची शब्द पहचानकर लिखिए।
उत्तर:
नज़र
2. वे उपसर्ग से युक्त शब्द पहचानकर लिखिए।
उत्तर:
बेघर
3. बुरा शब्द का विलोम शब्द पहचानकर लिखिए।
उत्तर:
अच्छा
4. वहाँ एक काला च्योंटा रेंग रहा था। इस वाक्य में विशेषण शब्द पहचानकर लिखिए।
उत्तर:
एक काला
5. उसे बेघर को कुएँ पर उसके घर छोडने जा रहा हूँ। इस वाक्य में संज्ञा शब्द पहचानकर लिखिए।
उत्तर:
कुआँ
Q.No.15
* निम्नलिखित गद्यांश पढ़कर दिये गये प्रश्नों के उत्तर एक वाक्य में लिखिए।
I. बाइबिल के सोलोमेन जिन्हें कुरआन में सुलेमान कहा गया है, ईसा से 1025 वर्ष पूर्व एक बादशाह थे। कहा गया है, वह केवल मानव जाति के ही राजा नहीं थे, सारे छोटे – बड़े, पशु- पक्षी के भी हाकिम थे। वह इन सबकी भाषा भी जानते थे। एक दफा सुलमान अपने लश्कर के साथ एक रास्ते से गुज़र रहे थे। रास्ते में कुछ चींटियों ने घोडों की टापों की आवाज़ सुनी तो डर कर एक-दूसरे से कहा, ‘आप जल्दी से अपने – अपने बिलों में चलो, फ़ौज आ रही है।’ सुलेमान उनकी बातें सुनकर थोडी दूर पर रुक गए और चींटियों से बोले, घबराओ नहीं, सुलेमान को खुदा ने सबका रखवाला बनाया है। मैं किसी के लिए मुसीबत नहीं हूँ, सबके लिए मुहब्बत हूँ।’
प्रश्न:
1. बाइबिल के सोलोमेन कौन था?
उत्तर:
ईसा से 1025 वर्ष पूर्व एक बादशाह थे।
2. कुरआन में सुलेमान किसकी भाषा जानता था?
उत्तर:
सारे छोटे – बडे पशु पक्षी के भी हाकिम थे।
3. एक बार सुलेमान किसके साथ गुज़र रहे थे?
उत्तर:
अपने लश्कर के साथ एक रास्ते से।
4. रास्ते में चींटियों ने किसकी आवाज़ सुनी?
उत्तर:
घोडों की टापों की आवाज़ सुनी।
5. सुलेमेन चींटियों से क्या बोले?
उत्तर:
घबराओ नहीं, सुलेमान को खुदा ने सबका रखवाला बनाया है। मैं किसी के लिए मुसीबत नहीं हूँ, सबके लिए मुहब्बत हूँ।
II. कई सालों से ‘बड़े – बड़े बिल्डर समंदर को पीछे धकेलकर उसकी ज़मीन को हथिया रहे थे। बेचारा समंदर लगातार सिमटता जा रहा था। पहले उसने अपनी फैली हुई टाँगें समेटीं, थोड़ा सिमटकर बैठ गया। फिर जगह कम पड़ी तो उकहूँ बैठ गया। फिर खड़ा हो गया जब खड़े रहने की जगह कम पड़ी तो उसे गुस्सा आ गया। जो जितना बड़ा होता है उसे उतना ही कम गुस्सा आता है। परंतु आता है तो रोकना मुश्किल हो जाता है, और यही हुआ, उसने एक रात अपनी लहरों पर दौड़ते हुए तीन जहाज़ों को उठाकर बच्चों की गेंद की तरह तीन दिशाओं में फेंक दिया। एक वर्ली के समंदर के किनारे पर आकर गिरा, दूसरा बांद्रा में कार्टर रोड के सामने औंधे मुँह और तीसरा गेट-वे – ऑफ़ इंडिया पर टूट – फूटकर सैलानियों का नज़ारा बना बावजूद कोशिश वे फिर से चलने-फिरने के काबिल नहीं हो सके।
प्रश्न:
1. कई सालों से कौन समुंदर के पीछे ज़मीन को हथिया रहे थे?
उत्तर:
बडे बडे बिल्डर
2. समुंदर पहले कैसे सिमटकर बैठ गया?
उत्तर:
अपनी फैली हुई टाँगें समेटी
3. किसको गुस्सा कम आता है?
उत्तर:
जितना बडा होता है, उसे उतना ही कम गुस्सा आता है।
4. समुंदर ने एक रात क्या किया?
उत्तर:
एक रात अपनी लहरों पर दौडते हुए तीन जहझजों को उठाकर बच्चों की गेंद की तरह तीन दिशाओं में फेंक दिया।
5. पहला जहाज़ कहाँ गिरा?
उत्तर:
एक वर्ली के समुंदर के किनारे पर आकर गिरा।
Q.No. 16
* निम्नलिखित गद्यांश पढ़कर दिये गये प्रश्नों के उत्तर विकल्पों में से चुनकर लिखिए।
I. मेरी माँ कहती थी, सूरज ढले आँगन के पेड़ों से पत्ते मत तोड़ो, पेड़ रोएँगे। दीया – बत्ती के वक्त फूलों को मत तोड़ो, फूल बहुआ देते हैं। दरिया पर जाओ तो उसे सलाम किया करो, वह खुश होता है। कबूतरों को मत सताया करो, वे हज़रत मुहम्मद को अज़ीज़ हैं। उन्होंने उन्हें अपनी मज़ार के नीले गुंबद पर घोंसले बनाने की इज़ाज़त दे रखी है। मुर्गे को परेशान नहीं किया करो, वह मुल्ला जी से पहले मोहल्ले में अज़ान देकर सबको सवेरे जगाता है।
प्रश्न:
1. सूरज ढले आँगन में किसे मत तोडना है? (A)
A) पेडों से पत्ते
B) फल
C) डालियाँ
D) कलियाँ
उत्तर:
A) पेडों से पत्ते
2. किस पर जाते समय सलाम करने से खुश होता है? (B)
A) सागर
B) नदी
C) तालाब
D) नाला
उत्तर:
B) नदी
3. हज़रत गृहम्मद किसे मजार पर घोंसले बनाने की इजाजत दी है? (A)
A) कबूतर
B) तोता
C) कौआ
D) कोयले
उत्तर:
A) कबूतर
4. मुर्गा हम सबको कब जगाता है? (B)
A) शाम
B) सुबह
C) दोपहर
D) रात
उत्तर:
B) सुबह
5. दीया बत्ती के वक्त किसे मत तोडना है? (C)
A) फल
B) पत्ते
C) फूल
D) कली
उत्तर:
C) फूल
II. ग्वालियर में हमारा एक मकान था, उस मकान के दालान में दो रोशनदान थे। उसमें कबूतर के एक जोड़े ने घोंसला बना लिया था। एक बार बिल्ली ने उचककर दो में से एक अंडा तोड़ दिया। मेरी माँ ने देखा तो उसे दुख हुआ। उसने स्टूल पर चढ़कर दूसरे अंडे को बचाने की कोशिश की। लेकिन इस कोशिश में दूसरा अंडा उसी के हाथ से गिरकर टूट गया। कबूतर परेशानी में इधर-उधर फड़फड़ा रहे थे। उनकी आँखों में दुख देखकर मेरी माँ की आँखों में आँसू आ गए। इस गुनाह को खुदा से मुआफ़ कराने के लिए उसने पूरे दिन रोज़ा रखा। दिन भर कुछ खाया – पिया नहीं। सिर्फ़ रोती रही और बार – बार नमाज़ पढ़ – पढ़कर खुदा से इस गलती को मुआफ़ करने की दुआ माँगती रही।
प्रश्न:
1. लेखक का मकान कहाँ है? (B)
A) मुंबई में
B) ग्वालियर में
C) दिल्ली में
D) आग्रा में
उत्तर:
B) ग्वालियर में
2. कबूतर के एक जोडे ने क्या बना लिया था? (C)
A) घर
B) झोंपडी
C) घोंसला
D) मकान
उत्तर:
C) घोंसला
3. किसने उचककर एक अंडा तोड दिया? (D)
A) कुत्ता
B) बकरी
C) बंदर
D) बिल्ली
उत्तर:
D) बिल्ली
4. किसने स्टूल पर चढ़कर अंडे को बचाने की कोशिश की? (A)
A) माँ
B) बहन
C) चाची
D) नानी
उत्तर:
A) माँ
5. क्या पढ़कर उसकी माँ खुदा से माफ़ी माँगती रही? (A)
A) नमाज़
B) खुरान
C) बाइबुल
D) रामायण
उत्तर:
A) नमाज़
भाग- III Q.No.17-18 (अभिव्यक्ति)
Q.No.18
* निम्न जानकारी पढ़कर रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए।
1. 12 अक्तूबर 1938 को दिल्ली में जन्मे निदा फ़ाज़ली का बचपन ग्वालियर में बीता। निदा फ़ाज़ली उर्दू की साठोत्तरी पीढ़ी के महत्त्वपूर्ण कवि माने जाते हैं। आम बोलचाल की भाषा में और सरलता से किसी के भी दिलोदिमाग में घर कर सके, ऐसी कविता करने में इन्हें महारत हासिल है। वही निदा फ़ाज़ली अपनी गद्य रचनाओं में शेर ओ शायरी पिरोकर बहुत कुछ को थोड़े में कह देने के मामले में अपने किस्म के अकेले ही गद्यकार हैं।
A. निदा फ़ाज़ली का जन्म ….. को हुआ था।
B. उनका बचपन ….. में बीता।
C. उन्होंने अपनी रचनाओं में ……. को पिरोया।
D. बहुत कुछ को थोडे में कह देने के गद्यकार ….. हैं।
उत्तर:
A. 12 अक्तूबर, 1938
B. ग्वालियर
C. शेर-ओ- शायरी
D. निदा फ़ाज़ली
2. निदा फ़ाज़ली की लफ़्जों का पुल नामक कविता की पहली पुस्तक आई। शायरी की किताब खोया हुआ सा कुछ के लिए 1999 के साहित्य अकादेमी पुरस्कार से सम्मानित निदा फ़ाज़ली की आत्मकथ का पहला भाग दीवारों के बीच और दूसरा दीवारों के पार शीर्षक से प्रकाशित हो चुका है। फ़िल्म उद्योग से संबद्ध रहे निदा फ़ाज़ली का निधन 8 फ़रवरी, 2016 को हुआ । यहाँ तमाशा मेरे आगे किताब में संकलित एक अंश प्रस्तुत है।
A. निदा फ़ाज़ली की कविता की पहली पुस्तक ….. है।
B. उन्हें साहित्य अकादेमी पुरस्कार ….. के लिए मिला था।
C. उनकी आत्मकथा का पहला भाग ….. है।
D. वे ….. उद्योग से संबद्ध रहे थे।
उत्तर:
A. लफ़्जों का पुल
B. खोया हुआ सा कुछ
C. दीवारों के बीच
D. फ़िल्म
3. 12 अक्तूबर 1938 को दिल्ली में जन्मे निदा फ़ाज़ली का बचपन ग्वालियर में बीता। निदा फ़ाज़ली उर्दू की साठोत्तरी पीढ़ी के महत्त्वपूर्ण कवि माने जाते हैं। आम बोलचाल की भाषा में और सरलता से किसी के भी दिलोदिमाग में घर कर सके, ऐसी कविता करने में इन्हें महारत हासिल है। वही निदा फ़ाज़ली अपनी गद्य रचनाओं में शेर ओ शायरी पिरोकर बहुत कुछ को थोड़े में कह देने के मामले में अपने किस्म के अकेले गद्यकार हैं।
A. निदा फ़ाज़ली का बचपन ….. में बीता।
B. वे उर्दू की …… कवि माने जाते हैं।
C. उनकी कविता की भाषा ….. है।
D. वे गद्य रचनाओं में ….. पिरोकर रचना करते हैं।
उत्तर:
A. ग्वालियर
B. साठोत्तर पीढी के
C. आम बोलचाल
D. शेर ओ शायरी
भाग- IV Q.No. 19-26 (अभिव्यक्ति)
Q.No.19-20
* निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर तीन या चार वाक्यों में लिखिए।
प्रश्न 1.
मनुष्य ने किस तरह अपनी बुद्धि से दीवारें खड़ी की?
उत्तर:
मनुष्य ने अपनी बुद्धि का प्रयोग अपने व्यक्तिगत हित के लिए किया है। उसने भेदभाव की नीति से संसार को विभिन्न देशों में बाँट दिया है। अपने को सर्वश्रेष्ठ मानकर धरती पर अपना अधिकार करना चाहा। उसने समुद्र से ज़मीन छीनी, पशु पक्षियों को बेघर किया। इस प्रकार दीवारें खड़ी कर दी।
प्रश्न 2.
लेखक की माँ ने प्रकृति संबंधी उपदेश क्यों दिया था?
उत्तर:
लेखक की माँ प्रकृति से घनिष्ठ संबंध रखती थी। वह प्रकृति प्रेमी थी। पेड पौधों से प्रेम करती थी। मनुष्य को प्रकृति की महत्ता समझाती थी। वह प्रकृति के प्रति सम्मान भाव रखती थी। प्राकृतिक संसाधनों का सम्मान करने को कहती थी।
प्रश्न 3.
पशु पक्षियों के प्रति संवेदनशीलता में लेखक की माँ और पत्नी के विचारों में क्या अंतर है?
उत्तर:
लेखक की माँ को पशु-पक्षियों के प्रति लगाव था। वह अपने बच्चों को भी पेड-पौधे, नदियाँ, मुर्गे तक से प्रेम करने की सीख देती थी। कबूतर के अंडे को संभालते समय टूटे जाने पर दिन भर रोजा रखी थी। प्रायश्चित्त करना चाहती थी। लेखक की पत्नी ने फ़्लैट में कबूतरों का आना जाना बंद किया था। लेखक की माँ ऐसा कभी न कर पाती।
प्रश्न 4.
लेखक के घर में खिडकी के बाहर दोनों कबूतर उदास क्यों बैठे रहते थे?
उत्तर:
दो कबूतरों ने लेखक के फ्लैट के एक मचान में घोंसला बना लिया है। बच्चे अभी छोटे हैं। उनके खिलाने – पिलाने की ज़िम्मेदारी अभी बड़े कबतूरों की है। वे दिन में कई कई बार आते जाते हैं। उनके आने जाने से लेखक के परिवार को बडी परेशानी होने लगी। वे कभी किसी चीज़ को गिरकर तोड़ देते हैं। इस रोज़ रोज़ की परेशानी से तंग आकर लेखक की पत्नी ने उस जगह जहाँ उनका आशियाना था, उस पर एक जाली लगा दी। इस कारण अब कबूतर अंदर नहीं आ पा रहे थे। इसलिए दोनों कबूतर खिडकी के बाहर उदास बैठे हुए थे।
प्रश्न 5.
पाठ के आधार पर प्रतिपादित कीजिए कि दूसरों के दुख से दुखी होनेवाले लोग अब कम मिलते हैं?
उत्तर:
आजकल के मानव जीवन में मूल्यों का गिरावट हो रहा है। आज कल इस तेजी युग में दूसरों के दुख से दुखी होनेवाले कम ही नहीं शायद नहीं मिल रहे हैं। आजकल गाँवों, शहरों तथा नगरों में जहाँ देखो वहाँ एकल परिवार ही दिखाई दे रहे हैं। हर एक में स्वार्थ चिंतन बढ़ रहा है। भाईचारे की भावना समाज से निकल गई। मानव – मानव के बीच में आजकल प्रेम भावना, दया भावना आदि की कमी हो रही है। उपर्युक्त इन सभी कारणों से हम कह सकेंगे कि आजकल दूसरों के दुख से दुखी होनेवाले बिलकुल नहीं मिल रहे हैं।
प्रश्न 6.
कैसे कह सकते हैं “अब कहाँ दूसरों के दुख से दुखी होनेवाले” पाठ के लेखक की माँ ने मन में पशु पक्षियों के प्रति प्रेम भरा है?
उत्तर:
“अब कहाँ दूसरों के दुख से दुखी होनेवाले’ पाठ के लेखक हैं श्री निदा फ़ाजली। लेखक की माँ एक दयामयी थी। लेखक की माँ के मन में मानवों के आलावा पशु पक्षियों पर भी अपार प्रेम था। इतना प्रेम होने के कारण ही वह कबूतरों को सताने को देख नहीं सकती। वह इतना ही नहीं मुर्गी आदि को भी परेशान देनेवालों को डाँटती थी। एक बार अचानक भूल से अपने हाथों से कबूतर का अंडा गिर जाने और फ़ट जाने से वह अपनी इस भूल के लिए भोजन न करके अनशन व्रत की एक पूरे दिन के लिए भोजन नहीं ली और कुछ खा या थी नहीं। एक बार बिल्ली ने कबूतर के अंडों को खा जाने पर वह देख नहीं सकी। इन सभी कारणों से हम कह सकेंगे कि लेखक की माँ के मन में पशु पक्षियों के प्रति प्रेम भरा है।
प्रश्न 7.
“अब कहाँ दूसरों के दुख से दुखी होनेवाले” पाठ के आधार पर लिखिए कि लेखक पाठ के माध्यम से कथा संदेश चाहता है? आपके विचार में क्या होना चाहिए? तर्क सहित उत्तर दीजिए।
उत्तर:
“अब कहाँ दूसरों के दुख से दुखी होनेवाले’ इस पाठ के लेखक हैं श्री निदा फ़ाज़ली। आप इस लेख में भाईचारे का संदेश दे रहे हैं। इस पृथ्वी पर जो भी जीव-जंतु हैं, पशु पक्षी हैं, पेड पौधे हैं, मानव हैं उन सब को जीने का अधिकार हैं। भगवान के सामने सब एक है। इतना ही नहीं कि पर्वत, सागर, नदी इन्हें भी एक समान रहने का अधिकार भगवान ने दिया है। आजकल दुनिया भर में बढ़ती आबादी या जनसंख्या के कारण मानव पेड पौधों, जंगलों को काटकर निवास के लिए मकान बना रहे हैं।
मानव पशु-पक्षियों को बेघर कर दे रहा है। उनके सामने सागर भी सिमटे जा रहे हैं। मानव बहुत स्वार्थी बन गया है। मानव दूसरों को दुख से आजकल दुखी नहीं हो रहे हैं।
प्रश्न 8.
“अब कहाँ दूसरे के दुख से दुखी होनेवाले” पाठ में समुद्र के क्रोध का क्या कारण बताया गया है? उसने अपना क्रोध कैसे शांत किया? अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर:
“अब कहाँ दूसरे के दुख से दुखी होनेवाले’ पाठ के लेखक हैं श्री निदा फ़ाजली। आप इस लेख में मानव के प्रकृति के प्रति दुष्कर्म तथा उस से उत्पन्न परिणामों पर चर्चा कर रहे हैं। बढ़ती हुई आबाजी के कारण मानव पेड-पौधों, जंगलों आदि को काटकर मकान बनाने लगे। उसी प्रकार मानव समुद्र को भी धकेलकर बड़े- बड़े भवन बनाने लगे। उसी क्रम में मानव मुंबई में कई वर्षों से बिल्डर होकर समुद्र को भी पीछे धकेलने लगे। इस कारण सागर लगातार सिमटता गया। एक समय में जब समुद्र के लिए खडा रहने का जगह भी नहीं मिला। तब उसे गुस्सा आ गया। एक दिन की रात में वह लहरों पर दौड़ाते हुए तीन बड़े – बड़े जहाजों को उठाकर तीन दिशाओं में फेंक दिया। इस प्रकार सागर अपने गुस्से को प्रकट किया।
प्रश्न 9.
‘अब कहाँ दूसरे के दुख से दुखी होनेवाले’ पाठ के अनुसार वनस्पति और जीव जगत के बारे में लेखक की माँ के क्या विचार थे?
उत्तर:
‘अब कहाँ दूसरे के दुख से दुखी होनेवाले पाठ के लेखक हैं श्री निदा फ़ाज़ली । आप इस लेख में आबादी बढ़ने तथा मानव स्वार्थी बनकर प्रकृति के प्रति अपने दुष्कर्मों तथा उसके परिणामों के बारे में बता रहे हैं। लेखक की माँ एक पशु प्रेमी, प्रकृति प्रेमी, दयामयी, प्रेममई के रूप में हमारे सामने उतरती है। वह हरहेशा पशु – पक्षियाँ, पेड़ – पौधों से प्रेम करती थी। वह हमेशा सब से प्रकृति के प्रति किए जाने या न किए जानेवाले कामों के बारे में बताती रहती। वह कहती थी कि सायं समय पेड पौधों से पत्ते तथा फूल फल आदि को मत तोडो। सागर के पास जाते वक्त नमस्कार या प्रणाम करो। पक्षियों को परेशान मत करो। इस प्रकार हम कह सकेंगे कि लेखक की माँ को जीव जगत तथा वनस्पति के बारे में बहुत प्रेम था।
भाग – V Q.No. 27-28 (अभिव्यक्ति)
Q.No.27
* निम्नलिखित निबंधात्मक प्रश्नों के उत्तर दस पंक्तियों में लिखिए।
प्रश्न 1.
अंब कहाँ दूसरे के दुख से दुखी होने वाले पाठ का सारांश लिखिए।
उत्तर:
पाठ : अब कहाँ दूसरे के दुख से दुखी होने वाले
लेखक : निदा फ़ाज़ली
मानव ने अपनी स्वार्थ के लिए धरती पर कई अत्याचार किये। मानव अपने स्वार्थ सिद्धि के लिए पशु-पक्षियों के साथ खुद के लिए भी मुसीबत खड़ी कर दिया है।
मनुष्य नदी, समुद्र, पहाड, पेड – पौधे आदि को अपनी जागीर समझकर मन चाहा उपभोग करता है। इससे प्राकृतिक असंतुलन उत्पन्न होता है। जीव चाहे मनुष्य हो या कुत्ता सब ईश्वर की सृष्टि है।
ईसा से 1025 वर्ष पहले सुलेमान (सोलेमन) नामक राजा रहते थे। वे पशु- पक्षी के भी राजा थे। वे सबकी भाषा जानते थे। वे एक बार अपने लश्कर के साथ जा रहे थे। चींटियाँ डरकर छिपने लगी तो, उन्हें अभय दिया था। चींटियों ने उनके लिए दुआ की ।
सिंधी कवि शेख अयाज़ के पिता कुएँ से नहाकर घर आए थे। उन्होंने अपनी बाजू पर रेंगते हुए चींटी को देखा। बेघर हुए उसे वापस उसके घर छोड़ आए थे।
नूह नामक ईश्वर के दूत ने एक बार कुत्ते को दुत्कारा। इस पर कुत्ते की वेदना युक्त जवाब सुनकर वे दुखी हो गए। सारी उम्र रोते रहे।
धरती किसी एक की नहीं है। सभी को इस पर अधिकार है। लेकिन मानव इस बात को नहीं समझता । पहले उसने संयुक्त परिवार को तोडा। छोटे घरों में रहने लगा। बढती हुई आबादी के कारण समुद्र को पीछे सरकाना पड रहा है। पेडों को काटना पड रहा है। पशु- पक्षी बेघर हो गए हैं। इससे प्राकृतिक आपदाएँ अधिक गर्मी, भूकंप, बाढ, तूफान आदि के रूप में आती हैं।
लेखक की माँ प्रकृति प्रेमी थी। वह शाम के समय पत्ते और फूल न तोडने को कहती है। कबूतर और मुर्गे को न सताने को कहती है। नदी को सलाम करने को कहती है। घर में कबूतर के अंडे को बचाने के प्रयत्न में अंडा टूटने पर दुखी होती है।
बंबई में लेखक के फ़्लैट में कबूतर घोंसला बनाकर आया जाया करते थे। परेशान होकर लेखक की पत्नी ने जाली लगाया। कबूतर बाहर बैठे उदास रहने लगे थे।
नीति :
- प्रकृति के प्रति आदर भाव रखना चाहिए।
- पशु- पक्षी, समुद्र, पहाड, पेडों के प्रति सम्मान भाव रखना चाहिए।
- अपने स्वार्थ के लिए प्रकृति का नुकसान नहीं करना चाहिए।
प्रश्न 2.
‘अब कहाँ दूसरों के दुख से दुख से दुखी होनेवाले’ पाठ के आधार पर लिखिए कि प्रकृति में असंतुलन क्यों हो रहा है? इसका मुख्य परिणाम क्या है? (अथवा बढ़ती हुई बाबादी का पर्यावरण पर क्या प्रभाव पड़ा है? ‘अब कहाँ दूसरों के दुख से दुखी होनेवाले’ पाठ के आधार पर लिखिए।
उत्तर:
आज कल दुनिया भर में प्रकृति में बहुत बडा असंतुलन हो रहा है। इसका कई कारण हैं – दिन व दिन दुनिया में जनसंख्या बढ रही है। जनसंक्य जब बढ़ रही हैं उनके आवास के लिए पेड़- पौधों तथा जंगलों को काटे जाने लगे। समुद्र तट पर, नदियों के किनारे पर बड़े – बड़े भवनों का निर्माण हो रहा है। इस कारण समुद्र तथा नदियाँ सिमटने जाने लगे। पेड़ पौधों के काट कटाव के कारण उन पर आधारित पशु-पक्षियों का निवास स्थान गायब हो जाने लगे। जब तीव्रगति से जनसंक्या बढ़ रही है तब बेकारी समस्या या औद्योगीकरण की भी समस्या उत्पन्न हो रही है। इस प्रकार मानव प्रकृति के साथ दुर्व्यवहार करने लगा।
प्रकृति में असंतुलन से उत्पन्न परिणाम : जब प्रकृति में असंतुलन हो रहा है तब चार प्रकार के प्रदूषणों का आविभावि हो रहा है। अकाल की परिस्थितियाँ उत्पन्न रहो रही हैं। तूफान, बाढ़ आदि उत्पन्न हो रहे ‘ हैं। आम्ल वर्ष उम्र रहा है। सुनामी, अधिक वर्ष नहीं तो अल्प वर्षा आदि उत्पन्न होने लगे। पेड़ तथा जंगलों को काट जाने को कारण पशु पक्षियों की जाति भी खतम होने लगी। इस प्रकार प्रकृति में असंतुलन से हमें कई परिणामों को सामना करना पड रहा है।
प्रश्न 3.
प्रकृति के साथ मानव की दुर्व्यवहार और उसके परिणामों को “अब कहाँ दूसरों के दुख से दुखी होनेवाले ‘पाठ के आधार पर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
‘अब कहाँ दूसरों के दुख से दुखी होनेवाले’ पाठ का लेखक श्री निदा फ़ाजली। आप इस लेख में मानव दुर्व्यवहार और उस दुष्परिणामों के बारे में बताते हैं। आजकल दुनिया भर में जनसंख्या तीव्रगति से बढ़ रही है। मानव स्वार्थी बन जा रहा है। इस कारण मानव पेड़ पौधे, जंगल आदि काटकर आवास बनाने लगे। समुद्र को भी पीछे धकेलकर मानव मकान बनानेलगे। मानव औद्योगीकरण के कारण से भी प्रकृति को नाश कर रहा है। इस प्रकार मानव अपनी दुर्व्यवहार जारी कर रहा है। इस प्रकार के मानव के दुर्व्यवहार से अनेक दुष्परिणाम रहो रहे हैं।
वे इस प्रकार हैं : अकाल की स्थिति उत्पन्न हो रही है। पेड़ पौधो, जंगलों को काटने के कारण उसपर आधारित पशु – पक्षी, जीव जंतु बेघर होकर धूम रहे हैं। कभी अतिवृष्टि और कभी अनावृष्टि हो रही है। तूफान बाढ़, गरमी में गरमी ज्यादा, बेवाल की बरसातें, जलजले, सैलाव और नित नए रोग आदि उत्पन्न हो रहे हैं। आम्ल वर्ष उत्पन्न हो रहे हैं। प्रकृति में असंतुलन बन रहा है। सुनामियों का प्रलय हो रहा है।
प्रश्न 4.
“अब कहाँ दूसरों के दुख से दुखी होनेवाले” पाठ में ऐसा अनेक लोगों का उल्लेख है, जो जीव जंतुओं के प्रति संवेदनशील थी। आपको उनमें से सबसे अच्छा कौन लगा? कारण सहित बताइए।
उत्तर:
“अब कहाँ दूसरों के दुख से दुखी होनेवाले’ पाठ का लेखक है निदा फ़ाज़ली। आप इस लेख में आबादी बढ़ने तथा मानव स्वार्थी बनकर प्रकृति के प्रति अपने दुष्कर्मों तथा उसके परिणामों के बारे में बता रहे हैं। इस पाठ में सुलेमान, सिंधी भाषा के महाकवि शेख अयाज, नूह नामक पैबर आयदि संवेदन शीलों के बारे में उल्लेख मिलता है। वे जीव जंतुओं के प्रति संवेदनशील थे। उन सब में से हमें तो बाइबिल के सोलोमन या सुलेमान अच्छा लगता है। क्योंकि :
बाइबिल से सोलोमन जिन्हें कुरआन में सुलेमान कहा गया है, ईसा से 1025 वर्ष पूर्व एक बादशाह थे। कहा गया है, वह केवल मानव जाति के ही राजा नहीं थे, सारे छोटे – बड़े पशु- पक्षी के भी हाकिम थे। वह इन सबकी भाषा भी जानते थे। एक दफ़ा सुलमान अपने लश्कर के साथ एक रास्ते से गुज़र रहे थे। रास्ते में कुछ चींडियों ने घोडों की टापों की आवाज़ सुनी तो डर कर एक दूसरे से कहा, ‘आप से जल्दी से अपने- अपने बिलों में चलो, फौज़ आ रही है।’ सुलेमान को खुदा ने सबका रखवाला बनाया है। मैं किसी के लिए मुसीबत नहीं हूँ, सबके लिए मुहब्बत हूँ।’
प्रश्न 5.
‘न मैं अपनी मर्जी से कुत्ता हूँ, न तुम अपनी मर्जी से इंसान हो। कथन का आशय स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
‘अब कहाँ दूसरों के दुख से दुखी होनेवाले’ पाठ के लेखक है हैं निदा फ़ाजली। आप इस लेख में आबादी बढ़ने तथा मानव स्वार्थी बनकर प्रकृति के प्रति अपने दुष्कर्मों तथा उसके परिणामों के बारे में बता रहे हैं। लेखक प्रस्तुत उपर्युक्त वाक्यों में अपना आशय बता रहा है कि हर जीव जंतु पशु- पक्षी मे भगवान का अवश्य निवास है। हर प्राणी को ईश्वर या भगवान ही सृष्टि किया है। भगवान या खुद ने ही किसी को कुत्ता बना दिया। किसी को अपने सत्कर्मों के कारण इंसान बना दिय। हर जीव के कर्म तथा आचरण के दावार ही असली पहचान होती है। इसलिए किसी प्राणी के प्रति अधिक भावना या अल्प भावना नहीं रखनी चाहिए। भगवान के सामने हर प्राणी समान है। पशु पक्षी, जीव जंतु या मानव, पहाड, सागर ये सब समान ही हैं।
प्रश्न 6.
शेख अयाज़ के पिता भोजन छोडकर क्यों उठ खड़े हुए? “अब कहाँ दूसरों के दुख से दुखी होनेवाले’ पाठ के आधार पर लिखिए। अथवा प्रकृति में आए असंचुलन से क्या क्या बदलाव आए हैं इससे मानव जाति के लिए क्या क्या खतरे पैदा हो गए हैं? “अब कहाँ दूसरे के दुख से दुखी होनेवाले ”पाठ के आधर पर लिखिए।
उत्तर:
“अब कहाँ दूसरे के दुख से दुखी होनेवाले पाठ के लेखक हैं निदा फ़ाज़ली। आप इस लेख में आबादी बढ़ने तथा मानव स्वार्थी बनकर प्रकृति के प्रति अपने दुष्कर्मों तथा उसके परिणामों के बारे में बता रहे हैं। इस पाठ में सुलेमान, सिंधीभाषा के महाकवि शेख अयाज़, नूह नामक पैगंबर आयदि संवेदन शीलों के बारे में उल्लेख मिलता है।
शेख अयाज़ के पिता एक दिन कुएँ से नहाकर लौटे। उसकी पत्नी ने भोजन परोसा। उन्होंने रोटी का कौर तोडा | उनकी नज़र अपनी बाजू पर बडी । उसने देखा तो वहाँ एक काला च्योंटा रेंग रहा था। वह भोजन छोडकर उठ खड़े हुए। उनकी पत्नी ने पूछा ” क्या बात है ? भोजन अच्छा नहीं लगा ?” तब शेख अयाज़ के पिता बोले ‘नहीं, यह बात नहीं है। मैं ने एक घर वाले को बेघर कर दिया है। उस बेघर को कुए पर उसके घर छोड़ने जा रहा हूँ।” अर्थात् हमें इससे मालूम होता है कि शेख अयाज़ के पिता काला च्योंटा को उसका घर कुएँ के पास छोडने भोजन छोडकर उठ खडे हुए।
प्रश्न 7.
‘सुलेमान’ शेख अयाज के पिता तथा नूह के स्वभाव की उन विशेषताओं का उल्लेख कीजिए, जो उन्हें आज के मनुष्यों से अलग करती है।
उत्तर:
‘अब कहाँ दूसरे के दुख से दुखी होनेवाले’ पाठ के लेखक हैं श्री निदा फ़ाजली। आप इस लेख में आबादी बढ़ने तथा मानव स्वार्थी बनकर प्रकृति के प्रति अपने दुष्कर्मों तथा उसके परिणामों के बारे में बता रहे हैं। पहले हम सुलेमान, शेक अयाज़ तथा नूह के स्वभाव के बारे में जान लेंगे।
सुलेमान : बाइबिल के सोलोमेन जिन्हें कुरआन में सुलेमान कहा गया। वह केवल मानव जाति के राजा ही नहीं थे सारे छोटे – बड़े, पशु, पक्षी के भी हाकिम थे। वे इतनी दयालु था कि चींटों का भी अपकार नहीं करते। सदा हर प्राणी का शुभ चिंतक थे।
शेख अयाज़ के पिता : सिंधी भाषा के महाकवि शेख अयाज़ थे। उनके पिता भी पशु- पक्षी आदि जीव जंतुओं को प्रेम करते थे। प्राणिमात्र को एक समझते थे। एक दिन शेख अयाज़ के पिता कुएँ से नहाकर लौटे। माँ ने भोजन परोसा। उन्होंने जैसे ही रोटी का कौर तोडा । उनकी नज़र अपनी बाजूं पर पडी । वहाँ एक काला च्योंटा रेंग रहा था। वे भोजन छोड़कर उठ खडे हुए कि उस च्योंटा को कुएँ के पास छोडने तैयार है। इससे हमें पता चलता है कि शेख अयाज के पिता कितने दयालु हैं और पशु पक्षियों एवं छोटे- जीवों को कितना प्रेम करते थे।
नूह : बाइबिल और अन्य ग्रंथों में नूह नामक एक पैगंबर का ज़िक्र मिलता है। उनका असली नाम लश्कर था। अरब ने उनको नूह के लकब से याद किया है। वह इसलिए कि आप सारी उम्र रोते रहे। इसका कारण एक बार एक घायल कुत्ता उसके सामने से गुज़रा। नूह ने उसे दुत्कारते हुए कहा ‘दूर हो जा गंदे कुत्ते ।” इस्लाम में कुत्तों को गंदे समझा जाता है। यह सुनकर कुत्ता। जवाब दिया कि ‘न मैं अपनी मर्जी से कुत्ता हूँ, न तुम अपनी पसंद से इनसान हों । बनाने वाला सब को तो वहीं एक है। नूह यह सुनकर मुद्दत तक रोते रहे। उन्होंने कुत्ते की पीडा को समझा। इस घटना से हमें पता चलता है कि ह भी कितना दयालू और जंतु प्रेमी है।
उपर्युक्त इन तीनों से हमें पता चलता है कि ये तीन जंतुप्रेमी और निस्वार्थी हैं। लेकिन आज कल के मानव इन से अलग हैं। आजकल के मानव स्वार्थी हैं। आजकल के मानवों में दया भाव की कमी है। प्रेम के साथ पडोसियों से भी आजकल के मानव नहीं रह सकते हैं।
प्रश्न 8.
अब कहाँ दूसरों के दुख से दुखी होनेवाले पाठ में लेखक ने प्रेम और अपनत्व की भावना के अभाव के कारण बताये। इसे अपने शब्दों में लिखिए। अथवा प्रकृति में आए असंतुलन के कारण और उनकी परिणामों की चर्चा ‘अब कहाँ दूसरों के दुख से दुखी होनेवाले’ पाठ के आधार पर कीजिए।
उत्तर:
‘अब कहाँ दूसरे के दुख से दुखी होनेवाले’ पाठ के लेखक हैं श्री निदा फ़ाज़ली। आप इस लेख में आबादी बढ़ने तथा मानव स्वार्थी बनकर प्रकृति के प्रति अपने दुष्कर्मों तथा उसके परिणामों के बारे में बता रहे हैं। मनुष्य के जीवन में मुख्यतः आजकल इस स्पीड युग में प्रेम तथा अपनत्व की भावना के अभाव के अनेक कारण हमारे सामने दिखाई दे रहे हैं। वे हैं आजकल का मानव स्वार्थी बन गया। अपने लाभ चिंतन के बल पर ही वह काम करने लगा।
प्रेम, स्नेह, दया और ममत्व आदि भावनाओं को मानव छोड देने लगे। आजकल के एकल परिवार भी प्रेम तथा अपनत्व की भावना के अभाव के कारण हैं। जीवनोपार्जन के लिए आजकल के मानव तत्परता से जी रहे हैं। हम भी एक कारण है। भाईचारे की भावना, ममत्व की भावना आजकल के मानव के पास नहीं मिल रही हैं। मानव जीवन मूल्यों से गिरावट हो रही है। मानव को केवल अपने स्वार्थ पर ही चिंता है।
प्रश्न 9.
‘अब कहाँ दूसरे के दुख से दुखी होनेवाले’ पाठ में प्रकृति और मानव संबंधों के बारे में क्या चेताया गया है? हम उसकी रक्षा कैसे कर सकते हैं?
उत्तर:
‘अब कहाँ दूसरे के दुख से दुखी होनेवाले’ पाठ के लेखक हैं श्री निदा फ़ाज़ली। इस लेख में लेखक जीने मानव और प्रकृति के बीच में संबंध के बारे में बताया। ईश्वर के सामने सब कुछ एक ही भगवान पशु – पक्षी पर्वत पेड़- पौधे, नदी, सागर आदि सबको एक समान देखते थे। इन सबको एक रहने का अधिकार दिया। प्रकृति में मानव एक अंग है। आज कल विश्व में आबादी बढ़ती जा रही है। इस जनसंख्या बढने के कारण मानव सारी प्रकृति को अपनी निजी संपत्ति मानने लगा। मानव स्वार्थी बनने लगा। इस बढ़ती जनसंख्या के कारण मानव पेड-पौधों को, जंगलों को काटने लगा तथा मकान बनाने लगा।
समुद्र को भी धकेलकर बड़े – बड़े भवनों का निर्माण मानव करने लगा। औद्योगीकरण और पेडों के. कटाई के कारण उन पर आधारित पशु पक्षी बेघर हो जाने लगे प्रकृति में असंतुलन होने लगा। पर्यावरण बिगडते जाने लगा। मौसम चक्र इसके पहले जैसा है वैसा आज नहीं है। मौसम चक्र में बदलाव आ गया। नए – नए रोगों का जन्म हो रहा है। अकाल की स्थिति उत्पन्न हो रही है। बाढ़, तूफान, सुनामी आदि आने लगे। गरमी के मौसम में अधिक गर्मी सर्दी के मौसम में अधिक सर्दी आने लगी। आम्ल वर्षा आने लगे। पशु-पक्षियों की जाति अंत होने लगी।
इन सभी समस्याओं से हमें बचने के लिए प्रकृति को बचाने के लिए जनसंख्या को कम करना चाहिए। पेड – पौधों, जंगलों को न काटना चाहिए। मानव अपना स्वार्थ को कुछ हद तक त्यागना चाहिए। पशु – पक्षियों का नाश न होने देना चाहिए। सब के सुख – दुख को एक समझना चाहिए। प्रकृति में संतुलन बनाए रखने में अपना हाथ बटाना चाहिए। विविध कारखानों से निकलने वाले व्यर्थ को नाल नालों में न बहाने दें। तब प्रकृति में संतुलन बना रहेगा। मानव निरोग रहकर प्रकृति को भी ठीक रखें।
प्रश्न 10.
अरब में लशकर को नूह के नाम से क्यों याद करते हैं?
उत्तर:
‘अब कहाँ दूसरे के दुख से दुखी होनेवाले’ पाठ के लेखक हैं श्री निदा फ़ाजली। आप इस लेख में आबादी बढ़ने तथा मानव स्वार्थी बनकर प्रकृति के प्रति अपने दुष्कर्मों तथा उसके परिणामों के बारे में बता रहे हैं। बाइबिल और दूसरे पावन ग्रंथों में नूह नाम के एक पैगंबर का जिक्र मिलता है। उनका असली नाम लशकर था। लेकिन अरब में उन्हें नूह के लकब से याद किया जाता है। वह इसलिए कि वह सारी उम्र रोते रहे। इसका कारण एक जख्मी कुत्ता था। नूह के सामने से एक बार एक घायल कुत्ता गुज़रा। नूह ने उसे दुत्कारते हुए कहा, दूर हो जा गंदे कुत्ते ! इस्लाम में कुत्तों को गंदा समझा जाता है। कुत्ते ने उनकी दुत्कार सुनकर जवाब दिया, न मैं अपनी मर्जी से कुत्ता हूँ, न तुम अपनी पसंद से इनसान हो । बनाने वाला सबका तो वही एक है। नूह ने जब उसकी बात सुनी और दुखी होकर मुद्दत तक रोते रहे।
भाग – VI Q. No. 29-30 (सृजनात्मक अभिव्यक्ति)
Q.No.29
* निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर सूचना के अनुसार लिखिए|
प्रश्न 1.
अपने विद्यालय में लगाई गई वैज्ञानिक प्रदर्शनी का वर्णन करते हुए मित्र के नाम पत्र लिखिए।
उत्तर:
विजयवाडा, प्यारे मित्र वेणु, मैं यहाँ कुशल हूँ। आशा करता हूँ कि तुम भी वहाँ सकुशल हो। मैं यहाँ अच्छी तरह पढ़ रहा हूँ। मैं आशा करता हूँ कि तुम भी वहाँ अच्छी तरह पढ़ रहे हो। कल हमारी पाठशाला में एक वैज्ञानिक प्रदर्शनी का प्रबंध अच्छी तरह किया गया है। राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के उपलक्ष्य में इस प्रदर्शनी का आयोजन किया गया है। इस वैज्ञानिक प्रदर्शन में कई वैज्ञानिक वस्तुओं का प्रदर्शन हुआ है। मैं ने भी अपनी ओर से एक वैक्यूम क्लीनर को बनाकर प्रदर्शित किया। मुझे इसके लिए इनाम भी मिली। पाठशाला के छात्रों ने कई वैज्ञानिक वस्तु प्रदर्शित किये हैं। शाम को हमारे जिलाधीश ने इनाम भी दिये। घर में बड़ों को मेरा नमस्कार कहना, तुम्हारा प्रिय मित्र, पता : |
प्रश्न 2.
जन्मदिन मनाने के लिये पैसे माँगते हुए अपने पिता के नाम पर एक पत्र लिखिए।
उत्तर:
विजयवाडा, पूज्य पिताजी, सादर नमस्कार। मैं यहाँ कुशल हूँ और आशा करता हूँ कि आप सब वहाँ सकुशल हैं। मेरी पढाई अच्छी चल रही है। सारी परीक्षाओं में मुझे ही प्रथम स्थान मिल रहा है। मेरी तबीयत भी ठीक है। इस महीने में (15 तारीख) मेरा जन्म दिन है। आपना आज्ञाकारी पुत्र, पता : |
प्रश्न 3.
मामा की शादी में जाने के लिए तीन दिन की छुट्टी माँगते हुए प्रधानाध्यापक के नाम पत्र लिखिए।
उत्तर:
विजयवाडा, सेवा में धन्यवाद सहित, आपका |
Q.No.30
* संकेत शब्दों के आधार पर निम्न दिये गए शब्दों में से सही शब्दों को चुनकर किसी एक निबंध के रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए।
1. पर्यावरण और प्रदूषण
(ठीक, अतिवृष्टि, समय, चारों, प्राणवायु, पत्तों, पर्यावरण, तेज़ी बिगडता, वातावरण, वायु, जीवन, बेफ़िक्र, पर्यावरण, संतुलन, जल)
पर्यावरण का अर्थ है ..1.. पर्यावरण हर प्राणी का रक्षाकवच है। पर्यावरण के ..2.. से मानव का स्वास्थ्य अच्छा रहता है। विश्व भर की प्राणियों के ..3.. पर्यावरण की स्थिति पर निर्भर रहते हैं। आजकल ऐसा महत्वपूर्ण पर्यावरण ..4.. जा रहा है। पर्यावरण में भूमि, वायु, जल, ध्वनि नामक चार प्रकार के प्रदूषण फैल रहे हैं। इन प्रदूषणों के कारण ..5.. का संतुलन बिगडता जा रहा है।
भूमि पर रहनेवाली हर प्राणी को जीने ..6.. (आक्सिजन) की आवश्यकता होती है। यह प्राणवायु हमें पेड – पौधों के हरे – भरे ..7.. से ही मिलता है। इन दिनों पेड पौधों को ..8.. काट रहे हैं। वास्तव में पेड-पौधे ही ..9.. को संतुलन रखने में काम आते हैं। ऐसे पेड – पौधों को काटने से पर्यावरण का संतुलन ..10.. से बिगडता जा रहा है। हमारे ..11.. ओर के कल कारखानों से धुआँ निकलता है। इससे ..12.. प्रदूषण बढ रहा है। कूडे – कचरे को नदी – नालों में बहा देने से ..13.. प्रदूषण हो रहा है। वायु – जल प्रदूषणों के कारण कई बीमारियाँ फैल रही हैं।
पर्यावरण के असंतुलन से मौसम ..14.. पर नहीं आता। इससे वर्षा भी ..15.. समय पर नहीं होती। वर्षा के न होने के कारण अकाल पडता है। कहीं ..16.. और कहीं अनावृष्टि की हालत भी आती है। ऐसे प्रदूषण को यथा शक्ति दूर करना हम सबका कर्तव्य है।
उत्तर:
- वातावरण
- संतुलन
- जीवन
- बिगडता
- पर्यावरण
- प्राणवायु
- पत्तों
- बेफ़िक्र
- पर्यावरण
- तेज़ी
- चारों
- वायु
- जल
- समय
- ठीक
- अतिवृष्टि
2. कृत्रिम उपग्रह
(संचार उपग्रह, घूमते, कृत्रिम, भारत, रॉकेटों, धरती, कक्षा, प्रगति, अंतरिक्ष, खोजों, यंत्र, भास्कर – 1, अध्ययन, परिक्रमा, पहला)
ग्रहों की ..1.. करने वाले आकाशीय पिंडों को ..2.. कहते हैं। कृत्रिम उपग्रह तो मानव द्वारा बनाये गये ऐसे ..3.. हैं, जो धरती के चारों ओर निरंतर ..4.. रहते हैं।
अंतरिक्ष के रहस्यों का ..5.. करने के लिए सर्वप्रथम रूस ने 1957 में स्पुतनिक – 1 ..6.. उपग्रह को अंतरिक्ष में छोड़ा था। भारत ने अपना ..7.. उपग्रह “आर्यभट्ट’ को 1975 में अंतरिक्ष में छोड़ा था। दूसरा ..8.. को 1979 को छोड़ा था। इसके बाद ..9.. ने रोहिणी, एप्पल और भास्कर – 2 को भी छोडा था। उन उपग्रहों को अंतरिक्ष में ..10.. की सहायता से भेजा जाता है। ये ..11.. की परिक्रमा करने लगते हैं। परिक्रमा करनेवाले मार्ग को उपग्रह की ..12.. कहते हैं। इन कृत्रिम उपग्रहों से हमें बहुत कुछ ..13.. करने का अवसर मिला । धरती एवं ..14.. के बारे में जानकारी प्राप्त हुई है।
अनेक प्रकार की वैज्ञानिक ..15.. के लिए कृत्रिम उपग्रहों का निर्माण किया गया। ये कई प्रकार के होते हैं। वैज्ञानिक उपग्रह, मौसमी उपग्रह, भू प्रेक्षण उपग्रह ..16.. उपग्रह आदि वैज्ञानिक उपग्रह, वैज्ञानिक प्रयोगों के लिए और रक्षा उपग्रह सैनिकों की रक्षा के लिए काम आते हैं।
उत्तर:
- परिक्रमा
- उपग्रह
- यंत्र
- घूमते
- अध्ययन
- कृत्रिम
- पहला
- भास्कर – 1
- भारत
- रॉकेटों
- धरती
- कक्षा
- प्रगि
- अंतरिक्ष
- खोजों
- संचार
3. हमारा छोटा प्रयास बड़ा परिणाम जल संरक्षण :
(कम, उपाय, समस्याएँ, संरक्षण, कूड़ा कचरा, बीमारियाँ, उपयोग, अनुचित, खोदना, सागर, कर्तव्य, जीवन, दूर ज़रूरतें, स्वच्छ, समस्या)
जल ही जीवन है। जल के बिना मानव ..1.. की कल्पना भी कठिन है। आजकल ..2.. जल की बड़ी समस्या बनती जा रही है। अतः जल ..3.. ज़रूरी है। जल ..4.. के कारण ये होते हैं: पानी को ..5.. तरीके से उपयोग करना। ..6.. तथा विषैले पदार्थों को नदियों में बहाना। वर्षा के पानी को ..7.. में व्यर्थ छोड़ना। जल की कमी से कई ..8.. उपत्पन्न होते हैं। लोगों की मौलिक ..9.. पूरी नहीं होती। लोगों को पानी के लिए ..10.. जाना पड़ता है। गंदे पानी की वजह से कई ..11.. फैलती हैं।
जल संरक्षण के ..12.. ऐसा करना है कि हर बूँद पानी का सही ..13.. करना। जल स्त्रोतों को साफ तथा सुरक्षित रखना। घर के आसपास छोटी – छोटी खाइयाँ ..14..| उपयोग को ..15.. करना, दुबारा उपयोग करना और पुनश्चक्र द्वारा जल का संरक्षण होता है।
जल संरक्षण करना हम सब का ..16.. है। हमारा छोटा प्रयास बड़ा परिणाम दे सकता हैं।
उत्तर:
- जीवन
- स्वच्छ
- संरक्षण
- समस्या
- अनुचित
- कूड़ा कचरा
- सागर
- समस्याएँ
- जरूरतें
- दूर
- बीमारियाँ
- उपाय
- उपयोग
- खोदना
- कम
- कर्तव्य